जैसा की आप जानते ही हैं की चम्पाकली यानि राजा भोज द्वारा ताऊ को दी गई विद्वान् भैंस, योजनानुसार यमराज जी के भैंसे को लेकर चंपत हो गई तो सबके लिए मुश्किल खड़ी हो गई ! बिना झौठे के यमराज जी वहाँ चाँद से कैसे जाए ? और सबसे बड़ी समस्या तो यह की इस ताऊ का क्या किया जाए ! चाँद पर इन सब बातो को लेकर घमासान मचा हुआ था !
यमराज ने जलते नेत्रों से ताऊ की तरफ़ देखते हुए कहा - मुझे तुम्हारी साजिश दिखाई दे रही है इसमे ! मेरा इतना सीधा सच्चा भैंसा ऐसे कैसे गायब हो सकता है ?
ताऊ : यमराज जी महाराज ! इब या तो थम ही जाण सको हो !
यमराज : तुम क्या सोच रहे हो ? इस तरह तुम मरने से बच जाओगे !
ताऊ : यमराज जी , हम तो पैदायशी मरे हुए हैं ! अब क्या दुबारा मारोगे ?
यमराज जी ने नाराज होते हुए कहा : अरे मुर्ख ताऊ ! ज्यादा ज्ञान मत बघार ! अभी तुझको खोलते तेल के कडाव में डलवाउन्गा तब मालुम पडेगा तुझे !
इतनी देर में चित्रगुप्त का फोन आता है यमराज जी के पास, और वो बताता है की -
आपके भैंसे को ताऊ की चम्पाकली नाम की झौठ्डी के पीछे पीछे मंगल ग्रह की तरफ़ जाते देखा गया है ! और यह सुनकर तो यमराज आग बबूला हो गए ! और उन्होंने चित्रगुप्त से कहा की उस चम्पाकली की खाल खिंचवा ली जाए !
अब ताऊ बोला - यमराज जी , ये कोई अनारकली नही है जो आप उसकी खाल खिंचवा लेंगे ! वो चम्पाकली है , उसका आप कुछ नही बिगाड़ सकते !
यमराज ने दहकते अंगारों जैसी आँख से ताऊ को देखा ! तभी उनका मोबाईल घनघना उठा !
उधर से चित्रगुप्त ने बताया की - महाराज मरे हुए लोग आ आकर लाइन लगा कर खड़े हैं और उनको सजा देने में देर हो रही है ! आप जल्दी आए !
यमराज - अब हम आए कैसे ? पता नही वो महिषराज कहाँ मुंह काला पीला करते फ़िर रहे हैं ! हम अब इसको हमारे विश्वस्त वाहन स्वरूप नही रक्खेंगे ! हमारे लिए किसी दूसरी गाडी या वाहन का प्रबंध किया जाए !
चित्रगुप्त ने बताया की - महाराज ये आपके और मेरे वश में नही है ! ये वाहन तो आपको अलोकेट किया हुआ है शुरू से ही ! आप इसमे कुछ रद्दोबदल नही कर सकते !
यमराज - तभी चित्रगुप्त ! अब मेरे समझ में आया की हमारे झौठे ने क्यों हमसे बगावत करने का साहस किया ! शायद वो भी ये बात जानता है ! इसलिए उसकी मण्डी आजकल बहुत तेज है ! खैर अब क्या किया जाए ? इतनी देर में ताऊ बोल पडा बीच में --
ताऊ - महाराज आप कहे तो आपके लिए एक उड़नतश्तरी का इंतजाम करवा दूँ ? समीर जी की Intergalactic Udantashtari Service से चार्टर उड़नतश्तरी का कह देते हैं ! और अभी वो भारत पहुंचे ही हैं ! आपके ये चंगू मंगू (यमदूत) हमें यहाँ पकड़ लाये हैं , इसी चक्कर में गुरुदेव हमारी खोज ख़बर करने भारत आए हैं !
महाराज आपको यमलोक छोड़ कर हम भी उसी उड़नतश्तरी से लौट जायेंगे ! हमें भी अपने गुरु का स्वागत करने जाना चाहिए की नही ?
यमराज अब गुर्राए - अरे मूर्ख ताऊ ! तू मौत के मुंह में खडा है और हमको होशियारी दिखा रहा है ?
