सौ नेमतों की एक नेमत है बीमार पडना. अब ताऊ को कहीं ना जाना हो तो तुरंत बीमार पड जाता है. पिछले सालों में कितने ही ब्लागर सम्मेलनों के न्योते आये, कईयों ने तो सम्मान तक देना पहले से ही आफ़र कर दिया था कि ताऊ बस आप तो चले आवो, आपको सदी का महानतम सम्मान "उल्टी खोपडी टेढी अक्ल" सम्मान से नवाज देंगे.
ताऊ का बीमार पडने का फ़ार्मुला बडा अचूक है जो उसके हर जगह काम आता है. ताऊ किसी उलटे सीधे धंधे यानि चोरी डकैती बेईमानी, जालसाजी में पकडाते ही बीमार पड जाता है और हवालात की बजाये सीधे उसे हास्पीटल में भर्ती करवाना पडता है. पुलिस भी बेचारी क्या करे? उसे ताऊ के माल की वजह से ताऊ सचमुच का बीमार नजर आता है और तरस खाकर उसे लाक अप में ना डालते हुये सीधे किसी अस्पताल के एयरकंडीशंड वार्ड में दाखिल करवाना पडता है.
नेता गिरी में भी ताऊ के यही हाल है. जहां ताऊ को लगता है कि इस सम्मेलन में किसी के पक्ष में खडा होना ही पडेगा तो तुरंत ताऊ को हार्ट अटेक आ जाता है और तुरंत हास्पीटल में भर्ती का बहाना...पार्टी गई तेल लेने. अभी गोवा सम्मेलन में तो ताऊ के इस फ़ार्मुले को कईयों ने आजमाया. यानि बीमार पडना नेमत है जी भर के बीमार पडिये और मजे में रहिये.
ताऊ ने सीधे कभी भी, किसी को भी आने से मना नही किया पर ऐन वक्त पर बीमार जरूर पड गया. ताऊ के पास बीमार पड जाने वाला हथियार जो है. मजाल है जो कभी यह हथियार कहीं भी फ़ेल हुआ हो? अब सामने वाला भी क्या करे? बीमार को बुलवा कर अपना फ़ंक्शन कौन खराब करवाये?
पर एक किस्सा इसका अपवाद जरूर है जब ताऊ के बीमार पडने का फ़ार्मुला काम नहीं आया. हुआ यूं था कि अभी दो साल पहले समीर लाल जी के छोटे बेटे आशु की दिल्ली में शादी थी. समीर लाल जी ने निमंत्रण पत्र तो काफ़ी पहले ही भिजवा दिया था. एक महिने पहले ही फ़ोन करके भी याद दिलाया कि ताऊ शादी में आना है. ताऊ ने अपनी आदत मुताबिक कहा कि आप बेफ़िक्र रहिये मैं पहुंच जाऊंगा. ताऊ के पास तो बीमार पडने वाला अचूक फ़ार्मुला है सो किसी को मना कभी नही करता.
उसी फ़ोन पर समीर जी ने ताऊ से इसी मसले पर राय मांगी कि यार ताऊ मैने एक सम्मेलन में जाने की हां भर दी है और मुझे वहां जाना नहीं है, वो लोग मानेंगे भी नही, क्या करूं? ताऊ बोला - इसमे इतना चिंतित होने की क्या बात है? जिस दिन सम्मेलन है उस दिन सुबह आयोजकों को फ़ोन कर दीजिये कि साहब मेरी बडी इच्छा थी आप लोगों से सम्मेलन में भेंट करने की. पर क्या करूं मुझे आज सुबह सुबह ही ये कमबख्त लूज मोशन हो गये हैं, ये जबलपुरिया पानी आजकल कुछ ठीक नही लग रहा है. मैं क्षमा चाहता हूं और सम्मेलन की सफ़लता की शुभकामनाएं देता हूं.
ताऊ के मुंह से ये नायाब फ़ुल प्रूफ़ फ़ार्मुला सुनते ही समीर जी तो उछल पडे और बोले - वाह ताऊ, तुमने तो मेरी सारी चिंता दूर कर दी, मान गये तुमको, चेला हो तो ऐसा, अपने गुरू का खूब नाम रोशन करोगे.
