सरदी की धूप सेकने बाहर बैठा हूँ ! अखबार भी देखते जारहा हूँ ! पास ही अपनी बेंत की कुर्सी पर सैम बडे मनोयोग से अखबार में खोया हुआ है काफी देर से !
मैंने पूछा - सैम भाई , क्या बात है ? आज बड़े डूब कर अखबार पढ़ रहे हो ?
सैम - हाँ ताऊ , कुछ पुरानी यादे ताजा हो आई ! आज के फोटो में फ़िल्म स्टार धर्मेन्द्र का फोटो छपा है वही देख रहा था !
मैंने कहा - यार अब ये धर्मेन्द्र से कौन सी रिश्तेदारी हो गई तुम्हारी ?
सैम बोला - ताऊ मैं तुम्हारा कुत्ता बना उसके पहले कभी धर्मेन्द्र का कुत्ता भी हुआ करता था !
मैंने आश्चर्य से पूछा - वाह यार , फ़िर तो तुने हेमामालिनी को भी देखा होगा ? इशा आहना सबको देखा होगा ?
सैम बोला - ताऊ उस घर में तो मैं कभी कभी ही जाता था ! मेरी ड्यूटी तो बडे घर पर होती थी !
मैंने कहा - फ़िर तू वहाँ से छोड़ कर यहाँ मेरे पास क्यूँ आगया कड़के ताऊ के पास ?
सैम बोला - ताऊ आपके पहले तो मैं एक "अ"हटाकर नामक नेता के यहाँ भी रह आया !
मैंने सोचा , आज सैम कुछ ज्यादा ही लम्बी छोड़ने के मूड में है ! सो मैंने कहा - तो फ़िर नेताजी को क्यों छोड़ आया ? वहाँ तो तेरे बडे मजे रहे होंगे !
सैम बोला - ताऊ, धर्मेन्द्र पापाजी वैसे तो ठीक थे पर जब चाहे किसी को भी मेरे नाम की गालिया देते थे ! कुत्ते.... तेरा खून पी जाउंगा...कुत्ते..... तेरी हड्डियां तोड़ डालूँगा...आदि आदि !
मैंने पूछा - फ़िर -?
सैम बोला - फिर क्या ! पापाजी तो बुजुर्ग थे सो मैं उनको तो बर्दाश्त भी कर लेता था ! फ़िर सन्नी , जिसको मैंने गोद में खिलाया था , वो भी बड़ा होकर ऎसी ही गालियाँ देने लगा .. कुत्ते ...कमीने... तेरा खून पी जाउंगा ....तब मैंने समझ लिया की दोष पापाजी का ही है जो बच्चो को कुत्तो का खून पिलाने की आदत डाल दी !
अब मुझे गहन इंटरेस्ट आने लगा सो मैंने शोले में जैसे जगदीप लम्बी लम्बी छोड़ रहा था तब जय और वीरू उससे पूछते हैं उसी स्टाईल में मैंने पूछा -- फ़िर क्या हुआ ?
अब सैम बोला - अब होना क्या था ? बुजुर्गगियत के नाते पापाजी की गालियाँ तो झेल गया पर अब बच्चो की गालियाँ कौन खाए ? सो पापाजी के लाख मना करने पर भी मैं उनको छोड़ कर नेताजी "अ"हटाकर जी के पास चला गया !
अब मैंने पूछा - फ़िर वहाँ क्या हुआ ?
सैम बोला - सब कुछ एक ही दिन में पूछ लोगे क्या ? अब मेरा दूध ब्रेड लेने का समय होगया है ! ज़रा ये क्या लिखा है अन्ग्रेज़ी में बताना तो ! सैम ने अखबार का पेज मेरी तरफ़ बढाते हुए कहा !
अब उसकी इन ओछी हरकतों पर मुझे गुस्सा आरहा था ! मैंने कहा - गधा कहीं का ! तुझसे इतनी बार कहा था की पढ़ ले.. पढ़ ले .. पर नही ! अब समझ आया की तेरे को तो "अ"हटाकर जी के साथ नेतागिरी का चस्का लग गया था सो तू क्यों पढने लगा ? अरे पढ़ लिख गया होता तो आज आदमी बन गया होता !
अब सैम ने गुर्राते हुए कहा - ताऊ, आदमी की गाली मत दो ! मैं तो ऐसे आदमी से कुत्ता ही भला ! और गधा तो रामदयाल कुम्हार का है ! जिस दिन दोनों जाग गए तुम सारे तथाकथित आदमी भागते फिरोगे !
सैम सही नाराज हुआ . आदमी की गाली कुत्ते को बर्दाश्त नहीं होती . अ हटाकर ने जो कुत्तो का अपमान किया है सारी दुनिया के कुत्ते उनेह माफ़ नहीं करेंगे
ReplyDeleteअब सैम ने गुर्राते हुए कहा - ताऊ, आदमी की गाली मत दो ! मैं तो ऐसे आदमी से कुत्ता ही भला !
ReplyDelete" वाह भई सैम, इंसान की गाली तुम्हे भी बुरी लग गयी ..... शायद सच ही कहा होगा तुमने वैसे भि इंसानों से जायदा इमानदार और वफादार तुम लोग ही होते हो , वरना यहाँ तो इंसान अपने देश को ही तबाह करने को बैठा है ..."
Regards
ताऊ! ईत्ते समझदार कुते नै ते ईबके लोकसभा के इलैक्सना मैं खडया कर दिये. चीफ मनीस्टर की कुर्सी तैं पक्की समझिये.
ReplyDeleteकुत्ते की भी जूण सुधर जे गी, अर लगे हाथ तेरी भी.
