ताऊ द्वारा होली पर पोस्ट की छीछालेदर

आज होलिका दहन का दिन था. ताई जब से गले पडे थी तब से यह पहली होली है जब हमको इस दिन आजाद रहने का मौका नसीब हुआ था. पहले हमने जब भी उसको इस मौसम मे मायके टरकाना चाहा तो यही जवाब मिला कि अब मैं ही तुम्हारी होली हूं तो दुसरी तरफ़ आंखे मत ऊठावो और लठ्ठ की तरफ़ देखने लगती. क्या करें मन मार कर चुप रह जाते थे.

 

पर हमारी आज की खुशी अरविंद मिश्रा  जी से नही देखी गई. धोखे से सबके साथ हमको बुलाया और अरहर या जूट का खेत दिखा कर र्भांग के  खेत मे घुसेड दिया हमको औरों के साथ. और जो भांग चर के घर लौटे तो बस हमारे पांव नीचे और सर उपर होगया. और हम   भांग भवानी के सुरुर मे ही उनकी पोस्ट पढने चले गये. देखिये मिश्राजी ने पोस्ट मे क्या लिखा था?

 

 

 

सबसे पहले सही जवाब लेकर आये "काका मौदगिल" :-

 

 

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मैं तो बांसुरी बजाऊं रे.. बिना बांसुरी के

हो जी रे खूटे पर बंध जाऊं रे बिना रस्सी के….

 

 

अब काका मौदगिल भांग का पौधा नही बतायेंगे तो कौन बतायेगा? उनको तो बिना छाने ही दो गोली भांग का नशा रहता है. इसी लिये खूंटे पर बंधे २ कविता रच लेते हैं और बिना बांसुरी के बहुत ही जोरदार तान छेडते हैं.

 

 

 

फ़िर सीमा जी ने अंगरेजी मे जवाब दिया :-

 

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क्या करूं? आज भी क्लास मे लेक्चर देने तो जाना  ही पडेगा.

मैं तो चली लेक्चर देने. पर कोई रंग ना डाल दे.

पर अब कोई कैसे डालेगा?

मैने तो पिछली साल की होली खेली हुई साडी पहनी है.

 

 

अब आगे लिखा था उस पोस्ट मे कि सीमाजी ने भांग का नाम अंगरेजी मे बताया –कैनिबस तो मिश्रा जी अब प्रबंधन की कक्षा मे क्या हरयाणवी मे लेक्चर दिलवाओगे?

 

भांग का नाम ही नशा चढा देता है -देखिये सीमा जीका यह दुबारा आकर जवाब देना वाटर मार्क लगाके -"भांग का पौधा "holi hai ha ha ha ha ha ha ha "रेगार्ड्स"

 

अजी मिश्रा जी आपको लगता है वाटर मार्क ha  का मतलब भी नही मालूम? 


h का मतलब होली और a का मतलब आई  यानि ha = होली आई. 


इब समझे कि नही? आगे से याद रखना.

 

 

 

 


अब स्मार्ट इंडियन यानि अनुराग शर्मा आये

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मेरा जूता है जापानी, सर पे टोपी इंगलिस्तानी
रहता पिटस्बर्ग मे, फ़िर भी  दिल है हिंदुस्तानी.


अब तक स्मार्ट इन्डियन भी आ गये और स्मार्टनेस से नहीं चूके "होली के अवसर पर बहुत सटीक सवाल - देसी भांग"


लो करलो बात… भाई बिलायत मे रहकर ही देशी भांग याद आती है ना. भांग के देशी मेजे वहां बिलायत मे कहां?


 

 


अब राज भाटिया आये :-

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अरे यार ताऊ. देख तू लोगों को बताना मत कि रोहतक में तुम्हारे साथ मैं बिडी और जगाधरी नम्बर वन के साथ साथ भांग भी पी लिया करता था. अब मैं बिलायती बाबू होगया हूं. जरा ईंगलिश विंगलिश झाड लेने दे यार. क्युं मेरी इज्जत खराब करता रहता है? देख अब तो मैं कमीज पायजामा छोडकर पैंट और टी शर्ट पहनने लग गया हूं. 


