प्रिय बहणों और भाईयों, भतिजो और भतीजियों सबको शनीवार सबेरे की घणी राम राम.
विनम्र विवेदन
"रामप्यारी का बोनस सवाल 20 नंबर के लिये"
अब आप रामप्यारी के ब्लाग पर हिंट की पोस्ट सुबह दस बजे ही पढ सकते हैं! दूसरा हिंट नही दिया जायेगा.
इस अंक के आयोजक हैं ताऊ रामपुरिया और सु. अल्पना वर्मा
नोट : आज रामप्यारी के सवाल का हिंट का चित्र रामप्यारी के ब्लाग पर 01 :21 PM पर प्रकाशित किया गया है. यहां चटका लगाकर देख सकते हैं.
मग्गाबाबा का चिठ्ठाश्रम
मिस.रामप्यारी का ब्लाग
ताऊजी डाट काम
ताऊ पहेली अंक 96 में मैं ताऊ रामपुरिया, सह आयोजक सु. अल्पना वर्मा के साथ आपका हार्दिक स्वागत करता हूं. जैसा कि आप जानते ही हैं कि अब से रामप्यारी का हिंट सिर्फ़ एक बार ही दिया जाता है. यानि सुबह 10:00 बजे ही रामप्यारी के ब्लाग पर मिलता है.और अब से पहेली के जवाब की पोस्ट सोमवार के बजाये हर मंगलवार सुबह 4 :44 AM पर प्रकाशित की जायेगी.
कृपया पहेली मे पूछे गये चित्र के स्थान का सही सही नाम बतायें कि चित्र मे दिखाई गई जगह का नाम क्या है? कई प्रतिभागी सिर्फ़ उस राज्य का या शहर का नाम ही लिख कर छोड देते हैं. जो कि अबसे अधूरा जवाब माना जायेगा.
हिंट के चित्र मे उस राज्य या शहर की तरफ़ इशारा भर होता है कि उस राज्य या शहर मे यह स्थान हो सकता है. अब नीचे के चित्र को देखकर बताईये कि यह कौन सी जगह है? और किस शहर या राज्य में है?
ताऊ पहेली का प्रकाशन हर शनिवार सुबह आठ बजे होगा. ताऊ पहेली के जवाब देने का समय कल रविवार दोपहर १२:०० बजे तक है. इसके बाद कमेंट सुविधा बंद कर दी जायेगी. अगर कमेंट सुविधा किसी कारण वश जारी भी रही तो आने वाले सही जवाबों को अधिकतम ५० अंक ही दिये जा सकेंगे.
अब रामप्यारी का बोनस सवाल 20 नंबर का. यानि जो भी प्रतिभागी रामप्यारी के सवाल का सही जवाब देगा उसे 20 नंबर अलग से दिये जायेंगे. तो आईये अब आपको रामप्यारी के पास लिये चलते हैं.
हाय...आंटीज एंड अंकल्स...दीदीज एंड भैया लोग...गुडमार्निंग..मी राम की प्यारी रामप्यारी.....अब आपसे पूरे 20 नंबर का सवाल पूछ रही हूं. सवाल सीधा साधा है. बस मुख्य पहेली से अलग एक टिप्पणी करके जवाब देना है. और 20 नंबर आपके खाते में जमा हो जायेंगे. है ना बढिया काम...तो अब नीचे का चित्र देखिये और बताईये की यह किस पेड का चित्र है?
इस सवाल का जवाब अलग टिप्पणी मे ही देना है. अब अभी के लिये नमस्ते. मेरे ब्लाग पर अब से दो घंटे बाद यानि 10 बजे आज की मुख्य पहेली के हिंट के साथ आपसे फ़िर मुलाकात होगी तब तक के लिये नमस्ते.
अब आप रामप्यारी के ब्लाग पर हिंट की पोस्ट सुबह दस बजे ही पढ सकते हैं! दूसरा हिंट नही दिया जायेगा.
जरुरी सूचना:-
टिप्पणी मॉडरेशन लागू है इसलिए समय सीमा से पूर्व केवल अधूरे और ग़लत जवाब ही प्रकाशित किए जाएँगे.
