ताऊ महाराज धॄतराष्ट्र की जान खतरे में डालकर किसी ने जबरदस्त साजिश करके बदला लेने की कोशीश की है. महाशरीफ़ और निहायत ही नेक इंसान, धर्मपूर्वक ब्लाग प्रजा पालक ताऊ महाराज धॄतराष्ट्र के साथ जिसने भी ऐसा किया है वो अच्छा नही किया. बुराई का बदला बुराई से ही मिलता है. पता नही किसने फ़ोनियाकर ताई महारानी गांधारी को शिकायत लगा दी कि ताऊ महाराज तुम्हें बुढिया कहते हैं....वगैरह..वगैरह....
अब ताई महारानी में इतनी अक्ल कहां कि वो महाराज ताऊ से शांतिपूर्वक पूछती कि असल बात क्या है? बस एक ही रट लगा दी कि अपनी लिखी चिठ्ठी वापस लो और क्लीन चिट दो...या लठ्ठ खाकर अपनी जान दो.......अब ताऊ महाराज धॄतराष्ट्र की इतनी कूबत थोडे ही है कि महारानी का कोप भाजन बन कर अपना बुढापा खराब करलें सो महाराज ने तुरंत प्रेस बुलाकर ऐलान कर दिया कि मेरे कहने का मतलब ना तो महारानी के बुढापे से था और ना ही किसी मंत्री संत्री के भ्रष्टाचार से.
बात यहीं समाप्त भी नही हुई. ताई महारानी ने अपने को बुढिया कहा जाने को मन में गांठ की तरह बांध लिया और ताऊ की जान की दुश्मन बन गई. वैसे यह स्वभाविक भी है कि कोई भी महारानी आंटी तक कहाया जाना पसंद नही करती...फ़िर बुढिया कहा जाना तो सबसे बडी और गंदी गाली समान बात है. बस ताई ने उसी समय से ताऊ महाराज धॄतराष्ट्र को लठ्ठ मारने के बहाने ढूंढने शुरू कर दिये थे पर ताऊ महाराज धॄतराष्ट्र भी कोई ऐसे ही अंधे बहरे नही हुये हैं बल्कि द्वापर से ब्लागयुग तक की महाराजी तय की है सो बहुत संभल संभल कर कदम रख रहे थे.
आखिर कल सुबह ताई महारानी ने ताऊ महाराज धॄतराष्ट्र को सब्जियां लाने का कहा. ताऊ महाराज धॄतराष्ट्र की क्या औकात जो मना करते, आज्ञाकारी महाराज की तरह चुपचाप बाजार की तरफ़ निकल लिये और जो तीन चीजे ताई ने मंगायी थी वो लेकर वापस आगये.
उन तीनों चीजों को देखते ही महारानी ताई की त्योंरियां आसमान पर चढ गयी और अपना लठ्ठ उठाकर महाराज की कुटाई करने के लिये तैयार होगयी. ताऊ महाराज धॄतराष्ट्र ने आज्ञाकारी पति की तरह लठ्ठ खाने की बजाये आज लठ्ठ हाथ मे पकड कर रोक लिया और पूछा कि - ए मेरी बंदरिया महारानी, पहले मेरा कसूर बता, फ़िर तू लठ्ठ मार मार कर चाहे मेरी जान ही क्यों ना ले ले, मुझे कोई शिकवा ना रहेगा...पर कसूर बता.
ताई महारानी बोली - तुम द्वापर से आज तक बंदर के बंदर ही रहे, जरा भी अक्ल नही आयी? मैने तुमसे क्या मंगाया और तुम क्या लेकर आ गये? हे भगवान तुमने मेरी ही किस्मत में ये बुढऊ क्यों लिखा था जिससे फ़ूल मंगाया और कद्दू ले कर आया है?
दोनों में काफ़ी खिच खिच होती रही..आखिर ताऊ महाराज धॄतराष्ट्र सही सामान लाये या गलत...इसका फ़ैसला ब्लाग पुत्र-पुत्रियों पर ही छोड दिया गया. अब नीचे तीन चीजे हैं जो ताऊ महाराज धॄतराष्ट्र खरीद कर लाये हैं और ताई महारानी कह रही हैं कि ये वो चीजे नही हैं जो उन्होने लाने को कहा था, जबकी ताऊ महाराज धॄतराष्ट्र का कहना है कि यही वो चीजे हैं जो उनसे लाने को कहा गया था.
अब आपको फ़ैसला करना है कि ऊपर चित्र में तीन कौन कौन सी चीजे हैं? अगर आपके जवाब ताऊ महाराज की लाई चीजों से मिल गये तो आज ताऊ लठ्ठ खाने से यानि पिटने से बच जायेगा और अगर आपके जवाब ताई महारानी के जवाबों से मिले तो ताऊ का क्या हाल होगा? यह उनके दुश्मनों की खुशी से ही पता चल जायेगा.
ताऊ आस्ट्रोलोजिक्ल आफ़िस की चेतावनी :-
१. अगर किसी पुरूष ने ताऊ महाराज धॄतराष्ट्र को पिटवाने के लिये जान बूझकर गलत जवाब दिया तो उनकी खुद की पिटाई उसकी पत्नि के हाथों से होगी और अगर स्त्री हैं तो आज उसकी पिटाई उसकी सास के हाथों होगी. और अगर कोई कुंआरा/कुंआरी है तो उपरोक्त फ़ल उनको शादी के बाद प्राप्त होंगे.
२. अगर कोई बिना जवाब दिये जायेगा तो भी उसे भी उपरोक्त फ़लों की प्राप्ति मासांत तक होकर रहेगी.
