ताऊ पहेली द्वितिय राऊंड अंक आठ की जवाबी पोस्ट
प्रिय बहणों, भाईयो, भतीजियों और भतीजों आप सबका पहेली के जवाबी अंक मे स्वागत है.
कल की पहेली का सही जवाब था बडा इमामबाडा लखनऊ.. इसके बारे मे कल सोमवार की ताऊ साप्ताहिक पत्रिका मे विस्तार से बता रही हैं सु अल्पना वर्मा.
इस पहेली की प्रथम विजेता रही हैं सुश्री पारुल जी और द्वितिय विजेता रहे हैं श्री प्रकाश गोविंद जी, जो कि ताऊ साप्ताहिक मे पहले से ही साक्षात्कार के लिये आमंत्रित हैं या उनके साक्षात्कार प्रकाशित हो चुके हैं. अत: हम हमारी परम्परा के अनुसार हमारे आज के सम्माननिय तृतिय विजेता श्री नीरज गोस्वामी जी को आंमंत्रण भेज रहे हैं ताऊ की राबडी-छाछ पीने के लिये. साथ मे घंठी (प्याज) और मेसी रोटी का कलेवा करने के लिये.
आज की एक हैरत अंगेज बात यह रही कि श्री मकरंद ने इमामबाडा लिखा और साथ मे लखनऊ की बजाये अलीगढ जोड दिया यानि सही जवाब देते देते उसको गलत जवाब मे बदल दिया. खैर खेल मे तो ऐसा होता ही रह्ता है.
ताऊ रामपुरिया की तरफ़ से आपको बहुत घणी रामराम.
आदर्णीय देवियों और सज्जनों, ताऊ के भाइयो, बहणों, भतीजियों और भतीजो, समस्त संपादक मंडल के सदस्य गणों, आप सबको बीनू फ़िरंगी का सादर प्रणाम.
और मिस रामप्यारी और हीरामन को विशेष रामराम.
ताऊ पहेली राऊंड –२ के आठवें अंक का रिजल्ट घोषित करते हुये मुझे अपार हर्ष हो रहा है. और मैं अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं कि मुझे ये मौका आज फ़िर मिला. और जब तक ताऊ चाहेगा आगे भी मिलता रहेगा.
तो आईये अब चलते हैं रिजल्ट की तरफ़ :- हमारी इस पहेली का सही जवाब बडा इमामबाडा लखनऊ, जिस पर कल आपको ताऊ साप्ताहिक पत्रिका मे सु अल्पना वर्मा देगी बहुत ही विस्तृत जानकारी.
सर्वाधिक अंक प्रात किये १०१
घणी बधाई प्रथम स्थान के लिये. .सुश्री Parul
तालियां..... तालियां..... तालियां..... जोरदार …. तालियां
विशेष बधाई….
|
आज के उप विजेता अंक १०० के साथ बधाई श्री प्रकाश गोविंद |
आज के तृतिय विजेता अंक ९९ के साथ ...बधाई श्री नीरज गोस्वामी |
आईये अब अन्य माननिय विजेताओं के बारे में क्रमश: जानते हैं. सभी को हार्दिक बधाई.
poemsnpuja अंक ९८ |
Pt.डी.के.शर्मा"वत्स" अंक ९७ |
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक अंक ९६ |
Udan Tashtari अंक ९५ |
Syed Akbar अंक ९४ |
आलोक सिंह अंक ९३ |
दिलीप कवठेकर अंक ९२ |
काजल कुमार Kajal Kumar अंक ९१ |
अंक ९० |
हिमांशु । Himanshu अंक ८९ |
अंक ८८ |
संजय तिवारी ’संजू’ अंक८७ |
Vivek Rastogi अंक ८६ |
मुसाफिर जाट अंक ८५ |
seema gupta अंक ८४ |
Harkirat Haqeer अंक ८३ |
दीपक "तिवारी साहब" अंक ८२ |
अभिषेक ओझा अंक ८१ |
HEY PRABHU YEH TERA PATH अंक ८० |
इसके अलावा सुश्री प्रिती भर्तवाल ने सही जवाब दिया रामप्यारी के ब्लाग पर. वो वाकई वहां भूलभुलैया मे उलझ गई. आयोजक इस पेशोपेश मे थे कि उनको विजेताओं मे शामिल किया जाये या नही. लेकिन
रामप्यारी ने एकदम विद्रोही तेवर अपना लिये कि अगर उसके ब्लाग के जवाबों को शामिल नही किया तो अभी यहां से रिजाईन कर देगी.