दो दिन बाद समीरलाल जी का वापस फ़ोन आया कि ताऊ मुझे ऐसा क्यों लगता है कि तुमने मुझे जो फ़ार्मुला दिया है वह मुझ पर नही आजमावोगे? तुम ऐन वक्त पर बीमार पडने का बहाना तो नही मारोगे? लगता है तुमने अभी तक टिकट भी बुक नही करवायें होंगे. ताऊ ने हंसकर कहा कि इरादा तो यही था पर अब आपने पकड लिया है तो ठीक है.
समीर जी बोले नही मुझे विश्वास नही है, तुम्हारी खोपडी जबरदस्त रूप से उल्टी है, तुम्हारे पास कुछ और भी फ़ार्मुला होगा, मैं टिकट करवाकर भिजवाता हूं. ताऊ बोला - अब आप चिंता मत किजीये, टिकट मैं करवा रहा हूं. जब तक उनको टिकट की स्केन कापी नही भेजी तब तक समीर जी याद दिलाते रहे. और इस तरह ताऊ दिल्ली में इस शादी की वजह से पहली बार किसी ब्लागर कुंभ में शरीक हुआ जहां अनेक गणमान्य ब्लागर्स से मुलाकात हुई.
उस समय गूजर आंदोलन चल रहा था सो रेल्वे सहित एयर ट्रेफ़िक भी गडबडाया हुआ था. रात को ढाई बजे कोहरे में जैसे तैसे फ़्लाईट लैंड हुई, किसी तरह दिल्ली की कडकडाती सर्दी में होटल पहूंचे जहां शादी की पहली रात होने वाला संगीत समारोह चल रहा था. गेट पर ही समीरलाल जी मिले, देखते ही दोनों गुरू चेले गले मिल गये, इसमे परिचय की जरूरत ही नही लगी. पीछे पीछे साधना भाभी जी भी आ गई और समीर जी ने पूछा कि इन्हें पहचानती हो क्या? छूटते ही भाभी जी बोली - ये ताऊ के अलावा और कोई नही हो सकता. ताऊ ने सोचा कि शायद इन्होने क्राईम पेट्रोल का मोस्ट वांटेड कार्यक्रम वाला ताऊ एपीसोड देखा हुआ है.
अंदर नृत्य संगीत के कार्यक्रम में सब डांस कर रहे थे. एक जवान कपल काफ़ी देर से डांस कर रहा था और बहुत ही खूबसूरती से. ताऊ की नजरें उन पर टिक गई. समीर जी ने धीरे से बताया कि ये दिगंबर नासवा दंपति हैं. थोडी देर बाद श्रीमती और श्री दिगंबर नासवा आकर हमारे और समीर जी के साथ बैठ गये. हमारे बारे में समीर जी ने उनसे पूछा कि इन्हें जानते हो क्या? नासवा जी मना कर दिया. ताऊ ने चैन की सांस ली की चलो ये तो क्राईम पेट्रोल नही देखते वर्ना झंझट खडी हो जाती. नासवा जी को हमारा परिचय देने के पहले हमने उन्हें ताऊ पहेली की तरह कई क्ल्यू दिये पर उनको नहीं पहचानना था सो नही पहचाना. आखिर समीर जी ने काफ़ी मजे लेकर परिचय कराया और सारी रात गप्पें चलती रही. अगले दिन की रिपोर्टिंग अगले भाग में, जब गणमान्य ब्लागर्स से मुलाकात का सौभाग्य मिला.
(शेष अगले भाग में...)
ताऊ का बीमार पडने का फ़ार्मुला बडा अचूक है जो उसके हर जगह काम आता है. ताऊ किसी उलटे सीधे धंधे यानि चोरी डकैती बेईमानी, जालसाजी में पकडाते ही बीमार पड जाता है और हवालात की बजाये सीधे उसे हास्पीटल में भर्ती करवाना पडता है. पुलिस भी बेचारी क्या करे? उसे ताऊ के माल की वजह से ताऊ सचमुच का बीमार नजर आता है और तरस खाकर उसे लाक अप में ना डालते हुये सीधे किसी अस्पताल के एयरकंडीशंड वार्ड में दाखिल करवाना पडता है.
