जिस इंसान की जैसी प्रवृति होती है उसका मन ध्यान सब उसी में रमा रहता है. वो स्वर्ग छोडकर भी नरक की इच्छा करता है. जैसा कि आप जानते हैं कि ताऊ ने सारी उम्र चोर उठाईगिरी, चोरी, डकैती की और उसका मन भी इन्ही सब कामों में लगता है. और कुछ दूसरे भलाई के काम वो करना तो दूर...सोचता भी नही है.
अभी कल की बात है, यमराज के चार दूत ताऊ के पास आगये और बोले - ताऊ खडा हो ले, तेरे को लेने आये हैं तेरा जीवन अब समाप्त हुआ.
ताऊ बोला - भाईयो अभी तो मन्नै १०० वीं पहेली का रिजल्ट और मेरिट लिस्ट बनाना है सो अभी तो मुझे फ़ुरसत नही है, तुम लोग बाद में आना.
इतनी बात सुनते ही उन चारों दूतों में उनका सरदार सा दिखने वाला उस्ताद बोला - ओये ताऊ...चल सीधे से खडा होले, ये कोई निमंत्रण नही है यमराज महाराज का कि तेरी मर्जी होगी तो चलेगा, बंद कर तेरी ये ब्लागरी की दूकान... तेरा यहां ब्लागिस्तान का समय समाप्त हुआ, अब तेरा कर्मों का फ़ैसला महाराज यमराज सुनायेंगे... खडा होले और सुन ज्यादा होशियारी करने की कोशीश मत करना वर्ना...
ताऊ कुछ ना नुकुर करता इसके पहले ही उसने ताऊ को दो हंटर मारे और यम का फ़ंदा ताऊ के गले में डालकर चलते बने ....अब यमदूतों के सामने अच्छे अच्छों की ताऊगिरी निकल जाती है सो ताऊ क्या करता?
इसके बाद वो यमदूत एक दुसरे आदमी के पास पहुंचे जो कि एक बडका सरकारी अफ़सर था और रिश्वत खोरी कर कर के तगडा माल कमाया था...लोगों का ऐसा कहना है कि स्विस बैंको में भी उसके खाते थे..उसको भी दो चार कोडे मारे और डाल दिया फ़ंदा गले में ..सारा माल धरा रह गया...
अब यमदूत बोले कि गोटू सुनार को भी ले जाना है पर उसका नंबर कल है...इस पर ताऊ बोला कि - हे यमदूतों, अगर गोटू सुनार का नंबर है तो उसको आज ही लेलो. वो मेरा मित्र है उसको मैं जानता हूं आप उसको नही जानते..अगर उसको भनक भी लग गई कि उसकी मौत आई है तो वो आपको भी चकमा दे जायेगा और उसने अथाह दौलत हीरे जवाहरात जमा कर रखे हैं सो वो छोडकर आपके साथ जाने वाला नही है.
यमदूतों ने विचार किया..और ताऊ की बात उनको जम गई. अब ताऊ यमदूतों को लेकर सीधा गोटू सुनार के घर पहुंचा, गोटू सुनार कुछ समझ पाता उसके पहले ही यमदूतों ने फ़ंदा सीधा उसके गले में डाला और रवाना हो गये.
ताऊ ने सोचा कि आज तो यमदूत मूड में हैं...सेठ का हिसाब किताब भी आज निपटवा ही देते हैं...सो यमदूतों को याद दिलाया कि सेठ जी का भी नम्बर आ ही गया होगा...आप कहो तो उसका घर भी बता देता हूं...उसे भी ले चलते तो बढिया रहता. यम दूतों ने सम्मन वाली डायरी निकाली तो सेठ का नंबर भी दो दिन बाद ही था. सो यह तय हुआ कि दो दिन पहले या बाद मे..सेठ को भी मरना ही है...सो ताऊ ने सिफ़ारिश की कि आज ही ले चलो जी आप तो. बाद में कहां दुबारा चक्कर लगावोगे?