सही जवाबों को पहेली की रोचकता बनाए रखने हेतु समय सीमा से पूर्व अक्सर प्रकाशित नहीं किया जाता . अत: आपका जवाब आपको तुरंत यहां नही दिखे तो कृपया परेशान ना हों.
नोट : यह पहेली प्रतियोगिता पुर्णत:मनोरंजन, शिक्षा और ज्ञानवर्धन के लिये है. इसमे किसी भी तरह के नगद या अन्य तरह के पुरुस्कार नही दिये जाते हैं. सिर्फ़ सोहाद्र और उत्साह वर्धन के लिये प्रमाणपत्र एवम उपाधियां दी जाती हैं. किसी भी तरह की विवादास्पद परिस्थितियों मे आयोजकों का फ़ैसला ही अंतिम फ़ैसला होगा. एवम इस पहेली प्रतियोगिता में आयोजकों के अलावा कोई भी भाग ले सकता है.
नोट : आज रामप्यारी के सवाल का हिंट का चित्र रामप्यारी के ब्लाग पर 01 :21 PM पर प्रकाशित किया गया है. यहां चटका लगाकर देख सकते हैं.
मग्गाबाबा का चिठ्ठाश्रम
मिस.रामप्यारी का ब्लाग
ताऊजी डाट काम
Dhamekh Stupa, Sarnath, Uttar Pradesh
ReplyDeleteधामेख स्तूप, सारनाथ, उत्तर प्रदेश
ReplyDelete[वाराणसी के पास]
namste tau ji the anser is- sarnath,bihar, india.
ReplyDeleteसारनाथ काशी के सात मील पूर्वोत्तर में स्थित बौद्धों का प्राचीन तीर्थ है,ज्ञान प्राप्ति के पश्चात भगवान बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश यही दिया था,यहीं से उन्होने "धर्म चक्र प्रवर्तन" प्राम्भ किया था,
ReplyDeleteयहां पर सारन्गनाथ महादेव का मन्दिर भी है,जहां श्रावण के महिने में हिन्दुओं का मेला लगता है,यह जैन तीर्थ भी है,जैन ग्रन्थों में इसे सिंहपुर कहा गया है,सारनाथ की दर्शनीय वस्तुयें अशोक का चतुर्मुख सिंहस्तम्भ,भगवान बुद्ध का मन्दिर,धामेख स्तूप,चौखन्डी स्तूप,राजकीय संग्राहलय,जैन मन्दिर,चीनी मन्दिर,मूलंगधकुटी, और नवीन विहार हैं,मुहम्मद गौरी ने इसे नष्ट भ्रष्ट कर दिया था,
सन १९०५ में पुरातत्व विभाग ने यहां खुदाई का काम प्रारम्भ किया,उसी समय बौद्ध धर्म के अनुयायों और इतिहास के विद्वानों का ध्यान इधर गया,वर्तमान में सारनाथ लगातार वृद्धि की ओर अग्रसर है.
rampyari rani amrud (guava) ka ped hai
ReplyDeleteसारनाथ का बौद्ध स्तूप
ReplyDeleteराम प्यारी का जवाब : आम का पेड़
ReplyDeleteDharmaksha Stupa, Sarnath,bihar(india)
ReplyDeleteबहुत घनघोर चिंता हो रही है
ReplyDeleteपता नहीं कनाडा वाले बड़े भैया इस ऐतिहासिक किले तक पहुँच पायेंगे या नहीं !
सारनाथ उतरप्रदेश
ReplyDeleteSarnath the tranquil deep park at Sarnath is where the Buddha preached hid first sermon. Sarnath became one of the great center of Buddhism and the Emperor Ashoka erected magnificent stupas and structure here. The Chinese scholar Huien Tsang who to write of the splendor of the city. Rediscovered and excavated in 1836, Sarnath is once again a place of pilgrimage where visitors come to pay homage to the great teacher.
ReplyDeletenamste tau ji- the anser is- Sarnath stupa,bihar, india.thanks
ReplyDeleteThe Dhamek Stupa, Sarnath. (U.P)This marks the spot where the Buddha gave his first sermon, setting in motion the "Wheel of Dharma".
ReplyDeleteChaukhandi Stupa Sarnath.
ReplyDeleteram pyari ka anser hai- aam ka vrakchh.
ReplyDeleteDhamek Stupa is the remarkable structure at Sarnath , Uttar Pradesh.
