आंटियों, अंकलों और दीदीयो, सबको रामप्यारी की रामराम. आप लोगों को यो तो बेरा ही होगा कि ताऊ को घणा अपमान करके हवाईअड्डे तैं बाहर धकेल दिया गया था. और बस ताऊ को इतना गहरा सदमा लगा कि ताऊ ने खाना पीना छोड दिया. बहुत गंभीर संकट खडा होगया.घर मे सब चिंतित होगये.
मैने पूछा : ताऊ आप इतने उदास क्युं हो राखे हो?
ताऊ : रामप्यारी मैं अपनी बेइज्जती की इज्जत बर्दाश्त नही कर सकता. आखिर कैट एयर वेज वालों को मेरी बेइज्जती का तो ध्यान रखना था.
रामप्यारी : पर ताऊ आप इतनी बेइज्जती की इज्जत का ख्याल कब से रखने लग गये? कितने ही राहू-केतू रोज आपकी इज्जत का फ़ालूदा बना जाते हैं? तब तो तकलीफ़ नही होती आपको?
ताऊ : अरे बावलीबूच रामप्यारी…वो राहू-केतू तो सुसरे दिखते कोनी मन्नै? जिस दिन दिख ज्यांगे तो समझले कि उनका हाल तो कैट एयरवेज वालों से भी बुरा करुंगा. पर अब तो मैने प्रण ठान लिया सै कि कैट एयरवेज वालों से बदला चुकाये बिना अन्न जल नही ग्रहण करुंगा.
रामप्यारी : अरे ताऊ..मुकदमे का फ़ैसला होने मे वर्षों लग सकते हैं. आप इस तरह अन्न जल कैसे त्याग सकते हो? थोडी सी रसीली (माकटेल) और फ़लाहर तो कर ही लो गर्मी में.
बाबाश्री फ़लाहार और रसीली (माकटेल) ग्रहण करते हुये
ताऊ : अरे बावलीबूच रामप्यारी…मुकदमे का इंतजार तो कोई मुर्ख ही कर सकै सै. अब तू देख तमाशा…जरा मंगल ग्रह पर चंपाकली से तो बात करवा… फ़ोन लगा…और इब तू बोल ही रही है तो एक दो लौटे रसीली ले आ.
चंपाकली
आपको याद होगा कि यह ताऊ की वही चंपाकली भैंस है जो राजा भोज ने ताऊ को दी थी और जिसने ताऊ की जान यमराज से बचाई थी और यमराज के झोठ्ठे के साथ प्रेम विवाह करके मंगल ग्रह पर रहने चली गई थी और चांद ताऊ ने यमराज से अपने कब्जे मे ले लिया था. रामप्यारी ने चंपाकली को मंगल ग्रह पर फ़ोन लगाया और ताऊ को दे दिया. दोनो मे क्या बात हुई कि चंपाकली तुरंत हाजिर होगई.
और ताऊ और वो दोनो ने कुछ गहन विचार विमर्श किया और उनकी योजनानुसार ताऊ ने चंपाकली को एयरपोर्ट पर लेजाकर कैट एयरवेज के जहाज से बांध दिया. आप तो जानते ही हैं कि चंपाकली तो पूरी मायावी है सो अपने असली स्वरुप मे आकर जहाज को पूरा का पूरा हिला मारा. जहाज खिसकने को तैयार नही.
अब जहाज का ड्राईवर परेशान हो गया. उधर ट्रेफ़िक कंट्रोलर ड्राईवर पर चिल्लाने लग पडा कि... जल्दी टेक आफ़ करो..पीछे जाम लग रहा है…अब ड्राईवर बिचारा क्या करे. तभी ड्राईवर के पास कैट एयरवेज का अधिकारी आया तो ड्राईवर ने सारी बात बताई. ….
ड्राईवर बोला – जी उस ताऊ से बात करके इस भैंस को हटवाओ नही तो ये जहाज के पास ही मेरे को अब नही जाने दे रही. तो मैं कैसे टेक आफ़ करूंगा? और युं भी ये जहाज को हिलने ही नही दे रही.
