अब वहाँ चाँद पर से यमदूतो के साथ ताऊ चलने लगा तो भाटिया साहब की आँखे भर आई ! और दौड़ कर आकर ताऊ के गले लग गए ! ताऊ भी काफी भावुक हो गया ! फ़िर भाटिया जी बोले भाई तू इब हमेशा के लिए जावै सै ! एक बार ताजा लस्सी और पीले और उसके बाद हुक्का पीके चले जाना ! तेरे को आज के बाद वहाँ हुक्का चिलम कुछ नही मिलेगा ! इब भाटिया साहब बोले - ताऊ तुम चिंता मत करना ! तुम मुझे ख़बर करवा देना की तुमको ये कौन से नर्क में ले गए हैं !
अपने तिवारी साहब और भूतनाथ वहीं पर नरको में सजा देने के ठेके आज कल लेते हैं ! और उनकी बॉस भी जर्मनी वाली यूनिटी ही है ! और मेरी उससे काफी गहरी जान पहचान है ! और तिवारीसाहब से तो तेरी पहचान है ही और भूतनाथ भी समझ ले अपना ख़ास आदमी है ! मेरे कहने के बाहर नही वो ! सो मैं ऐसा इंतजाम कर दूंगा की तुमको वहाँ कोई तकलीफ नही हो !
इतनी देर में ताऊ की भैंस जोर जोर से रेंकने लग गई ! सबने देखा तो सामने से झौठे ( भैंसे ) पर बैठे यमराज चले आ रहे थे ! आते ही उन यमदूतो पर बरस पड़े ! तुम लोग निक्कमे और काम चोर हो गए हो ! तुमको ज़रा भी शर्म नही है ! अगर एक आदमी को लाने में इतनी देर लगाओगे तो नर्क का काम काज कैसे चलाऊंगा मैं ? और उन्होंने भैंसे की पीठ से उतर कर ताऊ की तरफ़ देखा ! जैसे किसी मच्छर की तरफ़ देखते हैं !
ताऊ और उसकी प्यारी भैंस पृथ्वी से चलते समय एक प्लान बना कर निकले थे ! अब लगता है उसका कार्यान्वन का समय आ गया था !
ताऊ चुपचाप अपनी भैंस के पास गया और धीरे से उसको बता दिया की अब मेरी जान तेरे हाथ है ! बहुत होशियारी से सब काम करना है ! अगर सफल रहे तो ब्लागीवूड में वापस, नही तो यहाँ नर्क में ही मरना है !
भैंस बोली -- ताऊ आप चिंता ही मत करो ! मैं मेरे प्राण रहते तक आपके प्राण संकट में नही पड़ने दूंगी ! हम दोनों ही इनके चंगुल से लौट कर वापस चलेंगे ! आख़िर मुझे भी तो ब्लागीवूड की हिरोईन बनना है !
ताऊ अपनी भैंस की पीठ थप थपा कर बोला - शाबास , मुझे तुझसे यही उम्मीद थी !
बस जैसे ही ताऊ ने अपनी भैंस की तरफ़ एक इशारा भर किया और ताऊ की प्यारी भैंस तुंरत समझ गई ताऊ की भाषा ! इब ताऊ की भैंस ने यमराज के झौठे की तरफ़ बड़े प्यार से देखा ! जैसे फ़िल्म नया दौर में वैजयंतीमाला ने दिलीप कुमार की तरफ़ देखा था ! बस यमराज का झौठा महाराज तो ताऊ की झौठडी पै मर मिटा ! आख़िर ताऊ की झौठडी किसी हिरोईन से कम नही थी !
इब ताऊ और भैंस की योजना के मुताबिक भैंस धीरे धीरे पीछे खिसकना शुरू हुई ! इधर यमराज अपने यमदूतो यानी अपने एजेंटो को डांटने में लगा था ! और उधर ताऊ की झौठडी अपने इरादों में सफल हो गई !
काफी दूर निकलने के बाद झौठडी बिल्कुल इठला इठला कर हिरोईन की तरह चलने गई ! जैसे ही झौठा राम पास आते , वो तेज तेज दौड़ लगा देती ! उनका यह लुका छिपी का दौर काफी देर चलता रहा !