अब चारों यमदूत ताऊ, अफ़सर और गोटू सुनार को हंटर मारते मारते लेकर सीधे ताऊ के बताये पते पर पहुंचे और सेठ को उठा लिया...सेठ रोता झींकता ही रह गया. और चारों को लेकर नरक में यमराज के सामने प्रस्तुत कर दिया.
नरक में नजारा दूसरा ही था. वहां मालूम पडा कि आज महाराज यमराज का हप्पी बर्थडे है सो आज आई आत्माओं को उनके कर्मों में छूट देकर मनमाफ़िक वरदान दिया जा रहा था.
अब इन चारों में सबसे पहले तो सरकारी अफ़सर का नंबर आया, यमराज ने पूछा कि - हे प्राणी..तेरे कर्म तो बडे ही नारकीय हैं. तू गरीब प्रजा का हक मार मार कर धन जमा करता रहा और सरकारी धन का दुरूपयोग करता रहा पर तू आज हमारे हैप्पी बर्थडे वाले दिन मरा है सो बोल तुझे क्या वरदान चाहिये?
सरकारी अफ़सर बोला - महाराज, मैने जो धन इकट्ठा किया उसका भोग नही कर पाया, मुझे ऐसी जगह भिजवा दिजिये जहां मुझे वो धन वापस मिल जाये.
महाराज यम ने कहा - तथास्तु.
इसके बाद नंबर आया सेठ का और जैसा कि होना ही था उसने भी अपना पीछे छूटा हुआ धन ही वापस मांगा क्योंकि सेठ का सारा ध्यान सारी उम्र उसी धन में था. उसको भी यमराज महाराज ने तथास्तु कह दिया.
फ़िर गोटू सुनार ने भी अपने जमा किये हुये हीरे जवाहरात की ही इच्छा जताई कि मुझे भी ऐसी ही जगह भिजवा दिजिये जहां मुझे मेरे हीरे जवाहरात वापस मिल जायें.
अब नंबर आया ताऊ महाराज का, यमराज जी ने पूछा - ऐ बंदर जैसे मुंह वाले ताऊ नामक प्राणी..तेरे कर्म तो बडे ही जघन्य हैं. तू सारी उम्र चोरी, डकैती, लूट, झूंठ बोलना, धोखाधडी, नकली दवाई बेचना, झुंठे और नकली गंडे तावीज बेचना और अनामी बेनामी टिप्पणीयां करना ही तेरा काम रहा.... पर तू आज के दिन मरा है सो तू ये वरदान मांग ले... तेरे ये सारे कर्म माफ़ करके तुझे स्वर्ग में भिजवा देता हूं.
ताऊ हाथ जोडकर बोला - महाराज मैं स्वर्ग में जाकर क्या करूंगा? आप तो मुझे बस इन तीनों को कहां भेज रहे हैं? उस जगह का पता बता दिजिये.. बाकी का काम मैं खुद ही कर लूंगा.
अभी कल की बात है, यमराज के चार दूत ताऊ के पास आगये और बोले - ताऊ खडा हो ले, तेरे को लेने आये हैं तेरा जीवन अब समाप्त हुआ.
ताऊ बोला - भाईयो अभी तो मन्नै १०० वीं पहेली का रिजल्ट और मेरिट लिस्ट बनाना है सो अभी तो मुझे फ़ुरसत नही है, तुम लोग बाद में आना.
इतनी बात सुनते ही उन चारों दूतों में उनका सरदार सा दिखने वाला उस्ताद बोला - ओये ताऊ...चल सीधे से खडा होले, ये कोई निमंत्रण नही है यमराज महाराज का कि तेरी मर्जी होगी तो चलेगा, बंद कर तेरी ये ब्लागरी की दूकान... तेरा यहां ब्लागिस्तान का समय समाप्त हुआ, अब तेरा कर्मों का फ़ैसला महाराज यमराज सुनायेंगे... खडा होले और सुन ज्यादा होशियारी करने की कोशीश मत करना वर्ना...
