ताऊ की तरफ़ तैं आज सबेरे की रामराम. भाई ताऊ का एक घणा पक्का दोस्त था गोटू सुनार. इन दोनुआं म्ह पक्की दांत काटी दोस्ती थी. और दोनू के दोनूं ही शातिर ठग थे. ताऊ के कारनामें तो आप जानते ही हो. पर गोटू सुनार उससे भी दो हाथ आगे था.
इन दोनो की एक विशेषता और थी कि दोस्ती के बावजूद भी एक दुसरे को ठगने का कोई भी मौका नही छोडते थे. इसके बावजूद भी उनकी दोस्ती मे कोई दरार कभी नही आई.
अब एक दिन गोटू सुनार के छोरे का ब्याह था. सुनार ने ताऊ को उसके यहां आने का न्योता दिया. ताऊ शादी मे पहुंचा. सब कार्यक्रमों मे शामिल हुआ . दहेज मे सभी सामान आया जो कि सभी शादियों मे आता है. पर एक सोने का बडा सा थाल भी दहेज मे आया था और उस पर ताऊ की नियत खराब हो गई थी. पर ताऊ को कोई मौका हाथ नही लगा इसको पार करने का.
कुछ दिन बाद लगता है गोटू की किस्मत खराब होगी जो उसने ताऊ को फ़िर बुलावा भेजा और ताऊ आ धमका. ताऊ के आते ही दोनों दोस्त हुक्का गुडगुडाते हुये गप्पें मारने लगे. रात को सुनार ने ताऊ को उसी सोने के थाल मे खाना खिलाया. बस ताऊ के दिमाग मे तो स्कीम दौडने लगी.
उधर गोटू सुनार भी समझ गया कि ताऊ की नियत खराब हो गई है और किसी भी तरह थाल को बचाना है. पर ताऊ जैसे ठग से वो भी घबराता था. खैर उसने अपना इन्तजाम कर लिया. और दोनो की खटिया बिल्कुल पास पास लगा दी और दोनो सो गये,
थोडी देर मे ताऊ नकली खर्राटे लेने लगा. ये देख कर गोटू सुनार भी सो गया.
ताऊ ने देखा कि सुनार खर्राटे ले रहा है तो उसने सुनार की खटिया के उपर एक छींका बंधा देखा और उसमे वही सोने का थाल रखा था और पानी से पूरा लबालब भरा हुआ. ताऊ समझ गया कि सुनार की चालाकी है ये.
खैर ताऊ भी ताऊ था. ताऊ चुपचाप ऊठा, और हुक्के की नलकी निकाल लाया. उस नलकी को धीरे से उस सोने के थाल के पानी मे डाला और चुपचाप सारा पानी खींच कर पी गया. फ़िर उस थाल को ऊठाया और सीधे गांव के बाहर तालाब मे कमर तक पानी मे घुस गया और वहां सोने के थाल को गाड कर वापस आकर चुपचाप अपनी खाट पर सो गया.
अब रात के दुसरे प्रहर मे गोटू सुनार की आंख खुली और उसकी नजर छींके पर गई तो उसके होश ऊड गये. ताऊ बगल की चारपाई पर सो रहा है और थाल गायब है.
धीरे २ उसने पूरे कमरे को छान मारा. और ताऊ की चतुराई पर दंग रह गया कि आखिर इसने बिना पानी गिराये थाळ को पार कैसे किया ? पर उसकी अक्ल मे ये गुथ्थी नही सुलझी. आखिर वो भी ताऊ के सामने हार मान गया.
पर सुनार दिमाग लडाता रहा कि ये सब कैसे हुआ ? अचानक उसका हाथ ताऊ के शरीर से लग गया. उसने टटोल कर देखा तो ताऊ का शरीर कमर के नीचे ठंडा था और कमर के उपर गर्म.
सुनार सारा माजरा समझ गया और चुपके से ऊठकर उस तालाब तक गया और सोने का थाल उसमे से निकाल लाया. वापस आकर चुप चाप सो गया.