आख़िर झौठाराम के काफी अनुनय विनय के बाद वो एक पेड़ के नीचे रुक गए ! और घंटो एक दुसरे की आँखों में खोये रहे ! दोनों में प्यार हो गया !
भैंसा : आप का नाम क्या है ? आपका परिचय देने की कृपा करे ! हे महिषनि जी मैं अब आपके बिना जिंदा बिना जिंदा नही रह पाउँगा !
भैंस : हे महिष राज ! कहाँ मैं और कहाँ आप ? आप साक्षात महिषासुर अवतार हैं और मैं एक सीधी साधी पृथवी लोक में एक ताऊ के घर रहने वाली गाँव की भैंस हूँ ! आपकी मेरी क्या बराबरी ?
भैंसा : हे महिष्नन्दिनी ! प्रिये ! आप इस तरह के वचन मत बोलिए ! हम आपके लिए आकाश पाताल एक कर देंगे ! हमने आपके जैसी अनिन्ध्य सुन्दरी और रूपवती कोई दूसरी राजमहिषी नही देखी ! आज से आप हमारे दिल की रानी हैं ! हम आपसे अभी और इसी वक्त शादी करना चाहते हैं !
भैंस : ये आपकी जर्रानवाजी है मेरे सरताज ! और बड़े प्रेम से उसकी तरफ़ निहारा ! और चलने लगी ! दोनों चलते चलते काफी दूर निकल गए ! और प्यार की पींगे बढाते हुए गाने गाते हुए हरी हरी घास खाने में मगन हो गए ! भैंस उसको ज्यादा से ज्यादा दूर लेकर निकलना चाहती थी !
उधर ताऊ का नर्क में प्रवेश का समय निकलता जा रहा था ! यमराज अपने दूतों से बोले : अरे नालायको , अभी और तुंरत निकलो यहाँ से ! और मेरा भैंसा कहाँ है ? सब भैंसे को देखने लगे ! भैंसा हो तो मिले ! इब ताऊ मन ही मन मुसकराने लगा !
एक ताऊ को छोड़ कर किसी को नही मालुम था की क्या हुआ ? बहुत देर हो गई ! यमराज परेशान दिखाई देने लगे ! उनको काफी तेज तेज गुस्सा आने लगा ! उन्होंने तुंरत चित्रगुप्त , अपने सेक्रेटरी से संपर्क किया और उसको सारी बात बताई ! उधर से चित्रगुप्त बोला - महाराज आप दो मिनट इंतजार करिए मैं आपको पता लगाके फोन करता हूँ !
दो मिनट यमराज जी के लिए दो युगों के बराबर साबित हुए ! यमराज बड़ी व्यग्रता से चक्कर काट रहे थे ! जैसे ही उनके मोबाईल की घंटी बजी उन्होंने तुंरत फोन उठाकर कहा - हेल्लो , हाँ .. चित्रगुप्त .. मैं बोल रहा हूँ ! क्या ..? क्या कहा तुमने ..?
नही ...नही .. ! ऐसा नही हो सकता ! वो मुझे धोखा नही दे सकता ! अब मैं कैसे लौटूंगा ?
इधर ताऊ मन ही मन मुसकरा रहा था ! भाटिया जी को कुछ समझ नही आरहा था ! उधर यमदूत दांत पीस रहे थे ताऊ के ऊपर ! और भैंस को साथ लाने का मतलब भी उनके अब समझ आया ! अगर ये भैंस सहित नरक में प्रवेश पा गया तो वहाँ की सब व्यवस्थाए ही ध्वस्त कर देगा ! और लगा की अब उनकी नौकरी गई और ताऊ की तरफ़ जलती नजरो से देखने लगे !
भैंस और ताऊ की योजना यहाँ तक तो सही काम कर गई ! और ताऊ का दिमाग अब तेजी से आगे की योजनाओं में उलझ गया ! और ताऊ को ये चिंता भी सताने लग गई की कहीं उसकी प्यारी भैंस किसी परेशानी में ना फंस जाए ! पता नही वो यमराज का दुष्ट झौठा उसे कहाँ ले कर गया होगा ?