ताऊ कुछ ना नुकुर करता इसके पहले ही उसने ताऊ को दो हंटर मारे और यम का फ़ंदा ताऊ के गले में डालकर चलते बने ....अब यमदूतों के सामने अच्छे अच्छों की ताऊगिरी निकल जाती है सो ताऊ क्या करता?
इसके बाद वो यमदूत एक दुसरे आदमी के पास पहुंचे जो कि एक बडका सरकारी अफ़सर था और रिश्वत खोरी कर कर के तगडा माल कमाया था...लोगों का ऐसा कहना है कि स्विस बैंको में भी उसके खाते थे..उसको भी दो चार कोडे मारे और डाल दिया फ़ंदा गले में ..सारा माल धरा रह गया...
अब यमदूत बोले कि गोटू सुनार को भी ले जाना है पर उसका नंबर कल है...इस पर ताऊ बोला कि - हे यमदूतों, अगर गोटू सुनार का नंबर है तो उसको आज ही लेलो. वो मेरा मित्र है उसको मैं जानता हूं आप उसको नही जानते..अगर उसको भनक भी लग गई कि उसकी मौत आई है तो वो आपको भी चकमा दे जायेगा और उसने अथाह दौलत हीरे जवाहरात जमा कर रखे हैं सो वो छोडकर आपके साथ जाने वाला नही है.
यमदूतों ने विचार किया..और ताऊ की बात उनको जम गई. अब ताऊ यमदूतों को लेकर सीधा गोटू सुनार के घर पहुंचा, गोटू सुनार कुछ समझ पाता उसके पहले ही यमदूतों ने फ़ंदा सीधा उसके गले में डाला और रवाना हो गये.
ताऊ ने सोचा कि आज तो यमदूत मूड में हैं...सेठ का हिसाब किताब भी आज निपटवा ही देते हैं...सो यमदूतों को याद दिलाया कि सेठ जी का भी नम्बर आ ही गया होगा...आप कहो तो उसका घर भी बता देता हूं...उसे भी ले चलते तो बढिया रहता. यम दूतों ने सम्मन वाली डायरी निकाली तो सेठ का नंबर भी दो दिन बाद ही था. सो यह तय हुआ कि दो दिन पहले या बाद मे..सेठ को भी मरना ही है...सो ताऊ ने सिफ़ारिश की कि आज ही ले चलो जी आप तो. बाद में कहां दुबारा चक्कर लगावोगे?
अब चारों यमदूत ताऊ, अफ़सर और गोटू सुनार को हंटर मारते मारते लेकर सीधे ताऊ के बताये पते पर पहुंचे और सेठ को उठा लिया...सेठ रोता झींकता ही रह गया. और चारों को लेकर नरक में यमराज के सामने प्रस्तुत कर दिया.
नरक में नजारा दूसरा ही था. वहां मालूम पडा कि आज महाराज यमराज का हप्पी बर्थडे है सो आज आई आत्माओं को उनके कर्मों में छूट देकर मनमाफ़िक वरदान दिया जा रहा था.
अब इन चारों में सबसे पहले तो सरकारी अफ़सर का नंबर आया, यमराज ने पूछा कि - हे प्राणी..तेरे कर्म तो बडे ही नारकीय हैं. तू गरीब प्रजा का हक मार मार कर धन जमा करता रहा और सरकारी धन का दुरूपयोग करता रहा पर तू आज हमारे हैप्पी बर्थडे वाले दिन मरा है सो बोल तुझे क्या वरदान चाहिये?
सरकारी अफ़सर बोला - महाराज, मैने जो धन इकट्ठा किया उसका भोग नही कर पाया, मुझे ऐसी जगह भिजवा दिजिये जहां मुझे वो धन वापस मिल जाये.
महाराज यम ने कहा - तथास्तु.
