प्रिय बहणों और भाईयों, भतिजो और भतीजियों सबको शनीवार सबेरै की घणी राम राम. आज हम ताऊ शनीचरी पहेली के दुसरे राऊंड के अंक पांच की पहेली पूछने वाले हैं.
हमको पता लगा है कि रामप्यारी उल्टी सीधी बकबास करती रहती है. खाली दिमाग शैतान का घर..यही सोच कर रामप्यारी को हमने क्ल्यु देने का और बोनस सवाल पूछने का जिम्मा दे रखा है.
पर रामप्यारी मे बचपना बहुत ज्यादा है. दूसरी कक्षा मे पढने लग गई पर अभी तक अक्ल कोडी की नही है. ताऊ जब दूसरी कक्षा मे पढता था तब अंगरेजी में अंगरेजों को हरा देता था. लगता है रामप्यारी ताऊ का नाम डूबोयेगी.
ताऊ ने सिफ़ारिश करके उसको पुलिस मे भर्ती करवा दिया तो पिस्तौल लेकर जानवरो और पक्षियों को डराती है. उसका आज का सवाल वो खुद की बेवकूफ़ी के बारे मे ही पूछ रही है. अत: सोच समझ कर जवाब दिजियेगा. क्योंकि बेवकूफ़ो के सवाल भी बडे बेवकूफ़ाना होते हैं.
रामप्यारी के ब्लाग तक पहुंचने के लिये आप रामप्यारी की फ़ोटॊ जो कि यहां साईड बार मे लगी है, उस पर चटका लगायें और वहां पहुंच जाये और वहां क्ल्यू की फ़ोटो पर चटका लगा कर आप वापस यहां आ जायें.आपको सब क्ल्यु रामप्यारी के ब्लाग पर ही मिलेंगे.
आईये अब आपको सीधे पहेली की तरफ़ लिये चलते हैं.
यह कौन सी जगह है?
इस पहेली के जवाब देने का समय कल रविवार सूबह दस बजे तक बढा दिया गया है. ताऊ साप्ताहिक पत्रिका का प्रकाशन सोमवार सूबह पुर्ववत होगा.
अब रामप्यारी का विशेष बोनस सवाल : - ३० अंक के लिये.
हमको पता लगा है कि रामप्यारी उल्टी सीधी बकबास करती रहती है. खाली दिमाग शैतान का घर..यही सोच कर रामप्यारी को हमने क्ल्यु देने का और बोनस सवाल पूछने का जिम्मा दे रखा है.
पर रामप्यारी मे बचपना बहुत ज्यादा है. दूसरी कक्षा मे पढने लग गई पर अभी तक अक्ल कोडी की नही है. ताऊ जब दूसरी कक्षा मे पढता था तब अंगरेजी में अंगरेजों को हरा देता था. लगता है रामप्यारी ताऊ का नाम डूबोयेगी.
ताऊ ने सिफ़ारिश करके उसको पुलिस मे भर्ती करवा दिया तो पिस्तौल लेकर जानवरो और पक्षियों को डराती है. उसका आज का सवाल वो खुद की बेवकूफ़ी के बारे मे ही पूछ रही है. अत: सोच समझ कर जवाब दिजियेगा. क्योंकि बेवकूफ़ो के सवाल भी बडे बेवकूफ़ाना होते हैं.
रामप्यारी के ब्लाग तक पहुंचने के लिये आप रामप्यारी की फ़ोटॊ जो कि यहां साईड बार मे लगी है, उस पर चटका लगायें और वहां पहुंच जाये और वहां क्ल्यू की फ़ोटो पर चटका लगा कर आप वापस यहां आ जायें.आपको सब क्ल्यु रामप्यारी के ब्लाग पर ही मिलेंगे.
आईये अब आपको सीधे पहेली की तरफ़ लिये चलते हैं.
यह कौन सी जगह है?
इस पहेली के जवाब देने का समय कल रविवार सूबह दस बजे तक बढा दिया गया है. ताऊ साप्ताहिक पत्रिका का प्रकाशन सोमवार सूबह पुर्ववत होगा.
