केन्द्रीय सरकार पर कुछ तो दबाव बना जो उसने गृहमंत्री शिवराज पाटिल साहब से इस्तीफा रखवा लिया ! लगता है अबकी बार सरकार को शर्म नाम की चीज आ रही है और वो शर्म खा भी रही है !
मुम्बई में चले ६० घंटे के तांडव के सम्बन्ध में एक जनहित याचिका समाजसेवी और न्यायिक विशेषज्ञ श्री सतपाल आनंद ने लगाई है ! गृह सचिव, गृह मंत्री , प्रधान मंत्री और सोनिया गांधी को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया गया है !
सुनवाई जल्दी करने की अपील करते हुए , मुम्बई में तीन दिन तक , होटल ताज, ओबेराय और नारीमन हाउस में हुए कत्लेआम और आतंकियों द्वारा पुलिस की गाडी छीन कर निर्दोष लोगो की ह्त्या की जांच करने की भी अपील की गई है !
याचिका ( ७३९३/२००८) में श्री आनंद ने भारतीय दंड विधान की कई धाराओं का उल्लेख किया है, और बताया है की भारत सरकार अभी तक आतंकी हमलो से निपटने की योजना में नाकाम रही है !
याचिका के अनुसार प्रधानमंत्री जैसे ही यह घटना हुई , वो मंत्रिमंडल की बैठक बुलाकर अपने अधिकार १२३ का इस्तेमाल कर कारवाई कर सकते थे !
इसके लिए श्री आनंद ने टी.वी.चैनलों से कई निर्दोष लोगो के बयान भी रिकार्ड किए है ! उनके अनुसार आतंक वादी १३ जनवरी को वापस आयेंगे ! इसके लिए भारत सरकार क्या कर रही है ?
याचिका में पूछा गया है की मारे गए शहीदों को आर्थिक मदद राजनैतिक पार्टियां क्यों दे रही हैं, क्योंकि वो अपनी राजनैतिक जिम्मेदारियों को निभाने में असफल रही हैं !
श्री आनंद ने आगे याचिका में कहा है की प्रधान मंत्री और सोनिया गांधी को तुंरत घटना स्थल पर पहुंचना था और आतंकियों से कहना था वो निर्दोष लोगो को मारना छोड़ दे और हम दोनों को बंदी बना ले ! भारत का मुखिया होने के नाते प्रधान मंत्री ने यह कारवाई नही की है !
अपनी आठ पेज की याचिका में याचिका कर्ता ने भारत सरकार के गृह सचिव, भारत के मुखिया के नाते प्रधान मंत्री और पूरे मंत्रीमंडल को पार्टी बनाया है ! उन्होंने यह भी अपील की है की शहीदों को आर्थिक मदद देने की बजाए भारत रत्न सम्मान से नवाजा जाए !
भारतीय संविधान की कई धाराओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने इस घटना को आम नागरिक के अधिकारों का हनन बताया है ! उन्होंने प्रधान मंत्री से तुंरत आर्थिक आपातकाल लगा कर सभी प्रदेशो में एन.एस.जी. के गार्ड गठन की मांग की है ! उनके अनुसार मुम्बई में भी एन.एस.जी का गठन किया जाना चाहिए था ! घटना के बाद एन.एस.जी. को दिल्ली से बुलाया गया ! और तब जाकर कहीं आतंकियों से मुकाबला किया जा सका !
याचिका में उन्होंने एक तरफ़ भारत सरकार को कटघरे में खडा किया है वहीं न्यायालय से निवेदन किया है की वो अपने तई साक्ष्य जुटाकर इस मामले की सुनवाई जल्दी करे !
इस में खुशी की बात यह है की याचिका को रजिस्ट्रार ने मान्य कर लिया है !
इस दहशत गर्दी और मानवता को शर्मसार करने वाले काण्ड के ख़िलाफ़ किसी नागरिक ने आवाज तो उठाई ! अगर हमारे सभी कानूनविद अपने अपने राज्य की अदालतों में इस तरह की याचिका दायर करे तो एक आवाज जरुर सुनाई देगी जो शायद आगे इन नरसंहारों को रोकने में मदद गार हो !
