ज्यादातर लोगों को यह पता नही होगा कि मिस समीरा टेढी ने अपने रूतबे का इस्तेमाल करके किसी तरह एक पेट्रोल पंप अपने नाम कबाड लिया था. लोगों से सुन रखा था कि पेट्रोल पंप में बहुत कमाई है, पेट्रोल में डीजल मिलाओ...डीजल में घासलेट मिलाओ...और चकाचक माल कमाओ. अब समीरा टेढी कहने को ही टेढी हो पर दुनियादारी की इतनी ज्यादा भी समझ नही थी सो कई बार पेट्रोल में मिलावट करते पकडी गई...दुनिया भर के केस मुकदमे चलने लगे. इन परेशानियों से घबरा कर एक दिन आत्महत्या करने पर उतारू हो गई कि इतनी देर में ताऊ वहां पहुंच गया. सारी बात समझकर ताऊ बोला - समीरा जी, आप के बस की बात नही ये पेट्रोल पंप चलाना. आप ये काम मुझे सौंप दो...
ताऊ बोला - अजी समीरा जी, आप भी कौन से जन्म की बातें कर रही हो? मैने वो सब काम कभी के बंद कर दिये. बस पंप का काम मैं सिर्फ़ आपके एहसानों का बदला चुकाने के लिये करूंगा. आप तो बस बंगले में आराम फ़रमाओ, जो भी कमाई होगी वो सारी की सारी रोज शाम को आपके बंगले पर पहुंचा दिया करूंगा.
मिस. समीरा टेढी को यूं तो ताऊ पर विश्वास नही था पर जब ताऊ रोज शाम को नगद सहित हिसाब घर पहुंचाने का बोला तो मन में सोचा कि अब तो कोई शक और बेईमानी की गुंजाईश ही नही है सो तुरंत हां भर दी और सारा कार्यभार ताऊ के लठ्ठ्फ़ाड कंधों पर डाल दिया.
इधर रामप्यारे अपने बडे बडे दांत निकालता हुआ ताऊ से बोला - ताऊ ये क्या गजब कर रहे हो? हम क्या फ़ोकट में हम्माली करेंगे? अरे मेरा तो सोचो..कितने दिन हो गये मुझे हरी हरी घास खाये हुये? आप करो समीरा जी की हम्माली..मैं तो आपके साथ नही काम करूंगा...
ताऊ ने रामप्यारे के लंबे लंबे कान उमेठते हुये कहा - अरे बावलीबूच रामप्यारे, तू रहेगा गंवार का गंवार ही...अरे बेवकूफ़ मैंने इन्ही कामों में पीएचडी कर रखी है. मेरी योजना पर यकीन रख...तुझे हरी हरी और ताजा घास के साथ रबडी मलाई भी इसी धंधे में खिलवाऊंगा.
अब रामप्यारे भी लग गया ताऊ के साथ और दोनों पंप का काम देखने लगे. ताऊ रोज शाम को सारे पैसे जाकर समीरा जी के बंगले पर जमा करा देते. पंप पर जितने लीटर पेट्रोल आया और शाम को जितना स्टाक बचा, उसकी नपती करके जितने लीटर पेट्रोल डीजल बिका होता उतने के रूपये देदे ता. और गाडी वालों को जितना कम नापता उसके रूपये अपनी जेब के हवाले कर लेता.
मिस, टेढी ताऊ की ईमानदारी से बेहद प्रभावित थी. उनको असली खेल का पता ही नही था. महिने में थोडा बहुत मिस समीरा टेढी खर्चे के नाम पर ताऊ को दे देती थी. पर ताऊ को मिस टेढी के इस जेब खर्च से क्या बघार लगता? ताऊ ने तो असली मलाई मारने का फ़ार्मुला पढ रखा था. उस फ़ार्मुले की बदौलत देखते देखते ताऊ मालदार आसामी बन गया. सब काम आराम से चल रहा था. ताऊ ने अपनी सब सेटिंग जमा रखी थी.
ताऊ बोला - देखो सक्सेना जी मैं फ़ालतू बात करने का आदि तो हूं नही और मेरे पास फ़ालतू टाईम भी नही है...आप तो फ़टाफ़ट पिस्से काढो और चलते बनो...पीछे दूसरी गाडियों की लाईन लगी हुई है.
सतीस सक्सेना अब क्या करते? वहां चारों तरफ़ लठ्ठ हाथ में लिये हुये ताऊ के पठ्ठे ही पठ्ठे दिख रहे थे सो हुज्जत करने में कोई फ़ायदा नही दिखा. ताऊ से उलझना अपनी इज्जत खराब करवाना है सो उन्होने ताऊ से बिल मांगा, ताऊ ने फ़टाक से 65 लीटर का बिल बना कर दे दिया.
सक्सेना जी यह सोचते हुये वापस आये कि ब्लाग पंचायत में इस ताऊ की शिकायत करके इसकी ऐसी तैसी करवाऊंगा...इसका पंप बंद नही करवा दिया तो मेरा भी नाम सतीश सक्सेना नही...कोई भी ब्लागर अब इसके यहां से पेट्रोल नही भरवायेगा.
