अक्सर लोग बाग पूछते हैं कि ताऊ आप इतने असिसटेंट कहां से ले आते हो? जो आपका हर काम बखूबी निभा लेते हैं. जैसे रामप्यारी, हीरामन, बीनू फ़िरंगी, रमलू सियार, चम्पाकली, अनारकली और अब नया नया रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे". तो आज हम वो राज खोलने जा रहे हैं.
असल मे ब्लागिंग करना और बिना किसी की निगाह में आये ब्लागिंग करना भी एक मैनेजमैंट का फ़ंडा है. जो भी"ताऊ ब्लाग मैनेजमैंट इंस्टिट्युट" से प्रशिक्षित लोग हैं वो बिना किसी अडचन के ब्लागिंग करके नाम और दाम दोनों कूट रहे हैं. बाकी का हालचाल हम क्या बतायें? आप ही जानते हैं कि कोई किसी बीमारी का शिकार हो जाता है और कोई किसी की साजिश का शिकार हो जाता है और कुछ को तो पता ही नही चलता कि वो किस भूत प्रेत या जिन्न का शिकार होगये? खैर..... बात हो रही थी ब्लागिंग असिस्टेंट्स के बारे में.
कई लोग हमसे बार बार पूछते हैं...तो आज हम आपको ब्लाग मेनेजमैंट के कुछ गुर बता देते हैं जिन्हें अमल में लाकर आप भी लाभ उठा सकते हैं.
आपको सबसे पहले तो कुछ समर्पित और भरोसे के असिस्टेंट तलाशने पडेंगे. और खुद पोस्ट लिखने के बजाये उनसे पोस्ट लिखवाने की आदत डालनी पडेगी. आपका काम सिर्फ़ यह रहेगा कि आप सिर्फ़ मोटे तौर पर अपने असिस्टेंट्स को बता देंकि आपको किस फ़्लेवर की पोस्ट चाहिये. और एक छोटा सा प्लाट उनको बता दें फ़िर वो उस पर तीन चार सप्ताह तक पोस्ट लिख लिख कर ठेलते रहेंगे.
अब आप पूछेंगे कि ताऊ, यह तो ठीक है पर ऐसे असिस्टेंट लायें कहां से?
यह आपने बिल्कुल सही बात पूछी. तो इसके लिये आपको जरा सी मेहनत करनी पडेगी और इसके दो रास्ते हैं. पहला रास्ता तो यह है कि आप सीधे "ताऊ ब्लाग मेनेजमैंट इंस्टिट्य़ूट" में कैंपस सलेक्शन करके मेधावी और होनहार युवक युवतियों को सलेक्ट करलें जहां आपको एकदम छंटे छंटाये गुरु घंटाल असिस्टेंट और भविष्य के CEO क्वालिटी के होनहार लोग मिल जायेंगे.
और अगर दूसरे रास्ते जाना है तो "ताऊ टी. वी." और "ताऊ साप्ताहिक पत्रिका" में विज्ञापन दें और उसमे से आप को जैसे लोग चाहें उनका सलेक्शन करलें.
और आपको अगर ये दोनों ही रास्ते नही जम रहे हों तो आप "ताऊ ब्लाग कर्मचारी सलेक्शन सर्विसेज" की सेवायें ले सकते हैं. TBKSS यानि ताऊ ब्लाग कर्मचारी सलेक्शन सर्विसेज के द्वारा अगर आप कर्मचारी लेते हैं तो आप बहुत ही फ़ायदे में रहेंगे. यानि नो टेंशन...नो..झंझट...TBKSS से कर्मचारी लिजिये और सब टेंशन भूल जाईये. फ़िर आपको ना कोई भूत प्रेत या जिन्न सताने की जुर्रत करेगा....ना ही ज्ञान बांटने की...बस आप तो इन कर्मचारियों पर सब छोड छाड कर आराम से दूसरे ब्लागरों को फ़ोनियाते रहिये...उन्हें ज्ञान बांटते रहिये....सलाह देते रहिये...कहने का मतलब ये कि दूसरों का बी.पी. यानि कि ब्लागर प्रेशर बढाते रहिये और खुद एक दम ठण्डे ठण्डे कूल कूल बने रहिये. हर सफ़ल और नामी ब्लागर का "ब्लाग प्रेशर कंट्रोल" करने का यही तरीका है.
अब आप कहेंगे कि हम आपकी बात का विश्वास कैसे करें कि आप इतने काबिल कर्मचारी ही सप्लाई करेंगे. आप का सवाल बिल्कुल जायज है. जाहिर है जब आप TBKSS को इतनी तगडी फ़ीस देकर कर्मचारी लेंगे तो आपको संतुष्ट करना हमारा फ़र्ज ही नही बल्कि कर्तव्य है.
अब देखिये कि हम कितनी कडक परीक्षा लेकर कर्मचारी सलेक्ट करते हैं. आईये आपको हम रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" के इंटर्व्यु के सवाल जवाब से रुबरू करवाते हैं जो हमने उसको अपना असिस्टेंट रखते समय लिया था. इससे आपको स्वत: ही TBKSS के हाई स्टेंडर्ड का अंदाजा हो जायेगा.
सलेक्शन के लिये इंटर्व्यू देता रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे"
साक्षात्कार कर्ता : आपका नाम क्या है? और कहां से तशरीफ़ लाये हैं?
रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" : माय नाम इज रामप्यारे बट इन परजेंट टाईम आई एम ओनली "प्यारे"...एंड माई तशरीफ़ इज कमिंग फ़्राम ब्लागगढ.
साक्षात्कार कर्ता : ग्रेज्युएशन कहां से किया?
रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" : मक्खन सिंह गर्ल्स कॉलेज फॉर ब्वायस से...
