बडे ही दुखित मन से पंडितजी (महेंद्र मिश्र) ने एक पोस्ट फ़ेंक के मारी गुस्से में. और लोगों ने हाथों हाथ लपक ली. उनको मलाल था कि उनके पूज्य दादा जी ने उनको बुढऊ की पदवी से नवाज दिया. पंडितजी ने गुस्से गस्से में पोस्ट दे मारी.
अब देखिये...बडे बुजुर्गों के मुंह से जो निकलता है वो आशीर्वाद ही होता है. मिश्रजी को तो मालूम ही नही कि आजकल बुढऊ शब्द बडा होट hot होगया है. यानि टिप्पणी खींचू होगये हैं आजकल के बुड्ढे भी. इसीलिये ललित शर्मा जी भी आजकल दिन रात बुढ्ढों पर पोस्ट लिखा करते हैं.
फ़िर घूमते घामते हम भी मिश्र जी के दरवाजे पहुंच गये और वहां मिश्रजी की पीडा देखते हुये हम द्रवित होगये. मिश्रजी ने बुढऊ लोगों की इतनी पीडाएं सुनाई कि हमने वहां पर ही तुरंत BBA के गठन की घोषणा कर दी. हम स्वयम भू अध्यक्ष घोषित होगये और महेंद्र मिश्रजी को हमने सेकेरेटरी घोषित कर दिया.
और अब हमने महेंद्र मिश्र जी को मेंबर बनाने का काम सौंप दिया और हम खुद जीवन में पहली बार अध्यक्ष बनने का सुख उठा रहे थे. आज तक तो किसी ने हमको चपरासी भी नही बनाया. और आज हम शान से "BBA" यानि "बुढऊ ब्लागर्स एशोसियेशन" के आफ़िस में बैठे हुक्का गुडगुडा रहे थे.
BBA के आफ़िस में स्वघोषित अध्यक्ष महोदय हुक्का गुडगुडाते हुये!
थोडी देर बाद मिश्रजी का फ़ोन आया कि ताऊ BBA की स्कीम फ़ेल ही समझो...जबसे तुमने BBA का बोर्ड टांगा है कोई दिखाई ही नही दे रहा है...हमने सोचा कि बुढापे में पंडितजी का शरीर आरामतलबी का आदि होगया सो हमने उनको साथ लिया और निकल पडे सडक पर भरी दोपहर मे बुढ्ढऊ ब्लागर्स ढूंढने.
अध्यक्ष और सेक्रेट्री महोदय बुढ्ढों की तलाश मे भटकते हुये!
दिन भर धूप में सडक पर भटकने के बाद हमको एक भी जालिम बुढ्ढा नही मिला. थक हार कर हम वापस आये और हमने सोचा कि आखिर हमारी स्कीम मे कहां गडबड रह गयी थी? बहुत मनन के पश्चात हमको कमियां समझ में आगयी और हमने तुरंत उनको दूर कर दिया.
पहला तो ये कि आजकल किसी सेलेब्रेटी को ब्रांड अंबेसडर बनाना बहुत जरुरी है अत: हमने तुरंत मिस. समीरा टेढी जी से बात की "बुढऊ ब्लागर्स एशोसियेशन" की ब्रांड अंबेसडर बनने के लिये. और वो भी इस शर्त पर की वो इसके लिये जब भी मिटिंग होगी यहां पर आयेंगी. और साथ में यह भी कि बुढऊ लोगों को कहीं हार्ट अटेक ना हो जाये तो वो सफ़ेद बालों वाला विग और साडी में रहेंगी यानि भडकाऊ ड्रेस नही पहनेगी.
मिस. समीरा टेढी इस बात पर भडक गई. पर जब हमने उनको समझाया कि यह समाज हित का काम है सो थोडा त्याग भी करना चाहिये और आपको कौन सा रोज रोज आना है? बस मिटींग वाले दिन आना है जिससे मीटिंग मे सारे बुढ्ढे आपके दीदार के बहाने हाजिर हो जायें और हमारे इस BBA के मेंबर बन जायें. बडी मुश्किल से वो राजी हूई, पर आखिर हां भर ही ली.
