ताऊ महाराज धृतराष्ट्र और ताई महारानी गांधारी के बारे में आप अथ: श्री ताऊभारत कथा और
महाराज ताऊ धृतराष्ट्र द्वारा गधा सम्मेलन 2010 आहूत पढ चुके हैं. अब आगे पढिये...
महाराज ताऊ और महारानी ताई राज दरबार मे सिंहासन पर विराजमान हैं. रामप्यारे गधा सम्मेलन के एजेंडे को फ़ायनल प्रारूप देने में लगा है.
महाराज ताऊ कुछ व्यग्र से हो ऊठे हैं और पूछते हैं - हे रामप्यारे, सम्मेलन के एजेंडे की तैयारियों में आखिर तुम कितना वक्त जाया करोगे? फ़िर कब निमंत्रण पत्र भेजे जायेंगे? कब लोगों के आने की सूचना आयेगी कि कौन कौन पधार रहा है?
रामप्यारे - महाराज ताऊ की जय हो, आपकी सूचना के लिये बतादूं कि देश विदेश में चहुं और सभी को खुला निमंत्रण पहले ही भेजा जा चुका है. और अनेक लोगों के आने की सूचनाएं भी प्राप्त होने लगी हैं. ब्लागपंडित से विचार विमर्श करके मैने सम्मेलन का एजेंडा भी फ़ायनल कर लिया है. अब आपकी स्वीकृति मिले तो इस एजेंडे को जारी कर दिया जाये ताऊश्रेष्ठ.
ताऊ महाराज - वाह रामप्यारे वाह...हम तुम्हारा एहसान कैसे चुका पायेंगे गर्दभ शिरोमणी? महारानी ने तो इन सब राजकाजों से बचने के लिये जानबूझकर इतने सालों से खुद आंखों पर पट्टी बांध ली, जबकि आजकल महिला शक्ति राजकार्यों सहित सब कुछ करने में सक्षम है. और अनेकों उदाहरण मौजूद हैं. द्वापर से आज तक सिर्फ़ एक तुम ही हो जो अपने इस अंधे महाराज का साथ निभाते आये हो....
महाराज की बात काटते हुये गुस्से से तमतमाई ताई महारानी बोली - हे ब्लागार्य पुत्र, आप मेरी सहृदयता का नाजायज फ़ायदा ऊठा रहे हैं. मैने जन्मों जन्मों से पातिव्रत्य धर्म का पालन किया है और आप मुझे इसका ये इनाम दे रहे हैं कि मैंने आपका राजकाज में साथ नही दिया? मैने कामचोरी करने के लिये आंखों पर पट्टी बांधने का नाटक कर रखा है? अगर मुझे यह सब ही करना होता तो कृष्ण को ऐसा श्राप क्यों देती कि उसका वंश ही खत्म हो गया? बोलिये...बताईये...मेरी बात का जवाब देना होगा ब्लागार्य आज...वर्ना मैं आज से कोपभवन में जा विराजूंगी...
महारानी के ऐसे बोल वचन सुनकर ताऊ महाराज तो सन्न रह गये. अब करें तो क्या करें?....मुंह से कुछ शब्द नही फ़ूटे...महारानी ने अपनी दासी को आवाज लगायी और राजसिंहासन से ऊठकर अपने कक्ष की तरफ़ बढ गई. अन्य दरबारियों को कुछ समझ नही आया...
रामप्यारे कुछ चिंतित सा ताऊ महाराज के नजदीक जा कर फ़ुसफ़ुसाया - हे महाराज ताऊश्रॆष्ठ ...आपने आज ये क्या अनर्थ कर दिया? आपने ताई महारानी पर ये गलत आरोप क्यों लगा दिया? लगता है कलि काल का प्रभाव आपकी बुद्धि पर संपूर्ण रूप से छा गया है. इसके पहले कि ताई महारानी कि बुद्धि पर कलियुग का प्रभाव पडे...आप फ़ौरन से पेश्तर जाकर महारानी से क्षमा याचना करलें वर्ना आप बहुत संकट में पड जायेंगे....
ताऊ महाराज बोले - हे रामप्यारे, यह तुम्हारी अक्ल को क्या होगया है? कैसी बहकी बहकी बातें कर रहे हो? हम महाराज हैं....हमने अगर अपने मन की बात कहदी तो महारानी को इसमे इतना बुरा मानने की क्या बात थी? हम जो कुछ कहें वो सुनना उनका फ़र्ज है.
