प्रिय भाईयो और बहणों, भतीजों और भतीजियों आप सबको घणी रामराम ! हम आपकी सेवा में हाजिर हैं ताऊ पहेली 84 का जवाब लेकर. कल की ताऊ पहेली का सही उत्तर है Belur Math [West Bengal]
और इसके बारे मे संक्षिप्त सी जानकारी दे रही हैं सु. अल्पना वर्मा.
संत रामकृष्ण परमहंस जी के बारे में हमने पिछली एक पोस्ट में बताया था आज संक्षेप में दोहराते हुए यही कहते हैं कि वे भारत के एक महान संत एवं विचारक थे जिन्होंने सभी धर्मों की एकता पर जोर दिया उन्हें बचपन से ही विश्वास था कि ईश्वर के दर्शन हो सकते हैं अतः ईश्वर की प्राप्ति के लिए स्वयं उन्होंने कठोर साधना और भक्ति का जीवन बिताया वे सच्चे अर्थों में मानवता के पुजारी थे.
Swami Ramakrishna Statue
इन्हीं के शिष्य थे स्वामी विवेकानंद.उनके नाम से भला कौन सा भारतीय परिचित न होगा,जो परिचित नहीं हैं उनके लिए संक्षेप में जानकारी इस प्रकार है.
Swami Vivekananda
युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्त्रोत स्वामी विवेकानंद जी का जन्म कलकत्ता में 12 जनवरी 1863 को वहां के प्रतिष्ठित वकील विश्वनाथ दत्त और भुवनेश्वरी दत्त के घर पर हुआ . उन का पूर्व नाम नरेन्द्र दत्त था .1884 में पिता के निधन के बाद वे गुरुदेव कि शरण में आ गये.25 वर्ष की अवस्था में संन्यास लेने के बाद इनका नाम विवेकानंद हुआ.[स्वामी विवेकानन्द नरेन्द्रनाथ दत्त ने अपने को विविदिषानंद कहलाना चाहा परंतु खेतडी़ के राजा अजितसिंह ने उन्हें विवेकानन्द नाम दिया. ].
वे वेदान्त के विख्यात और प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु थे.
संत रामकृष्ण ने उन्हें कहा था कि संसार के हज़ारों लोगों का कष्ट दूर करने के लिए तुम्हारा जन्म हुआ है.
कहा जाता है कि श्री रामकृष्ण ने महासमाधी के तीन दिन पहले अपनी सम्पूर्ण शक्ति विवेकानन्द जी को दे दी थी .
उन्होंने अमेरिका स्थित शिकागो नगर में सन् १८९३ में आयोजित विश्व धर्म महासम्मेलन में सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व किया था वहीँ तीन वर्ष के प्रवास के दौरान उन्होंने लोगों को भारतीय तत्वज्ञान से परिचय कराया . उनकी वक्ततृत्व शैली तथा ज्ञान को देखते हुये वहाँ के मीडिया ने उन्हें 'साइक्लॉनिक हिन्दू 'का नाम दिया था . भारत का वेदान्त अमेरिका और यूरोप के हर एक देश में स्वामी विवेकानंद की वक्तृता के कारण ही पँहुचा.
भारत लौटने के बाद उन्होंने संत रामकृष्ण मिशन की स्थापना की.उन्होंने स्वयं ४ जुलाई सन १९०२ में समाधि ली.इनका जन्म दिन राष्ट्रीय युवा दिवस और कैरियर डे के रूप में मनाया जाता है।'स्वामी विवेकानन्द के व्याख्यान 'आप अंतर्जाल पर पढ़ सकते हैं.
जिस स्थान का चित्र हमने आप को पहेली में दिखाया था वह स्थान रामकृष्ण मंदिर /बैलूर मठ कहलाता है.
रामकृष्ण मठ और रामकृष्ण मिशन ये दोनों एक ही उद्देश्य के लिए काम करते हैं.
