कल दोपहर बाद की बात है ! घर सैम के हवाले करके हम सब घरवाले बाहर गए थे और शाम को ४ बजे हम वापस आए तो देखा की सैम साहब पड़ोसी बालानीजी के फिरंगी कुत्ते ( शुद्ध जर्मन शेफर्ड ) के साथ बाहर बैठा शाम की चाय पी रहा था !
हमे ताज्जुब हुआ ! क्योंकि सैम को हमने लिया तो फिरंगी समझ कर ही था पर पता नही कैसे एंग्लो इंडियन निकल गया ! जब तक उसकी जात मालुम पडी तब तक उसे वापस करने के बजाए उससे प्रेम हो गया !
अब सैम इतना चालु क्यों है ये आप सबको समझ आ गया होगा ! क्योंकि दोगली नस्ल का है ! पड़ोसी का कुता बीनू ख़ुद को उंची नस्ल का समझ कर सैम से बात कम ही करता था ! क्योंकि वो भी नस्ल भेद को मानकर ऐंठा रहता था ! सो आज स्वाभाविक रूप से हमको ताज्जुब होना ही था !
हमने चुपके से आकर उनकी बातें सुनने की कोशीश की ! उन दोनों में कुछ यो बातें हो रही थी !
बीनू - यार सैम भाई , मैंने सुना है की यहाँ के नेता तो बहुत ही खतरनाक हैं ! कितने ओछे हैं ! नारायण राणे ने कैसी कैसी दोगली बातें की ? सुना तुमने ? जिस हांडी में खाया उसी को फोड़ने लग गया सत्यानाशी कहीं का !
सैम - हाँ यार सुना तो मैंने भी है ! उसको सी.एम्. नही बनाया तो बिलासराव देशमुख पर इल्जाम लगा दिया की आतंकी हमले का दोषी भी बिलास राव है !
अभी तक तो आतंकी हमलो की तेरहवीं भी नही हुई है और ये हमारी तरह लड़ने लग गए हैं ! सैम ने चुटकी लेते हुए कहा !
बीनू बोला - सैम भाई माफ़ करना , अभी तक मैंने तुमसे ठीक व्यवहार नही किया पर आइन्दा ऐसा नही करूंगा ! तुम मेरे बड़े भाई हो आज से !
सैम ने समझ लिया की ये साला अमेरिकी फिरंगी है ! आज इसकी जान आफत में आई है तो मेरे पास आया है ! वरना मेरे को हमेशा देशी कह कर मखोल उडाता था !
मुझ देशी पर रोज अत्याचार होते रहे पर ये ससुरा हमेशा ही मेरे ख़िलाफ़ माहोल बनाता रहा ! जैसे अब अमेरिका को भारत के पक्ष में झूंठे आंसू बहाते देखा जा रहा है !
अब बीनू बोला - यार सैम भाई , इन नेताओं की तो क्या बताऊ ? एक तरफ़ कुर्सी के लिए लड़े जारहे हैं ! दूसरी तरफ़ जो शहीद हो गए उनको "अ"हटाकर जी ने खुले आम गालिया दी ! कोई कुछ नही बोला !
आर आर पाटिल ने कह दिया की ५००० हजार की जगह हमने दौ सौ लोग ही मरने दिए ! कितना बड़ा काम किया ? उसका कोई इनाम तो भाड़ में गया उल्टे स्तीफा देना पड़ गया !
लो बोलो ! इनको तो टाडा में अन्दर करना था ! सिर्फ़ स्तीफा ही लिया ! जहाँ के नेता और सरकार इतनी निक्कमी हो मैं तो वहाँ अब एक पल भी नही रह सकता !
सैम बोला - यार बीनू भाई अब कहाँ जाओगे ?
बीनू बोला - मैं तो मेरे वतन बिलायत वापस चला जाउंगा ! वहाँ कम से कम कद्र तो है ! वहाँ की सरकार कुछ करती तो हैं ! यहाँ तो आदमी और कटने वाले बकरे में कोई फर्क ही नही है !
कितने लोग बेमोत मारे गए ? उनकी शहीदी को प्रणाम करना तो दूर उल्टे "अ"हटाकर सरीखे नेता उनकी शान में गुस्ताखी करते रहे और कोई यहाँ बोलने वाला नही है !
अब सैम थोडा तैश में आके बोला - यार तू अंग्रेज की औलाद हो रहा है तो जा वहाँ कौन सा तेरे को परमवीर चक्र मिल जायेगा ? अरे जनता तो यहाँ की हो या वहाँ की ! उसे तो नेताओं के हाथ जलील ही होना है !
अब बीनू गुस्से में आगया और बोला - बस सैम भाई बस ! अब बहुत हो गया ! यहाँ की जनता और वहाँ की जनता में बहुत फर्क है ! तुम्हारी मुम्बई में इतने लोग मर गए और तुम्हारी सरकार ने उनको बेईज्जत करने के सिवाए कुछ नही किया !
वो तो ख़ुद ही कुर्सी की लड़ाई लड़ रहे हैं उनको आतंकवादियों को रोकने की या जनता की चिंता करने का समय ही कहां मिलता है ?
और एक तरफ़ इजराईल को देखो !
अब सैम ने नजर तीखी करते हुए पूछा - बीनू , तेरा दिमाग तो नही खिसक गया ! अब ये इजराइल कहाँ से आगया ?
बीनू कटाक्ष पूर्वक बोला - अरे तुमको इजराईल नही दिख रहा है इसी से मालुम पड़ता है की यहाँ के "अ"हटाकर जैसे नेता जनता को सिर्फ़ भेड़ समझते हैं और कुछ नही !