अधिकारी बोला – पशु पकडने वालों को बुलवाओ…..पर ये क्या? चंपाकली कोई साधारण भैंस थोडे थी वो तो रुप बदलने मे भी माहिर मायावी थी…जैसे ही पशु पकडने वाले आये वो अदृष्य हो गई…और जहाज हिलने लगा…सब पेसेंजर भी डर गये…
तब चंपाकली ने जोरदार आवाज मे घोषणा की : पेसेंजरों ...डरो मत..तुमको कुछ नही होगा…पर ये कैट एयरलाईन वालों को ताऊ से माफ़ी मांगकर समझोता करना पडेगा…तभी ये जहाज हिलेगा यहां से.
अब वो ड्राईवर माथा पकड कर बैठ गया और बोला : जी इब जाओ और ताऊ से बातचीत करो और आगे के लिये कसम खाओ कि किसी ताऊ से पंगा नही लेना चाहे किसी शेर से लेलेना.
(कार्टून श्री काजलकुमार जी के सौजन्य से : बहुत आभार)
मैने पूछा : ताऊ आप इतने उदास क्युं हो राखे हो?
ताऊ : रामप्यारी मैं अपनी बेइज्जती की इज्जत बर्दाश्त नही कर सकता. आखिर कैट एयर वेज वालों को मेरी बेइज्जती का तो ध्यान रखना था.
रामप्यारी : पर ताऊ आप इतनी बेइज्जती की इज्जत का ख्याल कब से रखने लग गये? कितने ही राहू-केतू रोज आपकी इज्जत का फ़ालूदा बना जाते हैं? तब तो तकलीफ़ नही होती आपको?
ताऊ : अरे बावलीबूच रामप्यारी…वो राहू-केतू तो सुसरे दिखते कोनी मन्नै? जिस दिन दिख ज्यांगे तो समझले कि उनका हाल तो कैट एयरवेज वालों से भी बुरा करुंगा. पर अब तो मैने प्रण ठान लिया सै कि कैट एयरवेज वालों से बदला चुकाये बिना अन्न जल नही ग्रहण करुंगा.
रामप्यारी : अरे ताऊ..मुकदमे का फ़ैसला होने मे वर्षों लग सकते हैं. आप इस तरह अन्न जल कैसे त्याग सकते हो? थोडी सी रसीली (माकटेल) और फ़लाहर तो कर ही लो गर्मी में.
ताऊ : अरे बावलीबूच रामप्यारी…मुकदमे का इंतजार तो कोई मुर्ख ही कर सकै सै. अब तू देख तमाशा…जरा मंगल ग्रह पर चंपाकली से तो बात करवा… फ़ोन लगा…और इब तू बोल ही रही है तो एक दो लौटे रसीली ले आ.
आपको याद होगा कि यह ताऊ की वही चंपाकली भैंस है जो राजा भोज ने ताऊ को दी थी और जिसने ताऊ की जान यमराज से बचाई थी और यमराज के झोठ्ठे के साथ प्रेम विवाह करके मंगल ग्रह पर रहने चली गई थी और चांद ताऊ ने यमराज से अपने कब्जे मे ले लिया था. रामप्यारी ने चंपाकली को मंगल ग्रह पर फ़ोन लगाया और ताऊ को दे दिया. दोनो मे क्या बात हुई कि चंपाकली तुरंत हाजिर होगई.
और ताऊ और वो दोनो ने कुछ गहन विचार विमर्श किया और उनकी योजनानुसार ताऊ ने चंपाकली को एयरपोर्ट पर लेजाकर कैट एयरवेज के जहाज से बांध दिया. आप तो जानते ही हैं कि चंपाकली तो पूरी मायावी है सो अपने असली स्वरुप मे आकर जहाज को पूरा का पूरा हिला मारा. जहाज खिसकने को तैयार नही.
अब जहाज का ड्राईवर परेशान हो गया. उधर ट्रेफ़िक कंट्रोलर ड्राईवर पर चिल्लाने लग पडा कि... जल्दी टेक आफ़ करो..पीछे जाम लग रहा है…अब ड्राईवर बिचारा क्या करे. तभी ड्राईवर के पास कैट एयरवेज का अधिकारी आया तो ड्राईवर ने सारी बात बताई. ….
