पिछली रिपोर्ट मैं नागनाथ, तू सांपनाथ, मौसम है दिखावा करने का में आपने पढा था कि कैसे ताऊ महाराज धृतराष्ट्र ने सभी विपक्षी पार्टियों को एक शाम मुशायरे के नाम पर खाने पीने के लिये आमंत्रित किया था. जिसमें वो सभी विपक्षी पार्टियों को अगले चुनाव के एजेंडे में शामिल करना चाहते थे.
मुशायरे में महाराज ने खाने पीने का बिल्कुल फ़ाईव स्टार इंतजाम किया था, सभी जानते हैं कि विज्ञान व अंतरिक्ष मंत्री श्री अरविंद मिश्र आम चूसने के बहुत शौकीन हैं उनकी फ़रमाईश पर महाराज ने बीज घोटाला व चारा घोटाला से तैयार आर्गेनिक खाद से पैदा हुये रत्नागिरी के अल्फ़ांसो, मालदा के लंगडा और पाकिस्तान के सिंधडी आम विशेष रूप से सभी को चुसवाने के लिये मंगाये थे.
जब सभी आमंत्रित अतिथी पहुंच गये तो स्टार्टर के रूप में टू जी घोटाला समोसा, कोलगेट घोटाला चिल्ली पनीर, जमीन घोटाला केशर कलाकंद, बोफ़ोर्स घोटाला छोला टिक्की...जैसे जायकेदार पकवान सर्व करवाये गये......इनको मुंह में रखते ही सभी सदस्य वाह वाह कर महाराज की मेहमान नवाजी की तारीफ़ करने लगे.
इसी तरह स्टार्टर कोर्स का आनंद लेते हुये बहुत ही सौहाद्र पूर्ण माहोल में नेता प्रतिपक्ष सतीश सक्सेना और ताऊ महाराज धृतराष्ट्र आम चूसते हुये आने वाले चुनाव के बारे में सब बातें तय कर रहे थे. ...
तभी सतीश सक्सेना बोले - ताऊ महाराज, आपके जिम्मेदार पदाधिकारी महिलाओं को सौ टंच माल बताकर नारी शक्ति का अपमान कर रहे हैं......यह हमसे बर्दाश्त नही होगा....आप उन्हें नियंत्रित करें और माफ़ी मंगवाये....
तभी ताऊ महाराज बात को बीच में काटते हुये आंखे तरेर कर बोले - सतीश जी, हम आपकी नेता प्रतिपक्ष के नाते इज्जत करते हैं पर आप हमारी पार्टी के अंदरूनी मामलात में दखल दे रहे हैं....... हमारे पदाधिकारी ने हमारी ही पार्टी की नेत्री को सौ टंच माल कहा है आपकी पार्टी की किसी महिला के बारे में तो नही कहा ना? खुद हमारी नेत्री कह रही है कि किग्विजय ने तारीफ़ के बतौर कहा था.....फ़िर आपके पेट में क्यों दर्द उठ रहा है? आप चाहो तो आपकी पार्टी की महिलाओं को आप दो सौ टंच बताईये...., हम आपके अंदरूनी मामलों में कुछ नही बोलेंगे.....
सतीश सक्सेना बोले - खैर महाराज, आप जो चाहे करें....पर आपके नेता एक रूपया, पांच रूपया और दस रूपया में गरीब को भरपेट भोजन उपलब्ध होने की बयान बाजी करके गरीबों का मजाक उडा रहे हैं और आप चुप बैठे तमाशा देख रहे हैं? यह भी नाकाबिले बर्दाश्त है...
ताऊ महाराज - सतीश जी, आप समझते नही है.......योजना आयोग की 27 रूपये की बात सही ठहराने के लिये ही हम ऐसा करवा रहे हैं.....आप बात को समझा करें.
सतीश सक्सेना तैश खाकर बोले - महाराज, आप बिल्कुल सठिया गये हैं......आज आदमी 27 रूपये में नाश्ता नही कर सकता और आपका आयोग इसमे गरीबी ही नही देख पा रहा है? आप बताईये आपकी आज की इस पार्टी का प्रति व्यक्ति कितना खर्च आया?
ताऊ महाराज - सतीश जी आज की पार्टी का खर्च तो प्रति व्यक्ति एक रूपया भी नही आया. ...बिल्कुल मुफ़्त...जैसे गुरूद्वारे में लंगर मुफ़्त...यहां की यह पार्टी भी मुफ़्त......आज के सारे खर्च को स्पांसर करने के लिये कार्पोरेट सेक्टर के लोगों की लाईन लगी है, कोई भी भुगतान कर देगा, आप क्यों चिंता करते हैं? लिजीये आप तो यह गर्मागर्म टू जी घोटाला समोसा चखिये.......
