आज की यह अतिथि पोस्ट श्री समीर लाल "समीर" की है. बहुत आभार!
प्रकृति की अनुपम खूबसूरत कलाकृति-इटली का सांस्कृतिक एवं व्यापारिक केंद्र-वेनिस.
पूरा शहर सड़को की बजाय जल मार्गों से जुड़ा है और परिवहन का मुख्य साधन नाव है जिसे गंडोला कहा जाता है. अपने आप में अनूठे शहर की खूबसूरती और यहाँ की विश्व प्रसिद्ध नौकायान दौड़ ’रैगाटा’ हजारों पर्यटकों को हर वर्ष लुभाती है.
वैनिस का एतिहासिक एवं सांस्कृतिक महत्व का मुख्य पर्व ’कार्निवाल’, जो ५ अक्टूबर से प्रारंभ हो क्रिसमस तक चलता है, शहर के ’सेंट मार्क स्कायर’ पर हर वर्ष मनाया जाता है. पूरा शहर इस त्यौहार के रंग में डूबा रहता है और देश विदेश से पर्यटक इस पर्व का आनन्द लेने आते हैं. धार्मिक पर्वों मे ’सेनसा का रेनडेनटोर’ की बहुत मान्यता है.
शहर में अनेक एतिहासिक एवं सांस्कृतिक महत्व के संग्रहालय हैं जिनमें से ’अकादमिया गैलरी’ के छाया चित्र बहुत महत्वपूर्ण हैं, जहाँ अठाहरवीं शताब्दी के कलाचित्र संग्रहित हैं.
यात्रियों की सुविधा के लिए यहाँ ग्रैंड कनाल पर ’रीयाल्टो पुल’ से शहर का बहुत सुन्दर दृष्य दिखता है.
यहाँ पर रहने वाले स्थानीय लोग मुख्यतः ईसाई धर्म को मानने वाले हैं. वैनिस का ’सेंटा मारिया गिरजाघर’ भव्यता एवं बेहतरीन शिल्प का अद्भुत नमूना है.
पर्यटन स्थलों में ’स्काला कॉट्रावीनी बोवोलो महल’, जिसके अनगिनत वृतखण्ड एवं सीढ़ियों की भव्यता पर्यटकों को आकर्षित करती है.
’वैनीशियल आर्सनल’ वैनिस का प्रमुख बन्दरगाह है और प्राचीनकाल में जलसेना का केन्द्र था.
विभिन्न प्रकार के पिज्ज़ा एवं पास्ता यहाँ के प्रमुख व्यंजन हैं एवं मुख्य भाषायें ’वेनीशीयन एवं स्पेनिश’ हैं.
मौसम के हिसाब से वेनिस घूमने के लिए नवम्बर से लेकर जनवरी तक का समय सबसे अच्छा है.
नदी में उगा एक शहर- वेनिस!!
अथाह जल राशि
और
उनके बीच ऊग आया
एक शहर..
ऐसा शहर
जिसमें मकान हैं
बाजार हैं
दफ्तर हैं
लोग हैं..
बस नहीं है
तो इन सबको
आपस मे जोड़ती
उलझती, बल खाती
रिश्ते निर्धारित करती
काली काली सड़के..
उनको जोड़ता है
यह तरल तार..
मद्धम थमा हुआ..
जिसका अपना कोई रंग नहीं..
चेहरे पर मुस्कराहट लिए..
रात चाँद उतरता है
इस शहर में..
सड़कों वाले शहरों से
ज्यादा गहरा..
और
सुबह को
छोड़ जाता है
अपनी शीतलता
दिन गुजारने को..
बिल्कुल उन रिश्तों सा
जिनमें उथल पुथल नहीं होती..
एक शांत और सौम्य
अहसास का रिश्ता!!
एक गीत हवा में घोलता-
’ओ मोरे मिओ..’
कितना कोमल है
इस विराट शहर का स्वरुप!!
कितना भिन्न!!
कितना आलोकिक!
आभार : श्री समीर लाल "समीर"
वेनिस पर समीर लाल जी के उदगार अच्छे लगे !
ReplyDeleteताऊ जी!
ReplyDeleteजिसका अतिथि ब्लॉग-जगत का सबसे दुलारा ब्लॉगर
समीर लाल जैसा हो, उसे भला कौन नहीं पढ़ना चाहेगा!
बहुत सुन्दर पोस्ट है जी!
प्रकाशित करने के लिए आभार!
बहुत ही सुन्दर जानकारी ! काश हम भी अपनी नदियों को साफ़ रखकर इन्ही की तरह उपयोग में ला सके
ReplyDeleteसही लिखा है वेनिस के बारे में. वेनिस आज बस एक पर्यटक स्थल भर बचा है.
ReplyDeleteमैंने इस शहर के बारे में इसी ब्लॉग जगत में ही पढ़ा था . हम पूर्वी उत्तरप्रदेश के इनसे अनजान लोगों के लिए तो यह परीकथा से कम नहीं है.