मैं तो श्री आनंद को कोटिश: धन्यवाद देता हूँ की उन्होंने इतने जोरदार तरीके से बात उठाने की कोशीश की !
श्री आनंद को मेरा भी समर्थन और बधाई ! एक जोरदार काम के लिए ! क्या अभी महामहिम विदेशी भ्रमण पर ही हैं ? देश क्यों नहीं लौट सकीं ? वे सेना की सर्वोच्च कमांडर हैं ! क्या ऐसे आपात समय जब देश कराह रहा है उन्हें भारत में क्या नही होना चाहिए ?वे अब तक क्यों लौट नही सकीं ? जनता ये भी सवाल पूंछेगी ! ताऊ आप इस मुद्दे पर लगे हो दिल को काफी तसल्ली है !
ReplyDeleteताऊ श्री आनंद को हमारा भी कोटिश: धन्यवाद |
ReplyDeleteश्री आनंद ने बहुत ही सराहनीय कार्य किया है. इसके अलावा और भी नागरिकों को आगे आना चाहिए.
ReplyDeleteमुझे लगता है कि अब जनता की आवाज को बहरे कानों तक पहुँचाने और उन से जवाब मांगने का एक ही उपाय उच्चतम न्यायालय में याचिका रह गई है।
ReplyDeleteअब वक्त आ गया है जब जिम्मेदार सरकारों की स्थापना के लिए संविधान में संशोधन किए जाएं। जिस से राजनीति का यह लिजलिजा स्वरूप बदल सके।
इसके सिवाय कोई और रासता भी तो नज़र नही आता। आणंद साब को मेरी भी बधाई।
ReplyDeleteये कार्रवाई ज़रूरी है
ReplyDeleteइन नेताओं के खिलाफ मुकदमा चलना चाहिए।
इनकी जवाबदेही तय होनी चाहिए।
"प्रधान मंत्री और सोनिया गांधी को तुंरत घटना स्थल पर पहुंचना था और आतंकियों से कहना था वो निर्दोष लोगो को मारना छोड़ दे और हम दोनों को बंदी बना ले ! "
ReplyDeleteअ हा हा...क्या बात कही है ताऊ ...जिस दिन ऐसा हुआ समझो हम भारत वासी धन्य हो गए...ये जज्बा अगर आ गया नेताओं में तो आतंक वादी देखना ख़ुद ही यहाँ आने से डरेंगे.
नीरज
प्रधान मंत्री और सोनिया गांधी को तुंरत घटना स्थल पर पहुंचना था और आतंकियों से कहना था वो निर्दोष लोगो को मारना छोड़ दे और हम दोनों को बंदी बना ले !
ReplyDelete"" इतने महान नेता नही हैं हमारे, अगर ऐसा होता तो इतना घिनोना कांड ही नही होता .... इतनी दिलेरी सिर्फ़ देश के सैनिक ही दिखा सकतें हैं जो जान पर खेल जाने का हौंसला रखतें हैं.."
बहुत बढ़िया !
ReplyDeleteमेरे गीत पर लिखे इसी विषय पर ताऊ की प्रतिक्रिया की आवश्यकता है !
ताऊ, श्री सतपाल आनंद जी को आपके साथ हम भी हार्दिक धन्यवाद देते हैं। साथ ही आपको भी आभार कि आपने उनसे व उनके जज्बात से हमें अवगत कराया। गहन निराशा के इन क्षणों में श्री आनंद जैसे लोगों के बारे में जानकर जीवन का संबल मिलता है। ..अन्यथा अपने को महान दिखानेवाले यहां अधिकांश हकीकत में कफनचोर ही हैं।
ReplyDeleteक्या कोई जवाबदेही नही मांगी जायेगी उन अफसरों से जिन्होंने मछुआरा समिति के अध्यक्ष टन्डेल की एक चेतावनी को नजरअंदाज किया जिसमे उन्होंने सीधा सीधा लिखा था की RDX इस देश में लाया जाना है उनकी ऍप्लिकेशन ४ महीना तक सरकारी अफसर में पड़ी रही ?कौन है वो लोग जो मछली पकड़ने के लिए लाइसेंस देते है किसी को भी चंद पैसे के लिए ? एक दो साल का बच्चा अपने जन्मदिन पर अपने माँ बाप को खो बैठा ....एक औरत अपने दो बच्चो के साथ आग में जल गयी ... .....देश किस ओर जा रहा है नही जानता ..लेकिन ज्यूँ ज्यूँ कुछ समझ आने लगा है ...उससे लगता है कही ना कही जवाबदेही तय करनी जरूरी है .आन्नद जी ये कदम सराहनीय है जो उन्होंने वास्तव में करके दिखलाया है
ReplyDeleteयह जनहित याचिका यह तो रेखांकित करती है है कि जिस प्रो-एक्टिविज्म की नेतृत्व से अपेक्षा है, वह पूरा नहीं हो रहा।
ReplyDeleteयद्यपि जनहित याचिका से नेतृत्व में स्टेराइड का इन्जेक्शन लग पायेगा, इसकी आशा नहीं है।
keval MMS aur Soniya hi kyon, saare sansad sadasyon ko uthakar le jaana tha mumbai, aur un sabko bandhak rakh dena chahiye tha.
