प्रिय भाईयो और बहणों, भतीजों और भतीजियों आप सबको घणी रामराम ! हम आपकी सेवा में हाजिर हैं ताऊ पहेली 96 का जवाब लेकर. कल की ताऊ पहेली का सही उत्तर है Dhamekh Stupa-Sarnath-Uttar Pradesh
और इसके बारे मे संक्षिप्त सी जानकारी दे रही हैं सु. अल्पना वर्मा.
सारनाथ ,उत्तर प्रदेश
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उत्तर प्रदेश में बनारस से ७- ८ किलोमीटर सारनाथ बुद्ध भगवान की तपो स्थली कहलाती है . इसे ॠषिपतन तथा मृगदाव या मृगदाय भी कहते हैं .
इसका आधुनिक नाम सारनाथ शायद सारंगनाथ (मृगों के स्वामी) का ही बदल रूप हो सकता है.
यहाँ महात्मा बुद्ध ने प्रथम उपदेश दिया था.यह बौद्ध धर्म के चार पवित्र स्थानों में से एक है.
भारत का राष्ट्रीय चिन्ह यहीं से ही प्राप्त है.इस स्थान को धर्मचक्र प्रवर्तन स्थल भी कहा जाता है.यहाँ अनेक पुरातात्विक स्मारक देखने दुनिया भर के लोग आते हैं.बोध धर्म ही नहीं वरन जैन धर्म के ग्यारहवें तीथर्ंकर श्रेयंशनाथ की तपस्थली तथा बाद में मृत्युस्थली होने के कारण जैन मतावलंबियों के लिए भी इस स्थल का अपना एक अलग महत्व है.
dhamekh stupa sarnath
धमेख स्तूप पहेली के चित्र में दिखाया गया था इसे धर्मचक्र स्तूप भी कहा जाता है.इसी स्थान पर महात्मा बुद्ध ने प्रथम उपदेश दिया था.
इसका व्यास 28.5 मी. और ऊंचाई 33.53 मी. है.
गुप्तकालीन शिल्प का उदाहरण देती हुई विभिन्न प्रकार की आकृतियां,फूल-पत्ती की सुन्दर बेलें स्तूप पर बनी दिखाई देती हैं.
गुप्तकालीन बौद्ध साहित्य में स्तूपों के ऊपर देवदूष्य[पहरावनी] चढाने का उल्लेख भी मिलता है .
सारनाथ में पुरातत्व संग्रहालय भी है जहाँ आप सारनाथ से प्राप्त पुरावशेष देख सकते हैं और विशेष रूप से प्रसिद्ध स्मारक अशोक स्तंभ भी यहीं देख सकते हैं ,
जो की एक ही पत्थर को काटकर बनाया गया है.इसमें गज, वृषभ और अश्व की आकृतियां बनी हुई हैं.
धमेख स्तूप भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित इमारत है .यहाँ पर्यटकों को दर्शनार्थ टिकट लेना होगा.
धमेख स्तूप के अतिरिक्त चौखंडी स्तूप,धर्मराजिका स्तूप,[ इसकी केवल बुनियाद ही शेष है बाकि भाग नष्ट हो चुका है.],मूलगंधकुटी आदि भी दर्शनीय हैं.
पहेली ९७ भारत के उत्तर से है .यह कोई पूजा का स्थान नहीं है ,न ही कोई उद्यान.
सभी विजेताओं को हार्दिक शुभकामनाएं.
आज के प्रथम विजेता श्री प्रकाश गोविंद
श्री प्रकाश गोविंद अंक 101
आईये अब आज के अन्य विजेताओं से आपको मिलवाते हैं.
आईये अब रामप्यारी मैम की कक्षा में
अब आईये आपको उन लोगों से मिलवाता हूं जिन्होने इस पहेली अंक मे भाग लेकर हमारा उत्साह वर्धन किया. आप सभी का बहुत बहुत आभार.
