आप लोगां नै आछी तरीयां बेरा सै कि गोटू सुनार ताऊ को चूना लगा कर भाज लिया था, और ताऊ उस बख्त तैं ही गोटू को ढुंढण लागरया था.
सब जगह ढुंढते २ आखिर ताऊ ने सोच्या कि इस सारी धरती पर तो गोटू को ढुंढ लिया और मिला नही. सो हो सकता है कि चांद पर भाग गया हो?
अब ताऊ ने सोचा कि चलो उस दुष्ट दगेबाज को चांद पर ढूंढते हैं और चांद पर जो ताऊ की कालोनी काटने का काम चल रहा है उसको भी देख लेंगे कि कितनी प्रोग्रेस हुई? और चंपाकली की भी कोई खबर नही आई, सो उसको भी ढूंढ लेंगे.
(राज भाटिया जी का चांद पर चाट का ठेला)
सो ताऊ सीधा अपना लठ्ठ ऊठाकै चांद पर जा पहुंचा. वहां राज भाटिया जी अपने ठेले पर पानी पूरी बेच रहे थे. ताऊ के वहां पहुंचते ही भाटिया जी ने खडी हुई खाट को आडी कर दी और दोनो जने उसपै बैठ कर हुक्का पीण लाग गे.
भाटिया जी नै धरती के सब हालचाल लिये और ताऊ को चांद पर हो रहे विकास के बारे मे विस्तार से बताया. ताऊ ने बूझ्या कि आपको गोटू सुनार कहीं दिखा था क्या?
भाटिया जी ने पूछा कि - ताऊ क्यों पूछ रहे हो? वो तो अभी ५ दिन पहले ही आया था और यहां दो दिन मेरे पास रुक कर गया है. और जाते समय मुझसे दस लाख रुपये भी लेकर गया है. बोल रहा था कि ताऊ और हमारा जोईंट वेंचर है, सो चांद के बाद अब मंगल ग्रह पर कालोनी काटनी है. वहां बयाने मे कम पड रहे हैं, बस ताऊ पीछे २ आता ही होगा पैसे लेकर. सो ताऊ तू एक काम करिये कि ५ लाख पहले के और दस लाख ये, कुल १५ लाख रोहतक मे मेरे घर भिजवा देना. आजकल वहां थोडी जरुरत है. इसीलिये मैने गोटू को पिस्से दिये थे कि मनीआर्डर खर्च बच जायेगा.
इब ताऊ दांत पीसता हुआ बोला - अरे टीकर के बीज गोटू, तू भाटिया जी को भी चूना लगा गया? अरे सत्यानाशी कुछ तो रहम करता. भाटीया जी यहां परदेश मे पिस्से कमाने के लिये पडे हैं और तू इनको भी चूना लगा गया?
इब ताऊ ने भाटिया जी को सारा किस्सा बताया कि किस तरह गोटू सुनार ताऊ को जबर्दस्त चूना लगा कर भागा है?
ताऊ बोला - भाटिया साहब आप चिन्ता मत करो. मैं आकाश पाताल मे जहां कहीं भी गोटू छुपा होगा उसको खोद कर निकाल लाऊंगा. गोटू आपके और मेरे पिस्से नही खा सकता.
अगर मेरे पिस्से गोटू खा गया तो ये तो मेरे लिये नाक कटने वाली बात हो गई. वो आखिर जायेगा कहां? आखिर कसाई का माल ललडा (बकरा) थोडी खा सकता है?
भाटिया जी और ताऊ अपने गम गलत कर ही रहे थे कि इतने मे सामने से यमराज क्रोधाग्नि मे लाल पीले होते आते हुये दिखाई दिये.
वो जैसे ही पैदल चलते हुये आये, ताऊ ने उनको रामराम करी और पूछ बैठा - यमराज जी मेरी चंपाकली कहां हैं? मुझे मेरी चंपाकली चाहिये. किसी भी कीमत पर.