ड्राईवर बोला – जी उस ताऊ से बात करके इस भैंस को हटवाओ नही तो ये जहाज के पास ही मेरे को अब नही जाने दे रही. तो मैं कैसे टेक आफ़ करूंगा? और युं भी ये जहाज को हिलने ही नही दे रही.
अधिकारी बोला – पशु पकडने वालों को बुलवाओ…..पर ये क्या? चंपाकली कोई साधारण भैंस थोडे थी वो तो रुप बदलने मे भी माहिर मायावी थी…जैसे ही पशु पकडने वाले आये वो अदृष्य हो गई…और जहाज हिलने लगा…सब पेसेंजर भी डर गये…
तब चंपाकली ने जोरदार आवाज मे घोषणा की : पेसेंजरों ...डरो मत..तुमको कुछ नही होगा…पर ये कैट एयरलाईन वालों को ताऊ से माफ़ी मांगकर समझोता करना पडेगा…तभी ये जहाज हिलेगा यहां से.
अब वो ड्राईवर माथा पकड कर बैठ गया और बोला : जी इब जाओ और ताऊ से बातचीत करो और आगे के लिये कसम खाओ कि किसी ताऊ से पंगा नही लेना चाहे किसी शेर से लेलेना.
(कार्टून श्री काजलकुमार जी के सौजन्य से : बहुत आभार)
इब खूंटे पै पढो :- ताऊ और राज भाटियाजी दोनो को किसी ने कह दिया कि यहां गांव मे क्या करते हो? जरा जाकर बंबई घूम कर आवो. अब किया तो था किसी ने मजाक ही. पर पहुंच गये दोनो के दोनों बंबई. वहां जाकर गेट्वे आफ़ ईंडिया पर बावली बूच की तरह घूमने लगे …वहां किसी ने मजे लेने के लिये कह दिया कि फ़िल्मसिटी स्टुडियो मे चले जावो…वहां हेला मारणी और धर्मेंद्र की शूटिंग भी देख लो. बस क्या था? वहां जाने वाली बस का पता किया..बस के आते ही हरयाणा की तरह धक्कमपेल करके बस मे चढने लगे. वहां खडे लोगों ने समझाया कि…अरे बेवकुफ़ो..लाईन मे खडे हो जाओ..और लाईन मे जब नम्बर आयेगा तब चढना. ताऊ बोला -- भाई हमको लाईन वाईन का बेरा कोनी….हमको तो यही बेरा है कि जिसकी लाठ्ठी उसकी भैंस.. तब लोग बोले – ताऊ ये तेरा हरयाणा नही है. ज्यादा बकवास करोगे तो पुलिस पकड कर अंदर कर देगी. दोनों लाईन मे लग गये. कई बस आई गई..उनका नम्बर नही आया. आखिर अब लाईन मे उनके आगे चार पांच महिलाएं ही बची…अब बस आई और वो महिलाएं बस मे चढ गई..जैसे ही ताऊ चढने लगा..कंडकटर ने हाथ से ताऊ को रोक दिया… नो मोर प्लीज… बस अब क्या था? ताऊ का दिमाग तो सटका हुआ था ही…बोला…तेरी ऐसी की तैसी…सब मोरनियों को तो अंदर चढा लिया और जब मोरों का नम्बर आया तो..नो मोर प्लीज..? ..हट एक तरफ़. |
नोट : ताऊ पहेली का प्रकाशन कल सुबह पुर्ववत ८:०० बजे होगा. धन्यवाद.
ताऊ हंसते हंसते बुरा हाल हो गया अपना...भैंस को जहाज से बंधा देख के मज्जा ही आ गया...क्या दिमाग पाया है ताऊ...वाह...मैं तो पहले ही कह रहा था की केट के मुकाबले में डॉग एयर लाइन खोल लेते हैं...
ReplyDeleteमोरनियों को चढा लिया और मोरों को छोड़ दिया... भाई वाह...गज़ब का किस्सा रहा ये भी...हरियाणा का और वहां के लोगों का जवाब नहीं...
नीरज
हा हा! दोनों मस्त!! नो मोर प्लिज! में मोर..मजा आ गाया! देखो लाठी का कमाल!
