ये शेयर बाजार बड़ी गंदी चीज है ! कुछ लाज शर्म है ही नही इसको ! चिदंबरम साहब ने इसको चार साल खिला पिला कर मोटा किया था और ठीक चुनाव आते आते अपनी औकात दिखा गया ! कोई पशु भी इतनी लाज शरम लिहाज करता है पर ये नही !
चिदंबरम साहब ने इसको इक्कीस बाईस हजार पर इसी लिए तो पहुंचाया था की रामदयाल कुम्हार ( जनता ) को चुनाव में सरकार बता सके की वो अब सबसे बड़ी अर्थ व्यवस्था है दुनिया की ! अब अगली बार हम इसे ब्रह्माण्ड की सबसे बड़ी अर्थ व्यवस्था बनाने जा रहे हैं और इसके लिए हम चाँद पर चंद्र यान भी भेज चुके हैं ! पर कहते हैं ना " लुन्गाडे यार किसके ? खाए पीये और खिसके !" धोखेबाज कहीं का ! सट्टाबाजार इसी लिए तो कहते हैं इसको !
लोग कहते हैं की मनमोहन सिंह जी को राजनीति की समझ नही है ! सीधे हैं बिचारे ! फंसा दिया राजनीति में उनको ! अगर आप ऐसा सोचते हैं तो आप धोखे में हैं ! चिदंबरम साहब को उन्होंने गृहमंत्री क्यूँ बनाया ? आपको मालुम है ? नही ना !
तो आइये अन्दर की बात हम बताते हैं ! असल में शेयर बाजार में चिदंबरम साहब ने लोगो को लुटवा पिटवा दिया और एक बड़े आन्दोलन की तैयारी उनके ख़िलाफ़ रामदयाल कुम्हार कर रहा था ! वो तो भला हो मुम्बई के ताज काण्ड का ! नही तो शिवराज पाटिल की जगह चिदंबरम निपट जाते !
मनमोहन जी ने चिदंबरम जी से कहा - यार चिदंबरम भाई ! एक काम कर अब तुस्सी बण जाओ गृहमंत्री और वित् मंत्रालय मैं संभाल लूंगा ! चिदंबरम साहब को ताजुब हुआ की सरदारजी दोपहर की बजाए रात में क्यों खिसक लिए ?
उनकी मन की जान कर सरदार जी बोले -- ओये गल्ल समझा कर ! ये जो लुटे पिटे रामदयाल कुम्हार बैठे हैं ना ..तेरे को इनका पता नही है ! मुझे इन्टेलिजेन्सिया से खबर है की तेरे ख़िलाफ़ इनका गुस्सा फूटने ही वाला है ! अगर सेंसेक्स ज़रा सा भी और नीचे गया और दो चार रामदयालो का दिमाग खिसक गया और आत्महत्या कर बैठे तो मुझे तुझसे इस्तीफा लेना पडेगा ! सो मौका बढिया है ! चल नई सीट संभाल और मजे कर !
और अब देखो इन सत्यानाशियो का ! सात पीढी नरक में पड़े इन आतंकवादियों की ! इन कुत्ते के पिल्लों को दो हफ्ते की सब्र नही थी ? हरामजादों ने इतना भी नही सोचा की महारानी-ऐ-हिन्दुस्थान की जन्म गाँठ ९ दिसम्बर को है ! कम से कम वो तो मना लेने देते !
अब इतने दुःख और शोक के बीच कोई जन्म दिन मनाया जायेगा ? लिहाजा उन्होंने रोती आँखों से मना कर दिया ! और मुम्बई काण्ड की हर बारीक से बारीक ख़बर पर ख़ुद नजर रखना शुरू कर दिया ! महारानी साहिबा अगर आप पहले ही नजर रखती तो ये जन्मदिन मनाने के सुख से आप क्यों वंचित रहती ?
और रामदयाल कुम्हार साला बिल्कुल ही उल्लू का पठ्ठा है ! साले को शर्म भी नही आती ! और कुछ नही तो बेचारे बिलास राव जी के पीछे पड़ गया ! अब वो अपने निजी पुत्र और रामगोपाल वर्मा को घटना स्थल पर साथ लेगये तो कौन सा पहाड़ टूट पडा ? कोई पराए पुत्र को तो ले नही गए थे ? ख़ुद उनके ही समझ में नही आ रहा की आजकल रामदयाल कुम्हार को क्या हो गया है ?
जिन्हें नाज़ है हिंद पर वो कहाँ हैं?