और यार आज तो हमारी शादी की सालगिरह है. यार क्युं मेरे पीछे पडा है.
आज तो बख्श दे मेरे ताऊ. जा तेरा कर्जा माफ़ किया. मेरा पीछा छोड



राज भाटिया जी ने मामला ही बिल्कुल साफ़ कर दिया '"अर्बिन्द जी , इसे हमारी भाषा मै Hanf, ओर अग्रेजी मै Cannabis कहते है हिन्दी मै शायद भांग कहते होगे, हिन्दी मे पक्का पता नही, लेकिन Cannabis पक्का

 

 

लो करलो जी बात मिश्रा जी. इब म्हारै बड्डॆ भाई की भाषा हरयाणवी छोड्कै गिटपिट गिटपिट हो गई? क्या करे भांग का नशा ही ऐसा है. उतर जायेगा तो सीधे हरयाणवी पर आजायेंगे.


भाटिया जी और भाभीजी आप दोनों को शादी की हार्दिक शुभकामनाए. 

आपका जीवन इसी तरह हंसी खुशी और मंगलमय हो. ताऊ और उसके भतीजे, भतिजियों की तरफ़ से आपको बहुत बधाई.

 

 

 


अब आये आशीष खंडेलवाल :-


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" आज ना छोडेँगेँ बस हमजोली, खेलेँगेँ हम होली "

" आशीष खंडेलवाल जी आये जवाब दिया और होली की शुभकामनाएं भी दीं !"जी हां, ये भांग के ही पौधे लग रहे हैं॥ आपको और आपके परिवार को होली की ढेरों शुभकामनाएं..."

मिश्राजी आपने इनको भी भांग पिलवा दी तभी तो घर के बाहर जाकर हमजोली तलाश रहे हैं?  और क्या बन ठन कर होली खेलने चले हैं?

पर कोई बात नही शाम तक भांग उतरने के बाद तो घर ही लौटोगे ना? फ़िर सब हमजोली भूल जाओगे.

 

 

अब मिश्रा जी ने आगे लिखा - अपने समीर भाई ,पारुल जी और अल्पना जी कहाँ किसके साथ मशगूल हो गये ? बिना इनके यह भंग पहेली?

 



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तुम आज मेरे संग हंस लो
तुम आज मेरे संग गा लो

नही टिपियांऊंगा आज सारे दिन. करलो क्या करोगे? सक्रांति पर खूब मंजा सूता था.      अब सारे दिन मैं तो जबलपुरिया भांग पी के भांगडा करते हुये होली खेलूंगा. वहां बिलायत मे ऐसा मौका थोडे ही ना मिलेगा. 

   

 

 


अब मिश्राजी को अल्पना जी की भी याद आगई कि वो भी नही आई :


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" लाई है हज़ारोँ रँग होली “

सोचती हुं फ़टाफ़ट एक होली गीत  भी पाड कास्ट कर ही दूं. फ़िर शनिवार को सबको छकाने वाली पहेली की प्लानिंग भी करनी है.

गावे कवित्त और फाग,बस चढ़ रहा खुमार,

गले भंग लो    उतार,थोड़ा   कर लो हुडदंग!

भीजे रंगों में तन,    मन में प्रेम की फुहार,

करो सब को शुमार,      खेलो होली के रंग.

 

 

बिल्कुल जी . पाठक तो आपकी इसी रचना के पाडकास्ट का इंतजार कर रहे हैं.


 



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जब ताऊ ने मिश्राजी की पोस्ट की ऐसी छीछालेदर करदी तो मिश्राजी का फ़ोन आया
कि ताऊ तू क्यों मेरा रकीब बना हुआ है?

ताऊ बोला – मिश्राजी ये रकीब क्या होता है? और ये कहां की अंग्रेजी है? हमको तो
नही पता हम तो फ़ुरसतिया जी की तरह वो क्या करते हैं? चर्चा उर्चा क्या होती है?
बस वैसे ही पोस्ट की छीछालेदर कर रहे थे.

अब मिश्रा जी बोले – ताऊ तेरी इतनी ही हिम्मत है तो फ़ुरसतिया जी की पोस्ट की छीछालेदर कर के दिखा तब मानूं.

ताऊ बोला – आप नाराज काहे होते हैं जी? हम खुद अपनी छीछालेदर करने मे नही शरमाते तो फ़ुरसतिया जी से काहे शर्मायेंगे. लो अभी इसी पोस्ट मे नीचे आज उनकी चिठ्ठा चर्चा की छिछालेदर किये देते हैं.

