जो ऊंचे तबके और शिक्षित वर्ग की महिलायें हैं उनको अगर छोड दिया जाये तो स्थिति मे विशेष फ़र्क नही है. और उच्च वर्ग मे भी अभी वो प्रतिशत नही है कि संतोष किया जा सके. वहां की सिर्फ़ बातें मालुम नही पडती. बाकी समस्याये तो अभी हैं
आज समय आपस मे लडना भिडना नही है. चाहे स्त्री हो या पुरुष, आज जरुरत है स्त्री शक्ति को मजबूत करने की. अगर नारी मजबूत होगी तो मातृशक्ति मजबूत होगी, अगर मां मजबूत होगी तो संतान मजबूत होगी. उसके विचार मजबूत होंगे. और आज नारी और पुरुष को जो दो धुर्वों मे बंटा दिखाया जाता है इन दोनों ही धुर्वों के बीच एक सशक्त डोर बंधी होगी.
आज किसी भी रुप मे देखा जाये तो जहां कहीं नारी पर अत्याचार होता है वहां अत्याचार करने वालों मे नारी भी शामिल है. एक बहु पर जब अत्याचार होता है तब वहां अत्याचार करने वालों मे सास भी एक नारी है. और सास की भूमिका मे आते आते नारी कम से कम इतनी हैसियत वाली तो हो ही जाती है कि वो उस पर जुल्म ना होने दे.
मेरा तो यही मानना है कि पुरुष नारी की ही प्रतिछाया है, उसका जन्म ही नारी से है. घर की बुजुर्ग नारी यानि मां की बात कौन टाल सकता है? यही मां बहुत कुछ कर सकती है. सिर्फ़ करने की इच्छा शक्ति चाहिये.
तो आईये आज प्रतिज्ञा करें कि हम शुरुआत अपने घर से ही करें कि अगर हमारे घर में ऐसी कभी नौबत आई तो हमे क्या करना है.
हम दूसरों कि सहायता करके समाज सुधार नही कर सकते. अगर हम अपना सुधार कर लें तो बहुत बडी क्रांति हो सकती है.
भगवान बुद्ध ने कहा – अपना दीपक जला लो उससे दुसरों को भी रोशनी ,मिल सकेगी. तुम खुद सुखी हो जाओ तब सारा समाज सुखी हो जायेगा. उसका अर्थ यही है.
आज सास बहू मे कुछ ऐसे संबंध हैं.
सास बाजार से लौटी
स्टोव और घासलेट के साथ
आकर हुक्म चलाया
बहू ये ले स्टोव जला ले
बहू ने फ़रमाया
सास जी आज तो
आप ही स्टोव जलाओ
पहले मैं देख लूं
कहीं फ़ट तो नही जायेगा.
ये अविश्वास जब तक विश्वास मे नही बदल जाता तब तक महिला दिवस आते रहेंगे और जाते रहेंगे और हम मना कर भूलते रहेंगे.
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आईये अब पहेली से संबंधित कुछ बात हो जाये. इस बार की पहेली मे विजेताओं की संख्या मे कोई कमी नही है. यानि १४ विजेता हैं. इसका मतलब कि पहेली मे कोई दोष नही था.
असल मे पहेली के संचालन मे सु.अल्पना जी के आने से जो बदलाव आया उसको प्रतिभागी समझ नही पाये.
दोनो राऊंड मिलाकर हमने अकेले ११ पहेलियों का संचालन किया और अब इस १२ वे अंक ( राऊंड दो के दुसरे अंक) से सु.अल्पना जी हमारे साथ हैं.
असल मे प्रतिभागी हमारी हर चाल को समझने लगे थे. और पुरी प्रक्रिया एक बंधे बंधाये हिसाब से चल रही थी. और उसी को प्रतिभागी समझ नही पाये और बहुत बडा उल्ट्फ़ेर हो गया.
ये पहली बार हुआ कि ज्यादातर हमेशा जीतने वाले विजेता इसमे नही जीत पाये. जबकी सही जवाब पहले ही प्रकाशित किया जा चुका था. सिर्फ़ गलत जवाब को रोका गया था.
