माननिय भाईयों, बहणों और बेटियो सबनै ताऊ की तरफ़ तैं सोमवार सबेरे की रामराम. आशा है नये साल का आनन्द लेकर, अब आप अपनी छुट्टियां बिताकर नये जोश खरोश से अपने काम धंधे से लग गये होंगे. अब आज आपका कार्यकारी दिवस है सो फ़टाफ़ट ये रिजल्ट देख कै काम धंधे पै लग ल्यो.
जैसा कि अति आत्मविश्वास मे होता है, शुभम आर्य सबसे पहले आये और गल्त जवाब देकर चलते बने. और उनकी लापरवाही ने उनको चौथे स्थान पर धकेल दिया.
इस पहेली की जगह के बारे मे हम यहां ज्यादा लिख कर समय खराब नही करेंगे क्योंकि ज्यादातर भाग लेने वाले वास्तव मे बहुत अच्छा विवरण लिख देते हैं.
सुश्री अल्पना वर्मा हमेशा की तरह विस्तृत विवरण के साथ आई. उन्होने विवरण देने के हमारे काम का बोझ हल्का कर दिया. ऐसा लगता है कि पहेली का जवाब देने की असली तकनीक वो जानती हैं. वो करीब तीसवें नम्बर पर कमेंट करने आई २.२९ PM पर. फ़टाफ़ट अपना जवाब लिखा और विस्तृत विवरण लिखने के लिये उन्होने २८ मिनट लिये. दुबारा २.५७ PM पर पूरा विवरण लिख कर कमेन्ट किया जो आप नीचे पढ सकते हैं.
हमारे अग्रज राज भाटिया जी की पहेली मे मार्क्स का सिस्टम नही है. वहां आपको सिर्फ़ तुरन्त जवाब देकर विजेता बनना है. पर यहां आपको मार्क्स मिल रहे हैं. ये मार्क्स किस तरह से आपको विजेता बना सकते हैं, यह आप आने वाले समय मे जान पायेंगे.
खैर, अभी तो आज के रिजल्ट घोषित करते हैं.
प्रथम विजेता : विवेक सिंह ...ताऊ जी यह अजंता की बौद्ध गुफा है . ये गुफाएं औरंगाबाद - जलगावँ रोड के उत्तर में स्थित विश्व धरोहर हैं .
घणी बधाई प्रथम स्थान के लिये. सर्वाधिक अंक प्रात किये १०१.
तालियां.....
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दुसरे पर हैं :Smart Indian - स्मार्ट इंडियन ...यह चित्र तो अजन्ता की गुफा में से है. विस्तृत जानकारी आज की प्रेमचंद की कहानी "नेकी" पोस्ट करने के बाद लेकर आऊँगा. तब तक के लिए इजाज़त.
प्राप्तांक : १००
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तीसरे पर हैं : दीपक "तिवारी साहब" ...अरे ताऊजी आप हमको जितवाते तो हो नही, अब हम क्यों बताये कि ये अजन्ता की गुफ़ाओं मे से एक गुफ़ा है. और इसके जो खम्बे दिख रहे है, इनको बजाओ तो मृदंग जैसी आवाज निकलती है. अब और कितना बताऊं? अब मुझे जितवा देना अबकी बार तो. :)
प्राप्तांक : ९९
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चौथे पर हैं : शुभम आर्य ...ताऊ कृपया मेरे उत्तर से भ्रमित न हों यह अजन्ता गुफा का दृश्य है | अजंता और एलोरा सामान्तया एक ही साथ नाम लिए जाने के कारण मैंने ऐसा लिखा था |
प्राप्तांक : ९८
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पांचवे स्थान पर हैं : अल्पना वर्मा ...बहुत से सही जवाब अब तक आ ही गए हैं--देर हो गयी...यह तो 'अजंता' की बुद्ध गुफा का चित्र है.[ Buddhist Caves of Ajanta.]
