ताऊ महाराज धॄतराष्ट्र अपने राजमहल में अपने राज्य के नियम निर्माण मंत्री रामप्यारे और अपनी खास सलाहकार मिस समीरा टेढी के साथ गंभीर चिंतन की मुद्रा में बैठे हैं.
ताऊ महाराज : रामप्यारे, ये क्या हो रहा है? हम तो सीधे साधे स्पष्ट रूप से अंधे महाराज हैं जो इस हस्तिनापुर राज्य की बागडोर मजबूरी में ढो रहे हैं. तुम जानते हो कि हम इस राज्य के असली हकदार नही है, बल्कि हम किसी दूसरे की प्रतिक्षा में इस हस्तिनापुर के महाराज बने हुये हैं. आखिर हम कब तक प्रतिक्षा करें?
ताऊ महाराज धॄतराष्ट्र, अपने नियम-निर्माण प्रमुख रामप्यारे
एवम आल-इन-वन मंत्री मिस समीरा टेढी के साथ मंत्रणा करते हुये
हमेशा की तरह अपने बडे बडे दांत दिखाता हुआ रामप्यारे बोला : ताऊ महाराज धॄतराष्ट्र, मेरे रहते आप क्यूं चिंता करते हैं? मैं हूं ना आपका नियम निर्माण मंत्री, सबको कुछ नियम कानून के पेंच निकालते हुये निपटा दूंगा.
ताऊ महाराज बोले : पर रामप्यारे, अब तो ये कन्ना कजारे जैसे लोग सीधे मुझे ही ललकारने लगे हैं? अनशन की धमकी देने लगे हैं और तो और ८० साल का बुढ्ढा कहकर मेरी औकात तक बताने की हिम्मत कर रहे हैं... ये कोई अच्छी बात है क्या? जब मैने आंख और कान बंद करके तुमको और समीरा जी को सारे हस्तिनापुर की अप्रत्य्क्ष जिम्मेदारी सौंप रखी है तो ये सीधे मुझे पत्र क्यों लिख रहे हैं? क्या वो जानते नही कि हम मजबूर और अंधे महाराज हैं?
रामप्यारे बोला : महाराज आप व्यर्थ चिंतित हो रहे हैं...राजकाज थोडी सख्ती से चलाना पडता है. कोई भी ऐरा गैरा आयेगा और वो कहेगा कि ऐसा ऐसा कानून बनाओ...तो क्या हम बना देंगे? बोलिये...
ताऊ महाराज : बात तो तुम्हारी सही है पर ना जाने हमें एक अज्ञात सा भय सता रहा है...हमें कुछ अनहोनी सी दिखाई देने लगी है. हम पत्र का जवाब क्या दें?
रामप्यारे : महाराज आप कि छवि तो एक दम साफ़ और इमानदार महाराज की है और आप स्वयं झूंठ बोल रहे हैं..जब आपकी आंखे ही नही हैं आप अंधे हैं तो आपको अनहोनी दिखाई कैसे देने लग गई? महाराज आप तो साफ़ कह दिजिये कि इन छोटे मोटे कामों के लिये हमारे राज्य के पुलिस प्रधान से बात करें...मुझे इतने बडे राज्य की जिम्मेदारी उठानी पडती हैं....इन कामों के लिये मुझे फ़ुरसत नही है.
ताऊ महाराज : वाह रामप्यारे वाह, ये तुमने सही कहा, तुम वाकई हमारे नियम निर्माण मंत्री बनने के सर्वथा काबिल हो.
इसी बीच काफ़ी देर से चुपचाप बैठी हुई मिस समीरा टेढी बोली : ताऊ महाराज, मैं रामप्यारे जी की बात से बिल्कुल सहमत हूं. और मैं चाहती हुं कि अब मैं और रामप्यारे जी बाहर जाकर जनता को आपकी और कानून की राय से अवगत करा दें.