खैर इस पहेली के विषय की संपुर्ण जानकारी तो कल की ताऊ साप्ताहिक पत्रिका मे सु.अल्पना जी दे ही रही हैं पर हमारा आपसे एक अनुरोध है कि ऐसी पहेली पूछने का क्या फ़ायदा जिसको आपने गूगल सर्च मे डाला और जवाब मिल गया?
अब ये फ़ोटो जो हमने अपने निजी संग्रह से डाली थी वो किसी को भी गूगल पर नही मिली. इसलिये सबको मुश्किल लगी. तो फ़िर १४ लोगों को क्या रामप्यारी बता गई?
हम को आशीष खंडेलवाल जी की बात अच्छी लगी कि उन्होने बुजुर्गों से सलाह ली. देखिये क्या सुंदर बात क्री उन्होने, अब ये ट्राली नही है पर जो बुजुर्ग हैं वो तो वहां गये थे और उन्होने बता दिया.
हम अन्य विजेताओं से भी अनुरोध पुर्वक पूछ्ना चाहेंगे कि वो कृपया बताये की इसका जवाब उन्होने किस आधार पर दिया क्योंकि गूगल मे इस तरह की ट्राली का चित्र और देवदार के पेड एक साथ कहीं नही मिले.
क्या आप उस समय वहां जा चुके थे या आपने घर के बडे बुजुर्गों की राय ली?
अगर आप भी घर के बडे बुजुर्गों को इसमे शामिल करे, उनकी राय ले, तो उनको भी अच्छा लगेगा. आगे से हम कोशीश करेंगे कि ऐसी ही पहेलियां पूछें. आप घर मे सबको साझीदार बनाये. बच्चे भी इन जगहों के बारे मे हंसी हंसी मे जान जायेंगे.
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अब इस अंक से कुछ जरुरी परिवर्तन :-
ताऊ पहेली मे अभी तक प्रथम विजेता का साक्षात्कार लेने की परंपरा रही है. हमारे संपादक मंडल ने इस बारे मे यह तय किया है कि प्रथम राऊंड के सभी ११ मेरिट होल्डर्स मे जिनका साक्षात्कार नही हुआ है उनका हम साक्षात्कार लेने की व्यव्स्था करेगे.
हम प्रथम राऊंड के हमारे सभी ११ सम्मानिय मेरिट होल्डर्स से निवेदन करते हैं कि जिनका साक्षात्कार नही हुआ है वो अपनी सुविधा से हमे साक्षात्कार देने का समय देवे जिससे हम उनका इंटर्व्यु ले सके.
दुसरे राऊंड मे भी जो मेरिट होल्डर्स रहेंगे उनका भी इंटर्व्यु प्रकाशित किया जायेगा.
जिस पहेली मे प्रथम विजेता का साक्षात्कार हो चुका होगा उस अंक मे द्वितिय विजेता का साक्षात्कार लिया जायेगा.
और एक खुशखबरी :—हमारे कुछ सम्मनिय प्रतिभागियों ने डिमांड की थी कि सबसे नीचे की लाईन मे रहे लोगों के लिये भी कुछ होना चाहिये. यह बात हमारे सम्पादक मण्डल की मीटिंग मे रखी गई है.
और संपादक मण्डल ने इस बात की मंजूरी दे दी है कि प्रथम राऊंड मे होली के इस पावन पर्व पर सबसे ज्यादा शुन्य बनाने वाले सज्जन/सज्ज्नों को महा कवि कालीदास की उपाधि से सम्मानित किया जाकर उनका साक्षात्कार प्रकाशित किया जाये.
अब आपका और समय नही खाते हुये हम आज का रिजल्ट घोषित करने के लिये आपको बीनू फ़िरंगी के पास लिय चलते हैं.
ताऊ रामपुरिया की तरफ़ से आपको होली की बहुत घणी रामराम
आदर्णीय देवियों और सज्जनों, ताऊ के भाइयो, बहणों, भतीजियों और भतीजो, समस्त संपादक मंडल के सदस्य गणों और आप सबको बीनू फ़िरंगी का सादर प्रणाम. और होली पर्व की बहुत बधाई और शुभकामनाएं.
और मिस रामप्यारी को विशेष बधाई और शुभकामनाएं.
ताऊ पहेली राऊंड –२ के द्वितिय अंक का रिजल्ट घोषित करते हुये मुझे अपार हर्ष हो रहा है. और मैं अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं कि मुझे ये मौका आज फ़िर दुबारा मिला.