Belurmath
रामकृष्ण मठ एवं मिशन की स्थापना १८९८ में स्वामी रामकृष्ण परमहंस के परम् शिष्य स्वामी विवेकानंद ने की थी .
रामकृष्ण मिशन का ध्येय वाक्य है - आत्मनो मोक्षार्थं जगद् हिताय च (अपने मोक्ष और संसार के हित के लिये)"/For one's own salvation, and for the welfare of the world"..वेदांत के सिद्धांतों पर चलते हुए सम्पूर्ण जगत में शांति और सद्भाव बढ़ाने के लिए प्रयास किये जाते हैं.रामकृष्ण मिशन और मठ की संयुक्त रूप से पुरे विश्व में ११७ शाखाएं हैं .बैलूर में इस का मुख्यालय है .यह मठ पश्चिम बंगाल की हुगली नदी के पश्चिमी किनारे पर कोलकता से लगभग पांच मील दूर ,हावड़ा जिले के बैलूर में स्थित है.इस भवन की वास्तुकला में बोद्ध,हिन्दू , मुस्लिम और ईसाई शैलियों का मिश्रण है.यह विश्व प्रसिद्द शांति स्थल हैं.गुरुकुल परम्परा के अंतर्गत यहाँ वेदों की शिक्षा भी दी जाती है.सभी धर्मो के मुख्य पर्व भी मनाये जाते हैं.
Swami Vivekanand Temple
यहाँ रामकृष्ण संग्रहालय , रामकृष्ण मंदिर ,स्वामी विवेकानन्द जी का कक्ष जहाँ उन्होंने जीवन के अंतिम दिन बिताए और महासमाधि ली थी,सम्मि ब्रहमानंद मंदिर ,माता शारदा देवी मंदिर ,स्वामी विवेकानन्द मंदिर और संत रामकृष्ण जी के १६ भक्तों की समाधी स्थल ,पुराना मठ देखने के स्थल हैं.
बैलूर मठ की जानकारी अधिकारिक साईट से हिंदी में अनुवादित कर के लिखी गयी है.
अधिक जानकारी के लिए अधिकारिक साईट पर जाएँ-
http://www.belurmath.org/
चलते -चलते पाठकों से मेरा एक प्रश्न -: क्या आप चाहते हैं कि पहेली में पूछे गए स्थानों के सम्बन्ध में जानकारी देने का यह क्रम जारी रखा जाये?अगर आप को यह उपयोगी नहीं लगता है तो मैं इस क्रम को समाप्त करना चाहती हूँ.
सभी विजेताओं को हार्दिक शुभकामनाएं.
आईये अब रामप्यारी मैम की कक्षा में
अब आईये आपको उन लोगों से मिलवाता हूं जिन्होने इस पहेली अंक मे भाग लेकर हमारा उत्साह वर्धन किया. आप सभी का बहुत बहुत आभार.
श्री दिनेशराय द्विवेदी
श्री रंजन
श्री महेंद्र मिश्र
श्री काजलकुमार,
श्री संजय भास्कर
श्री ज़ाकिर अली ‘रजनीश’
भारतीय नागरिक - Indian Citizen
श्री गगन शर्मा
श्री अविनाश वाचस्पति
श्री दिलीप कवठेकर
श्री राम त्यागी
आयोजकों की तरफ़ से सभी प्रतिभागियों का इस प्रतियोगिता मे उत्साह वर्धन करने के लिये हार्दिक धन्यवाद. !
और इसके बारे मे संक्षिप्त सी जानकारी दे रही हैं सु. अल्पना वर्मा.
संत रामकृष्ण परमहंस जी के बारे में हमने पिछली एक पोस्ट में बताया था आज संक्षेप में दोहराते हुए यही कहते हैं कि वे भारत के एक महान संत एवं विचारक थे जिन्होंने सभी धर्मों की एकता पर जोर दिया उन्हें बचपन से ही विश्वास था कि ईश्वर के दर्शन हो सकते हैं अतः ईश्वर की प्राप्ति के लिए स्वयं उन्होंने कठोर साधना और भक्ति का जीवन बिताया वे सच्चे अर्थों में मानवता के पुजारी थे.
