मिस समीरा टेढी के लिये आज का दिन बहुत व्यस्त रहा. आज समीरा जी मुंह अंधेरे ही ऊठकर राजमहल की अतिथिशाला के बगीचे मे मार्निंग वाक पर निकल गई. गधा सम्मेलन की तैयारियों का सारा ही बोझ उनके कमसिन कंधों पर आ पडा था. समीरा जी को चिंता इस बात की थी की ताऊ महाराज के विश्वास को ठेस ना लगे. आज ही सब तैयारियों के बारे मे बताने के लिये उनको ताऊ महाराज धृतराष्ट्र से मिलने राज दरबार भी जाना था. ज्यादातर तैयारियां पूर्ण हो चुकी थी
मिस टेढी राज दरबार को जाते हुये
मिस. टेढी को ब्रेकफ़ास्ट तो महाराज ताऊ के साथ ही लेना था सो वो तैयार होकर फ़टाफ़ट अपनी फ़ायल वगैरह उठाकर राजमहल की तरफ़ निकल पडी. राजमहल के मुख्य गेट पर ही रामप्यारे उन्हें मिल गया. रामप्यारे ने बताया कि ताऊ महाराज नाश्ते पर उनका बडी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.
मिस समीरा टेढी के महल में पहुंचते ही महाराज ताऊ की तबियत हरी हो गई और सीधे ब्रेक फ़ास्ट टेबल पर बात चीत शुरु हो गई.
ताऊ महाराज - समीरा जी सम्मेलन की तैयारियां कहां तक पहुंची? कोई कमी तो नही रह गयी? किसी तरह की दिक्कत तो आपको नही आरही है? मुझे समस्त विवरण विस्तार से दिजिये. आखिर ये हमारे ब्लागाव्रत की इज्जत का सवाल है. कहीं कोई कमी ना रहने पाये....
महाराज की बात बीच में काटते हुये मिस समीरा टेढी बोली - महाराजाधिराज ब्लागाव्रत के महान सम्राट ताऊ महाराज की जय हो. हे महाराज...मेरे रहते हुये आप किसी बात की चिंता ना करें. मुझे अपनी इज्जत का भले ही ख्याल ना हो पर आपकी इज्जत सरे बाजार नीलाम नही होने दूंगी. और अगर इसकी नौबत भी आई तो आपकी इज्जत का फ़ालूदा राजमहल की चारदिवारियों के अंदर ही बनवाऊंगी.
ताऊ महाराज - वाह वाह...हमें आपसे ऐसी ही उम्मीद थी कि आप हमारी इज्जत का आईसक्रीम सिर्फ़ राजमहल की दिवारों के अंदर ही बंटवायेगी. आखिर घर की बात घर के बाहर क्यूं जाये? अब जरा विस्तार से बताईये कि तैयारियां कहां तक पहुंची?
मिस समीरा टेढी - महाराज अब मैं आपको विस्तारपूर्वक संपूर्ण रिपोर्ट पेशे खिदमत करती हुं...बस जरा आपसे निवेदन है कि ध्यानपूर्वक सुनें और मुझे बीच में टोका ना जाये. जो भी सलाह देनी हो वो अंत मे दे दी जाये. अब मैं शुरुआत करती हूं.
मिस समीरा टेढी ने बोलना शुरु किया - हे ब्लागार्य महाराज ताऊ शिरोमणी, इस तरह के सम्मेलनों मे लोगो और सोटे का घूमना निहायत जरूरी है. सो मैने पूरे ब्लागाव्रत मे Taau's Baton यानि "ताऊ का सोंटा" घुमाने के लिये रवाना कर दिया है. और इस सम्मेलन में सभी आमंत्रितों को स्मृति चिन्ह के रूप यही दिया जायेगा.