इतनी देर में चित्रगुप्त का फोन आगया ! उसने बताया की महाराज आपके लिए आज की कोर्ट लगाने का इंतजाम वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये चाँद पर ही करवा दिया है ! छोटे मोटे केस में तो यहाँ पर मैं ही सजा सूना दूंगा ! एक बड़ा केस आया है किसी बाबा का ! बड़े सिद्ध बता रहे हैं अपने आपको और कह रहे हैं की हम खड़े खड़े इंतजार नही कर सकते ! हम बहुत पुण्यात्मा है ! हमने बहुत प्रभु भक्ति की है सो हमें तुंरत स्वर्ग का वीसा दिया जाए ! कुछ और है ! और एक ये ताऊ का केस भी आप वहीं से निपटा दीजियेगा ! सुना है ये बड़ा जंगली लंगूर ताऊ है !
चाँद पर यमराज जी के लिए टेंट हाउस में शानदार दरबार का इंतजाम कर दिया गया ! और अब वीडियो कांफ्रेंसिंग शुरू होती है और एक बड़े जटाजूट धारी बाबा स्क्रीन पर दिखाई देने लगते हैं !
यमराज ने उनसे सब सवाल जवाब किए और यमदूतों को तुंरत उन्हें नर्क में डालने का आदेश सुना दिया , वो भी बामशक्कत ! बाबा बड़े हैरान हुए ! उन्होंने जिरह की, की उनको शायद गलत समझा जा रहा है ! इतने लोगो को प्रभुभक्ति सिखलाने का यही इनाम दिया जा रहा है ?
यमराज बोले - अरे मुर्ख ! तू क्या प्रभुभक्ति सिखलाएगा ? वहाँ प्रभु का प्रतिनिधि बन कर तू ख़ुद ही प्रभु बन गया ? मेरे नाम से सबसे ख़ुद के पाँव पकडवाता रहा ! और सारा माल दक्षिणा मेरे नाम पे लेके ऐश करता रहा ? मेरे तक किसी एक को भी नही आने दिया ! और मैं यहाँ भक्तो के लिए तरसता रह गया ? चल जल्दी नर्क में जा ! नही तो उससे भी बड़ी सजा तेरे को दे देंगे ! यमदूत ले गए उसे नर्क में !
अब यमराज ताऊ की तरफ़ मुखातिब हुए यह सोचते हुए की इस ताऊ को तो सीधे खोलते हुए गर्म तेल में डालने की सजा सुनाऊंगा !
ताऊ का सारा प्रोफाईल ऊपर से चित्रगुप्त सुनाता रहा ! और यमराज नोट लगाते रहे बीच बीच में सजा के हिसाब से ! फ़िर उधर से चित्रगुप्त ने बताया की ताऊ का मुख्य काम लोगो को बिगाड़ने का है ! तो यमराज के माथे पर बल पड़ गए ! उसको लगा की ये तो बच जायेगा ! फ़िर जब चित्रगुप्त ने बताया की ताऊ तो शेयर ब्रोकर है ! बस यमराज तो तुंरत उठे और आकर ताऊ को गले लगा लिया !
यमराज बोले - ताऊ , पहले बताना था ना की तुम शेयर ब्रोकर हो ? अरे तुम तो पृथ्वी लोक में हमारे सच्चे सेवक और प्रतिनिधी हो ! तुम वहाँ लोगो को इतना दारुण दुःख देते हो की लोग सीधे हमको ही याद करते हैं ! तुम्हारे द्वारा दिए गए कष्टों की वजह से वो सीधे राम नाम पुकारने लगते हैं ! यानि लुट पीटकर मेरी शरण आ जाते हैं ! तुम मेरे सच्चे भक्त हो ताऊ ! आजकल पृथ्वी लोक में सिर्फ़ तुम्हारी वजह से ही लोग हमको याद करते हैं वरना तो ये बाबा लोग ख़ुद ही भगवान् बन बैठे हैं ! वहा किसी को हमारी जरुरत ही नही रह गई लगती है !
अगर तुम उनको दुःख ना दो तो वो हमको याद ही नही करे ! तुम्हारी वजह से ही हमारी दूकान दारी चल रही है ! नही तो आजकल ये बाबा लोग ख़ुद ही भगवान् बन कर लोगो को हम तक आने से रोक लेते हैं ! तुम तो सीधे स्वर्ग के अधिकारी हो ! और तुमसे तो हम बहुत प्रशन्न हुए ! मांग लो तीन वरदान तुम तो ताऊ ! तुम भी क्या याद करोगे की किसी यमराज से मुलाक़ात हुई थी !
