एक था पहलवान । जिम जाने का शौकीन था। एक बार गाम से उसका ताऊ भी उसके पास शहर आया हुया था।
वो सुबह उठके जिम जाने लाग्या तौ ताऊ ने बूझ्या :- कित जा रया से ।
पहलवान :- जिम जा रया सूं।
ताऊ :-भाई यो जिम के हो सै
पहलवान :- ताऊ यो अंगरेजी अखाडा हो सै...वरजिश करण का ।
ताऊ :- अरै, वर्जिश करण की बी कोए जगहां हो सै ? आपणे बगड़ मैं-ऐं क्यूं ना कर लेता ?
पहलवान -ताऊ, जिम में बड्डी-बड्डी मशीन लाग रही सैं वर्जिश करण की ।
ताऊ - अरै पहलवान, कसरत तन्नैं करणी सै अक उन मशीनां नैं ?
वो सुबह उठके जिम जाने लाग्या तौ ताऊ ने बूझ्या :- कित जा रया से ।
पहलवान :- जिम जा रया सूं।
ताऊ :-भाई यो जिम के हो सै
पहलवान :- ताऊ यो अंगरेजी अखाडा हो सै...वरजिश करण का ।
ताऊ :- अरै, वर्जिश करण की बी कोए जगहां हो सै ? आपणे बगड़ मैं-ऐं क्यूं ना कर लेता ?
पहलवान -ताऊ, जिम में बड्डी-बड्डी मशीन लाग रही सैं वर्जिश करण की ।
ताऊ - अरै पहलवान, कसरत तन्नैं करणी सै अक उन मशीनां नैं ?
मज़ा आ गया ताऊ !
ReplyDeleteरविन्द्र प्रभात जी ने चर्चा कि थी इस पोस्ट कि ! यह आज ही पढ़ी यह रहा मेरा पहला कमेन्ट !
:-))