ReplyDeleteरामदयाल कुम्हार जाग रहा है. अभी पूरा जागा नहीं है.
ReplyDeleteइन कुत्ते के पिल्लों को दो हफ्ते की सब्र नही थी ? हरामजादों ने इतना भी नही सोचा की
ReplyDelete" बाप रे बाप इतना गुस्सा, वैसे आपका गुस्सा जायज भी हैं , ये सारे के सारे इसी लायक हैं .."
Regards
ताऊ, पहले तो मेरी ढब से रामराम.
ReplyDeleteअच्छा कमेन्ट किया है.
जिस दिन जागेगा रामदयाल उस दिन भागते नही बनेगा नेताओ को।इतनी पड़ेगी की सात जनम तक नेतागिरी नही करेंगे।
ReplyDeleteशेयर बाजार तो किसी का भी सगा नहीं है। उसे तो उठ कर गिरना है। जब तक वह है यही होता रहेगा।
ReplyDeleteयहाँ पर महारानी के होते किसी और को सोचनें का अधिकार नही है। डाक्टर मनमोहन सिहँ तो आज्ञाकारी हैं उनके। मुझे तो यह सब महारानी का किया लगता है।
ReplyDeleteआपकी लेखनी को पहली बार धारदार व्यंग्य के साथ देख रहा हूं। इसके पैनेपन को जंग मत लगने दीजिए, हमारी शुभकामनाएं।
ReplyDeleteरामदयाल चुनाव का इन्तजार करे और तब इस गुस्से को तार्किक परिणति पर पंहुचाये। फिर जाति/धर्म/वर्ग/बोतल न देखे।
ReplyDeleteहकीकत में रामदयाल का गधा खो गया था, जिसे ढूंढने के लिये वो नीदं से जागा था.
ReplyDeleteबहरहाल गधा मिल गया है, ओर रामदयाल दोबारा सोने की तैयारी कर रहा है.
अच्छा जै राम जी की, ईब सोण दियो, दोबारा तै तंग ना करियो.
बहुत हो गया रामदयाल ! अब तो जागो.
ReplyDeleteताऊ जी कुम्हार का काम पढता है मिटटी और गधे से...इसलिए ये जिसे पसंद नहीं करते उसकी मिटटी ख़राब करके गधा बना देते हैं....इब की बार बच गया चिदंबरम लेकिन कित्ती बेर बचेगा ससुरा...मिटटी तो इसकी ख़राब होनी है...इन्तेजार कर ले थोड़ा ...बस.
ReplyDeleteनीरज
र ताऊ तैने साची कह दी स, पण इतना लाल ताता होण की जरूरत न स,...
ReplyDeleteये संसार का दस्तूर है
ताऊ आज पहली बार लट्ठ पर धार दिखाई दी है | बहुत सही लिखा है | अब इस व्यवस्था के खिलाफ कई रामदयालों को जगाना होगा |
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ReplyDeleteअरे छोड़ भाई ताऊ, किस लफ़ड़े को लेकर बैठ गया ? दुनियादारी बाद में देख लेना, पहले अपनी महारानी के जन्मदिन की एडवांस बधाई ले ले ।
एडवांस दे देना ठीक रहता है, माहौल देख... क्या पता, कल हो न हो ?
शेयर मार्केट पर कुछ अच्छा सा और उपयोगी , ताऊ की भाष में एक क्लास हो जाए !
ReplyDeleteकई दिनों से कुछ पोस्ट नहीं कर पाया....समझ सकते हो ताऊ तुम
ReplyDeleteरामदयाल का जगना कितना जरूरी हो गया है..!!
बहुत बढ़िया लिखा है ताऊ..
ReplyDeleteऐसे ही लिखते रहो..
ताऊ भाई अगर रामदयाल कुम्हार जाग गया? लेकिन भाठी मा आग दे के फ़ेर सो जायेगा, ओर फ़ेर उन्हि गध्या(गधो) के पाछे भाज्या फ़िरेगा....सच मै जिस दिन इस रामदयाल के अकल आजावे गी वो दिन बहुत अच्छा होगा
ReplyDeleteरामदयाल कुम्हार जाग रहा है. अभी पूरा जागा नहीं है.@PN Subramanian
ReplyDeleteजिस दिन जागेगा रामदयाल उस दिन भागते नही बनेगा
lajawaab,jabardast,karara ekdam sateek vyangya.bahut hi badhiya.Ekdam perfact.
ReplyDeleteलाजवाब.
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