"बुढऊ ब्लागर्स एशोसियेशन" की ब्रांड एंबेसडर मिस. समीरा टेढी, बुढऊ के गेट अप में
बस जैसे ही बुढऊ लोगों को मालूम पडा कि BBA की ब्रांड अंबेसडर मिस. समीरा टेढी ने बनना स्वीकार कर लिया वैसे ही लाईन लग गई मेंबर शिप के लिये. जो जवान ब्लागर थे वो भी सफ़ेद विग लगाकर आ गये. बहुत ज्यादा मारामारी होगई. और सारे मेंबरशिप के फ़ार्म खत्म होगये.
मेंबरशिप किस किस को दी गई इसकी और किस का फ़ार्म रिजेक्ट होगया यह अगले सप्ताह बताया जायेगा.
अब आपको "बुढऊ ब्लागर्स एशोसियेशन" के एजेंडा के बारे मे कुछ बता देते हैं जिससे आप भी BBA की सदस्यता लेकर चैन से ब्लागिंग कर सकें. BBA के उद्देष्य और नियम इस प्रकार हैं.
१.BBA यानि कि "बुढऊ ब्लागर्स एशोसियेशन" किसी भी तरह के लिंग भेद को नही मानता. यहां ब्लागर्स से मतलब पुरुष और महिला दोनों हैं. और "बुढऊ" शब्द दोनों को अभिव्यक्त करेगा. यानि आप महिला ब्लागर्स को बुढिया नही बोल सकते.
२. बुढऊ ब्लागर की परिभाषा : जिन्हें एक साल से ज्यादा का समय ब्लागिंग करते होगया उनको बुढऊ ब्लागर्स एशोसियेशन की सदस्यता की पात्रता तो है पर उनको सदस्यता उनके लेखकीय उत्पात को देखते हुये दी जायेगी . उनकी सदस्यता इस बात पर निर्भर करेगी कि उन्होने कितने बेनामी ब्लाग चलाये? कितने बेनामी कमेंट किये? कृपया आवेदन फ़ार्म में अपनी उपलब्धियों की समस्त जानकारियां देवें
३. ५० साल से ज्यादा उम्र के ब्लागर्स को वाईल्ड कार्ड एंट्री दी जायेगी. यानि उनको हर हालत मे बुढऊ ब्लागर्स एशोसियेशन की सदस्यता लेनी अनिवार्य कर दी गई है. उनके लिये योग्यता का कोई पैमाना नही है.
४. कोई अपनी वास्तविक उम्र छिपाने की कोशीश करता पाया गया तो उसे "सरताज-ए-बुढऊ" की पदवी से पहली अप्रेल को नवाजा जायेगा. इसमें किसी भी तरह की रियायत नही दी जायेगी. चाहे महिला बुढऊ ही क्युं ना हो.
५. सभी की उम्र का हमने आयकर विभाग के पेन कार्ड से पता लगा लिया है अत: ज्यादा होशियारी ना करें और चुपचाप सदस्यता के लिये आवेदन करें.
BBA द्वारा आपको क्या फ़ायदा होगा?
१. "बुढऊ ब्लागर्स एशोसियेशन" इसके सभी सदस्यों को चश्मा, छडी और डेंचर (दांत वाली बत्तीसी) एक बार मुफ़्त और बाद में नाम मात्र के चार्ज पर उपलब्ध करवायेगा.
२. "बुढऊ ब्लागर्स एशोसियेशन" के सदस्यों के ब्लाग को नियमित अपडेट किया जायेगा, सदस्यों की ब्लाग पोस्ट पर सभी बुढऊ टिप्पणी करेंगे.
३. "बुढऊ ब्लागर्स एशोसियेशन" के सभी सदस्यों को ताऊ जादूई चिराग नाम मात्र की कीमत पर उपलब्ध करवाये जाने की बात चल रही है. जिससे आपके सभी कार्य जादूई चिराग द्वारा पूरे कर दिये जायेंगे.
४. मोटी चमडी करने हेतु प्रत्येक बुढऊ ब्लागर को भैंस का शुद्ध दूध पिलाने का इंतजाम किया जायेगा.
५. "बुढऊ ब्लागर्स एशोसियेशन" के सदस्यों के ब्लाग पर अगर मामा मारीच या सुर्पणखां का हमला होता है तो उनसे बचाने के अलावा...सामने वाले के ब्लाग पर इतनी खतरनाक टिप्पणीयां जादूई चिराग से करवाने का करार किया जा रहा है कि मारीच और सुर्पणखां सिट्टी पिट्टी भूल जायेंगे.
