प्रिय भाईयो और बहणों, भतीजों और भतीजियों आप सबको घणी रामराम ! हम आपकी सेवा में हाजिर हैं ताऊ पहेली 82 का जवाब लेकर. कल की ताऊ पहेली का सही उत्तर है Son gufa/ Swarna Gufa-Rajgir, [Nalanda district] Bihar
और इसके बारे मे संक्षिप्त सी जानकारी दे रही हैं सु. अल्पना वर्मा.
बिहार राज्य के बारे में विस्तार से आप पहले की पोस्ट में पढ़ चुके हैं.आज इसी राज्य के राजगीर लिए चलते हैं.यह क्षेत्र नालंदा जिले में स्थित है और इस का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व भी है.यह मगध की राजधानी थी और उस समय इस का नाम राजगृह था. यहीं पर भीम ने जरासंध का वध किया था.यहाँ के मकर और मलमास मेले भी बहुत प्रसिद्ध हैं.अग्नि पुराण एवं वायु पुराण आदि के अनुसार इस मलमास अवधि में सभी देवी देवता यहां आकर वास करते हैं.
son bhandar cave
सोन भण्डार ,राजगीर [बिहार]
मुख्य पहेली के चित्र में सोन भण्डार गुफा दिखाई गयी थी.किसी समय यह भिक्षुओं के रहने का उत्कृष्ट और भव्य स्थान हुआ करता था.इस गुफा का ऐतिहासिक और पुरातत्व महत्व है.यह बिहार आने वाले पर्यटकों में लोकप्रिय है.
निर्माण काल [तीसरी या चौथी सदी?] निश्चित नहीं है.
वैभव गिरी पहाड़ी के दक्षिण में बनी इस गुफा में दो कमरे हैं,एक मत अनुसार ये दो गुफाएं हैं.हम इन्हें एक गुफा के दो कमरे समझते हुए विवरण दे रहे हैं.ये दोनों कमरे पत्थर की एक चट्टान से बंद हैं.पहला कमरा सुरक्षा कर्मियों /गार्ड का कमरा माना जाता है.दूसरे कमरे में स्वर्ण भडार है जो की कुछ लोगों द्वारा राजा बिम्बसार का खजाना बताया जाता है.अजातशत्रु के पिता बिम्बिसार की जेल के अवशेष पास ही मिले हैं जिससे इस मत को अधिक पुष्टि मिली है. जबकि कुछ अन्य लोगों का विश्वास है कि यह खजाना जरासंध का है.
son bhandar secret code
इस खजाने का दरवाजा आज तक कोई खोल नहीं पाया है ,गुफा की एक दीवार पर 'शंख लिपि में लिखा सीक्रेट कोड इस का पासवर्ड है. खजाने के रहस्यमयी दरवाजे के ऊपर काला निशान दिखाई देगा जो कि तोप के गोले का है ,यह ब्रितानी हुकूमत में अंग्रेजी सरकार द्वारा इसे तोड़ने के प्रयास का एक प्रमाण है.
पूर्वी गुफा कुछ नष्ट हो चुकी है.आगे का हिस्सा टूट चुका है.दक्षिणी दीवार पर ६ जैन तीर्थंकरों के चित्र भी खुदे हुए हैं.जो गुफा पूरी निर्मित होने के बाद अंकित किये गए माने जाते हैं.
son bhandar second cave wall
राजगीर बौद्ध धर्म का एक प्रसिद्ध तीर्थस्थल है ही,हिन्दू और जैन धर्म के कई मंदिर भी हैं.ज्ञात हो कि राजगीर के आस-पास की पहाडियों पर 26 जैन मंदिर बने हुए हैं.जहाँ पहुंचना आसान नहीं है.
सोन गुफा के अतिरिक्त आप यहां पर गृद्धकूट पहाड़ी, अजातशत्रु का किला-,पिप्पली गुफा[इसी गुफा में बौद्ध गुरु महाकश्यप कई बार ठहरे थे], वेणुवन, जीवककरम मठ, तपोधर्म, सप्तपर्णी गुफा, जरासंध का अखाड़ा, बिंबिसार का जेल, शांतिस्तूप,वैभव पहाड़ी के किनारे गर्म पानी का झरना आदि देख सकते हैं.
सभी विजेताओं को हार्दिक शुभकामनाएं.
आईये अब रामप्यारी मैम की कक्षा में
अब आईये आपको उन लोगों से मिलवाता हूं जिन्होने इस पहेली अंक मे भाग लेकर हमारा उत्साह वर्धन किया. आप सभी का बहुत बहुत आभार.
सुश्री निर्मला कपिला
jandunia
श्री राम त्यागी
श्री ललित शर्मा
श्री तारकेश्वर गिरी
सुश्री अंजना
श्री नीरज गोस्वामी
सुश्री अर्चना
श्री रतनसिंह शेखावत
श्री नरेश सिंह राठौड
श्री राज भाटिया
श्री काजलकुमार,
श्री अजय कुमार झा
श्री दिगम्बर नासवा
श्री महेंद्र मिश्र
आयोजकों की तरफ़ से सभी प्रतिभागियों का इस प्रतियोगिता मे उत्साह वर्धन करने के लिये हार्दिक धन्यवाद. !
