चेतावनी : इस पोस्ट को कृपया ब्लागर गण ना पढें.

आदरणीय ब्लागर गणों, आज मैं आप सभी को यहीं से चेता देना चाहता हूं कि प्लिज...प्लिज...आप यह पोस्ट यहां से आगे मत पढिये. तो आप पूछेंगे "प्यारे जी" जब आपने ब्लाग पोस्ट लिखी है तो हम क्यूं नही पढेंगे? तो मैं आपको स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि यह पोस्ट ब्लागर्स के परिजनों और शुभचिंतकों की सेवा के लिये लिखी गई है. अत: अगर आप ब्लागर हैं तो यहीं से उल्टे पांव लौट जाईये और अगर आपका कोई परिजन या मित्र ब्लागरत्व प्राप्ति की और अग्रसर है तो आप आगे पढिये.

आप जानते हैं कि आजकल तंबाकू, शराब के नशे छुडवाने के लिये कितने प्रकार के लुभावने विज्ञापन छपते हैं कि बिना बताये चुपचाप नशा छुडवाईये. और आजकल तो उडनतश्तरी से सुना है कि सिगरेट छुडवाने के लिये बेलन रूपी मशीन भी आगई है. क्या किया जा सकता है? जो बेचारा तकलीफ़ में है वो तो अवश्य खरीदेगा. और बेलन रूपी मशीन खरीदने की क्या आवश्यकता है? वो तो हर भारतीय घर मे मौजूद है ही. बस मशीन चलाने वाले आपरेटर की दया पर निर्भर है कि वो कब चलायेगी?

पर दोस्तो मैं मजाक नही कर रहा हूं. क्या आप जानते हैं कि आजकल असली नशा कौन सा है? जिससे हर परिजन त्रस्त हो चुका है? जी हां आप ठीक समझे हैं...आजकल सबसे खतरनाक नशा है ब्लागिंग का. और आज तक इससे मुक्ति दिलवाने की कोई दवाई गोली, केप्सूल या मशीन इजाद नही हुई है. पर अब आप चिंता मत किजिये. ताऊ प्रोडक्ट्स ने अनेक दिनों की अथक मेहनत और खोज द्वारा ब्लागिंग नशे से मुक्त करने के लिये शर्तिया और अचूक नुस्खें ढूंढ लिये हैं. अब आप इस खतरनाक नशे से बिना बताये आपके ब्लागिंग करने वाले परिजन की ब्लागिंग की लत छुडवा सकते हैं.



इस के लिये हमने अलग अलग पेकैज तैयार किये हैं. यानि नशा जिस स्तर का है उसी के हिसाब से कोर्स दिया जायेगा. यह कोर्स टेस्टेड हैं जिनका परीक्षण ताऊ पर किया गया है. अत: आप बेफ़िक्र होजायें और निम्न स्थितियों वाले ब्लागिंग के नशे की लत छुडवाने के लिये तुरंत संपर्क करें.

आपका परिजन निम्न में से किसी भी श्रेणी की लत का आदि हो सकता है. हमने ब्लागिंग के नशे के संपूर्ण लक्षण लिख दिये हैं और कोर्स लेने का तरीका और कीमत भी सामने ही लिख दी है. तुरंत संपूर्ण एडवांस के साथ आर्डर भेजे. VPP से कोई माल नही भेजा जायेगा.

पहली स्थिति का लतियल :

लक्षण : इस हालत में ब्लागर को सपने में भी ब्लाग पोस्ट दिखाई देने लगती हैं. और वो खुद इसी बारे मे सोचता रहता है कि ब्लाग पोस्ट कैसे लिखी जाये?

दूसरी स्थिति का लतियल :

लक्षण : इस स्थिति का लतियल ब्लागर दिन रात पोस्ट लिखता और मिटाता रहता है. किसी तरह संतुष्ट होकर एक दो पोस्ट ठेलने में कामयाब हो ही जाता है. पुरानी मेगजिन्स और अखबारों की कतरनें बैग मे भरे रहता है कि उनसे ही पोस्ट निकल आयेगी.

