प्रिय भाईयो और बहणों, भतीजों और भतीजियों आप सबको घणी रामराम ! हम आपकी सेवा में हाजिर हैं ताऊ पहेली - 99 का जवाब लेकर. कल की ताऊ पहेली का सही उत्तर है Patwon ki haveli-Jaisalmer-Rajsthan
और इसके बारे मे संक्षिप्त सी जानकारी दे रही हैं सु. अल्पना वर्मा.
जैसलमेर-
ऎतिहासिक विरासत खुद में समेटे जैसलमेर की नींव यदुवंशी भाटी राजपूत महारावल जैसल ने श्रावण शुक्ला 12, संवत् 1212 को एक त्रिकूट पहाडी पर रखी थी.
इसका प्राचीन नाम माडधरा व वल्ल मंडल भी था.स्वर्ण नगरी जैसलमेर को महलनुमा ‘हवेलियों , झरोखों की नगरी’ ‘रेगिस्तान का गुलाब’ और ‘राजस्थान का अंडमान’ भी कहा जाता है. थार मरूस्थल में बसा जैसलमेर जिला क्षेत्रफल की दृष्टि से देश में तीसरा सबसे बडा जिला है. क्षेत्रफल के आधार पर राजस्थान का सबसे बड़ा जिला है.
पटवों की हवेली -
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पहेली में पूछा गया स्थान 'पटवों जी की हवेली या 'पटवों की हवेली' थी जो की पांच हवेलियों का समूह है, जिन्हें पांच भाइयों ने मिल कर सन् 1800 से 1860 के मध्य बनवाया था.
इन हवेलियों की दीवारों ,खिड़कियों, छज्जों, बारीक़ जालियों, नक्काशी और बेलबूटों का महीन और सुंदर काम देखने वाले को आश्चर्य चकित कर देता है.
पटवों की हवेली, जैसलमेर (राजस्थान)
1805 में बनी यह पांच मंज़िला हवेली यहाँ की सभी हवेलियों में सबसे पुरानी है .नक्काशीदार खंभे , विशाल गलियारे व प्रकोष्ट मुख्य आकर्षण हैं.
धनी व्यवसायी गुमान चंद पटवा द्वारा शुरू की गयी इस हवेली को पूरा होने में ५० साल लगे थे.वर्तमान में यह हवेली भारत सरकार द्वारा संरक्षित है.
इसके अलावा यहाँ सालिम सिंह की हवेली,नथमल की हवेली,सम के टीले ,आकल गांव में फॉसिल पार्क (जीवाश्म उद्यान),मरू उद्यान,जवाहर विलास,बादल विलास , जैसलमेर दुर्ग [ सोनारगढ़ या सोनगढ़ ], लोद्रवा,पवित्र गडसीसर सरोवर,सातलमेर आदि पर्यटन स्थल हैं .
सभी विजेताओं को हार्दिक शुभकामनाएं.
आज के प्रथम विजेता श्री प्रकाश गोविंद
श्री प्रकाश गोविंद अंक 101
आईये अब आज के अन्य विजेताओं से आपको मिलवाते हैं.
आईये अब रामप्यारी मैम की कक्षा में
अब आईये आपको उन लोगों से मिलवाता हूं जिन्होने इस पहेली अंक मे भाग लेकर हमारा उत्साह वर्धन किया. आप सभी का बहुत बहुत आभार.
श्री आशीष मिश्रा
श्री तारकेश्वर गिरी
श्री M VERMA
श्री प्रवीण त्रिवेदी
श्री राज भाटिया
सुश्री वंदना
सुश्री बबली
श्री अविनाश वाचस्पति
आयोजकों की तरफ़ से सभी प्रतिभागियों का इस प्रतियोगिता मे उत्साह वर्धन करने के लिये हार्दिक धन्यवाद. !
विशेष सूचना :-
और इसके बारे मे संक्षिप्त सी जानकारी दे रही हैं सु. अल्पना वर्मा.