मैं आपको यकीन दिलाता हूं कि मैं बिना किसी ईमान और इमानदारी के रिजल्ट घोषित करुंगा. और आशा है आप मेरे द्वारा तैयार रिजल्ट से संतुष्ट होंगे.
तो आईये अब चलते हैं रिजल्ट की तरफ़ :- हमारी इस पहेली का सही जवाब है “गुलमर्ग ( काश्मीर)” और विजेता इस प्रकार रहे.
Smart Indian - स्मार्ट इंडियन said... यह है गुलमर्ग की केबल कार (जिसे गंडोला भी कहते हैं)
घणी बधाई प्रथम स्थान के लिये. सर्वाधिक अंक प्रात किये १०१. तालियां..... तालियां..... तालियां..... जोरदार …. तालियां
विशेष बधाई….
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ताऊ ये तो गुलमर्ग की केबल कार (गंडोला) है. अंक १००
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३. jitendra said... मेरे खयाल से यह जगह गुलमर्ग है और रहा सवाल रामप्यारी का तो लगता है वो इस वार लड्डूओ का लालच छोडकर स्कूल न जाये तो ही बेहतर है क्योंकि सवाल अपनी समझ के बाहर है और लगता है वो इस बार जरूर पीटेगी अंक ९९
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४. seema gupta said...
रामप्यारी आज कहाँ बचपन की यादे ताजा करवा दी कश्मीर की वादियों मे बचपन बीता है हमारा ये गुलमर्ग है और इसको गोंडोला कहते हैं......ये फोटो बहुत पुरानी है क्यूंकि आजकल वहां अब ऐसे ट्राली नहीं मिलते अब पूरी बंद ट्राली होती है शीशे वाली.....खैर बहुत घुमाया आज सारा कश्मीर घूम लिया बिलकुल ऐसी फोटो तो नहीं मिली ....
अंक ९८
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५. आशीष खण्डेलवाल (Ashish Khandelwal) said...
प्रणाम ताऊ.. आज वाली पहेली काफी मुश्किल है.. पता नहीं फोटो किस जमाने की है.. पर मैंने (थोड़ी जुगत- थोड़ी चीटिंग) से पता कर ही लिया है.. जुगत यह है कि इसका जवाब मैंने टिप्पणियां पढ़कर ही पता किया है.. कुछ पचमढ़ी लिख रहे हैं तो कुछ नैनीताल.. कोई राजगिर लिख रहा है तो कोई गुलमर्ग .. मैंने इन चारों जगहों को लेकर विशेषज्ञों की मदद ली.. बुजुर्ग विशेषज्ञों का पैनल इसी नतीजे पर पहुंचा कि यह गुलमर्ग है.. इसलिए मेरा जवाब तो गुलमर्ग ही लॉक कर दो..
अंक ९७
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६. हिमांशु । Himanshu said...
गुलमर्ग का रोप वे ।
अंक ९६
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७. दिलीप कवठेकर said...
पिछला जवाब निरस्त. ताऊ और अल्पनाजी को साधुवाद, कि अल्पना जी नें पहेली में अपना बलिदान दिया. ये त्याग व्यर्थ नहीं जायेगा.
अंक ९५
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८. Udan Tashtari said...
गुलमर्ग काश्मीर -iइत्ती सरल पहेली. :)
अंक ९४
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९. वर्षा said...
गुलमर्ग
अंक ९३
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१०. लवली कुमारी / Lovely kumari said...
मिल गया जवाब गुलमर्ग ही है
अंक ९२
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११. नितिन व्यास said... शायद गुलमर्ग ही है! इस बार का सवाल कठिन लगता है हिंट भी बहुत ही सामान्य सी है - रोप वे कई जगहों पर है और ऐसी नदी के चित्र भी!
अंक ९१
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१२. गौतम राजरिशी said...
गुलमर्ग का गिंडोला....अबकि तो सही है ना ताऊ अंक ९०
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१३. दीपक "तिवारी साहब" said...
ताऊ हम जिंदगी मे एक बार ही इस उडनखटोले मे बैठे हैं और वो भी गुलमर्ग काश्मीर में. दिन मे हमको नाम याद नही आ रहा था सो हमने इसको मुर्गा गुल लिख दिया था.
