प्रिय बहणों और भाईयो, भतीजियों और भतीजों आप सबको घणी रामराम ! हम आपकी सेवा में हाजिर हैं ताऊ पहेली 101 का जवाब लेकर. कल की ताऊ पहेली का सही उत्तर है Kiradu Temples, Barmer, Rajasthan
अब रामप्यारी किराडू देवालयों से संबंधित कुछ जानकारी आपको दे रही है.
ताऊ पहेली 101 में हमने आपको जो चित्र दिखाया था वो किराडू मंदिर श्रंखला के पांच मंदिरों मे से ही था. किराडू को राजस्थान का खजूराहो भी कहा जाता है.
किराडू का प्राचीन नाम किरात कूप है. किरात जाति का महाभारत में भी उल्लेख है. शिव एवम पार्वती को आराध्य देव के रूप में पूजने वाली ये वनवासी जाति है. कहा जाता है कि एक बार किरातों का राजा धृतराष्ट्र के पुत्र दुर्योधन को पकड़ कर ले गया था. उस समय धर्मराज युधिष्ठर के कहने पर दुर्योधन को किरातों से भीम एवं अर्जुन ने ही छुड़वाया था. किरात कूप यानी आज के किराडू को उसी किरात जाति से संबंध की वजह से किरात कूप कहा जाने लगा.
Kiradu mountain backdrop
बाड़मेर से लगभग ३५ किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में हथमा गांव के पास पहाड़ी के नीचे ये किराडू के मंदिरों का समूह है.
इतिहास विदों का ऐसा मानना है कि इन देवालयों को धार के परमार वंशीय मुंज के भाई के पुत्र दु:शालराज ने या उसके वंश के बाद मे आये शासकों ने ग्यारहवीं शताब्दी में बनवाया होगा.
बाडमेर का नाम आते ही बंजर भूमि, तपती रेत, रूखापन और एक अजीब सी उदासी जैसा भाव ही मन में आता है. दिन में तपती रेत और आसमान से आग उगलते सूरज के बावजूद रात को ठंडी रेत के टीलों के मध्य जब बाड़मेर के लोक संगीत की स्वर लहरियां बज उठती हैं तो सारी उदासी और सूनापन गायब हो जाता है. मौसम की विषमताओं के बावजूद यहां के लोगों में उत्सवधर्मिता गहराई से समाई हुई है.
जब भी मौका मिले, जहां भी मिले, गीत संगीत की महफ़िल अभावों का एहसास भी नही होने देती. ऊपर के विडियो में देखिये कि यहां के लोग संगीत की महफ़िलें कैसे और कहां सजाते हैं? कितना स्वर्गिक संतोष इनके चेहरों पर दिखाई देता है. एक बार इस विडियो को अवश्य देखें, सारी शिकायते भूल जायेंगे और ये जान पायेंगे कि आनंद फ़ाईव स्टार होटलों की महफ़िलों में नही बल्कि असली आनंद तो यहां के लोग लेते हैं.
किराडू में पत्थर पर छेनी से उत्कीर्ण कलाकृतियां उकेरी गई हैं जो सब की सब बेमिसाल हैं. मंदिरों की शायद कभी यहां पूरी श्रृंखला रही होगी परन्तु आज केवल पांच मंदिरों के भग्नावशेष ही दिखाई देते हैं. एक भगवान विष्णु का और बाकी चार भगवान शंकर के मंदिर हैं.
Kiradu Temples Inside
चहुं और खंडहरों में विलक्षण शिल्प बिखरा पडा है, बाहरी भाग अब तक भी कलाकृतियों से पुर्णतया सुसज्जित है. अगर एक पंक्ति में कहना चाहुं तो नींव के पत्थर से लेकर छत तक में कला जैसे बारीकी से उकेरी गई है.
यहां के ४४ स्तम्भ आज भी अतीत को याद करते से लगते हैं. सोमेश्वर मंदिर के पास ही एक छोटा सा शिवालय भी है. यहां पत्थरों का सौन्दर्य पग—पग पर बिखरा पड़ा है. युद्ध कौशल के दृष्य, बिगुल, तुरही, नगाड़े इत्यादि. रामायण की अनेकों दृष्यावलियां..... जैसे सोच में पड़ी बंदर सेना... और एक जगह राम की जांघ पर अचेतावस्था में लक्ष्मण जी सोए हुए हैं.... संजीवनी बूटी के लिये पवनपुत्र समूचा पर्वत ही उठा लाए हैं....समीप ही महाभारत के अनेको दृश्य भी हैं.
