ब्लाग संसद के चुनाव हो गये और ब्लाग प्रधान ताऊ महाराज धॄतराष्ट्र की अगुवाई में सरकार नें जनहित में काम काज शुरू कर दिया. अब सरकार कितने ही जनहित के काम करे पर विपक्ष का काम होता है सिर्फ़ विरोध के लिये विरोध करना. इसका मतलब यह नही है कि विरोधी कुछ घाटे में रहता है या उनके काम नही होते. मलाई और रस दोनों ही खींचते हैं. पर जनता को यह तसल्ली रहे कि कोई उनकी तरफ़ से भी ब्लाग संसद में आवाज उठा रहा है, सिर्फ़ इसलिये ब्लाग संसद में नौटंकी करनी पडती है, बाकी तो वही होता है जो मंजूरे ताऊ होता है.
पिछले दिनों ऐसे ही ब्लाग संसद में विरोधी सदस्य, “ ब्लाग महंगाई और गरीब ब्लाग जनता को टिप्पणियों की कमी के सवाल पर” कुछ ज्यादा ही जोश में आ कर शोरगुल और नारेबाजी करने लगे थे जिनको ब्लाग अध्यक्षा मिस समीरा टेढी ने बडी मुश्किल से अंगुली उठा उठा कर चुप कराया था.
और अंतत: इस मामले का पटाक्षेप तब हुआ था जब ब्लाग प्रधान ताऊ महाराज ने विरोधियों को याद दिलाया कि – भाईयों ये मत भूलो, हम सब एक ही हमाम में नहा रहे हैं, अब क्या फ़र्क पडता है कि चड्डी पहने या नंगे होकर नहाये, कम से कम नाटक तो कपडे पहनकर नहाने का करो, हमाम के बाहर भले ही जमकर नंगाई करते रहो.
अचानक सभी ब्लाग संसद के सदस्य आदरपूर्वक खडे होगये, मालूम पडा कि स्वयंभू ब्लाग संसद अध्यक्षा मिस समीरा टेढी ब्लाग संसद में पधार चुकी हैं और आसन ग्रहण कर रही हैं. आसन ग्रहण करते ही उन्होने हथौडा उठाया और उसे टेबल पर ठौकते हुये आज की ब्लाग संसद में सवाल जवाब का सिलसिला शुरू करने का आर्डर दे दिया.
सवाल नंबर १ :-
ajit gupta said...
- उस गड्ढे में से कितने गुणा होकर नए नेता उगे? ये कम नहीं होने के हैं।
जवाब ब्लाग प्रधान ताऊ महाराज द्वारा :-
माननिया स्वयंभू अध्यक्ष महोदया समीरा जी, माननिया सदस्या द्वारा पूछे गये प्रश्न का जवाब बच्चा बच्चा जानता है, मैं इसका जवाब देना उचित नही समझता, फ़िर भी नाटक नौटंकी के लिये जवाब दे ही देता हूं. उस गड्डे में जितने नेताओं को दफ़नाया गया था उससे अति उत्तम किस्म की कंपोस्ट खाद तैयार हुई, वो खाद मैंने अपने खेतों में डाल दी, फ़िर इतनी जोरदार फ़सल आई कि मैं क्या बताऊं? उस फ़सल को खा खा कर ताऊ जैसा मेहनती, ईमानदार इंसान, धीरे धीरे चोरी, बेईमानी, ठगी, लूट, डकैती जैसे धंधे करने लगा, महोदया यह उस खाद द्वारा उपजी फ़सल के अन्न का ही असर था कि मेरी बुद्धि अत्यंत कुटिल होगई और आज मैं ब्लागिस्तान के सर्वोच्च पद पर उसी की बदौलत पहुंच पाया हूं, उसी फ़सल से मैने अपनी पार्टी बनाई, और मेरी पार्टी के सदस्य उसे ही खा खा कर भ्रष्टाचार और लूट के विश्व रिकार्ड बना रहे हैं.
प्रश्न के दूसरे हिस्से में पूछा गया है कि ये कम नही होने के? माननिया महोदया, मैने पूरे ब्लागिस्तान की जमीन में वही बीज डाल दिये हैं, तो कम होने का सवाल ही नही उठता, भ्रष्टाचार, बेईमानी, महंगाई, गरीबी इन सबको हम बढाने में कोई कोर कसर नही छोडेंगे.
सवाल नं. २ :-
anshumala said...
जवाब ब्लाग प्रधान ताऊ महाराज द्वारा :-
माननिया स्वयंभू अध्यक्ष महोदया समीरा जी, माननिया सदस्या द्वारा पूछा गया प्रश्न कम, सुझाव ज्यादा है. इस सुझाव को मंजूर करते हुये मैं सुचित करना चाहुंगा कि ना सिर्फ़ कल के दिन बल्कि सभी सदस्यों को मय परिवार, उम्र भर की अवधि के लिये, भरपेट मलाईदार दूध के सेवन के लिये, हर ब्लाग संसद के सदस्य को मात्र अढाई करोड रूपया प्रति वर्ष सरकारी खजाने से दिये जाने का प्रस्ताव रखता हूं.
