प्रिय भाईयो और बहणों, भतीजों और भतीजियों आप सबको घणी रामराम !
कल की ताऊ पहेली - 37 का सही उत्तर है "वार सिमेट्री कोहिमा" नागालैंड. जिसके बारे मे कल ताऊ साप्ताहिक पत्रिका में विस्तार से बता रही हैं सुश्री अल्पना वर्मा. .
अब बात करते हैं ताऊ पहेली - ३५ के परिणामों की और विजेताओं की.
आईये अब क्रमश: आज के अन्य माननिय विजेताओं से आपको मिलवाते हैं.
इसके अलावा निम्न महानुभावों ने भी इस पहेली अंक मे शामिल होकर हमारा उत्साह बढाया. जिसके लिये हम उनके हृदय से आभारी हैं.
सुश्री , M.A.Sharma"सेहर"श्री दिनेशराय द्विवेदी, श्री काजलकुमार, सुश्री वाणीगीत, श्री सुशीलकुमार छौंक्कर,
श्री सोनु, श्री रतन सिंह शेखावत, श्री दीपक तिवारी साहब, श्री संजय बेंगाणी, श्री अनिल पूसदकर, सुश्री विधु,
डा, रुपचंद्र शाश्त्री "मयंक", श्री ज्ञानदत्त पांडे, श्री मकरंद, श्री भानाराम जाट, श्री राज भाटिया, सुश्री प्रेमलता पांडे, श्री अभिषेक ओझा, सुश्री महक और सुश्री हरकीरत हकीर
आपका सबका तहेदिल से शुक्रिया.
सही जवाब तो आपको मेरी उपर की फ़ोटो देखकर पता चल ही गया होगा? पता नही कैसे ये मक्खी आकर मेरी नाक पर बैठ गई और यह कहावत गलत हो गई कि रामप्यारी तो नाक पर मक्खी भी नही बैठने देती.
हां तो सबसे पहले सही जवाब दिया दिलिप कवठेकर अंकल ने, फ़िर वो संजय बेंगाणी अंकल ने भी सही ताड लिया कि यह मक्खी ही है. फ़िर मीत अंकल तो क्युं कम रहने वाले थे. उनको भी सिक्के के पीछे मक्खी दिखाई दे गई.
फ़िर संजय तिवारी संजू अंकल और प.डी.के.शर्मा"वत्स" अंकल को भी मक्खी दिखाई दी और फ़िर प्रीती बर्थ्वाल आंटी को तो दिख ही गई मेरे नाक पर बैठी हुई मक्खी.
आप सबको हार्दिक धन्यवाद और साथ में तीस तीस नम्बर भी.
कल की ताऊ पहेली - 37 का सही उत्तर है "वार सिमेट्री कोहिमा" नागालैंड. जिसके बारे मे कल ताऊ साप्ताहिक पत्रिका में विस्तार से बता रही हैं सुश्री अल्पना वर्मा. .
कोहिमा वार सिमेट्री बांस के पाईप में पीने का पानी ले जाते हुये नागा औरतें. एक नागा घर
अब बात करते हैं ताऊ पहेली - ३५ के परिणामों की और विजेताओं की.
प्रथम विजेता : अंक १०१ सुश्री सीमा गुप्ता | द्वितिय विजेता : अंक १०० श्री मीत | तृतिय विजेता : अंक ९९ श्री प्रकाश गोविंद |
आईये अब क्रमश: आज के अन्य माननिय विजेताओं से आपको मिलवाते हैं.
अंक ९८ | अंक ९७ | अंक ५० | HEY PRABHU YEH TERA PATH अंक ५० |
इसके अलावा निम्न महानुभावों ने भी इस पहेली अंक मे शामिल होकर हमारा उत्साह बढाया. जिसके लिये हम उनके हृदय से आभारी हैं.