और ताऊ ने - पहला वरदान माँगा , मेरे लिए ब्लागीवूड ही स्वर्ग है ! जब तक मेरी इच्छा हो मुझे वहीं रहने दिया जाए !
यमराज - तथास्तु !
दूसरा वरदान ताऊ ने माँगा - मेरे संगी साथी ब्लागरो पर आपके ये चंगूमंगू (यमदूत) , बिना उनकी मर्जी के नजर नही डाले !
यमराज - तथास्तु !
ताऊ - और तीसरा वरदान दीजिये की मेरी चम्पाकली और अनारकली की आप ना तो खाल खिंचवायेंगे और ना उनको जिंदा दीवार में चुन्वायेंगे ! और अगर आपका भैंसा उनको पसंद आ गया तो उनकी शादी में आप रोडा नही अटकाएंगे !
यमराज - ताऊ ये ज़रा मुश्किल काम है ! फ़िर हम पैदल हो जायेंगे !
ताऊ ने कहा - महाराज आप की सेवा में महिष राज हमेशा प्रस्तुत रहेंगे ! आप चिंता मत कीजिये !
यमराज - वाह ताऊ वाह मैं तुमसे बहुत प्रशन्न हूँ ! एक वरदान और मांग लो !
ताऊ ने सोचा - इसको बड़ी वरदान देने की चढी है ! ताऊ की एक बार तो इच्छा हुई की इनको कहे - आप नर्क का राज्य मेरे को दो और आप संन्यास लेके निकल लो ! पर फ़िर कुछ सोच कर चुप रह गया !
फ़िर ताऊ बोला - महाराज आप इतना आग्रहपूर्वक कह रहे हैं तो और एक मांग लेता हूँ ! मेरे बाप का क्या बिगड़ने वाला है ? ये चाँद का पट्टा मेरे नाम करवा दीजिये !
मेरी भैंसों को यहाँ चाँद पर रखूंगा ! एक तो पृथ्वी पर प्रदुषण बहुत ज्यादा है ! इस वजह से मेरी नाजुक भैंसे बहुत जल्दी सर्दिया और जुखामियाँ जाती है !
यमराज - तथास्तु !
इतनी देर में गुरुदेव की उड़नतश्तरी आ गई और यमराज को नर्क के दरवाजे तक छोड़ कर ताऊ उसी उड़नतश्तरी से पृथ्वी लोक लौट आया ! अब चूंकी चाँद ताऊ का है सो चम्पाकली वहा रहे या यहाँ ! क्या फर्क पङता है ? दोनों ही उसके घर हैं !
इब खूंटे पै पढो :-
ताऊ के हाथ पैर जगह जगह से सूजे हुए थे ! कहीं से पिट कर आया था !
अब ताऊ बीच में ही बोल पडा - बस बस भाटिया साहब ! ताई के लिए अब मैं और ज्यादा गालियाँ नही सहन कर सकता ! |
ताउ, प्राणाम। नेट पर सैर करते वक्त सुबह सुबह आपके दर्शन हो गए, अच्छा लगा। टिप्पणियां करने फिर लौटूंगा। हालांकि खूंटा पढकर तो लग रहा है कि ताई ने जर्मन लट्ठ हथिया कर जरा हाथ की सफाई दिखा दी है। ईश्वर करे आपके प्रति उनका यह प्रेम ऐसे ही बना रहे :)
ReplyDeleteतो ताऊ आख़िर यमराज को गच्चा दे ही आए,बेचारे यमराज...
ReplyDeleteजब तक यमराज टेक्नॉलॉजिकली चैलेंज्ड बने रहेंगे; वाहन के लिये भैसें पर निर्भर रहेंगे, तो ताऊ उन्हें चूना लगाता ही रहेगा।
ReplyDeleteयमराज को अपने को लिबरेट करना पड़ेगा! :)
हाय! ताऊ, हम चम्पाकली का दूध पी पी के बड़े हुए। आप उसे चाँद पर छोड़ आए। अब दूध कहाँ से लाएँगे?