ReplyDelete..इस पर आपकी कविता बेहद खूबसूरत है. अपनी कविता में आपने वेनिस की खूबसूरती को उतार कर रख दिया प्रतीत होता है.
..आभार.
बहुत सुन्दर प्रस्तुति और समीर जी के उदगार धन्यवाद
ReplyDelete. वेनिस के बारे में बेहद रोचक जानकारी आभार
ReplyDeleteregards
bahut hi sundarta se prastut kiya hai aur utni hi sundar kavita ne char chaand laga diye hain.
ReplyDeleteनदियों के शहर वेनिस के बारे में खूबसूरत जानकारी दी है .... कविता हमेशा की तरह बहुत अच्छी लगी . आभार
ReplyDeleteबिल्कुल उन रिश्तों सा
ReplyDeleteजिनमें उथल पुथल नहीं होती..
एक शांत और सौम्य
अहसास का रिश्ता!!
वाह ... बहुत खूब
अतिथि पोस्ट बेहतरीन रही
वेनिस को नजदीक से महसूस किया
आभार
बचपन में शायद कथा-भारती में इसके बारे में पढ़ा था और चित्र देखे थे जो अभी तक मन में बसे हैं. और आज आप ने इस पोस्ट को दे सोने पर सुहागा कर दिया.
ReplyDeleteपोस्ट पढते हुए हम भी कल्पना में अपने आपको वेनिस शहर की सैर करते देख रहे हैं....समीर जी की कविता के तो कहने ही क्या!!
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति!!
समीर भाई ........ ऐसा समा बाँधा है, जाना पढ़ेगा एक बार ........ क्यों खर्चा करा रहे हो भाई ..........
ReplyDeleteवाह समीर जी इस बार वेनिस आपकी नजरों से देखा..बहुत मजा आया .शुक्रिया
ReplyDeleteबहुत सुंदर रचना दो सल पहले गये थे, चारो ओर पानी की बद्बू ही थी, बस दो चार घंटो मै ही मन उकता गया, यह शहर समुंदर मै ही बसा है, चित्रो मै ही सुंदर लगता है,शेष इटली भारत की तरह से ही है सब अपने जेसे ही लगते है, ओर मोसम भी भारत की तरह से है
ReplyDeleteइस वेनिस शहर से जुडी आपकी रचना लाजवाब है।
ReplyDeleteमेरी जानकारी के अनुसार वेनिस में जल स्तर बढ़ने के कारण पानी घरों तक आया है। यह संकेत है अन्य देशों के लिए भी। अच्छी जानकारी है लेकिन बस इतना और देते कि वेनिस पानी में कब डूबा या तिरा?
ReplyDeleteबहुत रोचक बढ़िया तरीके से वेनिस शहर को बताया समीर जी ने शुक्रिया
ReplyDeleteसमीर जी को पढ़ना सुखद है चाहे जहा भी लिखे !
ReplyDeleteहां यह अनोखा जानकारी पहली बार मिला
धन्यवाद ताऊ जी
वेनिश के बारे में बहुत ही बढ़िया जानकारी दी समीर जी का धन्यबाद
ReplyDeleteसादर
प्रवीण पथिक
9971969084
यूं तो किताबों में पढ़ रखा था परंतु समीर लाल जी की कलम से वेनिस शहर का नया रूप दिखा. मन जैसे वेनिस की गलियों में ही भटक गया .
ReplyDeleteबहुत् बहुत धन्यवाद समीर जी.
कितना भिन्न!!
ReplyDeleteकितना आलोकिक!..
आपनें तो आकर्षित कर दिया .
क्या description है बाई गौड! मज़ा आ गया.
ReplyDeleteजय बजरंग बलि!
आपको पढना हमेशा लाजवाब होता है।
ReplyDeleteवेनिस के बारे में बेहद रोचक जानकारी .....बहुत सुन्दर प्रस्तुति.....
ReplyDeleteआपके ब्लॉग पर समीरलाल जी की पोस्ट पढ़कर तो आनन्द आ गया!
ReplyDeleteइसे चर्चा मंच में भी स्थान मिला है!
http://charchamanch.blogspot.com/2010/01/blog-post_28.html
behtreen post...shandaar varnan...
ReplyDeleteवेनिस बहुत ही सुन्दर जगह है और उसके बारे में बढ़िया और रोचक जानकारी प्राप्त हुई! बहुत अच्छा लगा!
ReplyDeleteek baar shikha ne sair karvaaee thee ...aaaj sameer laal jee kee kavita ke saath bhi dekh liya ......
ReplyDelete" Mi amore Venice ..."
ReplyDeletenice artile,
&
even nicer poem :)
शहर के ही भांति उगी कविता मन को भी धीमे धीमे गंडोला की सैर कराती प्रतीत होती है । बहुत सुन्दर शहर है। लेकिन अफ्सोस जिससे इसकी खूबसूरती है वही इसे डुबोने वाली है।
ReplyDeleteसमुद्र अगले कुछ वर्षं में ही इसे अपने आगोश में ले लेगा।
समीरजी ,सुन्दर आलेख और आपकी कविता ने शहर की रूह को शब्दों में उतार दिया.
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