अंतर्राष्ट्रीय ब्लागर सम्मेलन पर प्रथम पोस्ट,
अंतर्राष्ट्रीय ब्लागर सम्मेलन पर द्वितीय पोस्ट
अंतर्राष्ट्रीय ब्लागर सम्मेलन पर तृतीय पोस्ट
अंतर्राष्ट्रीय ब्लागर सम्मेलन के मध्यान्ह सत्र में आपका स्वागत है. जैसा कि हमने पिछले सत्र में बताया था उस अनुसार अब ताऊ सद साहित्य प्रकाशन की पुस्तकों का विमोचन किया जायेगा. तदुपरांत भोजन भजन का कार्यक्रम होगा. बाबाश्री का विशेष आग्रह है कि सभी भक्त जन जिन्होने टिकट लिया है वे प्रसाद ग्रहण करके ही जायें. तत्पश्चात अपनी श्रद्धा अनुसार भेंट चढावा बाबाश्री के चरणों में अर्पित करदें. जो भक्त जितनी अधिक राशि अर्पण करेगा उसका मोक्ष उसी समानुपाति भाव से होगा.
सभी भक्तों को निम्न स्टीकर अवश्य खरीद कर अपनी कार या घर के पूजा गृह में लगाना चाहिये. इसके लगाने से आपकी समस्त बाधाओं का शमन होना निश्चित है. कीमत है मात्र Rs. 1,501/- मात्र.
ताऊ प्रकाशन की अपनी एक इज्जत मान मर्यादा और कर्तव्य के प्रति लगन है जिसकी वजह से इसने प्रकाशन जगत में अपना नाम स्थापित कर लिया है. ताऊ सद साहित्य की पुस्तकें छपने से पहले ही बिक चुकी होती हैं. इसलिये आपको पछताना ना पडे, अत: तुरंत अपनी प्रति अग्रिम देकर बुक करवा लें.
ताऊ सद साहित्य को पढकर हर एक ब्लागर सदगति को ही प्राप्त हो सकता है उसकी अन्य कोई गति नही हो सकती. बाबा ताऊश्री ने इन पुस्तकों में अपने योग बल से ऐसी चमत्कारी ऊर्जा भर दी है कि पुस्तक पढते ही आपका कल्याण होना सुनिश्चित है.
ताऊ सद साहित्य प्रकाशन की पुस्तके बहुत ही महान और विद्वान ब्लागर्स द्वारा लिखी गई हैं. हे भक्तजनों आप किंचित भी विचलित ना हों...आपकी दुर्गति या सद्गति होना अवश्यंभावी है. आप सदगति को तो प्राप्त होने से रहे अत: दुर्गति की ही संभावना ज्यादा है तो आपके कल्याण को ध्यान में रखते हुये बाबाश्री ने आपके लिये एक चमत्कारी लाकेट भी बनाया है. इसे खरीदकर अपनी सदगति करवाये.
निष्णांत ब्लागर्स द्वारा लिखित नई पुस्तकों का मूल्य एवम संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है :-
1. ब्लाग-राग प्रदीपिका : इस पुस्तक को पढना आपके लिये अति परम मोक्ष दायक है. ब्लागिंग में किस तरह के राग यानि झगडे हैं ? उन झगडों से कैसे पार पाया जाय? यह आप इस पुस्तक को पढकर ही जान पायेंगे. इस पुस्तक को कंठस्थ करके आप नित्य पाठ करेंगे तो आप किसी भी ब्लाग झगडे में नही फ़ंसेंगे. सभी संभावित स्थितियों की तथ्यात्मक व्याख्या और उनके उपाय दिये गये हैं. अति जरूरी और घर में संग्रहणीय पुस्तक. अति शीघ्र खरीदें, स्टाक बहुत कम है.