साक्षात्कार कर्ता : इसके अलावा आपकी क्वालीफ़िकेशन क्या है? और जिंदगी मे क्या करना चाहते हैं?
रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" : गुड क्वेश्चन सर...आई एम पोस्ट ग्रेज्युएट फ़्राम "ताऊ ब्लाग मेनेजमैंट इंस्टिट्य़ूट" एंड वांट टू बी अ ग्रेड वन ब्लागर...एंड माई ड्रीम इज....दैट..आई विल कीप खाट खडी आफ़ सम धुरंदर ब्लागर्स...और कईयों की खाट तो मैं आलरेडी खडी कर चुका हूं..यू नो..?
साक्षात्कार कर्ता : ब्लागिंग के बारे में आप क्या जानते हैं?
रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" : सर, ब्लागिंग बहुत ही स्वास्थ्य वर्धक होती है....
साक्षात्कार कर्ता : क्या बकते हो? इससे तो स्वास्थ्य खराब होता है. जैसे खुशदीप सहगल का...इसकी वजह से वो सप्ताह की सात पोस्ट की बजाये दो पोस्ट पर आगया?
रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" : नो सर...खुशदीप सर के पास मेरे जैसे असिस्टेंट नही थे...यानि प्रोफ़ेशनल अप्रोच नही थी, उन्होने थोडे से पैसे बचाने की खातिर मुझ जैसे एक्सपर्ट की बजाये खुद ही ब्लाग लिखना शुरु कर दिया तो ये तो होना ही था....असली ब्लागर अपनी नही बल्कि दूसरों की तबियत खराब कर देता है. असली ब्लागिंग तो बहुत ही स्वास्थ्य वर्धक होती है.
साक्षात्कार कर्ता : वो कैसे?
रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" : सर...ब्लागिंग करने से कई रोगों का स्वत: ही इलाज हो जाता है. जैसे छपास रोग तो पास में ही नही फ़टकता. जब्कि ब्लागिंग के पहले के दौर मे कई नामी गरामी लेखक, कवि जूते चटका चटका कर चटक गये.
साक्षात्कार कर्ता : वोव...यू आर ग्रेट मि. प्यारे...और बताईये...कि क्या क्या फ़ायदे हैं?
रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" : सर, ब्लागिंग का गर्मी कम करने मे बडा ही महत्वपूर्ण योगदान होता है. यानि असली ब्लागर का दिमाग कभी गर्म नही होता बल्कि वो तो सामने वाले का दिमाग गर्म करके खुद का दिमाग ठंडा रखता है. और इस महंगाई में आईसक्रीम और कोल्ड काफ़ी के पैसे बचाता है.
साक्षात्कार कर्ता : ये क्या बकते हो? क्या तुम्हारा दिमाग गर्म होगया है क्या?
रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" : नही सर....असली ब्लागर अपने दिमाग की सारी गर्मी दूसरों की पोस्ट पर गर्मा गर्म गंदी टिप्पणीयां करके निकाल बाहर करता है और सामने वाले का दिमाग गर्म कर देता है.
साक्षात्कार कर्ता : ये कोई अच्छी बात नही होती मि. प्यारे....क्या कहना चाहोगे?
रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" : सर, आजकल इसी तरह ब्लागिंग हो सकती है. सीधी साधी ब्लागिंग का जमाना गया...आजकल तो नेम यू.आर.एल. से किसी के नाम से भी टिप्पणी करने का चलन है. इस काम की भी स्पेशल ट्रेनिंग होती है...सो यू डोंट वरी...ब्लाग मेनेजमैंट के कोर्स में इसका पूरा एक चेप्टर है.
साक्षात्कार कर्ता : ये नेम यू.आर.एल. से टिप्पणी करना क्या होता है?
रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" : सर, आपने मुझे इंटर्व्यु लेने बुलाया है या ब्लाग टेकनिक समझने बुलाया है? ये सब काम हम लोगों के करने का है. आप तो मुझे अपाईंटमैंट दिजिये और चैन की बांसुरी बजाईये...."मेरा मन डोले...सामने वाले का कलेजा डोले" गाते हुये...फ़िर भी आपको यह टेकनीक जानने का इतना ही शौक है तो अदा जी की इस पोस्ट "काठ की हांडी कभी चढ़ती दोबारा नहीं..." को पढ लिजिये आपके ज्ञान चक्षु खुल जायेंगे...आप कल खुद वहां कमेंट करके आये हैं और टेक्निक मुझसे पूछ रहे हैं...? इसका मतलब आपने पूरी पोस्ट पढी ही नही? या फ़िर आप खुद अक्ल से भी ताऊ हैं?
साक्षात्कार कर्ता : प्लिज रामप्यारे मेरी पोल मत खोल...सच में ही मैं पूरी पोस्ट नही पढ पाया था...अब और क्या फ़ायदे हैं ब्लागिंग के?
रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" : सर, देखिये कुछ लोगों को दूसरों को लडाने में बहुत मजा आता है. ब्लागिंग ऐसे लोगों के लिये सबसे मुफ़ीद स्थान है. बस यू समझ लिजिये कि इससे ज्यादा उपयुक्त स्थान पूरी त्रिलोकी मे नही मिलेगा. और कोई खतरा नही.
साक्षात्कार कर्ता : वो कैसे भला?
रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" : सर, देखिये मैं बताता हूं...जैसे राम और श्याम आपस में अच्छे दोस्त हैं और मान लिजिये कि राम को आप पसंद नही करते...और उन दोनों को आपस मे लडा भिडाकर अलग भी करना चाहते हैं और आनंद भी लेना चाहते हैं....तो ब्लागिंग मे यह काम बडे मजे से हो सकता है.
साक्षात्कार कर्ता : कैसे हो सकता है? अच्छे दोस्तो को कोई नही लडा सकता...
रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" : सर, यही तो फ़र्क है...एक ट्रेंड ब्लागर और नौसिखिये ब्लागर में...ट्रेंड ब्लागर तो इनके ऐसे मजे लेगा कि उपर कैलास पर्वत में भोलेनाथ भी बिना भांग पीये मुस्करा उठते हैं.
साक्षात्कार कर्ता : कैसे?
रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" : देखिये, करना ये होगा कि...पहले राम के ब्लाग पर श्याम के नाम से ऐसी टिप्पणी वो खुद करेगा जिससे राम को पक्का हो जाये कि यह श्याम का ही काम है. अब वो श्याम को कुछ पूछे तब तक यह ट्रेंड ब्लागर
राम को भडका चुका होगा कि यार ये श्याम तुम्हारा दोस्त नही है...उसने तुम्हारे बारे मे सिर्फ़ यहीं नही बल्कि कई जगह ऐसी ही ओछी टिप्पणियां की हैं...मैने कई बार देखा...और चाहा कि तुम्हें बतादूं..पर यह सोचकर चुप रहा कि..जाने दो...जाने दो..पर अब तो ..हद ही होगई...
बस इसी तरह उधर श्याम को राम के खिलाफ़ भडकाता रहेगा...इस तरह डबल मनोरंजन होता है कहीं घूमने फ़िरने जाने का खर्चा भी बच जाता है..सिनेमा की टिकट का खर्चा भी बच जाता है...
साक्षात्कार कर्ता : वाह यार "प्यारे" तुम तो बहुत ही ट्रेंड ब्लागर हो....अब तुम अपना सलेक्शन तो पक्का ही समझो पर एक बात बताओ कि अगर किसी को रास्ते से हटाना हो..यानि उसकी ब्लागिंग से विदाई ही करवानी हो तो उसके लिये तुम्हारे मेनेजमैंट इंस्टिट्यूट मे क्या पढाया गया है? यानि तुम ये काम कैसे करोगे?
रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" : अरे सर...ये तो मेरे बांये हाथ का कमाल है? और इसके कई फ़ार्मुले हैं. जिस पर जो असर कर जाये...यानि...सीधा सादा हो तो लगातार ओछी टिप्पणियां करवाते रहो...उनसे परेशान होकर ब्लागिंग छोडकर भग जायेगा ...थोडा अडियल हो तो अपने किसी चेले से फ़ार्मुला 007 एप्लाई करवाते रहिये...और ज्यादा ही शातिर और मोटी चमडी का हो तो सुर्पणखां या मामा मारीच से बेनामी टिप्पणीयों के साथ साथ बेनामी पोस्ट लिखवाते रहिये....बस जल्द ही काम हो जायेगा.
साक्षात्कार कर्ता : और प्यारे, अगर कोई बेशरम ही हो और इन सबका भी असर ना हो तो?
रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" : सर, उसके लिये भी उपाय है ना...उसको टंकी पर चढवा दो..और उतरने के लिये मत कहो..48 डिग्री की गर्मी में भूखा प्यासा मर जायेगा ...पर ध्यान रहे कि कोई उतारने वाला वहां ना पहूंचे.
एक वरिष्ठ ब्लागर अपने से कनिष्ठ ब्लागर को टंकी पर चढने के लिये प्रोत्साहित करता हुआ...
चढ जा..मेरा राजा बेटा...ऊपर जाकर छलांग लगा दे..डर मत मैं हूं ना..
साक्षात्कार कर्ता : और "प्यारे", अगर वहां कोई टांग खींचकर उतारने वाला पहुंच गया तो?
रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" : अरे सर, हमारे जैसों के रहते आखिर कब तक बचेगा? अगर किसी ने टांग खींचकर उतार भी लिया तो महिने दो महिने तो लिखने के काम से गया..आखिर टांग खींचने से टांग तो टुटेगी ही...तो अस्पताल तो अवश्य ही पहूंच जायेगा...दो चार महिने लिखने से तो रहा...
साक्षात्कार कर्ता : पर दो चार महिने बाद तो लिखेगा ना...?
रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" : अरे सर..तो अब साक्षात्कार मे ही सारे फ़ार्मुले आपको बतादूं क्या? हमारे मेनेजमैंट इंस्टिट्य़ुट ने ऐसे ढीठ लोगों के लिये एक नया फ़ार्मुला खोज लिया है...यानि हम उसे 60 फ़ीट ऊंचे बांस पर चढा देते हैं...और एक बार अगर चढ गया तो फ़िर चाहे वो जितना जोर लगा ले उसकी मौत पक्की है...क्योंकि बांस पर चढे ब्लागर का मरने के सिवा कोई उपाय नही है. बांस पर ब्लागर चढता तो जिंदा है पर उतरता मुर्दा है.
साक्षात्कार कर्ता : आज तक टंकी पर चढाना उतारना तो सुना था अब ये बांस पर चढाना कहां से आगया?
रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" : देखिये...मैं यहां इंटर्व्यु देने आया हूं कोई सारा ब्लाग मेनेजमैंट आपको पढाने नही आया...आपको काम पर रखना हो तो रखिये वर्ना मैं चला.....नो मोर क्वेश्चन्स प्लिज....
डिसक्लेमर :-
१. इस पोस्ट मे वर्णित किसी भी फ़ार्मुले या नुस्खें का उपयोग विशेषज्ञों की देख रेख में ही करें. रामप्यारे द्वारा बताये गये किसी भी नुस्खे की हमारी कोई गारंटी नही है.
२. यह पोस्ट शुद्ध और सौ प्रतिशत हास्य के लिये लिखी गई है. इसका किसी भी छोटे, बडे, कनिष्ठ, वरिष्ठ, बीमार, जिंदा या मुर्दा से कोई संबंध नही है.