अब रामप्यारी का विशेष बोनस सवाल : - ३० अंक के लिये.
माउन्ट आबू
ReplyDeletekoi love spot lgta hai rock pr hearts bne hain. Mumbai ho skta hai! Regards
ReplyDeleteअरे रामप्यारी जब FM रेडियो बज रहा है तो सन्नाटा कैसा ?
ReplyDeleterampyari ye to sach hai na ki tum vhan gye nahe. Ab jb ghutno tk pani bhra hai to khidki se kaise dikh gya ki ek cup adha bhra hai or do khali hain ??? Or itne dur se kitab ke pape numbr bhe tau ji ne pdh liye han? Table pr kitab dikh skte hai magar kitab ka naam or page no nahe dikh skta. Or kitab agar khuli hai to kitab ka naam kaise pdha tau je ne? Socho socho ?
ReplyDeleteअरे ताऊ, ये रामलाल इस पहाड़ी पर चढ़ा क्या कर रहा है? अभी उसका नंबर मिलाकर पता करने की कोशिश करता हूँ।
ReplyDeleteये नंबर मौजूद नही है, फोन करने पर ऐसा आ रहा है। अब खुद ही तुक्का मारते हैं, कहीं ये हम्पी झील (या मंकी हिल) तो नही।
ReplyDeleteरामप्यारी ने लिखा की घुटनों तक पानी भरा था हो सकता है रामप्यारी के पैर (पेंट या सलवार जो भी पहनती है) या जुते बिल्कुल सूखे हों। इसी से अंदाजा लगा होगा कि वो झूठ बोल रही है।
ReplyDeleteThe Page Nos. 81 and 82 as mentioned here cannot be true. When a book is open usually the the lower page number is an even number so it could have been 81-81 0r 82-83 in an Open book.
ReplyDeleteHowever, its not always True. In some countries the page numbers are counted starting from the page on left which gets and odd number i.e. 1
पता नहीं ताऊ,ये कहाँ -कहाँ से फोटू छाप देते हौ.
ReplyDeleteगोलकुंडा का किला.
ReplyDeleteअहा.. कभी कभी कितना अच्छा लगता है..जब पानी ज्यादा ठंडा होने के बहाने, सुबह-सुबह नहाने का दिल न करे.
ReplyDeleteआज ऐसा ही दिन है...जवाब न देने का दिन...क्योंकि न तो फोटो पहचान में आई है और न ही नटखट बिल्ली की रिपोर्ट...
आज तो अंगूर बहुत ही खट्टे हैं...फोटो वैसे अरावली क्षेत्र की ही होनी चाहिए.
यो के कर दिया तीन रामप्यारी? गोल टेबल के चारों ओर तीन कुर्सियां?
ReplyDeleteये तो माऊंट आबू की फोटो लगती है। नक्की झील के आस-पास की फोटो है।
ReplyDeleteरामप्यारी, बहुत ही आसान है ऐसी गलतियाँ करना, तभी तो पकड़ी गई आप खुद ही उदाहरण देखलो -
ReplyDelete१. गोल टेबल के चारों और तीन कुरसियां लगी हैं.
२. कोई सा FM रेडियो स्टेशन बज रहा है. माहौल मे एक अजीब सा सन्नाटा पसरा है.
ऐसे और भी उदाहरण है, लेकिन मुझे पूरा भरोसा है कि सच बोलोगी तो साहब खुश हो जायेंगे, और इत्ती बढ़िया तफ़्तीश के लिये परमोशन भी देंगे।
"mount abu "
ReplyDeleteregards
ताऊजी प्रणाम.. फिलहाल तो जवाब नैनीताल माना जाए.. विस्तृत जांच जारी है..
ReplyDeleteअरे राम प्यारी ये ताऊ तन्ने मरवाने के लिए रिपोर्ट लिखवा दी है। जब सारा नज़ारा खिड़की से दिख रहा था तो तन्ने ये कैसे पता चला कि एक दरवाज़ा अन्दर से बन्द है? यहीं पकडी गई शायद!