और इसके बारे मे संक्षिप्त सी जानकारी दे रही हैं सु. अल्पना वर्मा.
बिहार राज्य के बारे में विस्तार से आप पहले की पोस्ट में पढ़ चुके हैं.आज इसी राज्य के राजगीर लिए चलते हैं.यह क्षेत्र नालंदा जिले में स्थित है और इस का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व भी है.यह मगध की राजधानी थी और उस समय इस का नाम राजगृह था. यहीं पर भीम ने जरासंध का वध किया था.यहाँ के मकर और मलमास मेले भी बहुत प्रसिद्ध हैं.अग्नि पुराण एवं वायु पुराण आदि के अनुसार इस मलमास अवधि में सभी देवी देवता यहां आकर वास करते हैं.
सोन भण्डार ,राजगीर [बिहार]
मुख्य पहेली के चित्र में सोन भण्डार गुफा दिखाई गयी थी.किसी समय यह भिक्षुओं के रहने का उत्कृष्ट और भव्य स्थान हुआ करता था.इस गुफा का ऐतिहासिक और पुरातत्व महत्व है.यह बिहार आने वाले पर्यटकों में लोकप्रिय है.
निर्माण काल [तीसरी या चौथी सदी?] निश्चित नहीं है.
वैभव गिरी पहाड़ी के दक्षिण में बनी इस गुफा में दो कमरे हैं,एक मत अनुसार ये दो गुफाएं हैं.हम इन्हें एक गुफा के दो कमरे समझते हुए विवरण दे रहे हैं.ये दोनों कमरे पत्थर की एक चट्टान से बंद हैं.पहला कमरा सुरक्षा कर्मियों /गार्ड का कमरा माना जाता है.दूसरे कमरे में स्वर्ण भडार है जो की कुछ लोगों द्वारा राजा बिम्बसार का खजाना बताया जाता है.अजातशत्रु के पिता बिम्बिसार की जेल के अवशेष पास ही मिले हैं जिससे इस मत को अधिक पुष्टि मिली है. जबकि कुछ अन्य लोगों का विश्वास है कि यह खजाना जरासंध का है.
इस खजाने का दरवाजा आज तक कोई खोल नहीं पाया है ,गुफा की एक दीवार पर 'शंख लिपि में लिखा सीक्रेट कोड इस का पासवर्ड है. खजाने के रहस्यमयी दरवाजे के ऊपर काला निशान दिखाई देगा जो कि तोप के गोले का है ,यह ब्रितानी हुकूमत में अंग्रेजी सरकार द्वारा इसे तोड़ने के प्रयास का एक प्रमाण है.
पूर्वी गुफा कुछ नष्ट हो चुकी है.आगे का हिस्सा टूट चुका है.दक्षिणी दीवार पर ६ जैन तीर्थंकरों के चित्र भी खुदे हुए हैं.जो गुफा पूरी निर्मित होने के बाद अंकित किये गए माने जाते हैं.
राजगीर बौद्ध धर्म का एक प्रसिद्ध तीर्थस्थल है ही,हिन्दू और जैन धर्म के कई मंदिर भी हैं.ज्ञात हो कि राजगीर के आस-पास की पहाडियों पर 26 जैन मंदिर बने हुए हैं.जहाँ पहुंचना आसान नहीं है.
सोन गुफा के अतिरिक्त आप यहां पर गृद्धकूट पहाड़ी, अजातशत्रु का किला-,पिप्पली गुफा[इसी गुफा में बौद्ध गुरु महाकश्यप कई बार ठहरे थे], वेणुवन, जीवककरम मठ, तपोधर्म, सप्तपर्णी गुफा, जरासंध का अखाड़ा, बिंबिसार का जेल, शांतिस्तूप,वैभव पहाड़ी के किनारे गर्म पानी का झरना आदि देख सकते हैं.
श्री प्रकाश गोविंद अंक 101 |
श्री पी.एन.सुब्रमनियन अंक 100 |
सुश्री सीमा गुप्ता अंक 99 |
श्री Chandra Prakash अंक 98 |
श्री उडनतश्तरी अंक 97 |
प. श्री. डी. के. शर्मा “वत्स” अंक 96 |
Dr.Ajmal Khan अंक 95 |
श्री Darshan Lal Baweja अंक 94 |
डा.रुपचंद्रजी शाश्त्री "मयंक, श्री M VERMA सुश्री सीमा गुप्ता श्री प्रकाश गोविंद Dr.Ajmal Khan श्री सुज्ञ श्री गगन शर्मा श्री मनोज कुमार अभिषेक ओझा, इसके अलावा श्री दर्शनलाल बावेजा का भी सही जवाब आया जो कि त्रुटीवश छूट गया था. आपको भी २० अंक दिये गये हैं. यह सुधार इस पोस्ट मे तारीख १२ जुलाई २०१० को रात्रि ९:०५ मिनट पर किया गया.अब अगले शनिवार को फ़िर यहीं मिलेंगे. तब तक जयराम जी की! |
अब आईये आपको उन लोगों से मिलवाता हूं जिन्होने इस पहेली अंक मे भाग लेकर हमारा उत्साह वर्धन किया. आप सभी का बहुत बहुत आभार.