इन्हीं के शिष्य थे स्वामी विवेकानंद.उनके नाम से भला कौन सा भारतीय परिचित न होगा,जो परिचित नहीं हैं उनके लिए संक्षेप में जानकारी इस प्रकार है.
युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्त्रोत स्वामी विवेकानंद जी का जन्म कलकत्ता में 12 जनवरी 1863 को वहां के प्रतिष्ठित वकील विश्वनाथ दत्त और भुवनेश्वरी दत्त के घर पर हुआ . उन का पूर्व नाम नरेन्द्र दत्त था .1884 में पिता के निधन के बाद वे गुरुदेव कि शरण में आ गये.25 वर्ष की अवस्था में संन्यास लेने के बाद इनका नाम विवेकानंद हुआ.[स्वामी विवेकानन्द नरेन्द्रनाथ दत्त ने अपने को विविदिषानंद कहलाना चाहा परंतु खेतडी़ के राजा अजितसिंह ने उन्हें विवेकानन्द नाम दिया. ].
वे वेदान्त के विख्यात और प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु थे.
संत रामकृष्ण ने उन्हें कहा था कि संसार के हज़ारों लोगों का कष्ट दूर करने के लिए तुम्हारा जन्म हुआ है.
कहा जाता है कि श्री रामकृष्ण ने महासमाधी के तीन दिन पहले अपनी सम्पूर्ण शक्ति विवेकानन्द जी को दे दी थी .
उन्होंने अमेरिका स्थित शिकागो नगर में सन् १८९३ में आयोजित विश्व धर्म महासम्मेलन में सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व किया था वहीँ तीन वर्ष के प्रवास के दौरान उन्होंने लोगों को भारतीय तत्वज्ञान से परिचय कराया . उनकी वक्ततृत्व शैली तथा ज्ञान को देखते हुये वहाँ के मीडिया ने उन्हें 'साइक्लॉनिक हिन्दू 'का नाम दिया था . भारत का वेदान्त अमेरिका और यूरोप के हर एक देश में स्वामी विवेकानंद की वक्तृता के कारण ही पँहुचा.
भारत लौटने के बाद उन्होंने संत रामकृष्ण मिशन की स्थापना की.उन्होंने स्वयं ४ जुलाई सन १९०२ में समाधि ली.इनका जन्म दिन राष्ट्रीय युवा दिवस और कैरियर डे के रूप में मनाया जाता है।'स्वामी विवेकानन्द के व्याख्यान 'आप अंतर्जाल पर पढ़ सकते हैं.
जिस स्थान का चित्र हमने आप को पहेली में दिखाया था वह स्थान रामकृष्ण मंदिर /बैलूर मठ कहलाता है.
रामकृष्ण मठ और रामकृष्ण मिशन ये दोनों एक ही उद्देश्य के लिए काम करते हैं.
रामकृष्ण मठ एवं मिशन की स्थापना १८९८ में स्वामी रामकृष्ण परमहंस के परम् शिष्य स्वामी विवेकानंद ने की थी .
रामकृष्ण मिशन का ध्येय वाक्य है - आत्मनो मोक्षार्थं जगद् हिताय च (अपने मोक्ष और संसार के हित के लिये)"/For one's own salvation, and for the welfare of the world"..वेदांत के सिद्धांतों पर चलते हुए सम्पूर्ण जगत में शांति और सद्भाव बढ़ाने के लिए प्रयास किये जाते हैं.रामकृष्ण मिशन और मठ की संयुक्त रूप से पुरे विश्व में ११७ शाखाएं हैं .बैलूर में इस का मुख्यालय है .यह मठ पश्चिम बंगाल की हुगली नदी के पश्चिमी किनारे पर कोलकता से लगभग पांच मील दूर ,हावड़ा जिले के बैलूर में स्थित है.इस भवन की वास्तुकला में बोद्ध,हिन्दू , मुस्लिम और ईसाई शैलियों का मिश्रण है.यह विश्व प्रसिद्द शांति स्थल हैं.गुरुकुल परम्परा के अंतर्गत यहाँ वेदों की शिक्षा भी दी जाती है.सभी धर्मो के मुख्य पर्व भी मनाये जाते हैं.