ReplyDeleteरामप्यारी कहाँ आज सुबह सुबह पथरो में उल्जा दिया रानी.....कोई बात नहीं हमने भी तलाश तो कर लिया अब सही जवाब ताऊ जी जाने.......इस लिंक पर यही पिक्चर है और जो पहेली के पिक्चर मे रॉक के बीच मे लिखा है न वही इस लिंक वाली फोटो मे भी लिखा है जरा ध्यान से देखना ओके....ताऊ जी का कोई भरोसा नहीं , उन्हें तो खिड़की से ही खुली किताब का नाम और पेज no. तक दिख जाता है हा हा हा हा .....
ReplyDeleteToad Rock, Nakki Lake, Mt. Abu
http://tbn1.google.com/images?q=tbn:cNWd7doHINAW7M:http://www.shunya.net/Pictures/Rajasthan/MtAbu/ToadRock1.jpg
Regards
मेरी टिप्पणी (अंग्रेजी मे थी)? :(
ReplyDeleteतुक्का ही लगाते हैं - उदयपुर।
ReplyDeleteनेट और दिमाग पर जोर डालने के बाद बताता हूं :)
ReplyDeleteहे ताऊ.... ये है डायनासोर की पुरानी खोपड़ी. जो कुदरती थपेड़े सह-सह कर पत्थर जैसी होगी. इश्क के मारे जिन छोरे-छोरियों के पास ढंग की जगह जाने के पैसे नहीं होते, वे बिचारे शादी के बाद की रिहर्सल के लिये यहीं आते हैं, और टिप के रूप में हस्ताक्षर भी कर जाते हैं.
ReplyDeleteबाकि रही रामप्यारी..
ईब भला जो राम नै ई प्यारी होली उसका के जवाब दयूं..?
इतना हिसाब-किताब आता तो कविता थोड़े ई लिखता..!!!
जैरामजीकी.....
toad rock hai, mount aabu ka.
ReplyDeleteraampyaari kafi cute hai..baaqi sawal bahut kathin :(
ReplyDeleteईबके पक्का लग रिया है. ई आबू का मैंढक पत्थर है.
ReplyDeleteरामप्यारी हमने भी बहुत जासूसी उपन्यास पढ़े थे ...अब ये बता जब तू अन्दर गयी ही नहीं तो तुझे कैसे दिखा कप आधा भरा था या पूरा ...??
ReplyDeleteMount Abu Rajasthan that for sure
ReplyDeleteand the rock is seems to be look like frog. its very famous in between touriests.
भीम बेटका !
ReplyDeletedताऊजी.. पहले वाला जवाब केंसिल कर दिया जाए.. नया जवाब..
ReplyDeleteयह माउंट आबू का फोटो है..
यह जवाब फाइनल है .. अब नहीं बदलूंगा
देखा हम तो आज भी भूल गए। खैर जवाब तो पता नही होना था सो नही पता है आज की पहेली का जवाब भी। एफ एम बज रहा हो और सन्नाटा भी हो ऐ कैसे हो सकता है। लगता है कि यही गलती कर दी रामप्यारी ने।
ReplyDeleteवाह वाह ताऊ मजा आ गया...घणा दिना के बाद दिमाग की फ्यूज टूब लाईट जली है....भाईजी ये तो "टोड रोक" है , जो माउन्ट आबू में है...नक्की झील की ऊपर की पहाड़ी पे है और जी इसकी शकल बैठे हुए मेंडक जैसी है इसलिए इसे टोड रोक कहते हैं... ये बात पक्की है...ईनाम मिलना ही मिलना है इब की बार...
ReplyDeleteनीरज
ताऊ आज भी ये फोटो वाला स्थान समझ में नहीं आ रहा ,लगता है सब-कुछ छोड़ के भारत -भ्रमण करना पड़ेगा .
