प्रिय भाईयो और बहणों, भतीजों और भतीजियों आप सबको घणी रामराम ! हम आपकी सेवा में हाजिर हैं ताऊ पहेली 67 का जवाब लेकर. कल की ताऊ पहेली का सही उत्तर है 'कालाराम मंदिर' नासिक (महाराष्ट्र)
और इसके बारे मे संक्षिप्त सी जानकारी दे रही हैं सु. अल्पना वर्मा.
नाशिक [महाराष्ट्र ] -:
गोदावरी नदी के तट पर स्थित यह नगर हिन्दू तीर्थ यात्रियों के लिए प्रमुख है.महाराष्ट्र राज्य में यह शहर मुम्बई से १५० किमी और पुणे से २०५ किमी दूर है.पुराणों के अनुसार यह वह पावन धरती है जहां भगवान राम, सीता और रामानुज के पतितपावन चरण पडे हैं राम घाट पर कहते हैं स्वय भगवान राम ने डुबकी लगाई थी.
यहाँ बहुत से सुंदर मंदिर और घाट हैं,त्योहारों के समय बहुत रौनक रहती है.अंगूर और सतंरों के मामले में नासिक हिन्दुस्तान का सबसे बडा केन्द्र बताया जाता है.
नाशिक शक्तिशाली सातवाहन वंश के राजाओं की राजधानी थी. मुगल काल में इस शहर को गुलशनबाद के नाम से जाना जाता था.डॉ. अम्बेडकर ने १९३२ में नाशिक में अस्पृश्यता आंदोलन और जन आंदोलन चलाया था.
बारह साल में चार बार लगने वाला कुंभ मेला यहाँ का मुख्य आकर्षण है.भारत में यह धार्मिक मेला चार जगहों[ नाशिक, इलाहाबाद, उज्जैन और हरिद्वार ]पर लगता है.श्रीराम के चरणों से पावन हुई यह पवित्र भूमि कुंभ नगरी भी कहलाती है.
काला राममंदिर नाशिक (महाराष्ट्र)
नाशिक में 'कालाराम मंदिर' के अतिरिक्त अन्य मुख्य दर्शनीय स्थल-
१-पंचवटी [काला राम मंदिर से आगे गोदावरी तट से लगभग आधा मील पर) एक वटवृक्ष है. इसी स्थान को लोग पंचवटी कहते हैं].पवित्र पौराणिक नदी गोदावरी का उद्गम तो त्र्यंबक के पास है; किंतु यात्री पंचवटी में गोदावरी-स्नान करते हैं.
रामकुंड, सीताकुंड, लक्ष्मणकुंड, धनुषकुंड यहां के प्रसिद्ध तीर्थ हैं। स्नान का मुख्य स्थान रामकुंड है . रामकुंड में शुक्लतीर्थ माना जाता है,रामकुंड के पास स्थित गोमुख से अरुणा की धारा गोदावरी में गिरती है. इसे अरुणा-संगम कहते हैं . इसके पास सूर्य, चंद्र तथा अश्विनी तीर्थ हैं। यहां यात्री मुंडन कराके पितृश्राद्ध करते हैं .रामकुंड के दक्षिण में पास ही अस्थिविलय तीर्थ है, वहां मृतपुरुषों की अस्थियां डाली जाती हैं. रामकुंड के उत्तर में ही प्रयाग तीर्थ माना जाता है.
रामकुंड के पीछे सीताकुंड है, उसे अहिल्याकुंड और शाङ्र्गंपाणि कुंड भी कहते हैं। उसके दक्षिण दो मुखवाले हनुमान (अग्निदेव) की प्रतिमा है और सामने हनुमान् कुंड है. आगे दशाश्वमेध तीर्थ है.नारोशंकर मंदिर के सामने गोदावरी में रामगया कुंड है. कहा जाता है यहां भगवान श्रीराम ने श्राद्ध किया था.
२-सीता गुफा -पंचवटी में ही है,इसके भूगर्भ के कमरे में सीढ़ियों से जाने पर राम-लक्ष्मण-सीता की छोटी मूर्तियां मिलती हैं.
