सभी दर्शकों को ताऊ टीवी के चीफ़ रिपोर्टर रामप्यारे की सादर सलाम नमस्ते..आदाब और जो भी सम्मान सूचक शब्द आपने अपने लिये जो सोच रखें हों वो भी.... ताऊ टीवी की आज की ताजा खबर वो है जो परसों थी. और उससे भी बडी ताजा खबर यह है कि जो अभी हुई नही पर
हम तुरंत लौटते हैं...एक छोटे से ब्रेक के बाद....कहीं मत जाईयेगा.... हम आपके लिये ब्लाग जगत की पोल खोल खबरों का बुलेटिन लेकर शीघ्र लौट रहे हैं.........................
होने वाली है. यानि ताऊ टीवी को मालूं रहता है कि कब कहां और क्या होने वाला है? तो आईये आज की ताजादम खबरों के और बुलेटिन में.
आज तक तो ताऊ यही सोचा करता था कि सिर्फ़ "ताऊ और ताऊ की भैंस ही अक्सर गोबर करते हैं" पर ताऊ की चिंता तब बढ गई जब काजलकुमार जी और उनका मच्छर भी बाते करने लग गये. ताऊ की चिंता इसलिये और बढ गई जब उन्होने कहा कि "मैं और मेरा मच्छर दोनों अक्सर ये बातें करते हैं..." पर आप तो जानते हैं कि ताऊ का दिमाग बहुत तेज दौडता है. अब मच्छर के साथ अक्सर क्या बातें हो सकती हैं? ये तो जग जाहिर है.
ताऊ अपनी भैंस चंपाकली का दूध निकालते हुये
इसी बेचैनी में ताऊ ने अपनी भैंस चंपाकली का दूध निकालते हुये अपनी भैंस से पूछा - चंपाकली, तुम इस मच्छर से बातचीत का कुछ मतलब समझी क्या?
चंपाकली बोली - अरे ताऊ, तुम अब पूरी तरह सठिया चुके हो. इसमे समझने वाली क्या बात है? ये मच्छर वैसी ही बातें कर रहे हैं जैसी तुमने आई.पी.एल. वाला गोबर करवाया था.
ताऊ बोला - चंपाकली, बात तो तू सही कह रही है. आई.पी.एल. मे तो गोबर करने का हिस्सा मिला था ना अपने को? पर यहां अभी तक खेल शुरु हुये नही, और अपना हिस्सा अभी तक पूरा आया नही और मच्छर बाते भी करने लग गये.
चंपाकली - ताऊ बात तो तेरी सही लग रही है मुझे भी ये मच्छरों से बातें करने के पीछे कोई साजिश नजर आने लगी है. तभी मैं सोचूं कि खेलों से मच्छरों का क्या संबंध? पर ये भी मुझे तो गोबर करने जैसा ही कुछ लग रहा है. ताऊ तू चिंता मत कर...चल मुझे खेतों में हरी भरी घास खिला कर ला...फ़िर मैं ऐसा गोबर करूंगी..ऐसा गोबर करूंगी कि इन मच्छरों का भिनभिनाना मेरा मतलब बातें करना अपने आप बंद हो जायेगा.
ताऊ खेतों मे अपनी भैंस चंपाकली को चराते हुये
और ताऊ अपनी भैंस चंपाकली की पीठ पर चढ गया और खेतों में पहूंचकर चंपाकली ने घास चरना शुरु कर दिया जिससे आई.पी.एल. जितना ही गोबर करवाया जा सके. यानि ताऊ और उसकी भैंस ने एक और आई.पी.एल. से बडा गोबर करने की तैयारी शुरु करदी.
अभी ताऊ और चंपाकली घर भी नही लौटे थे कि मैच फ़िक्सिंग वाला गोबर करवाने की पुख्ता खबरे आने लगी हैं...यानि ताऊ ने फ़िर एक बडा गोबर करवा दिया .....
आज तक तो ताऊ यही सोचा करता था कि सिर्फ़ "ताऊ और ताऊ की भैंस ही अक्सर गोबर करते हैं" पर ताऊ की चिंता तब बढ गई जब काजलकुमार जी और उनका मच्छर भी बाते करने लग गये. ताऊ की चिंता इसलिये और बढ गई जब उन्होने कहा कि "मैं और मेरा मच्छर दोनों अक्सर ये बातें करते हैं..." पर आप तो जानते हैं कि ताऊ का दिमाग बहुत तेज दौडता है. अब मच्छर के साथ अक्सर क्या बातें हो सकती हैं? ये तो जग जाहिर है.
