आजकल पूरे देश में अन्ना गिरी चल रही है या कहें कि पूरा भारत अन्ना मय हो गया है. अन्ना की सारी कोशीशें सरकारी भ्रष्टाचार से जनता को राहत दिलाने की हैं पर एक तरफ़ निजी कंपनियां भी ग्राहकों को परेशान करने और उनका शोषण करने में पीछे नही हैं. ऐसी ही एक कंपनी से ताऊ भी तंग आ गया और आखिर अपनी ताऊ गिरी दिखा ही दी.
ताऊ को टेलीफ़ोन का अनाप शनाप बिल मिला और परेशान सा कल दोपहर ताऊ एयरटेल टेलीफ़ोन कंपनी के आफ़िस में पहुंचा . वहां उसने अपनी समस्या के बारे में बातचीत करनी चाही परंतु जैसा कि इस कंपनी का रवैया है, ताऊ को टरकाने के चक्कर में हीले हवाले देने लगे.
ताउ ने अपनी समस्या के हल के लिये बहुत मिन्नते की पर कंपनी के कर्मचारियों ने ताऊ को बेवकूफ़ समझते हुये कोई भाव नही दिया और वहां का कर्मचारी बोला - आप बाद में आना अभी सरवर डाऊन है.
अब ताऊ को क्या पता कि सरवर का अप और डाऊन क्या होता है? ताऊ परेशान तो था ही, यह सुनकर उसको और जोरदार गुस्सा आगया और उसका हाथ सीधा अपने लठ्ठ पर गया. परंतु आजकल अन्ना के प्रभाव से ताऊ का भी थोडा हॄदय परिवर्तन हो चुका है सो ताऊ बडी शांति से अपने गुस्से पर काबू रखते हुये वहां से बाहर निकल आया, दो मिनट अन्ना का स्मरण किया और फ़िर उसने कंपनी के आफ़िस का शटर नीचे गिरा कर उस पर बाहर से ताला लगा दिया और सीधे अपने घर आगया.
अंदर बैठे कर्मचारी जो अब तक ताऊ के मजे ले रहे थे, वो अब घबरा गये. शटर ठोंकने लगे, पर ताऊ तो ताले की चाबी जेब में डालकर अपने घर जा चुका था सो थक हार कर कंपनी के कर्मचारियों ने पुलिस को मदद के लिये फ़ोन किया, बडी देर बाद पुलिस ने आकर बाहर से ताला तोडकर कर्मचारियों को बाहर निकाला.
मजे की बात यह कि टेलीफ़ोन कंपनी वाले ताऊ के खिलाफ़ रिपोर्ट लिखाने को भी तैयार नही हुये. मैनेजर ने पुलिस को कहा कि - आप तो जाईये, यह हमारे और ताऊ के बीच आपस का मामला है, हम स्वयं निपट लेंगे.
ताऊ ने अच्छा किया? या बुरा किया? आपकी क्या राय है?
यह पूरी खबर पढने के लिये इमेज पर चटका लगाकर पढ लिजिये.
ताऊ को टेलीफ़ोन का अनाप शनाप बिल मिला और परेशान सा कल दोपहर ताऊ एयरटेल टेलीफ़ोन कंपनी के आफ़िस में पहुंचा . वहां उसने अपनी समस्या के बारे में बातचीत करनी चाही परंतु जैसा कि इस कंपनी का रवैया है, ताऊ को टरकाने के चक्कर में हीले हवाले देने लगे.
ताउ ने अपनी समस्या के हल के लिये बहुत मिन्नते की पर कंपनी के कर्मचारियों ने ताऊ को बेवकूफ़ समझते हुये कोई भाव नही दिया और वहां का कर्मचारी बोला - आप बाद में आना अभी सरवर डाऊन है.
अब ताऊ को क्या पता कि सरवर का अप और डाऊन क्या होता है? ताऊ परेशान तो था ही, यह सुनकर उसको और जोरदार गुस्सा आगया और उसका हाथ सीधा अपने लठ्ठ पर गया. परंतु आजकल अन्ना के प्रभाव से ताऊ का भी थोडा हॄदय परिवर्तन हो चुका है सो ताऊ बडी शांति से अपने गुस्से पर काबू रखते हुये वहां से बाहर निकल आया, दो मिनट अन्ना का स्मरण किया और फ़िर उसने कंपनी के आफ़िस का शटर नीचे गिरा कर उस पर बाहर से ताला लगा दिया और सीधे अपने घर आगया.
अंदर बैठे कर्मचारी जो अब तक ताऊ के मजे ले रहे थे, वो अब घबरा गये. शटर ठोंकने लगे, पर ताऊ तो ताले की चाबी जेब में डालकर अपने घर जा चुका था सो थक हार कर कंपनी के कर्मचारियों ने पुलिस को मदद के लिये फ़ोन किया, बडी देर बाद पुलिस ने आकर बाहर से ताला तोडकर कर्मचारियों को बाहर निकाला.