३. आपसे हाथ जोडकर निवेदन है कि इस भयानक गर्मी के मौसम में टंकी पर चढने की कतई कोशीश ना करें. इतनी तेज धूप में आपको कोई भी उतारने या टांग खींचने नही आयेगा. लू लगने की संपूर्ण संभावना है. अत: भूलकर भी टंकी पर ना चढें. और रामप्यारे के बताये बांस पर चढना खतरे से खाली नही है. अत: ना चढे और ना ही किसी को चढने के लिये प्रेरित करें.
असल मे ब्लागिंग करना और बिना किसी की निगाह में आये ब्लागिंग करना भी एक मैनेजमैंट का फ़ंडा है. जो भी"ताऊ ब्लाग मैनेजमैंट इंस्टिट्युट" से प्रशिक्षित लोग हैं वो बिना किसी अडचन के ब्लागिंग करके नाम और दाम दोनों कूट रहे हैं. बाकी का हालचाल हम क्या बतायें? आप ही जानते हैं कि कोई किसी बीमारी का शिकार हो जाता है और कोई किसी की साजिश का शिकार हो जाता है और कुछ को तो पता ही नही चलता कि वो किस भूत प्रेत या जिन्न का शिकार होगये? खैर..... बात हो रही थी ब्लागिंग असिस्टेंट्स के बारे में.
कई लोग हमसे बार बार पूछते हैं...तो आज हम आपको ब्लाग मेनेजमैंट के कुछ गुर बता देते हैं जिन्हें अमल में लाकर आप भी लाभ उठा सकते हैं.
आपको सबसे पहले तो कुछ समर्पित और भरोसे के असिस्टेंट तलाशने पडेंगे. और खुद पोस्ट लिखने के बजाये उनसे पोस्ट लिखवाने की आदत डालनी पडेगी. आपका काम सिर्फ़ यह रहेगा कि आप सिर्फ़ मोटे तौर पर अपने असिस्टेंट्स को बता देंकि आपको किस फ़्लेवर की पोस्ट चाहिये. और एक छोटा सा प्लाट उनको बता दें फ़िर वो उस पर तीन चार सप्ताह तक पोस्ट लिख लिख कर ठेलते रहेंगे.
अब आप पूछेंगे कि ताऊ, यह तो ठीक है पर ऐसे असिस्टेंट लायें कहां से?
यह आपने बिल्कुल सही बात पूछी. तो इसके लिये आपको जरा सी मेहनत करनी पडेगी और इसके दो रास्ते हैं. पहला रास्ता तो यह है कि आप सीधे "ताऊ ब्लाग मेनेजमैंट इंस्टिट्य़ूट" में कैंपस सलेक्शन करके मेधावी और होनहार युवक युवतियों को सलेक्ट करलें जहां आपको एकदम छंटे छंटाये गुरु घंटाल असिस्टेंट और भविष्य के CEO क्वालिटी के होनहार लोग मिल जायेंगे.
और अगर दूसरे रास्ते जाना है तो "ताऊ टी. वी." और "ताऊ साप्ताहिक पत्रिका" में विज्ञापन दें और उसमे से आप को जैसे लोग चाहें उनका सलेक्शन करलें.
और आपको अगर ये दोनों ही रास्ते नही जम रहे हों तो आप "ताऊ ब्लाग कर्मचारी सलेक्शन सर्विसेज" की सेवायें ले सकते हैं. TBKSS यानि ताऊ ब्लाग कर्मचारी सलेक्शन सर्विसेज के द्वारा अगर आप कर्मचारी लेते हैं तो आप बहुत ही फ़ायदे में रहेंगे. यानि नो टेंशन...नो..झंझट...TBKSS से कर्मचारी लिजिये और सब टेंशन भूल जाईये. फ़िर आपको ना कोई भूत प्रेत या जिन्न सताने की जुर्रत करेगा....ना ही ज्ञान बांटने की...बस आप तो इन कर्मचारियों पर सब छोड छाड कर आराम से दूसरे ब्लागरों को फ़ोनियाते रहिये...उन्हें ज्ञान बांटते रहिये....सलाह देते रहिये...कहने का मतलब ये कि दूसरों का बी.पी. यानि कि ब्लागर प्रेशर बढाते रहिये और खुद एक दम ठण्डे ठण्डे कूल कूल बने रहिये. हर सफ़ल और नामी ब्लागर का "ब्लाग प्रेशर कंट्रोल" करने का यही तरीका है.
अब आप कहेंगे कि हम आपकी बात का विश्वास कैसे करें कि आप इतने काबिल कर्मचारी ही सप्लाई करेंगे. आप का सवाल बिल्कुल जायज है. जाहिर है जब आप TBKSS को इतनी तगडी फ़ीस देकर कर्मचारी लेंगे तो आपको संतुष्ट करना हमारा फ़र्ज ही नही बल्कि कर्तव्य है.
अब देखिये कि हम कितनी कडक परीक्षा लेकर कर्मचारी सलेक्ट करते हैं. आईये आपको हम रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" के इंटर्व्यु के सवाल जवाब से रुबरू करवाते हैं जो हमने उसको अपना असिस्टेंट रखते समय लिया था. इससे आपको स्वत: ही TBKSS के हाई स्टेंडर्ड का अंदाजा हो जायेगा.
साक्षात्कार कर्ता : आपका नाम क्या है? और कहां से तशरीफ़ लाये हैं?
रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" : माय नाम इज रामप्यारे बट इन परजेंट टाईम आई एम ओनली "प्यारे"...एंड माई तशरीफ़ इज कमिंग फ़्राम ब्लागगढ.
साक्षात्कार कर्ता : ग्रेज्युएशन कहां से किया?
रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" : मक्खन सिंह गर्ल्स कॉलेज फॉर ब्वायस से...