तीसरी स्थिति का लतियल :

लक्षण : इस तरह का ब्लागर दिन रात टिप्पणीयों का इंतजार करता है और इसी की उम्मीद मे इधर उधर टिप्पणीयां फ़ेंका करता है. कुछ कुछ खोया खोया सा रहने लगता है और घर वाले समझते हैं कि इस बेचारे पर आफ़िस के काम का बोझ ज्यादा है जो ये घर से लेपटोप पर आफ़िस का काम करता रहता है जबकि वास्तव में वो ब्लागिंग मे उलझा रहता है.

उपरोक्त पहली, दूसरी और तीसरी हालत के लतियलों की लत छुडवाने हेतु दवा का कोर्स : ब्लागगुटिका वटी की दो दो गोली सुबह शाम देवें. सोते समय ब्लागनिषेध पाऊडर की धूणी देवें. दो कोर्स में पूरा फ़ायदा मिलेगा.

कीमत : रुपया ३७५०/ मात्र प्रति कोर्स

चौथी स्थिति का लतियल :

लक्षण : चौथी स्थिति तक पहुंचते पहुंचते सुबह उठते ही जैसे तैसे आदमी नित्य कर्म से निपट कर कंप्यूटर की तरफ़ लपकने लगता है. सीधे ब्लाग खोलकर अपनी टिप्पणी बाक्स चेक करने बैठ जाता है. जाहिर है कि टिप्पणीयां नही मिलने पर झल्लाता है और सारी झल्लाहट घरवालों पर निकालता है और बिना नाश्ता किये ही आफ़िस के लिये रवाना होजाता है .

पांचवी स्थिति का लतियल :

लक्षण : इस हालत मे आदमी ज्यादा से ज्यादा टिप्पणीय़ां करता है और बदले में टिप्पणीय़ां मांगने लगता है. तबियत गिरी गिरी सी रहने लगती है. सिवाय ब्लागिंग के कुछ याद नही रहता. सुबह का घूमना फ़िरना छूट जाता है. उठते बैठते सिर्फ़ ब्लागिंग ही याद रहती है.

छठी स्थिति का लतियल :

लक्षण : छठी स्थिति में आदमी किसी तरह पोस्ट ठेलकर बाकी सभी ब्लागर्स को इमेल भेजकर टिप्पणीयां मांगना शुरु कर देता है. किसी के मना करने पर भी नही मानता. और अपने आपको साहित्यकार समझने लगता है. चोबीसो घंटे कैमरा जेब मे लिये घूमता है.

उपरोक्त चौथी, पांचवीं और छठी हालत के लतियलों की लत छुडवाने हेतु दवा का कोर्स : इन स्थितियों वाले ब्लागरत्व की और अग्रसर लोगो कों ब्लागबेलन प्रहार वटी की तीन तीन गोली की खुराक प्रत्येक छह छह घंटे से नियमित देवे. रात्रि में सोते समय ब्लागमोह भंग चूर्ण की एक पुडिया करेले के रस में घोल कर नियमित पिलायें. तीन कोर्स में फ़ायदा नही मिले तो दो कोर्स और मंगवा कर देवें. अवश्य फ़ायदा मिलेग

कीमत : रुपया ७२५०/ प्रति कोर्स

सातवीं स्थिति का लतियल :

लक्षण : इस स्थिति मे आदमी नींद में बडबडाने लगता है तब जाकर घरवालों पर यह राज खुलता है कि ये लेपटोप पर आफ़िस का काम नही बल्कि ब्लागिंग ब्लागिंग खेल रहा होता है. अब घरवालों से झगडे रोज की बात हो जाती है. और यह स्थिति ज्यादा खतरनाक होती है. क्योंकि आदमी समाज और मित्रों से तो पहले ही कट चुका होता है अब घरवाले भी उसको जलीकटी सुनाने मे पीछे नही रहते. अगर आपका परिजन इस स्थिति तक पहुंच चुका है तो आपको सलाह दी जाती है कि तुरंत ताऊ प्रोडक्ट्स का शाही कोर्स लेकर इलाज करवायें अन्यथा स्थितियां और भी बिगड कर काबू से बाहर हो सकती हैं.