बाडमेर घूमने के लिये अगस्त से मार्च तक का समय उपयुक्त रहेगा. बाडमेर रेल से जोधपुर से जुडा हुआ है. नजदीकी हवाई अड्डा भी जोधपुर ही है. यहां का बस-स्टेंड रेल्वे स्टेशन के नजदीक ही है जहां से जोधपुर, बालोतरा, जालोर, जैसलमेर, अहमदाबाद, माऊंट आबू, उदयपुर सहित राजस्थान के सभी प्रमुख शहरों के लिये बसे उपलब्ध रहती हैं.
अब आपको ताऊ पहेली १०१ के विजेताओं से मिलवाती हूं.
आज के प्रथम विजेता हैं
प्रथम विजेता श्री आशीष मिश्रा अंक 101
हार्दिक बधाईयाँ
आईये अब बाकी विजेताओं से आपको मिलवाती हूं.
अब उनसे रूबरू करवाती हुं जिन्होनें इस अंक में भाग लेकर हमारा उत्साह वर्धन किया
श्री दर्शन लाल बावेजा
श्री शेखर सुमन
सुश्री M.A.Sharma "सेहर"
सु. NEHA MATHEWS
श्री नीरज गोस्वामी
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक
श्री देवेंद्र पांडे
श्री सोमेश सक्सेना
श्री संजय बेंगाणी
भारतीय नागरिक - Indian Citizen
श्री संजय भास्कर
सु.डाँ. अरुणा कपूर
सुश्री anshumala
श्री नरेश सिंह राठौड
श्री विवेक रस्तोगी
सुश्री वंदना
श्री दिगम्बर नासवा
श्री काजलकुमार
सुश्री anju
श्री तारकेश्वर गिरी
श्री गिरीश बिल्लोरे
डॉ. नूतन - नीति
प. डी. के. शर्मा "वत्स"
श्री प्रवीण त्रिवेदी
श्री मनोज कुमार
श्री बंटी चोर
श्री अविनाश वाचस्पति
अब रामप्यारी किराडू देवालयों से संबंधित कुछ जानकारी आपको दे रही है.
ताऊ पहेली 101 में हमने आपको जो चित्र दिखाया था वो किराडू मंदिर श्रंखला के पांच मंदिरों मे से ही था. किराडू को राजस्थान का खजूराहो भी कहा जाता है.
किराडू का प्राचीन नाम किरात कूप है. किरात जाति का महाभारत में भी उल्लेख है. शिव एवम पार्वती को आराध्य देव के रूप में पूजने वाली ये वनवासी जाति है. कहा जाता है कि एक बार किरातों का राजा धृतराष्ट्र के पुत्र दुर्योधन को पकड़ कर ले गया था. उस समय धर्मराज युधिष्ठर के कहने पर दुर्योधन को किरातों से भीम एवं अर्जुन ने ही छुड़वाया था. किरात कूप यानी आज के किराडू को उसी किरात जाति से संबंध की वजह से किरात कूप कहा जाने लगा.
Kiradu mountain backdrop
बाड़मेर से लगभग ३५ किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में हथमा गांव के पास पहाड़ी के नीचे ये किराडू के मंदिरों का समूह है.
इतिहास विदों का ऐसा मानना है कि इन देवालयों को धार के परमार वंशीय मुंज के भाई के पुत्र दु:शालराज ने या उसके वंश के बाद मे आये शासकों ने ग्यारहवीं शताब्दी में बनवाया होगा.
बाडमेर का नाम आते ही बंजर भूमि, तपती रेत, रूखापन और एक अजीब सी उदासी जैसा भाव ही मन में आता है. दिन में तपती रेत और आसमान से आग उगलते सूरज के बावजूद रात को ठंडी रेत के टीलों के मध्य जब बाड़मेर के लोक संगीत की स्वर लहरियां बज उठती हैं तो सारी उदासी और सूनापन गायब हो जाता है. मौसम की विषमताओं के बावजूद यहां के लोगों में उत्सवधर्मिता गहराई से समाई हुई है.
जब भी मौका मिले, जहां भी मिले, गीत संगीत की महफ़िल अभावों का एहसास भी नही होने देती. ऊपर के विडियो में देखिये कि यहां के लोग संगीत की महफ़िलें कैसे और कहां सजाते हैं? कितना स्वर्गिक संतोष इनके चेहरों पर दिखाई देता है. एक बार इस विडियो को अवश्य देखें, सारी शिकायते भूल जायेंगे और ये जान पायेंगे कि आनंद फ़ाईव स्टार होटलों की महफ़िलों में नही बल्कि असली आनंद तो यहां के लोग लेते हैं.