 

 

तो आईये अब बताओ भला बुरा काहे न मानें?  की छीछालेदर करते हैं.

 

 

अब  फ़ुरसतिया जी का ये काम हमको पसंद नही आया. अब बताईये यों तो जब चाहे ताऊ के फ़ोन की घंटी टन टना देते हैं पर देखो ई काम अकेले अकेले कर लिये.

 

 

Anup

 

 

ताऊ को खबर भी नही लगने दी. और हमको तो पता भी नही चलता पर अचानक उनका फ़ोन किसी दिल के अंदर से आया – ताऊ राम-आ-राम.

 

हमने पूछा – फ़ुरसतिया जी क्या बात है ? आपकी आवाज कुछ बदली बदली सी लग रही है. तब कहने लगे – हां ताऊ बात ऐसी हुई कि होली के चक्कर मे एक किसी के दिल मे घुस के बैठ गये रहे.

 

हमने पूछा कि ये कौन है भाई?

 

उन्होने कहा – ताऊ हम तो कुछ और ही समझ के बैठे रहे . पर ज्ञान जी कह रहे हैं कि ये उर्वशी है. तब हमने कहा कि – बस… बस… हम समझ गये फ़ुरसतिया जी..आप झूंठी दोस्ती का दम लगाते हैं. 


जब उर्वशी के दिल मे बैठने की बात आई तो अकेले अकेले बैठ गये? ई भी तो सोचा होता कि ताऊ को भी साथ मे बैठालें?  कि ताऊ   बेचारा  अकेला है आजकल. 

जिंदगी मे पहली बार मौका मिला है, उसको भी साथ लेलेते.

 

वो बोले – ताऊ अभी तो हम संकट मे आगये है. हमको यहां से बाहर निकलने का उपाय बताओ. सुना है तुमने गधे को कुएं से निकलने का उपाय बता दिया था. अब हमको यहां डर लग रहा है. जरा जल्दी करो. सही कह रहे हैं अगली बार तुमको साथ लेके घुसेंगे ऐसी वैसी जगह.

 

हमने कहा भाई- हमने भी झांक झूंक कर देख लिया है. ईन्नर देवता की अप्सरा के दिल मे बैठे हो, बैठे रहो , मौज करो और क्या?

 

अब फ़ुरसतिया जी असली बात पर आये. बोले देखो ताऊ, ज्ञान जी को पता चल गया है कि हम उर्वशी के दिल में विराजमान हैं. और वो हमको धमकी दे के गये हैं कि तुम हमारी बडी मौज लेते हो. अब देखना हम क्या करते हैं?

 

ताऊ बोला – क्या कर लेंगे? वो भी आपकी आज थोडी मौज लेलेंगे. यों भी होली है. मजा करिये.

 

अब फ़ुरसतिया  जी थोडे नाराज होकर बोले – ताऊ मजा ससुरा गया तेल लेने. तुमको मजे की पडी है और हमको जान की पडी है. अरे ताऊ वो ज्ञान जी ने सीधे शुकलाईन को फ़ोन मिला दिया होगा और बस अब शुकलाईन आती ही होंगी. जरा जल्दी करो. अगली बार जब भी किसी रम्भा मेनका के दिल मे घुसेंगे आपको साथ लेके घुसेंगे जिससे निकलने मे परेशानी ना हो.

 

 

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                                     फ़ुरसतिया जी उर्वशी का दिल लेके भागे

 

 

 

अब हमने उनको बाहर निकलने का तरीका बताया तो कहने लगे कि इस दिल के बिना तो हम कैसे जिऊंगा? फ़िर बाहर आने का फ़ायदा ही क्या?

 

तब हमने कहा कि उस उर्वशी के  दिल को हाथ से झटका मार के खींचो और भागो वहां से. हमको शुकलाईन जी आती दिख रही हैं. और ये सुनते ही फ़ुरसतिया जी उर्वशी का दिल हाथ मे ऊठाकर भागते नजर आये.