आठवीं स्थिति का लतियल :

लक्षण : इस स्थिति का ब्लागर अपने आपको चेंपियन समझने लगता है. जैसे कुछ अपने आपको टेक्निकल ब्लागर समझने लगते हैं और दूसरों को ज्ञान बांटने लगते हैं. चाहे खुद को कुछ नही आता हो पर दूसरों को ज्ञान जरूर देता है. और खुद को परिजनों के बीच भी सेलेब्रिटी समझने लगता है.

नवीं स्थिति का लतियल :

लक्षण : इस स्थिति का ब्लागर अपने आपको महान चर्चाकार समझने लगता है और अपनी मंडली को बढाता जाता है. और इसी नवीं स्थिति के ब्लागरों में यह पाया गया है कि वो दिन रात टोप चालीस में पहूंचने की कवायद में लगा रहता है. यानि बहुत ही खतरनाक स्थिति को प्राप्त हो चुका होता है.

उपरोक्त सातवीं, आठवीं और नवीं हालत के लतियलों की लत छुडवाने हेतु दवा का शाही कोर्स : यह बहुत ही गंभीर स्थितियां हैं,. इनसे छुटकारा सिर्फ़ शाही कोर्स से ही प्राप्त हो सकता है. शाही जूतमपैजार वटी की चार चार गोलियां दिन में चार बार देवें. ब्लाग निचोडरस की दो दो चम्मच सुबह शाम देवें. बेनामी चूर्ण की दो पुडिया रात सोते समय देवें. इस शाही कोर्स की चार खुराकों में संपुर्ण फ़ायदा मिलेगा.

कीमत : रुपया ११००१/ मात्र प्रति कोर्स

ऊपर वर्णित नौ प्रकार के लतियलों के अलावा दसवीं ग्यारहवीं और बारहवीं स्थितियों के लतियल अक्सर बेकाबू पाये गये हैं जिनके लक्षण और कोर्स नीचे बताये गये हैं. इन तीनों तरह के लतियलों को सुपर स्पेशल शाही दवा का कोर्स दिया जायेगा और जरुरत पडने पर ताऊ अस्पताल मे एडमिट भी होना पड सकता है.

दसवीं स्थिति का लतियल : इस स्तर तक लतियल होने पर अतिशय मौज लेने की आदत पड जाती है. एक ही चीज को बार बार दोहराने के खतरनाक लक्षण स्पष्ट दिखाई देने लगते हैं. ऐसा लतियल आदमी अपने मन की करने लगता है. ब्लाग पर पहेली पूछने का चस्का लग जाता है. मौज लेने के चक्कर मे खुद को ज्ञानी समझने लगता है. जब देखो ब्लागर सम्मेलन करवाने के लिये उतावला रहता है. कुल मिलाकर दसवीं स्थिति दस नंबरीकी तरह चरितार्थ होने लगती है.

लत छुडवाने हेतु दवा का कोर्स : यह बहुत ही खतरनाक स्थिती को प्राप्त हुआ ब्लागर होता है.
वैसे तो इसका इलाज स्वयं ब्रह्माजी के पास भी नही है पर हमने निरंतर खोज और अनुसंधान द्वारा इसका उपाय खोज लिया है. इस श्रेणी के लतियलों को सुपर स्पेशल शाही दवा के सात कोर्स लेने पडेंगे.

पूरा इलाज इस प्रकार चलेगा : शाही जूतमपैजार वटी की चार चार गोलॊ सुबह शाम, शाही बेनामी गुटिकाकी तीन तीन गोलॊ दिन में तीन में बार, महा ब्लाग मोह भंग वटी की चार चार गोली सुबह शाम.

हर कोर्स में तीसरे दिन एक इलेक्ट्रिक शाक दिया जायेगा.

कीमत : रुपया ३१०००/ प्रति कोर्स एवम इलेक्ट्रिक शाक मुफ़्त दिया जायेगा. अगर एक सप्ताह में दूसरा शाक देना पडा तो उसका नियमानुसार चार्ज लिया जायेगा.