अत: इमानदारी पूर्वक जवाब दें और परेशानी से बचें.
हमें तो चित्र ही नहीं दिख रहा । हम क्या करें ? चलिए कुछ उठक पटक कर देखते हैं ।
ReplyDeleteताऊ अपना सब्जी ज्ञान इतना नहीं कि इनके नाम बता सकें ।
ReplyDeleteलेकिन लौकी ने सेब से कहा -आज तो टमाटर लाल हो रिये हैं ।
टमाटर बोल्या --लौकी , तू क्यों हरी हो रही है । बेचारा सेब चुपचाप सुनता रहा ।
एक तो मने गाजर लागे, दूसरो नींबू और तीसरो तो कद्दू है ही । जय रामजी की.
ReplyDeleteसब्जी तो बेकार है
ReplyDeleteलौकी सेव अनार है।
लोकी,टमाटर,सेव
ReplyDeleteपर ताऊ ताई ने फूल मंगवाया था सो कह दियो कि पहले ये फूल ही था जो बाद में फल में तब्दील हो गया|
अच्छा तो मेरी हरियाणवी ताई को मेरी बनारसी अयली गैअली समझ आ ही गई , नहीं तो सोच रही थी एक तो फोन उस पर से मेरी बनारसी अयली गायली हरियाणवी सुनने वाली ताई को कुछ समझ भी आया की नहीं कही मेरा कान भरना बेकार तो नहीं गया एस टी डी का कुल पैसा वसूल हो गया ;) चुपचाप वापस से ताई की गुलामी में चले जाओ ताऊ !!!
ReplyDeleteऔर ताऊ आप की तीनो में से कोई भी चेतावनी और श्राप मुझे नहीं लगने वाली है क्यों , इसका जवाब तो आप को नारी ब्लॉग पर जा कर मिलेगा अभी अभी वहा टिप्पणी करके आ रही हूं ध्यान से पढियेगा जवाब वही मिल जायेगा :))))
और सब्जी का नाम तो ना बताउंगी क्योकि नाम तो कुछ भी लो पिटना तो तय है ताऊ दो दिन ताई ने लट्ठ को तेल पिलाया है इस दिन के लिए !!!
टमाटर ,सेव और खीरा ;
ReplyDeleteमिटा देगी ताऊ की पीड़ा .
एक तो मुगदर है...बदन बनाने के लिए, दूसरा लाल नींबू...बदन बनाने के बाद नींबू पानी पीने के लिए...तीसरी क्रिकेट की गेंद....खेलने के लिए....
ReplyDeleteअब तो सब पहचनवा दिया...अब कोई खतरा नहीं.
ताऊ तू हमें सास से क्या पिटवाएगा, अब तो हम ही सास बन गए हैं। वो हरी सी लम्बी सी नार जैसी दिख रही है उसे म्हारा शहर में आल कहे हैं और जो नन्हों से लाल-लाल है उसे टिमेटर कहे है और थोडी अंग्रेजी मने भी आवे है एक ऐपल है। अब बता कुण सही ओर कुण गलत?
ReplyDeleteइसका जबाब करवाचोथ को दूँगी गलत बताया तो भी सास पिटाई नहीं करेगी !
ReplyDeleteaap bhi tau.......kya kya likhte rahte hain..........
ReplyDeleteha..ha...ha...
aap ke sohbat me to banda pitega ya
peetegaa?
pranam
बैगन, अमरूद और नीबू। हमको फ्रूट ब्लांडनेस हो तो अलग बात है :)
ReplyDeleteफल तो किसी भी हालत में मिलेगा ही।
ReplyDeleteअरे इतनी बडी हरी मिर्च!
ReplyDeleteछोटा लाल तो शायद बीज है अनार का
और आपके यहां आम अब भी मिल रहे हैं, वाह!
लो ताऊ जी आपको तो मैनें ताई जी से पिटवाने से बचा दिया, लेकिन मेरी पिटाई होनी रोजाना की तरह आज भी तय है। आपको बचाने के चक्कर में मैं भूल ही गया कि मुझसे मेरी पत्नी ने क्या मंगवाया गया है :)
ReplyDeleteप्रणाम
मैं बोली थी लाना, तू इमली का दाना
ReplyDeleteमगर वो छुहाडे ले आया दीवाना.
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सब जो गए बाग मेरा बुड्ढा भी चला गया,
सब तो लाये फूल बुड्ढा गोभी लेके आ गया!
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चित्र विचित्र सब ताऊ के दरबार में!!
हांय! उत्तर नहीं आया..!1 मतलब सभी ब्लॉगरों के आने का इंतजार है?
ReplyDeleteताउजी जहाँ तक मुझे दिख रहा है ....लौकी ,सेब और टमाटर ही है .आगे तो आप ही जानें ,राम -राम ताउजी
ReplyDeleteलगता है जो बोले वो कुंडा खोले वाली कहावत की तरह हम न पिट जाएं ... हमें तो पता नहीं चल रहा ये क्या है ...
ReplyDeleteताई का लट्ठ-संचलन कौन सी नई बात है? ताई की जय हो!
ReplyDeleteवाह! ताऊ श्री जी कमाल है आपका.
ReplyDeleteजबाब आपकी अगली पोस्ट में पढ़ लिया है.
देरी से आने का कभी कभी फायदा हो जाता है.
आभार.
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
ReplyDeleteआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि-
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार (30-06-2012) के चर्चा मंच पर भी होगी!
सूचनार्थ...!
चर्चा मंच में फिर से
ReplyDeleteवाह ताऊ वाह.
kaddu सेव अनार है।
ReplyDeletekaddu सेव अनार है।
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