प्रिय भाईयो और बहणों, भतीजों और भतीजियों आप सबको घणी रामराम ! हम आपकी सेवा में हाजिर हैं ताऊ पहेली अंक - 116 का जवाब लेकर. कल की ताऊ पहेली का सही जवाब है महाकाल मंदिर, उज्जैन, (म.प्र.)
पहेली के विषय से संबंधित थोडी सी जानकारी मिस. रामप्यारी आपको दे रही है.
यों तो पूरी उज्जैन नगरी ही मंदिरों की नगरी है. गोपाल मंदिर, हरसिद्धि, चिंतामणी गणेश, मंगलनाथ, कालभैरव यानि एक से एक प्रसिद्ध मंदिरों के दर्शन करते करते आपको हर बार समय कम पडता है. पर उज्जैयिनी और आसपास के लोगों का जीवन बाबा महानकाल के नाम के साथ धडकता है. जैसे शेष हिंदुस्थान में रामराम..जय श्री कृष्णा...राधे राधे..शब्द आपसी अभिवादन में उपयोग किये जाते हैं वैसे ही यंहा के जन जीवन जय महान काल शब्द प्रचलित है. उज्जैनवासी भगवान महाकाल को ही अपना राजा मानते हैं, यों आजादी के पूर्व उज्जैन नगरी ग्वालियर के सिंधिया शासकों के अधिकार में थी. कहा जाता है कि सिंधिया के वंशज कभी रात्रि को उज्जैन में नही ठहरते क्योंकि उज्जैन का महाराजा तो भगवान महानकाल ही है.
महाकाल मंदिर प्रांगण, उज्जैन
इस शिवरात्रि पर हम हमेशा की तरह बाबा महानकाल के दर्शन करने सुबह सबेरे ही उज्जैन पहुंच गये. उज्जैन में महाशिवरात्रि का त्योहार शिव-पार्वती विवाह के रूप में मनाया जाता हैं. जहां भगवान भोलेनाथ को दूल्हा बनाकर सेहरा चढ़ाया जाता है. यह परंपरा सिर्फ उज्जैन में ही है.
बाबा के दूल्हे के श्रृंगार को फ़िनिशिंग टच देते हुये
यहां के महाकाल मंदिर में बुधवार सबेरे से ही शिव भक्तों ने बाबा महाकाल की जय के उदघोष के साथ पूजा अर्चना का सिलसिला शुरू किया. इस दिन उज्जैन में देश के सुदूर प्रांतो से लाखों भक्त महाकाल के दर्शन के लिए पहुंचे एवम पूजा अर्चना कर सुख समृद्धि की प्रार्थना की.
श्रृंगारित नंदीश्वर, बाबा दुल्हा बने हैं तो उनका नंदी भी कहां पीछे रहने वाला है?
बाबा महाकाल के ठीक सामने ही उनके प्रिय नंदीश्वर की मुर्ति लगी है जहां भक्त जन बैठ कर आनंद पूर्वज भोलेनाथ की आरती का आनंद लेते हैं. कुछ जुगाडू और वी आई पी लोग भोलेनाथ के समीप तक पहुंचने में भी सफ़ल हो जाते हैं. जैसी बाबा कृपा करदें.
उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में महा शिवरात्रि का त्योंहार अत्यंत उत्साह और जोश के साथ मनाया गया. महा शिवरात्रि के अगले दिन यानि गुरुवार को बाबा महान काल को दूल्हे की तरह श्रृंगार करके सजाया गया और सेहरा चढ़ाया गया.
दुल्हा बनकर बाबा महानकाल तैयार
महा शिवरात्रि के पावन पर्व पर महाकाल मंदिर उज्जैन के गर्भ गृह में सारी रात महापूजा की गई एवम ११ पंडितों द्वारा भगवान भोलेनाथ का पंचामृत से अभिषेक किया गया. पूजा के उपरांत सुबह ४ बजे भगवान महान काल को सोने का मुकुट, कीमती रत्न जडि़त आभूषण पहना गया. इसके उपरांत सप्त धान्य का मुखौटा धारण कराकर आकर्षक सेहरा बांधा गया. सुखे मेवे, फूल, फल, रुद्राक्ष व बिल्व पत्रों से तैयार किये गये सेहरे में सजे दूल्हा बने भगवान महान काल के दर्शन पाकर भक्तों का घंटो पंक्तिबद्ध खडॆ रहना सफ़ल होगया.
भस्म आरती का मनोहारी दृष्य
भगवान महानकाल की ब्रह्म मुहुर्त में होने वाली भस्म आरती में शामिल होने का एक अलग ही सुख है. इस साल प्रसिद्ध उद्योगपति अनिल अंबानी ने अपना जन्मदिन बाबा महानकाल की भस्म आरती में शरीक होकर मनाया. आपका जब भी उज्जैन आने का मौका लगे तब बाबा की भस्म आरती में शामिल होने का दुर्लभ मौका मत छोडियेगा.