इसी बेचैनी में ताऊ ने अपनी भैंस चंपाकली का दूध निकालते हुये अपनी भैंस से पूछा - चंपाकली, तुम इस मच्छर से बातचीत का कुछ मतलब समझी क्या?
चंपाकली बोली - अरे ताऊ, तुम अब पूरी तरह सठिया चुके हो. इसमे समझने वाली क्या बात है? ये मच्छर वैसी ही बातें कर रहे हैं जैसी तुमने आई.पी.एल. वाला गोबर करवाया था.
ताऊ बोला - चंपाकली, बात तो तू सही कह रही है. आई.पी.एल. मे तो गोबर करने का हिस्सा मिला था ना अपने को? पर यहां अभी तक खेल शुरु हुये नही, और अपना हिस्सा अभी तक पूरा आया नही और मच्छर बाते भी करने लग गये.
चंपाकली - ताऊ बात तो तेरी सही लग रही है मुझे भी ये मच्छरों से बातें करने के पीछे कोई साजिश नजर आने लगी है. तभी मैं सोचूं कि खेलों से मच्छरों का क्या संबंध? पर ये भी मुझे तो गोबर करने जैसा ही कुछ लग रहा है. ताऊ तू चिंता मत कर...चल मुझे खेतों में हरी भरी घास खिला कर ला...फ़िर मैं ऐसा गोबर करूंगी..ऐसा गोबर करूंगी कि इन मच्छरों का भिनभिनाना मेरा मतलब बातें करना अपने आप बंद हो जायेगा.
और ताऊ अपनी भैंस चंपाकली की पीठ पर चढ गया और खेतों में पहूंचकर चंपाकली ने घास चरना शुरु कर दिया जिससे आई.पी.एल. जितना ही गोबर करवाया जा सके. यानि ताऊ और उसकी भैंस ने एक और आई.पी.एल. से बडा गोबर करने की तैयारी शुरु करदी.
ब्रेकिंग न्य़ूज............
अभी ताऊ और चंपाकली घर भी नही लौटे थे कि मैच फ़िक्सिंग वाला गोबर करवाने की पुख्ता खबरे आने लगी हैं...यानि ताऊ ने फ़िर एक बडा गोबर करवा दिया .....
हम तुरंत लौटते हैं...एक छोटे से ब्रेक के बाद....कहीं मत जाईयेगा.... हम आपके लिये ब्लाग जगत की पोल खोल खबरों का बुलेटिन लेकर शीघ्र लौट रहे हैं.........................
ताऊ और चम्पाकली, खूब रहे बतियाय।
ReplyDeleteशुद्ध दूध के वास्ते, खुद ही भैंस दुहाय।।
--
बढ़िया पोस्ट!
--
जय श्री कृष्ण!
पोल खोल खबरों का बुलेटिन -हा हा..मजेदार. मच्छर तो अब बोलेंगे ही नहीं. :)
ReplyDeleteभैंस जी से आगे की बातचीत की प्रतीक्षा है।
ReplyDeleteहमें नहीं खुलवानी अपनी पोल
ReplyDeleteहम तो देंगे खुद ही सच बोल।
ठीक सै ताऊ, काजल भाई जद मच्छर ते बात करैगा तो ताऊ भैंस से कम क्यूंकर बात करैगा।
ReplyDeleteचालण दै ताऊ यो सिलसिला बातचीत का।
आभार
रामराम।
आगे की आई पी एल कथा का इंतजार है।
ReplyDeleteइंतज़ार है कुछ दिव्य पोल खोल हो जाय! पप्पू पास हो या फेल ?
ReplyDeleteइस बारे में पता है ? मैं बताता हूँ ?
हा हा हा हा ताऊ और ताऊ की चम्पाकली......अक्सर न जाने क्या क्या बाते करते हैं हा हा हा हा बहुत खूब.....
ReplyDeleteregards
अरे ताऊ, ये भैंस के पैर दूध निकालते ही सफेद क्यों पड गये?
ReplyDeleteबढ़िया पोस्ट!