नेता गिरी में भी ताऊ के यही हाल है. जहां ताऊ को लगता है कि इस सम्मेलन में किसी के पक्ष में खडा होना ही पडेगा तो तुरंत ताऊ को हार्ट अटेक आ जाता है और तुरंत हास्पीटल में भर्ती का बहाना...पार्टी गई तेल लेने. अभी गोवा सम्मेलन में तो ताऊ के इस फ़ार्मुले को कईयों ने आजमाया. यानि बीमार पडना नेमत है जी भर के बीमार पडिये और मजे में रहिये.
ताऊ ने सीधे कभी भी, किसी को भी आने से मना नही किया पर ऐन वक्त पर बीमार जरूर पड गया. ताऊ के पास बीमार पड जाने वाला हथियार जो है. मजाल है जो कभी यह हथियार कहीं भी फ़ेल हुआ हो? अब सामने वाला भी क्या करे? बीमार को बुलवा कर अपना फ़ंक्शन कौन खराब करवाये?
पर एक किस्सा इसका अपवाद जरूर है जब ताऊ के बीमार पडने का फ़ार्मुला काम नहीं आया. हुआ यूं था कि अभी दो साल पहले समीर लाल जी के छोटे बेटे आशु की दिल्ली में शादी थी. समीर लाल जी ने निमंत्रण पत्र तो काफ़ी पहले ही भिजवा दिया था. एक महिने पहले ही फ़ोन करके भी याद दिलाया कि ताऊ शादी में आना है. ताऊ ने अपनी आदत मुताबिक कहा कि आप बेफ़िक्र रहिये मैं पहुंच जाऊंगा. ताऊ के पास तो बीमार पडने वाला अचूक फ़ार्मुला है सो किसी को मना कभी नही करता.
उसी फ़ोन पर समीर जी ने ताऊ से इसी मसले पर राय मांगी कि यार ताऊ मैने एक सम्मेलन में जाने की हां भर दी है और मुझे वहां जाना नहीं है, वो लोग मानेंगे भी नही, क्या करूं? ताऊ बोला - इसमे इतना चिंतित होने की क्या बात है? जिस दिन सम्मेलन है उस दिन सुबह आयोजकों को फ़ोन कर दीजिये कि साहब मेरी बडी इच्छा थी आप लोगों से सम्मेलन में भेंट करने की. पर क्या करूं मुझे आज सुबह सुबह ही ये कमबख्त लूज मोशन हो गये हैं, ये जबलपुरिया पानी आजकल कुछ ठीक नही लग रहा है. मैं क्षमा चाहता हूं और सम्मेलन की सफ़लता की शुभकामनाएं देता हूं.
ताऊ के मुंह से ये नायाब फ़ुल प्रूफ़ फ़ार्मुला सुनते ही समीर जी तो उछल पडे और बोले - वाह ताऊ, तुमने तो मेरी सारी चिंता दूर कर दी, मान गये तुमको, चेला हो तो ऐसा, अपने गुरू का खूब नाम रोशन करोगे.
दो दिन बाद समीरलाल जी का वापस फ़ोन आया कि ताऊ मुझे ऐसा क्यों लगता है कि तुमने मुझे जो फ़ार्मुला दिया है वह मुझ पर नही आजमावोगे? तुम ऐन वक्त पर बीमार पडने का बहाना तो नही मारोगे? लगता है तुमने अभी तक टिकट भी बुक नही करवायें होंगे. ताऊ ने हंसकर कहा कि इरादा तो यही था पर अब आपने पकड लिया है तो ठीक है.