३-सुंदरनारायण
४-मोदाकेश्वर गणेश मंदिर
५ -शिरडी[नासिक से लगभग 26 किलोमीटर की दूरी पर साईबाबा का धाम है.]
६-देवमंदिर
७-कपालेश्वर[शिव मंदिर]
८-शारदा चंद्रमौलीश्वर,रामेश्वर,तपोवन आदि.-
कालाराम मंदिर -:
आईये अब बात करते हैं चौदह कला परिपूर्ण भगवान श्री राम के कालाराम मंदिर की जहाँ की तस्वीर हमने आप को मुख्य पहेली में दिखाई थी.
नासिक में प्रभु श्रीराम के कई मंदिर हैं जैसे कालाराम, गोराराम, मुठे का राम, यहाँ तक कि महिलाओं के लिए विशेषराम आदि, परंतु इन सभी में 'कालाराम' की अपनी ही विशेषता है, ये मंदिर ऐतिहासिक और पुरातात्विक दृष्टि से महत्व रखता ही है.
यह मंदिर गोदावरी से लगभग दो फर्लांग पर पंचवटी बस्ती में है. इसमें श्रीराम-लक्ष्मण-सीता की मूर्तियां हैं.
ऐसा सुना गया है कि यह मंदिर पर्णकुटी के स्थान पर बनाया गया है, जहाँ पूर्व में नाथपंथी साधु निवास करते थे.एक बार इन साधुओं को अरुणा-वरुणा नदियों पर प्रभु राम की मूर्ति प्राप्त हुई और उन्होंने इसे लकड़ी के मंदिर में विराजित किया ,उसके बाद सन् १७९४ में रामसहेज से लाये काले पाषाणों से नागर शैली में इसका निर्माण पेशवा के सरदार रंगराव ओढ़ेकर ने मातोश्री गोपिकाबाई के कहने पर पर इस मंदिर को बनवाया . उस समय इस मंदिर निर्माण में 23 लाख का खर्च अनुमानित बताया जाता है,२००० शिल्पकारों ने इसे १२ साल में पूरा किया था.
मंदिर में जो प्रभु श्रीराम की मूर्ति है वह काले पाषाण से बनी हुई है, इसलिए इसे 'कालाराम' कहा जाता है.
74 मीटर लंबा और 32 मीटर चौड़े इस मंदिर की चारों दिशाओं में चार दरवाजे हैं, इस मंदिर के कलश तक की ऊँचाई 69 फीट है तथा कलश 32 टन शुद्ध सोने से निर्मित किया हुआ है.भव्य सभामंडप की ऊँचाई 12 फीट है और यहाँ चालीस खंभे है तथा यहाँ के मंदिर में विराजे हनुमान जी प्रभु श्रीराम के चरणों की ओर देखते हुए लगते हैं.
काला राममंदिर का सोने से निर्मित कलश
इस मंदिर की बनावट त्र्यंबक शिव मंदिर से मिलती जुलती है इसीलिये कई प्रतिभागी इसे पहचानने में गलती कर गए.लेकिन पहेली ६६ की जवाबी पोस्ट में दिए गए संकेत 'राम मंदिर ' की तरफ ध्यान नहीं दिए जाने के कारण सही जवाब पहुँचने में उन्हें मुश्किलें भी आयीं.
इसकी विडियो आप यहाँ देख सकते हैं.
http://videos.mywebdunia.com/webdunia/hindi/religiousjourney/video-123330215074553.html
कैसे पहुंचे-
मुम्बई से वायु मार्ग द्वारा नासिक पहुँच सकते हैं.
मुम्बई से आने जाने वाली रेलें नासिक होते हुए जाती हैं इसलिए यह मार्ग भी सरल है.
सड़क द्वारा मुम्बई आगरा मार्ग से होते हुए भी आप नासिक पहुँच सकते हैं और स्थानीय परिवहन .राज्य परिवहन प्राइवेट
बसें भी मुम्बई या पुणे से नासिक जाती हैं.
कहाँ ठहरें - पर्यटकों के लिए रहने के लिए सरकारी और प्राइवेट बहुत से गेस्ट हाउस और धर्मशाला की सुविधा दी जाती है.