उसकी बात भी सही है. और हमको अपनी दुकान भी चलानी है जो अब रामप्यारी के बगैर मुश्किल है. आज की स्थिति भविष्य मे भी बन सकती है. अत: इसे अब नियम मान लिया जाना चाहिये कि रामप्यारी के ब्लाग के जवाब की लिस्टिंग इस ब्लाग की लिस्टिंग खत्म होने के बाद की जायेगी. अत: हम वहां की
लिस्ट भी दे रहे हैं जिसमे आज सिर्फ़ एक नाम है.
और आज रामप्यारी के ब्लाग से विजेता रही हैं. सुश्री प्रिती भर्तवाल PREETI BARTHWAL अंक ७९ बधाई |
इसके अलावा निम्न महानुभाओं ने भी इस पहेली अंक मे शामिल होकर हमारा उत्साह बढाया. जिसके लिये हम उनके हृदय से आभारी हैं.
१. नितिन व्यास
५. संजय बेंगाणी
६. Bhairav
आप सबका बहुत बहुत आभार.. आपका प्रोत्साहन हमे प्रेरणा देता है.
आप सबको रामप्यारी की घणी नमस्ते. आज का सही जवाब था लक्षमण. जो की भगवान श्री राम जी के छोटे भाई थे. और १४ साल तक उनके साथ साथ जंगल मे घुमे थे. और उन्होने ही मेघनाद का वध किया था. देखा ..देखा..मुझको कितना ज्यादा ज्ञान है? मैं सब जानती हूं…ये मत समझना की रामप्यारी बेवकूफ़ है… और हे प्रभु ये तेरा पथ ..वाले अंकल..आपने कहा कि अश्वत्थामा का वध हुआ था….अरे अंकल जी आप तो मेरे जैसी छोटी बच्ची के जितना भी नही जानते क्या?….मैं बताऊं आपको?..वो क्या हुआ था ना..? क्या हुआ था ना… हां याद आगया..मुझे ……जब अश्वत्थामा ने द्रौपदी आंटी के पांचों बेटों को मार डाला और अर्जुन अंकल ने किशन भगवान के साथ जाकर उसकी चुट्टैया पकड कर घसीट लाये …और ना..और ना…. जब उसको मारने लगे ना…तब द्रौपदी आंटी ने ही उसको छुडवा दिया… सच्ची विद्या माता की कसम …मैंने ना…मैने ना..यह सब मग्गा बाबा से सुना है..और आपको भी यकीन ना हो तो आप भी वहां जाकर पढ लेना. हां तो अब मैने नीचे वाले सब आंटियों , अंकलों और दीदीयों को पूरे ३० नम्बर दिलवा दिये हैं. सबसे पहले हिमांशु अंकल, फ़िर आये अनुराग अंकल स्मार्ट ईंडियन वाले, और उसके बाद आये प. डी..के. शर्मा वत्स अंकल…हाय अंकल मेरी जन्मपत्री देखी क्या? मैं अबकी बार पास तो हो जाऊंगी ना? फ़िर आये आशीष अंकल जयपुर वाले..