राजमहल के बाहर जनता हुजूम बनाकर कुछ जानने को आतुर खडी थी. बाहर निकल कर मिस समीरा टेढी ने बोलना शुरू किया :- प्यारी जनता जनार्दन, आप ही फ़ैसला करें कि ये मुठ्ठी भर लोग, आपके प्यारे और आदरणीय ताऊ महाराज धॄतराष्ट्र को बुढ्ढा कहने लगे हैं और सरकार के कामकाज में बाधा डालने की कोशीश में लगे हैं. आप जानते हैं कि आपके महाराज ताऊ एक नेक इमानदार और सर्वप्रिय सम्राट हैं. अब महाराज हर ऐरे गैरे से तो बात नही कर सकते ....अगर कोई कानून वानून बनाने की जरूरत है भी तो महाराज और उनकी मंत्री परिषद बनायेगी...जनता को कानून बनाने से क्या लेना देना?
जनता में से एक आवाज आई....पर जनता की जरूरत के हिसाब से रोकपाल कानून बनने चाहिये...
उस व्यक्ति को डपटते हुये मिस टेढी ने बोलना शुरू किया - अच्छा तो अब तुम कानून बनाना सिखाओगे हमें? अरे मूर्ख...जनता, कानून तो हमारे कानून के ज्ञानी रामप्यारे जी बनावायेंगे...और जो रोकपाल बिल जनता के हक में है वो वाला रोकपाल कानून रामप्यारे जी ने बनाकर महाराज और मंत्री परिषद के सदस्यों के सामने पटक दिया है.
इसी बीच रामप्यारे जी बोले - प्यारी जनता, आप चिंता मत करिये और इन बेफ़ालतू लोगों के बहकावे में मत आईये, आपको इनसे कुछ मिलने वाला नही है.....और ये कन्ना कजारे और करविंद बेजरीवाल जैसे लोग टीवी कैमरों की नजर में आकर अपनी पहचान बनाने की कोशीश कर रहे हैं, इसके अलावा कुछ नही. आप भ्रमित ना हों और अपना विश्वास और भरोसा ताऊ महाराज धॄतराष्ट्र और उनकी मंत्री परिषद में बनाये रखिये.
इस के बाद मिस समीरा टेढी बोली :- और आप लोग एक बात अच्छी तरह समझ लिजिये कि हमारे कानून के अनुसार अगर किसी ने हमारे महाराज ताऊ को बुढ्ढा कहा या अनशन करने की कोशीश भी की तो उनपर कानून के मुताबिक ब्लाग पुलिस की कठोर कार्यवाही की जायेगी. अब आप चुपचाप अपने अपने घर निकल लो और कानून को अपना काम करने दो.
जनता में से एक तोतला बोलने वाला व्यक्ति उठ कर जोर से चिल्लाकर पूछने लगा : अले तोई मुझे ये तो बताओ कि इस हस्तिनापुर राज्य को चला तौन रहा है? अंधे ताऊ महालाज धॄतराष्ट्र....तानून मंत्री लामप्याले...या मिस समीला टेढी...? इस राज्य का तोई मालिक भी है या सब अपने अपने तलीके से जनता का खून चूसते लहोगे?
इस तोतले की बात पर मुंह बिचकाते हुये रामप्यारे और मिस समीरा टेढी अंदर राजमहल में जाकर महाराज को सब जानकारी देने लगे. और रामप्यारे ने महाराज ताऊ को आश्वस्त किया कि वो चैन से सोयें, कल सुबह तक मैं कानून के दायरे में सबको अंदर जेल में डलवा दूंगा...आपका कहीं नाम भी नही आयेगा...सब कुछ सरकारी कानूनों के अंतर्गत होगा....
ताऊ महाराज धॄतराष्ट्र : पर क्या ऐसा हो पायेगा कि सब कुछ कानून के अंतर्गत निपट जायेगा?
रामप्यारे बोला - अरे महाराज, आप मुझे जानते नही हैं क्या? अभी थोडे समय पहले मैने और समीरा जी ने काका कामदेव का क्या हाल किया था? आप बेफ़िक्र हो जाईये...
