प्रिय बहणों और भाईयों, भतिजो और भतीजियों सबको शनीवार सबेरे की घणी राम राम.
ताऊ पहेली अंक 75 में मैं ताऊ रामपुरिया, सह आयोजक सु. अल्पना वर्मा के साथ आपका हार्दिक स्वागत करता हूं. जैसा कि आप जानते ही हैं कि अब से रामप्यारी का हिंट सिर्फ़ एक बार ही दिया जाता है. यानि सुबह 10:00 बजे ही रामप्यारी के ब्लाग पर मिलता है.
विनम्र विवेदन
"रामप्यारी का बोनस सवाल 20 नंबर के लिये"
अब आप रामप्यारी के ब्लाग पर हिंट की पोस्ट सुबह दस बजे ही पढ सकते हैं! दूसरा हिंट नही दिया जायेगा.
इस अंक के आयोजक हैं ताऊ रामपुरिया और सु,अल्पना वर्मा
मग्गाबाबा का चिठ्ठाश्रम
मिस.रामप्यारी का ब्लाग
ताऊजी डाट काम
ताऊ पहेली अंक 75 में मैं ताऊ रामपुरिया, सह आयोजक सु. अल्पना वर्मा के साथ आपका हार्दिक स्वागत करता हूं. जैसा कि आप जानते ही हैं कि अब से रामप्यारी का हिंट सिर्फ़ एक बार ही दिया जाता है. यानि सुबह 10:00 बजे ही रामप्यारी के ब्लाग पर मिलता है.
आप सभी को मेरा नमस्कार,
मैं अल्पना वर्मा आज आप से दो शब्द कहना चाहती हूँ .उपरोक्त पंक्तियां आपको इसी अंदाज़ में पढ़ते हुये यह 75 वां सप्ताह आ पहुंचा है.
हमारे लिये यह अत्यंत खुशी का अवसर है कि बिना किसी रुकावट के इस प्लेटीनम जुबिली पहेली तक का सफ़ल सफ़र हमने आपके साथ तय किया है. इस पहेली के माध्यम से हम भारत के लगभग प्रत्येक राज्य एवं संघीय प्रदेशों में घूमे हैं.
आशा है ,भविष्य में भी पहेली के इस सफ़र में आप का पूर्ण सहयोग और मार्गदर्शन हमें मिलता रहेगा.
आईए,आज की पहेली की तरफ़ बढ़ते हुए देखीये यह खूबसूरत ट्राफ़ी जिसे आज आप को जीतना है.
आज ही ताऊ डाट इन के दो साल पूरे हुये हैं और आज ही रामप्यारी का भी पहला जन्म दिन है.
कृपया पहेली मे पूछे गये चित्र के स्थान का सही सही नाम बतायें कि चित्र मे दिखाई गई जगह का नाम क्या है? कई प्रतिभागी सिर्फ़ उस राज्य का या शहर का नाम ही लिख कर छोड देते हैं. जो कि अबसे अधूरा जवाब माना जायेगा.
हिंट के चित्र मे उस राज्य या शहर की तरफ़ इशारा भर होता है कि उस राज्य या शहर मे यह स्थान हो सकता है. अब नीचे के चित्र को देखकर बताईये कि यह कौन सी जगह है? और किस शहर या राज्य में है?
ताऊ पहेली का प्रकाशन हर शनिवार सुबह आठ बजे होगा. ताऊ पहेली के जवाब देने का समय कल रविवार दोपहर १२:०० बजे तक है. इसके बाद आने वाले सही जवाबों को अधिकतम ५० अंक ही दिये जा सकेंगे.
जो भी प्रतिभागी रामप्यारी के सवाल का सही जवाब देगा उसे 20 नंबर अलग से दिये जायेंगे. तो आईये अब आपको रामप्यारी के पास लिये चलते हैं.