अंक ८९
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१४. Rajeev (राजीव) said...
शायद यह गुलमर्ग स्थित गुलमर्ग-खिलनमर्ग के बीच स्कीईंग स्लोप पर पहुँचाने वाली स्की-लिफ़्ट है
अंक ८८
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इसके अलावा श्री शुभम आर्य, श्री रतनसिंह शेखावत, श्री वरुण जायसवाल, श्री श्रीकाजल कुमार, सुश्री. रंजना [रंजू भाटिया], श्री मकरंद, श्री दिनेश राय द्विवेदी, सुश्री ईंद्राणी, श्री पी.एन. सुब्रमनियन, श्री ज्ञानदत्त पाण्डेय poemsnpuja, श्री अरविंद मिश्रा, श्री cmpershad, श्री सतीश चन्द्र सत्यार्थि, श्री पंकज रागो, श्री दिगम्बर नासवा, श्री PD, श्री राज भाटिया, श्री सुशील कुमार छोंक्कर, सुश्री हरकीरत हकीर, और हे प्रभु ये तेरा पथ ने भी हमारा उत्साह वर्धन किया. आप सबका आभार. |
अब आईये रामप्यारी की क्लास में:-
रामप्यारी की क्लास मे :- आप सबको रामप्यारी की नमस्ते. और होली की तो डबल नमस्ते. नीचे मैं उन सभी के नाम दे रही हूं जिन्होने मुझे लड्डू खाने का तरीका बताया.
आप सभी का बहुत धन्यवाद. और हां वादे के मुताबिक मैने जवाब देने वालों के खाते मे तीस तीस नम्बर जमा कर दिये हैं. पर आपसे निवेदन है कि अगर कोई गलती हो तो मुझे मत बताना क्युंकि मैं जरा गणित मे कमजोर हूं. और लड्डू मे शायद भंग ज्यादा थी ? और अब मुझे होली खेलने भी जाना है.
तो शुरु करते हैं रिजल्ट का सिल्सिला :-
सबसे पहले आई सीमा आंटी ने सही जवाब दिया. नमस्ते आंटी. होली मुबारक. आज आप मेरी क्लास मे first rank holder हैं. बधाई..
"रामप्यारी एक तो तुम इतनी क्यूट हो और बाते भी प्यारी प्यारी करती हो.....ये टीचर का जरा नाम पता बता दो एक बार हड़काना पडेगा की क्यूँ इतनी मासूम बच्ची पर इतना जुल्म ढाती है .
लगता है आंटी मुझे मैथ्स की ट्य़ूशन आपसे लेनी पडेगी. मेरे को तो इतना लंबा चौडा जवाब स्कूळ पहुंचने तक याद भी नही रहेगा. मैं तो कह दूंगी तीन डिब्बे. ठीक है ना? ---------------------------------------------------------------------------------------------------
फ़िर आये तिवारी अंकल..ये तो गलत बात है अंकल दीपक "तिवारी साहब" said...
अरे राममारी कुछ तो हिंट दे.:)दिमाग पचा दिया सूबह से.
मेरा नाम राममारी नही रामप्यारी है. आपको इस बात पर पनिश किया. आपको मिलेगा एक बडा सारा अंडा यानि ZERO.हां तो…. --------------------------------------------------------------------------------------------------- फ़िर आये समीर अंकल.. प्यारी राम प्यारी तू एक काम कर..तीन डिब्बे बना ले..एक में १ रख, दूसरे मे २ और तीसरे में ४ .मान कर चल १ बच्चा ही है. अगर १ मांगे तो १ लड्डू वाला, २ मांगे तो २ लड्डू वाला, ३ मांगे तो २ वाला और १ वाला, ४ तो ४ वाला, ५ में ४ और १ वाला ६ में ४ और २ वाला और ७ ही मांग ले भूख्खड़ तो तीनों उठा कर दे देना और रोते हुए बिना लड्डू घर चली आना. हम लड्डू खिलवा देंगे. ओके!! थैंक्यु अंकल..पर मैं तो दुसरों को रुला कर आगई स्कूल मे. टीचर को आपकी मुंडली सुनाई और सारे लड्डू ऊठाकर भाग आई. दुसरे बच्चे रोते ही रह गये. --------------------------------------------------------------------------------------------------- रंजन said...
