दूसरे रामप्यारी को हम लाख मना करें उसको बात इधर उधर किये बिना भोजन हजम नही होता. हमको मालूम है वो हमारे बारे में भी उल्टा सीधा बोलती रहती है.
इसलिये हमने सोचा है कि क्ल्यु का काम वही करे. जिससे उसका भोजन भी हजम होता रहेगा. हमारा और अल्पना जी का काम सिर्फ़ यह देखना है कि उसको सही जवाब नही मालूम पडे वर्ना वो बेवकूफ़ किसी को भी एक चाकलेट के बदले मे जवाब थमा सकती है.
रामप्यारी के ब्लाग तक पहुंचने के लिये आप रामप्यारी की फ़ोटॊ जो कि यहां साईड बार मे लगी है, उस पर चटका लगायें और वहां पहुंच जाये और वहां क्ल्यू की फ़ोटो पर चटका लगा कर आप वापस यहां आ जायें.
आईये अब आपको सीधे पहेली की तरफ़ लिये चलते हैं.
यह कौन सी जगह है, और कौन से शहर में है?
iइस पहेली के जवाब देने का समय कल रविवार सूबह आठ बजे तक है. ताऊ साप्ताहिक पत्रिका का प्रकाशन सोमवार सूबह पुर्ववत होगा.
अब रामप्यारी का विशेष बोनस सवाल : - ३० अंक के लिये.
वैरी गुड वाली मार्निंग अंकलों, आंटियों एंड दीदीयों, अब पीछले सप्ताह मैने हनुमान जी का सवा पांच आने का परसाद चढाकर मैथ्स वाली टीचर को बुखार चढवाया था तब हिंदी वाली टीचर का दिमाग गर्म हो गया था. और उसने अमीर खुसरो वाला सवाल पूछ लिया था. अब हिंदी वाली टीचर को बुखार चढवाने के लिये मैने फ़िर से हनुमान जी का परसाद बोला तो उसको बुखार चढ गया पर मैथ्स वाली टीचर का बुखार उतर गया. लगता है ये हनुमान जी ने भी परसाद बंटवाने का अच्छा रास्ता ढूंढ लिया है. तो अब फ़िर से मैथ्स वाली टीचर का सवाल सोमवार को सुलझा कर स्कूल ले जाना है. आप मेरी मदद करिये ना प्लीज…. सवाल है…ध्यान से पढियेगा और आराम से जवाब दिजियेगा. २७ बतखों का झुंड पिक्चर देखने सिनेमा हाल की तरफ़ जा रहा था. रास्ते में उनको सडक पार करनी पडी. ट्रेफ़िक में ५ तो खो ही गई. यानि लापता हो गई. १३ का झूंड सिनेमा हाल के बाहर बाकी बतखों का इन्तजार कर रहा था. और नौ बतखें सिनेमा हाल के अंदर पहुंच गई. अब बताईये बाकी बतखें कहां गई ? अब बोलिये ये मैथ्स की टीचर को बतखों के सिनेमा देखने से क्या लेना ? पर नही अगर वो टांग नही अडाये तो टीचर ही कैसी ? अब आप मुझे पिटने से बचाईये. मेरा तो सवाल सुन कर ही माथा गर्म हो गया. और हां मेरे सवाल का ताऊ की टीपणी मे जवाब मत दिजियेगा. मेरे लिये आप एक बिल्कुल अलग टिपणी करियेगा. ठीक है ना?
इसका क्ल्यु चाहिये तो आप रामप्यारी को संबोधित करके टिपणि करें. मैं आपको
आंटीयो एवम अंकलों आपको मेरे ब्लाग पर क्ल्यु मैं दूंगी. जितनी भी जल्दी मुझे मिल जायेगा. मेरा क्या है, मुझे अगर जवाब पता चल गया तो जवाब भी आपको बता दूंगी. विद्द्या माता की कसम…झूंठ नही बोल रही हूं. बदले मे सिर्फ़ एक चाकलेट.. |
इस पहेली-अंक के आयोजक और संचालक
ताऊ रामपुरिया और सु. अल्पना वर्मा हैं.