इस बात की शिकायत ब्लाग पंचायत में की गई. और सक्सेना जी ने जोर देकर कहा कि मेरी कार का टैंक ही जब 45 लीटर का है तो ताऊ ने इसमे 65 लीटर कैसे भर दिया? साफ़ बात है कि ताऊ ने पंप का मीटर फ़ास्ट करवा रखा है जो 45 की बजाये 65 लीटर का माप बता रहा है.
पंचायत ने बात सुनी, ताऊ के पंप की जांच करवाने का फ़ैसला लिया गया जब तक ताऊ स्वयं ही वहां पहुंच गया. ब्लाग पंचायत ताऊ को अपना फ़ैसला सुनाती उसके पहले ही ताऊ ने ब्लाग अध्यक्ष वाणी शर्मा को कागज दिखाते हुये कहा - मैं बहुत ही ईमानदार आदमी हूं, मेहनत से अपनी रोजी रोटी कमाता हूं, मेरे ऊपर लगाये गये सारे इल्जाम मनगढंत और झूंठे हैं. आप लोग मेरे पंप की मशीन को गलत समझ रहे हो तो यह देखिये. और ताऊ ने नापतौल विभाग से मशीन दुरूस्त पायी गई का सर्टीफ़िकेट दिखाया. कागज देखकर अध्यक्ष वाणी शर्मा ने अपना माथा ठोक लिया और एक लाईन का अपना फ़ैसला सुनाया. खाता ना बही, जो ताऊ कहे वही सही.
हा...हा,...हा...हा..हा..हा...हा
ReplyDeleteखाता ना बही, जो ताऊ कहे वही सही.
वैसे भी जो कागज़ बोले वो सही
बहुत बढ़िया प्रस्तुति!
ReplyDeleteआपकी प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार (14-07-2012) के चर्चा मंच पर लगाई गई है!
चर्चा मंच सजा दिया, देख लीजिए आप।
टिप्पणियों से किसी को, देना मत सन्ताप।।
मित्रभाव से सभी को, देना सही सुझाव।
शिष्ट आचरण से सदा, अंकित करना भाव।।
खाता ना बही, जो ताऊ कहे वही सही.
ReplyDelete-ye to hum shuru se kahte aa rahe hain...blog panchayat ko aaz pata chala... :)
@खाता ना बही, जो ताऊ कहे वही सही.
ReplyDeleteमान ली।
जुट्या रह ताऊ, डाक्यूमेंट्री सबूत ले राख्या है तो फिर कैसा डर? :)
ReplyDeleteराम राम|
ताऊ
ReplyDeleteआपकी प्रेयसी का इस तरह
आत्मघात हमारे लिये चिंता
की वज़ह है
जी बिलकुल सही ...
ReplyDeleteआपके इस खूबसूरत पोस्ट का एक कतरा हमने सहेज लिया है प्लस ३७५ कहीं माइनस न कर दे ... सावधान - ब्लॉग बुलेटिन के लिए, पाठक आपकी पोस्टों तक पहुंचें और आप उनकी पोस्टों तक, यही उद्देश्य है हमारा, उम्मीद है आपको निराशा नहीं होगी, टिप्पणी पर क्लिक करें और देखें … धन्यवाद !
ये लो , ताऊ ....हमारे अध्यक्ष होने की इतनी सीक्रेट बात कॉमन कर दी !
ReplyDeleteवैसे ये सही है हम ताऊ को तो कुछ ना कहते , क्योंकि वो जैसा है ,वैसा ही दिखे है , चोर , डाकू , उठाईगीर जो भी कह ले ...मगर ये रामप्यारे नू नहीं बखस्ते , वो भोला बन कर सीधे टैंक से पेट्रोल पार करा रहा है , और ताऊ ने इसका पता भी नहीं , चोरी का पैसा ताऊ से ज्यादा इसके जेब में और कोइ समझे ना समझे , हम समझ गये हैं ... सो मीटर की गड़बड़ी का दोष अगर है तो रामप्यारे की गलती है , ताऊ की नहीं ...!
खाता ना बही, जो ताऊ कहे वही सही....
ReplyDeletewaah taau maza aa gaya ...
satish ji ko pata chal hi gaya ki taau kya cheej hain .
ram-ram....
@ खाता न बही, जो ताऊ कहे वही सही!
ReplyDelete- शरणागतों का ख्याल रखना ताऊ ग़रीबनवाज़!
जय हो माने ये कि पिटरोल भरवाना हो ताऊ के पंप पर ही पहुंचे ताकि पैंतालीस की टंकी पैंसठ की हो जाए , जे तो गड्डी की परमोसन सी हो ली ताऊ ।
ReplyDeleteघणे दिनों में दीखे ताऊ जब्बी । पंप से नोट कूटने में बिजी से लाग रये थे मन्ने । राम राम ताऊ जी :) रामप्यारे की जय ।
चलो बहुत दिनों बाद हँसी तो आयी। चलाते रहो ऐसे ही पेट्रोल पम्प।
ReplyDeleteताऊ तेरा स्वागत है ...
