चुनाव दृश्य न.१
नागनाथ पार्टी अध्यक्ष की तीन पत्नियां,
टिकट दिलवा दिया तीसरे नंबर की जानू को,
बड़ी और मझली ने कोप भवन संभाल लिया,
सौतन के प्रचार में जाने से मना कर दिया,
चुनाव प्रचार में उलटा असर पड़ते देख,
कार्यकर्ताओं ने और ग्रामीणों ने पूछा,
तो आदत अनुसार नेताजी बोले,
नही ऎसी कोई बात नही है, एकता बरकरार है
अभी बड़ी और मझली पटेलन को बुलवाता हूँ
घर फोन से बात की , और आने का आदेश दिया
केन्द्रीय नेता की सार्वजनिक सभा समाप्त होगई
पर दोनों पटेलन तो मिटींग में नही आई !
चुनाव दृश्य न.२
सांपनाथ पार्टी के प्रत्यासी की हैं चार बीबीयाँ
आजकल चारो बीबीयों के साथ वोट मांगने निकलते हैं !
चार होने के बावजूद सम्पूर्ण एकता और तालमेल है
गजब का चुनाव प्रबंधन है
पहली पटेलन, चारों के मायको के गाँवों को संभाल रही है
दूसरी ससुराल के गाँवों को संभाल रही है
तीसरी सारे कार्यकर्ताओं और अर्थ प्रबंधन देख रही है
चौथी ने , रण ( चुनाव ) क्षेत्र में,
पति के कंधे से कंधा लगा रक्खा है
आप ही बताईये किसकी विजय होगी ?
इब खूंटे पै पढो :-
आदिवासी समाज में आज भी बहुपत्नी प्रथा का चलन है ! म.प्र. के निमाड़ और मालवा के कुछ जिलो में रहने वाले भील, भीलाला और दूसरी जन जातियों में इसे अघोषित रूप से मान्यता मिली हुई है ! उपरोक्त दोनों चुनाव समाचार आजकल के अखबारों में चर्चा में का विषय हैं ! और दोनों ही शीर्षस्थ पार्टियों से ताल्लुक रखते हैं !
आप ही बताईये किसकी विजय होगी ?
ReplyDeleteताऊ जी चुनावी विजय की छोडो ,बाहर हारें -चाहें जीतें लेकिन घरवाली की लडाई तो हार ही जायेंगे ऐसे पुराने अनुभव लोंगों ने कई बताएं हैं .
1. HTML tag ko thik kariye, fat para hai.
ReplyDelete2. Ye chunav ke saamp aur naagon ko 1-2 bibi se kaam nahi chalta kya
3. Abhi tak kuch pata chala ki right side me sabe top me per ke neeche khari ye cute kehan chali ;)
पहली पटेलन, चारों के मायको के गाँवों को संभाल रही है
ReplyDeleteदूसरी ससुराल के गाँवों को संभाल रही है
तीसरी सारे कार्यकर्ताओं और अर्थ प्रबंधन देख रही है
चौथी ने , रण ( चुनाव ) क्षेत्र में,
पति के कंधे से कंधा लगा रक्खा है
"" वाह, क्या आँखों देखा हाल सुनाया है ताऊ जी ने, अब सापनाथ की चारो बीबीयों ने तो सारे मोर्चे सम्भाले जा चुके है पर हम कुछ नही कहेंगे , आप के समाचार का ही इन्तजार करेंगे... वैसे जिसको ताऊ जी वोट देंगे जीतेगा वोही ... हा हा "
Regards
सांपनाथ जीतना चाहिये।
ReplyDeleteपर जीते चाहे सांपनाथ या नागनाथ, हारने वाला करेगा केस - एक से ज्यादा बीवी होने के मामले को ले कर!
ताऊ, इब तो चुनावों तै पाच्छे ई बेरा पाट्टेगा अक कुण सी पाल्टी जित्ती. बोट उनकी घर आलियों नै कोन्या डालने.
ReplyDeleteकोई भी जीते हारने वाले तो हम ही हैं. खमीर उस्रो ने कहा भी है:
ReplyDeleteचुनाव में खड़े हो तो डर कैसा
हारे तो हल्ला करो, जीते तो पैसा ही पैसा!
कौन जीतेगा ये तो नही बता सकता लेकिन हारेगा कौन ये गारंटी के बता सकता हूं। हारेगी तो सिर्फ़ गरीब जनता,क्यों गलत कहा क्या मैने।वैसे ताऊ सवाल बडा गजब का है,नागनाथ और सांपनाथ दोनो मे से एक को तो चुनना ही पडेगा,यही तो मज़बूरी है।
ReplyDeleteकल पोस्ट कुछ और दिख रही थी ब्लोगरोल में...पर ब्लॉग पर गई तो पोस्ट गायब! चुनाव का ये बढ़िया लिखा है आपने, खास तौर से कैसे चार पत्नियाँ मिल कर सम्हाल रही हैं इलेक्शन, एक मायका...एक ससुराल और एक सारी व्यवस्था. ऐसी पत्नियाँ हो तो कोई भी आराम से इलेक्शन जीतेगा.