अब यमराज जी क्रोध पुर्वक आंखों को अंगारे की तरह लाल करते हुये बोले- अरे दुष्ट और एहसान फ़रामोश ताऊ. खामोश..अब मेरी क्रोधाग्नि को और प्रजवल्लित ना कर. वर्ना मैं मैं तुझे खोलते हुये तेल के कडाव मे डलवा दूंगा.
ताऊ बोला - महाराज वो तो जब मैं आपके राज्य की सीमा मे आऊं तब करना. फ़िल्हाल आप मेरे राज्य की सीमा मे हैं. क्या आपको याद नही कि आप चांद मुझे दे चुके हैं?
अरे एहसान फ़रामोश ताऊ, तू इतना उदंड हो गया ? हमारे सामने जबान चलाता है?
यमराज जी ने पुकारा - अनुचरों..अनुचरो,,अरे कहां मर गये सब के सब?
ताऊ बोला - महाराज यहां तो कोई अनुचर नही दिख रहा है. आप किसे पुकार रहे हैं?
यमराज - अरे दुष्ट मानव, हमारी मजाक उडाता है? एहसान फ़रामोश...और यमराज गुस्से से कांपते हुये बोले कि पिछली बार तू हमारी कृपा की वजह से बच गया था पर अबकी बार कभी चंगुल मे चढ गया तो हम तुझे नही छोडेंगे.
ताऊ बोला - महाराज, हमारी पृथ्वी का तो यही कायदा है कि जिस आदमी को सीढी बनाकर उपर चढो उस सीढी को यानि उस मनुष्य की कब्र खोद दो. हमने तो उसी नियम का पालन किया है. अब आप जल्दी से हमारी चंपाकली का पता बतादो..हमारा उसके बिना मन नही लगता है.
अब तो यमराज के क्रोध की सीमा ही पार हो चुकी थी. वो चिल्लाते हुये बोले - अरे दो कोडी की तेरी चंपाकली और दो कोडी का तू. तेरे को मालुम है कि जिस दिन से तेरी चम्पाकली मेरे झोठे (भैंसे) को भगा कर ले गई है उस दिन से मैं पैदल पैदल दोनो को ढूंढ रहा हूं, और अब सवारी की बजाये मुझे पैदल चलना पड रहा है और दंड देने का काम बाधित हो रहा है.
ताऊ - अरे महाराज , इतने परेशान क्यों होते हो? नई कार राल्स रायस या बी.एम.डब्ल्यु. आपको खरिदवा देता हूं आप तो कुछ एडवांस का इन्तजाम करवा दो. ताऊ ने सोचा कि यमराज को कुछ गिनती तो आती नही, कभी लंबा माल इनसे ही बना लूं.
यमराज - अरे मुर्ख प्राणी, मजाक मत कर, हम कार मे नही चल सकते, ये प्रोटोकोल के खिलाफ़ है. और अब तू तेरी जबान बंद कर, वर्ना अनर्थ हो जायेगा. अरे मुर्ख तू तो हमारे द्वारा तुझपर पिछले जन्म के किये उपकार भी भूल गया?
ताऊ - अरे महाराज हमने पिछले जन्म मे तो आपको देखा हो तो भी हमे याद नही. और हमको तो इस जन्म का भी नही मालुम तो पिछले जन्म की आपने अच्छी कही. क्या हुआ था पिछले जन्म मे?
यमराज- अरे दुष्ट भूल गया जब तू पिछले जन्म मे रावण यानि दशानन के फ़ंदे मे चढ गया था तब हमने ही तुझे ये मानव देह दी थी?.......??.......???