यहाँ रामकृष्ण संग्रहालय , रामकृष्ण मंदिर ,स्वामी विवेकानन्द जी का कक्ष जहाँ उन्होंने जीवन के अंतिम दिन बिताए और महासमाधि ली थी,सम्मि ब्रहमानंद मंदिर ,माता शारदा देवी मंदिर ,स्वामी विवेकानन्द मंदिर और संत रामकृष्ण जी के १६ भक्तों की समाधी स्थल ,पुराना मठ देखने के स्थल हैं.
बैलूर मठ की जानकारी अधिकारिक साईट से हिंदी में अनुवादित कर के लिखी गयी है.
अधिक जानकारी के लिए अधिकारिक साईट पर जाएँ-
http://www.belurmath.org/
चलते -चलते पाठकों से मेरा एक प्रश्न -: क्या आप चाहते हैं कि पहेली में पूछे गए स्थानों के सम्बन्ध में जानकारी देने का यह क्रम जारी रखा जाये?अगर आप को यह उपयोगी नहीं लगता है तो मैं इस क्रम को समाप्त करना चाहती हूँ.
श्री उडनतश्तरी अंक 101 |
सुश्री सीमा गुप्ता अंक 100 |
श्री ललित शर्मा अंक 99 |
श्री सूर्यकान्त गुप्ता अंक 98 |
Mrs. Asha Joglekar अंक 97 |
श्री प्रकाश गोविंद अंक 96 |
श्री Darshan Lal Baweja अंक 95 |
सुश्री इंदू अरोडा अंक 94 |
श्री अंतरसोहिल अंक 93 |
श्री संजय बेंगाणी अंक 92 |
प. श्री. डी. के. शर्मा “वत्स” अंक 91 |
श्री नीरज गोस्वामी अंक 90 |
सुश्री अर्चना अंक 89 |
श्री Gagan Sharma, Kuchh Alag sa अंक 88 |
श्री स्मार्ट इंडियन अंक 87 |
श्री रतनसिंह शेखावत अंक 86 |
Dr.Ajmal Khan अंक 85 |
सुश्री M A Sharma “सेहर” अंक 84 |
श्री मनोज कुमार अंक 83 |
श्री पी.एन.सुब्रमनियन अंक 82 |
इस खूबसूरत पक्षी की दर्जीगिरी आप निम्न विडियो में भी देख सकते हैं कितनी खूबसूरती से इसने घौंसला शुरु से अंत तक बनाया. और इस वजह से इसको दर्जिन पक्षी भी कहा जाता है. सुश्री सीमा गुप्ता श्री Darshan Lal Baweja श्री नीरज जाटजी सुश्री इंदु अरोड़ा श्री प्रकाश गोविंद अब अगले शनिवार को फ़िर यहीं मिलेंगे. तब तक जयराम जी की! |
अब आईये आपको उन लोगों से मिलवाता हूं जिन्होने इस पहेली अंक मे भाग लेकर हमारा उत्साह वर्धन किया. आप सभी का बहुत बहुत आभार.
