उपरोक्त चित्र आपके लिये हिन्ट है ! यह भेडों का झुंड है और इनका मालिक कार के आगे से इनको हटा कर रास्ता बना रहा है ! दो बच्चे कार से उतर कर इस झुंड के बीच चले गये हैं !
अब नीचे के चित्र को देखिये :-
गडरिये अपना सामान ढोने के लिये अपने रेवड के साथ गधे और ऊंट रखते हैं ! अब आपको सिर्फ़ इतना बताना है कि गधे की पीठ पर बंधी हुई पोटली मे क्या सामान है और ये पीछे वाला बच्चा इस पोटली मे हाथ डाल कर क्या निकाल रहा है ?
है ना बिल्कुल आसान सवाल ? तो फ़टाफ़ट जवाब दिजिये ! और प्रथम तीन विजेताओ को भाटिया जी की तरफ़ से शानदार गिफ़्ट हैम्पर का वादा है !
इब खूंटे पै पढो :- ताई : रात को तुम इतनी शराब पी गये कि तुमको गटर मे से निकलवा कर लाना पडा ? ताऊ : अब क्या बताऊ डार्लिन्ग ? सब गलत संगत का असर है ! चिल्लाते हुए ताई बोली : गलत संगत को दोष मत दो ! तुम बहुत ज्यादा पीने लगे हो ! ताऊ : अब देखो ना , कल कितनी ना-इन्साफ़ी हुई कि हम चार दोस्त और हमारे बीच मे एक बोतल ! और वो तीनों ही कमबख्त शराब नही पीते थे ! |
अब आपने भी "पहचान कौन?" शुरु कर दिया?
ReplyDeleteहम तो प्रतिभागी नहीं है जी।
गधे की पीठ पर धरे को चीन्हने में फ़ेल।
ताई ने लट्ठ भी तो नही जड़ा न ? ताऊ पर बोतल असर कर जाए ये मान नही सकता बोतल पर ताऊ का असर जरूर तारी हो गया होगा -जो भी हो ब्रांड को तो दाद देनी ही होगी ! और गधों का गट्ठर तो मुझे उन लागे है !
ReplyDeleteताऊ जब थम ये फ़ोटो ले रे थे तब मै थारे पास ही खङा था । भूल गये मै आपका गांव वाळा ही हूं । ये भेङे भी मेरी सै हा हा हा हा मालिक सूं तो बता सकूं हू ना कि इसमे बच्चा क्या निकाल रहा है । यह लङका इसमे भेङ का बच्चा निकाल कर देखना चाहता था । इनाम दे या न दे ये आपकी मर्जी देगें तो पक्षपात का आरोप लगेगा ना देगे तो आप झूठे ह्जो जायेगें । फ़ंस गये ना ही ही ही
ReplyDeleteताऊ आपकी संगत तो वाकई गलत है :)पहेली आपकी गिफ्ट बाँटें भाटिया जी ये तो वही बात हो गई कि ......
ReplyDeleteवाह ताऊ पहेली ख़ुद पूछ रहो हो और विजेताओं को गिफ्ट हेम्पर की नमाज भाटिया जी के गले में !
ReplyDeleteगठरी में भेड़ों के छौने हैं वह बच्चा उसको स्पर्श करने के लोभ को नही रोक पाया ! ऍम आई राईट ताऊ?
ReplyDeleteमेमने के बच्चे
ReplyDeleteभाई साहब, यह सवाल तो घना आसान है -
ReplyDeleteप्रश्न १. पोटली मे क्या सामान है
उत्तर १: पोटली में वही सामान है जो बच्चा हाथ से निकाल रहा है.
प्रश्न २. बच्चा इस पोटली मे हाथ डाल कर क्या निकाल रहा है ?
उत्तर २: बच्चा इस पोटली में से वही निकाल रहा है जो पोटली में है.
क्या कहा - मेरा उत्तर डिसक्वालिफाइड? चलिए, तो फ़िर एक और उत्तर है - मेमने
इब इस उत्तर नै टाइगर मेमन न समझें!
इब खूंटे पै: इब संतों की संगत मैं तो इस किसिम के हादसे हुआ ही करें सें ताऊ!
