ताऊ के खूंटे से एक खूंटा जो 2 जनवरी 2009 को ताऊ के सैम और बीनू फ़िरंगी की पोस्ट के अंत में " इब खूंटे पै पढो" के अंतर्गत प्रकाशित हुआ था उसे आज रेडियो प्लेबैक इंडिया पर श्री अनुराग शर्मा जी की आवाज में आप सुन सकते हैं. आपकी सुविधा के लिये गद्य पुन: नीचे दिया गया है.
चुनाव जीतने के लिये जनता को झांसा देता हुआ ताऊ
" इब खूंटे पै पढो"
चुनाव में ताऊ की जमानत जप्त हो चुकी थी और सभी प्रकार के काम धंधों में फ़ेल हो चुका था. घर खर्चे से भी घणा परेशान हो लिया था। यहां तक की बाल बच्चों के भूखों मरने की नौबत आ गई तो ताऊ के मित्र राज भाटिया जी ने सलाह दे डाली की ताऊ अब ये उठाईगिरी, चोरी-चकोरी और डकैती डालने के धंधे बंद कर और सीधे रास्ते चलना शुरू करके कहीं इमानदारी तैं नौकरी करले. बात ताऊ के समझ म्ह आगई और भाटिया जी ने ताऊ को एक सेठ के यहां मुनीम की नौकरी के लिये इन्टर्व्यू देने भेज दिया.
सेठ का हैड मुनीम ताऊ का इन्टर्व्यू लेने लगा. उसने पूछा - ताऊ हिसाब किताब आता है कि नही?
ताऊ - जी बिल्कुल पक्का आता है. सारी उम्र हिसाब किताब करते ही निकाली है.
हैड मुनीम - अच्छा तो बताओ कि आठ और आठ कितने होते हैं?
ताऊ बोला - मालिक साहब, अब आप कहोगे उतने ही कर दूंगा जी. आप कहो तो आठ और आठ को 24 कर दूं और आप कहो तो सिर्फ़ 6 ही कर दूं?
हैड मुनीम ने सोचा कि ये ताऊ काम का आदमी लगता है. मैं सेठ के यहां जो घपले करता हूं उसमे ये ताऊ सहायक ही रहेगा. सो उसने सेठ को ताऊ की सिफ़ारिश कर दी कि ताऊ बहुत मेहनती, इमानदार, नेक, शरीफ़ और मेहनती आदमी है, इसे काम पर रख लिया जाये.
अगले दिन सेठ ने फ़ायनल ईण्टर्व्यू खुद लेने के लिये ताऊ को बुलाकर इंटर्व्यु लेना शुरू किया. ताऊ घुटा घुटाया आदमी था सो सेठ भी ताऊ की बातों से संतुष्ट हो गया.
आखिर में सेठ ने अपाइंटमैंट लेटर देने के पहले फ़ार्मिलिटि के बतौर ताऊ से पूछा - ताऊ तुम्हारा कोई अपराधिक रिकार्ड तो नही है न? क्योंकि आजकल ये आपराधिक रिकार्ड वालों को हम नौकरी पर नहीं रखते.
ताऊ ने भोला बनते हुये कहा - सेठ जी ये अपराध और अपराधिक रेकार्ड क्या होता है ? मेरा तो इनसे कभी काम ही नही पडा.
सेठ मन ही मन बडा खुश हुआ कि ये आज के जमाने मे कितना नेक और शरीफ़ आदमी मिल गया अपने को और बोला - मेरा मतलब है कि तुम कभी गिरफ़्तार तो नही हुये ना?
अब आदमी कितना भी नेक बनने का नाटक करले पर असली बात कोई कितने समय तक छुपा सकता है सो ताऊ भी अनजाने मे बोल ऊठा - ना जी सेठ जी ना ! आप भी कैसी बातें करते हो? अगर कभी पकडा गया होता तो गिरफ़्तार होता ना ! भगवान कसम मैं तो आज तक कभी पकडा ही नही गया.
नामी गिरामी ताऊ !
ReplyDeleteताऊ को तो ग्यारह मुल्कों की पुलिस भी नहीं पकड़ पाई। :)
हा हा हा, अन्त में पकड़ गया।
ReplyDeleteबधाई ताऊ,
ReplyDeleteघोटाला करंगे तो मैं तो आपको अगले चुनाव में भी वोट नहीं दूँगा.
ReplyDeleteताऊ महाराज की जय हो! यूं ही हंसी-खुशी बिखेरते रहिए! :)
ReplyDeleteबढ़िया प्रस्तुति!
ReplyDeleteबहुत अच्छा लग रहा है।
ReplyDeleteबेचारा सेठ गया काम से ...
ReplyDeleteउसे पता नहीं किसको काम पर रख लिया ??
:)
Deleteआशा है कि खूंटा वापसी का उदघाटन सेठ-व्यथा से ही होगा
अब सेठजी का क्या होना है..... ताऊ तो माहिर बड़े खिलाड़ी हैं
ReplyDeleteजो पकड़ा ही नहीं गया उसकी चिंता क्या और ईमानदार खोजने की ज़रूरत है?
ReplyDeletebahut badiya.......
ReplyDeleteसच है जो पकड़ा न जाये भला वो चोर कैसे ? :):)
ReplyDeleteताऊ की कहनी
ReplyDeleteसबको लगे पैनी
वाह ताऊ
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
ReplyDeleteआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा आज बुधवार (15-05-2013) के "आपके् लिंक आपके शब्द..." (चर्चा मंच-1245) पर भी है!
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
पकड़ा नहीं गया तो शरीफ ही ताऊ !
ReplyDeleteबेचारे सेठ का अब क्या होना है !
मजेदार व्यंग्य ....ताऊ के लिए कोई भी काम मुश्किल नहीं है :)
ReplyDeleteआज के इस दौर में
इमानदार आदमी
लाख में एक
हजार में देख
सौ में एक भी
नहीं ...!
ताऊ कितना भी खोटा करे पर अपने मूल स्वरूप "भोलापन" को नहीं छोड़ सकता और पकड़ा जाता है :)
ReplyDeleteअच्छी लगी
ReplyDeleteसच है ताऊ को धुरन्धर ब्लागर भी पकड़ नहीं पाए। जय हो ताऊ की।
ReplyDeleteबीनू फिरंगी, सैम को
ReplyDeleteकितने दिनों बाद वापिस लाये हो ताऊ
जै राम जी की
टोका बोलबाला तो हर जगह है ...
ReplyDeleteऑटोग्राफ ले लूँगा इबके मिलने पे ताऊ का ...
:)))....
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