जंतर मंतर, दिल्ली!! :)
ReplyDeleteJantar Mantar observatory in Delhi India
ReplyDeleteDelhi, Jantar Mantar
ReplyDeleteJaipur, Jantar Mantar
ReplyDeleteJaipur, Jantar Mantar
ReplyDeleteयह मुझे तो जंतर मंतर लग रहा है दिल्ली का. फ़िल्हाल लोक करे बाकी बताता हुं थोडी देर में
ReplyDeleterampyari ye kaisa sval hai rani han? 5 trific mey kho gyi han 13 picture hall ke bhar wait kr rhe hain 9 picture hall ke andr chli gye to ye to pure 27 to ho gye na. To fir dundhna kise hai? Jo 5 kho gye unhe kya? Ab kho gye ya trafic ke neeche aa gye kya pta? So cute han.
ReplyDeleteye jgeh jaipur mey lgti hai. Regards
ReplyDeleteअरे रामप्यारी, ये कैसा सवाल:
ReplyDeleteटोटल तो २७ ही थी न:::
५ खो गई
१३ हाल के बाहर खड़ी हैं
९ हाल के अंदर हैं..
तो हो तो २७..अब किसकी पूछ है?? क्या जो ५ लापता हुई हैं, उन्हें खोज करवाना है. पल्लवी आंटी पुलिस वाली हैं, वो तो झट खोज देंगे बस, जरा संभल कर, दीदी बोलना उनको..आंटी बोलने पर डंडा फटकारती हैं वो भी लवली दीदी की तरह!!!
बता किनकी पूछ रही है??
२७ चलीं, ५ खो गयीं तो बचीं २२.
ReplyDelete२२ में से १३ हाल के बाहर और ९ अन्दर.
यह कैसा सवाल रामप्यारी, तुम बिल्ली हो या बन्दर.
(५ खो गयीं तो खो गयीं...अब कुछ नहीं हो सकता, वेट करो शायद लौट आयें.)
ye delhi ka jantar mantar hai. Regards
ReplyDeleteJantar Mantar observatory, New Delhi
ReplyDeleteदेखा तो है ताऊ और लगता है इधर से गुजरे भी हैं मगर याद ही नहीं आ रहा !
ReplyDeleteताऊजी, आज थोड़ा वक्त मिल ही गया - ये है दिल्ली का जंतर मंतर
ReplyDeleteजंतर मंतर है भाई दिल्ली वाला
ReplyDeleteदरअसल इसे यंत्र मंदिर कहते थे क्योंकि ये समय बताने के लिये उपयोग में आता था लेकिन आजकल ये जंतर मंतर के नाम से जाना जाता है। इसके बाहर देश के अन्य भागों से आकर धरना देने वालों का जमघट अक्सर दिखायी देता है।
ReplyDeleteजयपुर के महाराजा जय सिंह ने इसे बनवाया था, यही नही इन्होंने पाँच ऐसे यंत्र और बनवाये थे, जयपुर, उज्जैन, वाराणसी।
It consists of 13 architectural astronomy instruments, The primary purpose of the observatory was to compile astronomical tables, and to predict the times and movements of the sun, moon and planets.
अरे रामप्यारी सवाल तो बड़ा ही आसान है |
ReplyDeleteट्रेफ़िक में ५ तो खो ही गई |
यानि २७-५= २२
१३ का झूंड सिनेमा हाल के बाहर बाकी बतखों का इन्तजार कर रहा था
यानि उन्ही में से १३
२२-१३= ९
बची ९
वही नौ बतखें सिनेमा हाल के अंदर पहुंच गई
मेरी तरफ से पूरा चाकलेट का डिब्बा गिफ्ट में दूंगा अगर जवाब सही है तो | :)
२७-५=२२
ReplyDelete२२-१३=९
९= अन्दर गई |
सिंपल है भाई |
लेकिन इसके सही जवाब एवं गलत कोई भी पब्लिश नहीं करियेगा नहीं तो कई सही जवाब मिल जायेंगे |
संभवत जयपुर मे,पता नही देखा हुआ है याद नहीं आ रहा
ReplyDeleteदिल्ली का जंतर मंतर लगता है।
ReplyDeleterampyari aapka anwer a big egg hai yani ki "O" ok. ha ha ha ha ha
ReplyDeleteor Rampayri taau ji ki pheli ka ansewer to hum subeh hi de chuke hain..fir be agar verify krna ho to ye rha link. delhi ka jantar manatr. ok
ReplyDeletehttp://www.cis.rit.edu/people/faculty/easton/manuscripts/India%202006-06/Jantar_Mantar_1.jpg
Regards
यह है दिल्ली का लाल किला... अरे नहीं ताऊ, यो तो जयपुर का जंतर मंतर सै.