सुबह हुई, सुनार ऊठ कर हुक्का भर लाया, इतनी देर मे ताऊ भी ऊठ गया.
सुनार - ताऊ राम राम ! कहो रात कैसी गुजरी ? नींद तो ठीक से आई ?
ताऊ - अरे यार गोटू, जैसा मेरा घर वैसा तेरा घर ! भाई घणी बधकी ( बढिया) नींद आई.मैं तो रात को सोया तो अब नींद खुली है,
हुका पीके ताऊ बोला - भाई गोटू इब मैं जाऊंगा मेरे गांव, घर और खेतां का घणा काम पडया सै.
सुनार बोला - ताऊ इब थोडी देर डटज्या ! खाना वाना खाकै चले जाणा. मैं थारी भाभी तैं बोलकै जल्दी खाणा बनवाता हूं. मुस्कराते हुये सुनार बोला.
दोनों तालाब पर जाकर फ़्रेश हौ कै नहा धौकै आगये तब तक खाना तैयार था. सुनार ने अब फ़िर से ताऊ को सोने उसी थाल मे खाना परोसा. ताऊ परेशान ! जैसे तैसे खाना खाया और आखिर पूछ ही बैठा कि गोटू भाई तुम्हारे पास ऐसे कितने सोने के थाल हैं ?
सुनार बोला - बस एक ही है ताऊ.
ताऊ आश्चर्य से बोला - पर वो तो मैं.......! और ताऊ विस्मय से बोला - ये कैसे हो सकता है ?
सुनार बोला - ताऊ पहले तू बता फ़िर मैं बताता हूं . अब मैं कोई रामदयाल कुम्हार तो हूं नही . मैं हूं गोटू सुनार . और तेरे से कमजोर इन कामों मे नही पडूंगा. फ़िर दोनो ने अपनी अपनी कारस्तानी सुनाई. और दोनो एक दुसरे की बडाई करने लगे.
अचानक ताऊ के दिमाग मे एक आईडिया आगया और वो सुनार से बोला कि - यार हम दोनो ही मंजे हुये ठग हैं. अगर हम दोनो मिल जाये तो कोई लम्बा हाथ मार सकते हैं . और मेरी निगाह मे एक शिकार भी है.
सुनार भी कडका और पका शातिर था सो बोला - ताऊ जल्दी बता शिकार का पता , बस समझ ले अपना joint venture शुरु.
और ताऊ ने उसको बताया कि सेठ के पास बहुत तगडा माल है, सो एक हाथ मार देते हैं. मेरा पुराना हिसाब किताब भी चुकता हो जायेगा.
और इस प्रकार इन दो शातिरों का joint venture शुरु हो गया और उसका पहला शिकार कौन बना ? ये सब अगले अंक मे देखना.
इब खूंटे पै पढो :- ताऊ घणा परेशान था. ताऊ ने राज भाटिया जी को फ़ोन लगा कर कुछ मदद करने को कहा. पहले तो भाटिया जी ने मना कर दिया. पर आप जानते ही हो कि ताऊ भी नम्बर एक का स्कीमबाज है सो उसने भाटिया जी को ऐसी स्कीम समझाई कि भाटिया जी ने तुरंत ५ लाख रुपये ताऊ को ट्रांसफ़र करवा दिये. अब ताऊ ने जो स्कीम भाटिया जी को बताई थी उसका हिसाब उनसे लग नही रहा था. ताऊ की बताई स्कीम आज तक किसी को समझ नही आई तो भाटिया जी को क्या समझ आने वाली थी? ताऊ ने यह कह कर रुपये ट्रांसफ़र करवाये थे कि ५ रुपया सैकडा प्रतिमाह का ब्याज और मुनाफ़े का चालीस टका और नुक्सान मेरा. पर हिसाब बारह महिने बाद करूंगा. अब भाटिया जी हिसाब लगा रहे थे कि ५ रुपये सैकडे से २५ हजार महिना का तो ब्याज का मिलेगा, फ़िर