लेखिका : डा. अल्पना वर्मा
कीमत : 3,755/- मात्र
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लेखिका : प्रोफ़ेसर सुमन
कीमत : 2,755/- मात्र
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3. ब्लाग मठ सारावली : भाग - 1 एवम भाग - 2 ब्लाग मठों की विस्तृत जानकारी देता हुआ ये अनुपम और अनोखा ग्रंथ है जो दो भागों में छपा है. इसमे आपको पाषाणकाल से लेकर आधुनिक काल तक के ब्लाग मठों का इतिहास मिलेगा. यह ग्रंथ खोजपरक और तथ्यपरक सामग्रियों के आधार पर लिखा गया है. यदि आपने यह अनुपम ग्रंथ नही पढा तो आप कभी ब्लाग मठाधीष नही बन पायेंगे. इस पुस्तक के अध्ययन मनन के उपरांत जान पायेंगे कि ब्लाग मठों की कितनी धाराएं और शाखाएं हैं? कौन सा ब्लाग मठ आपकी जरूरत को पूरा कर सकता है? आप एक सफ़ल ब्लाग मठाधीष बनना चाहते हैं तो सबसे पहले यह अनुपम और अपने आपमे अकेला ग्रंथ खरीदकर इसका पठन पाठन करें. आपकी सफ़लता सुनिश्चित है. कृपया दोनों भाग एक साथ ही खरीदें जिससे आपको संपूर्ण लाभ मिलेगा. जल्दी करें क्योंकि यह ग्रंथ बडे बडे मठाधीषों ने अग्रिम बुक कर रखा है. तुरंत अपनी प्रति बुक करवा लेवें.
लेखिका : प्रोफ़ेसर रचना
कीमत : 3,555/- मात्र भाग -1
कीमत : 3,155/- मात्र भाग -2
कीमत : 3,155/- मात्र भाग -2
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4. राग लठ्ठ भैरवी : (भाग -1) यह एक अति परम कल्याण कारी ग्रंथ है जिसके पठन पाठन से गृह कलह बंद हो जायेगी. आपके घरों में लठ्ठ बजने तो अति दूर बल्कि घर में लठ्ठ ही नही रहेगा. विद्वान लेखिका ने अति गहन शोध और ध्यान की गहराईयों में उतर कर इस अति अनुपम और कल्याणकारी ग्रंथ की रचना की है. इस ग्रंथ का इतना प्रभाव है कि यह ग्रंथ आपके पूजा घर में अवश्य होना चाहिये. इस ग्रंथ के आपके पास विद्यमान रहते आपको लठ्ठ का कोई खतरा नही रहेगा. यदि आपको लठ्ठ पड भी गये तो आपकी हड्डियां सही सलामत रहेंगी, इस बात की ग्यारंटी दी जाती है. सीमित प्रतियां ही शेष हैं. शीघ्र मंगवाये वर्ना पछताना पड सकता है.
लेखिका : प्रोफ़ेसर वाणी शर्मा
कीमत : 2,855/-
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5. ब्लागिंग के पाषाण कालीन अवशेष (भाग - 1) : ब्लागिंग के महान ग्रंथकार खुरपेंचिया जो 420 BC में हुये थे. उन्होंने ब्लागिंग के महान ग्रंथों की रचना की थी. खुरपेंचियां महाराज विरचित ग्रंथों को हर ब्लागर गीता समान महत्व देता है और उनकी पूजा अर्चना भी करता है. लेकिन विद्वान लेखिका ने महाराज खुरपेंचिया के सूत्रों को समझना शुरू किया और उन सुत्रों के बताये अनुसार सारी दुनियां में ब्लागिंग के पाषाणकालीन अवशेष इक्कठे करने हेतु भ्रमण किया. अथक मेहनत और श्रद्धापूर्वक उन अवशेषों का अति सुक्ष्म विश्लेषण करके जो ज्ञात हुआ वह परम मोक्ष कारक था. अब आप घर बैठे यह मनोहारी ग्रंथ पढकर मुक्ति मार्ग पर बढ सकते हैं. लेखिका की तरह आपको पूरा यूरोप, अमेरिका, आस्ट्रेलिया या न्य़ूजीलैंड के चक्कर लगाने की जरूरत नही है. घर बैठे ब्लागर शिरोमणि खुरपेंचियां के सुत्रों को समझिये और मुक्त हो जाईये बंधन से. पुस्तक बहुत ज्यादा डिमांड में है अत: तुरंत आर्डर करें वर्ना पछताना पड सकता है. इस पुस्तक के भाग - 2 की प्रिंटिंग चालू है. उसकी भी बुकिंग एक दो दिन में शुरू होगी.