ReplyDeleteमेरी और से श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर बहुत बहुत बधाई !
:) :) पोल खोल का इंतज़ार है ....
ReplyDeleteये चम्पाकली तो ताऊ से भी शरीफ निकली ! बिना लाग-लपेट के दूध दे रही है !!:)
ReplyDeleteताऊ और उसकी भैंस ...
ReplyDeleteअब किसकी पोल खुलने वाली है ...:)
आई.पी.एल. के गोबर की भी खूब कही. आज के टाइम्स आफ़ इंडिया में खूब छपी है यह कहानी भी कि कैसे 4-5 सौ करोड़ के गोबर में से 80 करोड़ के गोबरचंद का पता चल गया है :)
ReplyDeleteआदरणीय ताऊजी,
ReplyDeleteरामराम
आपकी और चम्पाकली कि बातें तो पता चल गई .....अब बड़ी बड़ी पौल जो खुलने वाली है उनका इंतज़ार है :)
जय श्री कृष्णा
@ काजल कुमार Kajal Kumar ji
ReplyDelete4-5 सौ करोड़ के गोबर में से 80 करोड़ के गोबरचंद का पता चल गया है :)
यह गोबरचंद कहीं ताऊ और चंपाकली ही तो नही हैं?:)
श्री कृष्ण जन्माष्टमी की बधाई !
ReplyDeleteजय श्री कृष्ण !!
ताउजी!....आपकी चंपाकली भैस तो वाकई इंटेलिजन्ट है!...पोल कब खुलने जा रही है?...हम कही नहीं जा रहे!
ReplyDeletebadhiyaa jee
ReplyDeletemajedar :)
ReplyDeletepol khol ka intjar
रामकली भैस तो बड़े काम की है ....रामकली के गोबर का सदुपयोग करें ताऊ जी ... कामन वेल्थ गेम में इसके गोबर का उपयोग करें ... और गोबर से बिजली पैदा कर खेलों में उपयोग करें .... इसके गोबर से बनी बिअजली में विदेशी भी अच्छी खासी रूचि दिखायेंगे.. ...
ReplyDeleteजय श्रीकृष्ण ...
Pol khol buletine ka intzaar hai :) :)
ReplyDeleteअरे ताऊ तू भेंसे को भेंस बोल रहा है, ध्यान से देख जिस भेंस पर बेठा है वो तो भेंसा है, जल्दी घर जा ओर देख..... भेंस का दुध ही निकाला है ना.... कही भेंसे को ही दोह लिया हो...:)
ReplyDeleteजन्माष्टमी की बहुत बहुत शुभकामनायें।
:):):) achchi baatcheet ....
ReplyDeleteab zyada intzaar naa karaen...jaldee se buletin leke aaen....
ReplyDeleteहम भी "पोलखौलू क्रियाक्रम" के इन्तजार में आसन जमाए बैठे हैं :)
ReplyDeleteताऊ !
ReplyDeleteअब दिमाग में क्या चल रहा है ?? किसकी शामत आने वाली है , इस खबर का इंतज़ार है ...( मेरे को बख्श देना हर बार तेरे प्रोडक्ट की तारीफ करता हूँ )
ताऊ पोल खोल रहे हो या पोल गाड रहे हो |यंहा तो चारों ओर पोल ही ही पोल है |
ReplyDeleteबढ़िया पोस्ट :-)
ReplyDeleteश्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई
आदरणीय ताऊजी,
ReplyDeleteरामराम
कृष्ण जन्माष्टमी के मंगलमय पावन पर्व अवसर पर ढेरों बधाई और शुभकामनाये ...
आदरणीय, जन्माष्टमी की शुभकामनाएं।
ReplyDeleteभैंस जी नहीं
ReplyDeleteभैंसानी जी कहें
तो शायद न खुले
पोल
न बजे ढोल।
Taau yo to sachi mai pada sai.
ReplyDeleteRam ram.
जन्माष्टमी के पावन अवसर पर आपको और आपके परिवार के सभी सदस्यों को हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई!
ReplyDelete@ ललित शर्मा-ਲਲਿਤ ਸ਼ਰਮਾ
ReplyDeleteभाई पाडा सै त पडा ही रहण दे चुपचाप. इब मैं पाडी कित सै ल्याऊं?:)
रामराम.