अधिक जानकारी के लिए -http://www.nashik.nic.in/
अभी के लिये इतना ही. अगले शनिवार एक नई पहेली मे आपसे फ़िर मुलाकात होगी.
छपते छपते :- श्री अविनाश वाचस्पति का बिल्कुल सही जवाब आया है. आपको 50 अंक दिये गये हैं.
आयोजकों की तरफ़ से सभी प्रतिभागियों का इस प्रतियोगिता मे उत्साह वर्धन करने के लिये हार्दिक धन्यवाद. !
और इसके बारे मे संक्षिप्त सी जानकारी दे रही हैं सु. अल्पना वर्मा.
आप सभी को मेरा नमस्कार,
पहेली में पूछे गये स्थान के विषय में संक्षिप्त और सारगर्भीत जानकारी देने का यह एक लघु प्रयास है.
आशा है, आप को यह प्रयास पसन्द आ रहा होगा,अपने सुझाव और राय से हमें अवगत अवश्य कराएँ.
नाशिक [महाराष्ट्र ] -:
गोदावरी नदी के तट पर स्थित यह नगर हिन्दू तीर्थ यात्रियों के लिए प्रमुख है.महाराष्ट्र राज्य में यह शहर मुम्बई से १५० किमी और पुणे से २०५ किमी दूर है.पुराणों के अनुसार यह वह पावन धरती है जहां भगवान राम, सीता और रामानुज के पतितपावन चरण पडे हैं राम घाट पर कहते हैं स्वय भगवान राम ने डुबकी लगाई थी.
यहाँ बहुत से सुंदर मंदिर और घाट हैं,त्योहारों के समय बहुत रौनक रहती है.अंगूर और सतंरों के मामले में नासिक हिन्दुस्तान का सबसे बडा केन्द्र बताया जाता है.
नाशिक शक्तिशाली सातवाहन वंश के राजाओं की राजधानी थी. मुगल काल में इस शहर को गुलशनबाद के नाम से जाना जाता था.डॉ. अम्बेडकर ने १९३२ में नाशिक में अस्पृश्यता आंदोलन और जन आंदोलन चलाया था.
बारह साल में चार बार लगने वाला कुंभ मेला यहाँ का मुख्य आकर्षण है.भारत में यह धार्मिक मेला चार जगहों[ नाशिक, इलाहाबाद, उज्जैन और हरिद्वार ]पर लगता है.श्रीराम के चरणों से पावन हुई यह पवित्र भूमि कुंभ नगरी भी कहलाती है.
नाशिक में 'कालाराम मंदिर' के अतिरिक्त अन्य मुख्य दर्शनीय स्थल-
१-पंचवटी [काला राम मंदिर से आगे गोदावरी तट से लगभग आधा मील पर) एक वटवृक्ष है. इसी स्थान को लोग पंचवटी कहते हैं].पवित्र पौराणिक नदी गोदावरी का उद्गम तो त्र्यंबक के पास है; किंतु यात्री पंचवटी में गोदावरी-स्नान करते हैं.
रामकुंड, सीताकुंड, लक्ष्मणकुंड, धनुषकुंड यहां के प्रसिद्ध तीर्थ हैं। स्नान का मुख्य स्थान रामकुंड है . रामकुंड में शुक्लतीर्थ माना जाता है,रामकुंड के पास स्थित गोमुख से अरुणा की धारा गोदावरी में गिरती है. इसे अरुणा-संगम कहते हैं . इसके पास सूर्य, चंद्र तथा अश्विनी तीर्थ हैं। यहां यात्री मुंडन कराके पितृश्राद्ध करते हैं .रामकुंड के दक्षिण में पास ही अस्थिविलय तीर्थ है, वहां मृतपुरुषों की अस्थियां डाली जाती हैं. रामकुंड के उत्तर में ही प्रयाग तीर्थ माना जाता है.
