मेरा कुता सैम ( ताऊ बुश से क्षमा याचना सहित , हालांकि तीन साल पहले पाले गए इस स्वामिभक्त के नामकरण में मैं उनसे प्रभावित जरुर था ! ) आज सुबह ही भास्कर अखबार में आँखे गडाकर पढने की कोशीश कर रहा था ! कोशीश इसलिए की सैम भी रामदयाल की तरह पढने लिखने में काफी कमजोर था !
मैंने उसे पढाने की बहुत कोशीश की थी पर उसने सारे ट्यूटरों को, ताऊ बुश ने जैसे आतंकी भगाए थे, उसी स्टाईल में भगा दिया ! और अब पढने के नाम पर सिर्फ़ अक्षर जोड़ जाड कर किसी तरह पढ़ लेता है ! मेरी सुबह की चाय पर वो ही मेरा साथी होता है !
मैं भी सुबह की धूप सेकते हुए वहीं बैठ कर, चाय पीते हुए , अखबारों के व्यापार परिशिष्ट देखते जारहा था !
सैम को आज इतनी शिद्दत से अखबार पढ़ते देख कर मुझे बड़ा अटपटा लगा ! मैंने सैम से पूछा की भाई रोज तो तू मेरे अखबारों से दुश्मनी निकालता है और उनको फाड़ कर फुटबाल खेलता है ! आज तेरे को क्या सरदी लग रही है जो बड़े आराम से एक ही पन्ने को इतनी देर से पढ़े जारहा है ?
अब लगता है सैम तो मेरे पूछने के इंतजार में ही था ! वो बोला - ताऊ , आपके रहते ये "अ" हटाकर अच्युतानंदन शहीद मेजर उन्नीकृष्णन के पिताजी को कह गया की तेरे घर कोई कुत्ता भी नही झांकता अगर तेरा बेटा शहीद नही होता तो !
मुझे बड़ा गुस्सा आया की उस "अ" हटाकर अच्युतानंदन ने शहीद को भी गाली दी और वो भी मेरे नाम पर ? और आप चुप रह गए ! कहाँ गया था आपका वो लट्ठ उस समय ? क्या मैं आपको ऐसा नालायक लगता हूँ ?
मैंने कहा की भाई सैम तू तो बड़ा स्वामिभक्त और लायक है ! इसमे कोई संदेह ही नही है ! पर तू नाराज क्यों हो रहा है ? तेरे को थोड़े गाली दी थी बस तेरा नाम लिया था !
सैम बोला - ताऊ सब समझता हूँ इन "अ" हटाकर अच्युता नन्दनो को ! हमारे नाम को भी गाली समझकर इस्तेमाल करते हैं ! मैं शहीदों का अपमान बर्दाश्त नही कर सकता ! और मैंने इसको सबक सिखाने की ठान ली थी !
मैंने बड़े आश्चर्य से पूछा - यार सैम क्यूँ उंची दिए जारहा है ? कहाँ तू, ताऊ का कुत्ता और कहाँ वो केरल का चीफ मिनिस्टर ?
सैम गुस्से से बोला - ऐसी तैसी साले "अ" हटाकर अच्युतानंदन की तो ! मैं सीधे उसके घर गया और साले को खम्बा समझ कर उस पर टांग उठाकर पेशा............... कर आया ! अब मुझे क्या मालुम था की कैमरामैन और पत्रकार भी वहीं पर हैं !
ये देखो भास्कर वाले ने मेरी इस करतूत की फोटो खींच ली और अपने अखबार में छाप दी ! वो मुझे अखबार में छपी अपनी ये फोटू दिखाते हुए बोला !
( कार्टून दैनिक भास्कर के सौजन्य से )
ha ha sahi satik lekh aur cartoon waah waah.
ReplyDeleteताऊ म्हारा कुत्ता थारे कुत्ते सैन तै कतई नारज सै.