यह औरंगाबाद-जलगाँव में है.लोग एल्लोरा की गुफ़ाओं के आगे इन सुंदर गुफ़ाओं को भूल गए थे--लेकिन इन गुफ़ाओं1819 को ब्रिटिश शिकारियों ने ढूंढ़ निकाला था--
और अब ये विश्व धरोहर हैं.'Louvre of Central इंडिया' भी कहा जाता है-
प्राप्तांक : ९७
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छठवें स्थान पर : मुसाफिर जाट ...ताऊ रामराम,
भाई ताऊ, तड़की तो घणी गड़बड़ होगी थी. उसी टाइम तो नेट चला, अर मैं जा पहुंचा सीधे पहेली पर. जल्दबाजी में इसके जुड़वाँ भाई दिलवाडा का नाम बता बैठा, अर वो भी "पक्का" के ठप्पे से. अब बताता हूँ सही. अजंता.
सही तो बता दिया, नंबर दे या ना दे, जैसा तुम चाहो.
प्राप्तांक : ९६
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सातवें पर हैं : काजल कुमार Kajal Kumar said... \ अजंता अजंता / प्राप्तांक : ९५
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आठंवे स्थान पर : प्रकाश गोविन्द ...ताऊ !!!
फर्स्ट तो मैं कभी आ ही नहीं सकता
क्योंकि मैं अपने ऑफिस में रोज शाम
को ४ बजे आता हूँ ! तब ही इंटरनेट
का प्रयोग करता हूँ ! इसलिए नीचे से
फर्स्ट आना तय है !
सबसे पहले मैं वो लिंक बता रहा हूँ जहाँ से
आपको पहेली का जवाब और सारी जानकारी
मिल जायेगा !....................................
सही जवाब है - औरंगाबाद-जलगाँव में स्थित "अजंता की बुद्ध गुफा"
अंग्रेजी शासन काल में 1819 में इस अनमोल धरोहर की खोज की गई थी !
प्राप्तांक : ९४
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नौवें स्थान पर हैं : pintu ...ताऊ सबसे पहले रामराम!!!
ताऊ यह अजंता का बुद्द गुफ्फा का चित्र है!और यह महाराष्ट्र के ओरंगाबाद जलागोँ में है!
प्राप्तांक ९३
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और दसवें स्थान के आज के विजेता हैं rukka ...ताऊजी, ये बोद्ध गुफ़ा अजन्ता की है ना कि अजन्ता एल्लोरा की। अजन्ता एल्लोरा बोलने मे आता है, जब्कि दोनो मे करीब डेढ सौ किलोमिटर की दूरी है।
यह अजन्ता की गुफ़ा न. ७ है और मैने इसे पिछली बार बरसात मे ही देखा है।
हम लोग एक युर्रोपियन ट्युरिस्ट दल के पीछे लग लिये थे वहां गाईड ने रोशनी जला कर इस गुफ़ा का बडा अद्भुत नजारा दिखाया।
ज्यादातर लोग इसलिये भी इसे एल्लोरा समझ बैठे हैं क्योंकि अजन्ता इसकी दिवारों पर की गई नेचरल पेन्टिग्स की वजह से ज्यादा जानी जाती है, जब्की एल्लोरा अपनी मुर्तियो के लिये।
पर अजन्ता मे मुर्ति और पेन्टिन्ग्स दोनो है और एल्लोरा मे सिर्फ़ मुर्ती है।
अब बोलो ताऊ, मैं जीता की हारा। अगर हरवा भी दोगे तब भी ये अजन्ता की ही गुफ़ा रहेगी। :)
प्राप्तांक ९२
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ग्यारहवें स्थान पर आगये हैं विक्रांत बेशर्मा ...ताऊ जी,ये तो अजंता का चित्र मालूम होता है !!!!वैसे आपका खूंटा बहुत ही शानदार लगा !!!!!!!!!
प्राप्तांक ९१
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अधिकतर लोगों ने अजन्ता की जगह अजन्ता एल्लोरा जवाब दिया जो गलत हो गया और आज सिर्फ़ दस लोग ही विजेता रहे. आप सभी का हार्दिक धन्यवाद.