लेखिका : डा. एम. ए. शर्मा "सेहर"
कीमत : 3,755/-
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आज की समस्त पुस्तकों का एक साथ आर्डर करने पर मूल्य रुपये 1.501/- का बाबाश्री ताऊ कृपा स्टीकर मुफ़्त दिया जायेगा. शीघ्रता करें.
कल के सत्र में कुछ और पुस्तकों का विमोचन होने के बाद लोकनृत्य और काव्य संध्या होगी, इच्छुक जन अपना रजिस्ट्रेशन करवा लेवें.
डिस्क्लेमर : हमारी कोई ब्रांच नही है.पुस्तके संपूर्ण अग्रिम पर ही भेजी जाती हैं.इन पुस्तकों को किसी भी रुप मे कापी करने की सख्त मनाही है.बिका हुआ माल किसी भी कीमत पर वापस नही होगा.इन पुस्तकों में दिये गये फ़ार्मुले अपनी रिस्क पर ट्राई करें. प्रकाशक या लेखक इसके लिये जिम्मेदार नही होंगे.
यह पोस्ट शुद्ध मनोरंजन के लिये लिखी गई है. कोई भी सज्जन दिल-दिमाग, कलेजे-जिगर पर ना ले क्योंकि आजकल लू चल रही है. ताऊ प्रकाशन की पुस्तकों को पढने की वजह से कोई बीमार पड गया तो हमारी किसी भी तरह की कॊई जिम्मेदारी नही होगी. यह पोस्ट किसी को किसी भी रूप मे छोटा या बडा दिखाने के लिये नही लिखी गई है सिर्फ़ मनोरंजन, मनोरंजन और सिर्फ़ मनोरंजन के लिये लिखी गई है. फ़िर भी किसी को ऐतराज हो तो उसका नाम हटा दिया जायेगा.
ॐ ब्लागदेवताभ्यो नम:
अनामी नम:
बेनामी नम:
मारीचाय नम:
सूर्पनखाए नम:
सर्व अलाने-फलाने देवताभ्यो नम:
ॐ........सर्वे भवन्तु सुखिनां विनोदप्रियां
तमसोर्मां हास्यगमय
ॐ हास्यम हास्यम हास्यम.
वाह !
ReplyDeleteसम्मलेन में भाग लेकर हम तो अपने आपको धन्य समझ रहे है ताऊ महाराज :)
वैसे ताऊ महाराज का कुछ देर सानिध्य और दर्शन लाभ हो जाये तो सारे लाभ मिल जाते है जिन्हें सानिध्य व दर्शन ना मिले वो ताऊ प्रकाशन की पुस्तकों से अपना जीवन सफल बना सकते है !!
बाबा श्री तो घट घट में विराजमान हैं, बस ध्यान करिये और हाजिर.:)
Deleteरामराम.
वाह !
ReplyDeleteसम्मलेन में भाग लेकर हम तो अपने आपको धन्य समझ रहे है ताऊ महाराज :)
वैसे ताऊ महाराज का कुछ देर सानिध्य और दर्शन लाभ हो जाये तो सारे लाभ मिल जाते है जिन्हें सानिध्य व दर्शन ना मिले वो ताऊ प्रकाशन की पुस्तकों से अपना जीवन सफल बना सकते है !!
बहुत खूब ताऊ जी .......
ReplyDelete@ आज की समस्त पुस्तकों का एक साथ आर्डर करने पर मूल्य रुपये 1.501/- का बाबाश्री ताऊ कृपा स्टीकर मुफ़्त दिया जायेगा. शीघ्रता करें.
ReplyDeleteताऊ कितना दयालु है ...
ताऊ किरपा स्टीकर बिलकुल मुफ्त
इस स्टीकर को सीने लगाने मात्र में सारे पाप धुल जाते हैं , और "ब्लोगर शिरोमणि पुरस्कार" जो एशिया का नोबल पुरस्कार माना जाता है, मिलने की गारंटी है !
ताऊ बाबाश्री की किरपा तो बरसात की तरह बरसती ही रहती है, लाभ उठाने वाला भक्त होना चाहिये.:)
Deleteरामराम.
कवर इतना शानदार है ..