 

 


अब इसी पोस्ट मे ज्ञान जी के बारे मे लिखा :-

ज्ञानजी होली की आड़ में बहकने का प्रयास किये। पहले हौलट बनने का प्रयास किया फ़िर प्रॉमिस्कुअस (promiscuous – एक से अधिक को सेक्सुअल पार्टनर बनाने वाला) बिल्लू जैसा बनने के लिये हुड़कने लगे! जहां रीता भाभीजी ने यह देखा ब्लाग का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया और ज्ञानजी के सामने पति आचार संहिता पेश कर दी जिसका पालन करते हुये ज्ञानजी फ़िर से मंदी ,भरतलाल, गुझिया-पापड़ की दुनिया में लौट गये- होली मुबारक कहते हुये।



बस ये पढते ही ज्ञान जी तो हंटर लेके आगये.


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और आते ही हंटर फ़टकारते हुये बोले – अरे ओ ताऊ (सांबा)  ये क्या हमारे लिये  
उल्टे सीधे हौलटिया रहे हो तुम लोग? कितना मौज लिये हो हमरा?


ताऊ – सरदार हम नाही लिया ऊ फ़ुरसतिया लिये रहिन आपका मौज तो.


ज्ञान जी – हूं … अब हम समझे. पर हम भी उसी ट्रेन को हांक रहे थे जिसमे
ठाकुर जा रहा था. अब आयेगा मजा खेल का असली... फ़ुरसतिया क्या समझे थे? हमरी मौज     हमेशा लेते रहेगें? हम कोई बच्चा हूं क्या?   हैं? 


ताऊ : नही  सरदार… आप तो बडे बुजुर्ग हैं...


ज्ञान जी : – हम सरदार नही हूं. और तुमको बुजुर्ग किधर से लगने लगा हूं?  जबान संभाल कर बात करो ताऊ.  अब तुम लोगों का खेल बहुत होगया.


ला ताऊ, जरा तनिक फ़ोनवा दे हमको.


ताऊ : पर फ़ोनवा काहे को सरदार?


ज्ञानजी – अरे बुडबक ताऊ . जरा शुकलाईन को फ़ोन कर देते हैं. फ़िर सारा हिसाब किताब आज चूकता हो जायेगा फ़ुरसतिया से हमारा. बहुत मौज लेए है हमारी.
आज चढें हैं चक्कर मे फ़ुरसतिया महाराज.    



अब ताऊ ने जैसे ही ये खबर सुनी. और सरदार की आंखों का जलाल देखते हुये वहां से रवानगी डालना ही बेहतर समझा.  

क्या पता शुकलाईन को फ़ोन घुमाते घुमाते कहीं ताई को ही ना घुमा दें ?



 


अब कुश भी लपेटे मे हैं

फोटो के बारे में तो नो कमेंट टाइप फीलिंग आ रही है.. पर करे क्या? आदत से लाचार है तो फोटू के लिए तो बस चकाचक कहेंगे..
@रचना जी
हमने लगा तो दी है आपकी अर्जी
इंटरव्यू देना, नही देना उनके पति क़ी मर्ज़ी..



cartoon-kush 

ताऊ मुझको भी कहां फ़ंसा दिया. मैं तो भाग रहा हुं यहांसे. मामला कुछ ज्यादा ही
होलिया रहा है. अब होली के बाद ही मिलूंगा.


 

 

भाई हम पर भंग भवानी कुछ ज्यादा ही असर दिखा गई. किसी को अपनी छीछालेदर बुरी लगी हो तो वो हमारी छीछालेदर करने के लिये स्वतंत्र है. हम अपनी आदत से मजबूर हैं सो हम तो यों ही अपनी  और सामने वाले की छीछालेदर करते और करवाते रहेंगे.

 

आपको अपनी छीछालेदर पसंद आई हो और फ़िर रंगपंचमी को करवानी हो तो छीछालेदर करवाने के लिये बुकिंग करवाये. सारे कार्टूनों की छीछालेदर हमारे तकनीकी संपादक आशीष खंडेलवाल ने की है और फ़ुरसतिया जी की छीछालेदर भरत मुदगल ने की है.

 

अब होली की घणी रामराम.

Comments

  1. बहुत बढ़िया चर्चा लगी ताऊ जी . आनंद आ गया . समीर जी की फोटो तो इसे लग रही जैसे वे आई.पी. एल के मैच में बालिंग करने जा रहे है हाफ पेट पहिनकर हा हा . होली ताऊ और ताई जी दोनों को मुबारक हो ....होली की घणी रामराम.