हाय...आंटीज एंड अंकल्स...दीदीज एंड भैया लोग...गुडमार्निंग..मी राम की प्यारी रामप्यारी...आज जैसे ही २२ मई शुरु हुई मैने रात को बारह बजते ही अपने पहले जन्म दिन का केक काट लिया. आप भी केक खाईये और मुझे "हैप्पी बड्डे रामप्यारी" बोलिये. और गिफ़्ट विफ़्ट लाये हों तो वो भी दे ही दिजिये.
और अब पूरे 20 नंबर का सवाल पूछ रही हूं. सवाल सीधा साधा है. बस मुख्य पहेली से अलग एक टिप्पणी करके जवाब देना है. और 20 नंबर आपके खाते में जमा हो जायेंगे. है ना बढिया काम...तो अब नीचे का चित्र देखिये और बताईये की यह किस चीज का चित्र है?
इसको गूगल मे मत तलाशियेगा क्योंकि यह खुद मैने खींचा है.बताईये ये क्या है
इस सवाल का जवाब अलग टिप्पणी मे ही देना है. अब अभी के लिये नमस्ते. मेरे ब्लाग पर अब से दो घंटे बाद यानि 10 बजे आज की मुख्य पहेली के हिंट के साथ आपसे फ़िर मुलाकात होगी तब तक के लिये नमस्ते.
अब आप रामप्यारी के ब्लाग पर हिंट की पोस्ट सुबह दस बजे ही पढ सकते हैं! दूसरा हिंट नही दिया जायेगा.
जरुरी सूचना:-
टिप्पणी मॉडरेशन लागू है इसलिए समय सीमा से पूर्व केवल अधूरे और ग़लत जवाब ही प्रकाशित किए जाएँगे.
सही जवाबों को पहेली की रोचकता बनाए रखने हेतु समय सीमा से पूर्व अक्सर प्रकाशित नहीं किया जाता . अत: आपका जवाब आपको तुरंत यहां नही दिखे तो कृपया परेशान ना हों.
नोट : यह पहेली प्रतियोगिता पुर्णत:मनोरंजन, शिक्षा और ज्ञानवर्धन के लिये है. इसमे किसी भी तरह के नगद या अन्य तरह के पुरुस्कार नही दिये जाते हैं. सिर्फ़ सोहाद्र और उत्साह वर्धन के लिये प्रमाणपत्र एवम उपाधियां दी जाती हैं. किसी भी तरह की विवादास्पद परिस्थितियों मे आयोजकों का फ़ैसला ही अंतिम फ़ैसला होगा. एवम इस पहेली प्रतियोगिता में आयोजकों के अलावा कोई भी भाग ले सकता है.
मग्गाबाबा का चिठ्ठाश्रम
मिस.रामप्यारी का ब्लाग
ताऊजी डाट काम
रामप्यारी को जन्मदिन मुबारक ...!!
ReplyDeleteइमामबाड़ा, लखनऊ, उत्तर प्रदेश
ReplyDeleteरामप्यारी,
ReplyDeleteहैप्पी बर्थ डे!!! केक खिलाओ...आज ये कौन से पेड़ का फूल उठा लाई??
लालकिला लग रहा है दिल्लीवाला
ReplyDeleteपरंतु आज 4.44 बजे ही कर दिया कैसे उजाला ?
लगता है कोनो चूक हो गई है। ताऊजी को फोनवा लगाया जाए उड़नतश्तरी जी।
ReplyDeleteरामप्यारी गुड मार्निंग. आज की पहेलियां तो बहुत ही आसान हैं ...पहली फोटो में मंदिर है, दूसरी में पेस्ट्री जैसा केक है और फिर है एक पौधा :)
ReplyDeleteदरगाह हजरत निजामुद्दीन, दिल्ली
ReplyDeleteRani Sipri's Mosque - Ahmedabad, Gujarat.