ReplyDeletesarnath stupa .Banaras ....
ReplyDeleteSuprabhaat !!
Dhamek Stupa in Sarnath.
ReplyDeletehi raampyaree the great ..bahut din kee namaskaar ..sabhee mitron ko bhee.....
ReplyDeleteYe mango ka ped hai ...:)uskee pattiyan hain.....
good rampyaree...easy sawaal pucha karrtee ho...haha
राम प्यारी का आम का पेड़
ReplyDeletemango tree
ReplyDeleteबुद्ध से सम्बंधित स्थात है , अभी पता करते है
ReplyDeleteDhamek Stupa ..located at Sarnath, 13 km away from Varanasi in Uttar Pradesh, India.
ReplyDeleteदूसरा चित्र तो आम सा है. पहला कुछ खास है. थोड़ी देर लगेगी, पता नहीं ये कोई अनाज का भंडार है या स्तूप...
ReplyDeletetau ji namste the anser is- Dharmaksha Stupa, Sarnath, uttar pradesh, india.
ReplyDeleteसारनाथ टेम्पल, वाराणसी, उत्तर प्रदेश
ReplyDeleteरामप्यारी का जवाब : आम का पेड़
Dharmaksha Stupa, Sarnath,uttar pradesh(india)
ReplyDeleteसारनाथ काशी के सात मील पूर्वोत्तर में स्थित बौद्धों का प्राचीन तीर्थ है,ज्ञान प्राप्ति के पश्चात भगवान बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश यही दिया था,यहीं से उन्होने "धर्म चक्र प्रवर्तन" प्राम्भ किया था,यहां पर सारन्गनाथ महादेव का मन्दिर भी है,जहां श्रावण के महिने में हिन्दुओं का मेला लगता है,यह जैन तीर्थ भी है,जैन ग्रन्थों में इसे सिंहपुर कहा गया है,सारनाथ की दर्शनीय वस्तुयें अशोक का चतुर्मुख सिंहस्तम्भ,भगवान बुद्ध का मन्दिर,धामेख स्तूप,चौखन्डी स्तूप,राजकीय संग्राहलय,जैन मन्दिर,चीनी मन्दिर,मूलंगधकुटी,और नवीन विहार हैं,मुहम्मद गौरी ने इसे नष्ट भ्रष्ट कर दिया था,सन १९०५ में पुरातत्व विभाग ने यहां खुदाई का काम प्रारम्भ किया,उसी समय बौद्ध धर्म के अनुयायों और इतिहास के विद्वानों का ध्यान इधर गया,वर्तमान में सारनाथ लगातार वृद्धि की ओर अग्रसर है.
ReplyDeleteDharmaksha Stupa, Sarnath,uttar pradesh,india.
ReplyDeleteराम राम ताऊ,
ReplyDeleteसारनाथ का बौद्ध स्तूप, वाराणसी, उत्तर प्रदेश
रामप्यारी जी इस पर तो आम भी दिखाई दे रहे है
आम का वृक्ष
Buddhist Stupa in Sarnath
ReplyDeleteregards
@ सीमा जी और दर्शन जी
ReplyDeleteये अमरुद या आम का पेड़ नहीं है अगर होता तो जवाब बाहर न होता :)
ये रामप्यारी कभी सीधा सवाल पूछ ही नहीं सकती.
Dhamekh Stupa at Sarnath is one of the prominent Buddhist structures in India. Dhamekh Stupa was constructed by the great Mauryan king, Ashoka. The Dhamekh Stupa is cylindrical in shape and about 34 m high and 28.3 m in diameter. The lower portion of the Stupa is covered completely with beautifully carved stones. The borders of Dhamekh Stupa have delicately carved geometrical and floral designs and figures of humans and birds. The base of the Stupa is made of stone with the upper areas of brickwork which probably once had a carved stone fencing. It is believed that Lord Buddha delivered his first sermon at the Dhamekha Stupa. Dhamekh Stupa bears special significance at Sarnath as it signifies the "seat of the holy Buddha", as he proclaimed his faith.