६. अगर किसी बुढऊ को गरियाने की इच्छा हो जाये तो उसकी यह इच्छा पूरी करवाने के लिये किराये पर गाली सुनने वाले बुलाये जायेंगे.
७. हर बुढऊ ब्लागर की पोस्ट पर ४३१ हिट और ४१ टिप्पणीयां कम से कम करवाने का प्रबंध किया जायेगा.
८. अगर कोई बुढऊ टंकी पर चढने की इच्छा करेगा तो उसे बाकायदा शान से टंकी पर चढाया जायेगा और सब मिल जुलकर उसको नीचे उतारेंगे. इसके लिये एक २३९ मीटर उंची टंकी का निर्माण किया जायेगा.
९. हर बुढऊ को कुछ पद पाने की इच्छा रहती है तो हर बुढऊ ब्लागर "बुढऊ ब्लागर्स एशोसियेशन" का उपाध्यक्ष कहलायेगा.
१०. हर बुढऊ को अपनी राय देने का अधिकार होगा भले उसके घर मे उससे कोई राय ना लेता हो.
११. चूंकी "बुढऊ ब्लागर्स एशोसियेशन" अभी शैशवकाल मे ही है तो इसके नियम कायदे बन रहे हैं. जो अगली मिटींग में घोषित किये जायेंगे. सदस्यता मंजूर करने या ना करने के अधिकार सिर्फ़ अध्यक्ष महोदय और सेक्रेरेट्री महोदय के पास सुरक्षित रहेंगे.
अब देखिये...बडे बुजुर्गों के मुंह से जो निकलता है वो आशीर्वाद ही होता है. मिश्रजी को तो मालूम ही नही कि आजकल बुढऊ शब्द बडा होट hot होगया है. यानि टिप्पणी खींचू होगये हैं आजकल के बुड्ढे भी. इसीलिये ललित शर्मा जी भी आजकल दिन रात बुढ्ढों पर पोस्ट लिखा करते हैं.
फ़िर घूमते घामते हम भी मिश्र जी के दरवाजे पहुंच गये और वहां मिश्रजी की पीडा देखते हुये हम द्रवित होगये. मिश्रजी ने बुढऊ लोगों की इतनी पीडाएं सुनाई कि हमने वहां पर ही तुरंत BBA के गठन की घोषणा कर दी. हम स्वयम भू अध्यक्ष घोषित होगये और महेंद्र मिश्रजी को हमने सेकेरेटरी घोषित कर दिया.
और अब हमने महेंद्र मिश्र जी को मेंबर बनाने का काम सौंप दिया और हम खुद जीवन में पहली बार अध्यक्ष बनने का सुख उठा रहे थे. आज तक तो किसी ने हमको चपरासी भी नही बनाया. और आज हम शान से "BBA" यानि "बुढऊ ब्लागर्स एशोसियेशन" के आफ़िस में बैठे हुक्का गुडगुडा रहे थे.
थोडी देर बाद मिश्रजी का फ़ोन आया कि ताऊ BBA की स्कीम फ़ेल ही समझो...जबसे तुमने BBA का बोर्ड टांगा है कोई दिखाई ही नही दे रहा है...हमने सोचा कि बुढापे में पंडितजी का शरीर आरामतलबी का आदि होगया सो हमने उनको साथ लिया और निकल पडे सडक पर भरी दोपहर मे बुढ्ढऊ ब्लागर्स ढूंढने.
दिन भर धूप में सडक पर भटकने के बाद हमको एक भी जालिम बुढ्ढा नही मिला. थक हार कर हम वापस आये और हमने सोचा कि आखिर हमारी स्कीम मे कहां गडबड रह गयी थी? बहुत मनन के पश्चात हमको कमियां समझ में आगयी और हमने तुरंत उनको दूर कर दिया.
पहला तो ये कि आजकल किसी सेलेब्रेटी को ब्रांड अंबेसडर बनाना बहुत जरुरी है अत: हमने तुरंत मिस. समीरा टेढी जी से बात की "बुढऊ ब्लागर्स एशोसियेशन" की ब्रांड अंबेसडर बनने के लिये. और वो भी इस शर्त पर की वो इसके लिये जब भी मिटिंग होगी यहां पर आयेंगी. और साथ में यह भी कि बुढऊ लोगों को कहीं हार्ट अटेक ना हो जाये तो वो सफ़ेद बालों वाला विग और साडी में रहेंगी यानि भडकाऊ ड्रेस नही पहनेगी.