ReplyDeletejitna to dono ne hai kuke dono ke do se adhik shadiya kari hai ,magar dusare ke management kafi sahi hai .. aapkya kahte ho tauji....
ReplyDeleteyahan ek se pareshan
ReplyDeletewahan charoan me gamahsan
regards
@ ताऊ jee, आपका कमेन्ट आदर सहित वहीं हैं, शायद मेरे नेटवर्क मे कुछ गडबड थी, जो ब्लॉग पर नही दिखा..मैंने ठीक कर लिया है , आपकी शुभकामनाओ और प्रोत्साहन के लिए दिल से आभारी हूँ..
ReplyDeleteRegards
पहली घटना भीकनगांव चुनाव क्षेत्र से है और दूसरी बडवानी चुनाव क्षेत्र की है !
ReplyDeleteयहाँ एक से परेशान और वहाँ तीन /चार में घमासान ! :) बहुत जोरदार !
जीत चाहे सापनाथ की हो चाहे नागनाथ की, हार तो जनता की ही होनी है.
ReplyDeleteएक हरयान्वी कहावत है के "शेर का भाई बघेरा - वो कूदै नौ, और वो कूदै तेराह !"
सांपनाथ जीतेगा जी !
ReplyDeleteताऊ बहुत सुन्दर, सब सब साप नाथ, ओर नाग राज भाई भाई है, जीते कोई भी खुन तो हमारा ही चुसेगे.
ReplyDeleteधन्यवाद
हम तो किसी कृषि सहायक, विषहीन केंचुए को ढूँढ अपना वोट देंगे । वैसे सांप और नाग कुर्सी पर न बैठे हों तो बहुत सुन्दर लगते हैं ।
ReplyDeleteघुघूती बासूती
sab jeetnge
ReplyDeletechahe ho saanp nath chaahe ho naag naath
ham to kabhoon na jeet sake!!!!!1
ताऊ कोई जीते जनता को तो हारना ही है .
ReplyDeleteमेरा तो मनोबल ही तोड़ दिया,
ReplyDeleteमेरे तो एक ही पत्नी है, मैं नही जीत सकता चुनाव, कल ही नाम वापस लेता हूँ...
"वो सुबहा कभी तो आयेगी"
ReplyDeleteजब कोई सच्चा वीर आयेगा और दुखी जनता का दर्द समझेगा !
और हमेँ तो आपके लगाये चित्रोँ मेँ से घटादार हरे पेड बहुत अच्छे लगे
और
उस महिला से पूछिये
"रोटी कब तक तैयार होगी ?"
तब तक हाथ धो कर हम आ जायेँगेँ ..जीमने :)
- लावण्या
नागनाथ और सांपनाथ दोनों की ही जमानत जिस दिन जनता जब्त करायेगी वही लोकतंत्र का असली
ReplyDeleteचेहरा होगा/ताऊ,विजय किसी की भी हो हर बार की तरह हार मजबूर जनता की होगी/
थारी हर बात निराली से...भाई खूब लिखा है तमने ताऊ...
ReplyDeleteनीरज
नागनाथ या सांपनाथ
ReplyDeleteदोनों जोड़ गए हाथ
विवशता है
इन में से ही
कोई एक जीतेगा
छाती पर मूंग दलेगा
लोग कहते हैं कोई जीते
हारना जनता को है
पर जनता लड़ती कहाँ है?
लड़ती है तो
हारती कहाँ है?
हारना तो खैर जनता को ही है। लेकिन ताऊ अब आपने रिपोर्टिंग भी शुरू कर दी :) और वह भी सीधे चुनाव क्षेत्र से :) हम तो कहेंगे कि नागनाथ और सांपनाथ को लट्ठ मारकर आप खुद ही इलेक्शन में खड़े हो जाओ..हां, उनकी बीवियों से होशियार जरूर रहना, सुनते हैं वे भी कम जहरीली नहीं होतीं :)
ReplyDeleteसांपनाथ और नागनाथ को आप्पस महं भेड़ कै स्वामी अजगर नारायण सीट निकाल सकैं
ReplyDeleteआजकल बाब्बे हिट अर फिट होरे सैं
नागनाथ पार्टी अध्यक्ष की तीन पत्नियां--ticket ek ko hi??badi nainsaafi hai!baqi do virodi ho gayee hongi.ye to haarega buri tarah se!
ReplyDelete-सांपनाथ पार्टी के प्रत्यासी की हैं चार बीबीयाँ-आजकल चारो बीबीयों के साथ वोट मांगने निकलते हैं ! -yahi party jitegi Tau ji--yah to Lalu yadav se bhi bada diplomat lagta hai--
इन्हीं की माया है सब, इसलिए हमारे तो विरक्त होने में ही भला है।
ReplyDeleteताऊ जी आज पहली बार आप का ब्लॉग देखा ,बड़ा मजा आया ,फोटो तो कमाल की लग्गा राखी है , भूतनी का बले डांस सबसे मजेदार है
ReplyDeleteजिसे ताऊ जी वोट देगे वही जीतेगा जी।
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