ReplyDeleteऔर ताई के लिए लिए आप ने तीन-चार सुन लिए हम तो एक भी ना सुन सकें हैं।
ताऊ जी आपने ब्लोगवीरोँ के लिये बडे अच्छे वरदान माँग लिये हैँ -
ReplyDeleteऔर चाँद पर भी डेरा जमा लिया -वाह ! :)
ये हुआ ना एक पँथ दो काज !
- लावण्या
ये बताओ ताऊ,कि चांद वाले तबेले पर कब जा सकते हैं...कुछ एन्ट्री-फी वगैरह रख रक्खी है क्या?
ReplyDelete...और सुबह-सुबह इत्ती मुस्कान देने का शुक्रिया
-har baar ki tarah aap ka yah avismarniy samsmaran padh kar bahut mazaa aaya .
ReplyDelete1-'हम तो पैदायशी मरे हुए हैं ! '--ab to aap Tau ji darshnik ho gaye!
2-ये वाहन तो आपको अलोकेट किया हुआ है -badiya hai--bhainsOn ka bhi registration??
3-वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये चाँद पर --high-tech yamraaj office--great!
4-चाँद ताऊ का है -Breaking news hai.
5-akhiri mein aap ki ye halat karne wale ka naam padhkar---bahut hansi aayi---poori hamdardi ke saath--dhnywaad itti badiya post ke liye.
[sujhaav---chitr[photos] badey hi durlabh hain isnka insurance kara lijeeye--]
कितने दुःख की बात है ..की ताऊ चम्पाकली जी को ख़ुद से दूर कर आए ..खैर बेटी को तो विदा करना ही था ..बेटियाँ पराया धन होती है
ReplyDeleteचाँद पर कब्जा हो ही गया आपका ताऊ जी ..वरदान बहुत बढ़िया लगे ...:)
ReplyDeleteताऊ हो तो ऐसा... .यमराज से भी वरदान ले लिए... कमाल है,,,
ReplyDeleteअब जब चाँद आपका हो ही गया.. तो फिर भाटिया साहब के ठेले का क्या होगा??? आप उसे हटवा देंगे?
सफरनामा अच्छा लगा. मज़ा आ रहा है. आभार.
ReplyDeletehttp://mallar.wordpress.com
ताऊ राम-राम ! काल रात स्वर्ग मैं देवतयां की मीटिगं होरी थी, थारी करतूतां करकै सारे देवते थारे तै खुन्दक काड़ण नै बैठे है,आज सांझ नै शिब लोक मैं खास मीटिगं बलाई गई सै, उसमै योही मुद्दा रवेगा के ताऊ की "ईसी-तिसी" किस तरयां फेरी जावै. आगै तै बचकै रइयो.
ReplyDeleteथारी पतरी मै बी "ईसी-तिसी" फिरण आला जोग चाल रया सै.
पर मारे रैन्दे फिकर कोणी करियो, एक उपाए है- बस तीसेक हजार का खरचा करणा पड़ेगा, बाकी मैं संभाल ल्यूगां,फिकर कोणया करिये
अच्छा जै राम जी की, बस मनिआरड़र भेज दियो
सही कहा ताऊ जी आपने, शेयर ब्रोकर न होते तो भला ये इन्सान भगवान को याद कैसे करते. प्रभु की जगह ख़ुद की ही पूजा कराने वाले बाबाओं की भी अच्छी ख़बर ली आपने. मजा आ गया ताऊ.
ReplyDelete@ Pt. D.K.Sharma "Vatsa" भाई तीसेक हजार ही होते तो ताऊ यमराज से पंगे ही क्यूँ लेता ? पैसे वालो को तो डर पहले लगता है ! अपन तो नंगे नवाब किले पर घर ! :) इब के करना सै ? बताओ ! :)
ReplyDeleteये आपने बहुत अच्छा किया ताऊ जो चाँद मांग लिया, अब मैं लिखूंगी और कोई मुझे चाँद को नीला पीला करने को कहेगा तो बोल दूंगी मेरे ताऊ का चाँद है, मेरा जैसा मन रंगुंगी...कोई आपका थोड़े है, सो ठंढ रखो.
ReplyDeleteकहानी सुन के सच में बड़ा मज़ा आया, कमाल का लिखते हो आप. और यमराज से वरदान भी माँगा तो सभी ब्लोग्गेर्स के लिए...आप वाकई ब्लोगगिरी के ताऊ हो. मेरा प्रणाम स्वीकारो.