सुश्री , M.A.Sharma"सेहर"श्री दिनेशराय द्विवेदी, श्री काजलकुमार, सुश्री वाणीगीत, श्री सुशीलकुमार छौंक्कर,
श्री सोनु, श्री रतन सिंह शेखावत, श्री दीपक तिवारी साहब, श्री संजय बेंगाणी, श्री अनिल पूसदकर, सुश्री विधु,
डा, रुपचंद्र शाश्त्री "मयंक", श्री ज्ञानदत्त पांडे, श्री मकरंद, श्री भानाराम जाट, श्री राज भाटिया, सुश्री प्रेमलता पांडे, श्री अभिषेक ओझा, सुश्री महक और सुश्री हरकीरत हकीर
आपका सबका तहेदिल से शुक्रिया.
हाय…गुड मोर्निंग एवरी बडी…आई एम राम..की प्यारी… रामप्यारी.
हां तो अब जिन्होने सही जवाब दिये उन सबको दिये गये हैं ३० नम्बर…अगर भूल चूक हो तो खबर कर दिजियेगा..सही कर दिये जायेंगे.
सही जवाब तो आपको मेरी उपर की फ़ोटो देखकर पता चल ही गया होगा? पता नही कैसे ये मक्खी आकर मेरी नाक पर बैठ गई और यह कहावत गलत हो गई कि रामप्यारी तो नाक पर मक्खी भी नही बैठने देती.
हां तो सबसे पहले सही जवाब दिया दिलिप कवठेकर अंकल ने, फ़िर वो संजय बेंगाणी अंकल ने भी सही ताड लिया कि यह मक्खी ही है. फ़िर मीत अंकल तो क्युं कम रहने वाले थे. उनको भी सिक्के के पीछे मक्खी दिखाई दे गई.
फ़िर संजय तिवारी संजू अंकल और प.डी.के.शर्मा"वत्स" अंकल को भी मक्खी दिखाई दी और फ़िर प्रीती बर्थ्वाल आंटी को तो दिख ही गई मेरे नाक पर बैठी हुई मक्खी.
आप सबको हार्दिक धन्यवाद और साथ में तीस तीस नम्बर भी.
अब रामप्यारी की तरफ़ से रामराम…अगले शनीवार फ़िर से यही मिलेंगें. वैसे आजकल शाम ६ बजे मैं ताऊजी डाट काम पर रोज ही मिल जाती हूं. ..और हां आपका कल से शुरु होने वाला सप्ताह शुभ हो.
अच्छा अब नमस्ते. कल सोमवार को ताऊ साप्ताहिक पत्रिका मे आपसे पुन: भेंट होगी.
सभी प्रतिभागियों को इस प्रतियोगिता मे हमारा उत्साह वर्धन करने के लिये हार्दिक धन्यवाद.
ताऊ पहेली – 37 का आयोजन एवम संचालन ताऊ रामपुरिया और सुश्री अल्पना वर्मा ने किया.
संपादक मंडल :-
मुख्य संपादक : ताऊ रामपुरिया
वरिष्ठ संपादक : समीर लाल "समीर"
विशेष संपादक : अल्पना वर्मा
संपादक (तकनीकी) : आशीष खण्डेलवाल
संपादक (प्रबंधन) : Seema Gupta
संस्कृति संपादक : विनीता यशश्वी
सहायक संपादक : मिस. रामप्यारी, बीनू फ़िरंगी एवम हीरामन
स्तंभकार : प्रेमलता एम. सेमलानी ( नारीलोक)
सभी विजेताओं को घणी बधाई।
ReplyDeleteताऊ को राम-राम!
Congratulations to all the winners!
ReplyDeleteGood work!
Mahaveer semlani &hearts
सीमा जी सहित सभी विजेताओं को बहुत बहुत बधाई!!!!!!!!
ReplyDeleteजीतबा हाळाँ ईं घणी घणी बधायाँ। क्हाल का सवालाँ को उत्तर तो घणी माथामारी कर कै भी न दे सकै छा।
ReplyDeleteसभी विजेताओं को बधाई,,
ReplyDeleteसभी को बहुत बहुत बधाई
ReplyDeleteसीमाजी सहित सभी विजेताओं को बहुत बधाई ..!!
ReplyDeleteसभी विजेताओं को घणी बधाई !!!