किराडू में पत्थर पर छेनी से उत्कीर्ण कलाकृतियां उकेरी गई हैं जो सब की सब बेमिसाल हैं. मंदिरों की शायद कभी यहां पूरी श्रृंखला रही होगी परन्तु आज केवल पांच मंदिरों के भग्नावशेष ही दिखाई देते हैं. एक भगवान विष्णु का और बाकी चार भगवान शंकर के मंदिर हैं.
Kiradu Temples Inside
चहुं और खंडहरों में विलक्षण शिल्प बिखरा पडा है, बाहरी भाग अब तक भी कलाकृतियों से पुर्णतया सुसज्जित है. अगर एक पंक्ति में कहना चाहुं तो नींव के पत्थर से लेकर छत तक में कला जैसे बारीकी से उकेरी गई है.
यहां के ४४ स्तम्भ आज भी अतीत को याद करते से लगते हैं. सोमेश्वर मंदिर के पास ही एक छोटा सा शिवालय भी है. यहां पत्थरों का सौन्दर्य पग—पग पर बिखरा पड़ा है. युद्ध कौशल के दृष्य, बिगुल, तुरही, नगाड़े इत्यादि. रामायण की अनेकों दृष्यावलियां..... जैसे सोच में पड़ी बंदर सेना... और एक जगह राम की जांघ पर अचेतावस्था में लक्ष्मण जी सोए हुए हैं.... संजीवनी बूटी के लिये पवनपुत्र समूचा पर्वत ही उठा लाए हैं....समीप ही महाभारत के अनेको दृश्य भी हैं.
बाडमेर घूमने के लिये अगस्त से मार्च तक का समय उपयुक्त रहेगा. बाडमेर रेल से जोधपुर से जुडा हुआ है. नजदीकी हवाई अड्डा भी जोधपुर ही है. यहां का बस-स्टेंड रेल्वे स्टेशन के नजदीक ही है जहां से जोधपुर, बालोतरा, जालोर, जैसलमेर, अहमदाबाद, माऊंट आबू, उदयपुर सहित राजस्थान के सभी प्रमुख शहरों के लिये बसे उपलब्ध रहती हैं.
अब आपको ताऊ पहेली १०१ के विजेताओं से मिलवाती हूं.
श्री पी.एन.सुब्रमनियन अंक 100 |
सुश्री सीमा गुप्ता अंक 99 |
श्री उडनतश्तरी अंक 98 |
श्री अंतरसोहिल अंक 97 |
श्री उपेन्द्र अंक 96 |
श्री दिनेशराय द्विवेदी अंक 95 |
श्री राणा प्रताप सिंह अंक 94 |
सु. POOJA R SHARMA अंक 93 |
श्री रतन सिंह शेखावत अंक 92 |
हार्दिक बधाईयां |
श्री दर्शन लाल बावेजा
श्री शेखर सुमन
सुश्री M.A.Sharma "सेहर"
सु. NEHA MATHEWS
श्री नीरज गोस्वामी
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक
श्री देवेंद्र पांडे
श्री सोमेश सक्सेना
श्री संजय बेंगाणी
भारतीय नागरिक - Indian Citizen
श्री संजय भास्कर
सु.डाँ. अरुणा कपूर
सुश्री anshumala
श्री नरेश सिंह राठौड
श्री विवेक रस्तोगी
सुश्री वंदना
श्री दिगम्बर नासवा
श्री काजलकुमार
सुश्री anju
श्री तारकेश्वर गिरी
श्री गिरीश बिल्लोरे
डॉ. नूतन - नीति
प. डी. के. शर्मा "वत्स"
श्री प्रवीण त्रिवेदी
श्री मनोज कुमार
श्री बंटी चोर
श्री अविनाश वाचस्पति
सभी प्रतिभागियों का बहुत आभार प्रकट करते हुये रामप्यारी अब आपसे विदा चाहेगी अगली पहेली के जवाब की पोस्ट में मंगलवार सुबह 4:44 AM पर आपसे फ़िर मुलाकात के वादे के साथ, तब तक के लिये जयराम जी की.
ताऊ पहेली के इस अंक का आयोजन एवम संचालन ताऊ रामपुरिया और रामप्यारी ने किया. अगली पहेली मे अगले शनिवार सुबह आठ बजे आपसे फ़िर मिलेंगे.
ये कई है
ReplyDeleteमन्ने तो विशवास नी हो रिया हे ताऊ जी ,
लगता है अभी सो रहा हूँ , पुष्टि के लिए बाद में आउंगा ..............:)
सभी विजेताओं को बधाई ..........