ताऊ तो फोटो खिचने लगा है और ताई फो्टो खिचवा रही है... वो आये तब तक लड्डु के पैकेट तो बना दे...तु ऐसा कर १,२,४ लड्डु के पैकेट बना दो.. सभी निपट जायेगें.. १,२,(१+२=३),४,(४+१=५),(२+४=६),(१+२+४=७)
अरे रंजन अंकल, मैने पैकेट क्या सारे ही पैकिट ऊठा लाई और आदि यनि पल्टू भैया के लिये भी भिजवा दिये हैं. उसको बहुत प्यार करना और मेरी तरफ़ से उसको गुलाल लगा देना. आपको और आंटी को होली मुबारक.
---------------------------------------------------------------------------------------------------
रामप्यारी, सॉरी.. मैंने ताऊ से तुम्हारी शिकायत नहीं की थी.. मैंने तो बस तुम्हारा एक शब्द पकड़ लिया था और ग़लती यह हुई की उसका स्पष्टीकरण ताऊ से मांग लिया। मैंने सोचा कि तुम बालिग नहीं हो इसलिए मैं संरक्षक से सीधे ही बात कर लूं। खैर.. अब मुझे पता चल गया कि तुम बहुत समझदार हो.. आगे से सारी बात सिर्फ और सिर्फ तुमसे ही करूंगा.. आज वाली पहेली का जवाब कुछ यूं होगा.. और हां धुलंडी का अपना फोटो जरूर पोस्ट करना--- हम भी तो देखें रामप्यारी उर्फ भीगी बिल्ली
अरे आशीष अंकल ..हम जानवरों को खडे होने और बडे होने मे जरा सा ही समय लगता है. ये तो आदमी ही है जो इतनी देर से बडा होता है नखरे करके. क्युं ठीक कहा ना मैने?
और फ़ोटो तो मैं भेज ही दूंगी. या ब्लाग पर लगा दूंगी. आपने मेरा ब्लाग का टॆंपलेट बढिया लगा दिया. अब मैं ताऊ का माल चोरी करके वहां छुपा दिया करुंगी.
--------------------------------------------------------------------------------------------------- Pt.डी.के.शर्मा"वत्स" said...
3 डिब्बे.......
हाय अंकल.. होली मुबारक..जरा मेरी भी किस्मत देखो ना कि मेरा ब्लाग कैसा चलेगा?
--------------------------------------------------------------------------------------------------- Harkirat Haqeer said... अरे ताऊ ये क्या किया...? अल्पना जी चीटिंग कर लेते थे उन्हें भी आपने
हाय आंटी..कैसी हैं आप? आपको होली मुबारक.
वो क्या है ना आंटी..आजकल की बिल्लियां दुध और मलाई नही खाती..वो तो चाकलेट पिज्जा और बर्गर ही खाती हैं. दुध तो ताऊ मुझे सूबह शाम जबरदस्ती पिलवाता है.
कभी कभी मैं ज्यादा नखरे दिखाऊं और दुध नही पियूं तो ताई तो तो दो चार मुझे लगा भी देती है. और मुझे चाकलेट नही खाने देती..कहती है रामप्यारी तेरे दांत खराब हो जायेंगे अभी से. फ़िर तू चूहे कैसे पकडेगी? और चूहे नही पकडेगी तो तेरी शादी कैसे होगी?
पर मुझे तो चाकलेट ही अच्छी लगती है. भले चोरी से ही खाऊं. तो आप तो मुझे चाकलेट ही देदेना फ़िर भले आप जवाब मत देना मैं आपको नम्बर दे दुंगी. पर आज तो बिना चाकलेट लिये नही दे सकती ना. पर आप किसी से कहना मत.
--------------------------------------------------------------------------------------------------- नितिन व्यास said...
काम तो ३ डिब्बों में भी हो सकता है, पहले डिब्बे में १, दूसरे में २ और तीसरे में ४ लड्डू रख दो। १ से लेकर ७ तक लड्डू इन तीन डिब्बों के संयोजन से दिये जा सकते हैं।
थैंक्यु अंकल… होली मुबारक.
--------------------------------------------------------------------------------------------------- Smart Indian - स्मार्ट इंडियन said...