और अब निम्न महानुभावों का हार्दिक धन्यवाद जिन्होने इस पहेली मे भाग लिया और इसे सफ़ल बनाया.
वरुण जायसवाल , Vidhu . रंजन , PD , Arvind Mishra , दिनेशराय द्विवेदी , Ratan Singh Shekhawat , Tarun , makrand , नितिन व्यास , गौतम राजरिशी , संजय बेंगाणी , अजित वडनेरकर , रंजना [रंजू भाटिया] , Zakir Ali 'Rajneesh' , Pt.डी.के.शर्मा"वत्स" , सुशील कुमार छौक्कर . Amit , BrijmohanShrivastava , नीरज गोस्वामी , डॉ .अनुराग , राज भाटिय़ा , Osho 4 u , Harkirat Haqeer , योगेन्द्र मौदगिल , अशोक पाण्डेय , और दिगम्बर नासवा
आज ज्यादातर लोग देलवाडा की सैर करते रहे. कुछ ने एल्लोरा की सैर की और कुछ अजन्ता एल्लोरा दोनो की सैर करते रहने से गलत जवाब दर्ज करवा गये.
नीचे कुछ टिपणियां जो विषय पर काफ़ी ज्ञानवर्धक हैं.
अल्पना वर्मा ने बताया - जवाब दे पहले कमेन्ट में दे दिया है-और अधिक जानकारी इस प्रकार है- गुफाएं एक घने जंगल से घिरी, अश्व नाल आकार घाटी में अजंता गांव से 3½ कि.मी. दूर बनीं हैं। यह गांव महाराष्ट्र के [[औरंगाबाद शहर से 106 कि.मी. दूर बसा है। इसका निकटतम कस्बा है जलगाँव, जो 60 कि.मी. दूर है, भुसावल 70 कि.मी. दूर है। इस घाटी की तलहटी में पहाड़ी धारा वाघूर बहती है। यहां कुल 29 गुफाएं (भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग द्वारा आधिकारिक गणनानुसार) हैं. अजंता का मठ जैसा समूह है, जिसमें कई विहार (मठ आवासीय) एवं चैत्य गृह हैं (स्तूप स्मारक हॉल), जो कि दो चरणों में बने हैं। प्रथम चरण को गलती से हिनायन चरण कहा गया है, जो कि बौद्ध धर्म के हिनायन मत से संबंधित हैं- अजंता में ३0 बुद्ध गुफाएं हैं-जबकि एल्लोरा में १२ बुद्ध गुफाएं हैं. जबकि एल्लोरा बुद्ध गुफाओं के अलावा में मुख्य आकर्षण कैलाश नाथ मन्दिर है.इस में जैन गुफाएं भी हैं. |
कुछ मनोरंजक टिपणियां : -
ताऊ देलवाडा तो बहुत बार गया हुँ, पक्क ये नहीं हैं.. और रणकपुर भी नहीं है.. न ये सांची है.. वंहा भी हो आया हूं.. आपके आदेशानुसार अपना उत्तर और सपशट कर रहा हूँ.. ये ५-६ सदी में बनी एलोरा की गुफा है.. और प्रतिमा बुद्ध की है.. लेकिन ये सबसे मुश्किल पहेली थी ताऊ.. एक और बात बताऐं ताऊ.. आज मुंबई जा रहा हूँ.. सुबह ६ बजे का अलार्म लगा के सोया.. अलार्म बजा तो ब्न्द कर वापस सो गया.. सर्दी बहुत थी सोचा ७ बजे उठुगां.. १० बजे कि flight थी.. सोते हुऐ अचानक याद आया कि आज तो शनिवार है और ताऊ कि पहेली आई होगी.. तुरंत उठा और लग गया.. ये जबाब तस्स्ली से जहाज में बै्ठा लिख रहा हूँ.. १ घंटे लेट है.. ताऊ बहुत दिलचस्प होती है आपकी पहेळी.. पूरा पैसा वसूल.. |