भारतीय नागरिक - Indian Citizen
श्री ललित शर्मा
डा.रुपचंद्रजी शाश्त्री "मयंक,
श्री अविनाश वाचस्पति
श्री दिलीप कवठेकर
श्री काजलकुमार,
श्री मनोज कुमार
श्री नीरज गोस्वामी
श्री गगन शर्मा
सुश्री वंदना
श्री नरेश सिंह राठौड
डा.अरूणा कपूर
श्री संजय भास्कर
श्री राम त्यागी
आयोजकों की तरफ़ से सभी प्रतिभागियों का इस प्रतियोगिता मे उत्साह वर्धन करने के लिये हार्दिक धन्यवाद. !
और इसके बारे मे संक्षिप्त सी जानकारी दे रही हैं सु. अल्पना वर्मा.
सारनाथ ,उत्तर प्रदेश
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उत्तर प्रदेश में बनारस से ७- ८ किलोमीटर सारनाथ बुद्ध भगवान की तपो स्थली कहलाती है . इसे ॠषिपतन तथा मृगदाव या मृगदाय भी कहते हैं .
इसका आधुनिक नाम सारनाथ शायद सारंगनाथ (मृगों के स्वामी) का ही बदल रूप हो सकता है.
यहाँ महात्मा बुद्ध ने प्रथम उपदेश दिया था.यह बौद्ध धर्म के चार पवित्र स्थानों में से एक है.
भारत का राष्ट्रीय चिन्ह यहीं से ही प्राप्त है.इस स्थान को धर्मचक्र प्रवर्तन स्थल भी कहा जाता है.यहाँ अनेक पुरातात्विक स्मारक देखने दुनिया भर के लोग आते हैं.बोध धर्म ही नहीं वरन जैन धर्म के ग्यारहवें तीथर्ंकर श्रेयंशनाथ की तपस्थली तथा बाद में मृत्युस्थली होने के कारण जैन मतावलंबियों के लिए भी इस स्थल का अपना एक अलग महत्व है.
धमेख स्तूप पहेली के चित्र में दिखाया गया था इसे धर्मचक्र स्तूप भी कहा जाता है.इसी स्थान पर महात्मा बुद्ध ने प्रथम उपदेश दिया था.
इसका व्यास 28.5 मी. और ऊंचाई 33.53 मी. है.
गुप्तकालीन शिल्प का उदाहरण देती हुई विभिन्न प्रकार की आकृतियां,फूल-पत्ती की सुन्दर बेलें स्तूप पर बनी दिखाई देती हैं.
गुप्तकालीन बौद्ध साहित्य में स्तूपों के ऊपर देवदूष्य[पहरावनी] चढाने का उल्लेख भी मिलता है .
सारनाथ में पुरातत्व संग्रहालय भी है जहाँ आप सारनाथ से प्राप्त पुरावशेष देख सकते हैं और विशेष रूप से प्रसिद्ध स्मारक अशोक स्तंभ भी यहीं देख सकते हैं ,
जो की एक ही पत्थर को काटकर बनाया गया है.इसमें गज, वृषभ और अश्व की आकृतियां बनी हुई हैं.
धमेख स्तूप भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित इमारत है .यहाँ पर्यटकों को दर्शनार्थ टिकट लेना होगा.
धमेख स्तूप के अतिरिक्त चौखंडी स्तूप,धर्मराजिका स्तूप,[ इसकी केवल बुनियाद ही शेष है बाकि भाग नष्ट हो चुका है.],मूलगंधकुटी आदि भी दर्शनीय हैं.
पहेली ९७ भारत के उत्तर से है .यह कोई पूजा का स्थान नहीं है ,न ही कोई उद्यान.