ReplyDeleteregards
Almond (badam ) tree
ReplyDeleteपहला उड़न तश्तरी का गैरेज है।
ReplyDeleteदुसरा सेब का पेड़ है जी।
राम राम
सारनाथ का बोद्ध मंदिर, वाराणसी, उत्तर प्रदेश
ReplyDeleteगोल गुम्बज, बीजापुर!
ReplyDeleteरामप्यारी यह तो अनार का पेड़ लग रहा है!
ReplyDeleteपत्ताज़ ऑफ आम यानी मैंगोज ट्री
ReplyDeleteसीधी भाषा में कहें तो आम के वृक्ष के पत्ते
और एक राज यहां पर भी है खुला हुआ
पत्ते जो कीड़ों ने हैं चबाए
आम के पेड़ के पत्ते हैं न
मीठे ही होंगे
इससे यह भी मत समझिएगा
इन्हें चीटिंयों ने अपना निवाला बनाया होगा।
दशहरे की अग्रिम बधाई!! ये पेड आम का है.पत्तों में चमक है, जबकि अमरूद के पत्ते सूखी सतह के होते हैं
ReplyDeleteश्री हरिकोटा संयंत्र
ReplyDeleteअब इमारत और शहर का नाम भी बतलाना होगा क्या
इतने भर से काम चला लें
अंतरिक्षीय इंसानी मिट्टीयुक्त कारीगरी
बाजीगरी का अद्भुत नमूना।
फिर तो जरूर लीची है.. और पहले में ताऊ के घर का कुठार है जिसमें ताई नाज इकठ्ठा करती है..
ReplyDeleteफिर तो जरूर लीची है.. और पहले में ताऊ के घर का कुठार है जिसमें ताई नाज इकठ्ठा करती है..
ReplyDeleteनहीं मानूंगा. आम ही है. लाक किया जाए.
ReplyDeleteपेड़ तो आम लग रहा है। पर इतना आसान सवाल तो आप देने से रहे। और पत्ते भी कुछ अलग-से हैं।
ReplyDeleteऊपर वाला तो समझ में ही नहीं आ रहा।
१० बजे देखेंगे अगर हिंट से कुछ पता चला।
बहुत अच्छी प्रस्तुति।
सर्वस्वरूपे सर्वेशे सर्वशक्तिसमन्विते।
भयेभ्यस्त्राहि नो देवि दुर्गे देवि नमोsस्तु ते॥
महानवमी के पावन अवसर पर आपको और आपके परिवार के सभी सदस्यों को हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई!
चिठियाना-टिपियाना संवाद
The Dhamekh Stupa, Sarnath
ReplyDeleteचमेली का पेड़ है...लेकिन इसमें आम जैसे क्या लग रहे हैं...मिक्स ब्रीड है क्या ?
ReplyDeleteनीरज
लगता तो आम ही है, पर भक्तजनों का शक भी अपनी जगह ठीक है :-)
ReplyDeleterampyari ka uttar- ashoka tree
ReplyDeleteसारनाथ
ReplyDeleteप्रणाम
रामप्यारी के सवाल का जवाब है
ReplyDeleteआम का पेड
प्रणाम
सारनाथ स्तूप
ReplyDeleteउत्तरप्रदेश
जै रामजी की
रामप्यारी के सवाल का जवाब
ReplyDeleteअगर ये आम का पेड नहीं है तो लीची का पेड है।
प्रणाम
सारनाथ प्रचिन बौध चैत्य (स्तूप)
ReplyDeleteउत्तर प्रदेश वाराणसी सारनाथ में स्थित
ReplyDeleteधमेक स्तूप- यह सारनाथ की सबसे आकर्षक संरचना है। सिलेन्डर के आकार के इस स्तूप का आधार व्यास 28 मीटर है जबकि इसकी ऊंचाई 43.6 मीटर है। धमेक स्तूप को बनवाने में ईट और रोड़ी और पत्थरों को बड़ी मात्रा में इस्तेमाल किया गया है। स्तूप के निचले तल में शानदार फूलों की नक्कासी की गई है।
आम्रवृक्ष,
ReplyDeleteअन्य कोई नाम देना, कच्चे आम-ए-खास के साथ अन्याय होगा।
वाराणसी के निकट सारनाथ का स्तूप है यह
ReplyDeleteसारनाथ वह स्थान है जहाँ गौतम बुद्ध ने सर्वप्रथम अपना उपदेश दिया था.