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  2. हा हा!!ताऊ...बहुत सही सांटे हो..अरे, कल से कम्प्यूटर बंद था तो कहीं टिपिया ही नहीं पाये..मिश्रा जी भांग घुट्ट्वल में अब जाते हैं. :)

    आपको होली की मुकारबाद एवं बहुत शुभकामनाऐं.
    सादर
    समीर लाल

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  3. ताऊ तो सुब्बै सुब्बै होलिया रिया है !
    कहवें हैं, फ़ागुन में बाबा देवर लागें,
    तो गुरू भी ताऊ से आशीर्वाद माँगे !
    ताऊ जी, हैप्पी होली !

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  4. तो....
    एप्रूवल वाला लटका अभी भी चल रहा है ?
    कम से कम आजके दिन तो मोडरेशन खोल दे, ताऊ !

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  5. आप की तो सुबह सुबह होली।
    होली पर बहुत बहुत शुभ कामनाएँ!

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  6. बडी मजेदार रही ये छिछालेदारी !
    होली की राम राम ताऊ !

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  7. ये छीछालेदर बहुत मंहगी पड़ेगी ताऊ!!!
    वैसे हमें अंदेशा था इसका इसीलिये हम अपनी श्रीमती जी को पहिले ही फोटॊ दिखा दिये थे! वो पूछ रहे थी- ये कौन है जिसके दिल के पास तुम रहते हो! हम बता दिये कि .... (अब ई न बतायेंगे कि क्या बता दिये) वैसे ताऊ बगल वाली सुकन्या के दिल में टु-लेट का बोर्ड लगा है। आओ न उधरिच! मज्जा आयेगा।

    ज्ञानजी वाली बात तो सही है। जो लिखा हमने सही ही लिखा। अगर वो गुस्सा करेंगे तो हम शास्त्री जी उनका शास्त्रार्थ करवा देंगे। जोड़ी बराबर की है। दोनों इनीशियल एडवांटेज न मिलने के दुख के मारें है।

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  8. वाह ताऊजी, इस छिछालेदर ने होली की मस्ती को चार गुना कर दिया.. अपनी छिछालेदर देखकर तुरंत ही यह पोस्ट बंद करनी पड़ी.. क्या करूं आज छुट्टी का दिन है और घर में सब मौजूद है। अगर वे इस छिछालेदर को देख लेते तो अपनी तो सुबह-सुबह ही हैप्पी होली हो जाती.. जब आपने ब्लॉगीवुड के कार्टूनीकरण का बीड़ा दिया था, तो मुझे लगा था कि ताऊजी की भंग अभी तक उतरी नहीं है.. लेकिन आपने तो ऐसा शॉट खेला कि पूरी ब्लॉगीवुड की ही उतर गई.. सभी को होली की बहुत-बहुत शुभकामनाएं..

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  9. हा हा हा ताऊ क्या बात है बहुत मज़ा दिला दिया होली पर फ़ुर्सतियाजी और कुश भाई का कार्टून तो ग़ज़ब ही कर रहा है लाल साहब के क्या कहने, रिंग मास्टर जी भी बड़े मज़ेदार और सीमा जी को तो आपने एक्दम स्लिमा (extreme slim) बना दिया हा हा। आप भी ना बड़े वो हो। हा हा होली की बहुत बहुत मुबारक्बादियाँ आपको सपरिवार।

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  10. Bilkul holi type ki post hai...

    Aapko bhi holi ki shubhkaamnaye...

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  11. bahut achhe toons:),rangin,holi mubarak:):)

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  12. vah tauji holi ke rang baras rahe hain apki is post par aapko holi ki shubhkaamnayen

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  13. बहुत ही मजेदार पोस्ट है आज की..
    अपना ऐसा कार्टून ज़िन्दगी में पहली बार बने देखा..
    सभी की खूब होलिया खिंचाई की है आप ने आज तो !
    कुश को थोडा देर वहीँ फंसे रहने दो..वहीँ जँच रहा है![हा !हा !हा!]
    बहुत बढ़िया पोस्ट !
    होली की रंग बिरंगी शुभकामनायें सभी को!