सतीश ही बोले - महाराज सिर्फ़ चखाने से काम नही चलेगा, असली माल कहां हैं? उसका बंटवारा चाहिये, चाबी से कम की शर्त पर कुछ भी मंजूर नही.... और सतीश सक्सेना माईक हाथ में लेकर शायरी करने लगे......
"पक्ष विपक्ष पार्टी मुशायरा संध्या" में काव्य पाठरत सतीश सक्सेना
प्यारे साथियों, आज मैं आपके सामने अपने दिल की बात रख रहा हूं. ये ताऊ हमको सिर्फ़ बेवकूफ़ बनाता आया है इसलिये हम खजाने की चाबी से कम पर बिल्कुल सहमत नही होंगे.....
जनता कैसी बेवकूफ है
भ्रष्टाचार न इनको दिखता
चोर डकैती घोटाले से
ताऊ राम का पेट न भरता
कितनी बार घोटाले देखे , स्विट्ज़रलैंड में ताऊ देखे
हम बैठे बैठे विपक्ष में, गले फाड़ , चिल्लाते रहते !
२० साल से ताऊ राज है !
जनता को ये समझ न आती
हमको मौक़ा एक न मिलता
यह भगवान् को समझ न आती
जमा माल सब खर्च हो गया , अब तो दिन भर रोते रहते
अगर मिल गए ताऊ सोते,कसम खुदा की फूटे मिलते !
बड़े बड़े घोटाले करता
रोज़ खजाना अपना भरता
जनता को क्यूँ समझ न आये
मेरे भी कुछ दिन, फिर जाएँ
देख देख सोने के सिक्के,दाल औ चावल हज़म न होते !
काश हमारे घर में भी तो , सोना , चांदी बरसे होते !
बीस बरस से राम मनाऊं
बरसों से इफ्तार खिलाऊँ
हर रविवार चर्च में जाऊं
फिर भी वोट न पूरे पाऊं
हथकंडे, और राज़ बताये , ताऊ मंत्री पकडे दिखाए !
एक बार राजा बन वा दे, हम भी कुछ तो मोटे होते !
कब से बैठे है , विपक्ष में , अपने घर में, फांके होते !
ताऊ के घर में ऐश हो रही ,काश हमें भी मौके मिलते !
शायरी पढकर तैश में आकर सतीश सक्सेना जाने लगे तो ताऊ महाराज धृतराष्ट्र ने उनके कंधे पर हाथ रखते हुये कहा - अरे सतीश जी, आप तो ख्वाम्खाह नाराज हो रहे हैं...आप मेरा पूरा प्रस्ताव तो सुनिये.............
(क्रमश:)
इनके अन्दुरूनी मामलों में टांग आप अडा भी नहीं सकते ताऊ क्योंकि पहले से दिग्विजय जी अडाए बैठे है :)
ReplyDeleteरोचक है ,अगले अंक का इन्तजार रहेगा
ReplyDeletelatest post हमारे नेताजी
latest postअनुभूति : वर्षा ऋतु
सभी को लपेटने के बाद जाने लगे ...
ReplyDeleteगुस्सा शांत करवाओ ...
कोई नई ट्वीट दिलवाओ ...
बहुत सार्थक व्यंग..शायरी भी बढिया..
ReplyDeleteहमारे पदाधिकारी ने हमारी ही पार्टी की नेत्री को सौ टंच माल कहा है आपकी पार्टी की किसी महिला के बारे में तो नही कहा ना? आप चाहो तो आपकी पार्टी की महिलाओं को आप दो सौ टंच बताईये...., हम आपके अंदरूनी मामलों में कुछ नही बोलेंगे.....
ReplyDelete...आपत्ति जनक बयान!.. लगता है ताऊ की सरकार जल्दी ही जाने वाली है।
ताऊ ,औरतों के मामले में बचकर रहिये सौ टका और एक टका के चक्कर में कहीं टका सा ही नहीं रह जाएँ !!