ReplyDeleteपुस्तकों में कम दम नहीं होगा ..
बहुत ही सुंदर एवं कमाल की प्रस्तुति !!
बढ़िया चल रहा है सम्मलेन :):).
ReplyDelete:)
Deleteरामराम.
मस्त मजेदार पोस्ट ताऊ जी :) हमेशा की तरह ..सभी पुस्तके पठननिय है, एक महत्वपूर्ण सूत्र यह है "ब्लागर खड़ा बाजार में" इस पुस्तक में, कोई ब्लोगर ब्लॉग जगत पर भारी न पड़े ना ही ब्लॉग जगत को खुद पर भारी पड़ने दे ! बहुत बहुत आभार ताऊ प्रकाशन को !
ReplyDeleteबिल्कुल सही बात कही आपने, जियो और जीने दो.
Deleteरामराम.
:-))) लॉकेट भी फ्री में दे दीजिए ना ... ताऊ जी !:P
ReplyDeleteरोचक व मज़ेदार पोस्ट!
~सादर!!!
लाकेट तो सारे आते ही बिक गये. बाजार में नकली बिकने लगे हैं, असली का इंतजार किजीये.:)
Deleteरामराम.
बधाइयां. यों ही सफलता के पाय दान चढ़ते रहें
ReplyDeleteताऊ , आजकल तो पैकेज का ज़माना है। सारी पुस्तकें एक साथ लेने पर कुछ तो छूट होनी चाहिए। :)
ReplyDeleteलिफाफा देख कर ही आनंद आ गया।
आपने छूट का लाभ नही उठाया? आज की सारी पुस्तके खरीदने पर बाबाश्री स्टीकर मुफ़्त देने की घोषणा की गई थी. अब तो सारी पुस्तके बिक चुकी हैं.:)
Deleteरामराम.
यानि हमारे हाथ बस स्टीकर ही लगेगा ! :)
Delete:)
Deleteरामराम.
ॐ हास्यम
ReplyDeleteएकदम बढ़िया जी
म्हारे दिल में बड़ी खुसी सै ताऊ! थारा बिजनेस चल निकला दीकखे सै। हमने भी दो-चार आड़े-टेढ़े पेपर लिख मारे हैं, ज़रा पढ़वा दियो किसी विशेष रामपुरी सेशन में। यात्रा स्पोंसर कराने के लिए कोई एयरलाइन ढूंढ लेंगे डूबती सी ...
ReplyDeleteजी बिल्कुल, कब तक आरहे हैं? इंतजार रहेगा.
Deleteरामराम.
प्रोफ़ेसर बनने का सपना पूरा हुआ ताऊ की पोस्ट से ही सही ! रोयल्टी का चेक बकाया है , जल्दी भिजवा दें :)
ReplyDeleteरायल्टी अभी कहां से? अभी तक जो पुस्तके बिकी हैं उनका खर्चा भी नही निकला, चार पांच साल में खर्चा निकलने के बाद रायल्टी की सोचेंगे , देनी है कि डकारनी है.:)
Deleteरामराम.
आभार शाश्त्री जी.
Deleteरामराम.
सम्मेलन की भीड़ देख कर मन विभोर हो गया ताऊ श्री...!
ReplyDeleteआज शुक्रवार की चर्चा में भी इस पोस्ट को लगा दिया है...!
आपकी दुर्गति या सद्गति होना अवश्यंभावी है. आप सदगति को तो प्राप्त होने से रहे अत: दुर्गति की ही संभावना ज्यादा है.....................................
ReplyDeleteसुन्दर
तथास्तु भक्त.:)
Deleteरामराम.
ताउजी
ReplyDeleteअब निर्मल बाबा या कोई भी और बाबा हम पर कृपा नहीं किये तो क्या .....आप तो डाक्टर बना ही दिए हमें ....वो भी फ्री में...कृपया अब वो भी तो दिलवा दीजिए ....किंगफ़िशर. अब माल्या भाई भी तो अपने ही हैं...बहुत घुमाया उन्होंने सबको।
वैसे बहुत शुक्रिया.....ताऊ सद साहित्य का, जल्दी से अब ....u rock भी कह ही देती हूँ .......haha
Cheers !!