ReplyDeleteपंकज
सभी विजेताओं को घणी बधाई।
ReplyDeleteसीमा जी के सामान्य ज्ञान का लोहा मान गए. बचपन में कोहिमा और मोइरांग दोनों ही देखे थे मगर बुढापे तक शायद दोनों जगहों की यादें आपस में गडबडा गयीं. सभी विजेताओं को बधाई और ताऊ नै रामराम!
ReplyDeleteसभी विजेताआें को बहुत बहुत बधाई व मेरे जैसे हारने वाले हौसला न छोड़ें हफ़्ते बाद फिर शनिवार आने वाला है :)
ReplyDeleteसभी विजेताओं को बहुत बहुत बधाई
ReplyDeleteसीमा जी के साथ ही सभी अन्य विजेताओं को बधाई। जो मेरिट में नहीं आ पाए वे कम से कम हम जैसे उन लोगों से तो अच्छे ही हैं, जो हिस्सा ही नहीं बने। वैसे ताऊ की बीमारी और उनके डॉक्टर के पास जाने की बात भाटिया जी के द्वारे पर सुनी थी। उन्हें इलाज भी बता दिया था।
ReplyDeletesabhi vijaton ko bahut badhai.
ReplyDeleteसभी विजेताओं को बधाई.
ReplyDeleteसभी विजेताओं को बधाई.
ReplyDeleteसभी विजेता अविजेताओं को बधाई.
ReplyDeleteऔर ताऊ एक बात का संतोष हुआ कि रामप्यारी की नाक पर मक्खी ही बैठी थी हम तो सोच बैठे थे कि किसी ने पत्थर सन्ना दिया होगा.
ReplyDeleteरामप्यारी जी अब लड्डू तो बनते हैं जी.:)
आज तक की सबसे कठीन पहेली थी. वाकई ऐसी ही होनी चाहिये तब तो पहेली का मजा है. बहुत सुंदर एवम सभी विजेताओं को बधाई
ReplyDeleteआज तक की सबसे कठीन पहेली थी. वाकई ऐसी ही होनी चाहिये तब तो पहेली का मजा है. बहुत सुंदर एवम सभी विजेताओं को बधाई
ReplyDeleteसभी विजेतओ को बहुत बहुत बधाई,
ReplyDeleteसभी विजेताओं को घणी बधाई। राम -राम!
ReplyDeleteMitron ko bahut badhaii...
ReplyDeletepar ye makhkhi mujhe ab bhee nahi dikh rahii....:)))itna bada sikka ...:))
Taau ji
raam raam !!
Abhaar !!
सभी विजेताओं को बहुत बहुत बधाई! रामप्यारी की नाक पर मक्खी हम नहीं देख पाए इसका अफ़सोस है....
ReplyDeleteregards
सभी विजेताओं को बहुत बहुत बधाई और रामप्यारी ये मक्खी नहीं मधुमक्खी है जल्दी से उड़ा दे नहीं नहीं तो नाक सूज कर गुम्बदाकार हो जायेगा, हा...हा..हा..हा..
ReplyDeleteसभी विजेताओं को हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनायें!
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteताऊ मुझे प्रमाणपत्र कब मिलेगा, दूसरी बार फिर चूक गया प्रथम आने से....
ReplyDeleteकोई बात नहीं सीमा जी को ढेर सारी बधाई....
और आपको इस पहेलियों के लिए बहुत सारा शुक्रिया...
मीत
घणी घणी बधाई...
ReplyDeleteसभी विजेताओं को बधाई राग।
ReplyDeleteताऊ जी को राम राम और प्रणाम राग।
अविजेताओं को भी बधाई।
नागालैण्ड के चित्र पहेली संबंधी समस्त विवरण रविवार को जनसत्ता के रविवासरीय परिशिष्ठ में प्रकाशित हुआ है। और विशद् जानकारी के इच्छुक जनसत्ता का बीते रविवार यानी पहेली के शनिवार के बाद के रविवार का जनसत्ता देख सकते हैं।
यदि यह आगा पीछा होता तो विजेता प्रथम हम ही होते। खैर ...
भाग्य से अधिक और वक्त से पहले
किसको कब क्या और कहां मिलता है।
सीमा जी सहित सभी विजेताओं को बधाई .....
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