ReplyDeleteअरे रामप्यारी,
ReplyDelete९ हाल के अन्दर, १३ बाहर और ५ ट्राफिक में खोई हुई. इब बताओ के सवाल क्या है?
हमारे यहां साडे छः से ही बिजली गुल हो जाती है, और साडे आठ तक आती है. मगर आज सात बजे ही आ गयी. ताऊ का बोर्ड में बडा रुतबा होगा.
ReplyDeleteमगर हाय, इंटरनेट नहीं चल रहा है, इसलिये सुबह सुबह ऒफ़िस भागना पडा.
ये जंतरमंतर है, जो देश में तीन ही जगह है.
एक दिल्ली में , एक जयपुर और तीसरा उज्जैन.
प्रस्तुत चित्र दिल्लीके जंतर मंतर का है. पीछे बडी इमारतें भी दिख रही है, जो जयपुर और उज्जैन में नही है.
ये तो जी जंतर मंतर है दिल्ली का। बाकी बाद में।
ReplyDeleteये तो जी जंतर मंतर है दिल्ली का। बाकी बाद में।
ReplyDeleteजन्तर मन्तर - जयपुर या दिल्ली!
ReplyDeleteताऊ पाकिस्तान किस लिये गये? वहां भी जन्तर मन्तर है क्या?
ताऊजी और अल्पनाजी को प्रणाम,
ReplyDeleteयह जगह तो नई दिल्ली स्थित यंत्र मंदिर (जंतर मंतर) है।
रामप्यारी,
ReplyDeleteयह सवाल तो बड़ा आसान है। कुल बतखें थीं 27.. 9 सिनेमाघर के अंदर हैं, 13 सिनेमाघर के बाहर इंतजार कर कर रही हैं और 5 बतखें ट्रेफिक में खो गई हैं यानी लापता हो गई हैं। तो आंकड़ा हो गया ना पूरा .. 13+9+5 = 27
अरे ताऊ यु तो दिल्ली का जंतर मंतर लग रहा है. अगर वो नहीं तो जयपुर का होगा ...पर है जंतर मंतर ही...
ReplyDeletejantar mantar, new delhi
ReplyDeleteAnswer :
ReplyDeleteJantar Mantar - Delhi
JANTAR MANTAR JAIPUR
ReplyDeleteहमने नहीं देखा..
ReplyDeleteताऊ जी, अब की बार तो पहेली बहुत ही आसान है....ये दिल्ली जंतर-मंतर की तस्वीर है...
ReplyDeleteरामप्यारी का सवाल भी बहुत आसान--------
ReplyDelete5 बतखें खो गई+13 सिनेमा के बाहर प्रतीक्षारत+9 अन्दर फिल्म देखने में मस्त=27 बतखें....अब बताओ, बाकी क्या बचा.
ताऊ बस राम राम...बुलाने चली आई थी ...अब ये पहेली वहेली के लिए तो आप हमे भी
ReplyDeleteमहाताऊ की उपाधि दे ही दो....ये रामप्यरी भी किसी काम की ना है ताऊ .. पिछली बार
डायरी मिल्क भी खा गयी किट- कैट भी निगल गयी चोटी... खा खा के मुस्टंदी हुई फिरती है
चेहरा देखा कितना मोटिया गया है...?? मैने भी दो दो अल्सेसियन कुत्ते पाल रखे हैं
इस बार आई तो उन्हीं के ह्वाले कर दूँगी...!!
जन्तर-मन्तर, दिल्ली
ReplyDeleteज्यादातर धरने यहीं पर होते हैं
ताऊ, ये तो दिल्ली का जंतर-मंतर है.