ReplyDeleteतुम्हारे कारण ब्लॉग जगत में मन तो लगा रहता है :)
तेरे हाथों लुटना भी मंजूर कर लेंगे, वैसे यह पेट्रोल पम्प मंगल गृह पर खोला है क्या ?
एक बोर्ड लगवा रहा हूँ , आगे ताऊ का पेट्रोल पम्प है सावधान !
:)..यह भी खूब रही!
ReplyDeleteबेचारे सतीश जी!!!!!
हर कोई उनके भोलेपन का फायदा उठा ही लेता है तो फिर ताऊ क्यों पीछे रहें?
वैसे सतीश जी को शुक्र मनाना चाहिए कि सिर्फ २० लीटर एक्स्ट्रा चार्ज किया वर्ना उनका क्या है रसीद में ४५ का ९० दिखाते कौन रोक लेता?
अब तो सतीश जी के पीछे इनकम टेक्स वाले पड़ गए होंगे कि उनके पास '६५ लीटर 'इंजन वाली गाड़ी कैसे है?और इतना पेट्रोल भरवाने की[भुगतान] क्षमता कैसे?
अच्छा लगा यह व्यंग्य भी.
janta ke sewa ke liye ..... janta ke
ReplyDeletehamdard se....janta ke pyare tau ne
le hi liya to kaun si baddi bat ho gayee jo blog-jagat panchayat jaisi
oche kam kiya.....
sahi hai na khata na bahi jo tau kahe o sahi....
ghani pranam.
:):) अध्यक्ष महोदया ने सही फैसला सुना दिया ... कलमाड़ी की तरह राम प्यारे फंस गए हैं और ताऊ जैसी कुर्सी वाले चैन की वंशी बजा रहे हैं ॥
ReplyDeleteकसम से ताऊ मूड फ्रेश !!
ReplyDeleteन मानने का सवाल ही नहीं, नतमस्तक..
ReplyDeleteजो मै होती तो ब्लॉग पंचायत में ई मामला ले जाने की गलती नहीं करती, वही ताऊ की खबर लेती की पेट्रोल का पैसा माँगा तो पंप की मालकिन के सामने भांडा फोड़ दुँगी इसलिए चुपचाप अपनी कमाई करो और जब भी मेरी कार आये उसकी टंकी ऐसे ही मुफ्त में फुल कर दो , " मुफ्त का माल खाओ और खाने दो "
ReplyDeleteये नापतौल विभाग का इंस्पेक्टर कौन है जिस ने पंप को सही होने का प्रमाण पत्र दिया था?
ReplyDeleteवो ताऊ के जिसकी कोए सुने ना .
ReplyDeleteराम राम भाई .
खाता ना बही, जो ताऊ कहे वही सही.
ReplyDeletebadhiya .....
खाता ना बही, जो ताऊ कहे वही सही.
ReplyDeleteखाता ना बही, जो ताऊ कहे वही सही....
ReplyDeleteतो मतबल ... ताऊ की पेट्रोल की दूकान इब चल निकली ... सभी आपने निकले अब तो ...
जय राम जी की ...
ताऊ तुने सतीश सक्सेना भाई का अच्छा भला किया.
ReplyDeleteयह भी बताओ कि वाणी शर्मा जी को क्या दिया तुने अपने हक में फतवा जारी करवाने के लिए?
समय मिलने पर मेरे ब्लॉग पर भी आईएगा.
जय हो....
ReplyDeleteवाह! क्या खूब कही!
कोई लुटाने वाला मस्त है तो लूटने वाला काहे को त्रस्त रहेगा! चोखा धंधा, फिर चल निकला।
वाह ! ताऊ चुपके चुपके ही सब कर डाला हमें तो पता ही नहीं चला| ब्लॉग पंचायत से भी नहीं यह तो गलती से आज ब्लॉग डेशबोर्ड पर यह कारनामा दिख गया :)
ReplyDeleteताऊ जी बड़े दिनों बाद आना हुआ .....
ReplyDeleteरामप्यारी कैसी है ....?
हास्य व्यंग पर इतना लिख चुके हैं कोई पुस्तक क्यों नहीं निकालते हास्य- व्यंग की .....?
अब तो ऐसी पुस्तकों का लेखन ही बंद हो चूका ....
आप फिर से शुरुआत कीजिये अब ....!!
जी बिलकुल सही
ReplyDeleteखाता ना बही, जो ताऊ कहे वही सही.
ReplyDeleteजे ही बात लाख पते की है ताऊ
ताऊ,
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग पर तेरे शुभ दर्शन और सुवचनों
से तो अब मुझे कहना ही पड़ेगा जी
'खाता ना बही,जो ताऊ कहे वही सही.'
बहुत बहुत आभार.