जैसलमेर-
ऎतिहासिक विरासत खुद में समेटे जैसलमेर की नींव यदुवंशी भाटी राजपूत महारावल जैसल ने श्रावण शुक्ला 12, संवत् 1212 को एक त्रिकूट पहाडी पर रखी थी.
इसका प्राचीन नाम माडधरा व वल्ल मंडल भी था.स्वर्ण नगरी जैसलमेर को महलनुमा ‘हवेलियों , झरोखों की नगरी’ ‘रेगिस्तान का गुलाब’ और ‘राजस्थान का अंडमान’ भी कहा जाता है. थार मरूस्थल में बसा जैसलमेर जिला क्षेत्रफल की दृष्टि से देश में तीसरा सबसे बडा जिला है. क्षेत्रफल के आधार पर राजस्थान का सबसे बड़ा जिला है.
पटवों की हवेली -
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पहेली में पूछा गया स्थान 'पटवों जी की हवेली या 'पटवों की हवेली' थी जो की पांच हवेलियों का समूह है, जिन्हें पांच भाइयों ने मिल कर सन् 1800 से 1860 के मध्य बनवाया था.
इन हवेलियों की दीवारों ,खिड़कियों, छज्जों, बारीक़ जालियों, नक्काशी और बेलबूटों का महीन और सुंदर काम देखने वाले को आश्चर्य चकित कर देता है.
1805 में बनी यह पांच मंज़िला हवेली यहाँ की सभी हवेलियों में सबसे पुरानी है .नक्काशीदार खंभे , विशाल गलियारे व प्रकोष्ट मुख्य आकर्षण हैं.
धनी व्यवसायी गुमान चंद पटवा द्वारा शुरू की गयी इस हवेली को पूरा होने में ५० साल लगे थे.वर्तमान में यह हवेली भारत सरकार द्वारा संरक्षित है.
इसके अलावा यहाँ सालिम सिंह की हवेली,नथमल की हवेली,सम के टीले ,आकल गांव में फॉसिल पार्क (जीवाश्म उद्यान),मरू उद्यान,जवाहर विलास,बादल विलास , जैसलमेर दुर्ग [ सोनारगढ़ या सोनगढ़ ], लोद्रवा,पवित्र गडसीसर सरोवर,सातलमेर आदि पर्यटन स्थल हैं .
Dr.Ajmal Khan अंक 100 |
श्री Shekhar Suman अंक 99 |
श्री sabir*h*khan अंक 98 |
श्री Darshan Lal Baweja अंक 97 |
श्री बंटी चोर अंक 96 |
श्री गजेंद्र सिंह अंक 95 |
श्री ओशो रजनीश अंक 94 |
श्री विजय कर्ण अंक 93 |
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श्री नीरज गोस्वामी अंक 91 |
श्री पी.एन.सुब्रमनियन अंक 90 |
श्री ललित शर्मा अंक 89 |
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक अंक 88 |
प० अनिल जी शर्मा सहारनपुर अंक 87 |
श्री रंजन अंक 86 |
श्री रतन सिंह शेखावत अंक 85 |
श्री उपेन्द्र अंक 84 |
सुश्री सीमा गुप्ता अंक 83 |
श्री Surendra Singh Bhamboo अंक 82 |
श्री दिनेशराय द्विवेदी अंक 81 |
श्री उडनतश्तरी अंक 80 |
अगला अंक ताऊ पहेली का १०० वां अंक होगा. |
श्री Darshan Lal Baweja सुश्री इंदु अरोड़ा श्री प्रकाश गोविंद सुश्री सीमा गुप्ता श्री Surendra Singh Bhamboo श्री डी. के. शर्मा “वत्स” श्री नरेश सिंह राठौड अब अगले शनिवार को ताऊ पहेली में फ़िर मिलेंगे. तब तक जयराम जी की! |
अब आईये आपको उन लोगों से मिलवाता हूं जिन्होने इस पहेली अंक मे भाग लेकर हमारा उत्साह वर्धन किया. आप सभी का बहुत बहुत आभार.