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  14. भई वाह्! क्या बढिया होली का सरूर चढा है....और ऊपर से भांग का रंग,आज तो सबको लपेटे में ले लिया.........होली की घणी बधाई...(ओर हां शादी की सालगिरह की भी)

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  15. वाह मजा आ गया। सभी साथियों को रंगो भरी होली मुबारक।

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  16. ताऊ और ताई नै होलि कि भतेरी बधाई ।

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  17. और *** की छीछालेदर भरत मुदगल ने की है.
    ---------
    भरत मुदगल को धन्यवाद।

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  18. अरै ताऊ.....तू यो के कर रिया सै.....तैन्ने घनी मज़ाक सुझै सै.....या सचमुच की ही उतार देवै सै.....होली-की-होली.....हो गयी....और तेरो काम भी बन गो....यो ई तो चावै सै तू.....!!....यो तो अच्छो सै के मैं तो भूत हूँ....वरना मेरी भी वोई हालत करतो तू जो हालत सबकी की है तैने.....खैर होली है....अयिन लिए तैन्ने माफ़ कर रियों हूँ....वरना तेरी खैर नहीं होती....चल इब आ और गले मिल ले.....तेरी भाभी ने (भतीजी.....!!!) खूब सारी मिठाई बनायी सै....यो ले...हलुओ....यो ले दही बडो.....यो ले कांजी बडो.....और या ले गुझिया.....ले खा और म्हारा प्रेम के रस-रंग में रंग ले.....!!

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  19. बहुत भंग’इया चर्चा कर दी ताऊ। अच्छा हुआ कि शुकलाइन की लाइन नहीं मिली, फुरसतिया जी ने जो पहले ही से काट दी थी, वरना भंग का सारा नशा उतर जाता। वैसे, भंग कुछ जादा ही चढी लगती है कि कलम जो चली......तो चलती...चलती ही चली गई:)

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  20. होली की बहुत बहुत शुभ कामनाएं....

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  21. बहुत सुन्दर. होली की शुभकामनायें

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  22. ताऊ जी राम-राम।
    आपको होली की बहुत बहुत शुभकामनाएं।

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  23. "भाई हम पर भंग भवानी कुछ ज्यादा ही असर दिखा गई."

    वाह ताऊ जी, वाह!! आप पर असर कर गई तो समझ लीजिये हम सब पर भी असर कर गई क्योंकि हम भी तो उसी महफिल में बैठे है जहा आप मौजूद हैं!!!

    आज तो बहुत बढिया संगत हुई !!

    सस्नेह -- शास्त्री

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  24. ताऊजी !!!!
    आपकि बात ही निराली है, आपने होलियाना टॉग खिचाई कि रस्म बडे ही सुन्दर ढ्ग से कि है।
    सीमा जी,अल्पना जी साडी मे बडी ही सुन्दर लग रही है। राजजी पैंट और टी शर्ट मे खाते पिते घर के लगते है। समीर भाई कि खुशी से लगता है कि पगला गये है ताऊ को देख। ज्ञान जी तो हंटर मे, हिटल से दिखाई पडते है। मिश्राजी,फ़ुरसतियाजी,आशीष खंडेलवाल,स्मार्ट इंडियन,काका मौदगिल का भी केप्शन बडे ही मन मोहक लगे काश यह सभी असली होते तो हिन्दि ब्लोग जगत के तो भाग ही फुट जाते। ताऊ तुम्हारा ध्यान इस और भी दिलाना चाहता हु आप शास्त्री जी को भुल गये शायद।
    होली को इसलिये ही व्यक्ती के विरेचन का पर्व कहा जाता है। हम देखते है कि समाज ने हमारी कुरुपता, देख हमे खारिज नही किया है।होली मे भारत का सान्स्कृतिक मानस छुपा हुआ है। लोग बदशक्ल बनने को तैयार होते है, आप हम इस पर्व पर बदशक्ल बनकर भी मुस्कराते है क्यो कि हम स्वीकार करते है कि व्यक्ती को बनाने या बिगाडने का समाज के अधिकार को ।
    होली सिर्फ रन्गो का त्योहार नही, लोग एक दुसरे का नामाकरण करते है, चटपटी टिपणीया करते है, मुर्ख बनाते है, गघे पर बैठाते है, यह सभी भारतिय समाज और उसकी ईकाइयो की सहनशक्ती का पैमाना है यह विविघता ही आपको हमको भारतीय होने कि याद दिलाती है।
    आप सपरिवार को हे प्रभु कि तरफ से होली कि शुभकामनाऐ प्रेषित करता हु। और उम्मिद करता हु कि कभी हम भी आपके ऑखो कि किरकिरी बने।
    जयजिनेन्द् :D:):)
    रामराम
    जय ताऊ जी कि

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  25. आपको

    होली पर

    फागुन के रंगों से रँगी,

    मस्ती और प्यार-भरी

    शुभकामनाएँ!

