ताऊ अस्पताल पहले बंद होने की कगार पर आगया था, पर जैसे ही मिस समीरा टेढी को ताऊ अस्पताल के प्रोमोशन के लिये अनुबंधित किया तबसे ताऊ अस्पताल चलने क्या लगा बल्कि दौडने लगा. हमने ताऊ अस्पताल की दिन दुगुनी रात चौगुनी उन्नति का राज जानने के लिये मिस समीरा टेढी से एक संक्षिप्त मुलाकात का समय मांगा. मिस समीरा टेढी ने हमको उनके व्यस्ततम समय में से कुछ समय दिया. हमारी उनसे हुई बातचीत के कुछ अंश :-
हमने पूछा कि ताऊ अस्पताल की उन्नति का राज क्या है?
मिस टेढी - देखिये...हमारे अस्पताल में जो भी मरीज आता है हम उसका पक्का इलाज करते हैं....
हमने बीच में टोकते हुये पूछा - मैम...पक्के इलाज से आपका क्या मतलब है? कोई कच्चा इलाज भी होता है क्या?
मिस. टेढी - देखिये...मिस्टर....पक्के से मेरा मतलब है कि हम मरीज का फ़ुलप्रूफ़ इलाज करते हैं...जैसे ही मरीज हमारे चंगुल मे...ओह सारी...आई मीन...जैसे ही पेशेंट ताऊ अस्पताल में दाखिल होता है हम उसका सबसे पहले तो मिस. रामप्यारी द्वारा कैट-स्केन करवाते हैं. उसके बिना हम इलाज ही शुरु नही करते. फ़िर उसकी सब पैथालाजिकल जांचे करवाई जाती हैं. चाहे जरुरत हो या नही हो.... और उसके बाद मरीज को सीधे बिना एडमिट किये घर नही जाने देते.
हमने पूछा - मिस टेढी, फ़िर तो आपके अस्पताल का इलाज बहुत महंगा होता होगा?
मिस. टेढी - ओह नो....बस साधारण तौर पर साधारण बुखार के मरीज को हम चालीस पचास हजार में ठीक करके घर भिजवा देते हैं....अब आज के जमाने में हमारे भी तो खर्चे लगे हैं कि नही?
हमने पूछा - मिस टेढी - हमको ये समझ नही आया कि ताऊ अस्पताल के डाक्टर ताऊ पहले तो ठगी डकैती का धंधा करते थे. राज भाटिया जी के कितने ही रूपये डकार गये...और डाक्टर ताऊ ने जबसे अस्पताल का धंधा शुरु किया है उनके पैमाने ही बदल गये है? आजकल वो बी एम डबल्यु कार में घुमते हैं, उनके बच्चे विदेशों में पढ रहे हैं. ये बताईये कि आपको इतने मरीज मिलते कहां से हैं?
मिस. टेढी - वो क्या है ना...कि इसके लिये डाक्टर ताऊ ने नगर निगम के कर्धा धर्ताओं से विशेष संपर्क बना रखा हैं ताकि वो मच्छरों को फ़लने फ़ूलने दें और डा. ताऊ अस्पताल भी चांदी काटता रहे....यू नो...सब सेटिंग का काम है... ताऊ अस्पताल का नारा है मच्छर हत्या पाप है.
हमने कहा - जी समझ गये मिस टेढी जी....पर मच्छर क्या नगर निगम के बिना नही मारे जाते? या आप इसके लिये भी कोई और उपाय करते हैं?
मिस. टेढी - ओह याद आया.... इसके लिये हम सर्टीफ़ाईड बाबा श्री ललितानंद जी महाराज से सलाह लेके नियमित रूप से "मच्छर बढावो हवन" करवाते हैं, और मच्छरों को कोई नुक्सान नही करे इसके लिये शहर में खास इंतजाम करवाते हैं. एंड...यू नो...ताऊ अस्पताल में नियमित मच्छर आरती गायन और मच्छर पूजा से दिन की शुरुआत होती है....नाऊ योर...टाईम इज ओवर..मिस्टर.....मच्छर हवन आरती के लिये बाबाश्री ललितानंद जी महाराज आचुके हैं...मुझे उसकी तैयारी भी करवानी है...आप भी आईये ना..हवन में..मच्छर परसाद लेके जाईयेगा...