ReplyDeleteIt is believed to have been built in 1514 AD by Rani Sipri, wife of Mehmud Begada who executed their son for a misdemeanor. It is small mosque with a hight of 50ft and 54ft in length. This small mosque is also known as the Masjid-e-Nagira or Jewel of a Mosque because of its intricately carved decoration, jali screens with flowing plant and tree forms and the generally elegant design of the building. It has a separate area of worship, upstairs, for women called, 'Jenana'. Another important tourist attraction at this place are 'Jhulta Minar', better known as the Shaking Minarets.
रामप्यारी का बोनस सवाल 20 नंबर: ka jawab tulasi ke phool.
ReplyDeletepaheli-75 ka jawab:
ReplyDeleteRani Sipri’s mosque, Ahemadabad, Gujarat.
Rani Sipri’s mosque is situated on Sardar Patel Road.This mosque is also known as the Masjid – e- Nagina, or jewel of a mosque. It has ornamented minarets and a tomb of Rani Sipri, who had the mosque built after her son was executed for a minor crimel. It is another beautiful specimen of Hindu art in a Muslim monument.
हम्म कोई महल लगता है
ReplyDeleteregards
ओये ओये रानी "हैप्पी बड्डे रामप्यारी " हैप्पी बड्डे टु यू .."
ReplyDeletemubarak mahal jaipur
ReplyDeleteregards
रानी सीपरी का मकबरा अहमदाबाद
ReplyDeleteregards
MOSQUE AND TOMB OF RANI SIPARI in ahemdabad
ReplyDeleteBy a historical inscription held at the upper part of the central mihrab in the mosque, it is understood that these buildings were built by Rani Sipari, the mother of Abu Bakr Khan, who was the child of Sultan Mahmud Begarah
regards
अरे रामप्यारी रानी तुम्हारा तो फोटोग्राफी का शौक हुआ और हमारी आफत , अब नाम याद नहीं रहा ना
ReplyDeleteराम प्यारी,
ReplyDeleteकितना दौड़वाया तब ढूंढ पाया:
तुलसी की मंजरी
-वाह रे थारा जण्म दिन...हम तो दौड़ दौड़ कर पक गये!! :)
mazaar.....
ReplyDeleteMazaar hai kisi Mulla ki.... Naam bhi bata dunga iar pahle Jagadhri no. 1 bhijwao...Tau the great....
ReplyDeleteयह तो मुगलों की बनवाई हुई कोई मस्जिद लग रही है!
ReplyDeleteतब तो केक काटना ही पड़ेगा ...हार्दिक बधाई.
ReplyDelete________________________
'शब्द-शिखर' पर ब्लागिंग का 'जलजला'..जरा सोचिये !!
Vaise dekhne men to koi Mughalkalin imarat lag rahi hai.
ReplyDelete10 baj gaye raampyari hint kanhaa he.. bady ke chakkar men kaam ki chhutti...:)
ReplyDeleteRani Sipri, Masjid-e-Nagira "Jewel of a Mosque" blend of Hindu and Islamic styles. Built by a wife of Sultan Mehmood Begada.
ReplyDeleteTau subah subah , bahgwan ka naam lene ki bajaye, masjid ki search mein laga diya. Per google search se pata pada ki masjid bhi kitni sunder hoti hen.
ReplyDeleteThe Rani Sipri's Mosque is yet another example where we find a fine blend of Hindu and Islamic styles of architecture. The Rani Sipri's Mosque is a small mosque located in the south-eastern part of the city. The Rani Sipri's Mosque of Ahmedabad was built in 1514 AD by Rani Sipri, wife of Mehmud Begada who executed their son for a misdemeanor.
ReplyDeleteThe Rani Sipri's Mosque of Ahmedabad is also known as the Masjid-e-Nagira or 'jewel of a mosque'. It was so called due to its extremely graceful and well executed design. The slender, delicate minarets of the Rani Sipri's Mosque in Ahmedabad are diaphanous and depict the typical admixture of Hindu and Islamic architectural styles.
Rani Sipri's Mosque is yet another gem of Gujarati architecture. The decoration and symmetry of Rani Sipri's Mosque at Ahmedabad is appealing and it ranks among the beautiful monument in Ahmedabad.