गधा सम्मेलन के लिये ताऊ का सोंटा (Taau's baton)
ताऊ महाराज - अरे वाह मिस टेढी जी. पर ये Taau's Baton होता क्या है? क्या हमारी कमीज का कोई बटन है क्या?
अब रामप्यारे बीच मे बात काटकर बोला - महाराज की जय हो. जैसा कि मिस टेढी ने आपको अर्ज फ़रमाया कि Taau's Baton ताऊ महाराज के सोटे को कहते हैं. महाराज आज के समय में ये राजसूय यज्ञ करने जैसा ही है. Taau's Baton यानि महाराज का सोटा अब दिग दिगांतर की यात्रा पर निकल पडा है. सबको इसका स्वागत करना ही पडेगा और अगर स्वागत ना किया तो इसे हम अपना अपमान समझेंगे और उसका बदला हम सम्मेलन में चुकायेंगे. और ब्लागाव्रत के किस छछुंदर में इतना साहस है जो ताऊ महाराज के सोंटे को रोकने का प्रयत्न भी करे? आखिर आपके इतने चेले चमचे मेरा मतलब इतने सिपहसालार फ़िर किस दिन काम आयेंगे?
मिस टेढी, ताऊ महाराज को सब योजना समझाते हुये!
ताऊ महाराज - ओह रामप्यारे, अब समझा कि समीराजी कितनी बुद्दिमान हैं? समीराजी हमने आपको इंचार्ज बना कर बहुत समझदारी का काम किया है. आप तो हमें बिना युद्ध लडे ही पूरे ब्लागाव्रत का चक्रवर्ती महाराज बनवा देंगी. आगे बताईये.
अब मिस समीरा टेढी बोली - हे ब्लागार्य महाराज ताऊओं के ताऊ, ये आपका सोंटा सब जगह घूमना शुरू होगया है और अगर किसी ने विरोध व्यक्त किया या सोंटे का अपमान किया तो उससे बदला चुकाने का पूरा इंतजाम मैने कर दिया है. हमारा विरोध करने वाला जब सम्मेलन स्थल पहुंचेगा तब उसको नानी याद दिला दी जायेगी. आप चिंता ना करें.
ताऊ महाराज - समीरा जी ये आप क्या बोल रही हैं? हमारी साम्झ में कुछ नही आरहा है? जरा तफ़्सील से बताईये ना.
मिस समीरा टेढी - महाराज, अब आप ये समझ लिजिये कि हमारे सोटे का विरोध करने वाला अगर गलती से भी सम्मेलन में आगया तो उसको मलेरिया के मच्छरों से कटवा कटवा कर निपटाने का पुख्ता इंतजाम कर दिया गया है और इसके लिये मलेरिया मच्छरों के सम्राट से पूरी डील फ़ायनल कर ली गयी है. और ये मलेरिया सम्राट अपने वचन से कभी पीछे नही हटते.
ताऊ महाराज - यानि कि अब चिंता की कोई बात नही है? हमारे विरोधी ...अपने आप साफ़ हो जायेंगे?
मिस समीरा टेढी - जी महाराज....अब इसके पहले जरूरी ये है कि हम विनम्र होने का दावा करें और सबकी सहमति से प्रजातांत्ररिक ढंग से काम करने का दिखावा करें.
ताऊ महाराज - पर समीरा जी अगर हमने ऐसा किया तो हमारे हाथ क्या आयेगा? सारा माल और बजट तो विरोधी ले उडेंगे? हमारे अपने वालों को रेवडी कहां से बंटेगी?
सम्मेलन का लोगो "आपसी भाईचारा बढावो"
मिस समीरा टेढी - महाराज की जय हो. महाराज आप तो आंखे बंद करके आराम से बैठिये. रेवडी सिर्फ़ अपने वालों को ही बंटेगी. आप चिंता ना करें. सारी आगे की योजना आपको कल समझाऊंगी कि कैसे क्या करना है? अभी तो हमे एक आदर्श का दिखावा करना है. और इसके लिये मैने इस गधा सम्मेलन का लोगो भी तैयार कर लिया है.