मुनाफ़ा अलग. जब पूरा नही जोड पाये तो उन्होने समीरलाल जी को फ़ोन लगा पूछा. भाटिया जी :- अजी समीर जी रामराम. कैसे हैं? समीर जी :- रामराम जी भाटिया साहब, सब ईश्वर की कृपा है. आप सुनाईये, आज कैसे याद कर लिया? भाटिया जी :- अजी एक हिसाब जुडवाना था. थोडा बडा हिसाब है, अगर आपको समय हो तो यह बताईये कि मैने ५ लाख रुपया ५ रुपये सैकडे प्रतिमाह से ताऊ को बारह महिने के लिये उधार दिये है तो मुझे कुल वापस कितने रुपये मिलेंगे? समीर जी :- अजी भाटिया जी ! आपको कुछ भी नही मिलेगा. भाटिया जी :- क्यों ? आप क्या गणित का हिसाब नही जानते? मैने तो सुना है आप बहुत पहुंचे हुये CA हैं? समीर जी : अजी भाटिया साहब मैं तो गणित जानता हूं पर लगता है आप ताऊ को नही जानते? इतनी बडी रकम देने के पहले हिसाब पूछना चाहिये था ना ? |
भाटिया जी का तो काम डल गया-गये ५ लाख घुटने तक पानी में.
ReplyDeleteअब गोटूं और ताऊ के Joint Venture का ऑडिट करना है, उसमें तगड़ी फीस उठाऊँगा.
मजा आ गया.
वाह ताऊ...खूब कथा सुनाई....अब तो जाइंट वेंचर का हाल जानने की खलबली मची है। सत्यम जैसे वेंचरों का हाल जान कर तो दिल वैसे ही खट्टा हो गया :)
ReplyDeleteहे ठग सम्राट -कहां से ऐसे ऐसे वृत्तांत ठगी करके ला रहे हो -नयी बोतलों में पुराणी शराब उड़ेलते जा रहे हो !
ReplyDeleteताऊ हम बता देते कि पहला शिकार कौन बना, सत्यम कंपनी का राजू। बेचारी पब्लिक को पता ही नही सारे झमेले कि जड़ तो यहाँ छुपा पूरी रामायण सुना रहा है।
ReplyDeleteक्यों ताऊ कैसे हो? ये RC क्या है? और भाटिया का उधार तो तन्ने चुकाना ही पड़ेगा, भई उनका भोलापन मन्ने बड़ा भा गयो है! मैंने अंडरवर्ड में फ़ोन घुमायो है, बस शूटर तन्ने ढूढ रहा है... वसूली तो करके रहेंगे, ग्राहक अधिकार तो बस टी. वी. पे चन्गो लागे है...
ReplyDelete---मेरा पृष्ठ
चाँद, बादल और शाम
ताऊ महान है।
ReplyDeleteताऊ आज की कहानी भी बडी मजेदार रही !
ReplyDeleteखुंटे पर तो आज मजा ही आ गया !
ताऊ! किसी को चेला बनाता है कि नहीं?
ReplyDeleteएक बार ट्राई कर के देखो।
ताऊ खूँटा फिर से गाढने का शुक्रिया !
ReplyDeleteपर यह क्या आप तो ब्लॉगरों पर ही हाथ साफ करने लगे . कोई उसूल तो रखो :)
सारी दुनिया को लूट लेने वाले जाइंट वेंचरों का पहला अड्वेंचर ताऊ ने ही शुरू किया होगा, इसमें कोई शक न रहा. खूंटा भी हमेशा जैसा ही ज़बरदस्त रहा.
ReplyDeleteघणी बधकी पोस्ट है ताऊ..
ReplyDeleteकोई ब्लॉगरो क़ी हत्या का बोल के डरा रहा है.. कोई उनको लूट रहा है... लगता है अब ब्लॉगिंग भी सेफ नही रही.. कलयुग आ गया लगता है.. विवेक भाई से पूछना पड़ेगा कौवे ने मोती खाया क़ी नही???