ग्यारहवीं स्थिति का लतियल : ऐसे लतियलों के हाथ की अंगुलियों में झुनझनी और कंपकपी आना शुरु हो जाती है. पीठ मे दर्द रहना शुरु हो जाता है. वजन तेज गति से बढता है. दिल दिमाग काम नही करता. नींद कम हो जाती है. जब भी नींद टुटती है तब ब्लाग खोलकर बैठ जाते हैं. आफ़िस में भी ब्लागिंग करने की लत लग जाती है. पूछने पर मना करते हैं यानि झूंठ बोलने की बीमारी भी घेर लेती है. ब्लागजगत और घर में भी पंगे लेने की आदत पड जाती है.

लत छुडवाने हेतु दवा का कोर्स : इन्हें सुपर स्पेशल शाही दवा के ग्यारह कोर्स लेने की सलाह दी जाती है. अगर फ़ायदा नही होतो एक बार फ़िर से रिपीट करें. पूरा इलाज इस प्रकार चलेगा :

ब्लाग सटक वटी की असली तीन तीन गोलियां - दिन में चार बार, ब्लाग मोह भंग चूर्ण रात को सोते समय. ऐसे लोगों पर दवाईयों का असर ज्यादा नही होता. इन्हें ग्यारह सप्ताह तक एक दिन छोडकर एक दिन इलेक्ट्रिक शाकदिये जायेंगे. इनको कंप्यूटर पर बैठने का मौका नही दिया जाना चाहिये. घर गृहस्थी के कामों में उल्झाकर रखें. खाली दिमाग शैतान का घर समझकर इनसे कडाई से काम लें और घर के कामों में मशगूल रखें जिससे इनको ब्लागिंग की तरफ़ झांकने का मौका ही नही मिले. अगर ज्यादा ही चिडचिडाहट दिखाये तो जूतमपैजार वटी और बेलनगुटिका वटी की चार चार गोलियों का SOS सेवन करवाये, तुरंत काबू में आजायेंगे.

कीमत : रुपया ३८५००/ मात्र प्रति कोर्स ( इनको इलेक्ट्रिक शाक आधे फ़्री दिये जायेंगे)

बारहवीं स्थिति का लतियल : इस स्थिति का ब्लागर चंद्रयान की तरह समस्त कक्षाओं को पार कर चुका होता है. इनका इलाज अत्यंत ही दुष्कर कार्य है. ऐसे लोग दिन में अंधाधुंध टिप्पणीयां करने के शौकीन होते हैं. इन्हें खुद की पोस्ट पर भी सौ से कम टिप्पणीयां आयें तो बेचेनी रहती है. ये चाहे जमीन पर चले, रेल मे चले या हवाईजहाज में चले, इनको ब्लागिंग का भूत चौबीसों घंटे सवार रहता है. लेखन की हर विधा में दखल रखते हैं. वजन अनियंत्रित हो जाता है. मधुमेह की शिकायत घेरने लगती है. पीठ में दर्द होने लगता है.

लत छुडवाने हेतु दवा का कोर्स : इनको २१ डबलराजा शाही कोर्स की खुराक देने की सलाह दी जाती है. पूरा इलाज इस प्रकार चलेगा.

मनशांत गुटिका की तीन तीन गोली दिन में चार बार, ब्लागमोह भंग वटी की ४ - ४ गोली की तीन खुराक,टिप्पणी मोह भंग रस की चार चार चम्मच दिन मे तीन बार, और इलेक्ट्रिक शाक शुरु के दो सप्ताह नित्य प्रति सुबह शाम, अगले दो सप्ताह दिन में सिर्फ़ एक बार, फ़िर एक दिन छोडकर दिया जायेगा. इनको सख्ती से घर गृहस्थी और खासकर रसोई के कामों में उलझाकर रखा जाये. अनियंत्रित होने पर जूतमपैजार वटी और बेलनगुटिका वटी की चार चार गोलियों का SOS सेवन करवाये, तुरंत फ़ायदा होगा.

कीमत : रुपया ५१०००/ मात्र प्रति कोर्स

उपरोक्त कीमत के अलावा डाक खर्च और पैकिंग का चार्ज अलग लगेगा. हमारी कोई ब्रांच नही है. डायरेक्ट हमसे संपर्क करें. हर ब्लाग रोग का शर्तिया इलाज उपलब्ध है. एक बार आजमाकर देखें, बार बार आजमायेंगे. ऊपर लिखे गये लक्षणो को ध्यान से पढे और आपका मरीज जिस केटेगरी का हो उसी केटेगरी की दवा का आर्डर करें.