ReplyDeleteकम तै कम उसणै मूतणा तो जगह देख के चहिये था .इतणी गंदी जिगह उसने किस कदर मूत्ता . सारे कुत्ता समाज की बेईज्जती करदी इस्णै तो. इतणै गंदी कूडी पै सुअर भी ना मूत्तै है .
jaroor wo latha ke sath unako samjhana chahiyetha.... wese aap ne bhi accha tamacha mara hai.........
ReplyDeletearey ye photo to subah hi dekhi thi.. sahi kiya sam ne
ReplyDeletebehad shramnaak vakya tha yah--Ashcharya hai ki kaise kaise log mukhmantri ki kursi par baithey hue hain!
ReplyDeleteSam ke saath cartoon picture bilkul sahi hai..lanaat hai aisey netaaon par.
कार्टून ने सब बात कह दी ...बढ़िया लेख
ReplyDelete" it was painful to know when chiefminister has used those words.... now he deserves this only....well done sam"
ReplyDeleteRegards
जबरदस्त !!!
ReplyDeleteताऊ, पहले तो मेरी रामराम.
ReplyDeleteअच्छा व्यंग किया है आपने अच्युतानंदन पर. उसकी अभद्र भाषा पर कोई भी उसे माफ़ नहीं करेगा.
अच्युतानन्दन जी ने भद्रता की सीमा का उल्लंघन किया। एक मुख्यमंत्री से यह अपेक्षा नहीं होती।
ReplyDeleteशायद वे इसका खामियाजा भी भुगतें। हो सकता है न भी भुगतें। यहां बहुत से लोग बदतमीजी कर बच निकलते हैं।
Tauji, achha sabak sikhaya hai apne in netao ko.
ReplyDeleteTauji...aap apne kutte ko samjha lo, aisi jagaho par aise kaam karne se abhadrata ka infection hone ka dar rehta hai.
ReplyDeleteमुख्यमंत्री हो कर इतनी बेहूदा हरकत और बयान!!
ReplyDeleteशर्मनाक!!
बहुत दुखद!
बिल्कुल सही किया सैम ने. सैम को मेरी तरफ से दूध डबलरोटी खिलाईये.
सैम जिन्दाबाद!
ReplyDeleteवैदिक जी के लिए लिखे आपके सन्देश का उत्तर आ गया है, कृपया मेरे आईडी पर सम्पर्क करें या अपना आईडी दें ताकि सन्देश आपको सीधा भेजा जा सके.
ReplyDeleteआपकी पोस्ट ने आज स्वर्गीय शरद जोशी की याद दिला दी ।
ReplyDeleteसैम से कहिएगा, बुरा न माने । होता रहता है । टेक इट ईजी ।
एक गोली जहाँ एक परिवार का सीना कई सालो तक छलनी करे रखती है .कुछ शब्द पूरी सेना ओर उन लोगो का ...उनके परिवार का मनोबल तोड़ देते है ..ऐसे पदों पर बैठे व्यक्ति से एक शिष्टाचार की ज्यादा अपेक्षा रखी जाती है ..खास तौर से उस प्रदेश के मुख्यमंत्री से जिसे इस देश का सबसे शिक्षित प्रदेश माना जाता है .दुःख की बात तो ये है उन्होंने माफ़ी मन से नही मांगी सिर्फ़ आलाकमान के कहने से मांगी......ओर हाँ
ReplyDeleteडबलरोटी में मख्खन ओर ऑमलेट भी डाल दे हमारी ओर से ....
सिम अकेले गया? अपना दल लेकर जाना चाहिए था उसे तो.
ReplyDeleteताऊ बहुत अच्छा लिखा है कार्टून ने जो कसर छोड़ी वो आपने पुरी करदी "अ" हटाकर |
ReplyDeleteइतना घटिया और बेहूदा मुख्यमंत्री नही देखा |
दो दिन से जो कडुवाहट मन में थी वह इस आलेख पढ कर दूर हो गया.
ReplyDeleteजो देश अपने नायकों का आदर करना नहीं जानता उसे खलनायक जल्दी ही हाथ में ले लेते हैं.