ReplyDeleteहा हा हा..
ReplyDeleteमोरनीओं को जाने दिया और मोरों को रोक लिया.. बहुत नाइंसाफी है ताऊ..
ओवर बुकिंग करते फिरते थे (!)..अब आया न ऊँट पहाड़ के नीचे, सारे मुसाफिर डर के मारे..रिफंड लेकर चलते बने होंगे :)
ReplyDeleteमोर के किस्से से याद आया..एक बार पांडेचेरी के होटल में खाना खाते समय मैंने वेटर को कहा.."Four more chapaaties". पट्ठा, चार गिलास लस्सी लेकर आ धमका और कहने लगे की मैंने ही तो आर्डर दिया था.
बहस में पता चला कि तमिल में, लस्सी को मोर कहते हैं. बेचारे ने Four more सुना था और चल दिया, chapaaties सुना ही नहीं था.
....कितने ही राहू-केतू रोज आपकी इज्जत का फ़ालूदा बना जाते हैं? तब तो तकलीफ़ नही होती आपको?...
ReplyDelete...ताऊ जी सही कहा है आपकी रामप्यारी ने आजकल कुछ ज्यादा ही अमंगल कारक ग्रह सक्रिय हो गये हैं ,अब केवल माकटेल और फलाहार से ही जान बच सकती है-हा -हा -हा ------
ताऊ पत नही अपनी किस्मत ही फ़ुटी है, सारी मोरनियां तो बस मै.....
ReplyDeleteताई अब इन जहाज वालो से समझोता मत करना, अब तो अपना जहाज खरीद लिया, ओर इन से कम्पीटीशन भी चले तो डरियो मत,
चलो अब टिपण्णी दे दी अब जरा हंस भी लूं.
ताऊजी, नेशनल बर्ड के बारे में ऐसा कह दिया.. वो भी आपके सामने.. लट्ठ कहां था आपका.. रामप्यारी की रिपोर्टिंग बहुत पसंद आई.. आभार
ReplyDeleteताऊजी .. सही सही बताना.. ये वाकई मॉकटेल ही था न..
ReplyDeleteहा हा ! मजा आ गया ताऊ.बड़े दिनों बाद ये मस्त फॉर्म में लौटे हो. ताऊ से पंगा लेने पर ये तो होना ही था.
ReplyDeleteऔर बताओ ये भी कोई बात हुई मोरनियों को बस में बिठा लिया सरासर ज्यादती है ये तो :)
नो मोर ? क्यूं लेड़िज बस है के ?
ReplyDeleteइसमें सहेलियां तो बहुत सारी हैं पर पहेली कहां है ? अच्छा पहेली मोर वाली है। मोर माने अधिक, मोर माने पक्षी , मोर माने लस्सी और बाकी टिप्पणीकर्ता बतलायें - यही है पहेली । पर जवाब रात 12 बजे तक ही स्वीकार्य होंगे।
ReplyDeleteकिस्सा मजेदार और लाजवाब है।
bataooo...ye bhi kya baat hui?
ReplyDeletejabki sab ye kahte hain ki
ye dil maange more.....aur yahan aisee insult...
बहुत MOCKERY और mocktel है bhaayee !
ReplyDeleteआहा! मजा आ गया पढ़ कर...
ReplyDeleteऔर बाबा का लग रहे हैं कोकटेल करते हुए...
मीत
जरूर कैट एयरवेज वालों पे शनि की दशा चल पड होगी जो बैठे ठाल्ले ताऊ गेल्लै पंगा ले बैठे..:)
ReplyDeleteअर यो किस्सा किसी स्टेज पै सुनाया होता तो सुनने वाले यही कहते कि "वन्स मोर"!!!