रामकुंड के पीछे सीताकुंड है, उसे अहिल्याकुंड और शाङ्र्गंपाणि कुंड भी कहते हैं। उसके दक्षिण दो मुखवाले हनुमान (अग्निदेव) की प्रतिमा है और सामने हनुमान् कुंड है. आगे दशाश्वमेध तीर्थ है.नारोशंकर मंदिर के सामने गोदावरी में रामगया कुंड है. कहा जाता है यहां भगवान श्रीराम ने श्राद्ध किया था.
२-सीता गुफा -पंचवटी में ही है,इसके भूगर्भ के कमरे में सीढ़ियों से जाने पर राम-लक्ष्मण-सीता की छोटी मूर्तियां मिलती हैं.
३-सुंदरनारायण
४-मोदाकेश्वर गणेश मंदिर
५ -शिरडी[नासिक से लगभग 26 किलोमीटर की दूरी पर साईबाबा का धाम है.]
६-देवमंदिर
७-कपालेश्वर[शिव मंदिर]
८-शारदा चंद्रमौलीश्वर,रामेश्वर,तपोवन आदि.-
कालाराम मंदिर -:
आईये अब बात करते हैं चौदह कला परिपूर्ण भगवान श्री राम के कालाराम मंदिर की जहाँ की तस्वीर हमने आप को मुख्य पहेली में दिखाई थी.
नासिक में प्रभु श्रीराम के कई मंदिर हैं जैसे कालाराम, गोराराम, मुठे का राम, यहाँ तक कि महिलाओं के लिए विशेषराम आदि, परंतु इन सभी में 'कालाराम' की अपनी ही विशेषता है, ये मंदिर ऐतिहासिक और पुरातात्विक दृष्टि से महत्व रखता ही है.
यह मंदिर गोदावरी से लगभग दो फर्लांग पर पंचवटी बस्ती में है. इसमें श्रीराम-लक्ष्मण-सीता की मूर्तियां हैं.
ऐसा सुना गया है कि यह मंदिर पर्णकुटी के स्थान पर बनाया गया है, जहाँ पूर्व में नाथपंथी साधु निवास करते थे.एक बार इन साधुओं को अरुणा-वरुणा नदियों पर प्रभु राम की मूर्ति प्राप्त हुई और उन्होंने इसे लकड़ी के मंदिर में विराजित किया ,उसके बाद सन् १७९४ में रामसहेज से लाये काले पाषाणों से नागर शैली में इसका निर्माण पेशवा के सरदार रंगराव ओढ़ेकर ने मातोश्री गोपिकाबाई के कहने पर पर इस मंदिर को बनवाया . उस समय इस मंदिर निर्माण में 23 लाख का खर्च अनुमानित बताया जाता है,२००० शिल्पकारों ने इसे १२ साल में पूरा किया था.
मंदिर में जो प्रभु श्रीराम की मूर्ति है वह काले पाषाण से बनी हुई है, इसलिए इसे 'कालाराम' कहा जाता है.
74 मीटर लंबा और 32 मीटर चौड़े इस मंदिर की चारों दिशाओं में चार दरवाजे हैं, इस मंदिर के कलश तक की ऊँचाई 69 फीट है तथा कलश 32 टन शुद्ध सोने से निर्मित किया हुआ है.भव्य सभामंडप की ऊँचाई 12 फीट है और यहाँ चालीस खंभे है तथा यहाँ के मंदिर में विराजे हनुमान जी प्रभु श्रीराम के चरणों की ओर देखते हुए लगते हैं.
इस मंदिर की बनावट त्र्यंबक शिव मंदिर से मिलती जुलती है इसीलिये कई प्रतिभागी इसे पहचानने में गलती कर गए.लेकिन पहेली ६६ की जवाबी पोस्ट में दिए गए संकेत 'राम मंदिर ' की तरफ ध्यान नहीं दिए जाने के कारण सही जवाब पहुँचने में उन्हें मुश्किलें भी आयीं.
इसकी विडियो आप यहाँ देख सकते हैं.
http://videos.mywebdunia.com/webdunia/hindi/religiousjourney/video-123330215074553.html
कैसे पहुंचे-
मुम्बई से वायु मार्ग द्वारा नासिक पहुँच सकते हैं.