इब खूंटे पै पढो :- जैसा कि आपने पिछली बार खूंटे पै पढा था, ताई की अर्थी गधे को देखने के लिये मची भगदड की वजह से गिर गई और ताई जिन्दा होके ऊठ बैठी. वहां मौजूद सारे लोग तो डर के मारे भाज लिये, और ताऊ को ताई ने गर्दन से पकडा और धक्के देती हुई घर ले आयी. घर पर आकर ताई ने भाटिया जी वाला मेड-इन-जर्मन लठ्ठ निकाला और ताऊ की बिल्कुल पुलिसिया पीटाई कर डाली. यानि खून का कोई काम नही, अंदरुनी मार थी. इब ताऊ कुट पिट कर पडा कराहने लगा तो ताई को फ़िर दया आगई. आखिर ताई कितनी ही जालिम हो ? है तो एक औरत ही. सो ताई ने ताऊ को ऊठाकर कार की पिछली सीट पर डाला और खुद गाडी लेकर अस्पताल की और तेज गति से गाडी दौडा दी.. ताई को तेज गाडी चलाता देख कर ट्रेफ़िक होल्दार ने रुकने का इशारा किया. बडी मुश्किल से चूं..चूं..की आवाज करती हुई गाडी रुकी. पुलिसिया होल्दार आगया और ताई को देखकर बोला - तन्नै शर्म कोनी आवै, बीरबानी होकर इतनी तेज गाडी चलाते हुये? किसी के टक्कर लाग ज्यावै तो? ताई चुपचाप होल्दार साहब का मुंह देखती रही. इब पुलिसिया समझा कि ये कोई गांव की गंवार औरत दिखती है सो इससे कुछ रुपये ऐंठते हैं. और ताई से रिश्वत वसूलना यानि अपनी कब्र खोदने के बराबर काम है. सिपाही बोला - अरे ताई ..चल गाडी के कागज दिखा. तेज गति से गाडी चलाने की वजह से तेरा चालान बनेगा. उसकी भाषा सुनकर ताई को गुस्सा तो आया पर ताई ने सोचा कि आज इसको अच्छा सा सबक सिखाया जाये. इब ताई बोली -- गाडी के कागज तो मेरे धौरै कोनी. पुलिसिया - फ़िर अपणा लेसन्स (driving license) काढ (निकाल) ताई - लैसंस के हौवै सै? मन्नै बेरा कोनी. इब मन ही मन पुलिसिया प्रशन्न होते हुये गुस्से से बोला - तुमको मालुम है ये अपराध है? और ये गाडी किसके नाम पर है? ताई - पता नही. मैने इस गाडी के मालिक को मारकर उसके टुकडे करके एक थैले में भरकर कार की डिक्की मे भर दिये हैं और मेरे पति जो पिछली सीट पर सो रहे हैं उनको दिखाने डाक्टर के पास जा रही हूं. इब होल्दार के तो होश ऊड गये. उसने तुरंत अपने अफ़सर को फ़ोन किया और बताया कि - सर मैने एक हत्या करके भागी हुई औरत को रोक रखा है, उसके पास लाईसेन्स, गाडी के कागजात कुछ भी नही है. लाश के टुकडे करके उसने डिक्की मे डाल रखे है. उधर से तुरंत सायरन बजाती पुलिस की दो तीन गाडियों ने ताई को चारो तरफ़ से घेर लिया. ताई आराम से अपनी सीट पर बैठी रही. अब दो तीन पुलिस वालों ने रिवाल्वर की नोक पर ताई को गाडी से बाहर उतार लिया और एक अफ़सर बोला- हमारे जवान ने बताया है कि आप कार की डिक्की मे हत्या करके लाश ले जारही हैं? चाबियां दीजिये. ताई ने खामोशी से चाबियां दे दी. अफ़सर को वहां कुछ नही मिला. अब अफ़सर बोला- सिपाही कह रहा था कि आप गाडी चुराकर भागी हैं? अब ताई ने चुपचाप गाडी के कागजात अफ़सर को दे दिये. अब अफ़सर थोडा परेशान होकर बोला- और आपके पास डाईविंग लायसेंस भी नही है? ताई ने अपना पर्स खोल कर ड्राईविंग लायसेन्स भी दिखा दिया. और बोली- अब आपका सिपाही ये भी कहेगा कि मैं बहुत तेज गति से गाडी ड्राईव कर रही थी ? अब अफ़सर ने गुस्से से सिपाही की तरफ़ देखा और सिपाही हकला कर जी सर..नो सर करने लगा. अब अफ़सर ने ताई से सिपाही की वजह से हुई असुविधा के लिये क्षमा मांगी और सिपाही को वार्निंग देते हुये हुये बोला - अगर तूने ऐसी बेवकूफ़ी आईन्दा की तो तुझे सस्पेण्ड कर दुंगा. ताई ने अफ़सर को धन्यवाद दिया और सिपाही की तरफ़ मुस्कराते हुये हाथ हिला कर रामराम करते हुये, ताऊ की हड्डी पसली जुडवाने अस्पताल चली गई. |
बीरबानी क्यों नहीं तेज गाडी नहीं चला सकती पुरुष क्यों चला सकता है .