इस पर महाराज ताऊ धृतराष्ट्र अंधे होने के बावजूद भी आसमान में देखते हुये कल के बारे में सोचते नजर आये.
ताऊ महाराज : रामप्यारे, ये क्या हो रहा है? हम तो सीधे साधे स्पष्ट रूप से अंधे महाराज हैं जो इस हस्तिनापुर राज्य की बागडोर मजबूरी में ढो रहे हैं. तुम जानते हो कि हम इस राज्य के असली हकदार नही है, बल्कि हम किसी दूसरे की प्रतिक्षा में इस हस्तिनापुर के महाराज बने हुये हैं. आखिर हम कब तक प्रतिक्षा करें?
एवम आल-इन-वन मंत्री मिस समीरा टेढी के साथ मंत्रणा करते हुये
हमेशा की तरह अपने बडे बडे दांत दिखाता हुआ रामप्यारे बोला : ताऊ महाराज धॄतराष्ट्र, मेरे रहते आप क्यूं चिंता करते हैं? मैं हूं ना आपका नियम निर्माण मंत्री, सबको कुछ नियम कानून के पेंच निकालते हुये निपटा दूंगा.
ताऊ महाराज बोले : पर रामप्यारे, अब तो ये कन्ना कजारे जैसे लोग सीधे मुझे ही ललकारने लगे हैं? अनशन की धमकी देने लगे हैं और तो और ८० साल का बुढ्ढा कहकर मेरी औकात तक बताने की हिम्मत कर रहे हैं... ये कोई अच्छी बात है क्या? जब मैने आंख और कान बंद करके तुमको और समीरा जी को सारे हस्तिनापुर की अप्रत्य्क्ष जिम्मेदारी सौंप रखी है तो ये सीधे मुझे पत्र क्यों लिख रहे हैं? क्या वो जानते नही कि हम मजबूर और अंधे महाराज हैं?
रामप्यारे बोला : महाराज आप व्यर्थ चिंतित हो रहे हैं...राजकाज थोडी सख्ती से चलाना पडता है. कोई भी ऐरा गैरा आयेगा और वो कहेगा कि ऐसा ऐसा कानून बनाओ...तो क्या हम बना देंगे? बोलिये...
ताऊ महाराज : बात तो तुम्हारी सही है पर ना जाने हमें एक अज्ञात सा भय सता रहा है...हमें कुछ अनहोनी सी दिखाई देने लगी है. हम पत्र का जवाब क्या दें?
रामप्यारे : महाराज आप कि छवि तो एक दम साफ़ और इमानदार महाराज की है और आप स्वयं झूंठ बोल रहे हैं..जब आपकी आंखे ही नही हैं आप अंधे हैं तो आपको अनहोनी दिखाई कैसे देने लग गई? महाराज आप तो साफ़ कह दिजिये कि इन छोटे मोटे कामों के लिये हमारे राज्य के पुलिस प्रधान से बात करें...मुझे इतने बडे राज्य की जिम्मेदारी उठानी पडती हैं....इन कामों के लिये मुझे फ़ुरसत नही है.
ताऊ महाराज : वाह रामप्यारे वाह, ये तुमने सही कहा, तुम वाकई हमारे नियम निर्माण मंत्री बनने के सर्वथा काबिल हो.
इसी बीच काफ़ी देर से चुपचाप बैठी हुई मिस समीरा टेढी बोली : ताऊ महाराज, मैं रामप्यारे जी की बात से बिल्कुल सहमत हूं. और मैं चाहती हुं कि अब मैं और रामप्यारे जी बाहर जाकर जनता को आपकी और कानून की राय से अवगत करा दें.