मैंने अपनी पुराने अल्बम देख रहा था, जिसे देखकर यह दिलबाड़ा जैसा तो बिलकुल नहीं लग रहा है.. खैर मैं एक बात यहां जरूअर बताना चाहूंगा कि कोणार्क और दिलबाड़ा में बहुत समानता है.. दोनों का निर्माण भी लगभग एक ही काल में हुआ था और दोनों के ही कला में भी एक समानता रही है जो दोनों को देखने के बाद मैंने महसूस की थी.. :) |
ये 'ताऊ कौन' वाली पहेली तो सुलट लूं पहले अजंता एलोरा फिर चलूँगी... |
ताऊ यु शे तो अजंता और एलोरा की फ़ोटू, क्यो कि सामने ही बोद्ध खडे दिख रहे है, ओर आज तो मै घण्णा देर से आया, चलो २०. २८ के आसपास तो आ ही जायेगा. यु मेडम के का के चक्कर कर दिया, यु तो घणी पढी लिखी लागे, चल बढिया लगे हाथो इस का भी काम निवटा दिया. |
वाहवा....... क्या बात है महाराज... |
ताऊ, अब तक के जवाब बड़ा कन्फ्यूजियाने वाले हैं। वैसे, जब आप खूंटे पर जीजी के साथ जीजा बोल सकते हो तो हम शनीचरी पहेली में अजंता के साथ एलोरा क्यों नहीं बोलेंगे :) आप मार्क्स दो या ना दो, लेकिन जैसे जीजी-जीजा वैसे ही अजंता-एलोरा..इसमें गलत क्या है :)
आखिर आपकी सोहबत में कुछ ताऊगीरी करने का हक हमें भी तो है ही :) इब राम राम। नकल से कुछ अकल आयी तो शाम को फिर आएंगे पलटीमार जवाब के साथ :) |
अच्छा तो इब घणी रामराम. अगली पहेली म्ह फ़िर सैं पधारणा जी.
ताऊ आपका आशीर्वाद है तो हम तो जीतते ही रहेंगे |
ReplyDeleteधन्यवाद |
ताऊ
ReplyDeleteये गलत बात है कि मैं कुछ दिन छुट्टी पर क्या रहा, आपने तो पाईन्ट सिस्टम और न जाने क्या क्या शुरु कर दिया. अब मैं तो पिछड़ गया न??
क्या अब से जबाब देने लगूँ तो वो मार्क्स अनुपस्थित क्लास में एवरेज लगा दोगे (पहचान भी तो है-मैं तो पूछता भी नहीं कि ’ताऊ कौन’??)
बताईए?
ताऊ, म्हारी घनी राम-राम. जी थमने म्हारा दिल खुश कर दिया पहेली के विजेताओं में म्हारा नाम भी दाल के. सभी विजेताओं को म्हारी बधाई होवे दी. बाकी सबनै भी म्हारी राम-राम!
ReplyDeleteरुक्का जी ताईं न्यूज़ सै - यो सात नंबर ना सै भाई - यो सै १९ नंबर आली गुफा.
हम तो न भाग (ले) पाये इस बार, यह तो बड़ी आसान पहेली थी, जो जीता उसे शुभकामना! जो हारा लगा रह भाया कभी तेरा भी नम्बर आयेगा!
ReplyDeleteओह ताऊ मैं वहा होकर आया एक बार पर बता नही सका -सभी विजेताओं को बधाई !
ReplyDeleteताऊ कौन वाली पहेली का हल क्या हुआ?
ReplyDeleteताऊ, राम राम.. मजा आया. और पता चला की ये अजन्ता है..
ReplyDeleteलेकिन आज का खु्टा कहां है? :(
ताऊ विजेताओ को घणी-घणी बधाई ! इस पहेली के बहाने हमारा ही सामान्य ज्ञान बढ़ लिया !आभार !
ReplyDeleteसभी विजेताओं को ढेरो बधाईया , हमे आता नही था सो ग़लत भी नही बताया , कोई बात नही , अगले शनिवार फ़िर कोशिश करेंगे.