समीर जी बोले नही मुझे विश्वास नही है, तुम्हारी खोपडी जबरदस्त रूप से उल्टी है, तुम्हारे पास कुछ और भी फ़ार्मुला होगा, मैं टिकट करवाकर भिजवाता हूं. ताऊ बोला - अब आप चिंता मत किजीये, टिकट मैं करवा रहा हूं. जब तक उनको टिकट की स्केन कापी नही भेजी तब तक समीर जी याद दिलाते रहे. और इस तरह ताऊ दिल्ली में इस शादी की वजह से पहली बार किसी ब्लागर कुंभ में शरीक हुआ जहां अनेक गणमान्य ब्लागर्स से मुलाकात हुई.
उस समय गूजर आंदोलन चल रहा था सो रेल्वे सहित एयर ट्रेफ़िक भी गडबडाया हुआ था. रात को ढाई बजे कोहरे में जैसे तैसे फ़्लाईट लैंड हुई, किसी तरह दिल्ली की कडकडाती सर्दी में होटल पहूंचे जहां शादी की पहली रात होने वाला संगीत समारोह चल रहा था. गेट पर ही समीरलाल जी मिले, देखते ही दोनों गुरू चेले गले मिल गये, इसमे परिचय की जरूरत ही नही लगी. पीछे पीछे साधना भाभी जी भी आ गई और समीर जी ने पूछा कि इन्हें पहचानती हो क्या? छूटते ही भाभी जी बोली - ये ताऊ के अलावा और कोई नही हो सकता. ताऊ ने सोचा कि शायद इन्होने क्राईम पेट्रोल का मोस्ट वांटेड कार्यक्रम वाला ताऊ एपीसोड देखा हुआ है.
अंदर नृत्य संगीत के कार्यक्रम में सब डांस कर रहे थे. एक जवान कपल काफ़ी देर से डांस कर रहा था और बहुत ही खूबसूरती से. ताऊ की नजरें उन पर टिक गई. समीर जी ने धीरे से बताया कि ये दिगंबर नासवा दंपति हैं. थोडी देर बाद श्रीमती और श्री दिगंबर नासवा आकर हमारे और समीर जी के साथ बैठ गये. हमारे बारे में समीर जी ने उनसे पूछा कि इन्हें जानते हो क्या? नासवा जी मना कर दिया. ताऊ ने चैन की सांस ली की चलो ये तो क्राईम पेट्रोल नही देखते वर्ना झंझट खडी हो जाती. नासवा जी को हमारा परिचय देने के पहले हमने उन्हें ताऊ पहेली की तरह कई क्ल्यू दिये पर उनको नहीं पहचानना था सो नही पहचाना. आखिर समीर जी ने काफ़ी मजे लेकर परिचय कराया और सारी रात गप्पें चलती रही. अगले दिन की रिपोर्टिंग अगले भाग में, जब गणमान्य ब्लागर्स से मुलाकात का सौभाग्य मिला.
(शेष अगले भाग में...)
bat to tab hai jab aap sabhi bloggars se swayam ru-b-ru ho jayen aur ye bimari ka bahan kahin aur rakhkar aa jayen
ReplyDeleteशालिनी जी ,
Deleteयह मामला बहुत गंभीर नहीं है :)
ताऊ बस ताऊ है ..
हा हा हा....शालिनी जी ये तो डाक्टर दराल से पूछना पडेगा.:)
Deleteरामराम.
सतिश जी आप सही कह रहे हैं.:)
Deleteरामराम.
चुनाव सभा होती नहीं बिना वक्ता
ReplyDeleteताऊ पड़े बीमार ये हो नहीं सकता
गोआ एपिसोड से यह साबित हो गया कि ताऊगिरी की मान्यता देशभर में बढ़ती जा रही है।
बीमार पडने का नाटक गोवा में दिख गया ना?:)
Deleteरामराम.
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
ReplyDeleteआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा आज सोमवार (10-06-2013) को सबकी गुज़ारिश :चर्चामंच 1271 में "मयंक का कोना" पर भी है!
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आभार शाश्त्री जी.
Deleteरामराम.
बहुत इंटरेस्टिंग स्टोरी अच्छा लगा पढ़ कर धन्यवाद!!
ReplyDeleteआभार रंजना जी.
Deleteरामराम.