अरे वो ही जो मुझे GT से खरीदी करवाते हैं…. और फ़िर ऊडनतश्तरी अंकल…आप इनको तो जानते ही होंगे…आपको मालूम है…? अभी ना समीर अंकल का इंटर्व्यु करने मैं ताऊ के साथ समीर अंकल के यहां गई थी. मालूम है समीर अंकल ने हमको उडनतश्तरी मे सैर करवाई थी.. और मुझे तो तरह तरह की चाकलेट और ड्रेस दिलवाई थी….अब बाकी की बात मैं उनके ईंटर्व्यु मे बताऊंगी…अरे…ऐसी ऐसी बातें ..जो आपमे से आज तक किसी को भी नही मालूम? सच्ची….थोडा रुकिये..बहुत जल्दी…रिलीज होगा यह इंटर्व्यु. अरे आप भी मुझे कहां बातों मे लगा लेते हैं..उधर ताऊ बोल रहा है..रामप्यारी जल्दी करो..रिजल्ट डिकलेयर करना है और तुम गप्पे लगा रही हो…. हां तो मैं कहां थी? …..हां तो फ़िर आये दिलिप कवठेकर अंकल…क्या अंकल आप तो आजकल बाहर ही बाहर घूम रहे हैं..हमारे पास आपका ईंटर्व्यु भी अधूरा पडा है..ठीक है अंकल आप आवो तब चाकलॆट लेते आना. फ़िर PD अंकल…हाय अंकल टांग कैसी है? फ़िर आई प्रेमलता पांडे आंटी.. फ़िर संजय तिवारी संजू अंकल…फ़िर मकरंद अंकल…और आज सीमा आंटी आई सबसे बाद मे…क्या हुआ आंटी? अपने तबियत खराब बताई ना..? अब ठीक हैं आप? आंटी आप जल्दी ठीक हो जाईये. और फ़िर आये लखनऊ वाले प्रकाश गोविंद अंकल..थैंक्यु अंकल..आपने मुझे भूलभुल्लैया मे से बाहर किया..बहुत खतरनाक है ये भूलभुल्लैया तो..अब आगे से अकेली नही घुसुंगी. फ़िर आये गगन शर्मा अंकल… और उसके बाद आई डाक्टर पूजा आंटी….हाय आंटी कैसी हैं आप..अरे सोरी..सोरी..नाराज मत होईये..आंटी नही दीदी….हां तो डाक्टर ..आजकल आप कैट-स्केन के लिये मुझे नही बुलवा रही हैं? कोई और टेकनिशियन रख ली क्या? प्लिज डाक्टर…ऐसा मत करना. और फ़िर आये सैयद अकबर अंकल…हाय अंकल…लवि और आंटी और आपा कैसी है? इसके बाद दीपक तिवारी अंकल..हाय अंकल..देखा मैने आपकी शिकायत ना…समीर अंकल को कर दी है. आप मुझे माताजी क्यों कहते हैं? समीर अंकल ना…आपको बहुत डांटेंगे..इस बात के लिये.. आगे से मुझे रामप्यारी या रामप्यारी जी कहा करिये ना, जैसे चिट्ठाजगत वाले कहते हैं. और फ़िर आज तो अभिषेक ओझा अंकल भी बिल्कुल सही टाईम पर आये. और आखिर मे हे प्रभु ये तेरा पथ अंकल आये…अंकल आपकी बात का जवाब तो मैं उपर दे ही चुकी हूं. आप सबको बधाई और अब रामप्यारी आपको अगले शनीवार फ़िर मिलेगी इसी ताऊ पहेली के अगले अंक में.