The Rani Sipri's Mosque in Ahmedabad, is 50 feet high, 20 feet broad and 54 feet long. The interior of the Ahmedabad Rani Sipri's Mosque consists of intricately carved decoration. The ‘jali’ screens inside the Rani Sipri's Mosque have wonderful decorations of flowing plants and trees. The through out elegant design of the religious edifice is adorable.
You will find a separate area of worship, upstairs, for women called, 'Jenana' in the Ahmedabad Rani Sipri's Mosque At its close vicinity you will find yet another wonderful tourist attraction called the 'Jhulta Minar', This minaret is also known as the Shaking Minarets.
copy paste from
http://www.mapsofindia.com/ahmedabad/places-of-interest/religious-places/rani-sipri-mosque.html
रानी सिप्री मस्जिद अहमदाबाद....
ReplyDeleteRani Sipri's Mosque - Ahmedabad
ReplyDelete@Ranjan ji,
ReplyDeleteHint ki post time se publish ho chuki hai.
Kripya ek baar dobara check karen.
abhaar
ताऊ को प्लेटिनम जुबिली और रामप्यारी को जन्मदिवस की शुभ कामनाएँ!
ReplyDeleteलेकिन ताऊ बूढ़ा गया है, अब ब्लॉग में वो बात नहीं रही, ताऊ , बनिया और गोटू सुनार को वापिस लाया जाए तो कुछ इंट्रेस्टिंग सी चीज़ बने! ताऊ ने खूटे पर लिखना भी छोड़ दिया!
भाई ताऊ औरों का पता नहीं, मन्ने तो ब्लॉग मे यो दो ही फीचर सूपरहिट लगते थे!
हम तो कैक खाने आए है. जवाब कैनेडा वाले ही देंगे...आज हम विशेष कारण से नहीं देंगे.
ReplyDeleteमुझे तो यह सीदी सैयद की जाली लग रही है जो अहमदाबाद में है।
ReplyDeleteसीदी सैयद की जाली, अहमदाबाद.।
ReplyDeleteये अहमदाबाद , गुजरात में है
ReplyDeleteनंबर जरुर मिलने चाहिए
कोटन का पेड़ लग रहा है :)
ReplyDeleteदिल्ली के लाल किले की मस्जिद लग रही है ...:)
ReplyDeleteताऊ जन्मदिन मुबारक!
ReplyDeleteअहमदाबाद में अक्षरधाम मंदिर
ReplyDeleteअहमदाबाद में रानी सीपरी मस्जिद जिसे कि "मस्जिस-ए-नजीरा" के नाम से भी जाना जाता है..जिसका निर्माण सुल्तान महमूद की पत्नि द्वारा कराया गया....
ReplyDeleteRani Sipri`s Mosque, also known as the Masjid-e-Nagira or Jewel of a Mosque on account of its elegant design. Built in 1514 AD
four gates of Dabhoi (Gujarat).
ReplyDeleteFort of Dabnoi, Gujarat
ReplyDeleteबिजली जाने के डर से अपनी बिजली गुल हो गई सुबह-सुबह!
ReplyDeleteरामप्यारी को जन्म दिन की बधाईयां!,
ReplyDeleteइजिप्ट से आज ही पहुंचा हूं, डायरेक्ट ताऊ के घर जाकर बधाई देनी पडेगी रामप्यारी को!
