लिखना जारी रखें. ग्रहण का प्रभाव भले ही देर तक रहता है मगर अधियारा जल्द ही छट जाता है.
एक विनम्र अपील:
कृपया किसी के प्रति कोई गलत धारणा न बनायें.
शायद लेखक की कुछ मजबूरियाँ होंगी, उन्हें क्षमा करते हुए अपने आसपास इस वजह से उठ रहे विवादों को नजर अंदाज कर निस्वार्थ हिन्दी की सेवा करते रहें, यही समय की मांग है.
हिन्दी के प्रचार एवं प्रसार में आपका योगदान अनुकरणीय है, साधुवाद एवं अनेक शुभकामनाएँ.
ताऊ! केतु राहु सूरज को कभी गहा नहीं करते केवल भ्रम है यह आँखों का वे तो छायाएँ हैं, केवल छायाएँ कुछ पल को आती हैं फिर चली जाती हैं बच्चों के करतब से धाएँ, मायूस नहीं होती हैं वे तो उन को जीने की रीत सिखाती हैं
आज हमारा लिखा पढ़ कर विवेचना और अपनी अपनी समझ के हिसाब से उसका अर्थ लगाने वाले बहुत हैं ! देर सबेर सबके बारे में पता चल जाएगा ! हाँ हमें ईमानदार होना चाहिए ...एक तरफा झुकाव कभी किसी को भी सही लोगों की इज्ज़त नहीं दिला पायेगा ! आप जैसा मस्त मौला उदास हो जाये ...अच्छा नहीं लगा ताऊ ! उठ जाओ और जो भी मन में आये ...लिखो !
ताऊ जी कम से कम आपसे तो यह आशा नहीं थी। ब्लाग जगत का जिंदादिल, खिलंदडा ताऊ होने के बाद भी आप इतने संजीदा हो जायेंगें। समीर जी भी आहत हुए होंगें फिर भी देखिये सबको संबल खुद ही दे रहे हैं।
किसी ने सच ही कहा है कि - "जिन्हें हंसने की आदत है, वो बहुत रोते हैं अन्दर ही अन्दर"
कुछ ज्यादा कह दिया है तो अपना बच्चा समझकर क्षमा कर दीजियेगा।
COME ON TAUJI,चलता है, कभी सुख, कभी दुःख........... आप जैसा इंसान निराशवादी कैसे हो सकता है ? IF WINTER COMES,SPRING IS NOT FAR AWAY. FALTU LOGO KE BAK-BAK KARNE SE DIGNE KEE KOI JARURAT NAHEE !
अरे शांति काम पर नही आई क्या??? ज्जो मन आशांत हो रहा है.... अभी ताई को हकीकत बताता हुं, वो करे ही इस अशांति का इलाज थोडा ठहरो... वो लठ्ठ ले कर आती ही होगी
अरे ताऊ जी ग्रहण बीत गया सूतक समाप्त... देखिये सूर्यदेव नवीनतम आभा के साथ चमक रहे है .. अगर ग्रहण लंबा चला तो लेखको की जीवनशक्ति का क्या होगा हम तो मुरझा जायेंगे .. तो बस शरू हो जाये.. लट्ठ घुमा के
चलो कोई नहीं, सूर्य ग्रहण तो कुछ देर का मेहमान होना चाहिए, जल्दी से आ जाओ और लिखो .... आपकी तो एक लाइन पर इतने लोग लाइन लगा कर खड़े हो गए ...लोग आपको भागने नहीं देंगे :)
लिखना जारी रखें. ग्रहण का प्रभाव भले ही देर तक रहता है मगर अधियारा जल्द ही छट जाता है.
ReplyDeleteएक विनम्र अपील:
कृपया किसी के प्रति कोई गलत धारणा न बनायें.
शायद लेखक की कुछ मजबूरियाँ होंगी, उन्हें क्षमा करते हुए अपने आसपास इस वजह से उठ रहे विवादों को नजर अंदाज कर निस्वार्थ हिन्दी की सेवा करते रहें, यही समय की मांग है.
हिन्दी के प्रचार एवं प्रसार में आपका योगदान अनुकरणीय है, साधुवाद एवं अनेक शुभकामनाएँ.
-समीर लाल ’समीर’
ताऊ जी
ReplyDeleteमन आपका ही नहीं वरन बहुतों का है. वाकई सूर्यग्रहण लगा चुके हैं.
ताऊ!
ReplyDeleteकेतु राहु सूरज को कभी
गहा नहीं करते
केवल भ्रम है यह आँखों का
वे तो छायाएँ हैं, केवल छायाएँ
कुछ पल को आती हैं
फिर चली जाती हैं
बच्चों के करतब से
धाएँ, मायूस नहीं होती हैं
वे तो उन को जीने की रीत सिखाती हैं
ताऊ रामराम,
ReplyDeleteसूर्य ग्रहण एक प्राकृतिक घटना ही तो है, और अस्थाई भी। हर ग्रह की अपनी स्वाभाविक चाल है, ये तो छंटना ही है।
रामराम।
हमारी हालत भी आपके ही जैसी है!
ReplyDeleteमगर
हालात बदलने में बहुत देर नही है!
मन अशांत है.
ReplyDeleteअब यह पढ कर यही कहूंगा
है अंधेरा घना छा रहा
तेरा इंसान घबरा रहा
हो तेरी रौशनी में जो दम
तू अमावस (सूर्य ग्रहण)
को कर दे पूनम
ऐ मालिक..!