पर ताऊ को अपनी भैंस की बुद्धि पर पूरा यकीन था ! आख़िर ताऊ के साथ रहते रहते उसने भी काफी दांव पेच सीख लिए थे ! बस ताऊ के दो ही तो संगी साथी रह गए थे बिल्कुल भरोसे मंद , पहला लट्ठ और दूसरी ये भैंस !
इब खूंटे पै पढो :-
तीन प्रकार के मित्रों से बचना चाहिए !
१. झूँठी वाहवाही करके जब तक कुछ मिले वह "ताली मित्र" |
भैंसा : हे महिष्नन्दिनी ! प्रिये ! आप इस तरह के वचन मत बोलिए ! हम आपके लिए आकाश पाताल एक कर देंगे ! हमने आपके जैसी अनिन्ध्य सुन्दरी और रूपवती कोई दूसरी राजमहिषी नही देखी !
ReplyDeleteभैंस : ये आपकी जर्रानवाजी है मेरे सरताज !
भैंसा तो 'बैजू बावरा' होके बोल रहा है और भैंस 'मुगले आजम' अनारकली बनके ....लगता है दोनों ही फिल्मों के काफी शौकीन हैं :)
काफी मजेदार पोस्ट।
मेने तो पहले ही आशंका जाहिर कर दी थी की यमदूतों पर ताऊ भारी ही पड़ेगा,बेचारे ओवर कोंफिडेन्स में मारे गए | लगता है यमराज का पाला भी ताऊ जेसे आदमी से पहली ही बार पड़ा,ताऊ के आगे पुरी यमराजगिरी भूल जाएगा |
ReplyDeleteबोलीवुड हीरोइन अवश्य बन जायेगी वो :)
ReplyDeleteऔर नन्ही चिडिया का चित्र बहुत पसँद आया ताऊजी ....
स स्नेह,
- लावण्या
अब पता चला कि ताऊ भैंस का इत्ता दीवाना क्यों है.भैंस के हुस्न के क्या कहने.कहीं हमारी नज़र न लग जाये.काला टीका कर रे ताऊ.अघोरी बाबा.
ReplyDeleteपर उस दिन ताई रो रही थी हमारी धूनी पे आके कह रही थी अघोरी बाबा ताऊ का कुछ उपाय बताओ.हम पे ध्यान नहीं देता मुआं भैंस को बहुतै लाड़ करे हे.हमने आँखें बंद की तो देखा और कहा
ताई सावधान- एक भैंस नहीं कई अदृश्य भैंसे भी है ताऊ के साथ. और हमारी बात ध्यान से सुनो ताई कभी ताऊ इमरजंसी में निकट आवे तो दूर रहियो.अघोरी बाबा की बात मानियो.
ताऊ को ख़तरनाक बीमारी हो चुकी है.
अब ताऊ का भैंस प्रेम यमलोक में नये गुल खिलायेगा.
यमराज के भैसे को एडस हुआ समझो .
पूरे यमलोक में एडस फैलाने की जुम्मेवारी जा ताऊ पे ही होगी.
ताऊ की संगत अच्छी नहीं हैं साथ में और भी भैंस प्रेमी है सो ताऊ को उकसाते रहते हैं.
आपके व्यंग्य ने काफी देर तक रोक लिया.सुब्ह सुब्ह आनंद ला दिया रे ताऊ.जय हो ताऊ और ताऊ की भैस लीला की.
बोलो सब भैंसन की जय.
कुछ तो नेंट पर रजिस्टर्ड भैंसे हैं ताऊ.
भैंस पटाने का मंत्र तुझे खूब आता है रे ताऊ भैंसे बिचारे मँह देखते रह जाते हैं और ताऊ मौज कर रिया है.
पर ताऊ को अपनी भैंस की बुद्धि पर पूरा यकीन था ! आख़िर ताऊ के साथ रहते रहते उसने भी काफी दांव पेच सीख लिए थे ! बस ताऊ के दो ही तो संगी साथी रह गए थे बिल्कुल भरोसे मंद , पहला लट्ठ और दूसरी ये भैंस !
ReplyDelete"ha ha ha ha ha tau jee chinta na kro, ye dono aapka sath chodne wale nahee hai hmko to pura ykeen hain.. vo kya hai na, tota maina ke khanee haye kitne puranee ho gyee.... ab to "ताऊ की भैंस or यमराज के भैंसे का इश्क ka jmana hai..." and every thing is fair in love and war, so apke ye भैंस apko nrak se neekal hee layege.."
camal with kids.... eye catching pic..'