ReplyDeleteJab unhe naagrikon ke pratinidhi hone ke kaaran sabhi suvidhaen aur adhikar pehle chahiye, to bandhak banne ka ye avsar bhi unhi ko diya jana chahiye.
हमारा भी धन्यवाद
ReplyDeleteयह सही काम हुआ ।
ReplyDeleteघुघूती बासूती
ताऊ कैसी कैसी बाते कररे हो कही महारानी पे मुकदमा च्लो करे के :)वा भी इन छॊटी छीटी बात्तन खात्तिर
ReplyDeletemai bhi Anand ji is kaam mai unke sath hu.
ReplyDeleteakhir kab tak ye neta aise hi apne ankh aur kaan band kiye rahenge....
चलिए एक अच्छी शुरूआत तो हुई. इस बात पर भे विचार होना चाहिए की सिर्फ़ कुछ चहेते अफसरों को सुख-सुविधाएं देने के लिए पुलिस के अन्दर लुभावने नामों वाले अक्षम संगठन जैसे ATS पर और सरकारी पैसा न झोंका जाए. इस तरह के सभी संगठन बंद कर के वह पैसा अफसरों को गोली चलाने, जनाराक्षा, आत्मरक्षा आदि जैसे पुलिस से अपेक्षित कामों का प्रशिक्षण देने में लगाया जाय तो बेहतर हो.
ReplyDeleteआनंदजी को बधाई कि उन्होंने एक मार्ग खोल दिया है सरकारी जवाबदेही का। सभी दोषियों को बख्शा नहीं जायेगा.... उन पर लागू हो।
ReplyDeleteहमारा भी पूरा का पूरा समर्थन है. हमें भी को एप्प्लिकन्त बना सकते हैं.
ReplyDeleteहमारा भी धन्यवाद..
ReplyDeleteबहुत सही -
ReplyDeleteऔर भी कई उपाय जरुरी हैँ
श्री सतपाल आनंद जी को हमारा भी समर्थन और बधाई दीजियेगा! आज ऐसे ही पहल की जरुरत है!ताऊ आपको भी बधाई आपने हमसब को ये महत्वपुर्ण जानकारी दी|
ReplyDeleteताऊ थोडे दिनो बाद देखे गे अरे कुत्ते की पुछ कभी सीधी नही हो सकती, या तो कुत्ते की पुछ काट दो, या फ़िर कुत्ता बदल लो, ओर फ़ि इन बेशर्मो ने कोई अहसान नही किया जनता पर, अगर इन्हे शर्म होती तो कभी का मुंह छिपा कर चलेजाते.भीख मांग कर हमारे ही अन्नदाता बनते है .
ReplyDeleteश्री आनंद ओर श्री ताउ को मेरी तरफ़ से बधाई फ़िर भी थोडी आवाज तो पहुचाई इन बहरो के कान मै , इन्हे इन की ओकात तो बाताई
धन्यवाद
ये अच्छा कदम है... आपकी पिछली पोस्ट भी पढ़ी. आजकल कुछ कहने का मन नहीं हो रहा. अभी सामान्य होने में कुछ वक्त लगेगा, आज भी हताश करने वाली ही खबरें सुनने को मिली दिन भर. ऑफिस में भी दिन भर बिज़नस टीवी चलता रहा पर खबरें तो यही आती रहीं... राजनीति भी शुरू हो ही गई, ये तो होना ही था पर इतनी जल्दी होगी ये नहीं पता था.