ReplyDeleteTOD-ROCK MOUNT ABU Rajasthan
ReplyDeleteram piyari tumari report mai 81- 82 page kula tha jo kisi bhi rup me sahi nahi hai, ya toh page 80- 81 yaa 82- 83 kula hoga......
रामप्यारी तू भी कित ताऊ की बातां मै आगी।
ReplyDeleteमर्डर होने के बाद तू पूरा दिन बच्चों के साथ खेलती रही और सिगरेट की ऐश ट्रे महै तै धुआं सांझ तक उठता रहा । या बात हजम होन की कोन्या ।
ताऊ नै तेरे को बताया कि अभी-अभी वहीं से आ रहा हूं, तो क्या ताऊ सिगरेट पी कर और ऐश ट्रे में छोड कर आया था
ReplyDeleteराम प्यारी ताऊ ने तुझे गलत जानकरी दी , वो ऐसे की जब उपन्यास खुला हुआ है तो ताऊ ने उसका नाम कहाँ से पढ़ लिया , अच्छा मानले की नाम उन्होंने पढ़ लिया कही से, शायद पेज पर लिखा रहा होगा (दूरबीन लगा के पढ़ा होगा ) पर कोई भी उपन्यास का पहला पेज दहिने से शुरू होता है मतलब आगे के पेज २-३ , ४-५ होगे न ८१-८२ ,पेज ८०-८१ हो सकता है ८२-८३ लेकिन ८१-८२ नहीं और एक बात " FM रेडियो स्टेशन बज रहा है और माहौल मे एक अजीब सा सन्नाटा पसरा है", ऐसा कैसे हो सकता है माहौल में तो संगीत गूंज रहा होगा , सन्नाटा नहीं .
ReplyDeleteनक्की लेक, माऊंट आबू, राजस्थान
ReplyDeleteसमुद्र का किनारा है, जिसमें व्हेल जैसी आकृति की चटटान दिख रही है।
ReplyDelete----------
तस्लीम
साइंस ब्लॉगर्स असोसिएशन
pure तुक्का माऊंट आबू
ReplyDeletePLEASE PROMOTE IT ON YOU BLOG CREAT AWARENESS
ReplyDeleteमै अपनी धरती को अपना वोट दूंगी आप भी दे कैसे ?? क्यूँ ?? जाने
शनिवार २८ मार्च २००९समय शाम के ८.३० बजे से रात के ९.३० बजेघर मे चलने वाली हर वो चीज़ जो इलेक्ट्रिसिटी से चलती हैं उसको बंद कर देअपना वोट दे धरती को ग्लोबल वार्मिंग से बचाने के लियेपूरी दुनिया मे शनिवार २८ मार्च २००९ समय शाम के ८.३० बजे से रात के ९.३० बजेग्लोबल अर्थ आर { GLOBAL EARTH HOUR } मनाये गी और वोट देगी
ताऊ, यो राजस्थान के माउन्ट आबू की टोड रॉक है. इस चट्टान की आकृति कुछ मेढक जैसी नहीं लग रही?
ReplyDeleteताऊ जी !
ReplyDeleteरामप्यारी को मेरा बिल्ला कालू रामप्यारा
बहुत प्यार करता है।
आपको मेल से उसका फोटो भी भेजूँगा।
आपका यह एपीसोड भी बहुत पसंन्द आया।
अब तो घर के बच्चे भी आपकी पोस्ट को
पढ़नें मे रुचि लेने लगे हैं।
आप बधाई के पात्र हैं।
हरयिाणा को हम बहुत पसन्द करते हैं।
‘‘देशाँ में देश हरियाणा,
जहाँ दूध-दही का खाणा।’’
कुछ समझ नहीं आ रहा है जी ..क्या है यह ...:(
ReplyDeleteऔर बेचारी रामप्यारी कहाँ खून खराबे में फंस गयी ..
और रामप्यारी, पहले तो मेरी सलाह मान ले की ये पुलिस वाला काम तुम्हारे बस का है नहीं. वो भी तब जब ताऊ जैसा "ताऊ" सेक्रेटरी साथ में हो. तू तो पिस्तौल का यूज चूजों और मुर्गियों को डराने के लिए ही किया कर.