ReplyDeleteताऊ! कहाँ गलत संगत में पड़ गए। जरा साथी ढंग के तलाश लो जो बोझा बांट सकें।
ReplyDeleteताऊ जी देखने से तो लग रहा है कि भेड़ के बच्चे होंगे इस गठरी में लेकिन यह तो दृष्टि भ्रम है.
ReplyDeleteभेड़ वाले का सामान उन वून होगी.या उसी से बना सामान.
खैर,बच्चे तो बच्चे हैं..उन्हें नयी चीज़ को जानने की हमेशा curiosity रहती है बस उसी के चलते
ताका-झांकी सी कर रहे हैं. और या तो मम्मी ने कहा होगा बेटा ऐसे पोज़ बनाओ.तो वैसे ही पोज़
बना कर फोटू खिंचवा रहे हैं.वैसे जो भी हो गठरी में हमें क्या!
बच्चे मुस्कराते हुए बडे अच्छे लग रहे हैं.
[ संगत का असर--
ताऊ जी ,ताई जी भी बड़ी भोली हैं खूब बनाते रहते हैं आप उनको!
ये अच्छी बात नहीं है!]
ReplyDeleteदेख भाया अरे.. सारी सारी सारी
देख ताऊ, गधा तो मैं हूँ.. समझ्या के नहीं
और उसके पीठ पर पोस्ट लदी पड़ी है
पीछे बच्चे के वेष में तुम हो..
जो मेरे पोस्ट पर आने से पहले ही..
टिप्पणियाँ सरकाये लिये जा रहे हो !
अब लाओ इनाम ?
अल्पना वर्मा जी विजेता, भाटिया जी गिफ्ट हैम्पर दें।
ReplyDeleteताऊ क्यों बच्चो को बेवकूफ़ बना रहे हो ? गधे पर पोटली मे साफ़ ऊन भरी दीख रही है !
ReplyDeleteजरा सी अक्ल की बात है कि गडरिये भेड ऊन के लिये पालते हैं तो पोटली मे ऊन ही रखेंगे ! पोटली मे आपको या मेरे को तो रखने से रहे ? :)
इस पोटली मे ऊन के गोले हैं इसमे पूछने जैसी कोई बात ही नही है !
ReplyDeleteबस भाटिया जी से गिफ़्ट हैम्पर भिजवा दो आप तो !
गधे पे क्या है, अगर न पहचान पाये तो क्या खूंटे से बन्धना पड़ेगा!
ReplyDeleteपर आप बता ही दीजिये।
(रीता पाण्डेय की टीप - ऊन निकाल रहा है बच्चा।
ताई : रात को तुम इतनी शराब पी गये कि तुमको गटर मे से निकलवा कर लाना पडा ? और ताई ने थुरा नहीं?)
naa ji.. hame to nahi maloom.. :)
ReplyDeletebahut dino se ye paheli dkeh raha tha, ab jaldi se uttar mil jave to majja aa jave.. ;)
गधे पर लदे बकरी के बच्चों से छेड़खानी हो रही है.
ReplyDeleteनगर निगम पर केस होना चाहिये। जगह-जगह गटर बना दिये हैं। भले आदमी खा-पी कर ढंग से घर भी नहीं पहुंच पाते।
ReplyDeleteऊपर से ठंड में नहाना पड़ता है, नहीं तो घरवाली अंदर ना घुसने दे।
श्रीराम-श्रीराम, भले लोगों का तो जीना मुश्किल हो गया है।
ताउजी मैं तो ये सोच कर हैरान हूँ की ताई ने इस बार सिर्फ़ वार्निंग दी, लट्ठ क्यों नही जमाया !!!!!!!!!
ReplyDeleteमलूम तो हमें भी नहीं है .
ReplyDeleteगधों की पीठ पर बकरी के बच्चे हैं जिनके काले कान बाहर लटक रहे हैं. वह लडका शायद एक बकरी के कान को छुये खडा है.
ReplyDeleteक्या है पता नहीं पर ये फोटो साईड में टगें थे.. आज बीच में आ गये.. बस.
ReplyDeleteमैं यद्यपि ऐसे ही परिवेश से आया हूं किन्तु फिर भी पहचान नहीं पा रहा हूं कि बच्चा पोटली में से क्या निकाल रहा है ।
ReplyDeleteमुझे तो वह ऊन भी नहीं लग रही ।
ताऊ, बकरी के बच्चे तो हो नही सकते?? क्योकि सारी बकरियां सफ़ेद ( गोरी) है तो काले बच्चे कहा से आ गये.... हो ना हो यह जरुर कुछ है जो..