मिस. समीरा टेढी इस बात पर भडक गई. पर जब हमने उनको समझाया कि यह समाज हित का काम है सो थोडा त्याग भी करना चाहिये और आपको कौन सा रोज रोज आना है? बस मिटींग वाले दिन आना है जिससे मीटिंग मे सारे बुढ्ढे आपके दीदार के बहाने हाजिर हो जायें और हमारे इस BBA के मेंबर बन जायें. बडी मुश्किल से वो राजी हूई, पर आखिर हां भर ही ली.
बस जैसे ही बुढऊ लोगों को मालूम पडा कि BBA की ब्रांड अंबेसडर मिस. समीरा टेढी ने बनना स्वीकार कर लिया वैसे ही लाईन लग गई मेंबर शिप के लिये. जो जवान ब्लागर थे वो भी सफ़ेद विग लगाकर आ गये. बहुत ज्यादा मारामारी होगई. और सारे मेंबरशिप के फ़ार्म खत्म होगये.
मेंबरशिप किस किस को दी गई इसकी और किस का फ़ार्म रिजेक्ट होगया यह अगले सप्ताह बताया जायेगा.
अब आपको "बुढऊ ब्लागर्स एशोसियेशन" के एजेंडा के बारे मे कुछ बता देते हैं जिससे आप भी BBA की सदस्यता लेकर चैन से ब्लागिंग कर सकें. BBA के उद्देष्य और नियम इस प्रकार हैं.
१.BBA यानि कि "बुढऊ ब्लागर्स एशोसियेशन" किसी भी तरह के लिंग भेद को नही मानता. यहां ब्लागर्स से मतलब पुरुष और महिला दोनों हैं. और "बुढऊ" शब्द दोनों को अभिव्यक्त करेगा. यानि आप महिला ब्लागर्स को बुढिया नही बोल सकते.
२. बुढऊ ब्लागर की परिभाषा : जिन्हें एक साल से ज्यादा का समय ब्लागिंग करते होगया उनको बुढऊ ब्लागर्स एशोसियेशन की सदस्यता की पात्रता तो है पर उनको सदस्यता उनके लेखकीय उत्पात को देखते हुये दी जायेगी . उनकी सदस्यता इस बात पर निर्भर करेगी कि उन्होने कितने बेनामी ब्लाग चलाये? कितने बेनामी कमेंट किये? कृपया आवेदन फ़ार्म में अपनी उपलब्धियों की समस्त जानकारियां देवें
३. ५० साल से ज्यादा उम्र के ब्लागर्स को वाईल्ड कार्ड एंट्री दी जायेगी. यानि उनको हर हालत मे बुढऊ ब्लागर्स एशोसियेशन की सदस्यता लेनी अनिवार्य कर दी गई है. उनके लिये योग्यता का कोई पैमाना नही है.
४. कोई अपनी वास्तविक उम्र छिपाने की कोशीश करता पाया गया तो उसे "सरताज-ए-बुढऊ" की पदवी से पहली अप्रेल को नवाजा जायेगा. इसमें किसी भी तरह की रियायत नही दी जायेगी. चाहे महिला बुढऊ ही क्युं ना हो.
५. सभी की उम्र का हमने आयकर विभाग के पेन कार्ड से पता लगा लिया है अत: ज्यादा होशियारी ना करें और चुपचाप सदस्यता के लिये आवेदन करें.
१. "बुढऊ ब्लागर्स एशोसियेशन" इसके सभी सदस्यों को चश्मा, छडी और डेंचर (दांत वाली बत्तीसी) एक बार मुफ़्त और बाद में नाम मात्र के चार्ज पर उपलब्ध करवायेगा.
२. "बुढऊ ब्लागर्स एशोसियेशन" के सदस्यों के ब्लाग को नियमित अपडेट किया जायेगा, सदस्यों की ब्लाग पोस्ट पर सभी बुढऊ टिप्पणी करेंगे.