अब रामप्यारी को इजाजत दिजिये….. आप सबको घणी नमस्ते.. रामराम… . |
पाठकों के विचार स्तम्भ मे आज फ़िर से हैं श्री महावीर बी. सेमलानी
हे प्रभु यह तेरापन्थ महावीर बी सेमलानी " भारती'
जब देश आजाद हुआ तो लखनाऊ को उत्तरप्रदेश कि राजधानी का दर्जा मिला।तब का लखनाऊ और आज के लखनाऊ दोनो के बीच बहुत बडा फासला हो गया है। इसके बाद भी इस ने अपनी पुरानी नजाकत और नफासत को बहुत सम्भाल्कर रखा है। मै कुछ समय पुर्व वहॉ गया था तो महसुस किया कि आजका लखनाऊ मैट्रो सिटी के तोर पर विकसित हो चुका है। मैने पाया कि अब यह शहर सियासी तेजी और फैशन के बदले अन्दाज के लिऐ पहचाना जाता है। लखनाऊ की शाम का जादू शामेअवध के नाम से जाना जाता है। यहॉ बहुत बडे-बडे रेस्तरा खुले है। मोज मस्ती के लिए आनन्द वॉटरपार्क और शिवगढ रिसोर्ट जैसी जगहे है। यहो आप चाट्, समोसे, कचोडी, कुल्फी के साथ कबाब और बिरयानी का स्वाद ले सकते है। लखनाऊ फलो मे दशहरी आम और मिठाई मे गुलाब रेवडी के लिऐ महसुर है। आप अपने रिस्तेदारो के लिऐ लेकर जा सकते है। हजरगन्ज बाजार जो महसुर है आप जरुर जाऐ। यहॉ का शापिगमाल अब नई छाप छोड रहा है। फिल्म देखने का मन हो तो गोमतीनगर मे मल्टीप्लेक्स सिनेमा हॉल मोजुद है।
ताऊ कि पहेली मे जो पुछा गया वो बडा इमामबाडा( भूलभुलैया) जहॉ हमारी रामप्यारी कि खोपडियॉ चक्करा रही थी है। यह लखनाऊ कि सबसे मशहूर इमारत है। आप चारबाग रेलवे स्टेशन से लगभग ६ किमी, का फासला तय करेके यहॉ पहुच सकते है। इमामबाडा वास्तुकला का अदभुत नजारा है। 1784 मे इस को नवाब आसिफुददोला ने बनवाया था। इस इमारत का पहला अजुबा 49.4 मीटर लम्बा और 16.2 मीटर चोडा एक हाल है। इसमे कोई खम्बा नही है। इसके एक छोर पर कगाज फाडने जैसी कम आवाज को भी दुसरे छोर पर सुना जा सकता है।
इस इमारत का दुसरा अजुबा 409 गलियारे है।यह सभी एक जैसे दिखते है और समान लम्बाई के है, यह सभी एक दुसरे से जुडे हुऐ है। इसी भुलभूलैया मे रामप्यारी कि तरह चक्करा जाते है। इसमे नाहने के लिऐ एक बावली बनी हुई है जिसमे गोमती नदी का पानी आता है ऐसा हमे वहॉ गाईड ने बाताया। सुरक्षा की दृष्टि से यह बावली कुछ इस तरह बनाई गई है कि इसके अन्दर नहा रहा आदमी तो बाहर वाले को देख सकता है। बाहर का आदमी अन्दर वाले को नही देख पाता । क्यो दोस्तो, है ना उल्टी बात ? बाहर खडा व्यक्ती अन्दर झाक सके ऐसी व्यवस्था नवाबो ने नही कि। और आपको याद दिला देता हू यह शहर हमारे पुर्व प्रधान मन्त्री श्री अटलबिहारी वाजपेयजी का ससदीय क्षैत्र है। जहॉ आजकल मुन्नाभाई कि नजर है ।
महावीर बी सेमलानी " भारती' |
अच्छा अब नमस्ते. कल सोमवार को ताऊ साप्ताहिक पत्रिका मे आपसे पुन: भेंट होगी.
सभी प्रतिभागियों को इस प्रतियोगिता मे हमारा उत्साह वर्धन करने के लिये हार्दिक धन्यवाद. इस दुसरे राऊंड की आठवीं पहेली का आयोजन एवम संचालन ताऊ रामपुरिया और सुश्री अल्पना वर्मा ने किया.
संपादक मंडल :-
मुख्य संपादक : ताऊ रामपुरिया
विशेष संपादक : अल्पना वर्मा
संपादक (प्रबंधन) : seema gupta
संपादक (तकनीकी) : आशीष खण्डेलवाल
सहायक संपादक : बीनू फ़िरंगी एवम मिस. रामप्यारी
सहायक संपादक : हीरामन
ओह गाड...मैने गलती करदी...:) पर कोई बात नही अगली बार ध्यान रखेंगे...स्भी विजेताओं को हार्दिक बधाई..
ReplyDeleteरामप्यारी दिन पर दिन बडा शानदार लिखने लगी है. शुभकामनाएं रामप्यारी को.