सुश्री निर्मला कपिला
jandunia
श्री राम त्यागी
श्री ललित शर्मा
श्री तारकेश्वर गिरी
सुश्री अंजना
श्री नीरज गोस्वामी
सुश्री अर्चना
श्री रतनसिंह शेखावत
श्री नरेश सिंह राठौड
श्री राज भाटिया
श्री काजलकुमार,
श्री अजय कुमार झा
श्री दिगम्बर नासवा
श्री महेंद्र मिश्र
अब अगली पहेली का जवाब लेकर अगले सोमवार फ़िर आपकी सेवा मे हाजिर होऊंगा तब तक के लिये आचार्य हीरामन "अंकशाश्त्री" को इजाजत दिजिये. नमस्कार!
आयोजकों की तरफ़ से सभी प्रतिभागियों का इस प्रतियोगिता मे उत्साह वर्धन करने के लिये हार्दिक धन्यवाद. !
ताऊ पहेली के इस अंक का आयोजन एवम संचालन ताऊ रामपुरिया और सुश्री अल्पना वर्मा ने किया. अगली पहेली मे अगले शनिवार सुबह आठ बजे आपसे फ़िर मिलेंगे तब तक के लिये नमस्कार.
विजेताओं को बधाई..
ReplyDeleteजानकारी अच्छी मिली.
राजगीर से सम्बंधित जानकारी के लिए आभार ...
ReplyDeleteसभी विजेताओं को बधाई ...!
lagta he Prakash Govind Ji ke paas koi hidden OCTOPUS he ...
ReplyDeleteविजेताओं को बहुत बहुत बधाई...
ReplyDeleteइस स्थान के विषय में बहुत अच्छी जानकारी प्रदान की आपने......
बधाई जीतने वालों को ...
ReplyDeleteविजेताओं को बधाई..
ReplyDeleteमेरा ये जवाब भी सही था पर मेरा नाम शामिल नहीं किया गया
देखो ये ....
Darshan Lal Baweja said...
Castor oil plant
Sunday, July 11, 2010 11:39:00 AM
@ Darshan Lal Baweja जी
ReplyDeleteहमारी त्रुटी की तरफ़ ध्यान आकर्षित करने के लिये हम आपका आभार प्रकट करते हैं. आपके अकाऊंट में २० नम्बर जोड दिये गये हैं और पोस्ट मे अपेक्षित सुधार कर दिया गया है.
आभार सहित
-आयोजकगण
सभी सही जवाब देने वाले प्रतिभागियों को
ReplyDeleteहार्दिक बधाई
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इस बार एक कठिन पहेली थी
देर से जवाब देने के कारण
प्रथम आने की कोई आशा नहीं थी
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बस अब दो पहेली दूर हूँ
हैट्रिक तोड़ने वाले लिट्ठे दल के लोग होशियार !!! :)
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हमारा भारत एक ऐसा देश है जिसके बारे में जितना जानो कम ही है
एक से एक ऐतिहासिक धरोहर जिनसे हम अनजान हैं
अल्पना जी द्वारा बेहतरीन जानकारी
एक अध्यापिका की भांति हर बार कितना कुछ नया ज्ञान दे जाती हैं
बहुत बहुत आभार
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[अल्पना जी मन में एक बात जरूर आई कि अगर अंग्रेजी हुकूमत ने स्वर्ण खोजने का प्रयास किया तो क्या भारत सरकार ने कोई ऐसा प्रयास क्यों नहीं किया ? ]
सभी विजेताओं को बहुत बहुत बधाई.
ReplyDelete@प्रकाश जी ,भारत सरकार ऐसा प्रयास भी कैसे कर सकती है यह पुरातत्व विभाग की ,हमारे देश की धरोहर है ,इसे तोडना ऐतिहासिक धरोहर को तोडना या नष्ट करना होगा.जो किसी को भी स्वीकार्य नहीं होगा.हमारे देश में कई स्थान हैं जैसे जयगढ़ का किला जहाँ एकत्र पानी के नीचे कहीं खजाना है ,जगन्नाथपुरी मंदिर में भी.....लेकिन मेरी समझ में यही आता है कि ये सब हमारी ऐतिहासिक धरोहर हैं इसीलिये khajaane ke liye इन्हें तोड़ कर भारतीय नुकसान नहीं पहुँचाना चाहते.
सही जवाब इस विषय के जानकारों से अपेक्षित है.
इस क्षेत्र के जानकर सुब्रह्मनियम जी और शरद कोकस जी के जवाबों की प्रतीक्षा रहेगी.
विजेताओं को बधाई|
ReplyDeletevijetaaon ko badhaai ho hame bhi apnaa ashirwaad dewein
ReplyDeleteअच्छी जानकारी... विजेताओं को बधाई...
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