ताऊ के ब्लॉग में सूर्य ग्रहण..! अब तो नहाना पड़ेगा.
ReplyDeleteखूब गर्मी में
ReplyDeleteऐसा भी होता है
तरबूज जैसा लग रहा है
खरबूज का आकार है
विचार आपके बिना कहे ही
हिन्दी ब्लॉग जगत में साकार हैं।
लो ताऊ... इतनी दवा, ताबीज बानाए.. बाटें.. आश्रम खोले.. और कहते हो मन अशांत है... धंधे पर बुरा असर पडेगा...
ReplyDeleteशनिवार की पहेली का हिंट भेजो...:)
take care..
raam raam
ReplyDeleteताऊ इसका ईलाज मेरे पास है.. सारे ब्लॉग बंद करो. और आदि की पोस्ट पढ़ो.. मन प्रसन्न हो जाएगा.. गारंटी...
ReplyDeleteआज हमारा लिखा पढ़ कर विवेचना और अपनी अपनी समझ के हिसाब से उसका अर्थ लगाने वाले बहुत हैं ! देर सबेर सबके बारे में पता चल जाएगा ! हाँ हमें ईमानदार होना चाहिए ...एक तरफा झुकाव कभी किसी को भी सही लोगों की इज्ज़त नहीं दिला पायेगा !
ReplyDeleteआप जैसा मस्त मौला उदास हो जाये ...अच्छा नहीं लगा ताऊ ! उठ जाओ और जो भी मन में आये ...लिखो !
अरे क्या हुआ।
ReplyDeleteक्या हुआ ताऊ जी????????
ReplyDeleteregards
ताऊ जी
ReplyDeleteकम से कम आपसे तो यह आशा नहीं थी।
ब्लाग जगत का जिंदादिल, खिलंदडा ताऊ होने के बाद भी आप इतने संजीदा हो जायेंगें।
समीर जी भी आहत हुए होंगें फिर भी देखिये सबको संबल खुद ही दे रहे हैं।
किसी ने सच ही कहा है कि -
"जिन्हें हंसने की आदत है, वो बहुत रोते हैं अन्दर ही अन्दर"
कुछ ज्यादा कह दिया है तो अपना बच्चा समझकर क्षमा कर दीजियेगा।
प्रणाम
अरे ताऊ जी एक ही ब्लोग तो ऐसा था जहाँ सबको सुकून मिल जाता था और वहाँ भी ग्रहण लग जायेगा तो बाकी किधर जायेंगे।
ReplyDeleteउत्तिष्ट जागृत पराप्निबोधत।
ReplyDeleteCOME ON TAUJI,चलता है, कभी सुख, कभी दुःख........... आप जैसा इंसान निराशवादी कैसे हो सकता है ? IF WINTER
ReplyDeleteCOMES,SPRING IS NOT FAR AWAY. FALTU LOGO KE BAK-BAK KARNE SE DIGNE KEE KOI JARURAT NAHEE !
Are kya hua? khair asthai stithi hai chhat jayegi.
ReplyDeleteअरे शांति काम पर नही आई क्या??? ज्जो मन आशांत हो रहा है.... अभी ताई को हकीकत बताता हुं, वो करे ही इस अशांति का इलाज थोडा ठहरो... वो लठ्ठ ले कर आती ही होगी
ReplyDeleteअरे ताऊ जी
ReplyDeleteग्रहण बीत गया सूतक समाप्त... देखिये सूर्यदेव नवीनतम आभा के साथ चमक रहे है .. अगर ग्रहण लंबा चला तो लेखको की जीवनशक्ति का क्या होगा हम तो मुरझा जायेंगे ..
तो बस शरू हो जाये.. लट्ठ घुमा के
मतलब कि लिख दिया, फोटू भी डाल दिया टिप्पणी भी आ गयी।
ReplyDeleteफिर क्षमा कैसी।
Taau Raam Raam ...
ReplyDeleteYe surygranah hai ye to pata nahi ... par foto lajawab jaroor hai ...
गाओ मेरे मन...
ReplyDeleteचाहे सूरज चमके चाहे लगा हो गहन...
गाओ मेरे मन... (योगेश)
jaldee hee hat jaaega ye grahan....
ReplyDeleteचलो कोई नहीं, सूर्य ग्रहण तो कुछ देर का मेहमान होना चाहिए,
ReplyDeleteजल्दी से आ जाओ और लिखो ....
आपकी तो एक लाइन पर इतने लोग लाइन लगा कर खड़े हो गए ...लोग आपको भागने नहीं देंगे :)
हां आज सच में ग्रहण है कुछ दान वान करो मन शांत हो जाएगा |
ReplyDeleteयो अमावस का असर दिखे हैं...
ReplyDeleteताऊ जी ,
ReplyDeleteग्रहण की ऐसी की तैसी , हमारा सूरज सलामत है हम नई आकाशगंगा ही बना लेंगे । आप निश्चिंत रहिए ।
देर से इस घटना का पता चला ,जो हुआ ,दुखद हुआ.
ReplyDeleteआशा है ग्रहण अब तक खत्म हो गया हो.
प्यारे ताऊ, हमारा मन तो पिछले कई दिनों से अशांत है। क्या कहें भाई इस सब पर ? खै़र समीर जी ने जो कहा वही हम भी कहते हैं। नया उजाला आएगा।
ReplyDeleteये वक़्त भी गुजर जायेगा ....हर अच्छा या बुरा वक़्त गुजर ही जाता है ...!!
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