मुम्बई से आने जाने वाली रेलें नासिक होते हुए जाती हैं इसलिए यह मार्ग भी सरल है.
सड़क द्वारा मुम्बई आगरा मार्ग से होते हुए भी आप नासिक पहुँच सकते हैं और स्थानीय परिवहन .राज्य परिवहन प्राइवेट
बसें भी मुम्बई या पुणे से नासिक जाती हैं.
कहाँ ठहरें - पर्यटकों के लिए रहने के लिए सरकारी और प्राइवेट बहुत से गेस्ट हाउस और धर्मशाला की सुविधा दी जाती है.
अधिक जानकारी के लिए -http://www.nashik.nic.in/
अभी के लिये इतना ही. अगले शनिवार एक नई पहेली मे आपसे फ़िर मुलाकात होगी.
आचार्य हीरामन "अंकशाश्त्री" की नमस्ते!
प्यारे बहनों और भाईयो, मैं आचार्य हीरामन “अंकशाश्त्री” ताऊ पहेली के रिजल्ट के साथ आपकी सेवा मे हाजिर हूं. उत्तर जिस क्रम मे मुझे प्राप्त हुये हैं उसी क्रम मे मैं आपको जवाब दे रहा हूं. एवम तदनुसार ही नम्बर दिये गये हैं.
श्री प्रकाश गोविंद अंक 101 |
श्री उडनतश्तरी अंक 100 |
श्री दिनेशराय द्विवेदी अंक 99 |
श्री विवेक रस्तोगी अंक 98 |
सुश्री बबली अंक 97 |
|
सुश्री सीमा गुप्ता अंक 95 |
प. श्री. डी. के. शर्मा “वत्स” अंक 94 |
सुश्री M A Sharma “सेहर” अंक 93 |
श्री संजय बेंगाणी अंक 92 |
डॉ. मनोज मिश्र अंक 91 |
|
श्री रंजन अंक 89 |
श्री अभिषेक ओझा अंक 88 |
छपते छपते :- श्री अविनाश वाचस्पति का बिल्कुल सही जवाब आया है. आपको 50 अंक दिये गये हैं.
अब आईये आपको उन लोगों से मिलवाता हूं जिन्होने इस पहेली अंक मे भाग लेकर हमारा उत्साह वर्धन किया. आप सभी का बहुत बहुत आभार.
सुश्री Chhaya Agrawal (Mittal)
अब अगली पहेली का जवाब लेकर अगले सोमवार फ़िर आपकी सेवा मे हाजिर होऊंगा, मंगलवार और शुक्रवार की पहेली मे शाम 6:00 बजे ताऊजी डाट काम पर आपसे फ़िर मुलाकात होगी तब तक के लिये आचार्य हीरामन "अंकशाश्त्री" को इजाजत दिजिये. नमस्कार!
आयोजकों की तरफ़ से सभी प्रतिभागियों का इस प्रतियोगिता मे उत्साह वर्धन करने के लिये हार्दिक धन्यवाद. !
ताऊ पहेली के इस अंक का आयोजन एवम संचालन ताऊ रामपुरिया और सुश्री अल्पना वर्मा ने किया. अगली पहेली मे अगले शनिवार सुबह आठ बजे आपसे फ़िर मिलेंगे तब तक के लिये नमस्कार.
बधाई सबको। हम तो बेब धाई ही कर लेंगे गुजारा।
ReplyDeleteहार्दिक शुभकामनायें.
ReplyDeletebadhai ho badhai!!!!
ReplyDeleteबधाई सभी को.
ReplyDeleteसभी विजेताओं को म्हारी तरफ से घनी बधाई!
ReplyDeleteविजेताओं को घणी बधाई.
ReplyDeleteसत्वाहनों की राजधानी प्रतिष्ठान (आधुनिक पैठन) था.
आदरणीय प्रकाश जी सहित सभी विजेताओं को हार्दिक बधाई
ReplyDeleteregards
प्रकाश गोविन्द के साथ-साथ
ReplyDeleteसभी प्रतिभागियों को बधाई!
@Respected Subramanium Sir ,
ReplyDeleteजानकारी में सुधार हेतु धन्यवाद.