ReplyDeleteनारियों का शोषण ?
नारी एकता जिन्दाबाद :)
मज़ा आ गया ताऊ।राम-राम और भाटिया जी को भी प्रणाम्।
ReplyDeleteघर पर आकर ताई ने भाटिया जी वाला मेड-इन-जर्मन लठ्ठ निकाला और ताऊ की
ReplyDeleteबिल्कुल पुलिसिया पीटाई कर डाली. यानि खून का कोई काम नही, अंदरुनी मार थी.
" ओह ओह यमराज के खोलते हुये तेल के कडाव से बचे तो ताऊ जी ताई जी के ह्त्ते चड़ गये....अब समझ आया ये दो तिन दिन की छुट्टी का राज....मरहम पट्टी के लिए अब इतना वक्त तो लगता है ना......ताऊ जी हॉस्पिटल का पता दो एक सम्वेदनशील कविता और कुछ फूल तो भिजवा दे कम से कम नही तो उल्हाना मिलेगा दोस्तों ने पूछा तक नही.....हा हा हा हा "
Regards
आप रोज मन को प्रफुल्लित कर देते हैं।
ReplyDeleteताई जिंदाबाद...
ReplyDeleteगज़ब हो गया!!!!!
ReplyDeleteदो खबरें मिलीं इस पोस्ट से--
एक तो राज जी ने चाँद पर ठेला लगाया..और keralite की तरह वेश भूषा भी कर ली और तो और ठेले पर नाम
भी मलयालम में लिखवा दिया...कमाल का बदलाव है...ताऊ जी ध्यान से देखना वहां चाट नहीं नारियल पानी होगा..या फिर चाय-कापी![कोफी]-
दूसरी ख़बर यह की बडे गर्व के बात है की ताई तो बड़ी अक्लमंद निकली--ऐसा पासा फेंका कि
अफसर ने माफ़ी मांग ली...ऐसी..ताई जो हाथ से नहीं दिमाग की भी खूब तेज है--ताऊ बडे किस्मतवाले हो--
उन की मार सब फीकी पड़ गयी होगी इस चतुराई को देख...नहीं??-वैसे मार तो पड़नी ही थी--काम जो ऐसा किया था.
अब आप आराम करीए..ताई काढा बना रही है-वो जरुर पी लेना.जय राम जी की!
चाँद से लेकर यमराज और ताई से लेकर पुलिस तक... आपने तो जान ही डाल दी है.. मज्जा आ गया...
ReplyDeleteअगर आपके ब्लॉग को पढ़ने के पिस्से भी लगे.. तो भी कम नही..
ट्राफिक पुलिस ने कभी धर लिया तो ताई वाली युक्ति लाड़ाएंगे. :)
ReplyDeleteखजूर से गिरे तो खून्टे में अटके.
ReplyDeleteअररररे ये क्या हो गया। अब तो ताऊ कहीं भी जा सकता है।
ReplyDeleteखजूर से गिरे तो खून्टे में अटके.