राजमहल के बाहर जनता हुजूम बनाकर कुछ जानने को आतुर खडी थी. बाहर निकल कर मिस समीरा टेढी ने बोलना शुरू किया :- प्यारी जनता जनार्दन, आप ही फ़ैसला करें कि ये मुठ्ठी भर लोग, आपके प्यारे और आदरणीय ताऊ महाराज धॄतराष्ट्र को बुढ्ढा कहने लगे हैं और सरकार के कामकाज में बाधा डालने की कोशीश में लगे हैं. आप जानते हैं कि आपके महाराज ताऊ एक नेक इमानदार और सर्वप्रिय सम्राट हैं. अब महाराज हर ऐरे गैरे से तो बात नही कर सकते ....अगर कोई कानून वानून बनाने की जरूरत है भी तो महाराज और उनकी मंत्री परिषद बनायेगी...जनता को कानून बनाने से क्या लेना देना?
जनता में से एक आवाज आई....पर जनता की जरूरत के हिसाब से रोकपाल कानून बनने चाहिये...
उस व्यक्ति को डपटते हुये मिस टेढी ने बोलना शुरू किया - अच्छा तो अब तुम कानून बनाना सिखाओगे हमें? अरे मूर्ख...जनता, कानून तो हमारे कानून के ज्ञानी रामप्यारे जी बनावायेंगे...और जो रोकपाल बिल जनता के हक में है वो वाला रोकपाल कानून रामप्यारे जी ने बनाकर महाराज और मंत्री परिषद के सदस्यों के सामने पटक दिया है.
इसी बीच रामप्यारे जी बोले - प्यारी जनता, आप चिंता मत करिये और इन बेफ़ालतू लोगों के बहकावे में मत आईये, आपको इनसे कुछ मिलने वाला नही है.....और ये कन्ना कजारे और करविंद बेजरीवाल जैसे लोग टीवी कैमरों की नजर में आकर अपनी पहचान बनाने की कोशीश कर रहे हैं, इसके अलावा कुछ नही. आप भ्रमित ना हों और अपना विश्वास और भरोसा ताऊ महाराज धॄतराष्ट्र और उनकी मंत्री परिषद में बनाये रखिये.
इस के बाद मिस समीरा टेढी बोली :- और आप लोग एक बात अच्छी तरह समझ लिजिये कि हमारे कानून के अनुसार अगर किसी ने हमारे महाराज ताऊ को बुढ्ढा कहा या अनशन करने की कोशीश भी की तो उनपर कानून के मुताबिक ब्लाग पुलिस की कठोर कार्यवाही की जायेगी. अब आप चुपचाप अपने अपने घर निकल लो और कानून को अपना काम करने दो.
जनता में से एक तोतला बोलने वाला व्यक्ति उठ कर जोर से चिल्लाकर पूछने लगा : अले तोई मुझे ये तो बताओ कि इस हस्तिनापुर राज्य को चला तौन रहा है? अंधे ताऊ महालाज धॄतराष्ट्र....तानून मंत्री लामप्याले...या मिस समीला टेढी...? इस राज्य का तोई मालिक भी है या सब अपने अपने तलीके से जनता का खून चूसते लहोगे?
इस तोतले की बात पर मुंह बिचकाते हुये रामप्यारे और मिस समीरा टेढी अंदर राजमहल में जाकर महाराज को सब जानकारी देने लगे. और रामप्यारे ने महाराज ताऊ को आश्वस्त किया कि वो चैन से सोयें, कल सुबह तक मैं कानून के दायरे में सबको अंदर जेल में डलवा दूंगा...आपका कहीं नाम भी नही आयेगा...सब कुछ सरकारी कानूनों के अंतर्गत होगा....
ताऊ महाराज धॄतराष्ट्र : पर क्या ऐसा हो पायेगा कि सब कुछ कानून के अंतर्गत निपट जायेगा?
रामप्यारे बोला - अरे महाराज, आप मुझे जानते नही हैं क्या? अभी थोडे समय पहले मैने और समीरा जी ने काका कामदेव का क्या हाल किया था? आप बेफ़िक्र हो जाईये...
इस पर महाराज ताऊ धृतराष्ट्र अंधे होने के बावजूद भी आसमान में देखते हुये कल के बारे में सोचते नजर आये.