रामप्यारे बोला - महाराज की जय हो, आप ये क्यों नही समझ रहे हैं कि अब ये द्वापर नही कलयुग आ चुका है. इस कलयुग में पति पत्नि एक दूसरे की लानत मलानत करना अपना पुनीत कार्य समझते हैं..... जैसे आप द्वापर में महारानी को पूरा मान सम्मान देते थे और अब नही देते हैं....इसी तरह अगर महारानी ने कलयुगी प्रभाव में आप पर केस मुकदमा या पुलिसिया कारवाई कर दी...या कहीं महिला मोर्चा बुलवा कर हाय हाय...के नारे लगवा दिये.. तो सारी महाराज गिरी रखी रह जायेगी....
किंचित चिंतित से ताऊ महाराज ने पूछा - हे रामप्यारे, ना जाने हमको आज पहली बार तुम्हारी भाषा समझ में नही आ रही है? हम समझ ही नही पा रहे हैं कि ये केस मुकदमा...पुलिसिया कारवाई...महिला मोर्चा...ये सब क्या होता है?
रामप्यारे - महाराज जरा आहिस्ता बोलिये....पुलिस का तो कुछ पूछिये ही मत...कलयुग में पुलिस का तो इतना खौफ़ है कि ऐरे गैरे भी पुलिस की धमकी देकर डराकर अपना काम निकाल लेते हैं, पुलिस से दोस्ती के नाम पर दूसरों पर अपना रौब दाब दिखाने से भी नही चूकते.....और महिला मोर्चा की तो क्या कहूं?....ये समझ लिजिये कि अगर महिला मोर्चे को भनक भी लग गई तो बिना ताई की मर्जी के भी वो सौ पचास महिलाओं को इकठ्ठा करके टूट पडेंगी आपके खिलाफ़... और महल के सामने आकर ....महाराज हाय हाय.....महिलाओं पर अत्याचार बंद करो के नारे लगाने शुरु कर देंगी...
चिंतित से ताऊ महाराज ने बीच मे ही कहा - हे रामप्यारे तुम हमको इस तरह डरा क्यों रहे हो? हमने ऐसा क्या गुनाह कर दिया?
रामप्यारे - हे ताऊ श्रेष्ठ, ये घोर कलियुग है....यहां कुछ करने की जरुरत ही नही है. बस अगर आपकी तरह ताई के सर पर भी कलियुग सवार होगया और उन्होनें धारा 498A में आपके खिलाफ़ मुकदमा दर्ज करवा दिया तोविधी विशेषज्ञ द्विवेदी जी भी आपको अंदर होने से नही बचा पायेंगे. सोच लिजिये महाराज... इसीलिये कह रहा हूं कि तुरंत महारानी के कक्ष मे चलकर क्षमा मांग लिजिये और आईंदा के लिये अपनी जबान पर काबू रखिये....
महाराज घबराये हुये से उठते हुये बोले - हे रामप्यारे, हमको तुरंत महारानी के कक्ष में ले चलो...हम अभी माफ़ी मांग लेते हैं...गधा सम्मेलन का एजेंडा हम कल सुनेंगे फ़िल्हाल गधा सम्मेलन अगले माह तक स्थगित किया जाये.
और महाराज ताऊश्रेष्ठ रामप्यारे की पूंछ पकडकर महारानी के कक्ष की तरफ़ चल पडे. महारानी वहां कोप शैया पर पडी थी. महाराज ताऊ ने हाथ जोड कर दंडवत क्षमा याचना की, उसके बाद दोनो भोजन कक्ष की तरफ़ चले गये.
अब अगले दिन राज दरबार मे क्या हुआ .... ये कल सुबह पढिये
(क्रमश:)
ताई से पंगा लोगे तो दंडवत माफी तो मांगना ही पड़ेगी..वो तो भला हुआ लट्ठ नहीं पड़े ताऊ धृतराष्ट्रे के साथ साथ चेले रामप्यारे को वरना सब एजेंडा वगैरह धरा रह जाता, :)
ReplyDeleteआमंत्रितों की पूरी सूची जाहिरे दरबार की जाय !
ReplyDeleteBahur karara vyang, bhaaw sampreshan me purn saksham. Badhaii
ReplyDeleteकल के क्रमश: का इंतजार .............
ReplyDeleteअच्छा किया जो महारानी से क्षमा मांग ली
ReplyDeleteटाइम से ही सद्बुद्धि आ गयी.
राम्र राम
ताऊ जी अब संभल कर ज़बान खोलेंगे|
ReplyDeleteगधा सम्मेल की देरी पर गधों में बहुत आक्रोश है ... सारे गधे मिल कर गद्धारी जी को मनाने को तैयार हैं ...