ReplyDelete9 सिनेमा हाल में चली गई
ReplyDelete13 बाहर इंतजार कर रही हैं
5 ट्रेफिक में खो गई
27 का झुंड ही तो सिनेमा में गया था
बाकि जो थी वो जल-विहार में मस्त हैं
दिल्ली का जंतर मंतर
ReplyDeleteबाकी बतख रास्ते में पड़ने वाली झील पर तैरने चली गयी होंगी ..गर्मी बहुत है न आज कल :)
ReplyDeleteभटको खुद ही नगर-नगर में,
ReplyDeleteक्यों हमको उलझाते हो।
माया नगरी की गलियन के,
क्यों यह दृश्य दिखाते हो।
इधर मेरे पास बैठे चित्रगुप्त जी हँस रहे है। और हमारा दिल धुक धुक कर रहा है। जवाब तो बिल्कुल सही दिया था। ये क्या हमारा नाम गायब। फिर ताऊ सा दिमाग दोडाया तो समझ आया कि क्या माजरा है कि जवाब वाला कमेट दिखा दिया तो सबको पता चल जाऐगा । हमारे साथ अक्सर ऐसा ही होता है। चित्रगुप्त हँसता रहता है। अधिकतर समय हम भी उसके साथ हसँते है पर आज तो ना हँस रहे है। ना रो रहे है। दूसरा हम ठहरे बेसब्र इंसान सोमवार तक पता चलेगा कि कौन जीता। आज पता थी पहेली का पर लगता है ना पता होता तो अच्छा होता। कम से कम इंतजार तो नही करना पड्ता। चलो कोई बात नही, कहते है इंतजार में भी अपना आनंद होता है। पता नही कल की आकाशवाणी सच होगी या नही। हम तो आलार्म लगाकर सोये थे। सुबह उठकर आज तो मैदान मार लेगे। पर आलार्म कब बंद कर दिया नींद में पता नही। सुबह 8 बजे उठे और भूल गए। फिर काफी देर बाद याद आया हमेशा की तरह। तब एकदम याद आया। तब ही चित्रगुप्त प्रकट हुआ हँसता हुआ। हम समझ गए। मामला हो गया गडबड। खैर .........
ReplyDeleteraampyari ke blog par gayi to wo saavdhan kar rahi thi ki shahar me galti ho gayi hai, to maine socha fir se confirm poora jawab de doon. pata nahin aap kis cheej ke number kaat lo :)
ReplyDeletejantar mantar, nayi delhi. pichle me shayad sirf dilli likha tha...ab dilli bhi to do hai na nayi aur purani.
waise rampyari ke clue me to ham peeche ki building bhi pahchaan gaye, le meridian hotel hai.
bhai itte din janpath par matargashti hi hai, kitabon ke liye CP me bhatke hain ispar bhi jantar mantar na bata paaye to doob marne ki baat ho. is baar sawal sach me aasan tha.
ताऊ राम राम
ReplyDeleteराम कसम हम ये फोटो वाला जगह नहीं देखे है , अब तो उत्तर मिलाने पर ही जानेगे की ये कहाँ है और क्या है .
राम प्यारी आज तो हम सवाल ही नहीं समझ पा रहे है .
ReplyDeleteकुल २७ बत्तख थी ५ गुम हो गयी , बची २२ .
९ सिनेमा हाल के बहार है और १३ अन्दर, मतलब २२ .
अब बाकि पॉँच जो गायब है वो तो उन्ही से पूछना पड़ेगा की वो कहा गयी .
मुझे तो लगता है ताऊ उन्हें भुन का खा गए तभी नहीं मिल रही .
अरे रामप्यारी, बाकी तो ट्रेफिक में खो गयी ना.
ReplyDeleteताऊ केसै है कब चक्कर लगा रहे है , जबलपुर का ताऊ छोटा हू , गल्ती हो तो माफ करना
ReplyDeleteयह तो जन्तर मन्तर है.. और है तो दो जगह एक जयपुर में और दूसरा दिल्ली में, क्योंकि इस चित्र में के बहुमंजिला इमारत भी दिखाई दे रही है तो यह पक्का है कि यह दिल्ली का जन्तर मन्तर है... ठीक ताऊ.. पहली बार थारी पहेली का उत्तर दिया है... अब थम जाणो, अर थारा काम..
ReplyDeletejantar mantar lag raha hai jaipur ka.
ReplyDeleteरामप्यारी जिब सारी बत्त्ख थी २७
ReplyDeleteखो गई ५
इंतजार मे है १३
और सिनेमा हाल मे है ९
तो कुल संख्या तो हो गई २७
अब आपका सवाल है कि बाकी कहां गई तो भई बाकी वैसे तो कोई बची नहीं पर यह भी हो सकता है कि बाकी फिल्म देखने गई हों... क़्यों... ऐसा ही है ना... या कुछ और ही माजरा है..
5 बाकी बतखें ट्रेफ़िक में ही तो खो गई!!!