ताऊजी बहुत रोचक कहानि सुनाई है आनन्द से सराबोर हो गये
ReplyDeleteदेश की बागडोर ताऊ को सौंपनी चाहिए :)
ReplyDeleteये खूँटा भाटिया जी पर भारी पड़ा। और ताऊ के तो क्या कहने।
ReplyDeleteताऊ, अब आएगा मजा।
ReplyDeleteताऊ तुस्सी ग्रेट हो .अगले किस्त का इंतज़ार रहेगा........मस्त खूंटा रहा....
ReplyDeletesubah subah maja aa gaya kahani padhkar...aisi kahaaniyaan bachpan mein dadi sunaya karti thi.
ReplyDeleteबढ़िया है जी यह भी
ReplyDeleteताऊ जी ५ लाख अकेले ही हडप गये ये सही नही है, किसी को तो हिस्सेदार बनाया होता ..........भाटिया जी का नम्बर देना जरा हम भी कोई तिकड़म लगा कर देखें...."
ReplyDeleteregards
Tauji Aage ki post ka basbri se intzaar hai......
ReplyDeletebahut khoob
ReplyDeletesach men achchha lagaa
वाह, वाह! एक ब्लॉग दन्न से बना दीजिये -
ReplyDeleteताऊ और गोटू सुनार का ब्लॉग!
अकेले ताऊ के कारनामे जब ऐसे ऐसे हैं,तो जोइंट वेंचर में क्या क्या होगा...........बाप रे .....
ReplyDeleteपर इन्तजार रहेगा.
ये तो भाई इन्वेस्ट करने लायक वेंचर है... तगड़ा रिटर्न मिलेगा !
ReplyDeleteतभी मैं कहूं, भाटिया जी चुप-चुप क्यूं हैं।
ReplyDeletemaja aaya. ise kahte hain ek ser to dusara sawa ser
ReplyDeleteहे ताऊ!!!
ReplyDeleteभाई !! मन्ने तो आज मालूम चलया कि उड़नतश्तरी भी तोरे हथकंडे का शिकार हए!!
चला एक राज भाटिया भी कर डालो सहीद!!!
अब कित्थे नंबर जी!!
मन्ने तो माफ़ कियो ???
जाइण्ट वेंचर की फ्रेंचाइजी के लिए विज्ञापन हमारे ब्लाग पर दीजिएगा। सैंकडों की तादाद में ट्रेण्ड बीमा एजेण्ट आपको मिल जाएंगे-दनाक् से।
ReplyDeletezindagee mein hamsafar se thagee karoge,
ReplyDeleteto ab saath kaun degaa.
bhatiajee naa hans paa rahe hain ,naa ro paa rahe hain .
ab aap lautaao to aur log len.
tab tak intzaar kar lenge.
ताऊ और गोटू की राम मिलाए जोड़ी,
ReplyDeleteये जो भी करें, वो लगे थोड़ी।
ताऊ राम राम जी की, भाई आज तो बहुत भुंडी हुयी, आज जल्दी छुट्टी कर के घर आया, सोचा चलो सब को टिपण्णी दी जाये ओर पहेली बुझी जाये... ओर जब पहेली बुझनए के लिये सवाल ढुढने गया तो ससुरा विरुस घुस गया, ३, ४ घन्टे लडा, उठा के कई बार बाहर फ़ेका, लेकिन गया नही, फ़िर सारा लेपटोप द्र्वारा से इन्स्टाल किया, अभी पहली टिपण्णी आज की आप को दे रहा हुं, मेरे अन्दर भी सर्दी का वीरुस घुस ग्या लगता है, कल तक दोनो ठीक हो जायेगे, तब आप के गोटू सुनार की ओर ५ लाख की बात करेगे.
ReplyDeleteधन्यवाद
वाह, मजा आ गया। क्या तो गोटू सुनार और क्या ताऊ! लगता है राजू , सत्यम वाले, को ट्रेनिंग यहीं मिली थी।
ReplyDeleteघुघूती बासूती
मजा आगया ताऊ।
ReplyDelete