३. "बुढऊ ब्लागर्स एशोसियेशन" के सभी सदस्यों को ताऊ जादूई चिराग नाम मात्र की कीमत पर उपलब्ध करवाये जाने की बात चल रही है. जिससे आपके सभी कार्य जादूई चिराग द्वारा पूरे कर दिये जायेंगे.
४. मोटी चमडी करने हेतु प्रत्येक बुढऊ ब्लागर को भैंस का शुद्ध दूध पिलाने का इंतजाम किया जायेगा.
५. "बुढऊ ब्लागर्स एशोसियेशन" के सदस्यों के ब्लाग पर अगर मामा मारीच या सुर्पणखां का हमला होता है तो उनसे बचाने के अलावा...सामने वाले के ब्लाग पर इतनी खतरनाक टिप्पणीयां जादूई चिराग से करवाने का करार किया जा रहा है कि मारीच और सुर्पणखां सिट्टी पिट्टी भूल जायेंगे.
६. अगर किसी बुढऊ को गरियाने की इच्छा हो जाये तो उसकी यह इच्छा पूरी करवाने के लिये किराये पर गाली सुनने वाले बुलाये जायेंगे.
७. हर बुढऊ ब्लागर की पोस्ट पर ४३१ हिट और ४१ टिप्पणीयां कम से कम करवाने का प्रबंध किया जायेगा.
८. अगर कोई बुढऊ टंकी पर चढने की इच्छा करेगा तो उसे बाकायदा शान से टंकी पर चढाया जायेगा और सब मिल जुलकर उसको नीचे उतारेंगे. इसके लिये एक २३९ मीटर उंची टंकी का निर्माण किया जायेगा.
९. हर बुढऊ को कुछ पद पाने की इच्छा रहती है तो हर बुढऊ ब्लागर "बुढऊ ब्लागर्स एशोसियेशन" का उपाध्यक्ष कहलायेगा.
१०. हर बुढऊ को अपनी राय देने का अधिकार होगा भले उसके घर मे उससे कोई राय ना लेता हो.
११. चूंकी "बुढऊ ब्लागर्स एशोसियेशन" अभी शैशवकाल मे ही है तो इसके नियम कायदे बन रहे हैं. जो अगली मिटींग में घोषित किये जायेंगे. सदस्यता मंजूर करने या ना करने के अधिकार सिर्फ़ अध्यक्ष महोदय और सेक्रेरेट्री महोदय के पास सुरक्षित रहेंगे.
मुबारक हो
ReplyDeleteसदस्यों की एक मीटिंग ही करवा देते.
nice
ReplyDeletenice
ReplyDeleteवाह!ताउ जी,
ReplyDeleteमन्ने तो दो ही पोस्ट लिखी थी,
और आपने बड़ी जल्दी ही BBA बणा ली।
वैसे उमर क्या रखी है इस एसोसिएशन में
सदस्यता के लिए---
वैसे भी ४३१ हिट और ४१ टिप्पणियों
का लालच किसी को भी असमय बुड्ढा बना सकता है।
एसोसिएशन के अध्यक्ष बनने पर हार्दिक बधाई।
बहुत खूब आईये साईंस ब्लॉगर असोसिएशन के साथ फेडरेशन फेडरेशन खेलें
ReplyDelete"बुढऊ ब्लागर्स एशोसियेशन" की स्थापना की बधाई ...!!
ReplyDeleteमुझे भी शामिल कर लें
ReplyDeleteकोई पोस्ट तो मिलेगी
ब्लॉग पोस्ट न हिट हो
बीबीए की पोस्ट से तो
हो ही जाएगा हितसंधान।
यह मिस टेढ़ी कौन हैं ? नाम समीरा रख दिया ....सारे मेम्बर उपाध्यक्ष और खुद अध्यक्ष और पंडित जी को सेक्रेटरी का झुनझुना थमा दिया ...और ताई को कोई पोस्ट क्यों नहीं देता ???
ReplyDeleteहर काम में चार सौ बीसी , जवान होने के कारण मैं फार्म भी नहीं भरूँगा !
बधाई हो ताऊ!
ReplyDeleteमिस समीरी को ते भरी जवानी में ही
बुढ़िया बना दिया!
एक बात समझ में नही आई-
मिस समीरी विधवा है या सुहागिन!
अगर कुवाँरी हैं तो ताई कहने में
बहुत आनन्द आयेगा!
एशोसियेसन में सदस्यता के लिए
आवेदन कहाँ करें?