उज्जैन रेल्वे स्टेशन सभी जगह से जुडा हुआ है. नजदीकी एयरपोर्ट इंदौर है. ये मालवा प्रांत है और शिव की नगरी है सो आप कभी भी पधारें, मौसम के मई जुन महिने थोडे गर्म रहते हैं सो ध्यान रहे.
(ताऊ यात्रा वृतांत से)
आईये अब मिलते हैं आज के विजेताओं से :-
आज के प्रथम विजेता हैं श्री विजय कुमार सप्पात्ति
प्रथम विजेता श्री विजय कुमार सप्पात्ति अंक 101
आईये अब बाकी विजेताओं से आपको मिलवाती हूं.
सुश्री सीमा गुप्ता
अब उनसे रूबरू करवाती हुं जिन्होनें इस अंक में भाग लेकर हमारा उत्साह वर्धन किया
डॉ. मनोज मिश्र
डाँ नूतन डिमरी गैरोला - नीति
श्री काजल कुमार
डा. रूपचंद्र शाश्त्री ’मयंक’
श्री पी.सी.गोदियाल "परचेत"
सुश्री अंजू
जाट देवता (संदीप पवांर)
श्री राज भाटिय़ा
श्री नरेश सिह राठौड़
श्री दीपक "तिवारी साहब"
श्री दिगम्बर नासवा
श्री भारतीय नागरिक - Indian Citizen
श्री राकेश कुमार
मग्गाबाबा का चिठ्ठाश्रम
मिस.रामप्यारी का ब्लाग
ताऊजी डाट काम
रामप्यारे ट्वीट्स
पहेली के विषय से संबंधित थोडी सी जानकारी मिस. रामप्यारी आपको दे रही है.
यों तो पूरी उज्जैन नगरी ही मंदिरों की नगरी है. गोपाल मंदिर, हरसिद्धि, चिंतामणी गणेश, मंगलनाथ, कालभैरव यानि एक से एक प्रसिद्ध मंदिरों के दर्शन करते करते आपको हर बार समय कम पडता है. पर उज्जैयिनी और आसपास के लोगों का जीवन बाबा महानकाल के नाम के साथ धडकता है. जैसे शेष हिंदुस्थान में रामराम..जय श्री कृष्णा...राधे राधे..शब्द आपसी अभिवादन में उपयोग किये जाते हैं वैसे ही यंहा के जन जीवन जय महान काल शब्द प्रचलित है. उज्जैनवासी भगवान महाकाल को ही अपना राजा मानते हैं, यों आजादी के पूर्व उज्जैन नगरी ग्वालियर के सिंधिया शासकों के अधिकार में थी. कहा जाता है कि सिंधिया के वंशज कभी रात्रि को उज्जैन में नही ठहरते क्योंकि उज्जैन का महाराजा तो भगवान महानकाल ही है.
इस शिवरात्रि पर हम हमेशा की तरह बाबा महानकाल के दर्शन करने सुबह सबेरे ही उज्जैन पहुंच गये. उज्जैन में महाशिवरात्रि का त्योहार शिव-पार्वती विवाह के रूप में मनाया जाता हैं. जहां भगवान भोलेनाथ को दूल्हा बनाकर सेहरा चढ़ाया जाता है. यह परंपरा सिर्फ उज्जैन में ही है.
यहां के महाकाल मंदिर में बुधवार सबेरे से ही शिव भक्तों ने बाबा महाकाल की जय के उदघोष के साथ पूजा अर्चना का सिलसिला शुरू किया. इस दिन उज्जैन में देश के सुदूर प्रांतो से लाखों भक्त महाकाल के दर्शन के लिए पहुंचे एवम पूजा अर्चना कर सुख समृद्धि की प्रार्थना की.
बाबा महाकाल के ठीक सामने ही उनके प्रिय नंदीश्वर की मुर्ति लगी है जहां भक्त जन बैठ कर आनंद पूर्वज भोलेनाथ की आरती का आनंद लेते हैं. कुछ जुगाडू और वी आई पी लोग भोलेनाथ के समीप तक पहुंचने में भी सफ़ल हो जाते हैं. जैसी बाबा कृपा करदें.
उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में महा शिवरात्रि का त्योंहार अत्यंत उत्साह और जोश के साथ मनाया गया. महा शिवरात्रि के अगले दिन यानि गुरुवार को बाबा महान काल को दूल्हे की तरह श्रृंगार करके सजाया गया और सेहरा चढ़ाया गया.