ReplyDeleteताऊ आपके राज में साड़ियों की सेल नहीं लगती क्या ...
ReplyDeleteअब तक महारनी कोपभवन में ही हैं ..?
आदरणीय ताऊजी
ReplyDeleteघणी रामराम
बहुत अच्छे से चल रही है ताउभारत...उम्मीद है ध्रतराष्ट्र की माफ़ी का कुछ असर होगा .
यहाँ भी पधारे
विरक्ति पथ { भाग ३ }
अनुष्का
बहुत अच्छी प्रस्तुति। राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है।
ReplyDeleteमराठी कविता के सशक्त हस्ताक्षर कुसुमाग्रज से एक परिचय, राजभाषा हिन्दी पर अरुण राय की प्रस्तुति, पधारें
सौ पते की एक बात,
ReplyDeleteमहिला मोर्चा से डर कर रहो। इसे केवल लिखने में ही नहीं व्यवहार में भी उतार लिजिए, प्रभु कल्याण करेगा। जारी रखिए।
ताऊ !
ReplyDeleteराम राम !
यह रामप्यारे के अलावा दूसरा कोई मैनेजेर आपको नहीं सूझता ...यह मरवा देगा किसी दिन !
और सुना है उड़नतश्तरी इंडिया आ रही है ...उसको उड़ाने में मदद करो तो दुकान रातो रात चमक जायेगी ! सोच विचार कर जवाब देना . सौदा फायदे का है !
बहुत बढ़िया, मज़ेदार और शानदार प्रस्तुती! तैया महारानी का चित्र तो गज़ब का लगा! बेहतरीन पोस्ट!
ReplyDeleteताऊ जी कहीं ये सम्मेलन रद्द ना हो जाये..........
ReplyDeleteजिन्दाबाद जिन्दाबाद, ताई महारानी जिन्दाबाद..
ReplyDeleteताई महारानी की जै...
ताई जी ने कर ही दिया इमोशनल अत्याचार...
ReplyDeleteआखिर कितनी बार सम्मेलन निरस्त कर डेट आगे बढाते रहेंगे..... कहीं ताई फिर कोप भवन में न चली जाए .... रामप्यारे तो आपको बरगला रहा है .... .. अपने प्यारे चेले रामप्यारे पर जरा रोक लगवाये .... वरना ताई तो जायेगी फिर से कोप भवन में .... हा हा हा
ReplyDeleteताऊ इस कहानी को बी आर चौपडा से बचा के रखना वो चुराने की फिराक में है |
ReplyDeleteTawu ji, Tai ke liye Gole gappe kharid kar le aaiye
ReplyDelete...ताउजी ये ताई गांधारी को कोप भवन में किसने जाने दिया?...कोप भवन में तो कैकेयी पहले ही से बैठी हुई है!...वैसे माफी मांगना बहुत अच्छी बात है!...गधा संमेलन हो कर ही रहेगा!
ReplyDeleteआइब समझ आ गयी आई की महिमा .... बेफ़जूल में पंगा न लियो ..... आइब कलयुग है याद राखियो ....
ReplyDeleteराम राम ताऊ .....
हम तो कल का इन्तजार कर रहे हैं...देखते हैं ये ऊंठ किस करवट बैठता है...
ReplyDeleteयो ताऊ ईसे पंगे लेते रयो है ..इक दिन ताई या का सर ऊ की गदा से ही फ़ोड डालेगी ..हम अभी से ही दरबार में जगह बना लेते हैं
ReplyDeleteए देखो ,एजेण्डे का तो अंडा बन गया ।
ReplyDeleteताऊ, इब आया सै ऊंट पहाड़ के तलै, ताई ने मिस समीरा टेढ़ी के बारे में जान पाट गई होती तो और साका हो जाता। ठीक करया माफ़ी वाफ़ी मांगकर बात उड़ै ही डाट दी।
ReplyDeleteरामराम।
सही बैंड बजा रहा है रामप्यारे ताउ की………………हा हा हा।
ReplyDeleteTau ji raam raam- tai ji kaha hai... gadhaa sammelan kaisa chal raha hai... chitr to bade jaandaar..aur hsi ke fuhaar aa rahe hai..samira tedi ki photo bhi bahut sundar khinchi gayi........dhanyvaad
ReplyDeleteTau ji raam raam- tai ji kaha hai... gadhaa sammelan kaisa chal raha hai... chitr to bade jaandaar..aur hsi ke fuhaar aa rahe hai..samira tedi ki photo bhi bahut sundar khinchi gayi........dhanyvaad
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