"बुढऊ ब्लागर्स एशोसियेशन" की स्थापना हा हा हा...ताऊजी आपके पास तो एक से एक आईड़ीयास है !!
ReplyDeleteचलिए हमारी भी बधाई स्वीकार कीजिये ...भविष्य का एक ठिकाना तो पता चला कुछ नहीं मिला तो :)
रामराम
ताउ मन्ने पूरी खबर लाग री से कि आ रिए हैं वा घोटे वाले सोट्टे लेकर ....
ReplyDeleteअजय कुमार झा
ये गेट अप सिर्फ एशोशियेशन के लिए फैन्सी ड्रेस है वरना हम जवानों को इस एशोशियेशन से कोई लेना देना नहीं है.
ReplyDeleteचढ़ी जवानी फागुन में,ताऊ मस्ती के मूड में है ।मुझे सद्स्य बनने में बहुत टाइम लगेगा ( अभी तो मैं जवान हूं ) तो मुझे सेलिब्रेटी ब्रांड एम्बेसडर का PWD बालक ( पर्सनल वाला देखभाल बालक )बना लिया जाय ।
ReplyDeleteचल ताऊ, (यह दोनों शब्द अलग-अलग हैं, मिलाए नहीं जाएं।) अपना तो तूने काम कर दिया। अपणी उम्र तो पचास के पार हो गयी तो अपणे आप की सदस्यता मिल गयी। चल तणे बधाई। मीटिंग-वीटिंग हो तब सुपारी देकर बुला लियो। नहीं तो वैसे ही उठा लीजो।
ReplyDeleteना ताऊ ना आपके सदस्य गालियाँ बहुत निकालते हैं हम तो अलग से बुढिया अस्सोसिएशन बनायेंगे यहा केवल हमारा एक छत्र राज होगा शायद और कोई एक आध बुढिया ही होगी ब्लागजगत मे। फिर सभी पद अपने पास रहेंगे। हम आपसे रिज़रवेशन क्यों माँगे? अपने दम पर बूढे हुये और अपने दम पर ही पार्टी बनायेंगे। मगर एक बात का धन्यवाद जरूर देंगे कि आपने अच्छा आईडिया दिया वरना हमे चिन्ता थी कि महिला आरक्षण बिल अगर लोक सभा से पास ना हो सका तो हम कहाँ जायेंगे। वाह ताऊ की जै हो।
ReplyDelete"बुढऊ ब्लागर्स एशोसियेशन" जिंदाबाद जिंदाबाद...."बुढऊ ब्लागर्स एशोसियेशन" जिंदाबाद जिंदाबाद...."बुढऊ ब्लागर्स एशोसियेशन" जिंदाबाद जिंदाबाद...
ReplyDeleteअरे लेकिन मैं क्यूँ ये नारे लगा रहा हूँ मैं कोई"बुढऊ " थोड़े ही हूँ....भाई मैं तो मात्र अठ्ठारह साल का ही हूँ बाकि बयालीस साल का तो मेरा तजुर्बा है...
जोरदार पोस्ट...बुजुर्गों की सुनो वो तुम्हारे सुनेंगे...तुम एक पोस्ट दोगे वो दस लाख देंगे...
नीरज
badhayi ho.
ReplyDeleteचूंकि यह समाज हित का काम है। हम तो थोडा त्याग करने को तैयार हैं, (५० पूरे होने के बाक़ी सालों को त्याग दिय है) आपको भी कुछ करना चाहिये!
ReplyDeleteभाई मुबारक !!!
ReplyDeleteआदरणीय अध्यक्ष महोदय
ReplyDeleteदेर से आने के लिए क्षमा चाहूँगा ... कृपया ध्यान दें कहीं बुधिया एसोसिएसन न बन जाए इसीलिए कोर्ट में दादा दिनेश जी से एक केवियट लगवा दें हा हा हा . आपके एजेंडे से शत प्रतिशत सहमत हूँ .
बड़ा नेक विचार है....मैं तो निर्मला जी के साथ हूँ....हा हा हा
ReplyDeleteकृपया नोट करें यहाँ भी कुछ लोग अपनी उम्र को कम कर बता रहें है ....
ReplyDelete:)
ReplyDeletetaau....ham to 16 ke the, 16 ke hain aur 16 ke hee rahne vale hain.....haa haa haa...