ReplyDeleteDhameka stupa,sarnaath,near varanasi,uttarpradesh.
ReplyDeleteआपकी पिछली पोस्ट से यह तो समझ आ गया था कि प्रश्न उत्तरप्रदेश से होगा .इसलिए उस दिन ही उत्तर प्रदेश के बारे में सब कुछ देख लिया था .सुबह ७:३५ बजे उठ कर इन्टरनेट भी लगा लिया पर अपने ऊर्जाप्रदेश की राजधानी में हर शनिवार सुबह बिजली ही नहीं होती है यह याद नहीं रहा .अपना ब्रॉडबैंड बिना बिजली के चलता नहीं है ,इसलिए हम कभी फर्स्ट आने से रहे :(
वैसे इस बार तो सही उत्तर का अम्बार लग गया होगा .
यह आम का पेड है
ReplyDeleteraampyari yeh to aam ka hee ped hai,is baar sahi jawab dikha kar shararat kyon kar rahi ho?
ReplyDeleteइतने सारे लोग मिलकर अटकल लगा रहे हैं ! लेकिन कोई पेड़ पर चढ़कर ठीक से चेक क्यों नहीं कर लेता ?
ReplyDeleteकमाल है~ लोगों नैं जमीं कुछ बेरा ही कोणी. अर यूँ बी शहरी मानसां णै पेड पौध्याँ का भला के बेरा सै...बताओ रूद्राकश के पेडे नै आम का बतावण लाग रे..... सारे नलैयक भरे पडे सैं :)
ReplyDeleteयो म्हानै तो "सारनाथ का स्तूप दिखे है"
ReplyDeleteरामप्यारी अमरूद का पेड़ है।
ReplyDeleteऔर वो तो कोई स्तूप है या गुम्बज और कहाँ है जब पता चल जाये तो बता देना।
राम प्यारी के सवाल का जबाब है। -
ReplyDeleteआम का पेड़
तथा प्रश्न नं. 1 का जबाब है।
- सारनाथ,वाराणसी का बोद्ध स्पूप (मन्दिर) उत्तरप्रदेश
इसी स्थान पर महात्मा बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश दिया था
प्रशन नं. 1 का सही जबाब हैं
ReplyDeleteसारनाथ (वाराणसी ) का बोद्ध मन्दिर (स्तुप),उत्तरप्रदेश इसी स्थान पर महात्मा बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश दिया था
दूसरे प्रश्न रामपयारी जी के प्रश्न का उत्तर हैं
ReplyDeleteआम का पेड़
ताऊ या फोटू देख के मै सोच्या के या बाजार आली मस्जिद से पर बंटी चोर धोरै जाण पै पता लग्गा कि या तो सांची को बोद्ध स्तूप है | और दूसरों आम को पेड है |
ReplyDeleteजब इतने लोग चीख-चीख कर आम का पेड़ कह रहे हैं तो हम क्या अहमक हैं जो कुछ और कहें ! अकेले हमें वैसे भी डर लगता है ! भीड़ के साथ ही रहेंगे !
ReplyDeleteहमारा भी जवाब "आम का पेड़" दर्ज किया जाए !
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इतने सारे लोगों ने आम का पेड़ कहा है ! अगर ये आम का पेड़ न हुआ तब भी मारे लज्जत के अगली बार से आम का फल ही देगा :)
aaj ke रामप्यारी के सवाल के हिंट का चित्र मेरे ब्लाग पर प्रकाशित कर दिया गया है. कृपया यहां चटका लगाकर रामप्यारी के ब्लाग पर जा सकते हैं.
ReplyDeleteधन्यवाद.
jaiphal tree
ReplyDeleteअरी आम प्यारी तु भी ना पता नही क्यो इतने कठिन कठिन सवाल पुछ रही हे? पता हे जब हम भारत मे थे तो इस पेड पर पत्थर मार मार कर इसे चटकारे से, ओर एक आंख बंद कर के खाते थे, ओर फ़िर कभी कभी पत्थर किसी के सर मे भी लगता थ, ओर हमारी आंखे भी दुखने लगती थी, समझ गई ना यह तरबुज का पेड हे जी, आम तो आज कल गंगा किनारे बेलो पर लगते हे :) राम राम
ReplyDeleteअरे ताऊ कभी सारनाथ नही गया नही तो बता देता कि यह क्या हे, वेसे किसी बोद्ध भिखक्षु से पुछना पडेगा?