ReplyDeleteregards
हम तो आपके चिट्ठे पे आ ही नहीं पाए थे. मुआ नेट बहुत तंग कर रहा है. उत्तर तो मालूम था.हमें खुशी है की आप हमारी ऐसी धरोहरों के प्रति जागरूकता बढ़ाने में अपना बहुमूल्य योगदान दे रहे हैं.
ReplyDeleteताऊ रामराम,
ReplyDeleteपहली बात तो ये बता अक मेरिट लिस्ट जो बनाई है, वो किस आधार पर बनाई है? इसे चुपचाप अधिकतम प्राप्तांक से न्यूनतम की श्रेणी में बना. वर्णमाला के आधार पर अच्छी नहीं लगती.
दूसरी बात, तेरे निजी काम की है. कल हिमालय की ऊंची पहाडियों पर अच्छी बर्फ पड़ी है. उम्मीद है के एक दो दिन में निचली पहाडियों (जैसे कि मसूरी, नैनीताल) पर भी बर्फबारी हो जायेगी. इसलिए बोरिया बिस्तर बाँध के गर्म करता रह, पता नहीं कब बुलावा आ जाये.
विवेक जी को प्रथम आने पर बधाई.
ReplyDeleteशुक्रवार और शनिवार को यहाँ साप्ताहिक अवकाश होता है ,नेट पर आने का समय नहीं मिलता.
इस लिए जवाब देने में देर हुई.
चलिए फिर भी...पहले दस में तो आ ही गयी...लेकिन अभी भी पहले स्थान से कई अंक दूर हूँ..और कवर भी नहीं हो सकता!:(
शुभम को भी बधाई..उस के अंकों को काटना बड़ा मुश्किल है.ab sirf 'taau paheli certificate' par nazar hai...
-मैं ने अपने कमेन्ट में अजंता की गुफाओं को 'louvre of india ' कहा जाता है-लिखा है.
शायद कुछ जानना चाहते हों 'louvre' क्या है.
12 वीं शताब्दी में बना louvre कला म्यूज़ियम पेरिस में है.फ्रांस का राष्ट्रिय म्यूज़ियम है.वीनस की प्रसिद्द मूर्ति यही है.
फ्रांस सरकार के साथ ३० साल के एग्रीमेंट से अबू धाबी[यू ऐ ई ] में भी एक ऐसा ही नया louvre म्यूज़ियम २०१२ तक बनाने की योजना शुरू हो चुकी है.
abhaar sahit-
@ समीर जी
ReplyDeleteआप ताऊ के बारे में पूछना भी मत :) हमने ताऊ पर शक किया तो ताऊ हमें ही ताऊ सिद्ध अरने पर उतारू हो गए :)
@ ताऊ जी आज खूँटा क्या भैंस उखाडकर भाग गई ?
हम तो गलत जवाब दे बैठे। खैर अगली बार सही। अगली बार पहला नम्बर हमारा ही है?
ReplyDeleteजीतने वालों को बधाई ..हम तो फ़िर से फ़ेल हो गए :( अगली बार पास होने की कोशिश करेंगे..मेरिट तो अभी दूर है :)
ReplyDeleteताऊ राम राम। ये फुरसतिया भैया भली-चंगी बात कर रहे हैं। ताऊ कौन वाली पहेली का जवाब तो अब आ ही जाना चाहिए..नए साल में नया फोटू तो लगना ही चाहिए :) बहरहाल शनीचरी पहेली के सभी विजेताओं को बधाई।
ReplyDeleteजवाब जान तसल्ली हुई, हमारा शक सही था. मस्खरी खूँटा उखाड़ कर भाग लई दिख्खे..