ताऊ महाराज - समीरा जी, आप भी मजाक अच्छा कर लेती हैं? अरे हमारी आंखे तो जन्म से ही बंद है फ़िर उनको क्या बंद करना? रामप्यारे....रामप्यारे....जरा हमारे राज ज्योतिषी को बुलावा भेजा जाये.....हम जरा भविष्य के गर्त में क्या छुपा है? यह देखना चाहते हैं..............और फ़ौरन से पेश्तर सम्मेलन स्थल का मुआयना करने के लिये हम कूच करना चाहेंगे...कहीं ऐसा ना हो कि सम्मेलन स्थल पर अतिथियों को कहीं सांप दिखे...कहीं मच्छर काटें...कहीं किसी की खटिया ही खडी हो...हमारा मतलब किसी की खटिया ही टूट जाये....या कोई पुल ही टूट जाये? अथवा किसी को बेड टी या ब्रेकफ़ास्ट ही ना मिले.
(समीरा जी मन ही मन सोचती हैं कि यह बुढऊ महाराज अब खुद ही भविष्य देखने की बात करता है और इसे कुछ दिखाने का कहो तो कहता है कि मैं तो जन्मांध हूं.... लगता है यह महाराज भी कोई बहुत बडी चालू चीज है...या फ़िर आजकल महाराज को वाकई संपट नही बैठता ? समीरा जी ने यही सब सोचते हुये राजदरबार से रुखसत होने की आज्ञा प्राप्त की और अपने शयन कक्ष मे आकर भविष्य में आने वाली कठिनाईयों के बारे में सोचने लगी.)
शेष अगले भाग मे.....
मिस. टेढी को ब्रेकफ़ास्ट तो महाराज ताऊ के साथ ही लेना था सो वो तैयार होकर फ़टाफ़ट अपनी फ़ायल वगैरह उठाकर राजमहल की तरफ़ निकल पडी. राजमहल के मुख्य गेट पर ही रामप्यारे उन्हें मिल गया. रामप्यारे ने बताया कि ताऊ महाराज नाश्ते पर उनका बडी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.
मिस समीरा टेढी के महल में पहुंचते ही महाराज ताऊ की तबियत हरी हो गई और सीधे ब्रेक फ़ास्ट टेबल पर बात चीत शुरु हो गई.
ताऊ महाराज - समीरा जी सम्मेलन की तैयारियां कहां तक पहुंची? कोई कमी तो नही रह गयी? किसी तरह की दिक्कत तो आपको नही आरही है? मुझे समस्त विवरण विस्तार से दिजिये. आखिर ये हमारे ब्लागाव्रत की इज्जत का सवाल है. कहीं कोई कमी ना रहने पाये....
महाराज की बात बीच में काटते हुये मिस समीरा टेढी बोली - महाराजाधिराज ब्लागाव्रत के महान सम्राट ताऊ महाराज की जय हो. हे महाराज...मेरे रहते हुये आप किसी बात की चिंता ना करें. मुझे अपनी इज्जत का भले ही ख्याल ना हो पर आपकी इज्जत सरे बाजार नीलाम नही होने दूंगी. और अगर इसकी नौबत भी आई तो आपकी इज्जत का फ़ालूदा राजमहल की चारदिवारियों के अंदर ही बनवाऊंगी.
ताऊ महाराज - वाह वाह...हमें आपसे ऐसी ही उम्मीद थी कि आप हमारी इज्जत का आईसक्रीम सिर्फ़ राजमहल की दिवारों के अंदर ही बंटवायेगी. आखिर घर की बात घर के बाहर क्यूं जाये? अब जरा विस्तार से बताईये कि तैयारियां कहां तक पहुंची?