@ poemsnpuja
ReplyDeleteये चाँद माँगने का का कारण भी तुम ही हो ! तुमको इसको जैसा काला, पीला नीला, हरा बैंगनी करना हो करो ! इस पर अब तुम्हारा पूरा अधिकार है ! कोई कुछ कहे तो ताऊ का लट्ठ यहाँ है और चम्पाकली वहाँ पर है ! चिंता ही मत करो और शुरू हो जाओ ! :)
प्लाट की बुकिंग कब खुल रही है ताऊ जी चाँद पे ?
ReplyDeleteप्यारे ताऊजी,
ReplyDeleteआप तो मेरे ब्लाग पर निस्वार्थ और प्रेम भाव से कई बार पधारे किन्तु मैं कृतघ्न ही बना रहा । आज आपकी चौखट तक आया तो अन्दर घुस आया । आनन्द तो आया लेकिन उससे पहले, उस आनन्द से कई गुना ज्यादा दुख हो आया - हे राम, अब तक आपके प्रासाद में क्यों नहीं आया ।
आपके पास तो मेरे गांव-खेडे की गलियों की गुनगुनाती हवाएं और अमराई की घनी-ठण्डी छाया है ।
चन्द्र यात्रा और यमराज से सम्वाद ने सारी थकान मिटा दी ।
मैं तो कोशिया करूंगा ही, आप भी भगवान से प्रार्थना करना कि मुझे सद्बुध्दि दे और आपके प्रासाद मे आकर विश्राम करता रहूं ।
हां, हरियाणा में हल्ला है कि आप इन्दौर में हंगामा मचाए हुए हो । कभी रतलाम तक का सैर सपाटा कर लो । अच्छा ही लगेगा - आपको भी और मुझे भी ।
लट्ठमार रचना रही!
ReplyDeletechalo..ye achcha hua. kabhi ab chaand pe jana hua to conveyence ki problem nahi rahegi....champakali to hai hi...
ReplyDeleteअच्छा फेर नयूं करिये ताऊ के बीसेक हजार ई भेज दियो, तेरी ग्रह शातीं उतने मै ही कर दयूगां, कोई बात नी बाकी दसेक हजार मैं अपणी गोझी तै घाल दयुंगा
ReplyDeleteइब जे धरती पै उतर आए हो तो मेरे ब्लाग http://bakwaashibakwaas.blogspot.com (कुछ ईधर की, कुछ उधर की) अर
http://panditastro.blogspot.com (ज्योतिष की सार्थकता) पै बी दरसण दे दियो
अच्छा जै राम जी की, चालूं, लगै कोई भगत आगया
(के करां, टाबर बी तै पालणा सै)
ये चाँद का पट्टा मेरे नाम करवा दीजिये ! मेरी भैंसों को यहाँ चाँद पर रखूंगा ! एक तो पृथ्वी पर प्रदुषण बहुत ज्यादा है ! इस वजह से मेरी नाजुक भैंसे बहुत जल्दी सर्दिया और जुखामियाँ जाती है !
ReplyDelete" ha ha ha ha ha ha tauu jee ka sach mey koee jvab hee nahee, abhe tk to suna tha natvarlal ne tajmahal ko baich diya tha.... pr tau jee ne seedha chand ko hee kabja liya vo bhee vardaan mey.... dhany ho aap tau jee...chlo issee bhane chand pr humara bhee aana jaan ho jayega verna to hum soch bhee nahe skty thy na..."
regards
@ Pt. D.K.Sharma "Vatsa"
ReplyDeleteभाई २० बी कोनी !
चाल कोई बात नी , दसेक हजार ई भेज दियो,है तौ मुसकल ई पर भौलेणाथ तै थौड़ी जयादयां प्रार्थना कर ल्युगां के गरीब आदमी का खयाल कर लै. शैद माण ई जां
ReplyDeleteअरे यार ये ताउ तो बडे काम का आदमी है। इसे पटा के रखना पडेगा।
ReplyDeleteताऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊ यमराज को गच्चा और ताई से लट्ठा......ये क्या बात हुई!!!!!!!!!
ReplyDelete@ pt. d.k.sharma "vatsa"
ReplyDeleteभाई दस का भी जोगाड़ ना हो सकदा !