श्री आशीष मिश्रा
श्री तारकेश्वर गिरी
श्री M VERMA
श्री प्रवीण त्रिवेदी
श्री राज भाटिया
सुश्री वंदना
सुश्री बबली
श्री अविनाश वाचस्पति
अब अगली पहेली का जवाब लेकर अगले सोमवार फ़िर आपकी सेवा मे हाजिर होऊंगा तब तक के लिये आचार्य हीरामन "अंकशाश्त्री" को इजाजत दिजिये. नमस्कार!
आयोजकों की तरफ़ से सभी प्रतिभागियों का इस प्रतियोगिता मे उत्साह वर्धन करने के लिये हार्दिक धन्यवाद. !
ताऊ पहेली के इस अंक का आयोजन एवम संचालन ताऊ रामपुरिया और सुश्री अल्पना वर्मा ने किया. अगली पहेली मे अगले शनिवार सुबह आठ बजे आपसे फ़िर मिलेंगे तब तक के लिये नमस्कार.
अगला अंक ताऊ पहेली का 100 वां अंक होगा.
खैर कोई बात नहीं प्रकाश भाई....आप डिजर्व करते हो मगर रास्ते में रोड़ा तो बनूंगा ही आदतन!! :)
ReplyDeleteसभी को बधाई.
विजेताओं को बधाई
ReplyDeleteहम विलबं से पहुचने की सजा पा रहे हैं।
सभी विजेताओ को ढेरों बधाई
ReplyDeleteआदरणीय प्रकाश जी सहित सभी विजेताओं को हार्दिक बधाई.
ReplyDeleteregards
रेगिस्तान के गुलाब की जानकारी के लिए बहुत आभार ...
ReplyDeleteसभी विजेताओं को बधाई !
बधाई सभी विजेताओ को .....
ReplyDeleteताऊ जी परिणाम प्रकाशित करने में कोई गलती हो गयी क्या ....
प्रकाश गोविन्द जी पहले स्थान पर ये तो ठीक है पर उड़न तस्तरी जी अंतिम ....
जरुर कोई गड़बड़ है .....
हर बार सही जवाब देता हूँ लेकिन हर बार लेट हो जाता हूँ और मेरी लेट लतीफी का फायदा लोग उठा जाते हैं...प्रकाश भाई से होड लेना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है...लगता है जैसे पहेली के लिए सुबह से कम्यूटर खोले बैठे रहते हैं...विजेताओं में वो लता मंगेशकर दीदी के सामान हैं जो हर प्रतियोगिता में जीतने के लिए ही पैदा हुई थीं...उनसा और प्रकाश भाई सा न कोई हुआ है न होगा...समीर जी कमर कस के जोर लगा रहे हैं लेकिन उनके पास कमर नहीं कमरा है जो कसा नहीं जा सकता...हा हा हा हा हा
ReplyDeleteनीरज
बहुत बढ़िया ...विजेताओं को बधाई ....
ReplyDeleteप्रकाश गोविन्द व अन्य विजेताओं को बधाई।
ReplyDeleteविजेताओं को बधाई
ReplyDeleteविजेताओं को बधाई ।
ReplyDeleteप्रकाश गोविंद जी सहित सभी विजेताओं को बधाई।
ReplyDeleteसभी विजेताओं को बधाई |
ReplyDeleteप्रकाश गोविन्द जी व अन्य विजेताओं को बधाई।
ReplyDeleteआपकी हथेली में छेद
क्यों लगता है हैण्डपम्प का पानी ठंडा गर्मियों में
प्रकाश जी सहित सभी विजेताओं को हार्दिक बधाई!