मिस समीरा टेढी - महाराज अब मैं आपको विस्तारपूर्वक संपूर्ण रिपोर्ट पेशे खिदमत करती हुं...बस जरा आपसे निवेदन है कि ध्यानपूर्वक सुनें और मुझे बीच में टोका ना जाये. जो भी सलाह देनी हो वो अंत मे दे दी जाये. अब मैं शुरुआत करती हूं.
मिस समीरा टेढी ने बोलना शुरु किया - हे ब्लागार्य महाराज ताऊ शिरोमणी, इस तरह के सम्मेलनों मे लोगो और सोटे का घूमना निहायत जरूरी है. सो मैने पूरे ब्लागाव्रत मे Taau's Baton यानि "ताऊ का सोंटा" घुमाने के लिये रवाना कर दिया है. और इस सम्मेलन में सभी आमंत्रितों को स्मृति चिन्ह के रूप यही दिया जायेगा.
ताऊ महाराज - अरे वाह मिस टेढी जी. पर ये Taau's Baton होता क्या है? क्या हमारी कमीज का कोई बटन है क्या?
अब रामप्यारे बीच मे बात काटकर बोला - महाराज की जय हो. जैसा कि मिस टेढी ने आपको अर्ज फ़रमाया कि Taau's Baton ताऊ महाराज के सोटे को कहते हैं. महाराज आज के समय में ये राजसूय यज्ञ करने जैसा ही है. Taau's Baton यानि महाराज का सोटा अब दिग दिगांतर की यात्रा पर निकल पडा है. सबको इसका स्वागत करना ही पडेगा और अगर स्वागत ना किया तो इसे हम अपना अपमान समझेंगे और उसका बदला हम सम्मेलन में चुकायेंगे. और ब्लागाव्रत के किस छछुंदर में इतना साहस है जो ताऊ महाराज के सोंटे को रोकने का प्रयत्न भी करे? आखिर आपके इतने चेले चमचे मेरा मतलब इतने सिपहसालार फ़िर किस दिन काम आयेंगे?
ताऊ महाराज - ओह रामप्यारे, अब समझा कि समीराजी कितनी बुद्दिमान हैं? समीराजी हमने आपको इंचार्ज बना कर बहुत समझदारी का काम किया है. आप तो हमें बिना युद्ध लडे ही पूरे ब्लागाव्रत का चक्रवर्ती महाराज बनवा देंगी. आगे बताईये.
अब मिस समीरा टेढी बोली - हे ब्लागार्य महाराज ताऊओं के ताऊ, ये आपका सोंटा सब जगह घूमना शुरू होगया है और अगर किसी ने विरोध व्यक्त किया या सोंटे का अपमान किया तो उससे बदला चुकाने का पूरा इंतजाम मैने कर दिया है. हमारा विरोध करने वाला जब सम्मेलन स्थल पहुंचेगा तब उसको नानी याद दिला दी जायेगी. आप चिंता ना करें.
ताऊ महाराज - समीरा जी ये आप क्या बोल रही हैं? हमारी साम्झ में कुछ नही आरहा है? जरा तफ़्सील से बताईये ना.
मिस समीरा टेढी - महाराज, अब आप ये समझ लिजिये कि हमारे सोटे का विरोध करने वाला अगर गलती से भी सम्मेलन में आगया तो उसको मलेरिया के मच्छरों से कटवा कटवा कर निपटाने का पुख्ता इंतजाम कर दिया गया है और इसके लिये मलेरिया मच्छरों के सम्राट से पूरी डील फ़ायनल कर ली गयी है. और ये मलेरिया सम्राट अपने वचन से कभी पीछे नही हटते.
ताऊ महाराज - यानि कि अब चिंता की कोई बात नही है? हमारे विरोधी ...अपने आप साफ़ हो जायेंगे?
मिस समीरा टेढी - जी महाराज....अब इसके पहले जरूरी ये है कि हम विनम्र होने का दावा करें और सबकी सहमति से प्रजातांत्ररिक ढंग से काम करने का दिखावा करें.