ReplyDeleteमुबारक़ हो ताऊ।और एक रिक्वेस्ट है ज़रा सदस्यों की लिस्ट भी जारी हो जाये तो महेन्द्र भैया अकेले नही रहेंगे।
ReplyDeleteहमारे जैसे सठियाये बुढ़ऊ के लिये क्या कुछ विशेष प्रावधान है या नहीं?
ReplyDeleteताउजी, हुक्के चिलम के साथ-साथ नाच गाने की भी व्यवस्था होनी चाहिये , क्योंकि आजकल के बुढाऊ भी ठरकी हो गए है :)
ReplyDeleteहर अंदाज निराला - और भाता गर गले में होती एक माला - इसलिए मेरी तरफ से कबूलें.
ReplyDeleteहम तो ताऊ को पिछले साल ही बता चुके हैं कि अभी अभी घुटनों के बल पर चलना सीख रहे हैं :-)
ReplyDeleteबस आप बुढ़ऊओं का स्नेह बना रहे, बालक कुछ कर ही जाएगा :-D
बुढऊ ब्लागर्स एशोसियेशन मे सिर्फ़ बुड्डॆ होगे तो हम अभी से इंकार करते है, अरे हम लडे गे किस से ? इस लिये इन मै बुढ्ढियां भी लाओ,जिन से कुछ पंगा ले कर समय भी पास हो.....
ReplyDeleteआपने गलती से सारे युवाओं को मेंबर बना दिया है.लगता है बर्थ सर्टिफिकेट में गडबड़ी है...सुधार्र लीजियेगा...
ReplyDeleteबधाई हो ।
ReplyDeleteताऊ यो के चाला कर रह्य सै
ReplyDeleteBBA म्है मेरा भी दाखिला हो जाता तै 41 टिप्पणियां मन्नै भी मिल जाती अर समीरा टेड्डी का दीदार करण का मौका भी मिल जाता
घाट तै घाट कितनी उम्र होनी चाहिये यो भी तै बता देता
राम-राम
जब जेहादी, साहित्य्कार, वैज्ञानिक, कवि, गजलकार, लेखक इत्यादि इत्यादि "लखनऊ ब्लागर एसोसियशन" के नाम पर एक छत के नीचे आ सकते हैं तो फिर जवान होकर भी "बढऊ एसोसियशन" में शामिल होने में भला हमें क्या एतराज हो सकता है....चल लिख ले ताऊ हमारा नाम भी :-)
ReplyDeleteबुढऊ ब्लागर्स एशोसियेशन" की स्थापना की बधाई.
ReplyDeletevaise main to shaifali ke saath hoon .
बुढऊ ब्लागर्स एशोसियेशन जिंदाबाद! एकदम धमाकेदार पोस्ट रहा! वाह क्या बात है! बहुत खूब!
ReplyDeleteताऊ जी
ReplyDeleteहम तो आजकल धृत कुमारी (एलोवेरा)का रस पी रहे है | रामबाबू बता रहे थे कि ये एंटी बुढ़ापा होता है यदि उनका बताया ये फार्मूला काम कर गया तो हमें तो BBA की सदस्यता की शायद जरुरत ही ना पड़े
हा हा हा
ReplyDelete:)
"बुढऊ ब्लागर्स एशोसियेशन" अभी शैशवकाल मे ही है |
ReplyDeleteओय ताऊ इस वाक्य से मतबल की है त्वाडा ?
इनकी जवानी भी लाने की फ़िराक में हो क्या आप ? हैं। तब तो फिर कबाड़ा कुटना निश्चित ही है। किस "किस" की जवानी का ये पता नहीं ? हा हा।
और BBA अक्सर आगे चलकर बमचक बवाल एसोसिएशन में तब्दील होती पाई गईं हैं,
ReplyDeleteसंभालना ताऊ।
हा हा हा ! मजेदार पोस्ट ।
ReplyDeleteताऊ जी प्रणाम, आइडिया तो घणा अच्छा है लेकिन अभी तो हमको बहुत टाइम है सदस्यता लेने के लिए। अभी तो दूध के दांत भी नहीं टूटे। फ़िर मिलते हैं तीस चालिस साल बाद्…वैसे किराये पर गाली सुनने वाले और 41 हिट का आइडिया बहुत अच्छा है।
ReplyDelete