ReplyDeleteये वक्त नहि है रोने का, ये वक्त है निर्णय लेने का :
ReplyDeleteमैं आनंद जी के इस सराहनीय कार्य की भूरि - भूरि प्रशंसा करता हूँ।
हमारा भी समर्थन है जी। कुछ बाते आपके माध्यम से कहना चाहूंगा।
ReplyDelete1. मोमबत्ती खूब जलाये लोग पर उन्हे नेताओ के सिर पर रखकर जलाये और यदि नेता घबराकर चिल्लाये तो उन्हे बताया जाये कि मर गये तो एक लाख मिलेगा और घायल हुये तो पचास हजार।
2. मेरी याददास्त जरा कमजोर है। मेरे ख्याल से टाडा मे संजय दत्त नामक एक अभिनेता अन्दर हुआ था न। अभी भी आरोप मुक्त नही हुआ है। फिर आज सभी चैनलो मे वह कैसे देशवासियो से हमदर्दी दिखा रहा था? चार जूते उसको भी क्यो न मारे जाये?
3. अमिताभ भी बहुत दुखी है। मुझे बताये केन्द्र मे सपा की मदद से सरकार चल रही है। अमर उनके भाई है सपा सांसद जया उनकी पत्नी। इसी सपा के अबु आजमी ताज के अन्दर गये थे। फिर अमिताभ ये दोहरी बात कैसे कर रहे है? ये अभिनेता है और पुराना नेता भी। जितना उसने नाम कमाया है ऐसे सब गवा बैठेगा।
4. क्यो न नकवी, अच्युतानन्द, पाटिल (दोनो), विलासराव जैसे नेताओ पर आजीवन चुनाव न लड सकने की पाब्न्दी लगाने की माँग जनता करे।
5. मैने अभी तक मनमोहन को हिन्दी मे घटना के बाद से आम जनता से बोलते नही सुना। कैसा आदमी है जी ये?
प्रधान मंत्री और सोनिया गांधी के खिलाफ मुकदमा चलना चाहिए,आन्नद जी ये कदम सराहनीय है
ReplyDeleteश्री आनंद को बधाई ताऊ आपको भी बधाई
ReplyDeleteऐसी कितनी और याचिकाए डालनी पड़ेगी, तब जाकर कुछ सार्थक हो सकेगा. शुरुआत करने के किए श्री आनंद को बधाई. उम्मीद है कि इसपर सुनवाई हो और कुछ सज़ा सुनाई जाए. पर यह देख कर तसल्ली हुयी कि कम से कम कोई तो आवाज उठा रहा है. अब जरूरत है इस आवाज को साथ देने की...कारवां ऐसे ही बनता है.
ReplyDeleteविधायिका-तन्त्र तो पूरा भ्रष्ट-नष्ट हो चुका, किन्तु अभी भी देश की न्यायपालिका पर लोगों का भरोसा है, यह प्रशंसनीय है। इस याचिका को जन समर्थन दिया जाना ही चाहिए। आपने हिन्दी ब्लॊग-जगत को इस पर विस्तार से लिख कर अच्छी जानकारी मुहैय्या कराई है।
ReplyDeleteवरना सोनिया तो गत दिनों अपनी मंशा पूरी करने की फ़िराक में थीं कि सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति की नियुक्ति सरकार के अधीन होगी। जो इन्दिरा माता आपात काल में करना चाह्ती थीं, उसे ये कूटमाता कितने सहज ही अंजाम तक पहुँचाने में लगी हैं। हमारे पास भगत,चन्द्रशेखर,लाजपत और पटेल तो नहीं ही हैं: जयप्रकाश,मोरारजी,सुब्रमण्यम,राजनारायण भी नहीं हैं अब तो.
प्रधान मंत्री और सोनिया गांधी को तुंरत घटना स्थल पर पहुंचना था और आतंकियों से कहना था वो निर्दोष लोगो को मारना छोड़ दे और हम दोनों को बंदी बना ले ! ........
ReplyDeleteha ha ha ha .......
hanste hanse pet me mamode pad gaye..
bahut bahut aabhaar...