बाबाश्री ललितानंद जी महाराज से आशिर्वाद प्राप्त करते हुये मिस. समीरा टेढी
इसके बाद बाबाश्री ललितानंद जी महाराज ने अस्पताल में मरीजों की संख्या बढती रहे और डाक्टर ताऊनाथ की चांदी कटती रहे, इसके लिये जोर शोर से मच्छर यज्ञ संपन्न कराया. फ़िर मच्छर आरती की गई.
ॐ जय मच्छर देवा, स्वामी जय मच्छर देवा।
ताऊ डाक्टर के संकट, क्षण में दूर करो देवा॥ टेक-क्षण में दूर करो देवा
स्वामी जय मच्छर देवा।
जो नर तु्मको ध्यावे, द्विगुणित फल पावे, ।
सुख सम्पति घर आवे,संतान विदेश पढावै॥ टेक-संतान विदेश पढावै
स्वामी जय मच्छर देवा।
तुम माई बाप हमारे,पांव पडूं मैं किसके।
तू बंगला कार दिलावै, हम जेब भरे खिसके॥- टेक-हम जेब भरे खिसके॥
स्वामी जय मच्छर देवा।
तुम पूरण परमात्मा, तुम हो कालयामी .
पार कराते नैया,तुम भवसागर स्वामी, टेक-भवसागर स्वामी||
स्वामी जय मच्छर देवा।
तुम करुणा के सागर, तुम मेरे पालनकर्ता .
मैं सेवक तुम स्वामी, तुम हास्पीटल भर्ता॥,टेक- तुम हास्पीटल भर्ता
स्वामी जय मच्छर देवा।
तुम हो एक अगोचर,स्वामी रोगों के कारक।
कृपा करो दयामय, स्वामी रोग प्रसारक॥ टेक-स्वामी रोग प्रसारक॥
स्वामी जय मच्छर देवा।
हे हमरे बंधु दुखहर्ता, जनता के दुख:देवा।
अपना डंक लगाओ, जनता के जी लेवा ॥ टेक-जनता के जी लेवा॥
स्वामी जय मच्छर देवा।
निशदिन रोग बढाओ,दुष्ट दलन देवा ।.
तुम मलेरिया फ़ैलाओ,डाक्टर ले मेवा॥ टेक-,डाक्टर ले मेवा॥
स्वामी जय मच्छर देवा।
हे मच्छर देव...जैसे आपने डाक्टर ताऊ के दुख क्लेश दूर किये वैसे ही सबके दुख क्लेश हरो देवा.
हमने पूछा कि ताऊ अस्पताल की उन्नति का राज क्या है?
मिस टेढी - देखिये...हमारे अस्पताल में जो भी मरीज आता है हम उसका पक्का इलाज करते हैं....
हमने बीच में टोकते हुये पूछा - मैम...पक्के इलाज से आपका क्या मतलब है? कोई कच्चा इलाज भी होता है क्या?
मिस. टेढी - देखिये...मिस्टर....पक्के से मेरा मतलब है कि हम मरीज का फ़ुलप्रूफ़ इलाज करते हैं...जैसे ही मरीज हमारे चंगुल मे...ओह सारी...आई मीन...जैसे ही पेशेंट ताऊ अस्पताल में दाखिल होता है हम उसका सबसे पहले तो मिस. रामप्यारी द्वारा कैट-स्केन करवाते हैं. उसके बिना हम इलाज ही शुरु नही करते. फ़िर उसकी सब पैथालाजिकल जांचे करवाई जाती हैं. चाहे जरुरत हो या नही हो.... और उसके बाद मरीज को सीधे बिना एडमिट किये घर नही जाने देते.
हमने पूछा - मिस टेढी, फ़िर तो आपके अस्पताल का इलाज बहुत महंगा होता होगा?
मिस. टेढी - ओह नो....बस साधारण तौर पर साधारण बुखार के मरीज को हम चालीस पचास हजार में ठीक करके घर भिजवा देते हैं....अब आज के जमाने में हमारे भी तो खर्चे लगे हैं कि नही?
हमने पूछा - मिस टेढी - हमको ये समझ नही आया कि ताऊ अस्पताल के डाक्टर ताऊ पहले तो ठगी डकैती का धंधा करते थे. राज भाटिया जी के कितने ही रूपये डकार गये...और डाक्टर ताऊ ने जबसे अस्पताल का धंधा शुरु किया है उनके पैमाने ही बदल गये है? आजकल वो बी एम डबल्यु कार में घुमते हैं, उनके बच्चे विदेशों में पढ रहे हैं. ये बताईये कि आपको इतने मरीज मिलते कहां से हैं?
