कल आप लोगो नै खूंटे पर पढ्या था कि गाम म्ह एक अन्ग्रेजी जा्णण आला बटेऊ (मेहमान) आया था और उसनै ताऊ तैं "more people in india live in villeges than cities" की हिन्दी पूछी थी ! और ताऊ नै बिल्कुल सही जवाब दे कै पूरे गाम की इज्जत राख ली थी !
इब राज भाटिया जी और योगिन्द्र मोदगिल जी ने गांव के चोधरी को कहा कि इस बटेऊ से सवाल पूछने का मौका ताऊ को भी दिया जाना चाहिये ! आखिर गांव की इज्जत का सवाल है ! चोधरी ने उनका एतराज मंजूर कर लिया !
बटेऊ की तो कुछ समझ नही आया कि आखिर तमाशा क्या है ? बटेऊ को यही समझ मे नही आया कि वो कैसे हार गया और ये ५ वीं फ़ेल छोरा कैसे जीत गया ! ले बेटा..और उलझ ताऊओं से !
गाम आलों का चौधरी बोला- भाई बटेऊ, तन्नै तो आज सवाल पूछ लिया ! और म्हारै गाम के छोरे ताऊ नै बिल्कुल सही जवाब भी दे दिया ! इब उसको भी तेरे तैं सवाल बुझनै का मौका देणा पडैगा ! कल दोपहर म्ह इसी चौपाल म्ह म्हारा छोरा ( ताऊ ) तेरे तैं सवाल बुजैगा अंग्रेजी म्ह और तन्नै जवाब देना पडैगा !
इब बटेऊ की वहां सुनने वाला कौन था ? वहां तो आस पास के गांवो मे ढिन्ढोरा पिट गया कि ताऊ नाम का छोरा घणी तगडी और भयानक अन्ग्रेजी का जानकार सै ! शहर तैं आए हुये बटेऊ को भी उसनै अन्ग्रेजी म्ह हरा दिया !
दुसरे दिन आसपास के गांवों के सब लोग चौपाल म्ह ठसाठस आकर जम गये कि आज गाम का छोरा गाम की नाक ऊंची करेगा ! जिस तरियां गाम म्ह डू डू ( कुश्ती का दंगल) भरया करै , उस तरियां का मजमा लाग ग्या !
अब ताऊ ने अपनी हरयानवीं अंग्रेजी ( हरयाणवी लहजे मे अन्ग्रेजी शब्दों का उच्चारण करते समय आधे स की जगह पूरे स का उच्चारण होता है - जैसे स्कूल को सकूल बोला जाता है ! ) मे उस बटेऊ तैं बूझ्या कि भाई बटेऊ तू मन्नै इसकी हिन्दी करकै बता :-
" सटुपिड सटुडेन्टस शुड नाट सटे एट द रेल्वे सटेशन" .*1
इब बटेऊ के कुछ समझ म्ह नही आया और उसने कहा कि भाई ये तो ताऊ तू अंगरेजी नही कुछ दुसरी भाषा ही बोल रहा है कुछ फ़्रेंच या रशियन ! तू अंग्रेजी बोल फ़िर मैं जवाब देता हूं तेरे को !
इब ताऊ बोला - बटेऊ पहले इसका तो जवाब दे ! बिल्कुल सोलह आने खरी इंगलिश बोल रया सूं मैं तो ! बटेऊ इब के जवाब देता ? बिचारा चुप ! उसकी सुने भी कौन !
बस इतनी देर मे भाटिया जी और मोदगिल जी ने .. ताऊ की जय बोलना शुरु कर दिया और सारे गाम आले बोलने लगे .. अरे म्हारै गाम का छोरा जीत गया रे..जीत गया !
इब ताऊ घणा जोश म्ह आकै बोल्या - "समार्ट मैन यू आर नाट समाईलिन्ग. इट मिन्स यू डू नाट सटेन्ड-अप टू माई सटेन्डर्ड. सो आई केन नाट सटे हेयर".*2
और ताऊ वहां से जाने लगा !
बटेऊ कुछ समझे तो जवाब देता ! बस ताऊ को गांव वालों ने जीते हुये पहलवान की तरह कंधे पर ऊठा लिया ! और योगिन्द्र मोदगिल जी भी घणे जोश म्ह आकै बोल्या -
"आवर ताऊ इज अंग्रेजी सपीकींग बोय" .*3
और ताऊ के बाबू को बोले - वाह भाई चोधरी .. आज तो तेरे छोरे नै घणे ही चाल्लै पाड दिये ! भाई तूने तेरे छोरे को इतना पढा लिखा कै पांचवीं फ़ेल करवा राख्या था तो आज गाम की इज्जत रह गी ! नही तो आज घणा नीचा देखणा पडता !