थोड़ी तेजी से बीनू बोला - तुमको मालुम है मोशे जब अपने मृतक मा बाप की लाशो के बीच खून में सना बैठा था तब उसकी आया सैन्ड्रा सेम्युअल जो स्टोर रूम में छुपी बैठी थी !
उसने जब नन्हे मोशे की रोने की आवाज सुनी तो चलती गोलियों में उसको उठाकर सुरक्षित बाहर ले आयी ! और इस काम के लिए इजराइल सरकार ने सैन्ड्रा को इजराईल के सबसे बडे सम्मान से नवाजा !
और यहाँ शहीदों और मृतकों का अपमान करने के सिवाए इन नेताओं ने क्या किया ? कितनो को सर्वोच्च सम्मान दिया ? यहाँ भी ना जाने कितने मोशे जैसो की जान बचाई गई !
अब सैम भी बीनू फिरंगी के मुंह की तरफ़ देखे जा रहा था ! और मेरे भी कान सुन्न हो गए थे !
सत्य वचन महाराज! हमें भी इस्राइल से कृतज्ञता का पाठ सीखना चाहिए!
ReplyDeleteताऊ क्या कहें यहाँ के नेताओं के बारे मे ये एक कलर्क का काम सही तरीके से नही कर सकते और बन जाते है मंत्री,क्या खाक आतंकवाद के खिलाफ कदम उठाएंगे,हर नेता एक दुसरे को निचे दिखाने और उसकी कुर्सी छिनने के चक्कर के फेर में ही लगा रहता | इन्हे देश और जनता से क्या लेना देना | ये सिर्फ़ बयान दे सकतें है और वो भी इन्हें देने की तमीज नही है | यदि तमीज सीखी होती तो अ हटाकर जैसे नेता ने वो बयान दिया होता ?
ReplyDeleteसैम और बीनू फ़िरंगी की खुसुर-फ़ुसुर को आपने यहां सबको बता दिया। अब जब उनको पता चला तो कैसे लगेगा?
ReplyDeleteताऊ आपकी तरह सैम भी ज्ञानी होता दीख रहा है
ReplyDeleteसिर्फ "अ" हटाने से काम नहीं होगा, पूरा ही हटाना होगा इन दो पायों के कुत्तों को. कोई मेरे देश को इन नेताओं से आजादी दिला दो!
ReplyDeleteकेवल सैम की बोलती ही थोडे बन्द हुई ताऊ ? उसके साथ तो बहुमत है ।
ReplyDeleteअरे ताऊ, ये क्त्तों की बात पर क्यों जाते हो। यहां की जन्संख्या देखो- एक मोशे था, सो तमगा मिल गया यहां तो गल्ली-गल्ली मोशे है - अब तम्गे बांटने लगे, तो सरकार नंगी हो जाएगी।
ReplyDeletebahut sahi likha tau ji binu firangi ki baat bhi to sach hai na,ek apni sarkaar aur ek israel ki bashinde,aasman aur jammen ka farak.kitni burabhala kahe neta ke kaan band hi rahenge.
ReplyDeleteश्वानों का संवाद सुंदर लगा. हमें उनसे ही सीख लेनी चाहिए.
ReplyDeleteताई को जन्मदिन की बधाई... कल मोमबत्ती जलानेवालों के डर से नहीं दिया, इसलिए आज दे देते हैं।
ReplyDeleteबाकी, सैम और बीनू की बातें सुनकर मेरा मन भी उनसे बतियाने को करने लगा।
इब राम राम।
सैम और बीनू की फ़ुस्फ़ुसाहट काश चहुँ दिस फैले....
ReplyDeleteबिना अ के असरदार भी सरदार हो जाता है।
ReplyDeleteइन नेताओं में तो अब जंग लग चुका
ReplyDeleteआओ मिलकर खुद ही जंग लड़े हम।
नेताओं के गुणगान करने को लगता है आपने अपनी भैस बेच दी है। सैम बहादुर को ले आये हैं उसकी जगह। :)
ReplyDeleteठीक है, पर दूध का इन्तजाम का क्या किया है?
अरे ताऊ यह अमेरिका किसी क नही हुआ, ओर ना होगा, इसे तो अपने हत्यार बेचने है, हम जाये भाड मै......
ReplyDeleteहम कब तक पाठ सीखते रहेगे ?अब तो पक्के सबूत भी मिल गये,अब ईन्तजार किस बात की मरना सब ने है,लेकिन झुक कर बेइज्जत हो कर मरने से अच्छा है इज्जत की मोत.... अभी हम मै गेरत है, नेताओ मे ना थी ओर न होगी यह गेरत.
एक दिन आप सेम को मनमोहन जी से मिलवा दो . :)
धन्यवाद
ताऊ बहुत खूब
ReplyDelete.पहले कुते को इंसान का वफादार सेवक तथा रक्षक समझा जाता था,किन्तु शनै: शनै: इनकी 'कुत्तापंती' का ऎसा विकास हुआ कि आज इनकी रक्षा का दायित्व मनुष्य जाति को सौंपा जाता है.
गली गली मोशे हो तब हरेक बालक को सम्मान और सँरक्षण और प्यार देकर बडा करो तब वही सही तमगा होगा - इन्सानोँ को अक्ल अब चौपायोँ से उधार लेनी होगी क्यूँ ताऊ जी ? सही कहा ना ...?
ReplyDeletesatik vyangya kiya hai taau. saam aur beenu hamare netaon se jyada akalmand hain. badhai ho aapko itna accha kutta mila hai.
ReplyDelete