साक्षात्कार कर्ता : इसके अलावा आपकी क्वालीफ़िकेशन क्या है? और जिंदगी मे क्या करना चाहते हैं?
रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" : गुड क्वेश्चन सर...आई एम पोस्ट ग्रेज्युएट फ़्राम "ताऊ ब्लाग मेनेजमैंट इंस्टिट्य़ूट" एंड वांट टू बी अ ग्रेड वन ब्लागर...एंड माई ड्रीम इज....दैट..आई विल कीप खाट खडी आफ़ सम धुरंदर ब्लागर्स...और कईयों की खाट तो मैं आलरेडी खडी कर चुका हूं..यू नो..?
साक्षात्कार कर्ता : ब्लागिंग के बारे में आप क्या जानते हैं?
रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" : सर, ब्लागिंग बहुत ही स्वास्थ्य वर्धक होती है....
साक्षात्कार कर्ता : क्या बकते हो? इससे तो स्वास्थ्य खराब होता है. जैसे खुशदीप सहगल का...इसकी वजह से वो सप्ताह की सात पोस्ट की बजाये दो पोस्ट पर आगया?
रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" : नो सर...खुशदीप सर के पास मेरे जैसे असिस्टेंट नही थे...यानि प्रोफ़ेशनल अप्रोच नही थी, उन्होने थोडे से पैसे बचाने की खातिर मुझ जैसे एक्सपर्ट की बजाये खुद ही ब्लाग लिखना शुरु कर दिया तो ये तो होना ही था....असली ब्लागर अपनी नही बल्कि दूसरों की तबियत खराब कर देता है. असली ब्लागिंग तो बहुत ही स्वास्थ्य वर्धक होती है.
साक्षात्कार कर्ता : वो कैसे?
रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" : सर...ब्लागिंग करने से कई रोगों का स्वत: ही इलाज हो जाता है. जैसे छपास रोग तो पास में ही नही फ़टकता. जब्कि ब्लागिंग के पहले के दौर मे कई नामी गरामी लेखक, कवि जूते चटका चटका कर चटक गये.
साक्षात्कार कर्ता : वोव...यू आर ग्रेट मि. प्यारे...और बताईये...कि क्या क्या फ़ायदे हैं?
रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" : सर, ब्लागिंग का गर्मी कम करने मे बडा ही महत्वपूर्ण योगदान होता है. यानि असली ब्लागर का दिमाग कभी गर्म नही होता बल्कि वो तो सामने वाले का दिमाग गर्म करके खुद का दिमाग ठंडा रखता है. और इस महंगाई में आईसक्रीम और कोल्ड काफ़ी के पैसे बचाता है.
साक्षात्कार कर्ता : ये क्या बकते हो? क्या तुम्हारा दिमाग गर्म होगया है क्या?
रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" : नही सर....असली ब्लागर अपने दिमाग की सारी गर्मी दूसरों की पोस्ट पर गर्मा गर्म गंदी टिप्पणीयां करके निकाल बाहर करता है और सामने वाले का दिमाग गर्म कर देता है.
साक्षात्कार कर्ता : ये कोई अच्छी बात नही होती मि. प्यारे....क्या कहना चाहोगे?
रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" : सर, आजकल इसी तरह ब्लागिंग हो सकती है. सीधी साधी ब्लागिंग का जमाना गया...आजकल तो नेम यू.आर.एल. से किसी के नाम से भी टिप्पणी करने का चलन है. इस काम की भी स्पेशल ट्रेनिंग होती है...सो यू डोंट वरी...ब्लाग मेनेजमैंट के कोर्स में इसका पूरा एक चेप्टर है.
साक्षात्कार कर्ता : ये नेम यू.आर.एल. से टिप्पणी करना क्या होता है?
रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" : सर, आपने मुझे इंटर्व्यु लेने बुलाया है या ब्लाग टेकनिक समझने बुलाया है? ये सब काम हम लोगों के करने का है. आप तो मुझे अपाईंटमैंट दिजिये और चैन की बांसुरी बजाईये...."मेरा मन डोले...सामने वाले का कलेजा डोले" गाते हुये...फ़िर भी आपको यह टेकनीक जानने का इतना ही शौक है तो अदा जी की इस पोस्ट "काठ की हांडी कभी चढ़ती दोबारा नहीं..." को पढ लिजिये आपके ज्ञान चक्षु खुल जायेंगे...आप कल खुद वहां कमेंट करके आये हैं और टेक्निक मुझसे पूछ रहे हैं...? इसका मतलब आपने पूरी पोस्ट पढी ही नही? या फ़िर आप खुद अक्ल से भी ताऊ हैं?
साक्षात्कार कर्ता : प्लिज रामप्यारे मेरी पोल मत खोल...सच में ही मैं पूरी पोस्ट नही पढ पाया था...अब और क्या फ़ायदे हैं ब्लागिंग के?
रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" : सर, देखिये कुछ लोगों को दूसरों को लडाने में बहुत मजा आता है. ब्लागिंग ऐसे लोगों के लिये सबसे मुफ़ीद स्थान है. बस यू समझ लिजिये कि इससे ज्यादा उपयुक्त स्थान पूरी त्रिलोकी मे नही मिलेगा. और कोई खतरा नही.
साक्षात्कार कर्ता : वो कैसे भला?
रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" : सर, देखिये मैं बताता हूं...जैसे राम और श्याम आपस में अच्छे दोस्त हैं और मान लिजिये कि राम को आप पसंद नही करते...और उन दोनों को आपस मे लडा भिडाकर अलग भी करना चाहते हैं और आनंद भी लेना चाहते हैं....तो ब्लागिंग मे यह काम बडे मजे से हो सकता है.
साक्षात्कार कर्ता : कैसे हो सकता है? अच्छे दोस्तो को कोई नही लडा सकता...
रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" : सर, यही तो फ़र्क है...एक ट्रेंड ब्लागर और नौसिखिये ब्लागर में...ट्रेंड ब्लागर तो इनके ऐसे मजे लेगा कि उपर कैलास पर्वत में भोलेनाथ भी बिना भांग पीये मुस्करा उठते हैं.
साक्षात्कार कर्ता : कैसे?
रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" : देखिये, करना ये होगा कि...पहले राम के ब्लाग पर श्याम के नाम से ऐसी टिप्पणी वो खुद करेगा जिससे राम को पक्का हो जाये कि यह श्याम का ही काम है. अब वो श्याम को कुछ पूछे तब तक यह ट्रेंड ब्लागर
राम को भडका चुका होगा कि यार ये श्याम तुम्हारा दोस्त नही है...उसने तुम्हारे बारे मे सिर्फ़ यहीं नही बल्कि कई जगह ऐसी ही ओछी टिप्पणियां की हैं...मैने कई बार देखा...और चाहा कि तुम्हें बतादूं..पर यह सोचकर चुप रहा कि..जाने दो...जाने दो..पर अब तो ..हद ही होगई...
बस इसी तरह उधर श्याम को राम के खिलाफ़ भडकाता रहेगा...इस तरह डबल मनोरंजन होता है कहीं घूमने फ़िरने जाने का खर्चा भी बच जाता है..सिनेमा की टिकट का खर्चा भी बच जाता है...
साक्षात्कार कर्ता : वाह यार "प्यारे" तुम तो बहुत ही ट्रेंड ब्लागर हो....अब तुम अपना सलेक्शन तो पक्का ही समझो पर एक बात बताओ कि अगर किसी को रास्ते से हटाना हो..यानि उसकी ब्लागिंग से विदाई ही करवानी हो तो उसके लिये तुम्हारे मेनेजमैंट इंस्टिट्यूट मे क्या पढाया गया है? यानि तुम ये काम कैसे करोगे?
रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" : अरे सर...ये तो मेरे बांये हाथ का कमाल है? और इसके कई फ़ार्मुले हैं. जिस पर जो असर कर जाये...यानि...सीधा सादा हो तो लगातार ओछी टिप्पणियां करवाते रहो...उनसे परेशान होकर ब्लागिंग छोडकर भग जायेगा ...थोडा अडियल हो तो अपने किसी चेले से फ़ार्मुला 007 एप्लाई करवाते रहिये...और ज्यादा ही शातिर और मोटी चमडी का हो तो सुर्पणखां या मामा मारीच से बेनामी टिप्पणीयों के साथ साथ बेनामी पोस्ट लिखवाते रहिये....बस जल्द ही काम हो जायेगा.
साक्षात्कार कर्ता : और प्यारे, अगर कोई बेशरम ही हो और इन सबका भी असर ना हो तो?
रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" : सर, उसके लिये भी उपाय है ना...उसको टंकी पर चढवा दो..और उतरने के लिये मत कहो..48 डिग्री की गर्मी में भूखा प्यासा मर जायेगा ...पर ध्यान रहे कि कोई उतारने वाला वहां ना पहूंचे.
चढ जा..मेरा राजा बेटा...ऊपर जाकर छलांग लगा दे..डर मत मैं हूं ना..
साक्षात्कार कर्ता : और "प्यारे", अगर वहां कोई टांग खींचकर उतारने वाला पहुंच गया तो?
रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" : अरे सर, हमारे जैसों के रहते आखिर कब तक बचेगा? अगर किसी ने टांग खींचकर उतार भी लिया तो महिने दो महिने तो लिखने के काम से गया..आखिर टांग खींचने से टांग तो टुटेगी ही...तो अस्पताल तो अवश्य ही पहूंच जायेगा...दो चार महिने लिखने से तो रहा...
साक्षात्कार कर्ता : पर दो चार महिने बाद तो लिखेगा ना...?
रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" : अरे सर..तो अब साक्षात्कार मे ही सारे फ़ार्मुले आपको बतादूं क्या? हमारे मेनेजमैंट इंस्टिट्य़ुट ने ऐसे ढीठ लोगों के लिये एक नया फ़ार्मुला खोज लिया है...यानि हम उसे 60 फ़ीट ऊंचे बांस पर चढा देते हैं...और एक बार अगर चढ गया तो फ़िर चाहे वो जितना जोर लगा ले उसकी मौत पक्की है...क्योंकि बांस पर चढे ब्लागर का मरने के सिवा कोई उपाय नही है. बांस पर ब्लागर चढता तो जिंदा है पर उतरता मुर्दा है.
साक्षात्कार कर्ता : आज तक टंकी पर चढाना उतारना तो सुना था अब ये बांस पर चढाना कहां से आगया?
रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" : देखिये...मैं यहां इंटर्व्यु देने आया हूं कोई सारा ब्लाग मेनेजमैंट आपको पढाने नही आया...आपको काम पर रखना हो तो रखिये वर्ना मैं चला.....नो मोर क्वेश्चन्स प्लिज....
१. इस पोस्ट मे वर्णित किसी भी फ़ार्मुले या नुस्खें का उपयोग विशेषज्ञों की देख रेख में ही करें. रामप्यारे द्वारा बताये गये किसी भी नुस्खे की हमारी कोई गारंटी नही है.
२. यह पोस्ट शुद्ध और सौ प्रतिशत हास्य के लिये लिखी गई है. इसका किसी भी छोटे, बडे, कनिष्ठ, वरिष्ठ, बीमार, जिंदा या मुर्दा से कोई संबंध नही है.