Regards
mast re tau.. mast.. ab jaldi se niche bhi aa jao.. :)
ReplyDeleteबस मज़ा आ रहा है. आभार.
ReplyDelete"इब ताऊ और भैंस की योजना के मुताबिक भैंस धीरे धीरे पीछे खिसकना शुरू हुई ! इधर यमराज अपने यमदूतो यानी अपने एजेंटो को डांटने में लगा था ! और उधर ताऊ की झौठडी अपने इरादों में सफल हो गई !"
ReplyDeleteदेखते हैं ताऊ और भैंस अब क्या गुल खिलाते हैं ? लगता है ये भी कोई शर्लाक होम्स की कहानी चल रही है ! बहुत अच्छे !
भैंस बोली -- ताऊ आप चिंता ही मत करो ! मैं मेरे प्राण रहते तक आपके प्राण संकट में नही पड़ने दूंगी ! हम दोनों ही इनके चंगुल से लौट कर वापस चलेंगे ! आख़िर मुझे भी तो ब्लागीवूड की हिरोईन बनना है !
ReplyDeleteताऊ , सही में आपकी भैंस तो बड़ी बड़ी हिरोईनों की छुट्टी कर देगी ! ये ब्लागीवूड में आपकी भैंस को भाटिया जी ब्रेक देंगे या योगीन्द्र मोदगिल जी ? :) अब भैंस भैंस कहना भी अच्छा नही लगता ! कोई अच्छा सा नाम भी रख लो इसका ! :)
वाह! सत्यवान के लिये सावित्री और ताऊ के लिये भैंस।
ReplyDeleteयह तो बड़ी ही उपनषदीय आख्यानात्मक पोस्ट है।
यश चोपड़ा की अगली रोमॅंटिक फिल्म में आपकी भैंस और यमराज का भैंसा ही होगा...
ReplyDeleteकमाल की पोस्ट
सही वीर भैंस है, यमराज के झौंठे से इश्क लड़ाने के लिए बड़ी हिम्मत चाहिए!
ReplyDelete"ताली मित्र", "प्याली मित्र", "थाली मित्र" तो ठीक सै ताऊ ... but what about "घराली मित्र"?
कितनी वफादार है इस पिक्चर की हिरोइन :) जवाब नही आपका इस प्रकार की कल्पना करने में .:)
ReplyDeleteवाह रे तिकड़मी ताऊ और भैंस ! अरे इन दोनों को तो इनवेस्टमेंट बैंकर होना चाहिए... नहीं तो कंसल्टेंसी में तो होना ही चाहिए ! :-)
ReplyDeleteबस ताऊ के दो ही तो संगी साथी रह गए थे बिल्कुल भरोसे मंद , पहला लट्ठ और दूसरी ये भैंस !
ReplyDeleteसही है जिस की लाठी उस की भैंस:)
मजेदार पोस्ट।
ताऊ आपको एक आफर दे रहे हैं ! एक कांट्रेक्ट साईन कर लो - आप डाईरेक्टर, आपकी भैंस हिरोईन और यमराज का भैंसा हीरो लेके एक फ़िल्म बना दो ! फाईनेंस हम सब करेंगे ! बोलो मंजुर्र हो ता बंगलोर आके बात कर लो ! मजाक नही है ! आज की पोस्ट तो गजब की है ! बहुत उंची उड़ान भरी आज तो ताऊ ने !
ReplyDeleteताऊ की झौठडी किसी हिरोईन से कम नही!!
ReplyDeleteअरे, ताऊ की भैंस है-कोई मजाक थोड़ी और ब्लॉगीवूड की हिरोईन की क्या मिसाल...