ताऊ महाराज - पर समीरा जी अगर हमने ऐसा किया तो हमारे हाथ क्या आयेगा? सारा माल और बजट तो विरोधी ले उडेंगे? हमारे अपने वालों को रेवडी कहां से बंटेगी?
मिस समीरा टेढी - महाराज की जय हो. महाराज आप तो आंखे बंद करके आराम से बैठिये. रेवडी सिर्फ़ अपने वालों को ही बंटेगी. आप चिंता ना करें. सारी आगे की योजना आपको कल समझाऊंगी कि कैसे क्या करना है? अभी तो हमे एक आदर्श का दिखावा करना है. और इसके लिये मैने इस गधा सम्मेलन का लोगो भी तैयार कर लिया है.
ताऊ महाराज - समीरा जी, आप भी मजाक अच्छा कर लेती हैं? अरे हमारी आंखे तो जन्म से ही बंद है फ़िर उनको क्या बंद करना? रामप्यारे....रामप्यारे....जरा हमारे राज ज्योतिषी को बुलावा भेजा जाये.....हम जरा भविष्य के गर्त में क्या छुपा है? यह देखना चाहते हैं..............और फ़ौरन से पेश्तर सम्मेलन स्थल का मुआयना करने के लिये हम कूच करना चाहेंगे...कहीं ऐसा ना हो कि सम्मेलन स्थल पर अतिथियों को कहीं सांप दिखे...कहीं मच्छर काटें...कहीं किसी की खटिया ही खडी हो...हमारा मतलब किसी की खटिया ही टूट जाये....या कोई पुल ही टूट जाये? अथवा किसी को बेड टी या ब्रेकफ़ास्ट ही ना मिले.
(समीरा जी मन ही मन सोचती हैं कि यह बुढऊ महाराज अब खुद ही भविष्य देखने की बात करता है और इसे कुछ दिखाने का कहो तो कहता है कि मैं तो जन्मांध हूं.... लगता है यह महाराज भी कोई बहुत बडी चालू चीज है...या फ़िर आजकल महाराज को वाकई संपट नही बैठता ? समीरा जी ने यही सब सोचते हुये राजदरबार से रुखसत होने की आज्ञा प्राप्त की और अपने शयन कक्ष मे आकर भविष्य में आने वाली कठिनाईयों के बारे में सोचने लगी.)
शेष अगले भाग मे.....
तो सम्मलेन में भाग लेने वालों को एक केन्द्रीय मंत्री की तर्ज पर समीरा मेडम ने भी धमकाना शुरू कर दिया !!
ReplyDeleteबढ़िया व्यंग्य !!
ताऊ
ReplyDeleteराम राम ,
अब अपने धंधों को बचाने के लिए समीरा टेढ़ी को लगा दिया , अपने विरोधियों को मच्छरों से कटवाओगे और डेंगू होने पर उन्हें अपने ही अस्पताल में भर्ती कर, अपनी घुटी हुई महंगी दवाएं पिलवा कर. उनको निचोड़ने का प्लान बढ़िया है !
अब समीरा टेढ़ी से कौन पंगा लेगा सो मस्त रहो ...जीत तो हर हालत में तुम्हारी ही होगी ! मजे करो ...
हम तो जाते अपने गाम ...
हमारी क्या औकात जो इस राजदण्ड को याने आपके सोटे के मार्ग में बाधक बने। आप तो राजस्थान की तरफ से निश्चिंत रहो जी यहाँ के सारे ही गधे आपकी हाजिरी में तैयार रहेंगे।
ReplyDeleteअब तो गधा धंसान तय है एक डंडा के कहते देश का सारा फंडा गड़बड़ा गया और अब ये ताऊ की सोटी :)
ReplyDeleteताऊ जी!