श्री दिनेशराय द्विवेदी
श्री रंजन
श्री महेंद्र मिश्र
श्री काजलकुमार,
श्री संजय भास्कर
श्री ज़ाकिर अली ‘रजनीश’
भारतीय नागरिक - Indian Citizen
श्री गगन शर्मा
श्री अविनाश वाचस्पति
श्री दिलीप कवठेकर
श्री राम त्यागी
अब अगली पहेली का जवाब लेकर अगले सोमवार फ़िर आपकी सेवा मे हाजिर होऊंगा तब तक के लिये आचार्य हीरामन "अंकशाश्त्री" को इजाजत दिजिये. नमस्कार!
आयोजकों की तरफ़ से सभी प्रतिभागियों का इस प्रतियोगिता मे उत्साह वर्धन करने के लिये हार्दिक धन्यवाद. !
ताऊ पहेली के इस अंक का आयोजन एवम संचालन ताऊ रामपुरिया और सुश्री अल्पना वर्मा ने किया. अगली पहेली मे अगले शनिवार सुबह आठ बजे आपसे फ़िर मिलेंगे तब तक के लिये नमस्कार.
सभी विजेताओं को ढेरों बधाईयाँ.
ReplyDeleteपहेली विजेताओं को बधाई !
ReplyDeleteपहेली पूछने का यह क्रम जारी रखा जाये | इस पहेली से बहुत बढ़िया ज्ञान वर्धन हो रहा है |
ताऊ पहेली सामान्य ज्ञान बढ़ाने में बहुत उपयोगी है और रोचक भी ...
ReplyDeleteबस , सीमित इन्टरनेट कनेक्शन के कारण इसमें भाग नहीं ले पाने की मजबूरी है ...
इसे जारी रखा जाना चाहिए ...!
बया को न पहचान पाने का दुख है मगर अच्छा यह लगा कि संजय बैंगाणी भी नहीं पहचान पाये..हम तो भारतीय हैं, इसी में खुश हो लेते हैं.
ReplyDeleteसभी विजेताओं को बधाई.
बधाई...
ReplyDeleteआदरणीय समीर जी सहित सभी विजेताओं को हार्दिक बधाई......रामप्यारी रानी ये बया का विडियो बहुत अच्छा लगा.....
ReplyDeleteregards
समस्त पहेली पराक्रमियों को बधाईयाँ
ReplyDelete==========================
हे महामहिम
एतना फास्ट आंसर ???
हिस्टरी और जागरफी बढ़िया है ,,,बस जूलाजी थोडा डांवाडोल है
-
-
बैलूर मठ के बारे में उपयोगी जानकारी प्राप्त हुयी !
'बया द्वारा घोसला बनाने का वीडियो बहुत ही अच्छा लगा ! बचपन से ही बया का अनोखा घर देखकर अचंभित होता था ! ऐसा सुन्दर घोसला तो कंप्यूटर और राकेट बनाने वाले हाथ भी नहीं बना सकते :)
-
-
@ आदरणीय अल्पना जी आप पहेली में पूछे गए स्थानों के सम्बन्ध में जानकारी देने का यह क्रम
बंद क्यों करना चाहती हैं ?
मै तो चाहूँगा की यह क्रम जारी रहे ! इस तरह से मनोरंजन के साथ ही कितना कुछ नया जानने को मिलता है ! अगर समयाभाव हो तो संक्षेप में जानकारी दे सकती हैं !
हमेशा ही आपकी मेहनत को सराहा है और आभार व्यक्त किया है !
सभी विजेताओं को बधाई
ReplyDeleteसभी विजेताओं को बहुत बहुत बधाई. खास कर समीरजी को, प्रथम स्थान पा कर क्या नुरानी चेहरा हो गया है. मुस्कान खिल खिल सी गई है :) हम तो जी संतोषी जीव है.
ReplyDeleteसभी विजेताओं को ढेरों बधाईयाँ.
ReplyDeleteसमीर जी को बहुत बहुत बधाई ...
ReplyDeleteविजेता उड़न तश्तरी जी को और सभी को बधाई...
ReplyDeleteमाननीय प्रकाश गोविन्द जी आप की राय मालूम हुई.अच्छा लगा कि आप ने स्थान सम्बन्धी विवरण पढ़ा और मेरी जिज्ञासा का उत्तर दिया.