Comments

  1. आप तो नसबंदी की तरह ब्‍लागबंदी ही करा दें। हमारे यहाँ नसबन्‍दी करवाने पर सरकार द्वारा पैसे मिलते हैं तो आप बताएं कि ब्‍लागबंदी करवाने पर कितने पैसे मिलेंगे? जय राम जी की।

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  2. हा हा हा और नुस्खों की बिक्री कैसी चल रही है ?

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  3. हा हा हमने तो पढ़ लिया ताउजी ....आनंद आ गया ..

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  4. डिस्क्लेमर : अपने आपको ब्लोगर नहीं पाठक समझकर पढ़ा |
    ब्लोगर के परिजनों को इस अनुसन्धान की सख्त जरुरत थी धन्य है ताऊ अस्पताल जिसने अपने अथक परिश्रम से उत्पाद बाजार में उतार दिए | ताऊ अस्पताल को समाज इस नेक कार्य के लिए याद रखेगा :)
    ब्लोगर बीमारी के किस स्टेज पर है इसका निर्धारण करने के लिए क्या रामप्यारी द्वारा कैट स्केन फ्री किया जायेगा ?

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  5. अपने पास तो पैसा-वैसा है नहीं.. कोई मुफ्त का इलाज नहीं है ताऊ..

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  6. दसवीं स्थिति वाले के लिए तो...जैसा आगरा में ४०० रुपये प्रति पागल पकड़वाई मिलता है..वैसा मिलना चाहिये सरकार की तरफ से...ये ५१००० लायेगा कहाँ से :)

    मजेदार पोस्ट...सभी को कुछ न कुछ तो लेना ही पड़ेगा.

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  7. कोई सर्टिफाइड कोर्स है.. की नीम हकीम वाला ईलाज....:)

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  8. waqy me agar assa hi chalta raha to shayad mere liye antim wala course hi kam aayega

    वाह वाह

    प्रस्तुति...प्रस्तुतिकरण के लिए बहुत बहुत धन्यवाद

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  9. ताऊ को दवा दी ही नहीं गयी अगर दी गयी होती तो लगातार पोस्ट नहीं पेलते |

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  10. पोस्ट न पढ़ने की सलाह तो ब्लागरों को थी...मैं तो पाठक बनकर आ गया :).

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  11. अरे ताऊ जी!
    लगता है कि काफी परीक्षण-निरीक्षण में व्यस्त हो!
    इली लिए आप आजकल टिप्पणियाँ भी कम कर रहे हो और पोस्ट भी कम ही लगा रहे हो!
    --
    भइया!
    हमारा मोबाइल चोरी हो गया था!
    आपका नम्बर भी उसी के साथ चला गया!
    अब वही नम्बर दोवारा ले लिया है!
    --
    फोन करोगे तो आपका नम्बर मेरे पास आ जायेगा और सेव कर लूँगा!
    --धन्यवाद!

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  12. हा हा हा
    बहुत बढिया नुख्से निकाले हैं ताऊजी

    राम राम

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  13. वैद्यराज जी आपकी जीवनरक्षक दवाईयों से सबको फायदा पहुंचने वाला है... आप तो जग प्रसिद्ध वैद्य है। आपकी एक पुड़िया ही काफी होती है... बरसों पुरानी बीमारी जड़ सहित उखड़ जाती है।

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  14. *लगता है प्यारेलाल जी की रिसर्च ज़ोरों पर है आज कल.
    *सूक्ष्म अवलोकन.
    *बढ़िया विश्लेषण.
    * bahut mazedaar.

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  15. *नक्कालों से सावधान की चेतावनी नहीं दिखी?
    ....................
    पैकेजों के तो नाम बहुत ही जबरदस्त हैं :)..सुनकर ही मरीज़ आधा ठीक हो जायेगा.