जल्दी ही मिल जायेगा, बस बाबाश्री को भेंट दक्षिणा चढाते रहिये, फ़िर किरपा ही किरपा बरसेगी.:)
Deleteरामराम.
ताउजी
ReplyDeleteअब निर्मल बाबा , या कोई भी और बाबा हम पर कृपा नहीं किये तो क्या .....आप तो डाक्टर बना ही दिए हमें ....वो भी फ्री में ...कृपया अब वो भी तो दिलवा दीजिए ....किंगफ़िशर...free main ....अब माल्या भाई भी तो अपने ही हैं ...बहुत घुमाया उन्होंने सबको।
वैसे बहुत शुक्रिया .....ताऊ सद साहित्य का ..जल्दी से अब....u rock भी कह ही देती हूँ .......haha
Cheers !!
ताउजी
ReplyDeleteअब निर्मल बाबा , या कोई भी और बाबा हम पर कृपा नहीं किये तो क्या .....आप तो डाक्टर बना ही दिए हमें ....वो भी फ्री में ...कृपया अब वो भी तो दिलवा दीजिए ....किंगफ़िशर ....अब माल्या भाई भी तो अपने ही हैं ...बहुत घुमाया उन्होंने सबको।
वैसे बहुत शुक्रिया .....ताऊ सद साहित्य का ..जल्दी से अब ....u rock भी कह ही देती हूँ .......haha
Cheers !!
ताऊ जी जिस थोक के भाव में किताबे प्रकाशित कर रहे है उसके बाद तो कुल किताबो का भाव किलो में बताये और साथ में केवल बाहरी कवर का भाव क्या है वो भी बताये , एक खरीद ले बाकि का कवर बदल बदल कर सभी से कहे की सभी खरीद ली , और किताबो की समीक्षा कोई न कोई ब्लॉग पर लिख कर पूरी किताब को बांच ही देगा , उसी से काम हो जाएगा |
ReplyDeleteअंशुमाला जी ,ताऊ प्रकाशन की पुस्तकों की समीक्षा का विचार यूनिक है ..कोई न कोई ब्लोगर अवश्य ही लिखना शुरू चुका होगा और यकीनन इन किताबों की समीक्षाओं के छपते ही उसके ब्लॉग पर हिट्स बढ़ जायेंगे!
Deleteआशा है ताऊ मंडली ने इस समस्या से पार पाने के लिए पर्याप्त व्यवस्था कर ली होगी.
@anshumala जी, ताऊ प्रकाशन एक साथ सैकडों किताबों का विमोचन करवा लेता है. फ़िर दो तीन साल नया कुछ नही छापता. यह बिजनेस सीक्रेट है.:) मुफ़्त में नही बताया जा सकता. इसके लिये "ताऊ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन कालेज" में एक साल का कोर्स कराया जाता है. एक साल की फ़ीस है मात्र ७ लाख रूपये.
Deleteराईटर कितना ही चीख पुकार करले, उसको रायल्टी नही दी जाती, सिर्फ़ प्रकाशन की अपनी जेबें गर्म रहती हैं.:)
रामराम.
@ अल्पना जी, आपके द्वारा बताये गये खतरे की तरफ़ तो ध्यान ही नही गया. कुछ उपाय सोचना पडेगा.:)
Deleteरामराम.
@ अल्पना जी, आपके द्वारा बताये गये खतरे की तरफ़ तो ध्यान ही नही गया. कुछ उपाय सोचना पडेगा.:)
Deleteरामराम.
नित नूतनता लिए सुन्दर चिठ्ठा .आपकी टिप्पणियाँ हमारी अतिरिक्त हौसला अफजाई करती हैं
ReplyDeleteशुक्रिया .
वाह...लाजवाब....
ReplyDeleteताऊ प्रकाशन ज़ोरों पर है ....... पुस्तकों के नाम ही बहुत आकर्षक लग रहे हैं। रोचक पोस्ट :)
ReplyDeleteकाम इतना ज्यादा है कि एक मिनट की फ़ुरसत नही है, अभी कम से कम सौ पुस्तके और छपना बाकी हैं.:)
Deleteरामराम.
:)हा हा हा !यह भी खूब रही !
ReplyDeleteडॉ की उपाधि मिलने पर खुद को बधाई !