जय राम जी की
मेरा कुत्ता तो गली में कुत्तो को धमकी दे रहा था की भाग जा यहा से वरना इंसान की मौत मारूँगा.. शायद मुंबई हमले में उसने इंसानो की मौत देख ली होगी
ReplyDeleteसही कहा सेम ने..’आदमी’ गाली हो गया..
ReplyDeleteकल ही हमने सेम को होटेल ताज के बाहर आधी रात गये निरीक्षण करते पाया.
ReplyDeleteताऊ, रामराम
ReplyDeleteतू तो है जैसा भी है, तेरा यो सैम तेरतै बी उप्परला. किसी दिन यो अनारकली नै घर निकाला दे देगा. इस्तै बच कै रहया कर. इसै घणा मुँह मत लगावै. म्हारी तो याई सलाह है. मान चै ना मान, मर्जी तेरी.
aapka lekhan bada sahaj hai...
ReplyDeleteSam Saab to bahut aklmand lag rahe hai. aadmiyo ko lekar inki updats bahut sahi rahti hai.
ReplyDeleteसैम अगर मानवीय भाषा में बोल पाता तो यही कहता जो आपने लिखा है।
ReplyDeleteअच्युतान्दन जी वस्तुत: मति-च्युत हो गये थे और शायद तभी उन्हें माफी भी मांगनी पड़ी। सैम की बिरादरी से माफी मांगी या नहीं - यह पता नहीं।
नाराजगी वाजिब है !
ReplyDeleteच्युतानद (गूगल लिप्यन्तरण से हर्फ़ और सही कर लें ) , के यहाँ रह चुका है तो हटाईये इसे ! यह मनुष्यों के साथ के काबिल नही है !
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ReplyDeleteसैम से जरा पता तो करियो, यह च्यूतानंदन उसका दूध ब्रेड भी तो नहीं हड़प लेता था ?
मेरे गाम में कहवें हैं, कि कुत्ते का ज़ूठा खाण वाला इन्सान भी भौंकने लग पड़ता है !
च्यूतानंदन को मौके पर मलाई तलाशने से दुरदुरा दिया, तभी भौंकने लग रिया है !
आप राष्ट्रीय मुद्दों पर बहुत बढ़िया व्यंग्यलेखन की झलक दे रहे हैं। मुझे शरद जोशी की याद आने लगी,ये आक्रोश की अभिव्यक्ति के २ लेख पढ़ कर।
ReplyDeleteअब सैम ने गुर्राते हुए कहा - ताऊ, आदमी की गाली मत दो ! मैं तो ऐसे आदमी से कुत्ता ही भला।
ReplyDeleteसही कह रहा है जी।
सैम ने सही कहा । आदमी की हो न हो, कुत्तों की तो इज्जत है ।
ReplyDeleteसैम को नाराज मत करियो ।
मजेदार कुत्ता है:)
ReplyDeleteबहुत खूब!
ReplyDeleteराम राम!
ताऊ सैम का क्या वो तो वफ़ादार है जो सिखेगा वही ना गुर्रायेगा?अ----से लेकर आखिरी नेता तक सबके सब अपना असली काम पता नही कब से भूल के बस गुर्रानें में लगे है|और ये भी भूल चुके है कब गुर्राना सही है और कब गलत|ताऊ कोई तो इन्हें बताये केवल माफ़ी नही देश के प्रति इन कुर्सीधीशों का कर्तव्य भी है?
ReplyDeleteताऊ आदमी से तो कुत्ते ही ठीक, कम से कम जिसके है वफादार तो है |
ReplyDeleteसैम बागी हो रहा है ताऊ !इब वक़्त सँभालने का है .....वैसे भी यहाँ के बम धमाको से चाँद पर प्लाट के रेट बढ़ गए है
ReplyDeleteसैम चला गया तभी तो अ हटाकर जैसे लोग 'सैम-लेस' हो गए. सैम उनके पास रहता तो उसी से कुछ सीखते.
ReplyDeleteसैम ने अच्छा किया जो पापाजी के यहाँ से कट लिया. क्या पता किसी दिन अगर और कुत्तों का खून न मिलता तो सैम का ही पी जाते.
ताऊ तेरा स्व्म तो बहुत समझ दार लगता है, तभी तो इसे सही गाली लगी** आदमी** अब आप इस से माफ़ी जरुर मांग ले, वेसे मने आज तक किसी (अ हटा कर) को कुत्ता नही कहा, क्योकि इस के पास कुत्ता होगा उसे पता है यह आदमी से बहुत ज्यादा वफ़ा दार है, ओर मालिक के लिये अपनी जान तक दे देता है,
ReplyDeleteआप के सेम को हमारा प्यार इसे कल हमारी तरफ़ से मुर्गा दे देना.
धन्यवाद
सही लिखा है-
ReplyDeleteआपके लेखन मेँ
ऐसी ही धार बनी रहे
जै राम जी की ताऊ अर्र सैम को साधुवाद
ReplyDeletesaim ji ki jay ho..ekdam sahi kaha...
ReplyDeleteताऊ, आदमी की गाली मत दो ! मैं तो ऐसे आदमी से कुत्ता ही भला ! और गधा तो रामदयाल कुम्हार का है ! जिस दिन दोनों जाग गए तुम सारे तथाकथित आदमी भागते फिरोगे !
ताऊ, सही कहता है सैम.. आदमी से तो वह लाख दर्जे बेहतर है। आदमी जिस थाली में खाता है उसी में छेद करता है। कुत्ता जिसका नमक खाता है, पूरी वफादारी निभाता है।
ReplyDeleteइसी सैम के लिए तो धर्मराज ने स्वर्ग जाने से मना कर दिया था - अछूतानन्द जी क्या समझेंगे इस राज़ को! कहावत भी है न, बन्दर क्या जाने अदरक का स्वाद!
ReplyDeleteसही कहा।
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