ReplyDeleteचाँद पर ठेला देख कर अभी मुस्कारा ही रहे थे कि ताई का कारनामा पढ़कर हंसते रह गए .बढ़िया लिखते हैं आप
ReplyDeleteताई ने तो माहौल जमा दिया-होशियार क्या-पूरी सियार है.
ReplyDeleteउसी को लगा देवो गोटूं सुनार के पिछे-वसूल लायेगी.
अजी ऐसे ताऊ ताई हमने भी चाह थे। वैसे जी इस बहाने हँसे लेते है। बाकी समय तो बस ............।
ReplyDeleteवाह ताऊ जी चाँद पे जो ठेला लगा है उसमे क्या बिकता है यह नही बताया . वाकई मजेदार पोस्ट है . धन्यवाद्.
ReplyDeleteखुटां मस्त है.. ताऊ तो था कमाल पर ताई कम नहीं है!
ReplyDeleteचाँद पर ठेला...अच्छा है|
ReplyDeleteha ha taiji bhi kamal hai,police ko chakkar mein daal diya waah.
ReplyDeleteBhatiya ji THELA to chand mai gazab dha raha hai....
ReplyDeleteताई जोइंट वेंचर में क्यों नहीं है?
ReplyDeleteगज़ब का किसा ताऊ जी.............मज़ा आ गया पढ़ कर.गोटू सुनार का फोटो तो दिखा दो कहीं हमें भी न चूना लगा जाए
ReplyDeleteताई का खेल भी जोरदार से..........ठुल्ले की इब तौबा जो ताई से उलझे
waah taau aaj ka kissa sun kar to maza aa gaya...aur uspar khoonta to lajawab gaada hai. wo aap kahte hain na aatma prashhanna ho gayi :)
ReplyDeleteताई नै इबकी बारी तो जमीं चाला इ पाड दिया..........
ReplyDeleteलोंगो की नीरस जिंदगी में रस घोल कर आप बहुत ही पुन्य कमा रहे है ताऊजी
ReplyDeleteलोंगो की नीरस जिंदगी में रस घोल कर आप बहुत ही पुन्य कमा रहे है ताऊजी
ReplyDeletemaza aa gaya taaoo...mast likha hai...man prfulit ho jaata hai aapka post padh kar..
ReplyDeleteखूंटा मस्त है.......चांदे के ठेले पर पंगेबाज की मोनोपोली है....राज जी कहे जरा बच कर रहे
ReplyDeleteताई मेँ बहुत हाई आई.क्यू. है। ताई न होती तो आइंस्टीन बन जाती!
ReplyDeleteताई तो ताऊ की भी गुरू निकलीं। मजा आ गया।
ReplyDeleteघुघूती बासूती
वह ताऊ जी, आपने यमराज की और ताई जी ने सिपाही की खूब ख़बर ली.
ReplyDelete(gandhivichar.blogspot.com)
अरे ताऊ अब चुना तो लग गया , क्यो बताये किसी को, वेसे शरीफ़ आदमी को सभी लोग चुना ही लगाते है, ...
ReplyDeleteइस खुटें मै तो आज मजा आ गया, ताई तो चार कदम आगे निकली ताऊ से,ओर वो सिपाही भी याद रखेगा,
ताई को हमारी दुर दुर से राम राम
पढ़ा कर अच्छा लगा की ताई की मरने की ख़बर ....एक गप है|... अब ताऊ की ख़बर ताई लेने ही वाली है...हमें पता चल चुका है|
ReplyDeleteक्या जलवे हैं ताई के!
ReplyDeleteताऊ बिरबानियाँ तो गाड़ी पुरुषों से हमेशा तेज चलाती है सड़क पर कभी भी देख लेना ! और ड्राइविंग सीट पर ताई हो तो कहना ही क्या |
ReplyDeleteबहुत सुपर हिट दी जी आज आपने ।:)
ReplyDeleteपर आप हमेशा भाटिया जी को ही चूना क्युं लगाते हो?
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