बहुत बहुत बधाई जी.:)
Deleteरामराम.
ब्लॉग बुलेटिन की ५०० वीं पोस्ट ब्लॉग बुलेटिन की ५०० वीं पोस्ट पर नंगे पाँव मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteआभार जी.
Deleteरामराम.
फ्रेंचाईजि वाला मामला तो गड़बड़ा गया लगता है अपना। बू हू हू।
ReplyDeleteताऊ प्रकाशन की पुस्तकों की इतनी डिमांड है कि छपने के पहले ही बिक जाती हैं ऐसे में फ़्रेंचाईजी देने की नौबत ही नही आती.:)
Deleteरामराम.
राम -राम ताऊ
ReplyDeleteरामराम अरूणा जी.
Deleteरामराम.
आप तो बढ़िया पुस्तकें प्रकाशित कर रहे हैं ...साधुवाद
ReplyDeleteआप भी तो अपनी पांडुलिपी भिजवाईये छपवाने के लिये.:)
Deleteरामराम.
ताऊ जी को चरण वंदना
ReplyDeleteप्रणाम रमाकांत जी.
Deleteरामराम.
@ यह पोस्ट शुद्ध मनोरंजन के लिये लिखी गई है.
ReplyDeleteठीक है .....आपकी बात मान लेते हैं ......तो मनोरंजन वाली पुस्तक कौन लिख रहा है ......!!!
केवलराम जी, आपने बहुत ही दार्शनिक सवाल पूछा है. जैसे कोई पूछे कि प्रकृति में जीव क्यों पैदा हो रहा है और क्यों मर रहा है? कहां से आ रहा है? और कहां जा रहा है? इसका जवाब सिर्फ़ यही हो सकता है कि बस हो रहा है. क्यों और कैसे आज तक अनुतरित हैं और शायद आगे भी रहेंगा.
Deleteआपके सवाल का भी यही जवाब है कि पुस्तकें बस लिखी जा रही हैं, कौन, कैसे और कब लिखता है यह कोई नही जानता.:)
वैसे आपके सवाल को पढकर एक बुंदेलखंडी कहावत याद आ रही है "आव लच्छू जाव लच्छू, ना इतै कच्छु ना उतै कच्छु"
रामराम.
विस्तार से लेखक परिचय होता तो पुस्तकें थोडी ज्यादा न बिक जाती? :)
ReplyDeleteताऊ प्रकाशन सिर्फ़ नामी गिरामी लेखकों की ही पुस्तके छापता है. अब चेतन भगत और शोभा डे की पुस्तकों के लिये भी कोई परिचय की आवश्यकता होती है क्या? इसी तरह हमारे सभी लेखक स्वनाम धन्य स्थापित और ब्रांड नेम हैं.
Deleteहां जब नये लेखकों की पुस्तके छापी जायेंगी तब उनका अवश्य परिचय दिया जायेगा.:) फ़िलहाल तो नामी लेखकों की पांडुलिपियों की ही लाइन लगी है.:)
रामराम.
एक स्टीकर तो लेखक /लेखिकाओं का भी बनता है ताऊ :-)
ReplyDeleteब्लागिंग पुस्तकों का अच्छा मजमा लगाया है ताऊ आपने !
लेखिकाओं के शीर्षक देख देख न जाने मन कैसा उभ चुभ हो रहा है :-)
पुस्तक के कुछ अंश भी तो देते?
क्या आप लेखकों को लेखिकाओं और लेखिकाओं को लेखकों की पुस्तकों का विनिमय आफर स्कीम चालू कर कर सकते हैं ?
मेरी रायल्टी से काटकर मेरी पुस्तक इन नामचीन लेखिकाओं को भेंटस्वरूप प्रदान करें और उनकी मुझे भी भिजवायें -
मैं उनकी समीक्षा कर दूंगा -मेरी बहुत दिन से किसी की समीक्षा करने का बहुत मन हो रहा है -किसकी पहले करूं यह आप
सुझायियेगा :-)
मिश्रजी, विनिमय आफ़र का प्रकाशन हाऊस से क्या लेना देना? आप लोग अपने स्तर पर करें तो इसमे प्रकाशन हाऊस को क्या ऐतराज हो सकता है?