***यूँ भी अंतरजाल पर उपलब्ध हर जानकारी सत्य नहीं हो सकती इसलिए संबंधित विषय के जानकारों और सुधि पाठकों से मार्गदर्शन की आवश्यकता रहती है .
आभार.
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लेखमें दी गयी जानकारी -'नाशिक शक्तिशाली सातवाहन वंश के राजाओं की राजधानी थी'
इस लिंक से कॉपी की गयी है-
http://hi.wikipedia.org/wiki/नासिक
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प्रकाश जी और सभी विजेताओं को बधाई.अविजेताओं को भी शुभकामनाएँ .
ReplyDelete****यह मंदिर ख़ास काले पत्थर का बना है.
अगर आप गूगल इमेज में सिर्फ़ Black stone Ram temple ' black स्टोन राम मंदिर' लिखते तो यह पहले पन्ने पर आ जाता .-------------------------------
[chunki राम मंदिर एक क्लू दे ही दिया गया था.]और यह मंदिर पहेली में लगभग पूरा ही दिखाया गया था.
*** सही जवाब कितनी जल्दी आप को मिल पाएगा यह प्रतिभागी की जानकारी ,अंदाज़ा [guess],इंटरनेट और computer की स्पीड और गूगल में खोज के तरीके पर निर्भर करती है.***
अगले अंक के लिए शुभकामनाएँ .
प्रकाश जी को बधाई.
ReplyDelete८ अंक तो काफी मार्जिन कहलाई (पर्सनल एकाउन्ट में)..इस बर जाने क्या बहाना बनायेंगे.
सभी विजेताओं को बधाई.
ReplyDelete***
प्रतिस्पर्धी को भी ऊपरी मन से, लोकलाज से बधाई. कहने को हार-जीत चलती रहती है, मुख्य बात है हिस्सा लेना...गिरते है सह सवार ही मेदाने जंग में...वेगेरे वगेरे...
मार्जिन कम करने के लिए क्लासरूम के बाहर सोना पड़ेगा. :( कोई उड़न तशतरी में आता है किसी के पास सायकिल ही नहीं. इस भारी असमानता के लिए जिम्मेदार तत्वों को उखाड़ फेंकना पड़ेगा. जय माओ...जय क्राति.
jai kaalaa ram ki..
ReplyDeleteविजेताओं को बधाई...
ReplyDeleteसभी विजेताओं/अविजेताओं/प्रतिभागियों और सम्पादक मंडल को बहुत बहुत बधाई.....ओर अल्पना जी को इस मन्दिर के बारे में इतनी उम्दा जानकारी प्रदान करने हेतु धन्यवाद्!!!
ReplyDeletesabhi vijetaon ko hardik badhayi.
ReplyDeleteसभी विजेताओं को बधाई !
ReplyDeleteसमस्त विजेताओं - अविजेताओं - अतिथियों को बहुत-बहुत बधाई !
ReplyDeleteपहेली के माध्यम से रोचक जानकारी प्राप्त हुयी !
अल्पना जी का आभार
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काफी कठिन पहेली थी
मुझे तो बहुत देर तक नाम में ही कन्फ्यूजन था कि कालाराम मंदिर है या कला राम मंदिर ?
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अगली पहेली का हिंट कहाँ है ?????
सभी विजेताओं को बहुत बहुत बधाई !
ReplyDeleteSabhee mitron ko bahut badhaiiyan !
ReplyDeleteAlpana ji aap itni sundar prastuti karteyn hain kee man hota hai abhii ghuum aaoo.bahut abhaar !
Taauji aap khel-khel main haste hasatey ghumaa late hain bahut shukriya
सभी जीतने वालों को बधाई ...
ReplyDeleteसभी को घणी बधाई ।
ReplyDeletecongrats to all.
ReplyDeleteKudos to Tau & Alpanaaji.
ताऊ सभी विजेताओ को बधाई जी, अब यह काला मंदिर हो या पीला क्या इस मै अब भगवान रहते होंगे? या कोई भगवान का सच्चा बन्दा??
ReplyDeleteसभी विजेताओं को बधाई
ReplyDelete