Dr.Ajmal Khan अंक 100 |
श्री रविकांत पांडे अंक 99 |
श्री sabir*h*khan अंक 98 |
श्री रतन सिंह शेखावत अंक 97 |
श्री Darshan Lal Baweja अंक 96 |
सुश्री M A Sharma “सेहर” अंक 95 |
सुश्री Indu Arora अंक 94 |
श्री गजेंद्र सिंह अंक 93 |
श्री ओशो रजनीश अंक 92 |
सुश्री सीमा गुप्ता अंक 91 |
श्री बंटी चोर अंक 90 |
श्री आशीष मिश्रा अंक 89 |
श्री अंतरसोहिल अंक 88 |
श्री सुज्ञ अंक 87 |
सुश्री anshumala अंक 86 |
श्री M VERMA अंक 85 |
सुश्री Anju अंक 84 |
श्री "निरंजन मिश्र (अनाम)" अंक 83 |
श्री Surendra Singh Bhamboo अंक 82 |
श्री राज भाटिया अंक 81 |
श्री रंजन अंक 80 |
श्री दिनेशराय द्विवेदी अंक 79 |
सुश्री Saba Akbar अंक 78 |
सुश्री anjana अंक 77 |
डॉ. नूतन - नीति अंक 76 |
श्री उडनतश्तरी अंक 75 |
श्री अभिषेक ओझा अंक 74 |
श्री स्मार्ट इंडियन अंक 73 |
श्री राणा प्रताप सिंह अंक 72 |
आज के सवाल लिये खास तौर से मेरे ब्लाग पर हिंट की पोस्ट भी प्रकाशित की गई थी पर किसी ने भी उस पर कान देना उचित नही समझा और बस आम खाने में लगे रहे. इसीलिये मैं कहती हुं कि जो चीज जैसी दिखाई देती है वैसी होती नही है. भविष्य में ध्यान रखियेगा. इस सवाल के जवाब में सिर्फ़ दो सही जवाब आये पहला श्री डी. के. शर्मा “वत्स” का एवम दूसरा सुश्री सीमा गुप्ता का. दोनों को इस सवाल का सही जवाब देने के लिये ताऊ डाट इन की तरफ़ से ’वनस्पति स्नेही’ सम्मान प्रदान किया जाता है. एवम आप दोनों को भगवान रूद्र के आशीर्वाद के रूप में प्राण प्रतिष्ठित किया हुआ एक एक सिद्ध रूद्राक्ष भेंट स्वरूप अति शीघ्र भिजवाया जा रहा है. अब अगले शनिवार को ताऊ पहेली में फ़िर मिलेंगे. तब तक जयराम जी की! |
अब आईये आपको उन लोगों से मिलवाता हूं जिन्होने इस पहेली अंक मे भाग लेकर हमारा उत्साह वर्धन किया. आप सभी का बहुत बहुत आभार.
भारतीय नागरिक - Indian Citizen
श्री ललित शर्मा
डा.रुपचंद्रजी शाश्त्री "मयंक,
श्री अविनाश वाचस्पति
श्री दिलीप कवठेकर
श्री काजलकुमार,
श्री मनोज कुमार
श्री नीरज गोस्वामी
श्री गगन शर्मा
सुश्री वंदना
श्री नरेश सिंह राठौड
डा.अरूणा कपूर
श्री संजय भास्कर
श्री राम त्यागी
अब अगली पहेली का जवाब लेकर अगले सोमवार फ़िर आपकी सेवा मे हाजिर होऊंगा तब तक के लिये आचार्य हीरामन "अंकशाश्त्री" को इजाजत दिजिये. नमस्कार!
आयोजकों की तरफ़ से सभी प्रतिभागियों का इस प्रतियोगिता मे उत्साह वर्धन करने के लिये हार्दिक धन्यवाद. !
ताऊ पहेली के इस अंक का आयोजन एवम संचालन ताऊ रामपुरिया और सुश्री अल्पना वर्मा ने किया. अगली पहेली मे अगले शनिवार सुबह आठ बजे आपसे फ़िर मिलेंगे तब तक के लिये नमस्कार.
हार्दिक बधाई!
ReplyDeleteरुद्राक्ष के बारे में जानकारी के लिये धन्यवाद!
ReplyDeleteवाह भई प्रकाश जी की तपस्या फिर रंग लाई, मुबारक हो विजेता होने पर.
ReplyDeleteसबको बधाई... ताऊ आजकल योग के क्लास ज्वाईन कर लिये हैं क्या. सुबह ४.४४ पर ही छाप दिया रिजल्ट..
ReplyDeleteजो चीज जैसी दिखाई देती है वैसी होती नहीं ...
ReplyDeleteक्या बात है ताऊ जी ...