ReplyDeleteहम आप की राय का सम्मान करते हैं और जानकारी देने का यह क्रम जारी रखा जायेगा.
माननीय रतन जी और वाणी जी पहेली तो यथावत चलती रहेगी, मैं सिर्फ जानना चाह रही थी कि जवाबी पोस्ट में दिए जाने वाला विवरण कितना उपयोगी है?
क्या इसे दिया जाना जारी रखना चाहिए?
आप सभी के सहयोग के लिए आभार
सभी विजेताओं को बहुत बहुत बधाई.
ReplyDelete-बया वाली विडियो बहुत ही अच्छी लगी.
प्रिय रामप्यारी से आशा है ऐसी और भी अच्छी अच्छी पहेलियाँ लाएगी.
पहेली के लिए चित्रों का चयन करना, हिंट के लिए भी चित्र जुगाड़ना और फिर विस्तृत जानकारी देना. यह बहुत ही दुष्कर होता होगा. अधिक डिटेल में न जाते हुए सक्षिप्त जानकारी वांछनीय है. जिनको अधिक ज्ञानवर्धन की आवश्यकता है उनके लिए आप लिंक तो दे ही रही हैं.
ReplyDelete@ अल्पना जी/ ताऊ
ReplyDeleteचलते -चलते पाठकों से मेरा एक प्रश्न -: क्या आप चाहते हैं कि पहेली में पूछे गए स्थानों के सम्बन्ध में जानकारी देने का यह क्रम जारी रखा जाये?अगर आप को यह उपयोगी नहीं लगता है तो मैं इस क्रम को समाप्त करना चाहती हूँ.
ये कैसा प्रश्न है?
आपको शायद अंदाज भी नहीं कि इस तरह की जानकारी देकर आप हिन्दी अन्तर्जाल पर कितना बड़ा योगदान दे रहे हैं. इतनी विस्तार से इन स्थलों के बारे में जानकारी हिन्दी अन्तर्जाल को समृद्ध कर रही है एवं सभी हिन्दी प्रेमियों के लिए गर्व का विषय है. आप दोनों ही इस हेतु साधुवाद के पात्र हैं.
मेरा निवेदन है कि न सिर्फ आप इसे जारी रखें अपितु इसे विकिपिडिया/ या फिर एक अलग से वेब साईट बना कर उस पर भी सर्च केपेबेलिटी के साथ डालें ताकि आम जन इसका उपयोग कर सकें.
मेरी शुभकामनाएँ आपके साथ हैं.
आदरणीय सुब्रह्मनियम जी,समीर जी आप के शब्दों से प्रोत्साहन मिला.हाँ ,जानकारी अंतर्जाल पर सीमित है और अधिकतर अंग्रजी में ही उपलब्ध है जिस का अनुवाद करना और और सभी लिंक और संदर्भों को संभाल कर रखना,थोडा समय लेता है बस इसीलिये ऐसा विचार मन में आया.
ReplyDelete------
यू.ऐ.ई से विकिपीडिया में जानकारी देने के लिए अकाउंट नहीं खोल सकती. प्रतिबंधित है .
आभार
जानकारी देने का क्रम जारी रहे !!
ReplyDeleteसभी विजेताओं को ढेर सारी बधाइयाँ और शुभकामनायें!
ReplyDeleteअल्पना और ताऊजी!....पहेलियों बहुत ही अच्छी, जानकारी देने वाली और मनोरंजक भी है....इन्हें ऐसे ही जारी रखे!...विजेताओं को बधाई!
ReplyDelete@डॉ.अरुणा कपूर जी और राम त्यागी जी आप के विचार जानकर खुशी हुई ,बहुत बहुत धन्यवाद.
ReplyDeleteजब मैं आया तब टिपण्णी ही बंद हो चुकी थी :(
ReplyDelete