मान गये ताऊ आपकी कल्पनाशीलता-एकदमे सन्नाट!!
sahi likha taau...aaj to aap basanti ke andaaz me ekdam...bole to chal dhanno aaj tere taau ki jaan ka sawal hai...aur kya intelligent bhains hai aapki, filmein bhi dekhti hai.bhai ab to use laana mushkil hoga lekin agar kahin use pyaar ki acting karte karte sach me pyaar ho gaya to kya karoge taau? latth... :D
ReplyDeleteताऊ माफ करना इब तो मेरा डर भी खतम हो गया सै इब तम बूझौगे कि वा किस ढाल ता वा इस तरियां कि इब ताईं ता मैनू बडा डर लगा करै था कि नरक मैं जाकै भूंडी ढाल जुल्म ढाकै पापों का हिसाब होता सै इब तुम्हारे ते मेरी जानकारी हो ही गई है तो इब मैं तुम्हारे गैल्लयां ही रिहा करूंगा और ओढे ही ब्लागिंग किया करैंगे अच्छा लगा पढकर ताऊ
ReplyDeleteवाह ! इस अद्भुद महिषपुराण की जय हो.........आनंददायक अतिसुन्दर.....
ReplyDeleteप्रतीक्षा रहेगी अगली कड़ी की.
बिल्कुल सही बात है ताऊ बहुत स्टिक,
ReplyDeleteमनै सबेरे देक्खी टिप्पणियां थी तीन..
ReplyDeleteथोड़ी देर पाच्छै होगी सात..
फेर बारह...
और अब बीस...
पर किसे नै ध्यान नी दिया..
के यमराज के भेंसे नै अर ताऊ की क्यूट झोट्टी नै बाग मैं के करया...?
मैं बताऊं..!!!
गाणा गाया........
कुणसा गसया ये बी सुणल्यो...
यमराज का झोट्टाः-
तू बावन बरस की
मैं बासठ बरस का
ना कुछ तेरे बस का
ना कुछ मेरे बस का
ताऊ की झोट्टीः-
अगाड़े-पिछाड़े-लंगूड़े-लंगाड़े
मनै एम्मपी के सारे झोट्टे बिगाड़े
मन्नै तो रहवै सै बस
कुश्ती का चस्का
वा जो गुजर गी
उस जवान्नी का ठस्का
kyon tau theek thaak mamla ho to de de ashirwaad...
de de na....
ताऊ तेरी भेस तो बहुत समझ दार निकली,किस खेत के बिनोके खाती है, बेसे हिरोईन बनाने के चांस बहुत है, क्योकि आज कल की हीरोईन्ये भी तो ताऊ की भेस से कम नही, ताऊ अगली पोश्त मे भेस जी की मिठ्ठी मिठ्ठी आवाज मै एक गीत सुना दे.
ReplyDeleteचल अब हो जाये पार्टी.
ताऊ, आप तो स्वर्ग में भी हड़कम्प मचाने चल दिए। मजेदार । और आपकी भैस का तो क्या कहना।
ReplyDelete(आपने ऊट और बच्चों की बढ़िया फोटो खींची है।)
मैने यमराज के भैस की पुँछ उठा कर देखी थी वह तो मादा है !!लगता है आप गच्चा खा गये पुराण वालो की तरह ? हा हा हा
ReplyDeleteझूठी वाहीवाही नही करेंगे सिर्फ लिखने के लिये लिखा है, खींच खींच के नाहक लंबा किया है और क्या कहें जो झूठी वाहीवाही में ना आये ;)
ReplyDeleteताऊ,तनिक ट्रेनिंग लेनी पड़ेगी हमें हरियान्वी की...
ReplyDeleteयोगेन्द्र जी ने "बावलीबूच" की सहमति दे दी है...आप की स्विकृती रह गयी है बस...पता चला कापी-राइट में अपनी भैंस के साथ खूंटॆ से मुझे भी बांध दोगे..
और चर्चा पढ़कर आनंद आया
थम ने तो चाळे काट दिये ताउ
ReplyDeleteअरे ताऊ इब आपने भैंस को भी बुला लिया ....रे यमराज की सवारी इस इश्क में बदलवा के छोडोगे
ReplyDeleteताऊ मोहे जा बात ठीक से नै समझ आई
ReplyDeleteकी जे लोग पोस्ट पी मोहित है की तोरी भैंस पै
भैसों के चक्कर में न पड़े ताऊ ,भैसों और लाठो ने इस देश में बहुत राज किया है ,फिर भी लिखा है बहुत झकाश
ReplyDeleteमित्रों की परिभाषा अच्छी लगी.
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