सेम से जरा बोल दें कि जरा देखदाख कर मूता करे और अपने स्तर से नीचे न जाये!!
सस्नेह -- शास्त्री
ताऊ
ReplyDeleteइन सिरफिरों की सियासत का अल्लाह मालिक है
शायद सर फ़िर गया है इनका सियासत की वज़ह से
एक नही कई नेताओं की तरफ से ऐसी शर्मनाक टिप्पणी आई थी। यह कितनी शर्मनाक बात है।
ReplyDeleteइन नेताओं में तो अब जंग लग चुका
आओ अपने भारत के लिए जंग लड़े खुद ही हम।
कमाल है ताऊ अपने कुत्ते का नाम भी सैम है
ReplyDeleteहमने दो साल पहले पाला था
पर भास्कर के कारटून वाला काम वो हर रोज करता है
सही कहा ताऊ... आज माफी भी आ गई.. कोई भरोसा नहीं इनका
ReplyDeleteताऊ बहुत सुंदर लेख लिखा लेकिन कुत्ते को मना करना था, यह कमीने तो इस काबिल भी नही की इन पर थुका जाये,
ReplyDeleteराम राम जी की
जबरदस्त पोस्ट।
ReplyDeleteअच्युतानन्दन जी ने अमर सेनानि उन्न्नीकृष्णन के पिताजी को भी दीमाग से असँतुलित कहा जब उन्हेँ
ReplyDeleteघर के बाहर से ही लौटना पडा -
एक मुख्यमँत्री के सँस्कार कितने नीचे हैँ
ये पता लग गया , सारे वाकये से -
आप का जवाब नहीं, पहुंचे हुए तो हैं ही।
ReplyDelete- ऐसी तैसी साले "अ" हटाकर अच्युतानंदन की तो ! वाह ताउ, सही कुत्ता पाला है आपने। इब राम राम।
ReplyDeleteकार्टून ने सब बात कह दी !!!!
ReplyDeleteप्राइमरी का मास्टर
ताऊ, आपकी कोई भी पोस्ट पढने से नहीं छूटी है, मगर ... इस पोस्ट का कोई जवाब नहीं. बधाई! कार्टूनिस्ट जी को भी शुभकामनाएं!
ReplyDeleteअच्युतानंदन में से "अ" हटाकर ही भाई आपने सबकुछ कह दिया.
ReplyDeleteताउजी...सैम को किसी पॉलिटिशियन के घर पढने के लिए भेजतें...तो कम से कम इतनी अकल तो उसे आ जाती कि हाथ जोड कर अदब से वॉट कैसे मांगे जाते है।....वैसे आपने हंसाने में आज भी कोई कसर नहीं छोडी है, धन्यवाद।
ReplyDeleteताऊ इसे महापुरषां वास्तै तो मनै एक पराणी, बुजुर्गां की कही बात याद आ रही है के
ReplyDelete"काग पढ़ाया पींजरै, पढ-ग्या चारूं वेद, समझायां समझया नहीं रहया ढेढ का ढेढ"
चाहे सुसरा मुखमन्त्री बण गया, पर अकल वाई चूडयां बरगी ए है.
इस्यां नै ते मारें 10 अर गिणैं 1.
ये तो आपके कुत्ते की कृपा है वरना अ हटाकर तो कुत्ते भी न मूते
ReplyDeleteअच्छा व्यंग्य।
ReplyDeleteसही कह रहे है ताउ बिल्कुल सही !!!
ReplyDeleteताऊ सैम नै ऊपर नै उछलना सिखा दे, वो मूतना तै अ हटा कै अच्युतानन्दन के चश्मे अर मूछां तलै चाहवै था, पर पहुंचा कोनी ।
ReplyDeleteचलो ताऊ तेरे शब्दों ने कुछ तो तसल्ली दी है...
ReplyDeleteha ha ha ! jabardast.aanand aa gaya .wah !
ReplyDeleteSaim ji ne to wah kar diya ki dil ko thandak pahunch gayi.
बहुत सटीक कहा।
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