महा शिवरात्रि के पावन पर्व पर महाकाल मंदिर उज्जैन के गर्भ गृह में सारी रात महापूजा की गई एवम ११ पंडितों द्वारा भगवान भोलेनाथ का पंचामृत से अभिषेक किया गया. पूजा के उपरांत सुबह ४ बजे भगवान महान काल को सोने का मुकुट, कीमती रत्न जडि़त आभूषण पहना गया. इसके उपरांत सप्त धान्य का मुखौटा धारण कराकर आकर्षक सेहरा बांधा गया. सुखे मेवे, फूल, फल, रुद्राक्ष व बिल्व पत्रों से तैयार किये गये सेहरे में सजे दूल्हा बने भगवान महान काल के दर्शन पाकर भक्तों का घंटो पंक्तिबद्ध खडॆ रहना सफ़ल होगया.
भगवान महानकाल की ब्रह्म मुहुर्त में होने वाली भस्म आरती में शामिल होने का एक अलग ही सुख है. इस साल प्रसिद्ध उद्योगपति अनिल अंबानी ने अपना जन्मदिन बाबा महानकाल की भस्म आरती में शरीक होकर मनाया. आपका जब भी उज्जैन आने का मौका लगे तब बाबा की भस्म आरती में शामिल होने का दुर्लभ मौका मत छोडियेगा.
उज्जैन रेल्वे स्टेशन सभी जगह से जुडा हुआ है. नजदीकी एयरपोर्ट इंदौर है. ये मालवा प्रांत है और शिव की नगरी है सो आप कभी भी पधारें, मौसम के मई जुन महिने थोडे गर्म रहते हैं सो ध्यान रहे.
(ताऊ यात्रा वृतांत से)
आईये अब मिलते हैं आज के विजेताओं से :-
आईये अब बाकी विजेताओं से आपको मिलवाती हूं.
सुश्री सीमा गुप्ता
श्री उडनतश्तरी
सुश्री अंशुमाला
श्री सोमेश सक्सेना
श्री रोनित सरकार
श्री मकरंद
सुश्री शोभा
श्री देवेंद्र पाण्डेय
अब उनसे रूबरू करवाती हुं जिन्होनें इस अंक में भाग लेकर हमारा उत्साह वर्धन किया
डॉ. मनोज मिश्र
डाँ नूतन डिमरी गैरोला - नीति
श्री काजल कुमार
डा. रूपचंद्र शाश्त्री ’मयंक’
श्री पी.सी.गोदियाल "परचेत"
सुश्री अंजू
जाट देवता (संदीप पवांर)
श्री राज भाटिय़ा
श्री नरेश सिह राठौड़
श्री दीपक "तिवारी साहब"
श्री दिगम्बर नासवा
श्री भारतीय नागरिक - Indian Citizen
श्री राकेश कुमार
सभी प्रतिभागियों का हार्दिक आभार प्रकट करते हुये रामप्यारी अब आपसे विदा चाहेगी. अगली पहेली के जवाब की पोस्ट में मंगलवार सुबह 4:44 AM पर आपसे फ़िर मुलाकात के वादे के साथ, तब तक के लिये जयराम जी की.
ताऊ पहेली के इस अंक का आयोजन एवम संचालन ताऊ रामपुरिया और रामप्यारी ने किया. अगली पहेली मे अगले शनिवार 1:00 AM से 11:00 PM के मध्य कभी भी आपसे फ़िर मुलाकात होगी तब तक के लिये नमस्कार.
मग्गाबाबा का चिठ्ठाश्रम
मिस.रामप्यारी का ब्लाग
ताऊजी डाट काम
रामप्यारे ट्वीट्स
वाह वाह वाह..! विजेताओं की लिस्ट में अपना नाम भी प्रथम स्थान पर...! अरे नीचे से ही सही क्या फर्क पड़ता है..! पहले देखा होता तो यही तुक पहले भिड़ाता।
ReplyDeleteविजय जी एवं समस्त विजेताओं को बधाई एवं शुभकामनाएँ.
ReplyDeleteसभी प्रतिभागियों को बहुत-बहुत बधाई!
ReplyDelete--
महिला दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
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केशर-क्यारी को सदा, स्नेह सुधा से सींच।
पुरुष न होता उच्च है, नारि न होती नीच।।
नारि न होती नीच, पुरुष की खान यही है।
है विडम्बना फिर भी इसका मान नहीं है।।
कह ‘मयंक’ असहाय, नारि अबला-दुखियारी।
बिना स्नेह के सूख रही यह केशर-क्यारी।।
aadarniy tau ji , aapka bahut bahut dhanywaad.
ReplyDeleteaapka
vijay
वाह वाह .. बधाई विजेताओं को ...
ReplyDeleteआदरणीय विजय जी सहित सभी विजेताओं को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ.
ReplyDeleteregards
श्री विजय कुमार सप्पात्ति सहित सभी विजेता व उपविजेताओं को हार्दिक बधाईयां...
ReplyDeleteविजय जी एवं समस्त विजेताओं को बधाई एवं शुभकामनाएँ.
ReplyDeleteउज्जैन जा चुके हैं, अच्छा लगा था।
ReplyDeleteविजेताओं को बधाई एवं शुभकामनाएँ.
ReplyDeleteविजय कुमार जी को बहुत बहुत बधाई.
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