ताऊ घणे दिनों मे असली हरयाणवी फ़्लेवर आया आज तो. मजे आगये।
ReplyDeleteताऊ घणे दिनों मे असली हरयाणवी फ़्लेवर आया आज तो. मजे आगये।
ReplyDeleteवाह ताऊ आज तो मोर मोरनियों का किस्सा गजब का सुनाया और ये माकटेल वाली ड्रेस मे तो जंच रहे हो.:)
ReplyDeleteवाह ताऊ आज तो मोर मोरनियों का किस्सा गजब का सुनाया और ये माकटेल वाली ड्रेस मे तो जंच रहे हो.:)
ReplyDeleteताऊ लगता है कैट एयरलाईन वालों के दिन उसी समय खराब आगये थे जब आपको जहाज से उतारा था.:)
ReplyDeleteताऊ लगता है कैट एयरलाईन वालों के दिन उसी समय खराब आगये थे जब आपको जहाज से उतारा था.:)
ReplyDeleteअर ताऊ यो के रास्सा सा पाड दिया? थारी चंपाकली तो घणी समझदार निकली. और नो मोर प्लिज...तो बस हंसते २ पेट दुखा गया.
ReplyDeleteताऊ मोर मोरनी..वंस मोर प्लिज.:)
ReplyDeleteआज की पोस्ट बहुत दिनों बाद सुपरहिट आई है.
ताऊ मोर मोरनी..वंस मोर प्लिज.:)
ReplyDeleteआज की पोस्ट बहुत दिनों बाद सुपरहिट आई है.
वाह कमाल की लिखी है आज तो. बस नाम रामप्यारी का है पर आज लग रहा है कि ये है ताऊ की असली पोस्ट.
ReplyDeleteवाह कमाल की लिखी है आज तो. बस नाम रामप्यारी का है पर आज लग रहा है कि ये है ताऊ की असली पोस्ट.
ReplyDeleteअरे वाह.. ताऊ तो आज पूरी रंगत में हैं। लगता है चंपाकली के दूध का कमाल है। लेकिन ताऊ अब तो यह भेद खुल गया कि ''रामप्यारी के नाम पर ताऊ रिपोर्टिंग फ्रोम हवाई अड्डा'' :) :)
ReplyDeleteताऊ जी यदि चम्पाकली का दूध सुबह शाम पिये तो कैट एयरवेज वालो की मजाल जो ताऊ से किन्न विन्न कर सके. ताऊ जी कहना ताऊ जी डरे नहीं उनके लिए एक ट्रक भरकर पनागर के लट्ठ भिजवा रहा हूँ पूरे के पूरे तेल से पिले हुए .
ReplyDeleteवाह ताऊजी। भाटिया जी की पार्टी में जरमनी नहीं जा रहे। अब तो कैट एयरवेज वाले आप के लिए हवाई जहाज चार्टर करने को तैयार होंगे?
ReplyDeleteताऊ आज तो पोस्ट के साथ साथ मोक्टेल वाली फोटो और कार्टून बड़े मजेदार है मजा आ गया |
ReplyDeleteमजेदार! फ़्रांस वाले जहाज में भी कहीं ताऊ का हाथ तो नहीं था।
ReplyDeleteअरे ताऊ हँस हँस लोट पोट हो रहे हैं..
ReplyDeleteनो मोर प्लीज तो लाजबाब है।
मेरे डाक्टर साढ़ू ने भरी जवानी में भी मुझे टाँग उठाने टाइप के व्यायाम बताए हैं। मैंने अपने बढ़ते पेट के बारे में पूछा तो बहुत ही हिकारत से बोले मैं ऑर्थोपीडिक सर्जन हूँ, बाल रोग विशेषज्ञ नहीं।
ReplyDeleteलेकिन मुझे एक बड़ा अचूक उपाय मिल गया है। ताऊ के पोस्ट पढ़ो, पेट पकड़ कर हँसो और तोंद घटाओ। बाबा रामदेव को भी यह नुस्खा भेज रहा हूँ। हरिद्वार से निमंत्रण के लिए तैयार रहिए।
'रसीली' को अपनाने के लिए धन्यवाद। फोटो बहुत जँचे। अपने फोटोग्रॉफर का पता बताइए।
नया जमाना है भइया।
ReplyDeleteभैंस को जहाज से बंधा देख के आनन्द आ गया।
ये कमाल तो सिर्फ ताऊ ही कर सकता है।
ताऊ, मुंह पे हमेशा स्माइलिंग फेस रखो और मस्त रहो!
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