ReplyDeleteश्री प्रकाश गोविंद जी को बधाई।
ReplyDeleteसभी माननीय पहेली प्रेमियों को
ReplyDeleteहार्दिक बधाई एवं शुभ कामनाएं
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मेरे लिए बहुत ही ख़ुशी की बात है कि मैंने जो लक्ष्य निर्धारित किया था, उसको आज हासिल कर लिया ! जब मैंने दसवीं पहेली जीती थी तब सोचा था कि किसी भी तरह पच्चीस पहेली में विजय हासिल करनी है ! आज मेहनत साकार हुयी !
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ताऊ जी आपको भले ही अहसास न हो लेकिन आपकी पहेलियों ने मेरा चैन छीन रखा था :)
कितनी ही पहेलियों में तो समीर जी ने इतनी बारीकी से ऐसी टंगड़ी फंसाई कि मैं चारों खाने चित्त.
खैर अब जाकर राहत मिली !
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अगली पहेली संपन्न होते ही ताऊ जी आप शतकवीर हो जायेंगे ! आपके पहेली आयोजन ने एक इतिहास रच दिया ! यह एक मात्र पहेली आयोजन है जो अविराम नियत समय पर चलते हुए लगभग दो साल तक अपनी गुणवत्ता के साथ कायम रहा !
बहुत बड़ी उपलब्धि है-आपको बहुत बहुत बधाई
sabhee ko bahut badhaii....mujhe to nahee ataa thaa ...:((((
ReplyDeletezero number thee apne ..:)))
shukriya Alpana ji .
sabhee ko bahut badhaii....mujhe to nahee ataa thaa ...:((((
ReplyDeletezero number thee apne ..:)))
shukriya Alpana ji .
प्रकाश जी. आपसे तो जीतना बहुत कठिन मालूम होता है | देर से सोकर उठने का खामियाजा भुगता मैंने | अगली बार से सुबह सुबह ही तैयार होना पड़ेगा...लेकिन इसका जवाब तो मुझे आता था कहीं ढूँढने की जरूरत भी नहीं पड़ी.... अगली बार अगर धाँसू सवाल हुआ तब तो वैसे भी मुश्किल है |
ReplyDeleteवैसे तीसरा स्थान भी बुरा नहीं है | पहली बार कोशिश की ताऊ पहेली पर...
अहा, मैं विजेता हो सकता था अगर शनिवार को ब्लाग देख लेता तो :)
ReplyDelete(आजकल नेट पर बहुत कम आना हो पा रहा है न)
चार बातें और,
एक.. इसके सामने बाईं तरफ, बंबई के कोई महेश्वरी भी एक और हवेली बना रहे हैं लगभग पिछले 2 दशक से.
दो..जैसलमेर के ही पास में कुलधरा देखने लायक है, अजब शांति है इस जगह. यहां का सीढ़ीदार कुआं एक अलग अनुभव है.
तीन..जैसलमेर में पवनचक्कियां भी खूब हैं जिनमें बंबई के बड़े से बड़े फिल्मवालों का भी मोटा पैसा लगा हुआ है.
चार..सभी विजेताओं को ढेरों बधाइयां
:-)
*सभी विजेताओं /अविजेताओं को बधाई.
ReplyDeleteपच्चीस बार प्रथम विजेता बनने के लिए प्रकाश गोविन्द जी को बहुत बहुत बधाई..आप का पहेली बूझने का जुनून काबिले तारीफ है .
**९९ पहेली का यहाँ तक का सफर आप सभी माननीय प्रतियोगियों के सहयोग से ही संपन्न हो सका है.
*सभी का आभार और अगली १०० वि पहेली के लिए
खास शुभकामनाएँ.
सभी विजेताओं को बधाई!
ReplyDeleteविजेताओं को बधाई.....जानकारी के लिए धन्यवाद
ReplyDeleteताउ महाराज की जै हो विजेताओं को शुभ कामनाएं
ReplyDeleteशेष शुभ
भाग्य
Tau ji! Ram Ram !
ReplyDeletekal ye jankaari Charcha manch pe hogi.. aapka abhaar is jankari ke liye..