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  16. ताऊ
    राम राम ! लागै सै आपबीती इब जगबीती लागण लाग री सै । घर आळां सागै घणी सहाण्भूति है म्हारी । रामजी रच्छा करै थारी ।
    ह ह ह
    गुदगुदाते व्यंग्य के लिए बधाई !
    पढ़ते पढ़ते लगातार डर लगता रहा , कहीं घर का कोई और सदस्य यह पोस्ट न पढ़ले । मज़्ज़्ज़ेदार !!

    - राजेन्द्र स्वर्णकार
    शस्वरं

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  17. गंभीर बिमारी के अच्छे नुस्खे बताये हैं....पढ़ कर आनंद आ गया

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  18. हा हा हा हा हा हम ब्लॉगर नहीं है इसलिए पढ़ लिया हा हा हा

    regards

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  19. ताऊ जी, आपके इन प्रोडक्टस को प्रमोट करने के लिये कोई एफिलियेट प्रोग्राम है क्या? हम आपके एफिलियेट बनना चाहते हैं।

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  20. ताऊजी,
    हम तो तेरहवीं स्थिति के लतियत हैं। कृपया हमारा भी कोई इलाज बताइये।

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  21. झंझटों की पोटली मोल ली मैंने,
    ब्लोगिंग जीवन में घोल ली मैंने,
    गम खरीदता हूँ, खुशियाँ बेचता हूँ,
    दर्द की इक दुकाँ खोल ली मैंने !

    आपका क्लिनिक नहीं चलने दूंगा !

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  22. कुल इस स्टेज के भी रोगी होंगें जिन पर दवा नहीं बल्कि दुआ ही कुछ असर दिखाए तो दिखाए :)
    इस से मिलती जुलती एक पोस्ट हमने भी लिखकर ड्राफ्ट में सेव कर रखी है, लेकिन अभी तक उसे छापने का मूड सा ही नहीं बन पाया.

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  23. ताऊ !
    राम राम , मैं भी चौथे स्तर का लती हूँ , मगर तेरा दोस्त हूँ यार ...सो दोस्त को दवा मुफ्त ही भेज दे ! भतेरी कमाई हो रही है एक मुफ्त दे देगा तो क्या फर्क पड़ेगा ! इनकमटेक्स वालों की रेड पड़ जायेगी घर पर !

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  24. हा हा हा…………बहुत बढिया नुस्खे………………मगर शुक्र है हम अभी इनमे से किसी भी कैटेगरी मे नही हैं।

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  25. गंभीर बिमारी के अच्छे नुस्खे बताये हैं

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  26. आपने अपना हाल तो पूरा लिख दिया परंतु चाल कैसी है, यह नहीं बतलाया ताऊ जी। इतनी सारी बीमारियां एकसाथ मतलब ब्‍लाग-बला-कैंसर लगता है और इसका कोई इलाज नहीं। इसका इलाज इसको अपनाने में ही है, आप ब्‍लॉगिंग करते रहें, इसी तरह नुस्‍खे और औषधियों की बिक्री करते रहे। और हां, हमारा कमीशन भिजवाना मत भूलिएगा।

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  27. अबे ओये गधे........क्यूँ सब गधो को इन्सान बना रिया हैं

    ताऊ को अधमरा कर दिया होगा तुने एक्सपेरिमेंट कर करके

    वेयर इस ताऊ????

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  28. ताऊ राम-राम
    यूं क्लिनिक तो बढिया है पर अगर काम चलाना है तो रेट जायज करने पड़ेगे। नहीं तो इससे सस्ती तो ब्लागिंग रहेगी।

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  29. न छुड़ाने के कितने लगेंगे?

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  30. RAM RAM JI...

    ek dam mast...

    kunwar ji,

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  31. ताऊ जी आपने तो बोल्या था कि कोई ब्लोगर ना पढे....... अब देख लो सारे ब्लोगर ही पढ रहे है......धन्धा मस्त चल रिया है.......

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  32. ताउ
    पेटेंट करा लिये हो कै नईं

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  33. हे भगवान, ब्‍लॉगिंग नामक लत की दवा बड़ी कड़वी है। बाबा मैं तो इसे छोड़ने का वि‍चार बना रहा हूँ:)

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