३. आपसे हाथ जोडकर निवेदन है कि इस भयानक गर्मी के मौसम में टंकी पर चढने की कतई कोशीश ना करें. इतनी तेज धूप में आपको कोई भी उतारने या टांग खींचने नही आयेगा. लू लगने की संपूर्ण संभावना है. अत: भूलकर भी टंकी पर ना चढें. और रामप्यारे के बताये बांस पर चढना खतरे से खाली नही है. अत: ना चढे और ना ही किसी को चढने के लिये प्रेरित करें.
इब खूंटै पै पढो :-
बात थोडी पुरानी सै. उन दिनों ताऊ चोरी डकैती बेइमानी के काम नही किया करता था. इमानदारी से खेतों मे मेहनत करके अपनी रोजी रोटी चलाया करता था. सुबह जल्दी उठकर अपना ऊंट और हल लेकर जंगल में अपने खेत जोतने निकल जाया करता था.ताऊ अपने ऊंट से खेत में हल जोतते हुये
एक दिन ताऊ अपने खेत में हल चला रहा था कि एक जोरदार आवाज आई. ताऊ ने सर उठाकर देखा तो पास की सडक से एक मिनी बस बेकाबू होकर नीचे गड्डॆ मे गिरी पडी थी और चीख पुकार मची हुई थी. ताऊ हल छोडकर उनके पास पहुंचा.
वहां जाकर ताऊ ने देखा कि लोग मरे अधमरे और घायल पडे थे. एक गंभीर घायल ने बताया कि वो सारे नेता हैं और जंगल में शिकार खेलने जारहे थे.
ताऊ ने अच्छा बडा सा गडढा खोदा और सबको दफ़ना कर नहा धोकर अपने काम मे लगगया.
कुछ दिनों बाद नेताओं की खोज खबर शुरु हुई तो पुलिस वाले ताऊ से पूछने लगे कि ये तुम्हारे खेत के पास जो एक्सीडेंट हुई मिनी बस पडी है इसमे जो सवारियां थी वो कहां गई?
ताऊ बोला : हुजुर मैने उन सबको पास में ही गड्ढा खोदकर दफ़ना दिया है.
पुलिस वालों ने पूछा : क्या वो सारे के सारे एक्सीडेंट मे मर गये थे?
ताऊ बोला : अजी थाणेदार साहब, उनमें से दो चार नेता बोल रहे थे कि वो मरे नही हैं. पर आप तो जानते ही
हो कि ये नेता लोग कितनी झूंठ बोलते हैं? मैं तो इन नेताओं की बात का कभी भी यकीन नही करता.
इस इंस्टीट्यूट में लेक्चरर/प्रोफेसर की जरूरत हो तो biodata भेज दूँ.
ReplyDeleteअनुभव : अभी अर्जित करना
शिक्षा : होता तो क्या यहीं आता
जन्म : आजन्म
रूचि : औरों को जो अरूचिकर लगे
पता : अपने पत्नी के घर में
फोन नम्बर : अभी व्यस्त है
बहुत ही उम्दा
ReplyDeleteआप सभी मेरी आज की पोस्ट पर सादर आमंत्रित है |
http://techtouchindia.blogspot.com
वाह ! खूंटे के साथ मजेदार लेख |
ReplyDelete"ताऊ ब्लाग मेनेजमैंट इंस्टिट्य़ूट" कोई पत्राचार पाठ्यक्रम से डिप्लोमा नहीं करवाता क्या ? :)
क्लास का टाइम होने पर पढ़ेंगे फिर टिप्पणी करेंगे। अभी अदालत जाने का वक्त है।
ReplyDeleteताऊ
ReplyDeleteकमाल पे कमाल किये जाते हो
"ताऊ ब्लाग मैनेजमैंट इंस्टिट्युट" ्खोल लिये विज़िटिंग फ़ैकल्टी चाहिय तो बताना जी सी वी भेज दूंगा
वह ताऊ आज तो अपने अपना अनुभूत ज्ञान परोस कर बहुत उपकार किया है ब्लॉग जब्त का -चित्र भी ऐसे की बस क्या कहिये !
ReplyDeleteताऊ एक सीट म्हारी भी रख लियो "ताऊ-भतीजावाद" वाले special कोटे में.
ReplyDeleteबहुत ही आकर्षक पोस्ट |
ReplyDeleteहा हा!! पूरी ब्लॉग विधा का खुलासा कर दिया..बड़ा अनुभवी बन्दा है भई..कितना न देखा झेला होगा इतना घोर ज्ञान अर्जित करने के लिए...
ReplyDeleteबिल्ली और मुर्गा देख कर दो चर्चित (ऐसा वो सोचते हैं) लोग याद आये मगर नाम बताऊँगा नहीं. :)
मजेदार पोस्ट!!
यह आपका रामप्यारे वाकई काम का आदमी लगता है !
ReplyDeleteराम राम
...अजी थाणेदार साहब, उनमें से दो चार नेता बोल रहे थे कि वो मरे नही हैं. पर आप तो जानते ही
ReplyDeleteहो कि ये नेता लोग कितनी झूंठ बोलते हैं? मैं तो इन नेताओं की बात का कभी भी यकीन नही करता.
--हा.. हा.. हा.. ये हुई न बात। मज़ा आ गया.. इसे कहते हैं हास्य भी व्यंग्य भी।
...बड़े ब्लागर के उत्साहवर्धन के चित्र में बड़ा ब्लागर मुर्गा और छोटा ब्लागर बिल्ली का बच्चा होता तो..?
--संभावना तो है!
...मैं तो इन नेताओं की बात का कभी भी यकीन नही करता....बहुत खूब.
ReplyDeleteताऊ जी,
ReplyDeleteमक्खन सिंह गर्ल्स कॉलेज फॉर ब्वायस को ताऊ यूनिवर्सिटी ऑफ बुडबक्स से मान्यता दिलवा दीजिए...फिर देखिए एक से बढ़कर एक मक्खन जैसे नगीने आपकी खिदमत में हाज़िर रहेंगे...बस आपको अपनी राम प्यारियों को थोड़ा बचा कर रखना होगा...