...तभी कहूँ कि ई खजुराहो कि चित्रकारी लागे है।
ReplyDelete..आशीष मिश्रा जी को बहुत-बहुत बधाई।
सभी विजेताओं को बधाई ,,,,,
ReplyDeleteप्रकाश गोविन्द जी का पहेलियों को अलविदा कहना कुछ अच्छा नहीं लग रहा है.....
बहुत बहुत बधाई आशीष को पहली बार प्रथम विजेता बन्ने पर और सभी विजेताओं को भी बधाईयाँ .
ReplyDelete@रामप्यारी आप की नयी तस्वीर बहुत सुन्दर है.जानकारी भी बहुत अच्छी लगी.विडियो आराम से देखेंगे.
-शुभकामनाएँ
@पूर्व टिप्पणी में वर्तनी त्रुटि सुधार-'बन्ने' को 'बनने 'पढ़िये.
ReplyDeleteरामप्यारी की नाईस रिपोर्टिंग के लिए तालियाँ
ReplyDelete"आशीष जी सहित सभी विजेताओं को हार्दिक बधाई"
regards
बढ़िया जानकारी दी है .. विजेताओं को बधाई ....
ReplyDeleteAashish ji evam sabhee vijetaon n pratibhagiyon ko bahut badhaii !
ReplyDeleteइस बार मंगलवार के बजाय सोमवार को ही जवाब छाप दिया। बढ़िया है। जितने लोगों ने भाग लिया उसमे से बस एक चौथाई लोग ही सही जवाब दे पाए। पहेली मुश्किल होती जी रही है।
ReplyDeleteअच्छी जानकारी ...
ReplyDeleteविजेताओं को बधाई !
जानकारी देने हेतु धन्यवाद | विजेताओं को बधाई |रोहतक में ताऊ कि कमी महशूस हुयी |
ReplyDeleteआशीष जी एवम सभी विजेताओं को नए शतक की पहली पहेली बूझने की बहुत बहुत बधाई.
ReplyDelete@समीर जी ,नई तस्वीर अच्छी है .
@ आशीष मिश्रा जी
ReplyDeleteकृपया पहेली प्रमाणपत्र के लिये आपका इमेल के पते का पता यहां कमेंट बाक्स में छोड देवें जिसे प्रकाशित नही किया जायेगा. आपका इमेल का पता मिलते ही प्रमाणपत्र आपको भिजवा दिया जायेगा.
@ सोमेश सक्सेना जी
ReplyDeleteयह रिजल्ट मेरी गल्ती की वजह से मंगलवार की बजाये सोमवार को प्रकाशित होगया है पर रिजल्ट परफ़ेक्ट है.
आशीष भाई, हार्दिक बधाई।
ReplyDeleteअन्य विजेताओं को भी बधाईयॉं।
---------
ग्राम, पौंड, औंस का झमेला। <
विश्व की दो तिहाई जनता मांसाहार को अभिशप्त है।
@ मिस. रामप्यारी
ReplyDeleteरिजल्ट तो बिलकुल परफ़ेक्ट है मुझे इस में कोई शक नहीं है. पर तुमसे मुझे एक शिकायत है. इस पहेली का जवाब देने से पहले ही मैने अपना नाम देवनागरी में बदल लिया था पर तुमने भाग लेने वालों की सूची में मेरा नाम अब भी अंग्रेजी (रोमन) में लिख रखा है. अगली बार इस बात का ध्यान रखना.
अरे वाह तुरंत सही कर दिया। मान गए भई ताऊ जी और रामप्यारी को।
ReplyDeleteविजेताओं को बधाई।
ReplyDelete..आशीष मिश्रा जी को बहुत-बहुत बधाई।
ReplyDeleteA big congratulations to Ashish ji and rest... :(
ReplyDeleteFirstly I would like to thank Tau ji, Rampyari ji... and then to chitthajagat and then interenet connection... thank you so much to all... :)
hehehheee... just kidding... but honestly Big Congratulations to winners...
..आशीष मिश्रा जी को बहुत-बहुत बधाई।
ReplyDelete@ रामप्यारी जी रिजल्ट सोमवार को ही आये तो अच्छा रहता , इन्तजार लम्बा हो जाता है।
विजेताओं को बधाई !
ReplyDeleteविजेताओं को बधाई !
ReplyDeleteआशीष मिश्राजी को बहुत बहुत बधाई
ReplyDeleteसभी विजेताओं को बधाई! इस बार की पहेली कुछ ज़्यादा ही कठिन थी।
ReplyDeleteताऊ जी नमस्कार ,मुझे भी कुछ इसके बारे में बताये कब और केसे खेलना होता हैं
ReplyDeleteCongrats to winners. Badhaee jeetane walon ko.
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