रामप्यारी का जन्मदिन मुबारक हो
ReplyDeleteअक्षर धाम मन्दिर
ReplyDeleteगान्धीनगर
गुजरात
यह एक पौधा है
ReplyDeletechampaner Gujrat
ReplyDeleteMOSQUE AND TOMB OF RANI SIPARI ,Ahmadabad , Gujrat
ReplyDeleteThese are mosque and tomb built inside the Astodiya gate remaining at the southeast side of the Ahmadabad. By a historical inscription held at the upper part of the central mihrab in the mosque, it is understood that these buildings were built by Rani Sipari, the mother of Abu Bakr Khan, who was the child of Sultan Mahmud Begarah, in 920 AH (1514) under the reign of sultan Muzaftar the 2nd. The mosque and the tomb are built on the same basement considerably higher than the ground level, being separate from each other but on the same axis. (Matsuo Ara)
Rampyari madam ka jawab:
ReplyDeleteतुलसी की मंजरी
नगीना मस्जिद अहमदाबाद
ReplyDeleteअरे अरे अरे अरे.... इतनी आसान पहले, यह तो जी इंडिया गेट है, मानो या ना मनो
ReplyDeleteRani Rupmati Mosque
ReplyDeleteAhmedabad - Gujrat
Named after the Hindu wife of Sultan Muhmed Beghara, this mosque was built between 1430 to 1440 A. D. having three domes supported by pillars with the central dome slightly elevated to allow natural light into the mosque. The tomb of Rani Rupmati is next to it. Rani Rupmati Masjid named for the princess of Dhar who married the Sultan of Ahmedabad, is another fine example of the Indo-Sarcenic blended style. A high central arch, 3 imposing domes, slim minarets, carved galleries and an exquisite mihrab are the high points. Its three domes are linked together by a flat roof. However, the mosque and tomb of Rani Sipri at Astodia surpasses it for its planning and structural arrangement.
Nearby are the superbly proportioned 1465 AD mosque of Muhafiz Khan, splendidly carved with a 3 arch façade and minarets, the Saiyad Usman mausoleum - said to have started a trend for corner minarets in 1460s and the 16th century mosque of Hasan Muhammad Chisti having some of the finest jali-work traceries in India.
happy birthday rampyari ji
ReplyDeletejo plant hai wo tulsi ka hai
aur ye koi masjid lagti hai
sayad Jama Masjid, delhi hai
आगरा के पास सिकन्दरा मे है यह
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ReplyDeleteMOSQUE AND TOMB OF RANI SIPARI
AHMADABAD
Gujrat State
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These are mosque and tomb built inside the Astodiya gate remaining at the southeast side of the Ahmadabad. By a historical inscription held at the upper part of the central mihrab in the mosque, it is understood that these buildings were built by Rani Sipari, the mother of Abu Bakr Khan, who was the child of Sultan Mahmud Begarah, in 920 AH (1514) under the reign of sultan Muzaftar the 2nd. The mosque and the tomb are built on the same basement considerably higher than the ground level, being separate from each other but on the same axis. (Matsuo Ara)
रानी रूपमती मस्जिद, अहमदाबाद गुजरात
ReplyDeleteThe Rani Rupmati Mosque in Ahmedabad was built between the periods ranging from 1430 to 1440. The mosque was named after Rani Rupmati, the Hindu wife of Sultan Mohmmed Begdo.
2, सौंफ का पौधा है ।
ReplyDelete@नए प्रतिभागी....बाहर प्रकाशित जवाब गलत हैं ,कृपया अपने जवाब एक बार फिर से जांच लिजीये.
ReplyDelete@ज्ञात हो...कई बार नेट पर उपलब्ध गलत जानकारी आप को भ्रमित कर सकती है.
सूचना :-
ReplyDeleteइस पहेली पर जवाब देने का समय समाप्त हो चुका है. अब जो भी सही जवाब आयेंगे उन्हें अधिकतम ५० अंक दिये जा सकेंगे.
एवम जवाबी पोस्ट मे उनका नाम शामिल किया जाना पक्का नही है.
सभी प्रतिभागियों का उत्साह वर्धन के लिये हार्दिक आभार.
-आयोजनकर्ता
ताऊ जी हमें तो आपका परिचय पढकर मजा आया। बहुत ही जानदार है। हमें भी अपने साथ रख लो । हम भी छठी के बिगडैल हैं।
ReplyDeleteकपास का पौधा है |
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