मिस. टेढी - वो क्या है ना...कि इसके लिये डाक्टर ताऊ ने नगर निगम के कर्धा धर्ताओं से विशेष संपर्क बना रखा हैं ताकि वो मच्छरों को फ़लने फ़ूलने दें और डा. ताऊ अस्पताल भी चांदी काटता रहे....यू नो...सब सेटिंग का काम है... ताऊ अस्पताल का नारा है मच्छर हत्या पाप है.
हमने कहा - जी समझ गये मिस टेढी जी....पर मच्छर क्या नगर निगम के बिना नही मारे जाते? या आप इसके लिये भी कोई और उपाय करते हैं?
मिस. टेढी - ओह याद आया.... इसके लिये हम सर्टीफ़ाईड बाबा श्री ललितानंद जी महाराज से सलाह लेके नियमित रूप से "मच्छर बढावो हवन" करवाते हैं, और मच्छरों को कोई नुक्सान नही करे इसके लिये शहर में खास इंतजाम करवाते हैं. एंड...यू नो...ताऊ अस्पताल में नियमित मच्छर आरती गायन और मच्छर पूजा से दिन की शुरुआत होती है....नाऊ योर...टाईम इज ओवर..मिस्टर.....मच्छर हवन आरती के लिये बाबाश्री ललितानंद जी महाराज आचुके हैं...मुझे उसकी तैयारी भी करवानी है...आप भी आईये ना..हवन में..मच्छर परसाद लेके जाईयेगा...
इसके बाद बाबाश्री ललितानंद जी महाराज ने अस्पताल में मरीजों की संख्या बढती रहे और डाक्टर ताऊनाथ की चांदी कटती रहे, इसके लिये जोर शोर से मच्छर यज्ञ संपन्न कराया. फ़िर मच्छर आरती की गई.
जय हो अन्नदाता मच्छरदेवा
ॐ जय मच्छर देवा, स्वामी जय मच्छर देवा।
ताऊ डाक्टर के संकट, क्षण में दूर करो देवा॥ टेक-क्षण में दूर करो देवा
स्वामी जय मच्छर देवा।
जो नर तु्मको ध्यावे, द्विगुणित फल पावे, ।
सुख सम्पति घर आवे,संतान विदेश पढावै॥ टेक-संतान विदेश पढावै
स्वामी जय मच्छर देवा।
तुम माई बाप हमारे,पांव पडूं मैं किसके।
तू बंगला कार दिलावै, हम जेब भरे खिसके॥- टेक-हम जेब भरे खिसके॥
स्वामी जय मच्छर देवा।
तुम पूरण परमात्मा, तुम हो कालयामी .
पार कराते नैया,तुम भवसागर स्वामी, टेक-भवसागर स्वामी||
स्वामी जय मच्छर देवा।
तुम करुणा के सागर, तुम मेरे पालनकर्ता .
मैं सेवक तुम स्वामी, तुम हास्पीटल भर्ता॥,टेक- तुम हास्पीटल भर्ता
स्वामी जय मच्छर देवा।
तुम हो एक अगोचर,स्वामी रोगों के कारक।
कृपा करो दयामय, स्वामी रोग प्रसारक॥ टेक-स्वामी रोग प्रसारक॥
स्वामी जय मच्छर देवा।
हे हमरे बंधु दुखहर्ता, जनता के दुख:देवा।
अपना डंक लगाओ, जनता के जी लेवा ॥ टेक-जनता के जी लेवा॥
स्वामी जय मच्छर देवा।
निशदिन रोग बढाओ,दुष्ट दलन देवा ।.
तुम मलेरिया फ़ैलाओ,डाक्टर ले मेवा॥ टेक-,डाक्टर ले मेवा॥
स्वामी जय मच्छर देवा।
हे मच्छर देव...जैसे आपने डाक्टर ताऊ के दुख क्लेश दूर किये वैसे ही सबके दुख क्लेश हरो देवा.
:):)
ReplyDeleteजय मच्छर देवा-ताऊ करे तेरी सेवा
ढोल मंजीरा बाजे-नित खावे पंच मेवा
356 दिन
ब्लाग4वार्ता पर-पधारें
वाह वाह .. बहुत खूब !!