ReplyDeleteताऊ हमने तो यो दिल्ली को जंतर मंतर लगे है ! देख्यां घणा दिन होग्या |
ReplyDeleteताऊ यो तो पक्का दिल्ली को जंतर मंतर है |
ReplyDeleteअरे रामप्यारी, इस बार पहेली सरल है.
ReplyDeleteबाहर एक भी बतख नही बचेगी, जो पांच गुम हो गयी है, उनके अलावा.
ताऊ के बात है? आज तो घणा बरस रहा है. दिल्ली के धोरे का फोटू दिखाके हमने घुमाने की कोशिश कर रहा है.
ReplyDeleteमुझे तो जंतर मंतर लग रहा है. वैसे मैंने अभी तक जंतर मंतर देखा नहीं है.
ताऊ आज क्या बात है? आपकी पहेली फ़ेल हो गई क्या? कोई टीपणि भी नही दीखाई रही है या आप कहीं अन्तर्ध्यान हो गये हो?
ReplyDeleteताज़ा खबर है कि मुख्य पहेली के अब तक ३८ जवाब रोके हुए हैं...
ReplyDeleteउस में सही -गलत सभी जवाब हैं.
**यह ध्यान दें की अगर आप के द्वारा दिया अंतिम जवाब ही सही माना जाता है.अगर आप ने पहले सही जवाब लिखा और फिर दूसरा गलत जवाब तो यह दूसरा जवाब ही lock हो जायेगा.कृपया जांच लें.
*अगर जगह सही लिखी है मगर शहर का नाम गलत तो कृपया जांच लें.
**क्लू रामप्यारी के ब्लॉग पर तस्वीर में है.
**थोडी देर में सभी सही -गलत जवाब ताऊ जी चाहेंगे तो बाहर आ जायेंगे.
धन्यवाद.
ये जो लाल लाल दिख रहा है येह मांडु का भंगी महल जैसा दिखाई दे रहा है पर उसमे इतनी चमक नही है. ये जयपुर का हवा महल हो सकता है.
ReplyDeleteरामप्यारी तेरी कितनी बतख गायब है? लगता है उनको ताऊ ने उदरस्त कर लिया होगा? :)
ReplyDeleteवैसे हम तो गणित मे कमजोर हैं. जरा हमारी पंडताईन आती है उससे पूछ कर तुम्हारे सवाल का भी जवाब देता हुं.
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteरामप्यारी तू क्युं जान ले रही है? अब ये बतख कहां से ले आई? तेरे सवाल का जवाब ले ले अगर तेरे मुंह मे पानी ना आजाये तो मुझे कहना.
ReplyDeleteतेरे सवाल के जवाब मे एक सवाल करता हूं और जवाब देता हूं. आशा है वो जवाब तू आज पबलिश नही करेगी.
ट्रेफ़िक में ५ तो खो गई थी तो वो ही रह गयी होगी...
ReplyDeleteरामप्यारी जवाब सुन... जैसे...
ReplyDeleteमैने रामप्यारी को २७ चाकलेट डेरी मिल्क की बडी वाली दी और कहा कि रामप्यारी इनको घर ले जाकर खाना...रामप्यारी ने १३ चाक्लेट तो रास्ते मे बांट दी....और ९ चाकलेट रास्ते मे बदमाशों ने छीन ली..अब रामप्यारी के पास बची ५ चाकलेट...
घर आकर रामप्यारी को मालूम पडा कि वो ५ चाकलॆत तो उसकी फ़टी जेब मे से निकल कर रास्ते मे गिर गई.
और रामप्यारी को बेचारी को एक भी चाकलेट खाने को नही मिली.
यानि रामप्यारी का जवाब है अंडा बटा अंडा.:)
क्युं रामप्यारी ठीक है ना.मुंह में पानी आ रहा है ना?
भाई ताऊ जवाब नही मालूम हमको तो ये लाल अस्पताल लग रहा है.
ReplyDeleteराम्प्यारी तेरे को एक चाकलेट दूंगा मेरा जवाब भी लिख देना तू ही. आखिर सब कुछ तेरे हाथ मे तो है ही.:)
ReplyDeleteरामप्यारी के क्ल्यु के हिसाब से ये जंतर मण्तर दिल्ली है.
ReplyDeleteबाकी रामप्यारी की माया रामप्यारी ही जाने.
रामप्यारि का सवाल सीधा सा जोड है. सिर्फ़ पूछने मे ही लगता है कि कुछ गडबड है.