अरे नहीं रामप्यारी तू चिंता मत कर मैंने कोई और टेक्नीशियन नहीं रखी है...आजकल ऑफिस जाने लगी हूँ न तो क्लिनिक पर कम ही जा पाती हूँ. पर जितने मरीज आयेंगे तेरे पास भेजूंगी, पक्का वाला प्रोमिस है ये.
ReplyDeleteसभी विजेताओं को (साथ में मुझे भी) बहुत बधाई.... आखिर एक सही जवाब दे ही दिया मैंने :)......
ReplyDeleteरामप्यारी, लवी तो तुमसे नाराज़ है, तुम जयपुर आयी और लवी से मिले बिना ही चली गयी.
विजेताओं को हार्दिक बधाई..
ReplyDeletebaaki baate raat me..............
सभी जनों को बहुत बधाई.....रामप्यारी वाकई में बहुत स्मार्ट हो गई हो, लगता है कि तुम कहीं से ब्लाग लिखने की कोचिंग ले रही हो. अर हां तुम्हारी जन्मकुंडली मैने देख ली है, कल सोमवार को फोन करके बताता हूं कि अबकी बार पास होगी या फेल.
ReplyDeleteताऊ जी।
ReplyDeleteआपके सवालों में उलझ गया था,
वरना विजेता मैं ही होता।
खैर,
विजेताओं को हार्दिक बधाई।
सभी विजेताओं को बहुत बहुत बधाई.प्रतिभागियों का धन्यवाद.
ReplyDelete-रामप्यारी तुमने जो जानकारी दी मेरा भी ज्ञान बढ़ गया.मुझे भी नहीं पता था की सात चिरंजीवी हैं,मुझे सिर्फ तीन नाम मालूम थे.
शुक्रिया शुक्रिया.
-महावीर जी को भी पहेली लखनऊ के 'इमामबाडा 'के स्थान सम्बन्धी जानकारी देने हेतु बहुत बहुत धन्यवाद ,ऐसा लगता है काफी जगह घूमें हुए हैं अनुरोध है कि आप ही .इस पहेली राउंड २ के बाद मेरी जगह आप ही इस पहेली के पर्यटन सम्पादक का भार संभालियेगा.
शुभकामनाओं सहित
सभी जीतने वालों की शान में...................सलूट है भाई............
ReplyDeleteमैं तो हमेशा गलत ही हो रहा हूँ.............अगली बार कुछ और ट्राई करता हूँ
प्रिय ताऊजी, लगे रहे!!
ReplyDeleteहिन्दी चिट्ठाजगत शुरू से ही एक जाल-परिवार रहा है जिसमें हर चिट्ठाकार अपना स्थान ढूढ लेता है, या बना लेता है.
ताऊ के रोल में आप जिस तरह से फिट हो गये, और जिस तरह से आप ने हम सब को बांध कर समां बांध दिया है उसका मैं हार्दिक अनुमोदन करता हूँ.
आज के सार विजेताओं को मेरी बधाईयां.
अगले शनिवार से आपके चिट्ठे पर पुन: नियमित हो जाऊंगा!!
सस्नेह -- शास्त्री
विजेताओं को बधाई ।
ReplyDeleteताऊ जी, कल इतना व्यस्त रहा कि कल का अंक पढ़ ही नहीं सका।
ReplyDeleteविजेताओं को हार्दिक बधाई।
ReplyDeleteताउजी
ReplyDeleteये pratiyogita भी chalti है..
waah waah
मैं भी.....:)))
sabhee vejetaon को बहुत badhaiii !!!!
muaaf करें नेट proper काम नहीं कर रहा
ये तो Hinglish बन गयी..:)))
sabhee vejetaon और pratibhagiyon को बहुत badhaii..!!!
jeetna ही sabkuch नहीं है ..bhaag lene का hausla भी uttam होता है doston... है न??
Saadar !!!
विजेताओं को हार्दिक बधाई.
ReplyDeleteऔर हां रामप्यारी माताजी, तेरे को समीर अंकल जबरन भडका रहे हैं..माताजी तो बहुत अच्छा संबोधन होता है. तू अभी जानती नही है, जैसे चिट्ठाजगत वाले तेरे को रामप्यारी जी कहते हैं वैसे ही माताजी उससे भी बढिया संबोधन है.