ReplyDeleteस्वामी मच्छर देवा तो गजबे है -:)
ReplyDeleteसमीर जी का और ललित जी का यह धंधा काफी फल फूल रहा है| मच्छर आरती हमने याद कर ली है| अब ताऊ अस्पताल की आरती में शरीक होकर हम भी गायेंगे|
ReplyDeleteओह ये संत तो फागिंग मशीन के माफिक दिख रहे हैं और समीरा टेढ़ी कुछ दुबले ... हा हा हा हा
ReplyDeleteओह ये संत तो फागिंग मशीन के माफिक दिख रहे हैं और समीरा टेढ़ी कुछ दुबले ... हा हा हा हा
ReplyDeleteजै हो गुरु देव
ReplyDeleteमज़ा आ गया
क्यूट बेबी को भी देख लिया
यह मिस टेढ़ी कौन हैं ताऊ ??
ReplyDeleteवाह वाह ……………मज़ा आ गया।
ReplyDelete:):)
ReplyDeleteबढ़िया व्यंग
Hai...................
ReplyDelete:) :)
ReplyDeleteवाह वाह ताऊ जी, कमाल कर दिता जी, नारा भी बहुत सुंदर है...मच्छर हत्या पाप , इस के पीछे भी लिख दे *मच्छर को मत सता, मच्छर रो देगा, जब सुनेगा इस का बाप वो डेंगु फ़ेला देगा*
ReplyDeleteआप का धंधा ना कभी मंदा, बस मेरे पेसे अब जल्दी से बेंक मै भेज दे, अस्पताल पर छापा पडने या भाई लोगो की नजर पडने से पहले पहले.....
वाह बहुत बढ़िया व्यंग्य है
ReplyDeleteरोचक! मज़ेदार!! बढिया व्यंग्य।
ReplyDeleteआंच पर संबंध विस्तर हो गए हैं, “मनोज” पर, अरुण राय की कविता “गीली चीनी” की समीक्षा,...!
बाबागीरी के पीछे कोई खेल तो नहीं चल रहा?
ReplyDelete………….
गणेशोत्सव: क्या आप तैयार हैं?
तुम माई बाप हमारे,पांव पडूं मैं किसके।
ReplyDeleteतू बंगला कार दिलावै, हम जेब भरे खिसके ...
हमारा साष्टांग प्रणाम ....
बहुत ही मजेदार ...
पोस्ट में रोचकता अन्त तक बरकरार रही!
ReplyDelete--
आरती पढ़कर तो आनन्द आ गया!
ताऊ अनन्त ताऊ कथा अनन्ता :)
ReplyDeleteहा हा हा....
ताऊ,
ReplyDeleteजिस अस्पताल की ब्रांड एम्बैसैडर मिस समीरा टेढ़ी हो, वा तो चांदीयै काटैगा।
तन्नै मच्छरों की दुआ लगेगी।
रामराम।
वाह वाह क्या बात है! बहुत ही बढ़िया और मज़ेदार व्यंग्य है! बहुत खूब!
ReplyDeleteमच्छर-चालिसा तो अस्पताल-कथा से भी आगे निकल गई :)
ReplyDeleteहा हा हा .....बहुत भड़िया ताऊजी
ReplyDeleteरामराम
जय मच्छर देवा-ताऊ करे तेरी सेवा
ReplyDeleteढोल मंजीरा बाजे-नित खावे पंच मेवा
--बाबा श्री के आशीष से समीरा जी तो तर गई...जय हो..जय हो!!
हा हा हा ...
ReplyDeleteललितानंद की तपस्या भंग
समीरा टेढ़ी उनके संग
देख के इनके रंग
दुनिया हो गयी दंग
....भंग का रंग चढ़ा है
"हमने पूछा - मिस टेढी - हमको ये समझ नही आया कि ताऊ अस्पताल के डाक्टर ताऊ पहले तो ठगी डकैती का धंधा करते थे. राज भाटिया जी के कितने ही रूपये डकार गये...और डाक्टर ताऊ ने जबसे अस्पताल का धंधा शुरु किया है उनके पैमाने ही बदल गये है? आजकल वो बी एम डबल्यु कार में घुमते हैं, उनके बच्चे विदेशों में पढ रहे हैं. ये बताईये कि आपको इतने मरीज मिलते कहां से हैं?"
ReplyDeleteआजकल के पक्के डाक्टर जान पड़ते हो ताऊ जी !! हा-हा-हा-हा
वाह वाह बहुत खूब। शायद ललितानन्द जी को मलाईदार दूध हज्म नही हुया जो भरती होना पडा मच्छर बेचारे का तो बहाना है। ताऊजी राम राम।
ReplyDelete:)
ReplyDeleteVah bahut badhiya post----maja aa gaya padh kar----ram ram tau ji.
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