ReplyDeleteतुमने जो रिपोर्ट दी उसमें एक नहीं कई बातें ऐसी हैं जिनपर शक होता है. पहली बात तुने खिड़की से इतनी चीजे कैसे देख ली? चाय कितनी भरी है, बिस्कुट कितने हैं और उपन्यास का कौन सा पेज खुला है; हद है. और जब उपन्यास खुला है तो तुने उसका नाम " मौत का सौदागर" कहाँ से पढ़ लिया और ये बात क्या तुम्हे मरे आदमी की आत्मा ने आकर बताई की वो एक जासूसी उपन्यास है.
चलो इन सब पर विश्वास कर भी लें तो जब दरवाजा बंद है तो हत्यारे क्या चाय सिगरेट पीके अदृश्य हो गए? हाँ अगर मरने वाले ने खुद ही "बड़ा सा खंजर" सीने में घुसा लिया हो तो और बात है.
प्रिय ताऊ जी,
ReplyDeleteपिछले शनिवार सफर के कारण आपके चिट्ठे पर न आ सका. उसका मानसिक डिप्रेशन अभी भी चल रहा है. उम्मीद है कि इस उत्तर को लिखने के बाद यह डिप्रेशन कम हो जायगा.
1. मैं किताबों का बेहद प्रेमी हूँ, अत: वह पुस्तक जरूर देखना चाहूंगा जिसमे एक साथ इक्क्यासी-बयासी पन्ने देखे जा सकते हैं!!! (हा! हा!! आज कुछ तो हाथ लगा!! प्रात: शायद आपको स्मरण किया था ताऊ जी).
2. चट्टान देखते ही डिप्रेशन बढ गया -- कि कहीं यह मेरे ऊपर न ट्पक जाये. घर वालों से कह दिया है कि ऐसी कोई भी दुर्घटना हुई तो ताऊ जी और सिर्फ ताऊजी जिम्मेदार हैं अत: हर्जाखर्चा के लिये सीधे वहीं पहुंच जाना!!
हां नीचे वाली चट्टान पर खुदे दिल को देख कर दुख और भी बढ गया कि एक क्षण के आनंद के लिये किस तरह हम प्रकृतिदत्त चीजों पर लिखलिखा कर उनको रौन्दते हैं.
सस्नेह -- शास्त्री
ताऊ जी, मेरा जवाब क्यों पचा गए?
ReplyDeleteसही है इसलिए क्या :) :) :)
Dekhne me to yah mere College ke pichhe vali pahadi mandir ka bhag lag raha hai.. Velore in Tamil Nadu.. kabhi us jagah ke uploaded photo ka link aapko bhejunga.. :)
ReplyDeletevaise sachchi bat yah hai ki mujhe nahi pata.. :)
Rampyari ko bhi uttar de hi deta hun.. ab chahe sahi ho ya galat.. :)
ReplyDeletemere khyal se do uttar ho sakte hain..
1. agar vahan ajib si shanti thi to FM kya shanti ke geet suna raha tha? :)
2. kisi kitab par ek sath 81-82 page number nahi aa dikh hain.. :)
Pichhle hafte Out of Station tha so nahi tipiya paya tha.. Ghoomne gaya tha.. kabhi uski photo bhi laga kar aapse paheli poochunga.. :P
ReplyDeleteआंख मूंद के मै भी रतन सिंह जी के साथ हो लेता हू यह जगह माऊन्ट आबू है ।
ReplyDelete२- राम प्यारी ने गलत रिपोर्ट लिखी है और कोई सा FM रेडियो स्टेशन बज रहा है. माहौल मे एक अजीब सा सन्नाटा पसरा है. दोनो बात कैसे हो सकती है ।
नमस्कार ताऊ,
ReplyDeleteआज शनिवार छुट्टी का दिन होने के बावजूद आपके ब्लॉग पर आने में देर हो गयी. पर सवाल तो बड़ा तीखा है. मुझे लगता है ये विशाखापत्तनम है.