[अब ताऊ द्वारा बोली गई हरयाणवी लहजे की इन्ग्लिश का ट्रान्सलेशन]
*1. Stupid students should not stay at the railway station.
*2. smart man you are not smiling. It means you do not stand-up
to my standard. so, I can not stay here,
*3. our taau is angrejI speaking boy.
वाह ताऊ, सारे गांव की लाज रख ली. गजब अंग्रेजी है भई!!
ReplyDeleteखूंटे से में सेठ समझ रहा है कि ताऊ को फांस लिया..आगे आगे देखो, ताउ कैसा चूना लगाता है इस केस में भी. :)
ब्लागवाणी में ताऊ आप और ज्ञान जी बस आस पास हो ,और उधर उन्मुक्त जी डाग हाऊस में और तुम कालसर्प कोठरी में कैद हो गए हो ...अब आगे और माहानुभावों के साथ क्या कुछ होने वाला है जी घबरा रहा है !
ReplyDeleteताऊ आपकी मेहनत का भी जबाब नहीं .
ReplyDeleteबिल्कुल सोलह आने खरी ट्रान्सलेशन!!!!!!
ReplyDeleteआज ताऊ दांव मे चढा है !!!!!
ताऊ अंग्रेजी पसन्द आई।
ReplyDeleteजै राम जी!
कथानक सुंदर लगी. खून्टे पे तो किंग कोबरा है, ताऊ गले में पहना हुआ मिलेगा.
ReplyDeleteअरे यो बटाऊ कैन नेवर अन्दरस्टैंड ताऊलिश!
ReplyDeleteताऊ.. आपका तो खूंटा बवाल मचा देता है.. :)
ReplyDeleteभाई म्हारी समझ में तो दोनों ही अंग्रेजी आ गई पर बटेयु की खूब छीछर लीतर कर दी ताऊ ने. यो अपना ताऊ भी घना स्मार्ट से.
ReplyDeleteबडे अफ़सोस की बात है कि इतने ऐतिहासीक प्रकरण के गवाह बस दो ही ब्लॉगर हैं-राज जी और योगेन्द्र जी!
ReplyDeleteअगली बार से ऐसे किसी भी इवेंट की विडियो रिकॉर्डिंग करवा लिया करीए.हम ब्लॉगर भी ताऊ जी की जय जय कर लेंगे.
खूंटे पर पढ़ कर जाना कि आप के दुश्मन भी आस पास मंडराए रहते हैं.आप ने यह नहीं लिखा कि आप ने सौंप को मारा /भगाया/या दोस्ती कर ली??कैसे बचे??
सेठ बोला - अरे बेवकूफ़ो ! अंदर दो दो दुश्मन हैं ! आज उन दोनो मे से एक तो खत्म हो ही जायेगा ! घणे दिनो मे आज ताऊ मेरे दांव मे चढा है
ReplyDelete""हा हा हा हा ताऊ, सारे गांव की लाज ते थमने रख ली. पर ये कोणी बताया की थारा के होया ....थारी लाज मतलब थारी जान उस सापं से किसने बचाई.."
Regards
ऐसी अंगरेजी के सहारे अमेरिका को पछाड़ेंगे....ताऊ जिन्दाबाद. :)
ReplyDeleteअंग्रेज़ी को पछाड़ने की बधाई।
ReplyDeletetau ji ki angreji ko pranaam.
ReplyDeleteye shahari aise hi taav khaate hain ki angreji pata hai, ab jara hamare tau se ladkar dekhein
waah waah tau...aap na hote to gaaon ki izzat to gayi thi paani bharne. kya angreji bolte ho...ham to impress ho gaye :D
ReplyDeleteaur is baniya ke gale me sanp daal ke gaaon me ghumana, bada badmash hai.
वाह ताऊ आपने तो कमाल कर दिया ...
ReplyDeleteअब लगे हाथो ये भी बता दीजिये कमरे में क्या हुआ ?
ताऊ बहुत बधाई ! आप तो इन्ग्लिश कोचिन्ग क्लास शुरु करदो ! कितनी फ़न्नेखां लगती है आपकी हरयाणवी अन्ग्रेजी ? मेरी तो बहुत ईच्छा हो रही है !
ReplyDeleteअभी पिछले साल दो महिने अपने काम से गुड्गांव (हरियाणा) मे था पर ऐसी शानदार अन्ग्रेजी बोलते कोई नही मिला ! कितने रुपये लगेंगे ताऊ ? गम्भिरतापुर्वक !
बहुत बेहतरीन अन्गरेजी बोलते हो ताऊ !
ReplyDeleteऔर बिचारे बनिये के घर मे सही का सांप घुसा था या तुमने नौटन्की करके रबर का सांप घुसाते दिखा दिया था ?
जिससे तुम उसके घर मे घुस कर माल पर हाथ साफ़ कर सको !
