बहणों और भाईयो, मैं "ताऊ टीवी फ़ोडके" न्यूज चैनल का उदघोषक रमलू सियार आपका हार्दिक स्वागत करता हूं. ताऊ महाराज धॄतराष्ट्र का साक्षात्कार आज तक कोई चैनल नही ले पाया था. पिछली बार हमारी खोजी संवाददाता मिस समीरा टेढी ने "ताऊ टीवी फ़ोडके " चैनल के लिये महाराज का एक छोटा सा साक्षात्कार लिया था.
ताऊ महाराज धॄतराष्ट्र को अपने बुद्धि चातुर्य से अपने वाकजाल में फ़ंसा कर मिस समीरा टेढी ने ताऊ महाराज धॄतराष्ट्र को "ताऊ टीवी फ़ोडके " चैनल के खास कार्यक्रम "मिस समीरा टेढी की अदालत में" हाजिर होने के लिये तैयार कर ही लिया.
ताऊ महाराज धॄतराष्ट्र आजकल राजकाज में अति व्यस्त रहते हैं परंतु इस व्यस्तता के बीच भी समय निकाल कर वो दो दिन के अवकाश पर अपने वर्षाकालीन महल में आराम करने चले गये. (भले ही बरसात ना हो रही हो, महाराज का वर्षाकालीन महल में जाना जरूरी है)
मिस समीरा टेढी ने पता नही कहां से सूंघ कर पता लगा लिया और महाराज के वर्षाकालीन महल में अपने कैमरामैन रामप्यारे के साथ जा पहुंची. महाराज भी मिस टेढी को देखते ही खिल उठे.
महाराज ताऊ टीवी फ़ोडके चैनल के स्टूडियो में आने के बजाये वही महल के लान में ही समीरा जी की अदालत में हाजिर होने को तैयार हो गये. तो लिजिये आपके पेशे खिदमत है हमारा खास कार्यक्रम "मिस समीरा टेढी की अदालत में ताऊ महाराज धॄतराष्ट्र हाजिर हों !"
मिस समीरा टेढी - ताऊ महाराज, आप पर ये आरोप है कि आप अक्सर गलत काम ही करते हैं? इस वजह से लोग आपकी बात का विश्वास नही करते? ज्यादातर मठाधीश भी इसी वजह से आपकी मुखालफ़त करते हैं? ऐसा क्यों?
ताऊ महाराज धॄतराष्ट्र - देखिये समीरा जी, लोग चाहे जो समझे, हम तो जनकल्याण के काम द्वापर से ही करते आये हैं. अब मठाधीषों का काम ही रोने धोने का है तो रोने दिजिये. अभी पिछले ही साक्षात्कार में आपको हमने जन कल्याणकारी ताऊ परांठा बनाने की विधी बताई थी जिसके सेवन से हम द्वापर से ब्लागयुग तक जवान बने हुये हैं. पर लोगों ने उसका भी विश्वास नही किया तो ये हमारी गल्ती थोडे ही है.
मिस समीरा टेढी - हां महाराज, ताऊ परांठे का सेवन तो मैने भी किया और मुझे बहुत फ़ायदा महसूस हुआ है, मैं भी अपने आपको नवयुवती जैसा समझने लगी हूं...
ताऊ महाराज धॄतराष्ट्र बोले - समीरा जी लगता है ताऊ परांठे के सेवन से आपकी तो काया ही पलट गयी है...देखिये आपके हाव भाव चाल ढाल सब कैसे बदल गयी है? आप तो एकदम जवान और हीरोईन जैसी नजर आने लगी है?
मिस समीरा टेढी - हां महाराज, आपके ताऊ परांठे के सेवन से मेरा वर्षों से लगा चश्मा भी उतर गया है, गाल भी लाल टमाटर जैसे हो चले हैं....आप हमेशा जवान रहने की कोई और भी विधी बताईये महाराज, जिससे मेरे बाल भी काले हो जायें?
ताऊ महाराज धॄतराष्ट्र - समीरा जी अभी कुछ ही समय पहले हमने बालम ककडी के गुण बताये थे जिसे लोगों ने लौकी समझ लिया..अब हम क्या करें समीरा जी? जनता वही समझती है जो समझना चाहती है. हमने अपनी प्यारी जनता के कल्याण के लिये जितने कार्यक्रम चलाये है उतने तो किसी भी सरकार ने नही चलाये हैं? जितना अमूल्य ज्ञान हमने अपनी प्यारी प्रजा को कल्याण के लिये दिया है उतना आज तक किसी ने नही दिया. फ़िर भी ये तोतली जनता मठाधीषों के चक्कर में चढ जाती है.
मिस समीरा टेढी - महाराज मैंने आपसे मेरे बाल काले करने की विधी पूछी थी?
ताऊ महाराज धॄतराष्ट्र - अरे समीरा जी लगता है आप ताऊ पराठे के सेवन से खूबसूरत और जवान तो हो गई पर आपकी समझ को क्या हो गया? अरे आपको बताया ना कि बालम ककडी में बहुत से प्रोटीन और पोषक तत्व हैं. बस आप अपने बालम के साथ साथ बालम ककडी का इस्तेमाल करिये, आप दोनों के बाल काले हो जायेंगे.