ReplyDeleteताऊ मैंने भी तो पहेली में हिस्सा लिया था और मेरा कमेंट दिखाई भी नहीं दे रहा हालांकि मेरा उत्तर गलत था लेकिन मेरा कमेंट यहां पर चस्पा नहीं किया खैर कोई नहीं अगले शनिवार को फिर सही
ReplyDeleteसभी विजेताओं को हार्दिक बधाई
@मोहन वशिष्ठ
ReplyDeleteमोहन जी हमने आपकी शिकायत हमारे अकाउंट्स डिपार्टमैन्ट को फ़ार्वर्ड की थी. उनका जवाब आ गया है कि शनीचरी पहेली न.३ के सारे कमेन्ट पब्लिश कर दिये गये हैं और कोई भी कमेन्ट मोडरेशन के लिये बाकी नही है.
इस पहेली के निरणायक गणों के फ़ैसले के अनुसार यहां हार जीत से ज्यादा पहेली मे भाग लेना महत्व पुर्ण है और इसी लिये प्रत्येक भाग लेने वाले का नाम आभार स्वरुप जरुर मय लिंक के पब्लिश किया जाता है.
आप कृपया तलाश करे आपका जवाब किसी और ब्लाग पर चस्पा हो गया होगा. आप तसल्ली रखे कि नाम तो हर पार्टीसिपेन्ट का शामिल होता ही है और भाग लेने वाले को मिनिमम १ अंक भी दिया जाता है, जो आगे जुडता चला जाता है. और हमारा अकाऊंट्स विभाग इसका पूरा लेखा जोखा रहता है.
आशा है आप इस जवाब से संतुष्ट होंगे.
रामराम.
राम राम ताऊ, चलो अब तो कल आखरी छुट्टी शेष बची है, अब तो हर बार आप की पहेली मै सब से वाद मै ना आयेगा.
ReplyDeleteबहुत अच्छा लगा आप का यह पहेली पुछनां
अरे सभी विजेताओ को हमारी तरफ़ से बधाई भी ,ओर शेष लोगो को उम्मीद अगली बार जीतेगे, ओर होगे कामयाब
ReplyDeleteताऊ के नाम के साथ साथ अब उनका ब्लॉग भी एक पहेली बनता जा रहा है..
ReplyDeleteताउू जी,
ReplyDeleteएक बात तो म्हारे को पेहले से ही मालूम थी कि यो है तो गुफा ही...और गुफा तो पहले गुफा ही होवे है..अब नाम तो उसके मम्मी-पापा ने कुछ भी रख दिया हो रहवेगी तो गु फा ही।
...बस एक काम करना ताउ जी कि जिसने गुफा बताया उसे कम से कम सौ नंबर देकर इणाम-सिणाम तो दे ही देणा... चाहे नाम बताने वालों को कुछ फालतु मिल जामे तो कोई ऐतराज तो है नहीं।
हम तो भाई परीक्षा में बैठ ही नही पाये, और ट्रेन निकल गई.
ReplyDeleteअब अगली पहेली की आस लगाये बैठे है, प्लेटफ़ार्म पर...
ताऊ,लगता है और कुछ हो ना हो मुझसे, इन पहेलियों से फौजी का दिमाग घुटने से ऊपर की तरप्फ़ जरूर सरकने लगा है
ReplyDeleteअल्पना जी को बहुत-बहुत शुक्रिया इतनी जानकारी के लिये
और उनके प्राप्तांक का क्या जो छुट्टी पर थे? और आगे भी छुट्टी पर जाते रहेंगे तो वो तो ऐसे ही फ़ैल हो गए, उनके लिए कुछ अलग प्रावधान होना चाहिये !
ReplyDeleteताऊ मैं आपके जवाब से संतुष्ट हो गया हूं लेकिन एक बात और बताओ ना कि आपके ब्लाग से हमारी टीआरपी बढती है इसलिए अबकी बार जब भी पहेली बूझो पहले मुझे मेरे मोबाइल पर कोन्टैक्ट करना और चुपके से जवाब भी बता देना ताकि मैं पहले ही कमेंट कर दूं हा हा हा
ReplyDeletecan you email me: mcbratz-girl@hotmail.co.uk, i have some question wanna ask you.thanks
ReplyDeleteIt's a very Good website.Are you want to buy cheap led lights,lv shoes and live to cheap beijing hotels.
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