इसके बाद नंबर आया सेठ का और जैसा कि होना ही था उसने भी अपना पीछे छूटा हुआ धन ही वापस मांगा क्योंकि सेठ का सारा ध्यान सारी उम्र उसी धन में था. उसको भी यमराज महाराज ने तथास्तु कह दिया.
फ़िर गोटू सुनार ने भी अपने जमा किये हुये हीरे जवाहरात की ही इच्छा जताई कि मुझे भी ऐसी ही जगह भिजवा दिजिये जहां मुझे मेरे हीरे जवाहरात वापस मिल जायें.
अब नंबर आया ताऊ महाराज का, यमराज जी ने पूछा - ऐ बंदर जैसे मुंह वाले ताऊ नामक प्राणी..तेरे कर्म तो बडे ही जघन्य हैं. तू सारी उम्र चोरी, डकैती, लूट, झूंठ बोलना, धोखाधडी, नकली दवाई बेचना, झुंठे और नकली गंडे तावीज बेचना और अनामी बेनामी टिप्पणीयां करना ही तेरा काम रहा.... पर तू आज के दिन मरा है सो तू ये वरदान मांग ले... तेरे ये सारे कर्म माफ़ करके तुझे स्वर्ग में भिजवा देता हूं.
ताऊ हाथ जोडकर बोला - महाराज मैं स्वर्ग में जाकर क्या करूंगा? आप तो मुझे बस इन तीनों को कहां भेज रहे हैं? उस जगह का पता बता दिजिये.. बाकी का काम मैं खुद ही कर लूंगा.
हा हा हा,
ReplyDelete"ताऊ हाथ जोडकर बोला - महाराज मैं स्वर्ग में जाकर क्या करूंगा? आप तो मुझे बस इन तीनों को कहां भेज रहे हैं? उस जगह का पता बता दिजिये.. बाकी का काम मैं खुद ही कर लूंगा."
ताऊ तो फ़ेर ताऊ ऐ सै, मार गया फ़ाईनल पंच।
भतीजे की राम राम पहुंचे ताऊश्री को।
ताऊ का नरक भी के बिगाड़ लेगा ?
ReplyDeleteहा, हा, हा! ताऊ की बुद्धि का मुकाबला यमराज भी क्या करेंगे!
ReplyDelete...अपने धंधे के लिए स्वर्ग का भी त्याग ! ताऊ के अलावा दूसरा नहीं कर सकता।
ReplyDeleteहा हा हा ...
ReplyDeleteताऊ चोरी डकैती नहीं छोड़ने वाले हैं ...किसी भी सूरत में ..!
महाराज मैं स्वर्ग में जाकर क्या करूंगा? आप तो मुझे बस इन तीनों को कहां भेज रहे हैं? उस जगह का पता बता दिजिये.. बाकी का काम मैं खुद ही कर लूंगा.
ReplyDeleteबहुत खूब. पसंद आया ताऊ ताऊ
हा हा रोचक ... बड्डे यमराज जी को भी ब्लागिंग सिखा देते .....
ReplyDeleteहा हा हा ………………बहुत खूब्।
ReplyDeleteताऊ आजकल दिन मै सपने देखन लाग गया के |यमदूत नै भी ताऊगिरी दिखा दी |
ReplyDeleteताऊ नहीं सुधरेगा :)
ReplyDeleteप्रणाम
सही कहा और किया ताऊ | बड़े बूढ़े कह गए है की परिस्थिति और जगह चाहे जैसी भी हो इन्सान को अपना स्वभाव नहीं बदलना चाहिए नहीं तो लोग कहेंगे की गिरगिट की तरह रंग बदलता है |
ReplyDeleteमजा आ गव आपकी पोस्ट को पढ़कर
ReplyDeleteमुझे पता था ताऊ ये ही मागेगा ...
ReplyDeleteताऊ तो पूरा घाघ निकला... :P
ReplyDeleteबढिया सटायर
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