ReplyDeleteराम प्यारी चल जामुन खाने चले, आम तो अब सब झड गये
ReplyDeleteचमेली प्यारी
ReplyDeleteराम प्यारी
का जवाब।
Varasaani Sarnath - Dhamekh Stupa
ReplyDeleteधामेक स्तूप सारनाथ उत्तर प्रदेश
ReplyDeleteधामेक स्तूप, सारनाथ
ReplyDeleteवाराणसी के पास सारनाथ का महान साँची स्तूप,उत्तर प्रदेश
ReplyDeleteआम का पेड़
ReplyDeleteराम प्यारी जी का जवाब -आम का पेड है ।
ReplyDeleteआशीष जी ये अशोका नही है ।चित्र को बडा कर देखो उस मे फल भी लगा हुआ है।
ReplyDeleteसभी को द्शहरे की बहुत बहुत बधाई ।
ReplyDelete...aam ka ped hai...aur doosara bijapoor gol-gumbaj hai!...kuchh to bolo Rampyaariji!
ReplyDeleteताऊ जी राम राम - नवमी और दसमी पर शुभकामनायें
ReplyDeleteपहेली का उत्तर है - ये बुद्ध स्तूप है - सारनाथ का
रामप्यारी जी को मेरा नमस्कार - उनके चित्र में - आम की पत्तियां हैं... आडू नासपाती भी हो सकता है
आम का पेड नही है रामप्यारी बडी शरारती हो गई है ओह ये तो...:-)
ReplyDeleteरामप्यारी का जवाब ..अखरोट का पेड
ReplyDeleteबता तो दिया था रामप्यारी
ReplyDeleteये लीची का पेड है।
राम राम
नाशपती का पेड़
ReplyDelete........ लीची का पेड है।
ReplyDeleteबहुत ही सरल..
ReplyDeleteमगर देर से आये:
सारनाथ, बनारस के पास!!
आम का पेड़.....प्यारी रामप्यारी
ReplyDeleteप्रकाश बाबू की चिन्ता सही निकली..कनाडा वाले भईया तो सोते ही रह गये. :)
ReplyDeleteAakhrot tree..(Walnut Tree )......
ReplyDeleteअखरोट का पेड़ : rampyari ka javab
ReplyDeleteई तो बहुत बड़ा सेड वाला मामला है !
ReplyDeleteहम यहाँ पूरा पावर के साथ जी जान लगाकर पहेली बुझा रहे हैं और हमारा रेसपेकटेड कंपटीटर लोग सो रहा है !
जीत की ख़ुशी में पटाखा फोड़ने का सारा मजा ही बुझा गया :(
फ़ुल टहनी पे ज्यादा, और फ़ल टहनी पर एक?
ReplyDeleteरामप्यारी की पहेली या पुरा फ़ेकम फ़ेक ॥
अंजीर का पेड
ReplyDeleteकाजू का पेड़ है ये तो ...
ReplyDeleteSarnath.
ReplyDeleteसारनाथ!
ReplyDeleteये वाराणसी, (उत्तर प्रदेश) के निकट सारनाथ है|
ReplyDeleteराम प्यारी इस बार मौलश्री के महकते फूलों का गुच्छा उठा लाई है|ये मौलश्री का पेड़ है|
ReplyDeleteदशहरे की बधाइयाँ !
ReplyDeleteजगह का पता रात में देखता हूँ !
raampyari lagta hai vanspti me hmari PHD krake hi maanogi raani. Ye RUDRAKH Ka tree hai. Itni mehnat to hmne kabhi exams me nahi ki ha ha ha ha ha ha .
ReplyDeleteraampyari lagta hai vanspti me hmari PHD krake hi maanogi raani. Ye RUDRAKH Ka tree hai. Itni mehnat to hmne kabhi exams me nahi ki ha ha ha ha ha ha .
ReplyDeleteविजयादशमी की बहुत बहुत बधाई ......
ReplyDelete(es war paheli mein mujhse kuchh galti ho gayi...dhekhte hain kya hota hai???....)