ताऊ अपना परिचय आप दे रहे , अद्भुत आख्यान :)
ReplyDeleteताऊ को फिर आप पहचाने नहीं ...
Deleteवाणी जी, अभी तो अगले एपीसोड में राज खुलेगा.:)
Deleteरामराम.
हा हा हा....सतीश जी आप तो ताऊ के पास ही रहते हैं, रोज सुबह शाम मिलते हैं.:)
Deleteरामराम.
गोवा एपिसोड में जितने लोगों ने ताऊ फार्मूला अपनाया उन्हें फार्मूले की रोयल्टी का नोटिस भेज दीजिये ताऊ श्री :)
ReplyDeleteरायल्टी का क्या नोटिस भेंजे? ताऊ की खुद की ही बैण्ड बज गयी.:)
Deleteरामराम.
बढ़िया व्यंग्य .... बीमार पड़ने पर नमो नमो का जाप करें :):)
ReplyDeleteसही सलाह दी आपने, अब नमो नमो के जाप करने के अलावा कुछ बचा भी नही है.:)
Deleteरामराम.
ताऊ किसी उलटे सीधे धंधे यानि चोरी डकैती बेईमानी, जालसाजी में पकडाते ही बीमार पड जाता है और हवालात की बजाये सीधे उसे हास्पीटल में भर्ती करवाना पडता है. पुलिस भी बेचारी क्या करे? उसे ताऊ के माल की वजह से ताऊ सचमुच का बीमार नजर आता है और तरस खाकर उसे लाक अप में ना डालते हुये सीधे किसी अस्पताल के एयरकंडीशंड वार्ड में दाखिल करवाना पडता है.
ReplyDeleteयह बिल्कुल सही कथन है, जितने भी ताऊ किसी जुर्म में पकडाते हैं वो सीधे बीमार पडकर पुलिस को सेट करके अस्पताल में भर्ती हो जाते हैं। बहुत ही सटीक व्यंग।
तिवारी साहब क्या करें? हमारी पुलिस इतनी दयालू जो है.:)
Deleteरामराम.
बी जे पी भी अब ताऊ के रास्ते चल पडी है। लगता है इसका भी बंटाधार होना तय है।
ReplyDeleteBJP का चाहे जो हो पर ताउ का बंटाधार तो हो ही गया है.:)
Deleteरामराम.
ताऊ तेरी माया तू ही जाने, तू कहां गया या नही गया? तुम्हारी फ़ितरत देखते हुये लगता है कि तुम कहीं नही गये, समीर जी को भी तुमने गोली ही दी होगी।:)
ReplyDeleteलेबल में "सफ़ेद झूंठ" का लेबल लगा है सो तेरी किसी बात का यकीन करना मुश्किल है कि तुम झूंठ बोल रहे हो या सच?
हा हा हा....अगले एपीसोड का इंतजार किजीये, पानी का दूध और दूध का पानी हो जायेगा.:)
Deleteरामराम.
@ सौ नेमतों की एक नेमत है बीमार पडना.
ReplyDeleteअचूक नुस्खा है अपनाया हुआ है कई बार, बहुत बढ़िया मजेदार लगी पोस्ट :)
जी, बिल्कुल फ़ुल प्रूफ़ नुस्खा है तभी तो यहां सबको बताया है.:)
Deleteरामराम.
धीरे धीरे कई राज़ खुल रहे हैं.....
ReplyDeleteजिज्ञासा बरकरार है.....
:-)
सादर
अनु
अनु जी, बस अगले एपीसोड में पानी का दूध और दूध का पानी हुआ ही समझिये.:)
Deleteरामराम.
अपने को बचाने के लिए बीमारी का बहाना बनाना अचूक नुस्खा है,,,बढ़िया मजेदार पोस्ट :,,,
ReplyDeleterecent post : मैनें अपने कल को देखा,
आभार धीरेंद्र जी.
Deleteरामराम.
:) jai ho :)
ReplyDeleteआभार रंजना जी.
Deleteरामराम.