रामप्यारी के सवाल का जवाब:
एक (a), दो (b), और तीन (c)
हैल्लो अंकल…कैसे हैं आप सब? आपको होली मुबारक. आपने मुझे मेरे ब्लाग पर पहली टिपणि दी इसके लिये भी आपको धन्यवाद.
पर अंकल आप मुझे ये अल्जेबरा क्युं पढा रहे हैं? सीधे से कह देते कि रामप्यारी जा तीन डिब्बों मे पैक करने का बोल दे. तो मैं कोई मना करती क्या?
आपको मालूम है कि मुझे स्कूल से ही डर लगता है और गणित से तो भूत से भी ज्यादा लगता है.
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यदि सवाल को सही समझा है तो इसका हल है तीन समूहों में डिब्बे यदि सही समझा है हमने तो यह पहेली इसी प्रकार की है जैसे कभी पहेलीबाज़ ने पूची थी - नारद जी की छड़ी के नाम से - यह रहा लिंक
आप बिल्कुल सही समझे अंकल और आपका जवाब बःइ सोलह आने सच है. होली मुबारक अंकल
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अच्छा तो अब अगले सप्ताह मिलते हैं तब तक के लिये नमस्ते. और धन्यवाद..क्योंकि अब मेरा होमवर्क पूरा होगया और मैं तो अब होली पर खूब रंग खेलने वाली हूं और खूब सारी चाकलॆट भी खाऊंगी.
|
अच्छा अब नमस्ते. कल सोमवार को ताऊ साप्ताहिक पत्रिका मे सिर्फ़ रिजल्ट वाला हिस्सा
छोडकर बाकी सब स्तम्भ यथावत प्रकाशित होंगे.
सभी प्रतिभागियों को होली की शुभकामनाएं. इस दुसरे राऊंड की दुसरी पहेली का संचालन ताऊ रामपुरिया और सुश्री अल्पना वर्मा ने किया. संपादक मंडल :- मुख्य संपादक : ताऊ रामपुरिया विशेष संपादक : अल्पना वर्मा संपादक (प्रबंधन) : seema gupta संपादक (तकनीकी) : आशीष खण्डेलवाल सहायक संपादक : बीनू फ़िरंगी एवम मिस. रामप्यारी |
विजेताओं को बधाई.
ReplyDeleteरामप्यारी के तीस अंक लेने से वंचित रह गया. वक्त ही नहीं मिला जवाब पोस्ट करने का . खैर !
विजेताओं को बधाई. और रामप्यारी मैने तुमको राममारी थोडी कहा था वो तो जबान ..मेरा मतलब की बोर्ड पर ऊंगलियां फ़िसल गई थी.:)
ReplyDeleteतूने तो मेरे पूरे ३० ही नम्बर ऊडा दिये. ये तो गलत बात है. एक बडी चाकलेट लेले और मेरे नम्बर मेरे खाते मे जमा कर देना.:)
ताऊ में आपको महिला दिवस वाले लेख पर बधाई देना चाहता था मगर मुझे उसमें कमैंट करने की जगह ही नज़र आ रही कमैंट करूँ तो कहाँ जरा मदद करो ताऊ!
ReplyDeleteवाह वाह ताऊजी आपकी जय हो! क्या अंदाज़ है आपका, प्रतियोगिताऒं के रिज़ल्ट देने का। इतने रोचक ढ़ंग से यदि हमारे देश में बच्चों के इम्तेहानों के रिज़ल्ट भी दिये जाने लगें तो सारे बच्चे कितने खुश होकर उसे सुनेंगे। आपका संपादक मंडल बधाई का पात्र है। बीनू फ़िरगी और रामप्यारी को हमारा बहुत बहुत प्यार। राम प्यारी तो हमारे पास भी है ताऊ मगर उसमें जान नहीं है, हाँ मगर किसी की जान ले ज़रूर सकती है। ये पहेली है आप बूझिएगा ? हा हा । रिज़ल्ट बाद में।
ReplyDeleteविजेताओं को लाख लाख बधाई। हम ही है जो पीछे रह जाते है।
ReplyDeleteफेल होना भी कितना अच्छा लगता है...कोई ज़िम्मेदारी नहीं...हाथ झाड़े और आगे हुए --:))... सभी विजेताओं को गुलाल संग बहुत बहुत बधाई और, मेरे जैसे नालायकों को गीली होली के महागदर्भराज पदकों का सप्रेम वितरण...शनिचरी पहेली के सभी प्रायोजकों को धन्यवाद...