ReplyDeleteभेजा छुट्टी पर अभी, पुत्र दुशासन दूर |
ReplyDeleteचीर-हरण हो ना सका, सत्ता है मजबूर |
सत्ता है मजबूर, मगर अभ्यास कराये |
खोटा अपना माल, सौ टका टंच बताये |
गांधारी बीमार, पका ना आज कलेजा |
खा मुर्गे की टांग, चबा ले भूना भेजा ||
maja aa gaya.. isko padh kar :)
ReplyDeleteहम तो मुफ्त में खा रहे हैं, मनोरंजन का खाना..
ReplyDelete@टू जी घोटाला समोसा, कोलगेट घोटाला चिल्ली पनीर, जमीन घोटाला केशर कलाकंद, बोफ़ोर्स घोटाला छोला टिक्की...
ReplyDeleteये स्टार्टर है :) ? वाह मजा आ गया क्या मेहमान नवाजी है !
@बड़े बड़े घोटाले करता
ReplyDeleteरोज़ खजाना अपना भरता
जनता को क्यूँ समझ न आये
मेरे भी कुछ दिन, फिर जाएँ
देख देख सोने के सिक्के,दाल औ चावल हज़म न होते !
काश हमारे घर में भी तो , सोना , चांदी बरसे होते !
ताऊ , लगता है विपक्षी नेता चाबी के बिना मानने वाले नहीं है !
धन्यवाद सुमन जी ,
Deleteताऊ का खज़ाना भरा पड़ा है और हमारी जमा पूँजी खर्च हो चुकी है , अगर कुछ दिन इसने गद्दी नहीं छोड़ी तो हम तो भूखे मर जायेंगे , जनता की सेवा का हमें भी मौक़ा मिलना चाहिए !
आभार सपोर्ट करने को !
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Deleteकोई हक़ नहीं है जी , अंदरूनी मामलों में दखल अंदाजी करने का. .
ReplyDeleteयह काम तो डॉक्टरों का होता है. :)
शानदार व्यंग्य श्रंखला
ReplyDeleteवाह , मज़ा आ गया , हमारी राजनीति ऐसी ही हो गयी है
ReplyDeleteताऊ महाराज की जय हो। इन का राज होगा तो कोई नाराज न होगा।
ReplyDeleteआगे का सुनने का इंतज़ार रहेगा :))
ReplyDeletesateek samyik vyngy.
ReplyDeleteRam Ram tau ji.
agle lekh ki prateeksha men.......................... ...................
ReplyDeleteक्या बात क्या बात क्या बात हर बात में व्यंग्य १ २ रूपये में खाओ पाँव बड़ा गरीबी की रेखा को लाओ घसीट के १ २ रूपये तक बिठाओ बब्बर को पांत में। इश्यु करो इसे भी BPL CARD.ॐ शान्ति। छा गए ताऊ सा।
बढ़िया व्यंग्य... ताऊ जी.. :) :P
ReplyDelete~सादर!!!
कवि के भय से माने ,ऐसे दिन अब कहाँ !!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
ReplyDeleteआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि का लिंक आज रविवार (28-07-2013) को त्वरित चर्चा डबल मज़ा चर्चा मंच पर भी है!
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
ताऊ की हर बात में वजन है। आगे की कड़ी का इंतजार है।
ReplyDeleteआलू चिप्स की तरह ..चटपटी..
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर, एक अलग प्रयोग!
ReplyDeleteबधाई...
सादर/सप्रेम,
सारिका मुकेश
आपके कटाक्ष बहुत प्रभाव पैदा करते है । आपकी इस रचना के लिंक की प्रविष्टी सोमवार (29.07.2013) को ब्लॉग प्रसारण पर की जाएगी. कृपया पधारें .
ReplyDeleteसही बात है, सत्ता पार्टी की अंदरूनी बातों से दूर ही रहना चाहिए विपक्ष को
ReplyDeleteराम राम जी
ReplyDeleteक्या बात है मुशायरा पार्टी की । बढिया व्यंग ।
ReplyDeleteराजनीति का मसाला लगाकर सुन्दर व्यंजन परोसा गया है,,,,
ReplyDeleteखासतौर पर जो केवल नेताओं को स्वादिष्ट लगे
बहुत खूब, सुन्दर व्यंग्य
ReplyDeleteबहुत खूब २ ० १ ४ में कांग्रेस के पास इफ्त्यार पार्टी के लिए रकम नहीं निकलेगी चुनाव में सब रकम लुट जायेगी। कौड़ी हाथ न आयेगी बाद चुनाव। सूली पर चढ़ जायेगी ताऊकोंग्रेस।
ताज़े ताज़े बयानों पर करारी चोट .... अब तो ताऊ ने सतीश जी की गीत विधा भी लिख डाली ...
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