ReplyDeleteबस तू नाराज मत हो मेरी अम्मा.
इमान से बहुत बढिया लगी आपकी पहेली और इसका आयोजन और खासकर रामप्यारी की स्टाईल तो दिल को छू गई.
ReplyDeleteसभी विजेताओं को बधाई,
विजेताओं को हार्दिक बधाई. अगली बार फ़िर कोशीश करेंगे.
ReplyDeleteबहुत बढिया पहेली आयोजन, सभी को हार्दिक बधाई
ReplyDeleteबहुत अच्छे रामप्यारी..क्या कहने आपके. आपने तो मजे लगा दिये. विजेताओं को बधाई.
ReplyDeleteVijetaon ko badhaayi.
ReplyDeleteसभी प्रतिभागी जिंदाबाद !
ReplyDeleteताऊ पहेली जिंदाबाद !!
ताऊ मैंने कुछ सप्ताह पूर्व फोन पर आप पर
जो उत्तर प्रदेश के प्रति भेद-भाव और अनदेखा
करने का आरोप लगाया था, उसके लिए मैं
आपसे माफी चाहता हूँ !
सच में बहुत खुश हूँ ! शनिवार को सवेरे जब पहेली देखने के लिए आपका ब्लॉग खोला तो
सबसे पहले चित्र देखा तो दिल से फौरन आवाज आई ..."मेरा लखनऊ" !
न तो मैंने कुछ पढ़ा न 'कन्फर्म' किया बस
उत्तर लिख दिया ! 'कन्फर्म' तो बाद में किया !
लखनऊ की इस अदभुत और अद्वितीय विरासत को पहेली में शामिल करने लिए अल्पना जी को धन्यवाद !
आज की आवाज़
मैं तो फिर से मिस कर गया ताऊ इस बार की पहेली भी......
ReplyDeleteआ, ताऊजी
ReplyDeleteजयजिनेन्द्र
क्षमा करे सबसे अन्त मे विजेताओ को बधाई देने पहुचा है। कारण समय का अभाव चल रहा है।
मै आपका भी आभारी हू आपने मुझे आपके ब्लोग मे स्थान दिया।
विशेष रामप्यारी को बधाई कि वो कम समय मे हम सभी कि भी प्यारी हो गई है। उसका नटखट वाला अन्दाज भा गया।
रामप्यारी ने आज मुझे सम्बोधित कर लिखा-
" (और हे प्रभु ये तेरा पथ ..वाले अंकल..आपने कहा कि अश्वत्थामा का वध हुआ था….अरे अंकल जी आप तो मेरे जैसी छोटी बच्ची के जितना भी नही जानते क्या?)"
नही रे रामप्यारी मै तो तेरी परिक्षा ले रहा था । अब समझ आया पढाई से दिल चुराने वाली रामप्यारी के दिमाग कि सूईयॉ ठीक-ठाक काम कर रही है।
अल्पना वर्मा जी के बारे मे कल
सभी विजेताओं, सम्पादकों और ताऊ को बधाई!
ReplyDeleteसभी विजेताओं को बहुत बधाई.... और हाँ रामप्यारी रानी मेरी तबियत अब ठीक है तुमने पूछा इसकेलिए शुक्रिया रानी..."
ReplyDeleteregards
जवाब लक्ष्मण था..?!! यानी शाकाहारी ने फिर एक अण्डा खाया.... :(
ReplyDeleteथोडा नीचे रह गए... पर अंततः हम भी आ ही गए विजेता सूची में !
ReplyDeleteसारे विजेताओं को बधाई, संपादको को धन्यवाद।
ReplyDeleteरामप्यारी, तुम्हें तो इस बार का जवाब चाकलेट लेकर भी ना बताने का दंड जरुर मिलेगा। अभी गणित की टीचर को फोन किया था उन्होने बताया कि गर्मी की छुट्टियों के पहले बहुत कठिन सा होमवर्क देने वाली हूँ।