ReplyDeleteसबसे पहले तो सभी विजेताओं को ढेर सारी बधाई के साथ ही होली की भी शुभकामनाऎं. और बाकी बची हुई बधाई ताऊ,रामप्यारी,बीनू फिरंगी,सैम, निर्णायक मंडल तथा हमारे जैसे हारने वाले प्रतियोगियों को(लेकिन होली की शुभकामनाऎं ढेर सारी).
ReplyDeleteरामप्यारी मैने तेरी कुंडली देख ली है. अरे! तेरे भाग्य में तो राजयोग लिखा है, तूं कहां ताऊ के चक्कर में पडी हुई है,यहां तेरा कोई भविष्य नहीं.
तूं तो ताऊ का पीछा छोड ओर फिल्म इन्डस्ट्री में चली जा......मल्लिका/बिपाशा/रानी मुखर्जी जैसी हिरोईनें तो तेरे आगे पानी भरा करेंगी.
बस जाने से पहले ताऊ की अगली पहेली का जवाब जरूर बता जाना...ओके
विजेता, रामप्यारी, ताऊ, फ़िरंगी सब को परिणामों,महिला दिवस व होली की बधाई। होली की तो सबको कॊमन है, बाकी दो को अपनी अपनी पसन्द व जरूरत के अनुसार सही चयन कर लिया जाए। आखिर जेंडर का मामला है। कहीं कोई बधाई का भी बुरा मान गया तो..?
ReplyDeleteसबसे पहले तो पहेली विजेताओं को हार्दिक बधाई |
ReplyDeleteताऊ नारी दिवस पर आपने बहुत सही लिखा |
सबसे पहले सभी विजेताओं को बधाई.
ReplyDeleteफिर सभी को होली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाऐं.
राम प्यारी के लिए स्पेशल चॉकलेट.
महिला दिवस की भी बहुत बधाई.
सभी विजेताओं को बधाई!
ReplyDeleteफंस गये न चाल में ताऊ... गुलमर्ग तो देखा पर ट्रोली बहुत पुरानी है..
ReplyDeleteकोई बात नहीं ताऊ.. आपने और अल्पना जी ने पूरे समय बांधे रखा.. ऐसे परिवर्तन स्वागत योग्य है.. पहेली की रोचकता बनाने के लिये बहुत जरुरी भी.. बधाई.. आपकी पूरी सम्पादक मंडली को..
होली शुभकामनाऐं..
ताऊ नै म्हारी घनी राम-राम. इस बार तो पहेली म्हां मज़ा आ लिया. न फ्लिकर ना गूगल इमेज काम आया.
ReplyDeleteताऊ,रामप्यारी,बीनू,सैम, सम्पादक मंडल, निर्णायक मंडल, खाली कमंडल तथा जीतने-हारने वाले सभी प्रतियोगियों को बधाई और होली की शुभकामनाएं!
होलिया मेँ असली गुलाल तो ताऊ जी आपके ब्लोग पे उड रहा है और लड्डू बँट रहे हैँ :)
ReplyDeleteविजेताओँ को बधाई और आगे सभी आयोजनोँ के बारे मेँ उत्सुकता रहेगी -होली मुबारक हो ताईजी, ताऊजी, रामप्यारी, बीनू फिरँगी सभी को
- लावण्या
ताऊ की बात सही है.
ReplyDeleteएक तो पहेली ऐसी ही अच्छी रहेगी जो गूगल सर्च की मोहताज नही हो. तभी तो चेलेंज होगा.
दूसरे, गणित की पहेली को रोकना ही सही है,वरना कोई फ़ायदा नहीं. सो जो व्यवस्था है, वह बडी अच्छी है.
गणित की पहेली के लिये दोनो बार समय नही निकाल सका, क्योंकि इसके ३० अंक ही उतार चढाव में काम आयेंगे. अगली बार सही.
ताऊ जी, राम राम.
ReplyDeleteइस बार तो आपने कहीं का नहीं छोडा.
पर आपकी पहेली में हारने में भी उतना ही मजा आता है.