ReplyDeleteजरा मिस. टेढी को सलाह दें कि दाढ़ी मूँछ निकल आए तो कोई बात नहीं, शेव कर लिया करे।
ताऊ जी राम राम आज फिर वही गलती ये समीराजी भी बस अपनी मर्जी चलाती हैं। गदा सम्मेलन ही क्यों इन गधियों को भी तो कुछ सम्मन मिलना चाहिये। आप तो साँपों को दूध पिलाते हो गधों को सम्मेलन मे बुलाते हो। चलो सब गधियाँ मिल कर समीरा टेढी के खिलाफ आन्दोलन चलायें
ReplyDeleteनहीं चलेगा-- नही चलेगा --
भेद भाव ये नही चलेगा।
ताउ यो तो डंडे की डमडम हो रही सै।
ReplyDeleteआग्गे की राम जाणे। पण मामला फ़िट सै।
राम राम
ताऊ जी!
ReplyDeleteजरा मिस. टेढी शेव कर लिया करे।
..........बढ़िया व्यंग्य !!
ReplyDeleteवाह ताऊ का सोंटा घूमने लगा..वाह इंतज़ार है जी :) .
ReplyDeleteइस सम्मलेन में कितने गधे आयंगे | इन्ताजाम तो ठीक से करना |
ReplyDeleteगधों के अलावा भी कौंकौन आ रहा है इस सम्मेलन में .... टेंट और बाकी कामों का ठेका किसे मिल रहा है ... कहीं कलमाडी से सलाह तो नही ले रहे ...
ReplyDeleteबरसात का अवसान हो गया है
ReplyDeleteतो सम्मेलनों का दौर तो शुरू होगा ही!
--
गधा सम्मेलन की सफलता की कामना करता हूँ!
Taau's Baton होता क्या है? क्या हमारी कमीज का कोई बटन है क्या?
ReplyDeleteहा, हा, हा!...ताउजी मजा आ गया...क्या कम्माल के डायलोग है!
कहानी शिक्षाप्रद है!... छोटी उम्र में भी हामिद अपनी दादी के दुःख दर्द को समझ रहा है!....मर्म को छू ने वाली कहानी है यह!....आपने समीक्षा भी बेहद सुंदर की है सत्यप्रकाश जी!...शुभकामनाएं!
ReplyDeletetau ji ghana gajab ka majak karle hai, manne bahut pasand aaya
ReplyDeleteबढ़िया व्यंग्य !
ReplyDeleteसचित्र व्यंग्य की बात ही कुछ और होती है ।
ReplyDeleteमान गये ताऊ....यो धृ्तराष्ट आँख का बेशक अन्धा है, लेकिन अक्ल से अन्धा कोणी :)
ReplyDeleteमुझे अपनी इज्जत का भले ही ख्याल ना हो पर आपकी इज्जत सरे बाजार नीलाम नही होने दूंगी.्ताऊ लगत है समीरा मेडम बहुत मरने लगी है आप पर, तभी तो सरे आम नही किसी नीलामी हाल मे इज्जत को नीलाम करेगी:)
ReplyDeleteसोंटा बहुत सॉलिड हाथ लगा.. :)
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर, शानदार और ज़बरदस्त व्यंग्य रहा! मिस टेढ़ी तो एकदम मस्त लग रही है!
ReplyDeleteताऊ,
ReplyDeleteक्वींस बैटन से कम ना है, थारा सोटा। और फ़िर मिस समीरा टेढ़ी का साथ, सुपर हिट है मामला।
चालण दे, देखी जाओगी।
राम राम।
ताऊ,
ReplyDeleteक्वींस बैटन से कम ना है, थारा सोटा। और फ़िर मिस समीरा टेढ़ी का साथ, सुपर हिट है मामला।
चालण दे, देखी जाओगी।
राम राम।
हा हा :डी अच्छा व्यंग्य है ताऊ जी कॉमन वेल्थ पर...
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