लै फेर ताऊ तेरा कुछ कौन्या हो सकै, ईब तौ देबते थारी "ईसी-तिसी" फेरेगें ई. सारे कठ्ठे होकै धरती पै आए ही समझ. ईबी बी टैम है, एक बार फेर सोच लियौ.या तो मेरी भलमाणसियत है
ReplyDeleteताऊजी बधाई आखिर यमराज भी चक्कर मे आ गये
ReplyDeleteयमलोक,पृथ्वीलोक,ब्लागलोक-----और अब चांद
पर भी ताऊ---वाह/
@ Pt. D.K.Sharma "Vatsa"
ReplyDeleteदेबते म्हारी ईसीतीस्सी फेर कै के पताशे खा लेंगे ? बिन पिस्से का काम हो तो करदो पन्डीतजी महाराज ! चाँद पै एक प्लाट थमनै भी देदेंगे ! इब्बी नकद नारायण तो किम्मै भी कोनी !
यमराज - वाह ताऊ वाह मैं तुमसे बहुत प्रशन्न हूँ ! एक वरदान और मांग लो !
ReplyDeleteਤਾਓ ਹਾਮ ਹਾਮ
ताऊ ये बताओ कि आपने वरदान क्या मांगा वैसे मुझे लगता है आपने कहा होगा कि मुझे वरदान दो कि जब भी मैं आपको बुलाऊं तो आप आकर केवल मुझे तीन वरदान हमेशा ही देना क्यों ठीक कहा ना
ताऊ एक शिष्य बना लो ! हम तैयार है... कोचिंग भी खोलो तो हमारा अप्लिकेसन तैयार है. यमराज को बड़ा सस्ते में छोड़ दिया :-)
ReplyDeleteईब आपणै वरदाण म्हारी खात्तिर भी माँग्या ही होगा कि चंगू-मंगू तै .... बचै रह्वैं, सो म्हणै भी थैन्क्यू क्हैण का मौका देणा बणै आपका!
ReplyDeleteथारे धोरे टोकरा-भर थैन्क्यू देणा बणता है जी म्हारा। स्वीकारो।
मेरे प्यारे ब्लागियों
ReplyDeleteम्हारे होते होये ताऊ की कोए पूंझड़ बी नी पाड़ सकता
यमराज की के बिसात सै
प्रेम से बोलो
ताऊ जिंदाबाद
मेरे प्यारे ब्लागियों
ReplyDeleteम्हारे होते होये ताऊ की कोए पूंझड़ बी नी पाड़ सकता
यमराज की के बिसात सै
प्रेम से बोलो
ताऊ जिंदाबाद
मेरे प्यारे ब्लागियों
ReplyDeleteम्हारे होते होये ताऊ की कोए पूंझड़ बी नी पाड़ सकता
यमराज की के बिसात सै
प्रेम से बोलो
ताऊ जिंदाबाद
मेरे प्यारे ब्लागियों
ReplyDeleteम्हारे होते होये ताऊ की कोए पूंझड़ बी नी पाड़ सकता
यमराज की के बिसात सै
प्रेम से बोलो
ताऊ जिंदाबाद
मोदगिल भाई के साथ मैं भी ताऊ की जय बोल रहा हूँ लेकिन मुहं नीचा कर के...क्या पता कब ताऊ की भैंस चाँद पे पोठा (गोबर) गिरा दे जो सीधा मुहं पे आ गिरे...रे ताऊ अब तो चाँद को ताकने काबिल भी न रहे रे...
ReplyDeleteनीरज
करलओ बात भई चंद पर तो मेने ठेला इसी नियत से लगाया था की धीरे धीरे सारे चांद पर कवजा कर लुगां, अरे ताऊ तभी तो पिटा ताई के हाथो, चलो कोई बात नही , हम मार्स पर अपना अगला ठीकाना बानाये गे.
ReplyDeleteताऊ बधाई हो, जान बचने की.
राम राम जी की
ताऊ
ReplyDeleteयमराज को तो गोला दे कर आ गए .
यहाँ ये सारे आपके पीछे ही पड़ गए .
और इस सब चक्कर में आपका लोगों को बिगाड़ने
का मूल काम तो छूटा ही जा रहा है .
बच्चे बड़े हो रहे हैं .उनकी ओर ध्यान दीजिये और बिगाडें
क्या शान जमाई ताऊ की। वाह। ताऊ हो तो ऐसा चाहे एक ही हो।
ReplyDeleteवाह ताऊजी कितनी अकलमंदी से जान बचाई और साथ में फल के रूप में ४ वर भी मांग लिए। भई वाह। फिर भी ताऊजी थारे को ताई ने क्यों पीटा। अगली पोस्ट के इंतजार में। मजा आगया।
ReplyDeleteAchchha hua ki tau yamraj ko dhatta batakar is lok mein laut aaye!....nahi aate to yahan hasyaras ke abhaav mein sookha pad jaata!