वाह..क्या खूब ...
ReplyDeleteमहलाज,
ReplyDeleteअगर लाम्प्याले को जनता घेर ले तो उससे त्यागपत्र ले लेना और मुझे मंत्री बना देना फिर आपकी साली परेशानियाँ ख़तम ....
क्या कहें आज के हालात पर अब तो जनता को अपनी ताकत दिखानी होगी तभी कुछ संभव हो सकेगा।
ReplyDeleteताउजी अब तो जगाने का वक्त आ गया है .......राम -राम
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ReplyDeleteदिलचस्प प्रस्तुति ।
ReplyDeleteराम राम ।
wo ghadi aa gayi hai.. abhi anna ke saath aur 14 me baba ke saath..
ReplyDeletewo ghadi aa gayi hai.. abhi anna ke saath aur 14 me baba ke saath..
ReplyDeleteएकाध संजय की ड्यूटी भी लगवाइये तौश्री ध्रितराष्ट्र के आँगन में आई मीन दीवाने खास में.. कभी कभी रमलीला मैदान, घुड़साल स्टेडियम आदि का सीधा प्रसारण भी सुनाया करेगा उनको!!जब तक कोइ योग्य संजय नहीं मिल जाता बन्दर बिहारी ऊप्स बांके बिहारी आपने खिदमात देने को तैयार है..
ReplyDeleteGood post .Thanks for this meaningful satire .
ReplyDeleteरखर व्यंग्य रामपुरिया जी .सभी पात्र जाने पहचाने निकले ..
ReplyDeleteTuesday, August 16, 2011
उठो नौजवानों सोने के दिन गए ......http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/
सोमवार, १५ अगस्त २०११
संविधान जिन्होनें पढ़ लिया है (दूसरी किश्त ).
http://veerubhai1947.blogspot.com/
मंगलवार, १६ अगस्त २०११
त्रि -मूर्ती से तीन सवाल .
इस राज्य का तोई मालिक भी है या सब अपने अपने तलीके से जनता का खून चूसते लहोगे?
ReplyDelete-ह हा!! सबसे पहले तो इस तोतले पे डंडे पड़वाओ...बहुत बोलता है!! :)
मस्त!!
interesting read
ReplyDeletelol
महाssभाsssरत ....
ReplyDeleteजानकारी से भरा जान बचाने वाला आलेख।
ReplyDeleteवाह..बहुत बढ़िया ताऊ जी.
ReplyDeleteताऊ तुम्हारे तो दिन लद गए दिखते हैं, अब तो रामप्यारे की ताजपोशी दिखायी दे रही है।
ReplyDeleteअब तो लगता है कि स्थिति पर नियंत्रण बनाये रखने के लिये इस तिकडी की कार्यप्रणाली में बदलाव आवश्यक होता जा रहा है । दूरदृष्टा संजय की सेवाएँ भी लीजिये ना ।
ReplyDeleteबहुत बढ़िया।
ReplyDeleteरामप्यारे कोई यूं ही ऐरा-ग़ैरा सलाहकार नहीं है, बड़े ठस्से को सलाहकार है, सब संभाल लेगा.
ReplyDeletebahut badhiya....aabhar....
ReplyDeleteआपको जनता की ताकत का ख्याल है ताऊ ...
ReplyDeleteपर मज़ा आ गया आपके व्यंग में ...
बढ़िया !
ReplyDeleteबहुत खुबसूरत रचना है ताऊ महाराज मै आज से आपकी कलम का दीवाना हो गया
ReplyDeleteजय हो ताऊ महाराज की
बहुत खुबसूरत रचना है ताऊ महाराज मै आज से आपकी कलम का दीवाना हो गया
ReplyDeleteजय हो ताऊ महाराज की
बहुत खुबसूरत रचना है ताऊ महाराज मै आज से आपकी कलम का दीवाना हो गया
ReplyDeleteजय हो ताऊ महाराज की