ReplyDelete९+५=१३=२७ बस यही जवाब है और वैसे पूछो तो जीरो जवाब है.
मुझे तो यह दिल्ली का जंतर-मंतर लगे है
ReplyDeleteरामप्यारी का जवाब बाद में ।
ke taau, aaj to subah se sare jawab pacha riya si...manne to laage hai tu aaj koi vadda ghotala kariya si.
ReplyDeleteएक जरूरी सूचना:-
ReplyDeleteअभी तक कुल मिलाकर ५५ टिपणीयां रोकी गई हैं. जिनमे गलत और सही दोनों ही हैं.
आपसे निवेदन है कि सु.अल्पना जी की टिपणीमे कही गई बात को जरा ध्यान पुर्वक मनन कर लें. क्योंकि आज लगता है जरासी लापरवाही से जवाब गलत घोषित किये जा सकते हैं.
हम पुन: निवेदन करते हैं कि आज हमने चित्र की पहचान के साथ यह भी पूछा है कि यह कौन से शहर मे है और यहीं पर लोग लापरवाही कर रहे हैं. कृपया अपने जवाब जांच ले और क्ल्यु के लिये रामप्यारी की पोस्ट पढें
:) Banglore kaa Lal-Bag hai taoo....
ReplyDelete:D मोका अच्छा था इसलिए शेष पाच बतख किसी के साथ भाग गई होगी ?
Delhi - Jantar Mantar 100% lock kardo rampyari
ReplyDeletejantar-mantar delhi.
ReplyDeleteइस Jantar Mantar (वास्तव में यंत्र मंदिर, जैसे उपकरणों के 'भवन' के रूप में), नई दिल्ली, दिल्ली के आधुनिक शहर में स्थित है । . इस वास्तुशिल्प मे खगोल विज्ञान के 13 उपकरण , शामिल हैं। जिसे महाराजा जयसिंह द्वितीय जयपुर के द्वारा 1724 के बाद से निर्माण किया गया। और यह उनके द्वारा निर्मित पॉच वैध शालो मे एक है। जैसा कि वह मुगल सम्राट मोहम्मद शाह द्वारा कैलेंडर और खगोलीय सारणी में संशोधन का कार्य दिया गया था.
ReplyDeleteइस वेधशाला का प्राथमिक उद्देश्य खगोलीय सारणी संकलन करने के लिए था। और सूर्य, चंद्रमा और ग्रहों की गतिविधियों की भविष्यवाणी करने के लिए. इनमें से कुछ प्रयोजनों ज्योतिष के रूप में भी उपयोगी रहा।
शुरुआती 18 वीं सदी में, महाराजा जयसिंह द्वितीय जयपुर से दिल्ली, जयपुर, उज्जैन, मथुरा और वाराणसी में कुल में पाँच यंत्र मंदिरों, निर्माण किया, और 1724 और 1735 के बीच पूरा किया। . सबसे प्रसिद्ध यंत्र मंदिरों जयपुर और दिल्ली में हैं.
raam raama ji
tau.. ye ye delhi ka jantar mantar hi he... sameer ji ne jabaaab diya he galat kaise ho sakataa he..
ReplyDeleteram ram
raam pyari ji..
ReplyDeletebaaki batake aapane dadabe me he...
http://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/a/aa/Jantar_Mantar_Delhi_27-05-2005.jpg YAHI HAI NA..
ReplyDeleteजंतर मंतर है । रामप्यारी ही ने बताया जहा उसे फ़्रोक मिली वही से यह फ़ोटो भी मिली है । इस लिये यह जयपुर का है ।
ReplyDeleteबतख का हिसाब ५ ट्राफ़िक मे खो गयी १३ बहर है ९ अन्दर है ५+१३+९=२७ हो गयी पूरी ।
ReplyDeleteलगता है एक और जवाब सही होने वाला है मेरा...ये तो शर्तिया जंतर-मंतर नई दिल्ली वाला है.....हें हें हें
ReplyDeleteफिर से सरेंडर !
ReplyDeleteभई, अपनी तो किस्मत ही फूटी है. जब पहेली आसान होती है तो लेट से पहुँचते हैं.
ReplyDeleteदिल्ली का जंतर मंतर.
अभी पिछले हफ्ते होके आया था.
और हाँ, मेरी जो फोटो दिख रही है वो भी जंतर मंतर की गोलनुमा बिल्डिंग के बाहर खींची हुई है.