...बाकी खोज जारी है.
अरे रामप्यारी, साहब इसलिए समझ गए की कभी भी किसी भी किताब में ८१-८२ पेज नंबर एक साथ नहीं खुल सकते क्यूंकि ये एक दुसरे के पीछे होते है.
ReplyDeleteताऊ भारत भ्रमण तो नहीं गूगल देव से पता करने की कोशिस की तो वो माउन्ट आबू के टॉड रॉक और नन रॉक की तरफ इशारा कर रहे है ,अब सही जगह क्या है ये तो आप ही बताओगे.
ReplyDeleteये है हिमालय का पहाड़ :)
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteजरुर यह कोई पत्थर ही होगा ? आलू तो इतना बडा हो नही सकता?
ReplyDeleteकुछ भी हो सकता है..........गोवा की पत्थर, नैनी ताल भी और माउंट आबू भी ......
ReplyDeleteमैं माउंट आबू के साथ जाऊँगा
ताऊ, माउन्ट आबु की टोड रोक है..
ReplyDeleteराम प्यारी.. फंस गई ८१-८२ के चक्कर में.. तुझे समझाया न की पहेली के हिंट के चक्कर में ना पड़..काम कर ्ले..
ReplyDeleteचित्र : टोड रोक, माउण्ट आबू ।
ReplyDeleteरामप्यारी का जवाब :- जब जासूसी उपन्यास के पन्ने खुले थे, पृष्ठ इक्कासी-बयांसी; तब ताऊ ने कैसे जान लिया कि उस उपन्यास का नाम "मौत का सौदागर" है , और मुझे नहीं लगता कि कमरे के बीचो-बीच टेबल पर रखी हुई किताब के पेज नम्बर पढ़े जा सकते हैं खिड़की से ।
Mumbai meM hoo, isaliye leT ho gayaa. magar baDaa hee confyuzaya sawaal hai.
ReplyDeleteRampyari kaa jawaab-
mahaul meM sannataa aur FM radio baj rahaa hai?, baat kuCh hazam nahee huee.
ye chitra zaroor mount Abu kaa hai.
ये मेंढकी गढ का मेंढक महल है. जहां एक मेंढक बैठा दिखाई दे रहा है. और इसकी मेंढकी साथ वाली झीळ मे है. ये यहां चढ कर उसी का इंतजार कर रहा है.
ReplyDeleteरामप्यारी ऐसे ताऊ के साथ रहेगी तो येही होगा. तेरे को खुद गलत सलत रिपोर्ट करा कर नौकरी से निकलवाना चाहता है. जिससे तू ताऊ के घर के कामकाज करती रहे और ताऊ ब्लागरी करता रहे.
ReplyDeleteतू अब हडताल कर दे.
रामप्यारी तेरे ताऊ को अक्ल नही है. सुन क्य क्या गलतियां की है :-
ReplyDelete१. पेज कभी भी ८१ के साथ ८२ नही खुलता.
२. जब रेडियो बज रहा है तो सन्नाटा कैसा?
३. सिगरेट का धुंआ इतनी देर बाद कहां से?
और भी बहुत सारी बेवकूफ़ाना बाते हैं. तू तो ताऊ का घर छोड और मेरे यहां आजा. चूहे भी हमारे यहां बहुत हैं.:)
रामप्यारी जरा ये कौन सी चट्टन है ? चुपके से बता जा एक बडी सी चाकलेट भिजवाता हूं. तू तो एक काम करदे कि जो टीपणियां पबलिशड हैं उनमे कौन से नम्बर की सही है बस ये बतादे.:)
ReplyDeleteये है माऊंट आबू के नक्की झील के पास टोड रोक.
ReplyDeleteऔर रामप्यारी के सवाल का जवाब दूसरी टिपणि मे .
रामप्यारी बात गले नही उतरती. ताऊ ने तेरे को बिना गये ही रिपोर्ट लिखवा दी. क्युं कि ताऊ पुलिस के मामलों मे उस्ताद है. उसका रोज का काम है पुलिस से बचने का.