मिस समीरा टेढी ने आश्चर्य व्यक्त करते हुआ पूछा - जैसी आज्ञा महाराज, पर क्षमा करें महाराज....आप पर यह आरोप भी लगता है कि आप बकबास बाजी ज्यादा करते हैं और काम कम. अभी आपने कहा कि आपने जनता को अमूल्य ज्ञान प्रदान किया है तो जनता ये जानना चाहेगी कि आपने जनता को कौन सा अमूल्य ज्ञान प्रदान किया है?
ताऊ महाराज धॄतराष्ट्र बोले - समीरा जी आप भी मजाक कर रही हैं क्या? अरे गीता का असली ज्ञान हमारी प्यारी प्रजा के कल्याण के लिये हमने ही तो दिया है...
ताऊ महाराज धॄतराष्ट्र के मुख से यह सुनते ही मिस समीरा जी हक्की बक्की रह गयी और बोली - महाराज श्री, ये आप क्या कह रहे हैं? जरा सोच समझके बोलिये, यह प्रोग्राम लाईव टेलिकास्ट हो रहा है..... और दुनियां जानती है कि गीता का ज्ञान तो श्री कॄष्ण भगवान ने दिया था...फ़िर आप कहां से बीच में आ गये?
इस पर ताऊ महाराज बोले - समीरा जी आप तो अभी तक बहुत ही भोली भाली बालिका हैं...आपने द्वापर की बाते सिर्फ़ किताबों में ही पढी हैं... और हम साक्षात गवाह हैं द्वापर से अभी तक के. गीता का ज्ञान प्यारी प्रजा को हमारे द्वारा ही दिया गया है यदि हम ना होते तो यह गीता का अमूल्य ज्ञान भी इस धरती पर नही होता.
मिस समीरा टेढी ने चमत्कृत होते हुये पूछा - महाराज ये तो नयी जानकारी है, पर इसका राज क्या है...यह नही समझ में आया?
दर्शकों दिल थाम के बैठिये....गीता का ज्ञान किसने दिया? ये हम बतायेंगे सिर्फ़ एक ब्रेक के बाद....बस हम दो मिनट के लिये यहां थे...अब १५ मिनट ब्रेक के बाद वापस आयेंगे दो मिनट के लिये ....फ़िर आपकी सेवा में हाजिर होते हैं...तब तक आप चाहे तो किसी ब्लाग पर टिप्पणी मार कर आजाईये...
ब्रेक....ब्रेक...ब्रेक...
( साक्षात्कार का शेष भाग अगले अंक में...)
सही जा रहे हो ताऊ...लगता है सिद्ध करके मानोगे।:)
ReplyDeleteबड़ा ही रोचक मुकदमा और साक्षात्कार..
ReplyDeleteसमीरा जी भी एकदम भोली भाली हैं बेचारी...कुछ समझती ही नहीं....
ReplyDeleteपूरा 'इंडिया टीवी' हो रिया है ताऊ का चैनल:)
ReplyDeleteराम राम|
कमाल का है ताऊ टीवी :)
ReplyDeleteज्ञान प्राप्त करने के लिए हम भी बेचैन हैं . शायद यह जन्म सुधर जाए ! :)
ReplyDeleteTau maharaj ki jai ho ...
ReplyDeleteAapka bhi jawab nahi ..
Etna gahra raj kaha chupaye baithe the ....
Ram-ram
बेसब्री से इंतज़ार है ताऊ ...
ReplyDeleteओहो ... तो गीता का ज्ञान भी ताऊ श्री ने दिया है .. इस आयगा मज़ा .... देखें यो कोंसी गीता है ...
ReplyDeleteआपकी नायाब पोस्ट और लेखनी ने हिंदी अंतर्जाल को समृद्ध किया और हमने उसे सहेज़ कर , अपने बुलेटिन के पन्ने का मान बढाया उद्देश्य सिर्फ़ इतना कि पाठक मित्रों तक ज्यादा से ज्यादा पोस्टों का विस्तार हो सके और एक पोस्ट दूसरी पोस्ट से हाथ मिला सके । रविवार का साप्ताहिक महाबुलेटिन लिंक शतक एक्सप्रेस के रूप में आपके बीच आ गया है । टिप्पणी को क्लिक करके आप सीधे बुलेटिन तक पहुंच सकते हैं और अन्य सभी खूबसूरत पोस्टों के सूत्रों तक भी । बहुत बहुत शुभकामनाएं और आभार । शुक्रिया
ReplyDeleteवाह ताऊ!
ReplyDeleteमजा आ गया!
बढ़िया व्यंग्य!!
एक इंडिया टी वी और एक ताऊ टी वी ..जय हो
ReplyDeleteताऊ परांठा सेवन से काया पलट!
ReplyDeleteहा ! हा ! हा !
:))समीरा' बालिका ' से साक्षात्कार रोचक है !
:)
ReplyDeleteपुरानी कुछ पोस्टें याद ईन और होठों पर मुस्कराहट ले आयीं .....
ReplyDeleteएक अजब फंतासी दुनिया रचे हैं ताऊ महराज!इसका कामिल वर्जन कोई छपेगा क्या ?
अच्छा !!
ReplyDeleteअच्छा !!
ReplyDeleteबढ़िया!!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति!
ReplyDeleteश्रावणी पर्व और रक्षाबन्धन की हार्दिक शुभकामनाएँ!