जीतने वालों को बधाई. और रामप्यारी, एकआध लड्डू तो भेज ही देना.
वैसे हमने तो तुम्हे पिटवाने का पूरा इंतजाम कर दिया था .
सभी विजताओं को बधाई.कल लिस्ट देखने पर पता चलेगा कितनी उलट पुलट हुई है!
ReplyDeleteरामप्यारी का सवाल भी सुलझ गया..
सीमा जी ने इतनी सफाई से समझा दिया है...सुलझाती भी क्यूँ नहीं-आखिर वो ऐसे ही थोड़े न प्रबंधन संभलती हैं!.अब उस की टीचर भी खुश हो जायेगी.
इस बार विजेता लिस्ट में नए चेहरे भी दिखाई दे रहे हैं..पहेली आयोजन के लिए शुभ संकेत हैं.
जो इस बार जीत नहीं पाए कृपया निराश न हों अगली बार आप जरुर प्रयास करें .
हमारे नए प्रयोग को आप सभी ने सराहा है यह जानकर बहुत प्रसन्नता हुई.
उत्साह वर्धन और इस प्रयोग की तारीफ़ के लिए रंजन जी और दिलीप जी आप का शुक्रिया
महिला दिवस पर आप का लेख बहुत ही प्रभावशाली है.बधाई..
ReplyDeleteविजेताओं को बधाई!
ReplyDeleteसबको होली की शुभकामनायें, महिला दिवस की बधाईयां।
रामप्यारी और बीनू को बहुत बहुत प्यार और ढ़ेर सारे लड्डू।
अब की बार की पहेली बहुत मुश्किल भी थी और जो फैर बदल किया गया था उसने भी असमंजस में डाले रखा. सभी विजेताओ को बधाई....
ReplyDeleteऔर रामप्यारी जी तुम भी न बस.....चलो अब तुम इतनी क्यूट हो और बाते भी शहद जेसी करती हो तो अगली बार से छोटा सा जवाब बतायेंगे ताकि याद रहे ओके ना.....अब इतनी प्यारी रामप्यारी को कौन पीटने देगा
Regards
yaaaahoooooooooooooooo
ReplyDeleteमहिला दिवस का लेख बहुत पसंद आया ..जीतने वालों की बहुत बहुत बधाई
ReplyDeleteसब ने तो लड्डू खाने के तरीके तो बताए लेकिन एक मुख्य बात तो भूल ही गे- जो भी खाओ, आंख बंद करने खाओ:)
ReplyDeleteथोडा सा लेट हो गया नहीं तो शायद प्रथम आ सकता था रहा सवाल पहेली बझाने का तो अगर हम तस्वीर को ध्यान से देखे तो एक तो देवदार के पेड दूसरे राईट साइट से देखे तो पेडो के पीछे का कुछ हिस्सा सफेद दिखता है और आगे बढने पर पीछे का हिस्सा नीला दिखता है इससे पेडो के पीछे बर्फ का अहसास होता है तो इससे ये पता चलता है कि देवदार के पेड उॅचाई पर पाये जाते है और बर्फ का मतलब है कश्मीर या हिमालय का कोई भाग और दूसरे कश्मीर में गुलमर्ग का नाम ही जेहन में आता है और थोडा बहुत तुक्का भी लगाना पडता है
ReplyDeleteऔर आप सब को होली कि बहुत बहुत शुभकामनाये धन्यवाद
अरे, हम तो समझ ही नहीं पाये की रामप्यारी का सवाल क्या था..
ReplyDeleteहमारी रामप्यारी तो लगता है स्कूल में कंप्यूटर सीख रही है.. ये जोड़-घटाव तो बायनरी नंबर जैसा ही लग रहा है.. रामप्यारी, हमें तो लग रहा है की तुम्हारे आशीष अंकल का ही यह सारा चक्कर है.. वही तुम्हारी स्कूल वाली मिस को सारी घुट्टी पिला रहे हैं.. कहीं तुम्हारे आशीष खंडेलवाल अंकल का कुछ चक्कर तो नहीं चल रहा है? यह भी पता करके बताना.. :D
आशीष जी अल्पना जी सीमा जी आप तीनों ने बहुत बढ़िया जानकारी दी है . होली मुबारक सब को ..
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