अब तुम तो पीछे के दरवाजे से निकल लिये होगे माल पर हाथ साफ़ करके ! और बिचारे सेठ को मालूम पडॆगा तब रोयेगा सर पकड कर ! :)
पर आज तबियत खुश कर दी तुमने ! इसी बात पर तिवारी साहब का सलाम ले लो !
धमाल कमाल कर दिया आपने ताऊ जी ...खूंटा हमेशा ही चार चाँद लगा देता है आपके लिखे में :)
ReplyDeleteये तो अच्छा हुआ कि ताऊ ने गाँव की लाज रख ली। और देखना है कि आगे ताऊ क्या गुल खिलाता है।
ReplyDelete"समार्ट मैन यू आर नाट समाईलिन्ग. इट मिन्स यू डू नाट सटेन्ड-अप टू माई सटेन्डर्ड. सो आई केन नाट सटे हेयर"
ReplyDeleteताऊ आज सुनी घणे दिनो बाद सुपर हरयाणवी इन्गलिश तो ! मजे आ गये ! आपके बचपन और स्कूल के दिनो के किस्से भी सुणाते रहो !
@ खूंटे पै पढो :- आप तो जानते हैं कि ताऊ तो बेचारा निहायत ही शरीफ़ किस्म का आदमी है, किसी का दुख उससे नही देखा जाता सो ताऊ बोला - सेठ जी आप चिन्ता ही मत करो ! मैं जाता हूं घर के अन्दर मेरा लठ्ठ ले के ! उस सुसरे सांप को निकालता हूं बाहर !
ReplyDeleteताऊ आप इतने सीधे कब से हो गये ? जरुर दाल मे कुछ काला है ! ति्वारी साहब वाली बात ही सही दिख रही है मुझे तो ! :) अब ताऊ तो क्या , लगता है बिचारा बनिया फ़ंस गया ताऊ के धक्के पे ? :) ताऊ उसका माल पार कर देगा अन्दर ही अन्दर !
Tauji Angrezi ka thora gyan mujhe bhi dijiyega.
ReplyDeleteवाह ! आनंद आ गया......यह हुई न हमारी देसी अंग्रेजी......
ReplyDeleteहम हिन्दुस्तानी तो किसी भी भाषा और संस्कृति को अपना बना लेते हैं........चाहे वो अंग्रेजी हो या अंग्रेजियत.
ख्होंते की अगली कड़ी का बेसब्री से इन्तजार रहेगा.
आगे आगे देखो ताऊ किस किस को पछाडता है।
ReplyDeleteवाह! अपने शब्दों के सफर वाले ब्लग लायक पोस्ट है! ताऊ ने लगता है पार कर ली! :)
ReplyDeleteताऊ पाँव लंगू सू आज तो ....आज तैने पूरे गाँव की लाज रख ली.....ओर खूंटा भी जोर से गाडा से!....
ReplyDeleteताऊ आज तो गजब की दी मगज पर आपने ! भाई अगर ऐसी अन्ग्रेजी सब सीख जाये तो अन्ग्रेज तो साले आत्महत्या कर लेते ! जय हो हरयाणवियों की ! आनन्द आ गया आज तो !
ReplyDeleteसही मे आपका कोई तोड नही है !
घणी चोखी गरेजी झाड्या ताउ :) वैसे आपके द्वारा पोस्ट लिखने से पता चल रहा है कि साँप ही मरा होगा वरना आप पोस्ट क्यों लिख पाते :)
ReplyDeleteअच्छी सर्पिल पोस्ट।
वाह ताऊ वाह घणो बढिया सै। मजा आ गया ताऊ इब तो मैं बी हरियाण्वी सिखणै लाग गियो। जीओ ताऊ जीओ
ReplyDeleteको नहिं जानत है जग में कपि संकटमोचन नाम तिहारो :)
ReplyDeleteताऊ! सम्भल के सटेट करो वर्ना आपकी सट्रेटजी सटक के दूसरे के पाले में चली जाय।
ReplyDeleteताऊ हमारा जिन्दावाद अग्रेजी बोल कर भारत की शान भी बढा ली.सेठ का कोई डर ही, जब भी दरवाजा खुलेगा एक दुशमन से तो मुकवला पक्का, अब यह सेठ गया दाम से....
ReplyDeleteजै हुई ना बात -ताउजी --
ReplyDeleteकोपी राइट करवा लेँ :)
"ताउ" नाम का भी -
देखना आनेवाले दिनोँ मेँ ये नाम
बहुत मशहूर होगा
शुध्द अंग्रेजीदां की तलाश एक लम्बे समय से कर रहा था । आज वह पूरी हो गई ।
ReplyDeleteबन्द कमरे में सांप ने क्या कहकर जान बचाई ? जरा तफसील से बताइएगा ताऊ
गजब ताऊ गजब. सेठ तो बिचारा गया काम से.:)
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