    होली है, भइ, होली है -

    रंग-बिरंगी होली है!

    ताऊजी, आपका जवाब नहीं!

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  26. ताऊ क्या करु मुझे तो यही समय मिलता है, टिपण्णी देने के लिये, भाई पेट भी भरना है, बहुत सूंदर लगी आज की चर्चा,होली की बहुत बहुत बधाई

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  27. Ram Ram Tau jee aur Taai jee saprivar Holi ki Mubarakbaadee aapko --
    Badhiya Post likhee hai aapne
    Anadam Anadam !! :-)

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  28. ताऊ
    बड़े बड़े ब्लोगरों की खूब खिचाई करी
    पर ताऊ मिश्रा जी ने आपकी नहीं करी
    जो भी है पोस्ट जोदार है...............सब के सब एक से बढ़ कर एक लग रहे हैं

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  29. आपको, ताईजी, चाचाओं, चाचीयों, आपके सभी भतीजों, भतीजियों और बीनू और रामप्यारी को होली की शुभकामनायें

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  30. आहा! ऐसी छीछालेदर कौन नहीं कराना चाहेगा? आपकी नजरे इनायत जिन-जिनपर हुई है उन्हें ढेरों बधाई।

    आपको होली की अनन्त शुभकामनाएं, बधाई और धन्यवाद।

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  31. अरे वाह मज्जा आ गया.. बोले तो.. घणी चोखी पोस्ट लिखी से ताऊ...
    ज्ञान जी के हाथ में हंटर.. किसकी शामत आई है? पर इन सबमे ताऊ तो कही नज़र नही आ रहा.. कहीं ताई के हत्थे तो नही चढ़ गया... कुछ भी हो ताऊ..
    मैं तो भाग रहा हूँ..

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  32. " हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा होली का ऐसा रंग हमने आज तक नहीं देखा......और अपनी ऐसे क्यूट सी तस्वीर देख कर तो क्या कहें वाह वाह बनाने वाले को ढेर सारा शुक्रिया......ऐसे फोटो तो आज तक किसी फोटोग्राफर ने भी नहीं बनाई.....हा हा हा हा हा हा हा हा सारे ब्लोगेर्स कितने हसीन और प्यारे लग रहे हैं होली के इस रंग मे....."
    होली की अनन्त शुभकामनाएं, बधाई और फोटोग्राफर जी को विशेष धन्यवाद.

    ओये रामप्यारी कहाँ नदारद है.....????

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  33. होली में आपने किसी को नहीं छोडा।

    होली की हार्दिक शुभकामनाऍं।

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  34. हे ताऊ... ये पोस्ट पढ़ कै दो दुख हुए पहला तो रामपुरिया को छीछालेदर कर कै काम चलाणा पड़ रह्या सै..... दूसरा काम की जगह म्हं बेचारे फुरसतिया जी बाड़ दिये.. अरविंद जी ने के पाप कर राख्या था..?

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  35. आपकी इस होली की फुहार के कारण पेज ही hang कर जाता था, आज जाके पूरी पोस्ट पढ़ पायी हूँ...मेरा लैपटॉप भी भंग पी के पड़ा था, इतना धीमा चल रहा था की क्या बताएं...आज नशा थोडा उतरा है तो देखने आई हूँ :) बढ़िया मौज ली है ताऊ.

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  36. ताऊ और सारे भतीजे-भातीजिओं को होली की रंग-बिरंगी शुभ कामनाएं!

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  37. अभी भी रकीब का मतलब न समझ पाए हो ताऊ तो सीमा जी से पूँछ काहें नहीं लेते हो ...लजाते क्यों हो भाई ! इब ई होली चली गयी तो क्यों ख़ाक पूँछ पाओगे !

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  38. बहुत अच्छी छीछालेदरिय पोस्ट.

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  39. लाजवाब छिछालेदर, रोज होनी चाहिये.

    रामराम.

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