बीमार पड़ने का ताऊ फार्मूला डॉक्टरों के बड़े काम का है। तभी तो नर्सिंग होम फुल रहते हैं।
ReplyDeleteताऊ के लिए एक सम्मान करोडपति डॉक्टरों की ओर से भी निश्चित हो गया ।
सावधान ..
Deleteताऊ आपको अपनी टोपी पहनाने के चक्कर में है !
डा. दराल साहब, क्या करें ताऊ तो दयालू है शुरू से ही.:)
Deleteरामराम.
सतीश जी, यानि ताऊ खुद ताऊ को ही टोपी पहनायेगा?:)
Deleteरामराम.
यह गोली देने के पीछे भी कोई चालाकी है ??
ReplyDeleteताऊ मैं भी वहीँ था , तुम कहीं डॉ दराल ही तो नहीं थे यार ...??
अब तो सारे घराती-बाराती शक के दायरे में आ रहे हैं ...
Deleteसतिश जी, आप तो कयामत की नजर रखते हैं.:)
Deleteरामराम.
अनुराग जी, लगता है ये ताऊ सरे कुओं में पडा है.:)
Deleteरामराम.
अच्छा उस शादी में ताऊ भी शामिल था ! हमें तो पता ही नहीं चला वर्ना एक फोटो तो खींच ही लेते।
ReplyDeleteअभी भी कैमरा आपके हाथ में ही है.:)
Deleteरामराम.
कभी -कभी अपने ही दांव उलटे पड़ जाते हैं खासकर जहाँ गुरु -चेले दोनों ही तेज़ दिमाग हों.
ReplyDelete..
विवाह समारोह की अगली रिपोर्ट का इंतज़ार रहेगा.
ताऊ के साथ ताई नहीं गईं थी क्या?उनका ज़िक्र ही नहीं है.
हमेशा चेला ही गुरू को निपटाते आया है क्योंकि यही प्रकृति का शाश्वत नियम है.
Deleteविवाह समारोह में ताई भी साथ थी, सब कुछ अगले एपीसोड में मालूम पडेगा.
रामराम.
"ताऊ, तुमने चेले होकर भी गुरू को आखिर चकमा दे ही दिया और हम इंतजार ही करते रह गये".:)
ReplyDeleteहा हा हा....ताऊ और ताई दोनों आये थे आपने पहचाना नही तो कोई क्या करे? भले ही आप डाक्टर दराल साहब से पूछ लिजीये.:)
Deleteरामराम.
अगले भाग का बेसब्री से इंतजार है
ReplyDeleteबस जल्दी ही आपकी ख्वाहिश पूरी करने की कोशीश की जायेगी, आभार.
Deleteरामराम.
पहले एक चरित्र हुआ करता था लाल बुझक्कड़,जिसके लिये कहा जाता था - 'बूझै बूझै लाल बुझक्कड़ और न बूझे कोय'.
ReplyDeleteआजकल पता नहीं कहाँ ग़ायब है !
हा हा हा...सही कहा आपने, आभार.
Deleteरामराम.
ताऊ तू सच्चा है या समीर लाल जी सच्चे हैं, बता। अगर तू शादी में पहुंचा होता तो ब्रेकिंग न्यूज ना बणती! सच सच बता माजरा क्या है?
ReplyDeleteअब हम क्या करें? इस बात का फ़ैसला तो समीरलाल जी और डाक्टर दराल पर ही निर्भर करता है. उन दोनों में क्या समझौता हुआ है ये हमें क्या मालूम?:)
Deleteरामराम.
ताऊ श्री बहुत मजाकिया हैं भई ... शादी में जब मिलते थे हम सपने में ही रहते थे ... सुबह हुई ताऊ गायब ... इस अपना रहस्य रहस्य ही बानाए हुए हैं अब तक ...
ReplyDeleteहा हा हा....तो ताऊ से सपने में ही मिल लिये आप?:)
Deleteरामराम.
आगले एपिसोड में ताऊ का भंडाफ़ोड… :)
ReplyDeleteमुझे भी निमंत्रण मिला होता तो जरुर ताऊ का मुखारविंद देख धन्य हो गए होते
ReplyDelete