अच्छी जानकारी ...
सभी विजेताओं को बधाई ...!
घणी राम-राम!
ReplyDeleteसभी को बधाई!
विजेता को बधाई ....
ReplyDeleteआदरणीय प्रकाश जी सहित सभी विजेताओं को हार्दिक बधाई, रामप्यारी रानी लगता है वनस्पति के क्षेत्र में करनी ही पड़ेगी
ReplyDeleteregards
वाह जी..मजा आ गया ...प्रकाश भाई पुनः विजेता बनें...हार्दिक बधाई स्वीकारें. :)
ReplyDeleteमुझे तो बड़ी ख़ुशी हो रही है पहली बार ताऊ पहेली का जवाब मुझे पता था और नंबरों का खाता भी खुल गया तथा नंबर भी ठीक ठाक मिल गये है अगली बार और अधिकी नंबर लाने का प्रयास होगा बस ताऊ जी पहेली ऐसे ही आसान वाले पूछियेगा | धन्यवाद |
ReplyDeleteसभी विजेताओ को ढेरो बधाईया
ReplyDeleteसभी पहेली प्रेमियों को हार्दिक बधाई
ReplyDelete-
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इस बार का पहेली परिणाम चौंकाने वाला है
जो लोग बिहार से जवाब लाये वो भी विजेता और जो उत्तर प्रदेश से जवाब लाये वो भी विजेता
वाकई कमाल की बात है
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’वनस्पति स्नेही’ सम्मान के बारे में अगर पता होता तो एक घंटा और मेहनत करके देख लेते :)
सभी विजेताओं को बधाई
ReplyDeleteऔर खाश वनस्पति स्नेही पंडित श्री डी के 'वत्स' जी को।
पहेलियों के अघोषित सम्राट प्रकाश गोविंद जी महाराज सहित सभी विजेताओं को अगणित बधाईयाँ।
ReplyDeleteसभी विजेताओ को ढेरो बधाईयां।
ReplyDeleteये तो कमाल था लग ही नही रहा था रामप्यारी ………………अच्छी जानकारी मिली।
यही तो फ़ायदा इस ब्लॉग पर आने का, बुद्धि की परीक्षा भी हो जाते है (जिसमें मैं हमेशा फ़िसड्डी रहा हूं) और ज्ञान भी बढ जाता है। सभी विजेताओं को बधाई।
ReplyDeleteसभी विजेताओं को बहुत बधाई.....
ReplyDeleteरुद्राक्ष को पहचान पाने के लिए
श्री डी. के. शर्मा “वत्स” का एवम सुश्री सीमा गुप्ता जी को विशेष ...बधाई
majedaar comments ke liye bhee bahut dhanyvaad un mitron ko...
ReplyDeletethodee deer ke liye hans lete hain aur thakaan duuur ho jatee hai ...:))unkee jindadili ko naman .
Taauji ka bahut abhaar is manch par sabhee ko ikatrit karne ke liye
sadar
’वनस्पति स्नेही’ सम्मान के बारे या ऐसा कोई और सम्मान हो तो पूर्व घोषणा उपेक्षित है ज्यादा जोर मार लेते जी राम प्यारी को तो हम सीरियस लेते ही नहीं ..
ReplyDeleteऔर भाई प्रकाश 25/100 होने के लिए अभी 2/4
जीतनी है
आपको इस कठिन प्रतियोगिता के लिए शुभकामनाएँ
विज्ञान गतिविधीयाँ नई पोस्ट
क्यों और कैसे विज्ञान मे नई पोस्ट
सभी विजेताओं को बधाई .
ReplyDeleteपहेली में मैने भी भाग लिया था..सही जवाब भी भेजा था...थोड़ी देर की इतनी बड़ी सजा...! या फिर मेरा कमेंट ही नहीं पहुंचा!
ReplyDelete@ देवेन्द्र पाण्डेय जी
ReplyDeleteअच्छी तरह से चेक कर लिया गया है. अब कोई भी कमेंट प्रकाशित होना शेष नही बचा है, आपका कमेंट इस पहेली पर नही आया है.
रामराम.