ReplyDeleteआप नर्क का राज्य मेरे को दो और आप संन्यास लेके निकल लो
ReplyDeleteताऊ, तूने बुद्धि तो भतेरी लगायी, पर ज्यो तू नर्क का राज्य ही मांग लेता रो के बिगड़ जात्ता. फेर तो हम बी मरण के बाद सुरग की जगह नरक ही मांगते. म्हारी तो फेर इस लोक मैं बी अर परलोक मैं बी मौज ई मौज हो जात्ती.
तुम मेरे सच्चे भक्त हो ताऊ ! आजकल पृथ्वी लोक में सिर्फ़ तुम्हारी वजह से ही लोग हमको याद करते हैं वरना तो ये बाबा लोग ख़ुद ही भगवान् बन बैठे हैं ! वहा किसी को हमारी जरुरत ही नही रह गई लगती है !
ReplyDeleteसही बात है ताऊ है ही निहायत नेक और शरीफ इंसान ! बोलो ताऊ की जय !
बहुत बढिया ताऊ ! आप ने जबरदस्त काम किया है ! डा. अनुरागजी की बात पर भी ध्यान दो ! अब चाँद पर कुछ प्लाट काट कूट कै पिस्से बटोर लो ! फ़िर चोरी डकैती के काम हमेशा के लिए बंद ! फ़िर पिस्से लेके मेरे पास आजाना ! दोनों आराम से रहेंगे ! और मैं तुम्हारी सेवा करूंगा ! तुम्हारे पैसे संभालने का कष्ट मैं ही करूंगा ! आपको कोई कष्ट नही होने दूंगा !
ReplyDeleteताऊ मजा आगया इबकै तो ! चाँद पर रह रही भैंस का दूध भी काफी कीमती होगा ! एक प्रोडक्ट शुरू करो ! चाँद पर रही हुई भैंस का दूध ! कसम से मस्त आईडिया है ! सोचो ज़रा ! आपतो हेरा फेरी के मास्टर हो ! लगाओ आईडिया ! मेरे को पार्टनर बना लो ! फाईनेंस भी करवा दूंगा ! :)
ReplyDeleteबहुत सही जा रहे हो ताऊ ! अब तो लगता है चाँद पर ही कालोनी कटेगी ! हिसाब किताब से रेत खोलना , एकड़ प्लाट हम भी ले लेंगे ! :)
ReplyDeleteताऊ जबरदस्त कल्पना है ! आज नही तो कल साकार हो ही जायेगी ! मजा आया पढ़ कर ! बहुत बढिया !
ReplyDeleteताऊ बस नमन ही करूंगा आपको ! इस टेंशन के बाजार में भी आप हंसने और हँसाने में कामयाब हो ! यह बहुत बड़ी बात है ! मैं आपको पढता हमेशा हूँ पर समय नही होने से टिपनी नही कर पाता ! आज आपको एक मेल मैंने की ई ! कृपया जवाब जरुर देना !
ReplyDeleteअद्भुत कल्पना ! ताऊ की जय हो !
ReplyDeleteताऊ आपको यमराज से डर नही लगा क्या ?
ReplyDeleteताऊजी बधाई
ReplyDeleteताऊ जी राम-राम
ReplyDeleteआपकी समझदारी हर समय आपको मुसिबतों से बचा लेती है ताऊ जी । यमराज तो फिर क्या है ।
तुम वहाँ लोगो को इतना दारुण दुःख देते हो की लोग सीधे हमको ही याद करते हैं ! तुम्हारे द्वारा दिए गए कष्टों की वजह से वो सीधे राम नाम पुकारने लगते हैं !
ReplyDeleteताऊ आज तो बहुत मजा आया ! कमाल का लिखा है ! अब चम्पाकली कब आयेगी ? :)
ताऊ ये खूंटा जबरदस्त गाड़ रक्खा है ! जब जो बदमाशी करे उसको खूंटे पर बाँध दो ! आईडिया बढिया है ! पर आज तो आप ही पिट रहे हो खूंटे पर ! :)
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