Deleteरामराम.
@अरविन्द जी,आप किसी पुस्तक की समीक्षा लिखने को आतुर हैं?
Deleteलगता है इमेल भेज -भेज कर अपनी पुस्तक की समीक्षा लिखने को मिन्नतें करने वाले ब्लोगर्स ' को आप का इमेल नहीं मालूम !
अरविन्द जी ..आप को समीक्षा लिखने का मन कर रहा है??लगता है 'इमेल भेज -भेज कर अपनी किताब की समीक्षा लिखवाने की मिन्नतें करने वाले ब्लोगरों को आप का इमेल नहीं मालूम!
Delete:)
मिश्रजी, आशा है आपको अल्पना जी द्वारा बताये गये मार्ग से हल मिल गया होगा? आप अपना email adress यहां लिख दें तो इच्छुक जनों को सहुलियत होगी.
Deleteरामराम
मिश्रजी, आपने लिखा कि मेरी रायल्टी में से पुस्तकें भेंट करें. तो आप की रायल्टी तब तक नही दी जायेगी जब तक क्लियोपेट्रा वाला केस नही निपट जाता. सारा खर्चा आपकी रायल्टी से काटा जायेगा.
ReplyDeleteयदि आपको पुस्तके भेंट स्वरूप देनी हैं तो ब्लेक मार्केट से खरीद कर स्वयं भेंट करें, क्योंकि अब हमारे पास स्टाक खत्म हो चुका है.:)
रामराम.
अरविंद मिश्र जी, आपकी सहुलियत के लिये बताये देते हैं कि आपको ब्लेक में पुस्तकें खरीदनी हो तो सतीश सक्सेना जी से संपर्क करें.:)
Deleteरामराम
सारी सामग्री बिक न गयी हो देर से आर्डर दे रहा हूँ चमत्कारी लाकेट vpp से भेज दें.
ReplyDeleteराजेंद्र जी, यह लाकेट बडे ही सिद्ध नक्षत्रों में सीमित मात्रा में बनाया जाता है. माल आने के पहले खत्म हो जाता है, VPP की सुविधा नही है, अगले सत्र में उपलब्ध होने पर तुरंत खरीद लिजियेगा.:)
ReplyDeleteरामराम.
ताऊ जी राम पुर वाले ,कृपया ब्लॉग मठ सारावली प्रथम भाग की एक प्रति भिजवाएं साथ में राम पुर के छिले हुए भुने हुए लाल मिर्च और सरसों तेल सने चने का एक पैकिट ज़रूर भिजवाएं .रजा लाइब्रेरी के अन्य प्रकाशनों की भी इत्तला दें टिप्पणी दान करते रहें मोक्ष का दरवाज़ा खुल जाएगा .जीवन मुक्ति का भी .
ReplyDeleteपुस्तकें तो सभी आऊट आफ़ स्टाक हो चुकी हैं अग्रज, बाकी आपकी आज्ञा शिरोधार्य है.:)
Deleteवैसे आप चाहे तो इसी पुस्तक परिचय में एक लिंक लगा है वहां पर आप इस ग्रंथ का एक अध्याय पढ सकते हैं.
रामराम.
कमाल का ब्लोगिंग सम्मेलन है ताऊ जी .....मज़ा आ गया
ReplyDeleteइतना साहित्य पढ़ा जाना शेष है...इस सम्मेलन में तो आँखें खुली जा रही हैं।
ReplyDeletemeri kitaab best seller haen yae jaan kar khushi sae gad gad hun , do din sae blog par nahin thee aur do din me aap ne email sae suchit kar diyaa haen ki pustak ki koi bhi prati uplabdh nahin haen
ReplyDeletekam sae kam ek praati to maere liyae rakh hi laetae
khaer reprint karvaane kaa kharchaa bhej rahee hun dubaara reprint karvaa dae
aur ab pustako kae saath cd format me ebooks jo log download kar sakae wo bhi banaavaa dae
professor banaa diyaa uff maa daekhaegi to jaane kyaa hogaa mera bhi aur aap kaa bhi
next time when reprinting is done please make sure that price is typed correctly for volume one and volume two
ReplyDeletethe publisher should not suffer a loss:)