ReplyDeleteमुझे तो लगता है शराबी ताऊ को ही लाद रखा है, ओर यह दोनो बच्चे तो १००% ताऊ के है ( २०, २५ साल ) पहले की फ़ोटो है,ओर पीछे पीछे ताई लठ्ठ ले कर आ रही है, ओर बच्चे अपने बाप की हालत देख कर उसे प्यार कर रहे है, उसे तस्स्ली दे रहे है.
भाई कोई भी जीते, ईनाम जब ताऊ ने बोल दिया तो हम देगे, लेकिन जो भी जीता उसे ईनाम लेने हमारे यहां आना होगा.ईनाम है बबेरिया की सब से मशहुर बीयर का एक बडा पकेट( डाला) जिस मे २० बियर होती है, ओर वजन भी १५,२० किलो के आसपास होता है.
ताऊ! मणै तो गठरी मै भेडां/बकरियां की खाल दिखै सै.
ReplyDeleteअर एक नसीहत दयूं के घणी दारू नी पिया करदे.
नसेडियां वास्तै अपणे कानी कहावत बी है के.
"भांग मांगै भूगड़ा, सुल्फा मांगै घी - दारू मांगै खोंसड़ा, थारी खुशी पड़ै तै पी"
भेङ का बच्चा!!!!!!
ReplyDeleteप्राइमरी का मास्टर का पीछा करें
आज रात को दस बजे रिजल्ट बता दिये जाय़ेंगे ! अब भी आपको अगर सन्देह है तो अपने उत्तर चेक कर लिजिये !
ReplyDeleteज्यादातर जवाब ऊन और भॆड का बच्चा के रुप मे आये हैं !
अब स्पष्ट हिन्ट ये है कि पहला जो सही जवाब आया है उस ब्लागर भाई के गांव की ही ये तसवीरें हैं बस इससे ज्यादा कुछ नही कहना !
तो इब मिलते हैं रात दस बजे ! तब तक राम राम !
"ताऊ जब थम ये फ़ोटो ले रे थे तब मै थारे पास ही खङा था । भूल गये मै आपका गांव वाळा ही हूं । ये भेङे भी मेरी सै हा हा हा हा मालिक सूं तो बता सकूं हू ना कि इसमे बच्चा क्या निकाल रहा है । यह लङका इसमे भेङ का बच्चा निकाल कर देखना चाहता था । इनाम दे या न दे ये आपकी मर्जी देगें तो पक्षपात का आरोप लगेगा ना देगे तो आप झूठे ह्जो जायेगें । फ़ंस गये ना ही ही ही"@नरेश सिह राठौङ
ReplyDeleteताऊ आपकी हिंट के हिसाब से ही फ़िर कहूँगा भेंड के बच्चे!!!!
प्राइमरी का मास्टर का पीछा करें
ताऊ जी राम राम
ReplyDeleteये तो नया रुप है आप भी पहेली पूछने लगे वैसे मुझे लगता है पहली फोटो में जो भेङे हैं वो सबकी सब टकली है जैसे कि उन्हें नाई की दुकान से लाया जा रहा हो और दूसरी फोटो में उन भेङों के बाल(ऊन)हैं जिन्हें गधे की पीठ पर लाद रखा है।
मेमने.
ReplyDeleteकिसी ने इन्हें बकरी का बच्चा कह दिया। कैसे भाई? ‘भेंड़’ चराने वाले ‘बकरी’ का बच्चा कहाँ से पाएंगे? ऊन का गोला यहाँ कैसे आ सकता है? भेंड़ों के बाल जिन्हें ऊन या कम्बल बनाने वालों को बेचा जाएगा, गड़ेरियों के खाने-पीने व ठहरने का सामान और भेड़ो के नवजात बच्चे जो लम्बी दूरी तक चल पाने लायक अभी नहीं हुए हैं। यही सब तो ढोने के लिए गधे या खच्चर को पाल रखा होगा। चित्र में ये सभी आइटम हो सकते हैं।
ReplyDeleteमैं देर से पहुँचा इसलिए ईनाम तो गया हाथ से। लेकिन सान्त्वना पुरस्कार जरूर मिलना चाहिए।