जय हिंद...
व्यंग्य के रस में सराबोर क सुन्दर पोस्ट!
ReplyDeleteकाबिलेतारीफ!
कुछ असिस्टेंट्स की हमें भी आवश्यकता है, कृपया आपके यहाँ का रेटलिस्ट भेजियेगा।
ReplyDeleteताऊ, एक ब्रांच मेरे यहां भी खुलवा दो प्लीज...
ReplyDeleteमहोदय
ReplyDeleteमैं TBKSS में प्रवेश पाने के लिए इच्छुक हूँ, कृप्या इसकी फीस का ब्योरा भेजें। साथ ही इस संस्था के एलुमिनाई से भी अवगत कराएँ।
गरीब छात्रों के लिए TBKSS में स्कॉलरशीप की कोई व्यवस्था हो तो जरूर बताएँ।
(खूँटी पर नेता का किस्सा लाजवाब रहा)
ताऊ जी राम-राम
ReplyDeleteखूंटा घणे दिन बाद दिखा, पर हमेशा की तरह मजेदार है।
इस इंस्टीट्यूट में दाखिला लेना चाहता हूं। ब्लाग असिस्टेंट की जाब में स्कोप दिख रहा है।
प्रणाम
हा हा हा………………॥बहुत सुन्दर व्यंग्य।
ReplyDeleteमुझे प्रोफ़ेसर की नौकरी चाहिए....
ReplyDeleteवाह...सच बहुत ही बढ़िया इंस्टिट्युट का पता बताया है...बहुत बढ़िया लेख कोई भी कोर्स नहीं छोड़ा .:):)
ReplyDeletemujhe bhi dakhila chahiye.. :)
ReplyDeleteवाह...सच बहुत ही बढ़िया इंस्टिट्युट का पता बताया है...बहुत बढ़िया लेख कोई भी कोर्स नहीं छोड़ा .:):)
ReplyDelete"RAM"
मजा आ गया ताऊ लगता है अब ज्वाइन करना ही पडेगा !
ReplyDeletemazedaar interview raha...waise itne IQ wale pyare ke yahi jawab hone the..!beshaq!
ReplyDelete---------
Yeh Rampyari aur chick ka chitr post ki 'highlight 'hai!
ताऊ मौके का फाय्दा उठा लिया आपने ... सभी नेताओं को ......
ReplyDeleteमज़ा आ गया खूँटे पर आज तो ...
वाह ताउ,,, मेरी एक सीट पक्की ,
ReplyDeleteध्यान रहे बिना टैक्स दिए कोई भीतर न जाने पाए।
ReplyDeleteध्यान रहे बिना टैक्स दिए कोई भीतर न जाने पाए।
ReplyDeleteताऊ, राम राम,
ReplyDeleteताऊ ग्रुप आफ़ कंपनीज़ को सेबी के पास रजिस्टर्ड करवा लो।
मजेदार व्यंग्य।
आभार
राम राम।
ताऊ, यह बिलोटे और चूजे का चित्र तो बहुत ही शानदार है, उस पर टिप्पणी तो कहर ही ढा रही है। आपके एमबीए के छात्र हमें भी एकाध उपलब्ध करा ही दीजिए।
ReplyDeleteताऊ जी राम राम
ReplyDeleteगद-गद हो गया ,क्या स्वस्थ्य व्यंग किया है आपने ?
बहूत खूब |
ताऊ अपने मैनिजमैन्ट इन्स्टीटयूट का म्हारे चिट्ठाद्योग सेवा संस्थान तै टाईअप कर ले...म्हारे पै एक तै एक फन्ने खाँ ब्लागर दिहाडी पै मिल ज्यांगे...धंधा घणा चोखा चाल जेगा :-)
ReplyDeleteतारीफ तो घणी करने को था पर बहुतों ने बहुत कुछ कै दियो सै ..सो रैन ही दे !!!
ReplyDeleteआईपीएल में भी खेल रहे हो सुनने में आया है .
ReplyDeleteएक को तो दफ़ना दिये आगे क्या इरादा है :)
वाह वाह ताऊ, ग़ज़ब के ख़ुलासे कर गए भाई आप भी। वो टंकी प्रोत्साहन वाला चित्र बड़ा मज़ेदार लगा। हा हा। इसे आपके ब्लॉग के साइडबार में जगह दी जा सकती है। आपकी कहन का जवाब नहीं ताऊ।
ReplyDeleteआदरणीय ताऊजी को प्रणाम!!
ReplyDeleteयदि इस तरह से आप प्रगति करते रहे तो हम बिचारे लोगों का क्या होगा.
अपने इन्स्टिट्यूट के लिये मेरा नाम भी लिख लें!
सस्नेह -- शास्त्री
हिन्दी ही हिन्दुस्तान को एक सूत्र में पिरो सकती है.
हर महीने कम से कम एक हिन्दी पुस्तक खरीदें !
मैं और आप नहीं तो क्या विदेशी लोग हिन्दी
लेखकों को प्रोत्साहन देंगे ??
http://www.Sarathi.info
आदरणीय ताऊ जी
ReplyDeleteप्रणाम,
मैं अपनी सेवा कुलपति की पोस्ट के लिए प्रेषित करती हूँ...उसके नीचे की पोस्ट में मेरा पोसाई नहीं पड़ेगा...सोचियेगा....
काबिल हूँ...शिकायत का मौका नहीं दूंगी...
धन्यवाद...
ताऊ खूंटा पढ़ के जी राजी होग्या |
ReplyDeleteआदरणीय ताऊ जी ,
ReplyDeleteसादर प्रणाम , म्हारों भी पंजीयन करी लेयो