ReplyDeleteऔर रामप्यारी, मुझे तो तेरी टीचर सठिया गयी लगती है.
ReplyDeleteअरे ५ बतखें खो गयीं, १३ बाहर हैं और ९ अन्दर तो बाकी और क्या रास्ते में किसी ने अंडे दिए थे?
यह तो जंतर मंतर, नई दिल्ली वाला ही लगता है
ReplyDeleteरामप्यारी, सवाल तो सीधा सा प्रतीत होता था, पर पूछा है तो कुछ अलग होगा, ध्यान से पढ़ने को कहा है तो देखते हैं -
ReplyDeleteइसमें कुछ दो प्रकार का भ्रम लगता है - पहला यह कि 5 व 13 के अंक के बाद यह नहीं पता कि यह 5 व 13 बतखों के लिए ही है, नौ के बाद यह बिल्कुल स्पष्ट है तो पहेली का अर्थ ही बदल जाय शायद | फिर भी हम तो दूसरा भ्रम सही मानते हैं | उसके अनुसार
भाषा से कुछ ऐसा भी लगता है कि जो 13 बाहर प्रतीक्षा कर रहीं थीं उन्हीं में से 9 अंदर गयीं, तब तो बाहर बचीं - 4
और कुल 22 (27-5) में से 13 तो आ गयीं, शेष 9 अभी आनी बाकी हैं, रास्ते में हैं|
कुल - 27
लापता - 5
हॉल के अंदर - 9
हॉल के बाहर - 4
रास्ते में - 9
बाकी बतखें हाल में गयीं ।
ReplyDeleteसवाल कुछ समझ में नहीं आया । बाकी तो कोई है ही नहीं : ५+१३+९=२७ ।
अब वही ९ बतखें जो आ रही थीं हाल में गयीं ।
जंतर मंतर की जय हो
ReplyDeleteजयपुर हो
जय हो।
जंतर मंतर
ReplyDeleteजय हो
जयपुर है।
5 बतखें खो गई, बाकी सिनेमा के अंदर या बाहर!
ReplyDeleteसूचना:- अब और जवा्ब स्वीकार करना संभव नही है. रिजल्ट तैयार होने चला गया है. जैसे ही रिजल्ट तैयार होगा, आज ही घोषित कर दिया जायेगा.
ReplyDeleteपहेली मे सभी भाग लेने वालों का आभार.
जवाब लिखो जी हर की पैडी रिशिकेश.
ReplyDeleteरामप्यारी की बतखों को रास्ते मे सैम और बीनू फ़िरंगी खा गये
ReplyDeleteअगर वो सैम या बीनू फ़िरंगी से बच गई होंगी तो उनको एक एक करके खुद रामप्यारी चाकलेट समझ कर चटका गई होगी. और अब ताऊ की मार से बचने के लिये कह रही है कि वो सिनेमा देखने गई थी.
ReplyDeleteऐसी कौन सी पिक्चर देखने गई थी वो और उस वक्त रामप्यारी क्या कर रही थी?
ताऊ ये रामप्यारी तेरी खटिया खडी करेगी. घणी चालू रकम है ये.
यह है दिल्ली का जंतर मंतर.
ReplyDeleteरामप्यारी का सवाल का जवाब.. सब हिसाब बराबर है. कहीं गडबड नही है.
ReplyDeleteताऊ कुछ बतखें भाटिया जी के ब्लाग पर रोड पार करते देखी गई थी कुछ दिन पहले. लगता है उनको भाटिया जी ने रख लिया और अब रामप्यारी तुमको उल्टे सीधे किस्से सुना रही है.
ReplyDeleteमिलिभगत है दोनो की.:)
ये जंतर मंतर दिल्ली है और रामप्यारी का जवाब है कि सब गिनती बराबर मिल गई है.चिन्ता नही करे.घर आजाये..अब ताऊ उसे नही मारेगा और स्कूल मे टीचर भी नही मारेगा.
ReplyDeleteताऊ
ReplyDeleteएक शिकायत प्यार से..... भाई हमारे दुबई में शुक्र और शनि की छुट्टी होती है और कंप्यूटर फिर सीधे इतवार को खुलता है तो जवाब तो लेट होना ही है .......
पर जवाब आता है इसका तभी लिख रहा हूँ
जंतर मंतर, दिल्ली या जयपुर का वैसे मैं दिल्ली के साथ जाऊँगा