मजे की बात यह कि टेलीफ़ोन कंपनी वाले ताऊ के खिलाफ़ रिपोर्ट लिखाने को भी तैयार नही हुये. मैनेजर ने पुलिस को कहा कि - आप तो जाईये, यह हमारे और ताऊ के बीच आपस का मामला है, हम स्वयं निपट लेंगे.
ताऊ ने अच्छा किया? या बुरा किया? आपकी क्या राय है?
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वाह ताऊ!
ReplyDeleteयह हुई ना लोकशाही की बात।
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मगर अपना फोन नम्बर तो हमें दे ही देना।
आपका फोन कभी उठता ही नही है।
मेरे नम्बर है-
9368499921
9997996437
9808136060
बोलो ताऊ महाराज की जय.
ReplyDeleteताऊ अच्छा तो नहीं किया तूने पर
अच्छा हो गया.
शुक्र मनाओ हवालात की सैर नहीं की.
वर्ना जमानत कराने हमे ही जाना पड़ता.
खैर,सब ठीक ठाक होगया अब तो.
मेरे ब्लॉग पर आने का क्या ख्याल है.
सही नहीं... बहुत सही.
ReplyDeleteसर्वर डाउन पर पटना सीरीज में भी एक पोस्ट आनी है :)
Bahut badhiya kiya...... Virodh ka naya idia sujhaya.......
ReplyDeleteअंदर सर्वर डाउन और बाहर शटर डाउन|
ReplyDeleteताऊ ने भी सही जबाब दिया|
अन्नागिरी का संशोधित रूप था।
ReplyDeleteबोलो ताऊ महाराज की जय.
ReplyDeletebahut dinon bad ..........
ReplyDeletemaza aay6a
waah !
ram ram
यह ताऊ गीरी भी अनोखी रही,आपनें एक नया तरीका बता(दिखा) दिया,आभार.
ReplyDeleteक्या ताऊ, मजा को नी आया. मजा तो जब आता कि दो लट्ठ पड़ते और कम्पनी वाले थैंक्यू ऊपर से बोलते... :)
ReplyDeleteशठे शाठ्यं समाचरेत. बहुत बढ़िया किया..
वाह ताऊ...! जहां कहीं अच्छी बात हुई उसका सेहरा अपने माथे ले लिया! मयंक जी भी झांसे में आकर अपना फोन न0 दे रहे हैं। वैसे प्राइवेट कंपनी वालों ने बदनामी से बचने के चक्कर में रपट नहीं लिखाई और आप हैं कि उनकी पोलपट्टी अखबार वालों के साथ मिलकर खोल रहे हैं। सरकारी होते तो पहले रपट लिखाते। बदनामी कोई उनकी होनी थी।
ReplyDelete.
ReplyDeleteह हऽऽ हा … !
ताऊ जी
रामराम !
सलामत रैवै थारी ताऊगिरी ! म्हनैं तो घणी चोखी लागी :))
आपने जो किया , किया तो शांति के साथ ही न ?
# ताऊ ने अच्छा किया? या बुरा किया? आपकी क्या राय है?
भई , अच्छा ही किया …
सांप डसे नहीं , फुफकारे तो सही कम से कम !
वोटर भ्रष्ट नेता के हाथ से झापड़ न मारे , वोट के जरिये तो मारे ही मारे …
मेरी ताज़ा पोस्ट पर आपका भी इंतज़ार है ,
काग़जी था शेर कल , अब भेड़िया ख़ूंख़्वार है
मेरी ग़लती का नतीज़ा ; ये मेरी सरकार है
वोट से मेरे ही पुश्तें इसकी पलती हैं मगर
मुझपे ही गुर्राए … हद दर्ज़े का ये गद्दार है
मेरी ख़िदमत के लिए मैंने बनाया ख़ुद इसे
घर का जबरन् बन गया मालिक ; ये चौकीदार है
पूरी रचना के लिए मेरे ब्लॉग पर पधारें … आपकी प्रतीक्षा रहेगी :)
विलंब से ही सही…
♥ स्वतंत्रतादिवस सहित श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !♥
- राजेन्द्र स्वर्णकार
ये सही वाली गिरी है, TIT FOR TAT.
ReplyDeleteरामराम।
ताऊ जी अब आपने जो भी किया सही किया . आनंद आ गया . यह अन्ना गीरी नहीं ताऊ गीरी ही है.
ReplyDeleteवाह ताऊ अच्छी बात
ReplyDeleteताऊगिरी ज़िन्दाबाद! ताऊगिरी के बिना उन्हें समझ कहाँ आना था?
ReplyDeleteसार्थक बदलाव आने प्रारम्भ होंगे।
ReplyDeleteताऊ नै लट्ठ छोड़ दिमाग का इस्तेमाल करा । ताऊ भी मोडर्न हो गया ।
ReplyDeleteयही सारे ग्राहकों को करना होगा, ताऊगिरी से ही काम चलेगा
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