जय हो ताउ की संसद की…………अब आगे क्या सोचा है ? संसद भंग नही होनी चाहिये बस उच्च पद पर बने रहना है चाहे इसके लिये कोई भी जोड तोड किया जाये…………शीला की तरह चिपके रहियो कुर्सी से।
ReplyDeleteताउ संसद की जय हो…........
ReplyDeleteजय हो !!
ReplyDeleteसंसद की गरिमा यूँ ही बनी रहे।
ReplyDeleteताऊ इस संसद मै कुडते कद फाटेंगे ?
ReplyDeleteताऊ श्री! संसद के मॉनसून सत्र का शून्यकाल मात्र दो सवालों पर छूट गया... बच गए.. अगले अंक में सूचना के अधिकार के अंतर्गत यह प्रश्न है कि इन प्रश्नों को पूछने के लिए माननीया सदस्याओं ने कितने नोट लिए थे. अध्यक्षा समीरा टेढी कृपया इस विषय पर एक आयोग बिठाने की घोषणा करें साथ ही यह वादा भी कि उस आयोग की सिफाराशें मानी नहीं जाएंगीं!!
ReplyDeleteतब तक.. जय राम जी की!!
हे राम !
ReplyDeleteराम राम ।
ब्लागिस्तान जैसे शब्दों के प्रयोग से बचना चाहिये वर्ना ये ब्लूचिस्तान सा सुनाई देता है.... हो सकता है कि पड़ोसी देश को इस अति-संवेदनशीन शब्द पर गहरा ऐजराज़ हो और उन्हें फिर अपनी हिना, भारतीय मीडिया के चटकारों के लिए दुबारा इतनी जल्दी भेजनी पड़ जाए :)
ReplyDeleteबढ़िया है ताऊ !
ReplyDeleteआगे क्या होना है ...??
जय हो ब्लाग प्रधान ताऊ महाराज की
ReplyDeleteप्रश्नकाल के बाद ध्यानाकर्षण का समय होता है .
ReplyDeleteहा हा!! मेरी बुद्धि अत्यंत कुटिल होगई और आज मैं ब्लागिस्तान के सर्वोच्च पद पर उसी की बदौलत पहुंच पाया हूं,
ReplyDelete..अब समझे...
-मिस समीरा के बाल स्टाईल तो प्राणघातक हैं
सवाल -जवाब मजेदार रहे.
ReplyDeleteप्रश्न पूछने के लिए और मन मुताबिक जवाब दिए जाने के लिए मेज के नीचे और जनता की आँख के पीछे कितनी धन सम्पदा का लेनदेन किया गया , इसका खुलासा भी किया जाना चाहिए !
ReplyDeleteजय हो...
ReplyDeleteप्रस्ताव मंजूर करने के लिए धन्यवाद पर मेरे १०% कमिसन में से एक एक प्रतिशत मेरे दो विरोधियो के एकाउंट में डाल दे ताकि दोनों का मुँह भरा रहे और वो हम सब के खिलाफ कुछ कह ना सके बाकि का ८% मेरे स्विस एकाउंट में डाल दे | अगले साल दूध केसर वाला और मेवे वाला हो इसके लिए रकम और थोड़ी बढाई जाये |
ReplyDeleteवाकई ताउ की संसद लाजवाब है...
ReplyDeleteताऊ जी, गड़े मु्र्दे उखाड़ रहे हो संसद में।:)
ReplyDeleteताउजी ये सब कुछ आप ही के संसद में संभव है ....ताउजी की जय हो ...राम -राम
ReplyDeleteताऊ घना दिनां में लौट्या और लौटते ही हंगामा धमाल मचाना शुरू कर दिया...ताऊ का जवाब नहीं...कमाल की पोस्ट है भाई जी...
ReplyDeleteहमारी संसद का नियम है कि जरूरत पड़ने पर विदेश यात्रा पर मुखिया चला जाता है तो हम भी उसी परम्परा की लीक पीटते हुए दो दिन से ब्लाग जगत से बाहर थे। अब हिसाब लगाएंगे कि हमारा बिल कितना बना है। प्रश्न के एवज में हमें कितना मिलने वाला है?
ReplyDeleteबहुत बढ़िया, लाजवाब और मज़ेदार रहा ! बेहतरीन प्रस्तुती!
ReplyDeleteहा हा ताऊ की संसद पूरी की पूरी ताऊआना रही। क्या बात है मज़ा आ गया। ताऊ दा जवाब नहीं।
ReplyDeleteab pathak ko sunykal se prashkal tak
ReplyDeleteke prashno ko gin-ne den.....
ghani pranam.
क्या बात है. बड़ी ठंडक पहुंची. वैसे बारिश भी हो ही रही है.
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