ReplyDeleteअगर ताऊ वहां से लिखवाता तो सिगरेट का धुंआ ऊठ रहा था ये नही लिखवाता. और किताब के पेज भी असंभव है कि ८१ और ८२ खुले हों?
इब यू ताऊ भी सनीच्चर कू घणौ सनिच्चर दिक्खन लाग्यो है . पूरे दिमाग का दही कर देवे है कोई इन्नै रोक्यो भाई :)
ReplyDeleteRoad Rock, Mount Abu: The uniqueness is that rock is built on its own overhanging the calm water with the shape resembling the shape of a toad that is ready to make a dive onto the blue lake.
ReplyDeleteFM रेडियो स्टेशन बज रहा है. माहौल मे एक अजीब सा सन्नाटा पसरा है.
ReplyDeleteइस एफ एम रेडियो में से बज रहा सन्नाटा बतला रहा है कि रिपोर्ट वहां जाए बिना लिखी गई है। पर रिपोर्ट तो लिखी गई, चाहे बिना गए ही, यह भी तो एक कलाकारी ही है।
चित्र वाला सवाल ही समझ में नहीं आया।
पत्थर का ये टीला तो जानूँ ना....
ReplyDeleteऔर रामप्यारी की केस-हिस्ट्री में उलझा हुआ हूँ...मेरे ख्याल से ८१-८२ का झमेला है...लेकिन इससे ये कैसे पता चलेगा कि रामप्यारी वहाँ गयी ही नहीं थी अगर शेष वर्णन सही है....
ANSWER :
ReplyDeleteTOAD ROCK - MOUNT ABU
(RAJASTHAN)
बोनस सवाल का जवाब :
ReplyDeleteबस रिपोर्ट लिखने में एक गलती कर दी ! उपन्यास के पेज नंबर लिखने में !
किसी भी किताब का 81वाँ और 82वाँ पेज
एक साथ नहीं खुल सकता !
अरे ताऊ आलू तो हो ही नही सकता... अब सोचने कि बात यह है कि यह है कया.... ओर मेने ओर मेरे हेरी ने बहुत दिमाग लगाया... तो लगा हो ना हो यह राज स्थानी शकर कंदी हो सकती है.....
ReplyDeleteअब जब इतने सारे लोग टोड रोक, माउण्ट आबू कह रहे हैं हैं तो हमें भी बहुमत को मान्यता देनी ही पड़ेगी. सो नया उत्तर लिख लिया जाए:
ReplyDeleteटोड रोक, माउण्ट आबू
राम्प्यारी, यह जगह तो टोड चट्टान, माउंट आबू की ही लगती है। मैं तो गया नहीँ इंटरनेट और अन्य जवाबों से मदद मिली - यदि सही हो तो उस मदद के लिये नंबर काट लेना!
ReplyDeleteदूसरा जवाब अलग से!
रिपोर्ट में वैसे तो अन्य बातें अटपटी लगतीं है - पर मेरी समझ में तो तुमने पृष्ट संख्या में ही गड़बड़ करे दी। भला पेज नं 81 व 82 कैसे खुले दिखेंगे, सामान्यत: प्रकाशित पुस्तक में?
ReplyDeleteजरूरी सूचना : जवाब देने की समय सीमा समाप्त हो चुकी है. रिजल्ट तैयार हो रहा है जैसे ही रिजल्ट तैयार होगा प्रकाशित कर दिया जायेगा. अब इस पहेली अंक के जवाब स्वीकार नही किये जायेंगे.
ReplyDeleteआप सभी का भाग लेने के लिये अतिशय आभार.
जवाब देने की समय सीमा समाप्त हो चुकी है
ReplyDeletechalo abh shanti huii...................rampyari...................teri chocolate pakki................................kal subah milna..........................aur baat karenge
jai jinendra
ram ram
namaskar
jaishree krishna
khuda hafiz
लो ताऊ जी
ReplyDeleteजे भये पूरे 80
अब चलूँ दफ्तर ..?